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व्यापारी महासंघ ने कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह दिया ज्ञापन , निगम किरायेदारों को राहत की मांग

व्यापारी महासंघ ने कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह दिया ज्ञापन , निगम किरायेदारों को राहत की मांग 

सागर । व्यापारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील तिवारी के नेतृत्व में  मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में व्यापारी महासंघ ने मांग की है कि नगर निगम प्रशासन द्वारा निगम के पुराने किरायेदार दुकानदारों को किराया वृद्धि के नाम पर अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है ।अतः इस मामले में हस्तक्षेप कर व्यापारियों को तत्काल राहत दिलाई जाए। पहले निगम प्रशासन हर 3 वर्ष में 10 प्रतिशत किराया वृद्धि करता था इसे व्यापारी वर्ग सहर्ष स्वीकार करते हुये किराया जमा करता रहा है,। व्यापारियों ने बताया कि  पिछले 3 वर्षों से जिन किरायेदारों ने किराया राशि जमा कर दी है। उन्हें भी पेनल्टी लगा कर अधिक राशि जमा करने के लिये बाध्य किया जा रहा है, साथ ही राशि जमा न करने पर दुकानें कुर्क करने की धमकी दी जाती है।

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विधायक शैलेन्द्र जैन की मौजूदगी में हुई निगम परिषद् की बैठक में 10 प्रतिशत किराया वृद्धि के साथ राशि जमा करने का निर्णय हुआ था इसके परिपालन में व्यापारियों ने किराया जमा किया था किन्तु निगम प्रशासन अब उन व्यापारियों को भी परेशान कर रहा है । केबिनेट
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रतिनिधि मंडल कोआश्वासन दिया कि इस संबंध में शीघ्र उचित कार्यवाही कराकर व्यापारियों को राहत दिलाई जाएगी ।
ज्ञापन देने वालों में सुशील तिवारी, व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष मोहनलाल सौम्या, प्रकाश जैन, राहुल साहू, सूर्यांश तिवारी सुरेश पंजवानी, मोहन सड़ानी, विकास केशरवानी, सचिन संगवानी, चंद्रभान बुधवानी, कैलाश हासानी, मुख्तार भाई, नईम भाई, नरेन्द्र छबलानी, सहित अन्य लोग मौजूद थे।  व्यापारियों ने नगरीय प्रशासन मंत्री से आग्रह किया है कि कोरोना
काल के चलते व्यापारी वर्ग परेशान हैं, अतः बढ़ी हुई वृद्धि से तत्काल राहत दिलाई जाए।


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सागर तालाब पर फ्लाईओवर/ एलिवेटेड रोड का निर्माण शीघ्र हो : रघु ठाकुर ★अतिथि विद्वानों/शिक्षको को वेतन मिले

सागर तालाब पर फ्लाईओवर/ एलिवेटेड रोड का निर्माण शीघ्र हो : रघु ठाकुर 

★अतिथि विद्वानों/शिक्षको को वेतन मिले


सागर ।( तीनबत्ती न्यूज़)। सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा पिछले कई वर्षों से लगातार सागर झील के ऊपर चकराघाट से संजय ड्राइव तक फ्लाईओवर / एलिवेटेड रोड के निर्माण की मांग करता रहा है तथा इसको लेकर अनेक बार सागर से दिल्ली तक धरने प्रदर्शन करता रहा है। मोर्चे की निरंतर मांग व जन आंदोलन को स्वीकार कर  सभी केंद्र व राज्य की सरकारें फ्लाईओवर/ एलिवेटेड रोड के निर्माण की सहमति व्यक्त करती रही है। यह बात मोर्चा के संरक्षकऔर समाजवादी चिंतक  रघु ठाकुर ने कही । उन्होने कहा कि इस वर्ष  कोरोना की महामारी तथा लाकडाउन के कारण मार्च माह का दिल्ली का धरना संभव नहीं हुआ। मोर्चा मध्यप्रदेश नगरीय विकास मंत्री  भूपेंद्र सिंह  को धन्यवाद देता है कि उन्होंने पद ग्रहण करते ही अपने प्रथम सागर प्रवास पर ही मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल को न केवल आश्वस्त किया बल्कि उसी दिन स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर प्राथमिकता से फ्लाईओवर /एलिवेटेड रोड के काम को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया । 

