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यहाँ से अब कहाँ जाये कांग्रेस.... @ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज़

यहाँ से अब कहाँ जाये कांग्रेस....



@ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज़



दृश्य एक -. बड़वानी ज़िले के राजपुर क़स्बे में बिरसा मुंडा जयंती का समापन समारोह, सामने पंडाल में हज़ारों आदिवासियों क़ी भीड़,  सामने मंच जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर पर लाल रंग की लम्बी कलगी वाली पगड़ी पहन कर भाषण देने आते हैं, अपना भाषण शुरू करने वो माइक के पास आते है और फिर अचानक जैसे कुछ याद सा आता है वो कहना शुरू करते हैं, आज के कार्यक्रम में आये मेरे आदिवासी भाइयों - बहनों सबसे पहले मैं आप सबको घुटना टेककर प्रणाम करूँगा और उसके बाद ही अपना भाषण दूँगा और वो माइक से हटकर जोश भरे कदमों से मंच के बीचों बीच जाकर घुटने के बल बैठते है और दोनों हाथ जोडकर शीष झुकाते है। थोड़ी देर में मुख्य मंत्री के दोनों जुड़े हुये हाथ सामने लगी रेलिंग पर टिक जाते हैं, मुख्यमंत्री को ऐसा करते देख मंच पर बैठे दूसरे जनप्रतिनिधि हैरान रह जाते हैं और थोड़ी देर में वो भी मंच पर झुकने की कोशिश करते हुए दिखते हैं, और कुछ क्षणों के बाद मुख्यमंत्री उठकर चल पड़ते हैं फिर वापस माइक के पास जनता को सिर झुकाकर घुटने के बल बैठकर प्रणाम करने का संतोष शिवराज के चेहरे पर दिखता है। बात यहीं खतम नहीं होती वो माइक से बोलते हैं भाइयों बहनों आपको ये प्रणाम किसी को दिखाने के लिए नहीं कर रहा बल्कि पूरे दिल से कर रहा हूँ मैं मामा मुख्यमंत्री हूँ जो करता हूँ दिल से करता हूँ, जनता उत्साह से तालियाँ बजाती रह जातीहै।
दृश्य दो -  हैदराबाद की प्रसिद्व चार मीनार इलाके के सामने की गलियों में भारी भीड है। इस भीड की वजह है बीजेपी का रोड शो। ये रोड शो उन संकरी गलियों से भी गुजर रहा है। जहां पर कभी बीजेपी के नेता जाते नहीं थे। इस रोड शो की अगुआई कर रहे हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा। नडडा सडक के दोनों और के मकानों और दुकानों में बैठे जनता का अभिवादन करते हैं, मुस्कुराते हैं, हाथ हिलाते हैं। बीजेपी के कार्यकर्ता भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने बीच पाकर उत्साहित हैं। हैदराबाद में लोकसभा या विधानसभा की किसी सीट के लिये ये हाई प्रोफाइल प्रचार नहीं हो रहा। ये प्रचार तो ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनावों के लिये हो रहा है। आपके मुंह का जायका नहीं बिगाडिये कि पार्टी अध्यक्ष स्वयं पार्षदों के चुनाव में प्रचार करने उतर पडे। नडडा ही नहीं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह भी 150 पार्षदों वाली इस पांच हजार करोड के बजट वाली नगर निगम चुनाव के प्रचार करने आने वाले हैं। हैदराबाद नगर निगम में चौबीस विधानसभाएं आती हैं। उन विधानसभा के कार्यकर्ताओं का हौसला बढाने और आगे की रणनीति तय करने बीजेपी के सभी छोटे बडे नेता इस नगर निगम चुनाव में प्रचार करने आ रहे है।अब आप याद करिये मध्यप्रदेश के 28 विधानसभा के उपचुनाव जिसमें प्रचार करने सचिन पायलट भर ही आ सके। राहुल प्रियंका कहां हैं तब पता चला कि गांधी परिवार उपचुनावों में प्रचार को नहीं उतरता।
