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108 एम्बुलेंस के पायलट को दी ट्रेनिग

108 एम्बुलेंस के पायलट को दी ट्रेनिग
सागर। 108 एंबुलेंस के ई.एम.टी. और पाइलेट की रिफ्रेशर ट्रेनिंग सफलता पूर्वक संपन्न कराई गई। इस दौरान डॉ दिलीप चौधरी , जिसमें , पेशेंट केयर फॉर्म CPR ( कार्डियो PULMONARY RESUSCITATION एम्बुलेंस मे जरूरी दवाइयाँ एवं उनका उपयोग, बेसिक AIRWAY सेक्शन पेशेंट MANAGEMENT, ऐमबूलेंस का रखरखाव, आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।[मास्टर ट्रेनर ,] दिलीप चौधरी,, जिला प्रभारी श आशीष सर तबरेज खान एवं जोनल अधिकारी  आशीष कौरव जी भी उपस्थित रहें।
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डॉ गौर पुण्य तिथि: पुस्तक चर्चा,कवि संम्मेलन और प्रतियोगिताओं का आयोजन

डॉ गौर पुण्य तिथि: पुस्तक चर्चा,कवि संम्मेलन और प्रतियोगिताओं का आयोजन
सागर। डा. हरिसिंह गौर की सत्तरवींं पुण्यतिथि
पर अनेक संस्थायो द्वारा उनका स्मरण किया गया। इस मौके पर विवि में गौर समाधि पर श्रद्धांजलि और भजन संध्या का आयोजन किया गया। वही शहर में स्थित गौर अध्ययन केंद्र में  "ये सागर है" पुस्तक पर चर्चा, कवि संम्मेलन और  चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और पुरस्कारों का वितरण हुआ।
तीनबत्ती स्थित डॉ गौर प्रतिमा पर मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी गई।

पुस्तक पढ़कर सागर को समझा:कमिश्नर शर्मा
"ये सागर है "पुस्तक पर चर्चा करते हुए  संभागायुक्त आनंद शर्मा ने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद मैं डा. गौर और सागर शहर को बेहतर समझ पाए हैं। जिस तरह महात्मा गांधी को ट्रेन से निकाले जाने पर उन्होंने अंग्रेजों को देश से ही निकाल दिया था ठीक इसी प्रकार सागर से कालेज बाहर ले जाकर डा. गौर को पढ़ने से महरूम करने पर वे पूरा विश्वविद्यालय ही सागर ले आए। संभागायुक्त शर्मा ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि बड़े व्यक्तित्वों कि खासियत है कि वे कुछ अलग और बड़ा सोचते हैं। प्रभारी कुलपति प्रो. पीके राय ने कहा कि पूर्वछात्र परिषद एवं डेलीगेसी को इसके लिए साधुवाद करते हैं कि उन्होंने पुण्यतिथि पर गौर स्मरण की रुकी हुई परंपरा को बड़े स्तर पर आयोजन के साथ पुनः प्रारंभ किया है।
कार्यक्रम मे संयुक्त संचालक जनसंपर्क भोपाल अशोक मनवानी ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगले वर्ष वे भोपाल में डा. गौर जयंती व पत्रकारिता के शिक्षक स्व. भूवनभूषण देवलिया की पुण्यतिथि का संयुक्त आयोजन बड़े स्तर पर करेंगे।
पुस्तक चर्चा में भाग लेते हुए पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं 'ये सागर है' के संपादक डा. सुरेश आचार्य ने बताया कि यह किताब 42 दिनों के अल्प समय में प्रकाशित हुई जिसमें  पत्रकारिता विभाग के पूर्व छात्रों डा. रजनीश जैन, डा. राकेश शर्मा व अभिषेक यादव के लेखों का भी महत्वपूर्ण योगदान है।पुस्तक चर्चा में भाग लेते हुए पूर्वछात्र परिषद के अध्यक्ष डा. रजनीश जैन ने कहा कि डा गौर न होते तो विश्वविद्यालय, पत्रकारिता विभाग और यह पुस्तक भी नहीं होती। पुस्तक चर्चा में पं. शुकदेव तिवारी, डा. महेश तिवारी, श्रीमती कविता शुक्ला ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक कवि, साहित्यकारों ,पत्रकारों के साथ विशेष रूप से भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार राकेश अग्निहोत्री भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र ठाकुर ने किया, आशीष भाई जी ने आभार प्रदर्शन किया।
कवि संम्मेलन रहा डॉ गौर पर केंद्रित
