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जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं: श्री कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं
: श्री कमल किशोर नागर जी

★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन

★कथा के छठवें दिन ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे हजारों श्रद्धालु

"★ खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी का किया सम्मान


सागर ।  मैंने आपको नव वर्ष की बधाई नहीं दी। हम अंग्रेजी नववर्ष मनाकर उनको पीड़ा पहुंचाएं  जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह गलत परंपरा है देश की संस्कृति,धर्म को न भूलें। हमारा नववर्ष चैत्र मास से शुरू होता है।जवान पर हिंदी और माथे पर बिंदी यह हमारे देश की पहचान है ,इसे कभी मत भूलना । उक्त कथन संत कमल किशोर  नागर जी ने ग्राम पटकुई बरारू स्थित वृंदावन धाम में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के छठवें दिन श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालुओं को सीख देते हुए कहा कि हम थोड़ा पढ़ लिख गए और अच्छी नौकरी मिल गई तो हमने आधुनिक बनकर संस्कृति को भुला दिया। खासकर कुछ महिलाएँ तो और भी आगे निकल गई है चूड़ी नहीं पहनेंगी, मांग नहीं भरेंगे, बिंदी नहीं लगाएंगी, बिछड़ी ,पायल पैरों से गायब है। पेट तो मजदूर भी भरते हैं , लेकिन उनकी महिलाओं के माथे पर बड़ी बिंदी और मांग भरी हुई होती है। थोड़े से पैसे क्या आए कि शरीर से सब कुछ गायब हो गया। पेट तो कुत्ता भी भरता है ,लेकिन जो मांग भर्ती हैं वह भारतीय नारी हैं ।जो महिला मांग नहीं भर्ती ,बिंदी नहीं लगाती उसे मनुष्य नहीं कहा जा सकता।

कपड़े ऊंचे और कर्म नीचे हो गए:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि हम पढ़े तो थोड़ा लेकिन ल  बिगड़ ज्यादा गये है ,उससे ज्यादा खराब हालात यह हैं कि हमारी बहन, बेटियों ने अपने शरीर पर कपड़े कम कर दिए हैं। यहां तक कि अब ओछे, पतले और कपड़े ऊंचे हो गए हैं ।कपड़े ओछे हो और कीमत ज्यादा हो तो उसका कोई महत्व नहीं है। कपड़े से तन ढका हो और उनकी कीमत कम हो तो ही ठीक है। जब से कपड़े ऊंचे हुए हैं, तब से कर्म नीचे गिर गए हैं ।हम बंगलों में रहते हैं ,खूब कमाते हैं  फैशन में प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन चरित्र में हम बहुत नीचे चले गए हैं । जो चरित्र से गिर जाता है, उसके हजार जन्म बिगड़ जाते हैं। चरित्र बिगड़ जाए तो फिर मीरा, राम,कृष्ण  बौद्ध कहां से लाओगे।
 
घाव की तरह  शरीर भी ढको:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि जब शरीर पर घाव हो जाए और हम उस पर पट्टी ना बांधे तो मक्खियां  भिनभिनाने लगती हैं ,और पट्टी बांध लो तो मक्खियां नहीं आती। इसी तरह शरीर भी है, इसे ढककर रखो क्योंकि मक्खियां बहुत है। फिर कहते हो पुलिस ,शासन ध्यान नहीं देता। हम सिर्फ धन ,मकान ,जमीन ,जायदाद संभालने में लगे हैं। लेकिन संतान नहीं संभाल रहे ।आप अपने आप से सम्हलो और शरीर में ऐसा घाव ही मत होने दो जिस पर मक्खियां आकर बैठ सके। संत श्री ने कहा कि तिजोरी खुली छोड़ देना, धन संपदा ,जमीन जायदाद सूनी  छोड़ देना ,पर छोरी (लड़की) को सुनी नहीं छोड़ना। तिजोरी से चला गया तो लौट सकता है लेकिन छोरी चली गई तो फिर सिर ऊंचा नहीं होगा । कर्म ऐसे करो कि सिर हमेशा ऊंचा रहे,बाद में पछताने से कुछ नहीं होगा।


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं:-

संत नागर जी ने कहा कि हमेशा भगवान से प्रार्थना करना कि हमें  ना किसी की   गरज हो और ना किसी का हम पर करज (कर्ज )हो ।बस इतना ध्यान रखना कि नमन मत छोड़ना ।जीवन में हमारे हाथ में पछतावा के अलावा कुछ नहीं है। आए तो पछता रहे ,बच्चे पैदा किए तो पछता रहे, धन कमाया तो, सुखी है तो, जा रहे हैं तो भी पछता रहे हैं। तो फिर इस जीवन का क्या। इसलिए भजन ही सब कुछ है। जो लोग धन-धन करते हैं उन्हें पता ही नहीं चलेगा कि कब निधन का समय आ गया। यदि धन सत्य होता तो अंतिम यात्रा में हम हाय धन, हाय धन ही बोलते। अंतिम समय में हम सिर्फ राम नाम सत्य है बोलते हैं ।आप यह मान लो कि ना धन सत्य है, ना बेटा सत्य है, ना पत्नी सत्य है ,ना जीवन सत्य है। सिर्फ सत्य है तो ईश्वर सत्य है। राम ,कृष्ण सत्य है और इसी को भजने में ही जीवन का सार है।