मोर्चा ने दिया था केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन 

मोर्चा ने पिछले  वर्ष  मार्च में दिल्ली धरने के समय केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एवम्  प्रधानमंत्री मोदी  को ज्ञापन देकर फ्लाई ओवर / एलिवेटेड रोड के काम को स्मार्ट सिटी के  तहत लेने की मांग की थी क्योंकि उसके पहले यह कार्य स्मार्ट सिटी के कार्यों में शामिल नहीं थे।प्र मंत्री  को धन्यवाद कि उन्होंने इसे स्वीकार किया था और शामिल कराया था। उसी के बाद पहली बार  ग्वालियर मे स्मार्ट सिटी के कार्य में फ्लाई ओवर शामिल हो सका।मोर्चा फ्लाई ओवर/एलिवेटेड रोड की पूरी योजना स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार अधिकारियों को दे चुका है। जब  कमलनाथ जी मुख्यमंत्री थे तब भी  मोर्चे ने उन्हें अपने पुराने ज्ञापन की याद दिलाते हुए ज्ञापन सौंपा था तथा पूर्व मंत्री   जयवर्धन सिंह ने मोर्चे की मांग पर सहमति व्यक्त करते हुए तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक एवं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजने को निर्देशित  भी किया था। भूपेंद्र सिंह के विभागीय मंत्री बनने से नगर के नागरिकों के मन में उम्मीदें बढ़ी हैं और मोर्चे को  अपेक्षा है  वह अवश्य शीघ्र इस कार्य को पूरा करायेंगे।तथा इस जन आकांक्षा  को पूरा कराएंगे ।ताकि नगर को यातायात की समस्या जाम की समस्या और प्रदूषण की समस्या से स्थायी मुक्ति मिल सके । मोर्चे ने 25मई 2017 को तत्कालीन सड़क एवं परिवहन मंत्री  नितिन गडकरी को सागर शहर के तालाब के बीच से एक एलिवेटेड रोड/फ्लाईओवर  बनाने और डीपीआर बनवाने को ज्ञापन दिया था। जिसका उत्तर श्री गडकरी के कार्यालय से 14 जून 2017 को मिला था। तथा उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारी भोपाल को अग्रिम कार्यवाही का निर्देश दिया था ।वर्ष 2018व 2019 में 2 बार हम लोग श्री गड़करी जी से मिले। नितिन गडकरी  ने प्रोटोकोल तोड़कर दो बार तत्कालीन मप्र के  विभागीय सचिव  सुलेमान से फोन पर बात की और उन्हें कहा कि वे इस प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति  हेतु भेजें परंतु राज्य सरकार ने और विशेषत उस समय के ई एन सी ने अड़ंगा लगाकर फाइल को लंबित कर दिया। आजकल मीडिया में कुछ लोग त्रुटिपूर्ण व भ्रामक सूचनाएं दे रहे हैं ।जबलपुर में श्री गडकरी ने जिस प्रकार दो एनएच को मिलाने के लिए फ्लाईओवर स्वीकृत किया था उसी प्रकार दो एनएच भोपाल सागर और झांसी छिंदवाड़ा को फ्लाईओवर के माध्यम से सागर तालाब के ऊपर से  बनाकर  जोड़ने का निर्देश दिया था।तथा  उनके विभागीय  अधिकारियों को प्रस्ताव देने के लिए कहा था। यह प्रस्ताव तैयार भी हो गया था डीपीआर भी थी काफी काम आगे बढ़ा था ।अगर उस समय इ एन सी ने आंतरिक गुटबाजी  के चलते इस प्रस्ताव को रोका न होता और  दिल्ली भेज दिया होता तो यह कार्य चुका होता ऐसा कमही होता है कि केंद्रीय मंत्री किसी अधिकारी को फोन करें और इसके बाद भी अधिकारी प्रस्ताव न भेजे। अगर किसी भी जन प्रतिनिधि ने उस समय कृपा कर अपनी सरकार के अधिकारी से  प्रस्ताव भेजने भर की कृपा करा दी होती तो अभी तक काम बढ़ चुका होता। पर मोर्चा को खुशी है कि कम से कम अब विभागीय मंत्री श्री  सिंह ने इस कार्य को पूरा करने का संकल्प लिया है तथा अब मोर्चे को उम्मीद है कि चकराघाट से संजय ड्राईव तक के एलिवेटेड रोड/फ्लाई ओवर का निर्माण हो सकेगा। 