डॉ.हरीसिंह गौर की पुण्यतिथि पर गौर अध्ययन केन्द्र सागर द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में डॉ.गौर के जीवन पर केन्द्रित कवि सम्मेलन का आयोजन वरिष्ठ कवि निर्मल चंद निर्मल की अध्यक्षता,पं.शुकदेव प्रसाद तिवारी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। संचालन गीतकार डॉ.श्याम मनोहर सिरोठिया ने किया।इस अवसर पर डॉ. अनिल जैन,आर. के.तिवारी, डॉ.चंचला दवे,वृंदावन राय सरल, वीरेन्द्र प्रधान,डॉ. गजाधर सागर,श्रीमती‌  निरंजना जैन,सुश्री देवकी भट्ट  नायक,पी.आर. मलैया,टी.आर.त्रिपाठी, ऋषभ समैया जलज, डॉ.श्याममनोहर सीरोठिया,डॉ.गजाधर सागर, के.एल.तिवारी अलबेला,लक्ष्मीनारायण चौरसिया एवं निर्मल चंद निर्मल ने अपनी कविताओं के माध्यम से डॉ. गौर के अवदान को स्मृत करते हुए श्रद्धांजली दी।उमा कान्त मिश्र व कुंदन पाराशर ने सभी कवियों व अतिथियों का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया।
गौर अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष डॉ.सुरेश आचार्य ने सभी कवियों का शाल व श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया।केन्द्र समन्वयक डॉ.प्रदीप तिवारी ने आभार प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। शाम को तीनबत्ती स्थित डॉ गौर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी गई।
विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरीसिंह गौर की पुण्यतिथि पर भजन कार्यक्रम
 डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के में विश्विद्यालय के संस्थापक डॉ हरीसिंह गौर की पुण्यतिथि पर विश्विद्यालय परिवार ने उनको विनम्र श्रद्वाजली अर्पित की। डॉ हरीसिंह गौर की पुण्यतिथि के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा भजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रारंभ में प्रो. पी के राय , कर्नल राकेश मोहन जोशी, विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने डॉ गौर की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रो. पी के राय , कर्नल राकेश मोहन जोशी, डॉ. सुरेश आचार्य, प्रो. ए. पी. दुबे, डॉ. दिवाकर सिंह राजपूत, प्रो.आर पी मिश्रा, डॉ. आर. एन यादव, डॉ.जी एल. पुण्डतांबेकर, प्रो . ए.न. शर्मा डॉ. आनंद तिवारी, दीपक सिंघई, संदीप बाल्मीकि , जयंत जैन, प्रवीण राठौर, रनवीन ठाकुर, दीपक गुप्ता, विवेक मेहता, मुकेश चौरसिया, मशकूर अहमद, मनीष पुरोहित, नागेश दुबे, अर्चना मेहता, बड़ी संख्या में शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। 
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संविधान बचाओ न्याय शांति यात्रा में नरयावली विधानसभा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हुए शामिल

संविधान बचाओ न्याय शांति यात्रा में नरयावली विधानसभा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हुए शामिल
भोपाल।भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन एन.आर.सी. एवं सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट सी.ए.ए. बनाए जाने के विरोध में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री  श्री कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश मुख्यालय भोपाल में निकाली गई संविधान बचाओ न्याय शांति यात्रा में नरयावली विधानसभा क्षेत्र से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री   सुरेंद्र चौधरी की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।संविधान बचाओ न्याय शांति यात्रा में शामिल होने वालों में मुख्यरूप से 