पकड़ो ,मत जाने दो और पकड़ो मत ,जाने दो मैं काफी अंतर है:-

संत नागर जी ने कहा कि अपना जीवन सादा रखो। भगवान शंकर ने अपने विवाह में श्रृंगार न कर सादगी का संदेश दिया। ठाकुर जी जब ब्रज से और राम जी जब अयोध्या से जाने लगे तो वहां के लोगों ने कहा कि पकड़ो, मत जाने दो, यह आस्था का प्रतीक है। और जब कृष्ण मथुरा पहुंचे और पहलवानों ,हाथियों को उठाकर पटका, राम का रावण से युद्ध हुआ, तो कंस और रावण की एक ही आवाज थी पकड़ो मत, जाने दो। उन्होंने कहा कि नीति के बिना राज,कुसंगत से संगत और शराब से खानदान समाप्त हो जाते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखो की बुरी आदतों को हमेशा पकड़ो मत, जाने दो और अच्छी आदतों, कर्म, भगवान को हमेशा पकड़ो, मत जाने दो का ध्यान रखो।


घर में हमेशा छह का सेट होना चाहिए:-

 संत नागर जी ने कहा कि जिस प्रकार बर्तनों के  विभिन्न संख्याओं के सेट होते हैं। उसी तरह परिवार में भी सेट होना चाहिए। आजकल हम दो, हमारे दो पर आधारित है। या फिर दो का सिर्फ  पति-पत्नी दो का सेट भी चल रहा है। परिवार वह अच्छा है, जिसमें छह का सेट हो यानी वृद्ध माता पिता, लड़का- बहू, बेटा, बेटी होना चाहिए। ध्यान रखना कि केला का छिलका कितना भी खराब हो परंतु चिपका रहे है तो केला सुरक्षित रहता है। इसी तरह वृद्ध माता-पिता कितने भी बुरे क्यों ना हो ,उन्हें छोड़ना मत। उनका अनुभव कब, कहां काम आ जाए कोई भरोसा नहीं। वृद्ध कैसे भी हो हम उनसे ढके हैं, सुरक्षित है और लुटेरे लुचचो से बचे हैं इसलिए आदर्श घर मे छह सदस्यों का सेट होना जरूरी है।




वेदों का सार श्रीमद् भागवत में निहित:-

 संत नागर जी ने कहा कि संपूर्ण वेदों का सार श्रीमद् भागवत कथा में निहित है ।जब हम कथा को विदा करेंगे  वेदना होगी। वेदना से किसी का नुकसान नहीं होता है। इसका कारण वेद है ।आप 4-5 एक जगह बैठकर कथा सुनते हो, सुविधाजनक न हो  परंतु वेदना नहीं होती ।क्योंकि वेद आपके शरीर में प्रवेश कर रहा है ।श्रीमद्भागवत में भगवान विराजमान है और वेद आपको वेदना से लड़ने की शक्ति देता है। अंदर के मनोविकार मिटाकर ही साधना सफल होगी ,और यह वेद सुनने से आएगी।




कंस वध, कृष्ण- रुक्मणी विवाह का वृतांत सुनाया :-

संत नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण द्वारा ब्रज छोड़ने, गोपियों के वियोग, कृष्ण द्वारा कंस वध ,कृष्ण रुक्मणी विवाह ,महाभारत के कुछ प्रसंगों को विस्तार से वर्णन किया।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ,मोकलपुर, तिवारी का सम्मान

सागर मैं प्रथम वार संत नागर जी कथा कराने के उपलक्ष में खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सुशील तिवारी का संत नागर जी ने हाटकेश्वर धाम प्रतीक चिन्ह एवं गमछा भेंट कर सम्मान किया । शाम को नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह संत नागर जी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया ।इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,मदन सिंह राजपूत, राकेश राय ,विनोद गुरु, जगदीश गुरु, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।

स्वयं भोजन बनाते हैं नागर जी:-
 संत कमल किशोर नागर जी की दिनचर्या कुछ हटकर ही है। उनके शिष्य राकेश राय, मदन सिंह ने बताया कि संत नागर जी कथा के लिए जहां भी जाते हैं कुटिया में निवास करते हैं। अपना राशन बिस्तर  साथ लेकर चलते हैं। संत श्री अपना भोजन स्वंय बनाते हैं ।पीने के लिए नर्मदा जल का उपयोग करते हैं, जो वह अपने साथ लेकर आते हैं। नियमित निस्तार के लिए ही बाहर का पानी लेते हैं  और जरूरत के हिसाब से दूध लेते हैं। सुबह 4:00 बजे उठकर स्नान, भजन से संत नागर जी की दिनचर्या शुरू होती है ।संत श्री के साथ कथा में भजन संकीर्तन में जयंत ,धर्मेंद्र एवं दुर्गेश संगीत पर संगत देते हैं। जहां भी कथा होती है यह लोग वहां साथ ही जाते हैं।



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भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री भूपेन्द्र सिंह

भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री  भूपेन्द्र सिंह

सागर। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नव वर्ष 2022 के प्रथम दिन राजघाट मार्ग स्थित सद्गुरू कबीर धाम में आयोजित समारोह में सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ का विमोचन किया। अपने संबोधन में मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सद्गुरू कबीर और उपस्थित संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि भारत भूमि संतों-ऋषियों की भूमि है। जिन्होंने गृहस्थ आम जनता को ज्ञान और दिशा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि संतों की वाणी हमें जरूर सुनना चाहिए। क्योंकि उनकी वाणी से निकले वचनों में न जाने कौन सा शब्द ऐसा आ जाये कि हमारा पूरा जीवन बदल जाये।_
     सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ के विमोचन समारोह में आमंत्रित पूज्य संतगण चरणदास बापू जी महाराज लीबड़ी सौराष्ट्र गुजरात, आचार्य विचारदास जी साहेब मगहर, आनंददास जी साहेब चित्रकूट, मंगल साहेब नादिया छत्तीसगढ़, दयानंद साहेब दाहोद गुजरात, साध्वी मायादेवी उज्जैन, कमलेशदास शास्त्री साहेब बड़ोदरा गुजरात, राजेन्द्र साहेब शास्त्री डाकोर गुजरात, गणेशदास साहेब जम्बूसर गुजरात तथा विशेष अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी, ग्रंथ की रचयिता आचार्य रामजीवन शास्त्री उपस्थित थे। समारोह का संयोजन नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने किया।  