पिछले विधानसभा चुनावों की शुरूआत होने को थी और एक बार जब मेरा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सामना हुआ तो मैंने सवाल दागा कि आप तो अभी से चुनाव के मोड में आ गये तब उन्होंने पलट कर कहा था 
" मैं तो साल भर चुनाव के मोड में ही होता हूं इसमें बुराई क्या है हम राजनेता हैं हर चुनाव हमारे लिये महत्तवपूर्ण होता है। यही वजह है कि मुझे नगरनिगम और नगर पालिका चुनावों में प्रचार करने में भी हिचक नहीं होती। किसी भी चुनाव में हम अपने कार्यकर्ता को क्यों अकेला छोड दें।" जब शिवराज सिंह की ये बातें याद आती हैं तभी लगता है कि पिछले उपचुनावों में 28 में से 19 सीटें जीतने का करिश्मा शिवराज सिंह के नेतृत्व में ही बीजेपी कर पायी।जिसमें दूसरी पार्टी से विरोधी प्रत्याशी को लाना और उनको अपनी पार्टी का बनाकर जिताना आसान नहीं था वो भी तब जब पंद्रह महीने पहले पार्टी ने इनके ही खिलाफ प्रचार कर चुनाव लडा और शिकस्त पायी थी।
मध्यप्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान के आने के बाद से राजनीति करने का तरीका पूरा बदल गया है। शिवराज प्रदेश में पिछले पंद्रह साल से मुख्यमंत्री हैं, वो चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं मगर शायद ही किसी सभा में उन्होंने इस बात का जिक्र किया हो, वो आचार व्यवहार में हमेशा वैसे ही बने रहते हैं। सरल और सहज साथ ही सुलभ भी। अब ऐसे में कांग्रेस को उनसे क्या खाकर मुकाबला करेगी समझ नहीं आता। राजनीति अब काम से नहीं व्यवहार से अपने वोटरों को खुश करने का नाम हो गयी है। पिछले चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार के पंद्रह महीने के काम काज गिनाते रहे और शिवराज हर सभा में जनता के सामने झुक कर प्रणाम कर वोट बटोरते रहे। कहते रहे "टेंपरेरी मुख्यमंत्री" हूं भैया परमानेंट बना दो। उधर जनता जानती है कि राजनीति में सारे पद "टेंपरेरी " ही होते हैं मगर शिवराज अपने लोक व्यवहार से परमानेंट मुख्यमंत्री हुये जा रहे हैं। इन्हीं शिवराज सिहं का कांग्रेस को तीन साल बाद 2023 में मुकाबला करना है। कांग्रेस की युवा पीढी में भारी बैचेनी और छटपटाहट है आने वाले चुनाव तक कमलनाथ शायद इतने सक्रिय ना रह पायें तब इस सहज, सरल, सुलभ शिवराज का मुकाबला करने पार्टी किसे और किस रणनीति के चलते करेगी आज से ही सोचना पडेगा।
" द पालिटिक्स डाट इन" के विकास जैन कहते हैं कि मध्यप्रदेशकी जनता के लिये शिवराज सिहं चौहान शुरुआती दौर के इन्फोसिस के नारायणमूर्ति बन गये हैं जिनको लेकर जनता को भरोसा बनता है की परिस्थिति कैसी भी हो वो डिवेंडेट यानि की अपनी कम्पनी के शेयर धारकों को फायदा जरूर देगा। तो क्या आप भी ये मानते हैं ?
 