जिला ग्रामीण कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश मोनी केशरवानी, देवेंद्र पटेल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष अशरफ खान, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गण सुरेंद्र सिंह चावड़ा, देवेंद्र कुर्मी,ठाकुर लगन सिंह, रामदयाल चौबे, पुरुषोत्तम शिल्पी, रोहित वर्मा, संजय सिंह,अनिल कुर्मी, मोती लाल पटेल,मुल्ले चौधरी, एम आई खान  सुकलाल आदिवासी कोमल सिंह आदि कांग्रेसजन मौजूद थे।
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गौपूजन कर गौमाता भोज का शुभारंभ किया, राजस्व मन्त्री गोविन्द राजपूत ने, पिछले 421 वर्ष से है परम्परा

गौपूजन कर गौमाता भोज का शुभारंभ किया, राजस्व मन्त्री गोविन्द राजपूत ने, पिछले 421 वर्ष से है परम्परा
सागर । राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविन्द राजपूत ने विकासखण्ड राहतगढ के ग्राम रजौली में गौपूजन कर गौमाता भोज का शुभारंभ किया। यहां प्रतिवर्ष पौष आमवस्या के दिन श्रृद्वा के साथ गौमाता भोज का आयोजन किया जाता है। जिसमें गाय पूजन के साथ गायों को खड़ी फसलों में चरने व विचरण करने के लिये खुला छोड़ दिया जाता है। पूरे गावं की गाय इस दिन कहीं पर भी फसलांे में जाकर स्वच्छद रूप से विचरण करती है व चरती है। इस दिन कोई रोक-टोक नहीं होती है। सभी ग्रामीणजन गौमाता भोज को पूरी श्रृद्वा के साथ मनाते है। ऐसी मान्यता है कि गौमाता के आषीष से फसलों की अच्छी पैदावार होती है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री श्री राजपूत ने ग्राम रजौलीवासियां की गौभोज आयोजन के लिये सराहना की। उन्होंने कहा कि गौ के प्रति श्रृद्वा कैसे रखी जाती है दूसरे अन्य लोग रजौलीवासियों से सीख सकते हैैैं। । उन्होंने बताया कि सुरखी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 40 गौषालाएं स्थापित की रही हैं। ग्राम रजौली में ग्रामीणों की मांग पर गौषाला स्थापना के लिये उन्होंने 25 लाख रूपये की राषि देने की घोषणा की।
 रजवांस में 37 लाख के विकास कार्यो का भूमिजून एवं लोकार्पण
राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द राजपूत ने विकासखण्ड राहतगढ़ के ग्राम रजवांस में 27 लाख 63 हजार की लागत से बनी 7 सीसी रोड का लोकार्पण और 10 लाख की लागत से बनने वाले मंगल भवन का भूमिपूजन किया।
इसी प्रकार ग्राम मीरखेड़ी से हिरणखेड़ा, बकेरा से हिरणखेड़ा मार्ग, सीसी रोड़ बाउन्ड्रीवाल का भूमिपूजन व पंचायत भवन लोकार्पण किया।
इस अवसर पर  भगवान सिंह लोधी,  विनोद कूपर,  शैलेन्द्र श्रीवास्तव, श्री गोविन्द्र सिंह पटैल,  प्रहलाद पटैल,  संतोष सिंह रजौली, श्री विषनारायण तिवारी,  जाकर हुसैन,  बबलू पटैल, विजय सिंह,  सुरेष जाट, सुरेन्द्र रघुवषी एवं राजषरण राय बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।
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श्री रामकथा भगवान शिव-पार्वती का संवाद है:आचार्य पंडित बृजपाल शुक्ल, रामकथा में पहुचे विधानसभा अध्यक्ष

श्री रामकथा भगवान शिव-पार्वती का संवाद है:आचार्य पंडित बृजपाल शुक्ल,
रामकथा में पहुचे विधानसभा अध्यक्ष
सागर। आचार्य पंडित बृजपाल जी शुक्ल का कहना है कि सम्पूर्ण श्री राम कथा शिव पार्वती का संवाद ही है। शिवजी इस के वक्ता हैं और पार्वती जी इसकी श्रोता हैं। आचार्य शुक्ल ने  ग्राम ढाना  आयोजित सात दिवसीय श्री रामकथा के प्रथम दिन  में यह बात कही। इसके आयोजक माखनलाल चतुर्वेदी  पत्रकारिता विश्विद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी है। प्रथम दिन विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति सहित अनेक श्रद्धालुयों ने कथा का श्रवण किया।
आचार्य शुक्ल ने बताया कि एक दिन शांत मन से  विराजमान शिवजी से पार्वती जी ने प्रश्न किया ।प्रथम सो कारण कहहु बिचारी।
निर्गुण ब्रह्म सगुण वपुधारी ।।
पार्वती जी ने कहा कि हे! नाथ निर्गुण ब्रह्म सगुण स्वरूप को धारण कैसे करते हैं?