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सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र को संस्कृत के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 के लिए नामित किया गया है। संस्कृत साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रो. मिश्र की कृति सृजति शंखनादं किल चुनी गई है।

डॉ. हरि सिंह विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय में दो दशक से अधिक अध्यापन के बाद वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के पद पर वर्ष 2006 से वर्ष 2021 तक सेवाएं दिए। प्रो. मिश्र संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं।
प्रो. मिश्र की संस्कृत-हिंदी में 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह जानकारी सागर विश्विद्यालय के पूरा छात्र और काशी हिन्दू विश्विद्यालय मे कार्यरत डॉ संजीव सराफ ने दी।
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SAGAR : पुलिस ने पकड़े दो चोर, आठ किलो चांदी बरामद

SAGAR : पुलिस ने पकड़े दो चोर, आठ किलो चांदी बरामद


सागर। सागर पुलिस ने नकबजनी करने वाले दो चोरों से 08 किलो चांदी कीमती
करीबन 2,00,000/-लाख रूपये(दो लाख रूपये) की बरामद की है। पुलिस के अनुसार दिनांक 30/08/21 को फरियादी कपिल कुमार जैन पिता श्री बीरेन्द्र कुमार जैन निवासी गोला कुआ वर्धमान कलोनी सूबेदार वार्ड ने थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 29/30.08.2021 की दरम्यानी रात्रि में इसके बने दुकान/मकान गुलाब बाबा मंदिर के पास से रात्रि मे अज्ञात आरोपीयों द्वारा बने दुकान/मकान का ताला तोड़कर चांदी की पत्ती और चांदी की तार चोरी कर ले गये, रिपोर्ट पर थाना मोतीनगर में धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक सागर श्री तरुण नायक के द्वारा लगातार हो रही चोरियों पर अंकुश लगाने एवं संपत्ति संबंधी अपराधों में धरपकड़ हेतु विशेष अभियान जिले के समस्त थानों में चलाया जा रहा है।
इसी तारतम्य में  थाना प्रभारी कोतवाली श्री सतीश सिंह के नेतृत्व में उनि0 नेहा सिंह गुर्जर, आर0 अमित शुक्ला, अमर तिवारी प्रआर. जानकीरमण मिश्रा, प्रआर मुकेश, अमित, चौबे, आरक्षक आशीष गौतम, आरक्षक पवन, आरक्षक प्रदीप शर्मा, एवं थाना मोतीनगर सागर से सहायक उप निरीक्षक सोहन मरावी के दवारा विशेष सतत् अथक प्रयासों से आरोपी दीपक उर्फ घोड़ा ठाकुर एवं संदीप पटैल को अभिरक्षा में लिया गया।
उक्त आरोपीयों से पूछताछ पर उसके द्वारा चोरी किया गया मशरूका चांदी 08 किलो कीमती करीबन 2,00,000/- लाख रूपये (दो लाख रूपये) को बरामद किया गया है। जिला सागर में चोरी की वारदातों पर अकुंश लगाने हेतु धर-पकड़ हेतु अभियान जारी है।

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पिछडा वर्ग महापंचायत की बैठक आयोजित

पिछडा वर्ग महापंचायत की बैठक आयोजित


भोपाल ।राष्ट्रीय पिछडा वर्ग अधिकार संगठन पिछडा वर्ग विकास मोर्चा  ओबीसी एडव्होकेट वेलफेयर एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान मे कल भोपाल के रवीन्द्र भवन मे आयोजित पिछडा वर्ग महापंचायत को संबोधित करते हुए मप्र कांग्रेस कमेटी  महासचिव रमाकांत यादव ने कहा कि 
धारा के विपरीत चलने वाले लोगों की बात को हमें सुनना और समझना होगा कबीर से लेकर रैदास जैसे संत हमेशा इसी तरह समाज को जगाते रहे, समाज ने उनकी बात को नहीं समझा परंतु आज फिर हम कुछ लोग लगे हुए हैं हमारी बात को सुनो, समझो और जागो ।
   महापंचायत में विभिन्न संगठनों एवं जातीय सामाजिक संगठनो के प्रमुखो ने भी पंचायत को संबोधित किया इस अवसर पर महेन्द्र सिंह (पूर्व डिप्टी कलेक्टर) एडव्होकेट रामेश्वर ठाकुर, पूर्व न्यायधीश आर सी चौरसियॉ, अधिवक्ता त्रय उदय साहू, विनायक साहू, एवं अशोक चौरसियॉ यादव महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव, पूरनसिह आचार्य, मुस्लिम पिछडा वर्ग के प्रदेश प्रमुख आरिफ अजीत, रवि सोनी, के पी कुर्मवंशी, बुद्धसेन पटेल, प्रकाश धाकड, रामविश्वास कुशवाहा मदनगोपाल रजक, कल्लू पटेल सागर, सतीश सोनी, जगदीश कोरी, बद्रीप्रसाद अवधियॉ, आदि उपस्थित थे
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चकरपुर, मढ़िया बांध के कार्य स्थल का निरीक्षण किया मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने

 चकरपुर, मढ़िया बांध के कार्य स्थल का निरीक्षण किया मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने

सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज बीना नदी परियोजना के तहत बन रहे चकरपुर बांध और मढ़िया बांध के कार्यस्थलों का निरीक्षण किया। प्रोजेक्ट की कार्ययोजना को प्रगति की मौके पर देखा और 30 जून तक गेट लगाने का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।_
 मंत्री श्री सिंह ने कहा कि परियोजना में प्रभावित हो रहे किसानों को शासन की गाइड लाइन के अनुसार तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके लिए शिविर लगाने की आवश्यकता पड़ती है तो तत्काल लगाएं और मुआवजे का वितरण करें। उन्होंने निर्देश दिए कि, 30 जून 2022 तक बांध में गेट लगाने का कार्य सुनिश्चित करें। बांध से पाइप लाइन डालने का काम भी तीव्र गति से किया जाए।
     मंत्री भूपेंद्र सिंह ने निर्माण स्थल से ही सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव श्री मिश्रा को दूरभाष पर निर्देश दिए कि, चकरपुर डेम में गेट लगाने के लिए अलग से डीपीआर तैयार करें और 30 जून तक गेट लगाना सुनिश्चित किया जाए। बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध, चकरपुर बांध एवं प्रेशराइज्ड पाईप द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 
     उन्होंने बताया कि ग्राम गाबरी तहसील राहतगढ़ के समीप मड़िया बांध का निर्माण कर 270.10 एमसीएम जल का भंडारण किया जाना है। सिंचाई की आवश्यकता के अलावा 21 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करने के उपरांत पानी नदी में पुनः छोड़ दिया जायेगा। 
उक्त जल का पुनः भंडारण करने हेतु मड़िया बांध के डी./एस. में ग्राम मूलना मानगढ़, राहतगढ़ के समीप 71 मि.घ.मी. क्षमता का चकरपुर बांध निर्माण कर प्रेशराइज्ड पाईप के द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से राहतगढ़, खुरई, बीना एवं मालथौन विकासखण्डों की 90,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाना प्रस्तावित है। 
     नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा था कि बीना नदी परियोजना के बांधों की प्रगति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के लिए वे स्वयं 31 दिसम्बर, 21 को बीना नदी परियोजना की साइटों का दौरा कर कार्य की प्रगति देखेंगे।
     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि, जलजीवन मिशन के तहत खुरई विकासखंड के ग्रामों को मढ़िया व चकरपुर बांधों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कार्य की समयावधि बताते हुए जानकारी दी गई कि वर्ष 2022 के अंत तक 14239 हेक्टेयर, नवम्बर 2023 तक 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की पाइप लाईन का कार्य पूर्ण होगा। मालथौन के 17450 हेक्टेयर तथा खुरई के 14319 हेक्टेयर कृषि भूमि तक समय सीमा में पाइपलाईन पहुंच जाएगी। नहरें बनाने का कार्य नवम्बर 2023 में पूर्ण कर लिया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने अधिकारियों से पाईपलाइन की शीघ्र व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
     बीना नदी परियोजना से खुरई विकासखण्ड के 174 गांव में घर-घर नल से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी लागत 456 करोड़ रूपए है। इसी तरह बण्डा वृहद परियोजना से मालथौन विकासखण्ड के 174 ग्रामों में 365 करोड़ की लागत से घर-घर पेयजल सप्लाई होगा।
     इस अवसर पर बिना विधायक महेश राय, कलेक्टर दीपक आर्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्षतिज सिंघल, अनुविभागीय अधिकारी राहतगढ़ देवेंद्र सिंह, अधीक्षण यंत्री चकरपुर मडिया डेम अनिल पिपरी, योगेश भोसले थाना प्रभारी, आनंद राज सहित भाजपा नेता, कार्यकर्ता एवं अन्य अधिकारी एवं ग्राम जन्म मौजूद थे। 

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कांग्रेस सेवादल के दल दिवस सप्ताह का हुआ समापन


कांग्रेस सेवादल के दल दिवस सप्ताह का हुआ समापन

सागर ।वर्ष के अंतिम सप्ताह को कांग्रेस सेवादल परिवार दल दिवस के रूप में मनाता है। इसी श्रृंखला में शहर कांग्रेस सेवादल परिवार ने 25 दिंसबर से 31 दिंसबर तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों मनाया। इस दौरान सेवादल ने गरीब बच्चों को स्वेटर वितरण,प्रभात फेरी,झंडा वादन,कांग्रेस स्थापना दिवस आदि कार्यक्रम किये।
आज इस अभियान के अंतिम दिन पहलवान बब्बा मंदिर प्रागंण और पीली कोठी प्रागंण पर गरीब-निसहायों को कंबल बांटकर इस अभियान का समापन किया।
इस अवसर पर सेवादल के जिला शहर अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि दल दिवस अभियान राजनीति से परे अभियान है जिसमें गरीब निसहायों की सेवा का दायित्व सेवादल परिवार उठाता है और यह सेवा करके आत्म संतुष्ठि प्राप्त होती है।

आज सिंटू कटारे के साथ प्रदेश सहसचिव द्बारका चौधरी,ब्लाकाध्यक्ष प्रीतम यादव,आनंद हैला,कल्लू पटैल,नितिन पचौरी,रामगोपाल यादव,अंकुर यादव, अमर श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।


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Govind Sirvya

 
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पुत्र पर हमेशा नजर ,और पुत्री को हमेशा संग रखें : कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन, कथा सुनने ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंच रहे श्रद्धालु