सर्वे: मध्यप्रदेश के 71 प्रतिशत युवाओं ने पूरे समय, 20 प्रतिशत ने कभी-कभी या बहुत कम तो 9 प्रतिशत ने मास्क पहना ही नहीं

★ 90 प्रतिशत लोग फेस मास्क पहनने लगें तो लॉक डाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी : सर्वे

 ★ पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी का मास्क व्यवहार पर सर्वे -

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बाल श्रमिकों को सुरक्षा मिले

मध्य प्रदेश में लगभग 8लाख बच्चे जो कानूनी तौर पर काम के लिए पात्र नहीं माने जाते मजदूरी करने को बाध्य है ।क्योंकि उनके अभिभावकों के काम छूट चुके हैं ।इनमें से 4लाख बच्चे तो उन अप्रवासी 17लाख मजदूरों के हैं जो कोरोना  के बाद बंद हुए कारखानों से बेरोजगार होकर घर वापस लौटे हैं। इन बच्चों की पढ़ने लिखने की उमर है परंतु इनके हाथों में किताब के बजाय कुदाल थमा दी गई है ।मध्य प्रदेश सरकार से हमारी मांग है कि इन बच्चों के अभिभावकों को रोजगार की व्यवस्था करें ताकि यह बच्चे पढ़ सके वरना सरकार स्वयम बाल श्रम कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने की अपराधी बन जाएगी ।

अतिथि विद्वानों/शिक्षको को वेतन मिले

प्रदेश के अतिथि विद्वान अतिथि शिक्षकों की स्थिति अत्यधिक दयनीय है ।उन्हें पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिला है। तथा जनभागीदारी में काम करने वाले शिक्षकों के विद्वानों की स्थिति तो और भी दयनीय है क्योंकि शिक्षण संस्थाएं बंद होने से फीस जमा नहीं हो रही और इन्हें कुछ भी राहत नहीं मिल पा रही। 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रीजी से अपील है कि वे इन अतिथि शिक्षक व विद्वानों की सहायता करें ताकि वे उनके जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें ।आज हालत यहहै की उनके ऊपर कर्ज हो गया है ।किराने वाले दूधवाले अब उन्हें उधार देने को भी तैयार नहीं है। कई लोग घबराकर आत्महत्या की मन स्थिति में है ।
मैं सभी अतिथि विद्वानों और शिक्षकों से अपील करूंगा की आत्महत्या जैसा कायराना काम ना करें बल्कि मुकाबला करें ।हम उनके साथ हैं समाज उनके साथ है ।हम मुख्यमंत्री जी  से अनुरोध करते हैं कि तत्काल इन्हे राहत पैकेज  की घोषणा करें ताकि ऐसी कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित न हो  पाएं ।

केंद्र कोरोना पेशन दे

मैं भारत सरकार से अपील करूंगा कि वह समूचे देश में कोरोना पेंशन योजना शुरू करें ।तथा जिनके रोजगार बंद हुए हैं काम समाप्त हुए हैं या काम नहीं हो रहे हैं ऐसे कोरोना  बेरोजगारों को प्रतिमाह न्यूनतम ₹10000 की राशि देने घोषणा करें जब तक की अर्थव्यवस्था और काम धंधे सुचारू रूप से नहीं चलने लगते ।
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बीएमसी में कोरोना संक्रमितों की कलाई पर बंधी राखी ,स्टाफ नर्स यशोदा बनी बहिन

बीएमसी में कोरोना संक्रमितों की कलाई पर बंधी राखी ,स्टाफ नर्स यशोदा बनी बहिन


सागर ।  बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में  कोविड-19 वार्ड में कोरोना पीड़ित व्यक्ति, जो उपचाररत हैं उनके लिए स्टाफ नर्स यशोदा बहन बनकर आई और सभी भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
आज रक्षाबंधन हैं और बहिन भाई के लिए राखी बांधकर तिलक लगती हैं, कोरोना काल मे सारे तीज त्यौहार फीके होते जा रहें हैं और कोरोना वायरस के चलते भर्ती मरीज सब से अलग थलक हैं। लेकिन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड की आज अलग ही तस्वीर दिखी। वहां भी रक्षाबंधन पर्व मनाया गया और स्टाफ नर्स यशोदा रजक जब वार्ड में राखी की थाली लेकर पहुँची तो सभी मरीजों के चेहरों पर मुस्कान आ गयी। यशोदा ने एक-एक कर सभी कोरोना संक्रमित मरीजों को राखी बांधी और तिलक लगाकर मिठाई खिलाई। यह सब संभव हो पाया हैं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जी एस पटेल, डॉ अभय टिर्की और डॉ मनीष जैन,डॉ उमेश पटेल के प्रयासों से।