यदि निर्गुण ब्रह्म सगुण होते हैं तो क्या सगुण होते हुए भी वे निर्गुण ही होते है?
बस यह प्रथम प्रश्न ही सम्पूर्ण राम चरित मानस का मूल है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति के सत्वगुण, रजोगुण और तमोगुण इन तीनो गुणों से 84 लाख योनियो की सृष्टि होती है।इन तीनो गुणों के प्रभाव के कारण सभी जीव सगुण कहलाते हैं।
काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, ईर्ष्या इत्यादि सगुण शरीर मे होते ही हैं।यदि भगवान भी सगुण  होंगे तो उनमें भी काम, क्रोध, लोभ, मोह इत्यादि दोष होंगे।जो इन दोषों से रहित होता है उसे निर्गुण कहते हैं।निर्गुण स्वरूप ही भगवान का यथार्थ स्वरूप  है।इसलिए भगवान में कर्म का बंधन नही होगा।भगवान में सांसारिक दुख-सुख स्वरूप आदि नही होते।
किन्तु सगुणरूप धारी भगवान में यह दोष दिखाई देते हैं।
इसी प्रश्न का उत्तर देते हुए शंकरजी ने पार्वती जी को भगवान के निर्गुण स्वरूप तथा सगुण स्वरूप का वर्णन करके राम चरित मानस की रचना कर डाली।शंकर जी के मन मे राम चरित का निवास होने से उसको राम चरित मानस कहते हैं।
ये रहे कथा में शामिल
* ग्राम  ढाना में माखनलाल चतुर्वेदी  पत्रकारिता विश्विद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी  के निवास पर आज से शुरू हुई राम कथा के प्रथम दिवस मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति पहुचे। कथा श्रवण के लिए  कमिश्नर आनंद शर्मा , आईजी सतीश सक्सेना,  विधायक शैलेंद्र जैन ,  नगर निगम कमिश्नर, आरपी अहिरवार, सिटी मजिस्ट्रेट पवन बारिया, सनार्ट  सिटी सीईओ राहुल सिंह ,कांग्रेस सहर अध्यक्ष रेखा चौधरी,  श्याम तिवारी, संदीप सबलोक आदि भी कथा श्रवण करने पहुँचे और आचार्य बृजपाल शुक्ल से आशीर्वाद भी लिया
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प्लास्टिक के खतरों से जागरूक करने भारत भ्रमण पर निकले साइकिल यात्रा पर,सांसद ने किया

प्लास्टिक के खतरों से जागरूक करने भारत भ्रमण पर निकले साइकिल यात्रा पर,सांसद ने किया

सागर। क्रिसमस की अलसुबह बेहद खास बन गई, जब  सिंगल यूज़ प्लास्टिक से पर्यावरण एवं मानव को हो रही क्षति को लेकर 17 सितम्बर को गांधीनगर, गुजरात से यात्रा आरंभ कर भारत भ्रमण पर निकले मुरैना निवासी ब्रजेश शर्मा बुधवार को सागर पहुंचे ।गोपालगंज, बंगाली काली तिगड्डा पर सांसद राजबहादुर सिंह एवं नागरिकों ने उनका आत्मीय स्वागत किया. बृजेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले की  प्राचीर से  सिंगल यूज़ माइक्रो प्लास्टिक के दुष्परिणाम पर देश के नाम  संबोधन से प्रेरित हो यूरोप,अरमीनिया जार्जिया में पीसीएस की नौकरी छोड़कर मुहिम पर निकले हैं. अभी तक वह  गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश तक 6600 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुके हैं. सागर से भोपाल होते हुए महाराष्ट्र एवं दक्षिण भारत की यात्रा पर निकल रहे है. इस दौरान 182000 बच्चों एवं नागरिकों को जागरूक कर चुके हैं. सांसद सिंह ने श्री शर्मा को प्रशस्ति-पत्र एवं पुष्प माला से स्वागत किया.