पुत्र पर हमेशा नजर ,और पुत्री को हमेशा संग रखें : कमल किशोर नागर जी
★ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन,
 कथा सुनने ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंच रहे श्रद्धालु

सागर| ग्राम पटकुई बारारू स्थित वृंदावन धाम परिसर में आयोजित श्रीमद् ज्ञान गंगा भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिवस कथा वाचक संत श्री कमल किशोर नागर जी ने कहा कि जीवन में हमेशा ध्यान रहे कि अपने पुत्र या लड़के को हमेशा नजर में रखना और लड़की, पुत्री को हमेशा संग में रखना। बेटी संभाल कर रखने के लिए है।चाहे जहां बैठने ,भेजने, देखने  की वस्तु नहीं है। बेटी, बेटे से कई गुना ठीक होती है ।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालु श्रोताओं से कहा कि आजकल बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद हो रहा है ।बेटी को हम पढ़ा तो सकते हैं लेकिन सुरक्षित कैसे रखें ।बिगड़ने के लिए शासन ने ही मोबाइल दे रखा है। बेटियां बहुत अच्छी होती हैं, उन्हें सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। शासन-प्रशासन तो सुरक्षा में लगा है ,लेकिन हमें ऐसे दादाओ की जरूरत है जो कि बहनों की इज्जत बचा सके, ऐसे नहीं जो बहनों की इज्जत लुटे। उन्होंने आह्वान किया है कि दादा तैयार करना है तो कृष्ण जैसे करो, जिन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई, गोपियों को ज्ञान दिया ।कृष्ण ने गाय और कन्याओं की रक्षा की ।वर्तमान में ऐसे ही दादाओ की जरूरत है। यदि आपके पास धन है, बल है , तो धन वहां लगाओ जहां कोई निर्धन दिखें और बल वहां लगाओ जहां कोई निर्बल दिखे। धन और बल का हमेशा सदुपयोग करो।

 तुलसी और गीता हमेशा साथ रखें:-
संत श्री नागर जी ने कहा कि ऐसी  औलाद पैदा करने का क्या मतलब जब वह तुम्हारे काम ना आए। इसलिए हमेशा भजन में ध्यान लगाओ।गीता साथ में रखो। संत श्री ने कहा कि यह परंपरा हमारे पुरखों से चली आ रही है कि शर्ट या कुर्ते में जेब बाईं तरफ होती है, इसका कारण

है कि शर्ट या कुर्ते में जेब बाईं तरफ होती है, इसका कारण है कि लोग  पहले इसमें गीता रखते थे, यानी भगवान का वास ह्रदय के पास होता था ।अब ह्रदय के पास बने जेब से गीता गायब है और मोबाइल, चश्मा आदि डाल रखा है।  गीता पास रहेगी और तुलसी हमेशा मुंह में रहेगी फिर कभी भी गाड़ी आ जाए , हम जाने के लिए तैयार है। लेकिन तुम्हें लेने कोई और नहीं गोविंद आएगा।
 
वर्ष में एक बार कथा अवश्य सुनाएं:-
 संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि भगवान ने जिन्हें सक्षम, सबल बनाया है ।वह अपने गांव में ,शहर में, वर्ष में एक बार लोगों को कथा आयोजन कराने का मौका ना  चुके। कथा श्रवण कराने से पुण्य ही मिलेगा। पैसा मिला है ,तो बुद्धि भी सत्कर्म में लगाओ  क्योंकि पैसा सबसे पहले बुद्धि भ्रष्ट करता है, सब उलट-पुलट कर रख देता है ।वर्तमान युग में भागवत कथा ही आपको बचा सकती है ,उद्धार कर सकती है ।भजन में समय लगाओगे भगवान अवश्य मिलेगा।

गधों के लिए नहीं, गाय के लिए कमाओ:-
 संत श्री ने कहा कि आपके पास सब कुछ है लेकिन संतान मूर्ख है तो फिर आप किस आपाधापी में लगे हो। जिनके यहां गधा पैदा हुए हैं  उन्हें मालूम तो पड़ गया होगा ।लोग गाय ,हाथी, घोड़ा यहां तक की मुर्गी के लिए घर बनाते हैं, लेकिन कभी आपने सुना कि किसी ने गधे के लिए घर बनाया हो ।अगर संतान गधा है  तो फिर उसके लिए जोड़ने , घर बनाने, कमाने का क्या मतलब। रात्रि 12:00 बजे के बाद यदि संतान घर में आए तो, दरवाजा मत खोलना वरना आप भी गधे  से कम नहीं हो। अगर संतान गधा के समान है तो उसके लिए नहीं बल्कि गाय के लिए कमाओ जो तुम्हें पूछ पकड़ कर वैतरणी पार करा दे।

कथा केवल तुलसी पत्र से होती है:-
संत श्री जी ने कहा कि लोगों को भ्रांति होती है  कथा में लाखों रुपए खर्च होते हैं। लेकिन यह व्यवस्था की बात है। कथा तो केवल तुलसी पत्र से होती है ।कथा सत्संग जहां भी हो वहां जाने से मत चूकना ।कथा में किसी को परिजन नहीं आने दे रहे , तो किसी

को  उसका पाप नहीं आने दे रहा ।पाप कभी बूढ़ा नहीं होता ।यदि जिंदा बच गया तो फिर साथ आएगा ।इसको कम करने का प्रयास ही सत्संग है। कोई सद् वचन, प्रसाद रूपी प्रभु की दृष्टि कही बटे तो हर कमी दूर हो जाती है ।कथा में तो बैकुंठ वाला धरती पर आ जाता है, तो फिर हम इसे सुनने से क्यों चूकें।