ब्रजेश राजपूत, एबीपी नेटवर्क, भोपाल
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कोरोना योद्धा डॉ शुभम उपाध्याय की मौत पर सवाल उठाए जूनियर डाक्टर/ मेडिकल आफीसर ने, कमिश्नर को दिया ज्ञापन

कोरोना योद्धा डॉ शुभम उपाध्याय की मौत पर सवाल उठाए जूनियर डाक्टर/ मेडिकल आफीसर ने, कमिश्नर को दिया ज्ञापन



सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कालेज सागर के कोरोना योद्धा डॉ शुभम उपाध्याय की दुखद मौत ने अब कई सवाल खड़े किये। डॉ की मौत ने चिकित्सा जगत को झकझोर दिया है। मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर और मेडिकल आफीसरों ने डॉ शुभम की मौत में लापरवाहियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सम्बंधित अफसरों को एक ज्ञापन दिया है। जिसमे  उचित कार्यवाही की मांग के साथ ही डीन के इस्तीफे की बात की गई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों के बेहतर इलाज की बात भी की गई है। इसमे डॉ शुभम के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति की मांग भी शामिल है। 

जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल आफीसरों ने कमिश्नर मुकेश शुक्ला को दिए ज्ञापन में लिखा कि मेडिकल ऑफिसर डॉ शुभम उपाध्याय की मृत्यु में गैर जिम्मेदाराना व असंवेदनशील
बर्ताव को हुआ है।
ज्ञापन के मूताबिक  जैसा कि आपको ज्ञात है, कि बुण्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज, सागर में पदस्थ मेडिकल ऑफीसर डॉ. शुभम उपाध्याय कोरोना महामारी में अपनी सेवायें प्रदान करते हुए दिनांक 28.10.2020 को स्वयं संक्रमित हो गये। दिनांक 28.10.2020 से दिनांक 10.11.2020 तक उनका ईलाज बुण्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में हुआ। ईलाज के दौरान उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया, स्थिति बिगड़ती चली गई, जिसके उपरांत बुण्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा परिजनों को यह सलाह दी गई कि इनको अब चिरायु अस्पताल, भोपाल में इलाज के लिए ले जाया जाये। दिनांक 10.11.2020 को डॉ शुभम को चिरायु अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उनके ईलाज के दौरान उनकी स्थिति ओर बिगड़ती चली गई। ईलाज के दौरान डॉ. शुभम
ने 19.11.2020 को स्वयं के मोबाईल से अपने साथी चिकित्सकों एवं सीनियर एवं अन्य वरिष्ठ
चिकित्सकों को वाट्एप संदेश के माध्यम से अपनी बद से बदल होती स्थिति के संबंध में अवगत कराया। उसके उपरांत साथी चिकित्सकों के प्रयास से इस मामले को विभिन्न सोशल मीडिया एवंप्रिन्ट मीडिया के माध्यम से सरकार एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के समक्ष लाया गया। लेकिन बुण्लेदलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय के प्रशासन की तंदा तब तक भंग नहीं हुईथी। इनके उपरांत कही से भी कोई मदद नहीं मिलते देख कर साथी चिकित्सकों द्वाराजन-सहयोग के माध्यम से डॉ. शुभम के इलाज के लिए कुछ धन राशि एकत्रित की गई।तदोपरांत 24.11.2020 की सुबह को  मुख्य मंत्री, मध्यप्रदेश शासन द्वारा डॉ. शुभम का
ईलाज सरकारी खर्च से कराने की घोषणा की गई। कतिपय परिस्थितियों के कारण डॉ. शुभम
को तत्काल एयरलिफ्ट करके वांछनियअस्पताल में नहीं ले जाया जा सका। जैसा आप सभी को
ज्ञात है कि दिनांक 25.11.2020 को शाम 05:05 मिनट पर हृदय की गति रूकने से
शुभम वीरगति को प्राप्त हुए।

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इन बिंदुओं पर जांच की मांग

★ 28.10.2020 से 10.11.2020 की अवधि मे जब डॉ. शुभम की स्थित में सुधार नहीं हो रहा था तो उनको चिरायु अस्पताल के जगह किसी उच्च चिकित्सा संस्थान(एम्स) में क्यों नहीं भेजा गया।
★ बुण्लेदलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर, जो खुद में एक Tertiary Care
Centre है। इसके बावजूद डॉ. शुभम को चिरायु रैफर करने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
और अगर आवश्यकता थी, तो रैफर करने मे विलम्ब क्यों किया गया?