 इस अवसर पर सांसद राजबहादुर सिंह, अर्पित पांडे-जिला अध्यक्ष भाजयुमो,  शुभम् सागर, देवाशीष दुबे, गोलू श्रीवास्तव, नीरज चौरसिया, राहुल नामदेव, अर्जुन सूर्यवंशी, वैभव यादव, शुभम् नामदेव एवं नितिन साहू ने ब्रजेश शर्मा का हौसला बढ़ाया.
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हाथ ठेला पर केले बेचकर पता लगाया उपद्रवियों का सबइंस्पेक्टर ने

हाथ ठेला पर  केले बेचकर पता लगाया उपद्रवियों  का सबइंस्पेक्टर ने 
साभार: एबीपी गंगा
आगरा, एबीपी गंगा। नागरिकता कानून को लेकर हुए बवाल के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस आरोपियों को किस तरह घेर रही है, इसका अंदाजा आप महज इस बात से लगा सकते हैं कि सब इंस्पेक्टर को केले बेचने पड़े। मुस्लिम बाहुल्य इलाके मंटोला में यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर सुनील तोमर ने हुलिया बदलकरसादे कपड़ों में ठेल लेकर केले बेचे। सुनील तोमर सुभाष बाजार चौकी इंचार्ज है। उनको सूचना मिली थी कि फिरोजाबाद में उपद्रव करने वाले बलवाई छिपे हुए हैं। दारोगा ने सस्ते में केले बेचे और आरोपियों के बारे में जानकारी जुटा ली।
सीएए के विरोध में फिरोजाबाद में हुए उपद्रव के बलवाइयों पर पुलिस की सख्त नजर है। बलवाइयों को दबोचने के लिए पुलिस जुटी हुई है, जिसके चलते ये आरोपी इधर-उधर भाग खड़े हुए। फिरोजाबाद पुलिस को सूचना मिली कि कुछ बलवाई आगरा के मंटोला में छिपे हुए हैं। सूचना पर पुलिस ने दारोगा को केले बेचने वाला बनाकर भेजा। मंटोला के थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मिशन कामयाब रहा। जो सूचनाएं चाहिए थीं, वो सही पाई गईं।
केला बेचने वाला बनाकर भेजा
पुलिस ने बताया कि जिस घर में बलवाई के आने की खबर थी, उसके पास दारोगा संजीव तोमर को केले बेचने वाला बनाकर भेजा गया। करीब पांच घंटे तक उन्होंने केले बेचे। लोगों से जानकारी हासिल करने के लिए केले सस्ते बेचे, ताकि भीड़ लग जाए। जैसे ही भीड़ जुटना शुरू हुई, दारोगा ने आरोपियों की सूचनाएं जुटाना शुरू कर दीं। आवश्यक सूचनाएं लेने के बाद दारोगा वापस आ गए।
बता दें कि फिरोजाबाद में बवाल करने वाले 29 लोगों के खिलाफ पुलिस संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई करेगी। इनकी सूची तैयार कर ली गई है। इन्हें जल्द ही नोटिस जारी किया गया है। आईजी रेंज ए सतीश गणेश का कहना है कि इनके खिलाफ साक्ष्य जुटा लिए गए हैं।
इसको लेकर उपनिरीक्षक सुनील तोमर का कहना है कि उनको जानकारी मिली कि 20 दिसंबर को फ़िरोज़ाबाद में बवाल के आरोपियों ने मंटोला में पनाह ली है, इसलिए मैंने पहले अपनी मूंछे साफ कराई फिर ठेले का इंतजाम कर, उन गलियों में घूमा और हमारी सूचना सही साबित हुई। गलियों में घूमने के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा किये गए मार्चपास्ट से भी सामना हुआ, लेकिन कोई पुकिसकर्मी मुझे पहचान नहीं पाया।
बेहतरीन कार्य के लिए पुरस्कार मिलेगा
नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को पकड़ने के लिए आगरा पुलिस ने नायाब तरीका अपनाया। जहांं सब इंस्पेक्टर सुनील तोमर हुलिया बदलकर कुछ इस तरह से उपद्रवियों की जानकारी हासि
उपनिरीक्षक सुनील तोमर को लेकर क्षेत्राधिकारी छत्ता उदयराज सिंह का कहना है कि वाकई में सुनील ने बेहतरीन काम किया है, ऐसे पुकिसकर्मी से बाकी  पुलिसकर्मियी का हौंसला बढ़ता है और सुनील के प्रशस्त्रि पत्र के लिए उच्चाधिकारियों को सिफारिशी पत्र लिखा जाएगा।
