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सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सागर स्मार्ट सिटी विशाखापटनम् में होगी पुरुस्कृत

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सागर स्मार्ट सिटी विशाखापटनम् में होगी पुरुस्कृत
सागर। आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में आयोजित होने वाले 24 जनवरी को स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ के तीसरे राष्ट्रीय एपेक्स सम्मेलन के पहले दिन के सत्र के दौरान, मुख्यमंत्री श्री जगन मोहन रेड्डी एवं भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री  हरदीप एस पूरी द्वारा सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स प्रतियोगिता (आईएसएसी) 2019 में सिटी अवार्ड के तहत पुरुस्कृत किया जाएगा।
सम्मलेन में देश के 100 स्मार्ट सिटीज के सी.ई.ओ शामिल होंगे और इस दौरान सागर स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ को इस अवार्ड के साथ सम्मानित किया जायेगा। इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स प्रतियोगिता (आईएसएसी), 2019 में सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को राउंड 3 सिटीज के बीच स्मार्ट सिटीज मिशन के क्रियान्वयन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया था द्य जिसके लिए सिटी अवार्ड के तहत राउंड 3 में चुने गए 33 स्मार्ट शहरों में से, सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने शहर के समग्र प्रदर्शन, विकास और कॉर्पोरेट प्रशासन की चरणबद्ध कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करने के बाद यह बड़ी सफलता हासिल की है।
    (आईएसएसी) 2019 की शुरुआत आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा की गई थी जिसके अंतर्गत नवाचार, प्रभाव और पुनरावृत्ति गतिविधियों को मापनीयता के आधार पर स्मार्ट सिटी की रणनीतियों, परियोजनाओं और विचारों को मान्यता दी जाती है। इसके अंतर्गत भारत में स्मार्ट सिटीज में सतत विकास को बढ़ावा देने वाले शहरों, परियोजनाओं और नवीन विचारों को पुरस्कृत किया जाता है, साथ ही समावेशी, न्यायसंगत, सुरक्षित, स्वस्थ और सहयोगी शहरों को प्रोत्साहित किया जाता है।
सागर स्मार्ट सिटी उपरोक्त सभी मापदंडों पर खरी उतरी और इस अवार्ड के लिए सागर शहर का चयन किया गया जो सभी सागर नगरवासियों के लिए बड़े गर्व का विषय है। 
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शराबी शिक्षक को किया ,कलेक्टर ने निलंबित, चार दिन से गैरहाजिर भी थे

शराबी शिक्षक को किया ,कलेक्टर ने निलंबित, चार दिन से गैरहाजिर भी थे
सागर। कलेक्टर प्रीति मैथिल ने सागर की शासकीय माध्यमिक स्कूल  रजोआ के  उच्च श्रेणी शिक्षक   मोती लाल कोरी को निलंबित कर दिया है । ये शिक्षक कल बुधवार को  शराब के नशे में स्कूल पहुच गए थे । जब प्राचार्य एम ड़ी त्रिपाठी को पता चला तो तत्काल 100 डायल बुलवाई और पुलिस के हवाले किया था। उनकी जांच रिपोर्ट के बाद निलबित हुए।
जानकारी के मुताबिक मोतीलाल कोरी चार दिवस कर्तव्य से वगैर सूचना के अनुपस्थित थे। और 22 जनवरी  को संस्था में शराब
पीकर कर उपस्थित होकर आमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया।,जिस कारण से संस्था के शिक्षकएवं छात्राएँ भयभीत हुई । संस्था सुबह पाली में हायर सेकेन्ड्री प्री बोर्ड परीक्षा होने के कारणछात्र-छात्राओं एवं शिक्षको को परेशानी हुई। प्राचार्य द्वारा 100 डायल कर पुलिस को सूचना दीगई । श्री कोरी को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पुलिस थाना मोतीनगर ले आई। श्री कोरी के प्रथमदृष्टा दोषी पाये जाने पर उनका कृत्य म0प्र0 सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का उल्लघनहोकर म0प्र0 सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण एव अपील नियम 1986 के तहत दण्डनीय है।अतएव, म0प्र0 सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 केतहत श्री मोतीलाल कोरी शिक्षक,शास0माध्यमिक शाला रजौआ,विकास खण्ड सागर जिला सागरको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर,मुख्यालय कार्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी,रहली नियत किया जाता है। संबंधित को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की
पात्रता होगी।