राम से बड़ी राम की कथा:
 भगवान राम की गुरु माता ने दीक्षा में मदयंती के कुंडल मांगे थे क्योंकि मदयंती  ने जिस आस्था ,संयम, साधना के साथ कथाएं सुनी वह कान में तो गई, लेकिन कुंडल में इकट्ठे हो गई। गुरु माता  को राम तो मिल गए थे लेकिन उनकी कथा नहीं मिली थी ।राम से बड़ी राम की कथा है। राम तो सहज नहीं मिल सकते उनकी कथा ही मिल जाए तो ही पर्याप्त है। कथा सुनने से कुंडल बन जाती है। कथा गोल चलती घड़ी की तरह है, इसलिए उसमें पावर रहता है ।लंबी करोगे तो पावर चल पाएगा। इसलिए कथा को कुंडल बनाओ ।कथा में आनंद की तलाश करो , सुख की नहीं। जीवन में सुख कहीं नहीं है। हम दुख को सुख समझकर उसके  पीछे भाग रहे हैं ,जो हमें दुखदाई है।कथा श्रवण मे ही सच्चा सुख,आनंद है।

कृष्ण लीलाओं का वृतांत सुनाया:
संत श्री नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में कहा कि भगवान ने पूतना को मारा नहीं, तारा है ।भगवान मारते नहीं तारते हैं। उन्होंने भगवान द्वारा किए गए महारास एवं गोपियों को दिए गए ज्ञान की कथा तथा भगवान कृष्ण की बाल लीला का विस्तार से वर्णन किया।

गुरु परिवार का सम्मान :-
कथा में समर्पण भाव से जुटे जगदीश गुरु ,विनोद गुरु का संत श्री ने हाट केश्वर धाम का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,डॉक्टर सुशील तिवारी, विधायक प्रदीप लारिया ,राकेश राय, मदन सिंह राजपूत ,खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर ,भगवान सिंह रघुवंशी, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।
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भांजे का विवाह कर लौट रहे मामा-मामी, ममेरा भाई सहित 6 की मौत ★कार एक्सीडेंट में पति-पत्नी, बेटे की हुई मौत से खत्म हो गया पूरा परिवार

 भांजे का विवाह कर लौट रहे मामा-मामी, ममेरा भाई सहित 6 की मौत
★कार एक्सीडेंट में पति-पत्नी, बेटे की हुई मौत से खत्म हो गया पूरा परिवार

बैतूल। चंद घंटे पहले जो परिवार दुल्हे को सेहरा सजा हुआ घोड़ी पर बैठा हुआ देखकर बारात के सामने नृत्य करते हुए लोगों को देखकर खुशियां मना रहा था और नाचने वाले लोगों की न्यौछावर कर बलाएं ले रहा था उसी परिवार के पांच लोगों की एक साथ कार एक्सीडेंट में हुई मौत से समूचे परिवार के लोग दहल उठे। देखते ही देखते समूची खुशियाँ मातम में तब्दील हो गई। जोगली के पास कार एक्सीडेंट में हुई 6 लोगों की मौत में दुल्हन के मामा-मामी, ममेरा भाई सहित चढ़ोकार दम्पत्ति भी शामिल हैं। इनमें से चढ़ोकार दम्पत्ति का जहां गुरूवार को भैंसदेही में अंतिम संस्कार किया गया वहीं तीन लोगों का अंतिम संस्कार बैतूल के कोठीबाजार मोक्षधाम में किया गया। इस घटना को जिस किसी ने भी सुना वह दहल उठा।
जोगली के पास रात्रि 2 बजे हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल-इंदौर नेशनल हाईवे-59 ए पर जोगली 132 केवी बिजली स्टेशन के सामने बुधवार की रात्रि लगभग 2 बजे एक कार क्रमांक mp 09/सीजे 7018 सड़क किनारे पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार में राजकुमार चढोकार (38) उनकी पत्नी शोभा (35), अनिल श्रीराम घोड़की (45), 23 साल का बेटा निशांत घोड़की और बहू हेमलता पति अनिल घोड़की की मौत हो गई। हेमलता घोड़की ने भोपाल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। दीपा पति बलवंत कुंभारे की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। राजकुमार और शोभा चढ़ोकार गोरेगांव झल्लार के निवासी हैं।  चिचोली टीआई अजय सोनी के मुताबिक कार निशांत चला रहा था।
टेमागांव में भांजे की शादी से लौट रहा था परिवार
अनिल उर्फ गोलू घोड़की पेशे से बस मैकेनिक था। दो साल पहले गांव आमला (बैतूल) से आकर इंदौर में बस गया था। भांजा कमलेश लोखंडे मर्चेंट नेवी में है। उसकी बारात भैंसदेही सिरजगांव (बैतूल) से हरदा के टेमागांव गई थी। इसी शादी से लौटते वक्त परिवार हादसे का शिकार हो गया। अनिल के परिवार में उनके अलावा पत्नी और बेटा ही बचे थे। 2008 में बैतूल के करबला घाट पर होली वाले दिन बाइकों की भिड़ंत में अनिल के छोटे बेटे निक्की की मौत हो गई थी। बड़ा बेटा निशांत गुजरात की एक कंपनी में जॉब करता था।
सीएम ने हादसे पर जताया शोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैतूल-इंदौर नेशनल हाइवे पर हुए भीषण सडक़ हादसे में 6 लोगों के असमय निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं परिजन को यह दुख सहन करने का सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घायलों के बेहतर उपचार और पीडि़त परिवार को उचित सहायता प्रदान करने के निर्देश दिये हैं।
क्यों घटी यह भीषण दुर्घटना?
कार के पेड़ से टकराए जाने की दुर्घटना आखिरकार क्यों घटित हुई? पुलिस और स्थानीय निवासियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार-गुरूवार की रात्रि के दरम्यिान जहां कोहरा था वहीं घुमावदार मोड़ भी है जहां हमेशा दुर्घटनाएं होते रहती हैं। इसके अलावा नींद भी एक कारण हो सकती है जिसकी वजह से इतना भीषण हादसा घटित हुआ। जोगली के पास 132 केवी स्टेशन के समीप मोड़ पर जहां यह दुर्घटना घटित हुई है इस स्थान पर अधिकांशत: दुर्घटनाएं होते रहती है इसलिए इसे डेंजर स्पॉट के रूप में जाना -पहचाना जाता है। इस रोड पर एक सैकड़ा से भी ऊपर जाने जा चुकी है। एनएच की लापरवाही का आलम यह है कि यहां मोड़ एवं दुर्घटना संभावित स्थल का चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगा है, इसलिए यहां अक्सर भीषण दुर्घटनाएं होती रहती है।
पुलिस को ऐसे मिली दुर्घटना की जानकारी
पुलिस ने बताया कि एनएच से गुजर रहे किसी वाहन चालक ने दुर्घटना देखी तथा डायल 100 को कॉल किया, तब चिचोली पुलिस, डायल हंड्रेड एवं संजीवनी एंबुलेंस घटनास्थल पहुंची। संजीवनी एंबुलेंस के इएमटी योगेश पंवार एवं पायलट ने घायलों एवं मृतकों को चिचोली अस्पताल पहुंचाया। गंभीर रूप से घायल हेमलता की बैतूल तथा बैतूल से भोपाल ले जाते समय रास्ते में ही मृत हो गई। दूसरी गंभीर रूप से घायल महिला दीपा पति कुंभारे निवासी भडूस की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई।
कुशल मोटर मैकेनिक था अनिल उर्फ गोलू
अनिल उर्फ गोलू कुशल मोटर मैकेनिक था जिसकी कुछ वर्ष पूर्व लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम के पास गैरेज भी था। वर्तमान में वह इंदौर में उसका मोटर गैरेज संचालित कर रहा था। वही उनका इंजीनियर पुत्र लक्की उर्फ निशान जॉब करता था। इसके अलावा गोरेगांव आमला निवासी उसका ममेरा भाई राजू चढोकार गांव का एक संपन्न किसान था। कार भडूस निवासी बलवंत कुंभारे की है। इस तरह शादी समारोह से लौट रहे दो परिवार हादसे का शिकार होकर काल कवलित हो गए।