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ट्रक पर 1लाख 66 का टेक्स बाकी, क्रेन से उठवाया आरटीओ ने

 ट्रक पर 1लाख 66 का टेक्स बाकी, क्रेन से उठवाया आरटीओ ने
सागर । क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि  प्रवर्तन अमले के प्रभारी  अश्विनी खरे के साथ रेल्वे माल गोदाम पर वाहनों की चैकिंग की कार्यवाही की गयी।
रेल्वे मालगोदाम में एक ट्रक वाहन क्रमांक डच्16भ्1786 को चैक किया गया। जिस पर रू. 1.66 लाख बकाया था, जिसकी सूचना वाहनस्वामी को दिए जाने पर भी वह उपस्थित नहीं हुए, और उनके द्वारा ड्रायवर को भी नहीं भेजा गया, उक्त वाहन को क्रेन के माध्यम से टोचन कर कार्यालय परिसर तक लाया गया जिसका व्यय वाहनस्वामी से वसूल किया जावेगा। चैकिंग के समय कई बार वाहनचालक अपने वाहन छोड़कर छिप जाते है, जिससे उस वाहन पर चालानी कार्यवाही न की जा सके। अब ऐसी स्थितियों में वाहनों को टो कर कार्यालय तक लाया जावेगा।
इसी प्रकार ट्रक वाहन क्रमांक डच्15भ्।0458ए डच्15च्2763 पर टैक्स बकाया होने एवं 02 ट्रेक्टर प्रायवेट श्रेणी में पंजीकृत होकर व्यवसायिक उपयोग करते पाये गये जिन्हें जप्तकर कार्यालय परिसर में सुरक्षार्थ रखा गया। जप्तशुदा वाहनों से लगभग तीन लाख  लाख शमन शुल्क एवं टैक्स प्राप्त होने की संभावना है।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि चैकिंग की कार्यवाही में विशेष रूप से टैक्स बकाया वाहन, ओव्हर लोडिंग, वाहन चालक एवं परिचालक से संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण, फिटनेस, परमिट, स्पीड गर्वनर, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण जांच दल द्वारा किया गया।
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तकनीकी का चरमोत्कर्ष मानवता की मौत: रघु ठाकुर, शंकरदत्त चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यानमाला में

तकनीकी का चरमोत्कर्ष मानवता की मौत: रघु ठाकुर,
शंकरदत्त चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यानमाला में
सागर। समाजवादी चिन्तक  रघु ठाकुर ने कहा है कि पूर्वकालीन संस्कृति में वेतन रहित गुरुओं का दौर था। हिंदुस्तान की शिक्षा पर सबसे बड़ा हमला ब्रिटिश काल में हुआ।जैसी शिक्षा होती है वैसा समाज हो जाता है,जैसा समाज होता है वैसी शिक्षा हो जाती है।भारतीय शिक्षा इंसान को बनाने की, इंसानों को गढ़ने की थी। उन्होंने कहा कि नई तकनीक का दौर भगवान का विस्थापन कर देगा। नई तकनीक में हर कार्य मशीन करेगी तो भगवान का क्या कार्य हुआ।अब मास्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी। इंटरनेट से शिक्षा मिलेगी। तकनीकी शिक्षा के दौर में गुरु नाम की चीज नहीं होगी। तकनीकी का चरमोत्कर्ष मानवता की मौत है। वैश्वीकरण में सरकारी शिक्षा खत्म हो रही है‌। शिक्षा का निजीकरण हो रहा है।
श्री ठाकुर पं.मोतीलाल नेहरू उच्चतर माध्यमिक  शाला के प्राचार्य रहे आदर्श शिक्षक स्व.शंकर दत्त चतुर्वेदी की स्मृति में  "शिक्षा और समाज" विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को सम्बोधित कर रहे थे। प्रो.उदय जैन  इसके मुख्य अतिथि तथा आर.के.तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साहित्यकार प्रो.सुरेश आचार्य ने अध्यक्षता की।