★गत नो माह से डॉ. शुभम कोरोना वार्ड में इयूटी कर रहे थे। इसके बावजूद उनके ईलाज के लिए कॉलेज प्रशासन की तरफ से कोई भी आर्थिक मदद प्रदान क्यों नहीं की।
★ एक माह पूर्व डॉ. शुभम को कोरोना वारियर की उपाधि से सम्मानित किया गया था, लेकिन जब वे इस महामारी से संक्रमति हो गये, और ये जिंदगी और मौत से संघर्ष कररहे थे, तबसरकार एवं प्रशासन द्वारा आर्थिक मदद उपलब्ध कराये जाने में इतना विलंब क्यो हुआ।
★ दिनांक 25.11.2020 को दोपहर के समय उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी, तब उन्हें E.C.M.O सपोर्ट की आवश्यकता थी अस्पताल में E.C.M.O, सपोर्ट की सुविधा होने के बावजूद भी सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई ?

★ चिरायु अस्पताल में इलाज के दौरान परिजनों की प्रार्थना के उपरांत भी डॉ. शुभम
की R.T.P.C.R. जाँच नहीं कराई गई। जब साथी चिकित्सकों ने अपने स्तर पर चिरायु प्रशासन पर दबाव बनाया ।उसके उपरांत दिनांक 21.11.2020 R.T.P.C.R. जाँच हो सकी।
उन्होंने मांग की है कि उक्त प्रकरण में अनियमितताओं के आधार पर डीन को मानवीयता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा स्वयं प्रस्तुत करना चाहिए एवं डॉ. शुभम
के उपचार में की गई लापरवाहियों कीजबावदेही जल्द से जल्द तय की जाए एवं उचित वैधानिक
कार्यवाही की जाए।
एक अन्य ज्ञापन में डॉ शुभम के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति देने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को बीमा सुविधा और  उच्च इलाज की सुविधा आदि मुहैया कराने की मांग की है। 

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60 वर्ष से अधिक पीड़ितों को होम आइसोलेट न करें : निशांत बरबड़े, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ★ कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को लेकर की समीक्षा

 60 वर्ष से अधिक पीड़ितों को होम आइसोलेट न करें :  निशांत बरबड़े, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा
★ कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को लेकर की समीक्षा


सागर ।  60 वर्ष से अधिक कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेट  न कर उनको बीएमसी के वार्ड में  भर्ती कराएं । उक्त निर्देश चिकित्सा शिक्षा आयुक्त डॉ निशांत वरवड़े ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में अंतर के बढ़ते स्तर की समीक्षा करते हुए दिए । इस अवसर पर आयुक्त स्वास्थ्य डॉ संजय गोयल, संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इच्छित गढ़पाले, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ आर एस वर्मा , डॉ वीरेंद्र यादव डॉक्टर मनीष जैन डॉक्टर रमेश पांडे सीएमएचओ डॉ एमएस सागर तकनीकी सलाहकार डॉक्टर लोकेंद्र दुबे आशीष सक्सेना मौजूद थे।

यहां बता दे कोविड योद्धा डॉ शुभम उपाध्याय की मौत के बाद सीएम शिवराज सिंह ने कल समीक्षा के दौरान सागर में कोविड से मौत को लेकर समीक्षा के निर्देश दिए थे। 