पुत्र-पुत्री के सिर से उठा माता-पिता का साया

एक साथ उठी चढ़ोकार दम्पत्ति की अर्थी, नम आंखों से अंतिम विदाई
कार दुर्घटना में गोरेगांव निवासी राजकुमार चढोकार एवं उनकी पत्नी शोभा चढ़ोकार की मौत हो जाने से उनके उनका बेटा भावेश (16) और बेटी रियांशी (13) के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। मम्मी पापा की मौत की खबर सुनते ही दोनों का रो-रोककर बुरा हाल हो गया था। दोनों की अर्थी एक साथ  उठी तो समूचे गोरगांव सहित आसपास के क्षेत्रों में मातम व्याप्त हो गया। सभी ने नम आंखों से चढ़ोकार दम्पत्ति को अंतिम विदाई दी।  
तीन लोगों का कोठीबाजार मोक्षधाम में हुआ अंतिम संस्कार
कार दुर्घटना में काल कवलित हुए अनिल उर्फ  गोलू घोड़की, श्रीमती हेमलता घोड़की एवं निशांत घोड़की का गुरूवार देर शाम कोठीबाजार स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधुओं, शहर के नागरिकों, परिजनों, ईष्टमित्रों सहित अन्य लोगों ने शामिल होकर दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी।
लोनारी कुंबी संगठन ने दी श्रद्धांजलि
कुंबी समाज के एक साथ 6 लोगों की मौत हो जाने से लोनारी कुंबी समाज संगठन ने दिवंगत लोगों को अश्रुपूरित श्रद्धासुमन अर्पित की। इस दौरान अंतिम यात्रा में राजनैतिक पार्टियों के जनप्रतिनिधियों, विधायक, पत्रकार बंधु, सामाजिक वर्ग, स्वजातीय बंधु और भैंसदेही ब्लाक के क्षत्रिय लोणारी कुनबी संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सहित संगठन के समस्त पदाधिकारियों ने नम आंखों से श्रृद्धांजलि अर्पित की परिवार को शोक संवेदना दी।
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बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 फीसदी आरक्षण दिलाने प्रयास जारी : मंत्री भूपेन्द्र सिंह ★ 14 करोड़ की राशि से बने ऑडिटोरियम को लोकार्पण


बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 फीसदी आरक्षण दिलाने  प्रयास जारी  : मंत्री भूपेन्द्र सिंह