 पढ़े : मध्यप्रदेश के 71 प्रतिशत युवाओं ने पूरे समय, 20 प्रतिशत ने कभी-कभी या बहुत कम तो 9 प्रतिशत ने मास्क पहना ही नहीं

★ 90 प्रतिशत लोग फेस मास्क पहनने लगें तो लॉक डाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी : सर्वे

 ★ पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी का मास्क व्यवहार पर सर्वे -

बीएमसी के डीन डॉ जी एस पटेल  से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हम लोगो ने कल ही यह प्लान कर लिया था। स्टाफ नर्स यशोदा ने पीपीई किट पहिनकर आज कोविड-19 वार्ड में भर्ती मरीजों को राखी बांधी और मिठाई खिलाई। आज मरीजों को त्यौहार में बनने वाले पकवान भी खिलाये गए। डॉक्टर पटेल ने बताया कि हम लोगो का हमेशा ही प्रयास रहा कि बीएमसी के वार्डो में घर जैसा माहौल दें। इस मोके पर मरीजो की आंखों में खुशियों के आँसू भी थे।

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मध्यप्रदेश के 71 प्रतिशत युवाओं ने पूरे समय, 20 प्रतिशत ने कभी-कभी या बहुत कम तो 9 प्रतिशत ने मास्क पहना ही नहीं ★ 90 प्रतिशत लोग फेस मास्क पहनने लगें तो लॉक डाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी : सर्वे ★ पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी का मास्क व्यवहार पर सर्वे

 मध्यप्रदेश के 71 प्रतिशत युवाओं ने पूरे समय, 20 प्रतिशत ने कभी-कभी या बहुत कम तो 9 प्रतिशत ने मास्क पहना ही नहीं

 ★ 90 प्रतिशत लोग फेस मास्क पहनने लगें तो लॉक डाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी : सर्वे

★ पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी का मास्क व्यवहार पर सर्वे, कई चोकाने वाले तथ्य मिले
भोपाल। मध्यप्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले 71 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना काल में पिछले 7 दिनों में मास्क पहना है। वहीं 16 प्रतिशत युवाओं ने कुछ समय के लिये तथा शेष 4 प्रतिशत ने बहुत ही कम समय के लिए मास्क पहना है। 
यह निष्कर्ष जॉन हापकिंस संचार कार्यक्रम के रिसर्च एवं स्ट्रैटिजिक प्लानिंग के पूर्व निदेशक प्रदीप कृष्णात्रे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी भोपाल के चेयरमैन पुष्पेन्द्र पाल सिंह एवं पीआरएसआई के नेशनल काउंसिल मेम्बर मनोज द्विवेदी एवं सचिव डॉक्टर संजीव गुप्ता द्वारा जुलाई 2020 के अंतिम सप्ताह में किये गये ऑनलाइन सर्वे में सामने आये हैं।

यह अध्ययन देश भर के 7 राज्यों में संचार एवं पत्रकारिता के फैकल्टी मेम्बर द्वारा फेस मास्क व्यवहार को लेकर किये गये व्यापक सर्वे का एक हिस्सा है। मध्यप्रदेश के 70 विभिन्न शहरों और कस्बों के 1 हजार से अधिक युवाओं ने ऑनलाइन प्रश्नावली भरकर इस अध्ययन में हिस्सा लिया। इन 1 हजार रिस्पांडेंट में से 90 प्रतिशत 18 से 25 वर्ष की आयु के एवं अविवाहित हैं। इनमें से 87 प्रतिशत लड़कियां, 67 प्रतिशत स्नातक, 22 प्रतिशत परास्नातक एवं पी.एचडी. थे। इनमें 11 प्रतिशत ऐसे भी थे जिन्होंने हायर सेकेण्डरी या उससे कम शिक्षा प्राप्त की है। 