मृत्यु दर की समीक्षा करते हुए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त डॉ निशांत वरवड़े ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को  होम आइसोलेट  ना कर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में स्थापित कोविड-19 वार्ड में भर्ती कराएं उन्होंने कहा कि समस्त डॉ आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें उन्होंने निर्देश दिए कि जो कोरोना संक्रमित मरीज  मेडिकल कॉलेज में आ रहा है उसकी पूरी हिस्ट्री संबंधित डॉक्टर से अवश्य ले उन्होंने कहा कि कोविड-19  वार्ड में भर्ती होने के पश्चात संक्रमित व्यक्ति यदि पूर्व में किसी बीमारी की दवा खा रहा है तो उसको अवश्य चालू रखें ।उन्होंने निर्देश दिए  कि सभी डॉक्टर जिनकी ड्यूटी कोविड वार्ड में है वह दिन में दो बार व्यक्तिगत जाकर पीड़ित मरीज का ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन एवं उसका तापमान एवं उसकी अन्य पैरामेडिकल की जांच करेंम
डॉक्टर निशांत बरबड़े ने डीन मेडिकल कालेज को निर्देश दिये कि वह प्रतिदिन कमिश्नर  मुकेश शुक्ला की उपस्थिति में जिले के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से बात कर उनके जिलों में कोरोना पीड़ितों की समीक्षा करें।
 उन्होंने निर्देश दिए कि यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी मेडिकल स्टोर वाला सर्दी खांसी बुखार की दवा बगैर डॉक्टर के पर्ची के ना देवे और उनका रिकॉर्ड संधारित किया जावे ।उन्होंने निर्देश दिए कि जिस  डॉक्टर के अधीन कोरोना संक्रमित व्यक्ति का इलाज हो रहा है ।वह उसकी समस्त जांचों की हिस्ट्री एवं दिनांक अवश्य लिखकर  हस्ताक्षर करें उन्होंने मेडिकल कॉलेज की चल रही है हेल्पडेस्क को और सशक्त बनाने के निर्देश दिए साथी इसके माध्यम से पीड़ित मरीज की प्रतिदिन जानकारी उनके परिजनों को दी जावे एवं उनको वीडियो कॉलिंग से उनसे बात करी कराई जाए ।उन्होंने ठंड के दिनों में कोविड-19 वार्डो मैं समस्त आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की भी निर्देश दिए ।
श्री निशांत बरबड़े एवं डॉ गोयल ने मृत्यु दर की समीक्षा करते हुए समस्त प्रकरणों  की गहनता से जांच की।
आयुक्त चिकित्सा डॉ संजय गोयल ने कहा कि समस्त डॉक्टर कोविड-19 की गाइडलाइन का अक्षरश  पालन करते हुए इलाज करें उन्होंने आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने एवं उसी के अनुसार रोस्टर  बनाने के भी निर्देश दिए उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर टीम लीडर की तरह काम करें और उनके अधीन आने वाले पैरामेडिकल एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों से भी सामान्य व्यवहार करते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सहयोग प्राप्त करें।
भोपाल से आए तकनीकी सलाहकार डॉक्टर लोकेंद्र दुबे ने कहा कि उनसे किसी भी कठिन प्रकरण में प्रतिदिन सलाह ले सकते हैं और हर स्तर पर मृत्यु दर को कम करना ही  हमारा उद्देश्य एवं संकल्प होना चाहिए।


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मंदिर गयी महिला के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपीयो की जमानत निरस्त

मंदिर गयी महिला के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपीयो की जमानत निरस्त 

सागर। न्यायालय- नीलेन्द्र कुमार तिवारी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बीना जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी लल्लू बुन्देला और रोहित बुन्देला का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री दिनेश कुमार मालवीय, बीना जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा। 

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैकि फरियादिया ने थाना भानगढ़ उपस्थित होकर लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि दिनांक 27.09.2020 को 10ः00 बजे मंदिर गयी थी तभी वहां रोहित बुन्देला और लल्लू बुन्देला आये फरियादिया के मुंह पर कपडा दबाकर मंदिर के पीछे ले गए और दोनों आरोपीगण ने उसके साथ गलत काम किया। वहां गांव का एक लडका आ गया तो दोनों आरोपीगण वहां से भाग गये और जाते-जाते कहा कि किसी को बताया तो जान से खत्म कर देगें। फरियादिया ने अपने घर पहुचकर पति को घटना के बारे में बताया और पति के साथ थाना रिपोर्ट करने गयी। उक्त घटना की रिपोर्ट पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवदेन प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी लल्लू बंुदेला एवं रोहित बुन्देलाका प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दियागया। 
 