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नगर पालिका परिषद बण्डा, शाहगढ़ एवं शाहपुर के वार्डों का हुआ आरक्षण

नगर पालिका परिषद बण्डा, शाहगढ़ एवं शाहपुर के वार्डों का हुआ आरक्षण
सागर ।सागर जिले की नगर पालिका/परिषदों में म.प्र. नगर पालिका (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए) वार्डां का आरक्षण नियम अंतर्गत नगर पालिका परिषद बण्डा, शाहगढ़ एवं शाहपुर के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की मौजूदगी में डिप्टी कलेक्टर श्री आदित्य शर्मा ने संपन्न कराई।
आरक्षण प्रक्रिया के संबंध में उपस्थित उपरोक्त जनप्रतिनिधियो को  मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 (क) सहपठित मध्यप्रदेश नगर पालिका (अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग एवं महिलाओं के लिये वार्डों का आरक्षण) नियम 1994 के अंतर्गत नगर पालिका परिषद बण्डा, शाहगढ़ एवं शाहपुर के वार्डो के आरक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
नगर पालिका परिषद बण्डा के कुल 15 वार्डों के आरक्षण में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 जिसमें 2 महिलाआें एवं 1 पुरूष के लिए, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 4 वार्ड जिनमें 2 महिलाओं एवं 2 पुरूषों के लिए एवं इसी प्रकार सामान्य वर्ग के लिए 8 वार्डों में 4 महिला एवं 4 पुरूषों के लिए आरक्षित किए गए।
नगर पालिका परिषद शाहगढ़ के कुल 15 वार्डों के आरक्षण में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 जिसमें 1 महिला एवं 2 पुरूषों एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1 वार्ड आरक्षित किया गया। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 4 वार्ड जिनमें 2 महिलाओं एवं 2 पुरूषों के लिए एवं इसी प्रकार सामान्य वर्ग के लिए 7 वार्डों में 4 महिला एवं 3 पुरूषों के लिए आरक्षित किए गए।
नगर पालिका परिषद शाहपुर के कुल 15 वार्डों के आरक्षण में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 जिसमें 2 महिला एवं 1 पुरूष एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 2 वार्ड जिसमें 1 महिला 1 पुरूष आरक्षित किया गया। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 4 वार्ड जिनमें 2 महिलाओं एवं 2 पुरूषों के लिए एवं इसी प्रकार सामान्य वर्ग के लिए 6 वार्डों में 3 महिला एवं 4 पुरूषों के लिए आरक्षित किए गए।

नगर पालिका परिषद बण्डा
क्रमांक वार्ड क्रमांक वर्ग
01 01 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
02 02 अन्य पिछड़ा वर्ग
03 03 अन्य पिछड़ा वर्ग
04 04 सामान्य महिला
05 05 अनुसूचित जाति
06 06 अनुसूचित जाति महिला
07 07 सामान्य महिला
08 08 सामान्य महिला
09 09 सामान्य
10 10 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
11 11 सामान्य
12 12 सामान्य महिला
13 13 सामान्य
14 14 सामान्य
15 15 अनुसूचित जाति महिला
नगर पालिका परिषद शाहगढ़
क्रमांक वार्ड क्रमांक वर्ग
01 01 अनुसूचित जाति महिला
02 02 अन्य पिछड़ा वर्ग
03 03 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
04 04 अनुसूचित जनजाति
05 05 सामान्य
06 06 सामान्य
07 07 अन्य पिछड़ा वर्ग
08 08 सामान्य
09 09 अनुसूचित जाति
10 10 अनुसूचित जाति
11 11 सामान्य महिला
12 12 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
13 13 सामान्य महिला
14 14 सामान्य महिला
15 15 सामान्य महिला
नगर पालिका परिषद शाहपुर
क्रमांक वार्ड क्रमांक वर्ग
01 01 सामान्य महिला
02 02 अन्य पिछड़ा वर्ग
03 03 सामान्य
04 04 सामान्य महिला
05 05 सामान्य
06 06 अनुसूचित जाति
07 07 अनुसूचित जाति महिला
08 08 अन्य पिछड़ा वर्ग
09 09 अनुसूचित जाति महिला
10 10 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
11 11 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
12 12 सामान्य
13 13 अनुसूचित जनजाति
14 14 अनुसूचित जन जाति महिला
15 15 सामान्य महिला
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मुख्यमंत्री करेंगे "गांधी स्तंभ" का सामूहिक उद्घाटन, 30 जनवरी को:अमित दुबे ,अध्यक्ष जन भागीदारी समिति