अतिथियों द्वारा स्मृति दीप प्रज्ज्वलन व स्व. चतुर्वेदी के चित्र पर माल्यार्पण पश्चात् बुंदेली गायक शिव रतन यादव ने स्मृति गीत का गायन किया। अतिथि स्वागत हरी सिंह ठाकुर, अमित तिवारी,अंजना तिवारी और मुकेश तिवारी ने किया।श्यामलम् अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने कार्यक्रम परिचय दिया।स्व.चतुर्वेदी की पुत्री डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने स्वागत उद्बोधन दिया।आर.के.तिवारी ने स्व.चतुर्वेदी का जीवन परिचय दिया। दीपक तिवारी ने काव्य पाठ किया।
     रीवा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. उदय जैन ने इस अवसर पर स्व. चतुर्वेदी के संस्मरण साझा करते हुए कहा कि वे मेरे गुरु थे। म्युनिसिपल हायर सेकेंडरी स्कूल में उनसे शिक्षा प्राप्त करने का गौरव मुझे प्राप्त है। विधायक शैलेंद्र जैन ने चतुर्वेदी परिवार से अपने पारिवारिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्व.चतुर्वेदी उनके पिता के गुरु थे। अंग्रेजी शिक्षक के रूप में उनका कोई सानी नहीं था।वे एक अनुशासन प्रिय आदर्श शिक्षक के रूप में जाने जाते रहे।
 इस  अवसर पर शासकीय हाई स्कूल कुड़ारी की प्राचार्य डॉ.अंजना पाठक को'शंकरदत्त चतुर्वेदी शिक्षा सम्मान 2019' से विभूषित किया गया।साथ ही रघु ठाकुर और डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी को भी सम्मानित किया गया।
 प्रो. सुरेश आचार्य ने कहा संपूर्ण भारतीय शिक्षा पद्धति पर अगर सबसे कम नियंत्रण किसी का रहा है तो वे अध्यापक हैं और सर्वाधिक नियंत्रण राजनीतिक क्षेत्र का रहा है जिसका परिणाम यह है कि भारतीय शिक्षा पद्धति ने अपनी गरिमा खो दी है।कार्यक्रम का  संचालन चंचला दवे ने  तथा आशीष ज्योतिषी ने आभार माना।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर निर्मल चंद निर्मल,लक्ष्मी नारायण चौरसिया,डॉ.गजाधर सागर,डॉ.महेश तिवारी,डॉ.श्याम मनोहर सिरोठिया, डॉ राजेश दुबे,डॉ.वर्षा सिंह,डॉ.सुश्री शरद सिंह,डॉ.आनंद प्रकाश त्रिपाठी,ऋषभ समैया जलज,डॉ.शशि कुमार सिंह,सुनील भाई पटेल,डॉ.ए.के.पटेरिया, डॉ.नरेंद्र सिंह ठाकुर,डॉ.अरविंद बोहरे,डॉ.आर. के.पाठक,गोवर्धन पटेरिया,आर.के.चतुर्वेदी,इं. दुर्गेश गर्ग, दीपक तिवारी देवरी,डॉ.आलोक चौबे,डॉ. ऋषभ भारद्वाज,कपिल बैसाखिया, कुंदन पाराशर,संतोष पाठक,पी.आर.मलैया, वीरेंद्र प्रधान,टी.आर.त्रिपाठी,डॉ.सतीश पांडे, दामोदर अग्निहोत्री,शैलेंद्र ठाकुर,डॉ.रजनीश जैन,डॉ.नलिन जैन,वृंदावन राय सरल,डॉ.यू.के. चौबे,कैलाश तिवारी विकल,अतुल श्रीवास्तव, पुष्पदंत हितकर,के.एल.तिवारी अलबेला, मुकेश निराला, प्रभात कटारे, राघव रामकरण, आदर्श दुबे, रमेश दुबे,अभिनव दत्त दुबे, आशीष गौतम सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण, कब है सूतक काल और क्या रखे सावधानी,कहा दिखेगा ग्रहण




26 दिसंबर  को सूर्य ग्रहण, कब है सूतक काल और क्या रखे सावधानी,कहा दिखेगा ग्रहण

धर्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं। इस महीने 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। विज्ञान के मुताबिक इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिये।
यह भारत के अधिकांश हिस्सों में प्रभावी तौर पर दिखाई देगा। इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा यानी आप ग्रहण काल में सूर्य को एक चमकदार रिंग वलयाकार के तौर पर देख सकेंगे। ग्रहण को लेकर तमाम ज्योतिषीय भविष्यवाणी भी की जा रही है कि किन राशियों के लिए ये अच्छा प्रभाव लाएगी और किनके लिए इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।