जमीन खरीदी के विवाद पर से मारपीट करने वाले आरोपीगण की जमानत निरस्त 

सागर। न्यायालय-श्रीमान नीलेन्द्र कुमार तिवारी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बीना जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगण नन्दलाल पिता भगुन्त लोधी, बलीराम पिता कन्छेदी लोधी एवं रामकुमार पिता केर सिंह लोधी सभी निवासी ग्राम बगसपुर थाना भानगढ़ का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारीश्री दिनेश कुमार मालवीय, बीना जिलासागर ने शासन का पक्ष रखा। 

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैकि दिनांक 09.10.2020 के रात्री 01ः00 बजे फरियादी अपने घर में सो रहा था तभी गांव के नन्दलाल लोधी, बलीराम लोधी उसके घर में घुसकर जमीन खरीदी की बुराई पर से मारपीट करने लगे और रामकुमार गंलिया देते आ गया और नंदलाल ने लोहे की राड से फरियादी से मारपीट की जिससे उसके सिर एवं शरीर में चोट कारित हुयी। फरियादी के चिल्लाने पर उसकी पत्नि बचानेआयी तो आरोपीगण ने उसके साथ भी मारपीट की। जब परिवार के अन्य लोग आ गये तो उन्होने बीच बचाव किया तो आरोपीगण ने धमकी दी कि अगर खरीदी जमीन पर गये तो जान से खत्म कर देगें और चले गये। फरियादी इलाज कराने बीना गया और फिर थाना भानगढ में रिपोर्ट दर्ज कराई। उक्त घटना की रिपोर्ट पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवदेन प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण नन्दलाल, बलीराम और रामकुमार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दियागया।


 
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राष्ट्रीय महिला आयोग के समन्वय से विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

राष्ट्रीय महिला आयोग के समन्वय से विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

सागर ।  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेशानुसार जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमान् बी.आर. पाटिल एवं श्रीमती विधि सक्सेना, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में  राष्ट्रीय महिला आयोग के समन्वय से ग्राम बरारू, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर, जिला सागर में महिलाओं के लिए विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता  जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,  बी.आर. पाटिल के द्वारा की गई।


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उक्त आयोजित शिविर का दीप प्रज्जवलन के साथ शुभारंभ करते हुए  जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,  बीर.आर. पाटिल ने कहा कि, महिला अपने परिवार की रीढ़ होती है और महिला जितनी सशक्त, शिक्षित और जागरूक होगी परिवार उतना ही प्रगति करेगा एवं जिला न्यायाधीश के द्वारा महिलाओं के लिए बनाए गए विभिन्न कानूनों की भी विस्तृत जानकारी दी गई। शिविर में उपस्थित सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर श्रीमती विधि सक्सेना के द्वारा महिलाओं को घरेलू हिंसा अधिनियम की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए गुड टच, बेड टच एवं महिलाओं से संबंधित अन्य कानूनों के बारे में बताया गया। जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्री अनुज कुमार चन्सौरिया, के द्वारा कार्यक्रम का संचालन करते हुए उपस्थित महिलाओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में अवगत कराया और निःशुल्क विधिक सहायता योजना के बारे में जानकारी प्रदान की तथा उपस्थित महिलाओं से अपने अधिकारों का उपयोग करने एवं बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर की ओर से रिसोर्स पर्सन के रूप में सुश्री मनोरमा गौर, अधिवक्ता/सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं की समाज में भूमिका एवं उनके महत्व पर प्रकाश डाला गया एवं रिसोर्स पर्सन श्रीमती संगीता चौबे, अधिवक्ता द्वारा भू्रण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे अपराधों का पुरजोर विरोध करने की अपील करते हुए महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसारण को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की अधिकारी श्रीमती नीतू वर्मा के द्वारा शिविर में आने वाली महिलाओं का स्क्रीनिंग टेस्ट किया गया तथा ग्राम पंचायत, सचिव, श्री मनीष सोनी द्वारा उपस्थित महिलाओं को मास्क वितरित करते हुए उनके हाथों को सैनेटाईज कराया गया।
शिविर में चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्री पंकज यादव, महिला सशक्तिकरण अधिकारी, श्रीमती शिवानी सेंगर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, के प्रभारी प्राचार्य, श्री शैलेन्द्र जैन, ग्राम पंचायत बरारू, के सरपंच श्रीमती मीरा बाई लक्ष्मण पटेल उपस्थित रहे। शिविर के आरंभ में सरस्वती वंदना की प्रस्तुति विद्यालय की छात्राओं द्वारा दी गई एवं शिविर में कोविड-19 के संबंध में मध्य प्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर जारी की गई गाईड लाईन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। 