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ऐसे युवा जो फेस मास्क पहनते हैं उनमें से 54 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना संक्रमण से स्वयं को बचाने के लिये, 8 प्रतिशत ने दूसरों को बचाने के लिये मास्क पहनते हैं। 23 प्रतिशत मानते हैं कि बाद में संक्रमण हो इससे बेहतर है कि मास्क पहनकर सुरक्षित रहा जाये। कुछ लोग स्वयं एवं दूसरो,  दोनों को बचाने तो कुछ लोग इसलिए भी मास्क पहनते हैं कि उनके परिवार के एवं नजदीकी मित्र भी मास्क पहनते हैं। इस सर्वे में 9 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्होंने स्वीकार किया कि वह मास्क  पहनते ही नहीं हैं। इसके दो अलग-अलग कारण उन्होंने बताए। पहला कि वह या तो घर से बाहर ही नहीं निकलते हैं या फिर वह स्वयं अपनी सुरक्षा कर लेते हैं। सर्वे में बहुत कम संख्या में लोगों ने मास्क ना पहनने के यह कारण भी बताये हैं कि 'वह बहुत सशक्त हैं, उन्हें कुछ नहीं हो सकता है' या कि 'मास्क पहनना बहुत महंगा है।' 

युवा किस तरह के मास्क पहनते हैं इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि 57 प्रतिशत कपड़े का बना, 20 प्रतिशत एन-95 व 18 प्रतिशत सर्जिकल मास्क पहनते हैं। अध्ययन में 48 प्रतिशत यानि कि लगभग आधे लोगों ने बताया कि वह लोगों से बात करते समय कभी भी मास्क नहीं उतारते हैं। किन्तु 9 प्रतिशत हर समय मास्क उतारते हैं। 21 प्रतिशत कभी-कभी, 22 प्रतिशत बहुत ही कम मास्क उतारते हैं। युवाओं में आधे से अधिक यानि 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मास्क पहनना असुविधाजनक नहीं है। जबकि शेष इसे असुविधाजनक मानते हैं।

90 फीसदी मानते है मास्क संक्रमण रोकता है

इस अध्ययन में  उत्तरदाताओं से 5 प्रश्न  फेस मास्क पहनने के लाभ संबंधित ज्ञान को जांचने के लिये पूछे गये थे। इन प्रश्नों के उत्तर में 90 प्रतिशत स्वीकार करते हैं कि फेस मास्क हवा से कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करता है। इसी प्रकार 90 प्रतिशत ही यह भी मानते हैं कि फेस मास्क वहां भी मददगार होता है जहां समाज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पाना कठिन होता है। सर्वे में 71 प्रतिशत का यह मानना है कि फेस मास्क को छूने से यह सुरक्षा करने में सहायक नहीं होता है। ऐसी स्थिति में इसे बदला जाना आवश्यक होता है। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि सर्वे में शामिल सिर्फ 42 प्रतिशत लोग ही मानते हैं कि फेस मास्क कोविड-19 से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने में सहायक है। सर्वे के 63 प्रतिशत लोग यह मानते है कि यदि आबादी के 90 प्रतिशत लोग फेस मास्क पहनने लगें तो लॉक डाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। 

पुलिस के डर से भी लगाते है मास्क

55 प्रतिशत लोग फेस मास्क का एक बार से अधिक उपयोग करते हैं। 80 प्रतिशत उसका दोबारा उपयोग करने से पूर्व उसे धोते हैं। इस अध्ययन में एक मजेदार बात यह सामने आयी कि 28 प्रतिशत लोग पुलिस की उपस्थिति के कारण मास्क पहनते हैं। युवा उपयोग किये गये मास्क को नष्ट करने के लिये भी अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। 60 प्रतिशत लोग इसे डस्टबिन में डालकर हाथ धोते हैं। यह डस्टबिन घर के अंदर या बाहर दोनों में से कहीं भी रखा होता है। कुछ लोग इसे गाड़ देते हैं या जला देते हैं या घर के बाहर फेंक देते हैं। एक चौथाई लोग फेस मास्क नष्ट नहीं करते हैं, क्योंकि यह फेस मास्क कपड़े का बना होता है। कुछ लोग फेस मास्क को दोबारा उपयोग करने से पूर्व पानी या डेटाल से धोते हैं।