मुख्यमंत्री करेंगे "गांधी स्तंभ" का सामूहिक  उद्घाटन, 30 जनवरी को:अमित दुबे ,अध्यक्ष जन भागीदारी समिति

सागर। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ पूरे प्रदेश में महाविधालयों में स्थापित होने जा रहे "गांधी स्तंभ " का प्रतीकात्मक उद्घाटन करेंगे। भोपाल में होनेवाले राज्यस्तरीय समारोह में यह कार्यक्रम होगा। शासकीय आर्ट एवम कॉमर्स कालेज सागर की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अमित राम जी दुबे ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की 150 वी जयंती पर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया था। जो सराहनीय है ।
उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में उच्च शिक्षा विभाग से सभी महाविधालयों को निःर्देश जारी हो चुके है।जिन महाविद्यालयों में "गांधी स्तम्भ" की स्थापना की गई है, वहां 30 जनवरी  को महाविद्यालयों में"गांधी स्तम्भ" के उद्घाटन के अवसर पर महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं सदस्योंसहित नगर के गांधीवादी विचारकों, समस्त प्राध्यापकों/कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा ।
 समिति के अध्यक्ष अमित दुबे ने बताया कि कॉलेज में शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप के तहत गांधी स्तंभ का निर्माण कार्य कराया जा रहा है । इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है । 30 जनवरी को कॉलेज में भव्य उद्घाटन  कार्यक्रम का आयोजन किया जा जाएगा। इसकी तैयारियां जारी है । इस कार्यक्रम के सम्बंध में एक  बैठक भी जा रही है।
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मुनि श्री प्रमाण सागर ने चार्टर्ड अककॉउंटेंट को सिखाया जीवन का ऑडिट

मुनि श्री प्रमाण सागर ने चार्टर्ड अककॉउंटेंट को सिखाया जीवन का ऑडिट
भोपाल। प्रदेश के जाने माने चार्टर एकाउंटेंट्स ने जैन मुनि प्रमाण सागर जी से सुखमय जीवन का ऑडिट समझा। भागदौड़ के जीवन मे पीछे छूटते परिवार और बिगड़ते स्वाथ्य के प्रश्न पर मुनि श्री ने कहा कि जीवन की प्राथमिकताएं निर्धारित करें। अगर कारोवार जीवन का लक्ष्य है तो स्वथ्य और परिवार पीछे छूटेगा ही।अध्यात्म के लिए समय दें, दिन की शुरुवात आत्म चिंतन या ईश आराधना से करें और प्रोफेशन के साथ स्वयं व परिवार को समय दें और समाज का ऋण चुकाएं। परमार्थ और धर्मार्थ संस्थायों के ऑडिट पर फीस ले या न लें इस प्रश्न में उत्तर में मुनि श्री ने कहा कि परमार्थ के कार्य मे फ्री सर्विस देना भी एक पुण्य का काम है, इससे गलत किये कामों का कीच हिसाब वरावर हो जाता है।
 एक चार्टर अकाउंटेंट के प्रश्न कि जैन साधु इतना कठिन साधु जीवन क्यो जीते हैं मुनि श्री ने कहा कि कठिन साधु जीवन नहीं विलासता का जीवन है जहाँ नैसर्गिकता है वहाँ सहजता है। जहाँ बनावटीपन है वहीं कठिनता है। कठिन तब तक कठिन है जब तक की उसे स्वीकारा न जाये, कष्ट को स्वीकारा तो सब मस्त हैं। एक सी ए के प्रश्न कि करदाता द्वारा कर चोरी के बाद आयकर विभाग से बचने के लिए अपने कर सलाहकार से  गलत ऑडिट और गलत रिप्लाई के लिए कहा जाता है इस पर मुनि प्रमाण सागर ने कहा कि ऐसा करना राष्ट्र के अहित में तो है ही साथ ही वो वह सी ए स्वयं अपना औऱ और क्लाइंट का अहित करता है। प्रोफेशन में अनैतिक कार्य होता है और क्लाइंट को कर चोरी की आदत पड़ती है। इस विशेष शंका समाधान का आयोजन श्यामला हिल के टैगोर होस्टल के परिसर में चल रहे सिद्ध चक्र महामण्डल विधान के दौरान किया गया। चार्टर अकाउंटेंट अमित जैन और नरेश रजानी के साथ भोपाल के जाने- माने कर सलाहकारों ने इस जीवन के ऑडिट में मुनि श्री से शंकाओं का समाधान लिया।
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जिंदा जलाए गए दलित युवक की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत

जिंदा जलाए गए दलित युवक  की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत
सागर।सागर में एक घटना में दलित युवक में जले युवक की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे पाँच युवकों  ने जिंदा जला दिया था। इसके सभी आरोपी गिरफ्तार  है। इस घटना को लेकर सियासत भी गरमाई है । कमलनाथ सरकार ने सरकारी खर्चे पर इलाज के लिए दिल्ली भेजा था।
सागर में धर्म श्री स्थित अयोध्या बस्ती में 14 जनवरी को  जिंदा जलाकर मारने का प्रयास किए जाने पर पीड़ित व्यक्ति धन प्रसाद अहिरवार को  21 जनवरी को शासन के द्वारा एयर एंबुलेंस से सफदर जंग अस्पताल नई दिल्ली में भर्ती कराया गया था । जहा इलाज के दौरान आज सुबह उसका निधन हो गया। इसकी सूचना परिजन को दे दी गई है । उसके शव का  पीएम कराने के बाद  दिल्ली से सागर लाया जाएगा। संभवतया कल शुक्रवार को अन्तिम सँस्कार होगा।
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भाजपा का घिनौना वयान देश की 60 करोड़ महिलाओं का अपमान -भूपेन्द्र गुप्ता


भाजपा का घिनौना वयान देश की 60 करोड़ महिलाओं का अपमान -भूपेन्द्र गुप्ता
भोपाल ।मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रतिपक्ष के नेता गोपाल भार्गव एवं विधायक बद्री लाल यादव के महिला अधिकारियों के प्रति दिए गए अशोभनीय असभ्य एवं बार्बरिक बयान की कटु आलोचना की है ।गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के संस्कारों में स्त्री को हेय और अपमानजनक दृष्टि से देखा जाता है जिसकी  अभिव्यक्ति भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राजगढ़ के बहाने की है।  शिवराज सिंह से गुप्ता ने पूछा है कि वे बताएं कि क्या उनके कार्यकर्ताओं को भारतमाता की जय बोलते हुए किसी महिला की चोटी खींचना भी सिखाया जाता है या कि उसे लात मारकर गिराना सिखाया जाता है और नहीं तो अपने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस आपराधिक कृत्य को भारत माता की आड़ में छुपाने की कोशिश ना करें । उनकी पार्टी ने ना केवल महिलाओं का अपमान किया है बल्कि दलित महिलाअधिकारी को पीड़ा भी पहुंचाई है ।इस पाप से भाजपा विमुक्त नहीं हो सकती। गुप्ता ने कहा कि बहादुर  महिला अधिकारियों को बद्री लाल यादव के आपराधिक बयान पर स्वयं आगे बढ़कर मुकदमा दर्ज करवाना चाहिए ताकि इस तरह के अभद्र नेता देश की आधी आबादी को गाली देने से भविष्य में बाज आएं।गुप्ता ने कहा कि शायद भाजपा नेताओं को उनकी मां ने दूध नहीं पिलाया होगा तभी इस पवित्र कार्य के लिये गलत संदर्भ प्रयुक्त करने में लाज नहीं.आई।
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आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अन्य कार्यों से सम्बद्ध नहीं होंगे,सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किये आदेश

आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अन्य कार्यों से सम्बद्ध नहीं होंगे,सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किये आदेश
 
सागर 22 जनवरी 2020/प्रदेश में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अब एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्यों में संबंद्ध नहीं किया जायेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किये हैं।
वर्तमान में प्रदेश में 80 हजार 160 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 1270 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इन केन्द्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देकर सुपोषित करने एवं शाला पूर्व शिक्षा प्रदाय करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ प्रदाय की जाती हैं, जिसकी निरन्तरता एवं अतिकम वजन वाले बच्चों की विशेष देखभाल की जाती है।
अभी तक आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को गैर आईसीडीएस कार्यों में भी संबद्ध किया जाता रहा है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा अन्य कार्य नहीं करने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाती रही है। ऐसा होने से आँगनवाड़ी केन्द्रों की सेवाएँ लम्बे समय तक प्रभावित हो रही थीं। साथ ही, बच्चों के पोषण स्तर में सुधार भी बाधित होता है। इसे पुनरू ठीक करने में काफी समय एवं अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती थी, जो उन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं था। इसलिये कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कार्यों से मुक्त किया गया है।
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