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स्पेशल डीजी व डायरेक्टर, खेल एवं युवा कल्याण ने इंटीग्रेटेड स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स की समीक्षा


स्पेशल डीजी व डायरेक्टर, खेल एवं युवा कल्याण  ने  इंटीग्रेटेड स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स की समीक्षा
 
 
★ खेल परिसर मैदान व नगर निगम स्टेडियम का किया स्थल निरीक्षण

सागर । मंत्री खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, मध्यप्रदेश शासन श्रीमति यशोधरा राजे सिंधिया के सागर प्रवास के दौरान मंत्री के निर्देशानुसार विशेष पुलिस महानिदेशक, संचालक खेल एवं युवा कल्याण म.प्र. श्री पवन जैन(आईपीएस) ने सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा सागर के खेल परिसर मैदान तथा नगर निगम स्टेडियम में तैयार किये जा रहे इंटीग्रेड स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस दौरान ज्वाइंट डायरेक्टर, खेल एवं युवा कल्याण म.प्र.  बी एस यादव, पुलिस अधीक्षक सागर अतुल सिंह, निगमायुक्त सह सागर स्मार्ट सिटी कार्यकारी निदेशक श्री आर पी अहिरवार, जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी श्री प्रदीप अबिद्रा, स्मार्ट सिटी असिस्टेंट प्लानर श्री प्रवीण चौरसिया, पीएमसी टीम लीडर श्री अलोक चौबे, पीएमसी एक्सपर्ट श्री आशीष डे सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रोजेक्ट प्रजेंटेशन में प्रस्तुत दोनो मैदानों के मास्टर प्लान की समीक्षा कर डायरेक्टर श्री जैन ने साधारण सुधारों हेतु निर्देशित किया। स्मार्ट सिटी द्वारा शहर विकास में खेलों के महत्व को देखते हुए यहां विभिन्न खेलों के उभरते खिलाड़ियों को एक उत्कृष्ठ व्यवस्था प्रदान कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के उद्देश्य से बनाये जा रहे स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स की प्रस्तुत ड्राइंग एवं डिजाईन की सराहना की। पश्चात खेल परिसर मैदान का स्थल निरीक्षण किया एवं शहर के बीचोंबीच पहाड़ी से लगे ऐसे मैदान को और सुंदर बनाने हेतु प्लांटेशन करने, मैदान के चारो ओर वॉक-वे तैयार करने हेतु कहा। साथ ही अत्यावश्यक सुविधाओं जैसे 24 घंटे पानी की व्यवस्था आदि का विशेष ध्यान रखने को कहा। परिसर में आने वाले खिलाड़ियों व अन्य से एक मिनिमम शुल्क लेने की योजना बनाने को भी कहा। यहां बनने वाले खेल मैदानों, ट्रैक, कोर्ट आदि में आवश्यकता अनुसार अच्छी लाइट व्यवस्था हो एवं अन्य जरूरतों हेतु एक्सपर्ट एवं खिलाड़ियों से सलाह लें। इसके साथ ही नगर निगम स्टेडियम का भी स्थल निरीक्षण किया। 


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