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भाई को राखी बांधने से पहले ही बहिन का पूरा परिवार हुआ खत्म, सड़क हादसे में पति-पत्नी दोनों बच्चों की मौत


भाई को राखी बांधने से पहले ही बहिन का पूरा परिवार हुआ खत्म, सड़क हादसे में पति-पत्नी दोनों बच्चों की मौत


नरसिंहपुर। भाई की कलाई पर राखी बांधने के जुनून में ट्रक पर बैठकर जबलपुर जा रही एक बहन  का पूरा परिवार सड़क हादसे में मौत का शिकार बन गया। सोनकच्छ देवास से जबलपुर के शहपुरा  के लिए तेल के जार से भरे ट्रक में बैठकर एक परिवार निकला था। गाडरवारा के पास यह पलट गया जिसमें चार की मौत हो गई । 

यह दर्दनाक हादसा गाडरवारा  के नांदनेर गांव में रक्षाबन्धन पर सुबह हुआ। गाडरवारा टीआई अखिलेश मिश्रा ने बताया कि सोनकच्छ देवास निवासी किराना व्यवसायी वीरेंद्र मिजाजी (35) पत्नी पूजा के कहने पर अपने ससुराल जबलपुर के लिए रविवार रात को सोनकच्छ स्थित घर से तेल के कंटेनरों से भरे ट्रक पर सवार होकर निकले थे। उनके साथ 11-12 साल के दो बच्चे लक्ष्य और मयंक भी थे।
ट्रक ड्राइवर ने इन्हें कंटेनरों पर बिस्तर बिछाकर सोने की इजाजत दी थी।  सोमवार तड़के नांदनेर गांव के पास ट्रक के पलटने पर ये दंपती और उनके बच्चे 20-20 लीटर के दर्जनों कंटेनरों में दबकर हमेशा के लिए शांत हो गए। वहीं हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर व कंडक्टर फरार बताए जा रहे हैं। जिस ट्रक एमपी 46 G 1222 से ये हादसा हुआ वह इंदौर के खजराना निवासी मोहम्मद हनीफ खान का बताया जा रहा है। इंदौर व देवास पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई है।

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उच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार मजबूती से रखेगी पक्ष,
कांग्रेस  सिर्फ पांखड करती रही:केबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह -

राखी के लिए पत्नी को छोड़ने जा रहे थे जबलपुर
सोनकच्छ से मिली जानकारी के अनुसार वीरेंद्र मिजाजी मूल रूप से सीहोर के रहने वाले थे, सोनकच्छ में अपने मामा राधेश्याम बजाज के यहां बचपन से रहते थे। वे राखी के त्योहार पर पत्नी पूजा को ससुराल छोड़ने जबलपुर जा रहे थे। वीरेंद्र सोनकच्छ में ही एक किराना दुकान चलाते थे। जानकारी के मुताबिक जबलपुर में पप्पू गुप्ता उनके साले रहते हैं, इन्हें राखी बंधवाने वीरेंद्र अपनी पत्नी को लेकर घर से निकले थे।

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उच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार मजबूती से रखेगी पक्ष, कांग्रेस सिर्फ पांखड करती रही:केबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह

उच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार मजबूती से रखेगी पक्ष, कांग्रेस  सिर्फ पांखड करती रही:केबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह


सागर। नगरीय विकास  एवं आवास मन्त्री भूपेंद्र सिंह  ने प्रदेश में  ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर कहा है कि सरकार आरक्षण को दिलाने प्रतिबद्ध है। उच्च न्यायालय में 18 अगस्त को मजबूती से अपना पक्ष रखेगी। उनहोने कहा कि  कांग्रेस मामले में पाखंड करती रही। अदालत में पक्ष नही रखा । आठ महीने तक कोई कांग्रेसी सरकार उपस्थित तक नही हुई। 

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उन्होंने सागर में  एक बयान में बताया कि उच्च न्यायालय में मजबूती से पक्ष रखने के लिए भारत के जनरल सॉलीसीटर तुषार मेहता को सरकार ने पत्र  भेजा है कि वे अदालत में सुनवाई के दौरान पक्ष रखें।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और सरकार  आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।  18 अगस्त को न्यायालय में पूरी ताकत से इस बात को रखेगी ताकि 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को मिल सके।

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