सूर्य ग्रहण एक प्रकृतिक घटना है लेकिन इसके धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व अलग अलग हैं। साल का आखिरी महीना चल रहा है। 26 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण है। धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से ग्रहण काल अशुभ होता है। विज्ञान की मानें तो सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिये। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कई कार्यों को वर्जित माना गया है। आज हम आपको बतातें हैं कि सूर्य ग्रहण के समय क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिये।
ग्रहण का सूतक काल
सूर्य ग्रहण का समय और सूतक काल
भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर लगेगा और 10 बजकर 57 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा। खण्डग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट तक रहेगी। जबकि सूर्य ग्रहण में लगने वाला सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लग जाएगा

किस राशि और नक्षत्र में लग रहा है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण गुरु की राशि धनु और मूल नक्षत्र में लग रहा है। मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। सूर्य ग्रह, धनु राशि और मूल नक्षत्र के बीच की सामंजस्यता को देखें तो इन तीनों के मध्य अच्छी सामंजस्यता दिखाई दे रही है।
कन्या, तुला और कुंभ राशि को इस ग्रहण के प्रभाव से लाभ मिलेगा। उनकी पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ में तरक्की होगी। इसके अलावा पदोन्नति के आसार भी दिख रहे हैं। जबकि कर्क, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लिए कष्ट लेकर आएगा ये ग्रहण। स्वास्थ्य, आर्थिक हानि और तनाव जैसे संकट का कारक हो सकता है ये ग्रहण। इसके लिए अतिरिक्त अन्य राशियों को भी मध्यम स्तर का ग्रहण प्रभाव दिखाई देगा। अत्यधिक धन खर्च, संपन्न हो रहे कार्यों में बाधा आदि सूर्य ग्रहण के प्रभाव से हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां
-,गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
-सूर्य ग्रहण को आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के नहीं देखना चाहिए।
-आंखों पर ग्रहण के दौरान प्रयोग किये जाने वाले चश्मे लगाने चाहिए।
-इस अवधि में चाकू, छुरी या तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
-ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन न करें।
-इस समय पूजा करना और स्नान करना भी शुभ नहीं माना जाता।
-ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।
-ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
कहां कहां होगा ग्रहण का प्रभाव
 सूर्य ग्रहण भारत के साथ—साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी/पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में प्रभावी दिखाई देगा। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, चीन और पूर्वी एशिया के बड़े हिस्से में इस ग्रहण को अच्छे से देखा जा सकेगा।
भूकंप, सुनामी और बर्फबारी का खतरा
ज्योतिष गणना के अनुसार, ग्रहण से ठीक एक दिन पहले पौष माह में मंगल राशि परिवर्तन करके जल-तत्व की राशि वृश्चिक में प्रवेश करने वाला है। ऐसी स्थिति बड़े प्राकृतिक आपदा की ओर इशारा कर रही है। ग्रहण के 3 से 15 दिनों के भीतर भूकंप, सुनामी और अत्यधिक बर्फबारी का खतरा देश पर मंडरा रहा है।
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