★ 14 करोड़ की राशि से बने ऑडिटोरियम को लोकार्पण

सागर 30 दिसम्बर 2021 ।  मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास  अंतर्गत नगर निगम द्वारा मोतीनगर चैराहा के पास 14 करोड से अधिक की लागत से बनाये गए महाकवि पद्माकर सभागार का नगरीय विकास एवं आवास मंत्री .श्री भूपेन्द्र सिंह ने लोकार्पण किया। इस मौके पर नगर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, श्री गौरव सिरोठिया, , श्री राजेंद्र सिंह मोकलपुर, श्री सुशील तिवारी ,संभाग आयुक्त एवं प्रशासक श्री मुकेश शुक्ला, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, नगर निगम आयुक्त श्री आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ.श्री राहुलसिंह के साथ जनप्रतिनिधिगण एवं नागरिकगण उपस्थित है। इस मौके पर मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने पूरे सभागार का जायजा भी लिया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मंत्री श्री भपूेन्द्र ंिसह ने सभागार निर्माण को शहर को मिली बड़ी उपलब्धि बताते हुये कहा कि सागर का कर्ज चुकाने का मेरा संकल्प है और मैं सागर को महानगरों की तर्ज पर विकसित करके अपने कर्ज चुकाने रहा हूं मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि आने वाले 2 वर्षों में सागर का नक्शा बदल जाएगा और सागर महानगरों की श्रेणी में शामिल होगा ।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर विधायक एवं जिला प्रशासन द्वारा जो लगातार विकास के लिए प्रयास एवं इच्छा शक्ति से जो कार्य किए जा रहे हैं इसी के कारण आज सागर विकास की राह पकड़ चुका है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की बात हो चाहे सागर में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा नगर के विकास के लिए तत्परता से कार्य करते हुए सागर को सौगात दी है ।

उन्होंने कहा कि सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोजगार मुखी विषय प्रारंभ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही डॉ हरिसिंह गौर की उस सपने को भी पूर्ण करने के लिए समस्त प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें सागर सहित संपूर्ण बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 प्रतिषत आरक्षण मिल सके । 


मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बड़ा सौभाग्य बड़ी सौभाग्य की बात है कि सागर का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ और मैं इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि सागर स्मार्ट सिटी बनने से 1000 करोड़ रूपीस से अधिक के कार्य निरंतर चल रही हैं और आने वाले समय में और भी राशि के विकास कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
 
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर की लंबे समय से जो मांग थी वह आज ऑडिटोरियम के रूप में पूरी हुई है और यह ऑडिटोरियम बनने से सागर में सांस्कृतिक एवं अन्य कार्य किए जा सकेंगे  । उन्होंने कहा कि मेरा बड़ा सौभाग्य है कि जिस चीज का मैंने भूमि पूजन गृह मंत्री के तौर पर किया था आज उसी चीज का लोकार्पण नगरीय विकास मंत्री के रूप में कर रहा हूं । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य करने के लिए भगवान का आशीर्वाद एवं आप सब का सहयोग आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि अभी 2 वर्ष मैं सागर के लिए बहुत कुछ करना है जिससे सागर नई ऊंचाइयों के नाम से पहचाने स्थापित कर सके।

विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि  सागर धीरे-धीरे महानगर की ओर बढ़ रहा है उन्होंने कहा कि यह ऑडिटोरियम बनने से समस्त वर्गों कि व्यक्तियों को लाभ होगा। मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि मंत्री श्री सिंह के प्रयास से सागर महानगरों की तर्ज पर विकास कर रहा है और आने वाले समय में अगर महानगरों की सूची में अपना नाम स्थापित करेगा ।

उन्होंने कहा कि मोतीनगर क्षेत्र में स्थापित आजाद गार्डन के सामने बन रहे मंगल भवन का कार्य भी शीघ्र गति से हो इसके भी प्रयास शीघ्र ही प्रारंभ किए जाएंगे। उन्होंनेे कहा कि यह आपकी अपनी संपत्ति है जिसे सहेज कर एवं संभाल कर

रखना होगा जिससे लंबे समय तक इसका लाभ हम सबको मिल सके। उन्होंने मंत्री श्री सिंह के सामने मांग रखी कि ऑडिटोरियम के संचालन एवं संधारण के लिए कोई एजेंसी नियुक्त हो जिससे इस ऑडिटोरियम का संचालन सुचारु रुप से किया जा सके।
श्री गौरव सिरोठिया ने कहा कि ऑडिटोरियम बनने से सागर मैं विकास की राय पकड़ ली है और आने वाले समय में सागर का संपूर्ण विकास होगा।

नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि कि नगर का प्रथम ऑडिटोरियम में आधुनिक सुविधायें सुसज्जित है जिसमें सभागाररू- लगभग 14 करोड़ 35 लाख की लागत से बनाये इस 700 सीटर महाकवि पद्माकर सभागर को महानगरों की तर्ज पर आधुनिक सविधाओं से सुसज्जित किया गया है ताकि इसका उपयोग संभाषण, सम्म्ेलन, सेमीनार एवं अन्य कार्यक्रमों में उपयोग किया जा सकेे। इसमें सुविधाओं के तौर पर 700 सीटें है जिसमें 600 भूतल पर और 100 सीट बालकनी पर है। सभागार में सेंटर ए.सी.सिस्टम, फायर फाईटिंग सिस्टम , हाॅल हेतु कम्प्यूटराईज लाईटिंग सिस्टम, कलाकारों हेतु दोनों तलों पर चेंजिंग रूम, दो अतिथि कक्ष, महिला-पुरूष के साथ दिव्यागोें को भी प्रशाधन सुविधायें बेसमेंट पार्किंग, पार्क, फाऊटेंन और परिसर के चारों ओर कांक्रीट सड़क और सुरक्षा दीवार पर सुंदर चित्रकारी भी बनायी गई है। सभागार के चारों और एल.ई.डी.लाईट स्ट्रीट लाईटंे लगायी गई है।


मंच पर प्रदर्शन के दौरान सतरंगी आधुनिक कम्प्यूटाईज लाईटिंग लगायी गई है,जिसमें 8 सारपी लाईटें जो मंच पर फोकस देंगी, तो लगभग 76 एम.एस.एल.ई.डी.लाईटें भी मंच को सतरंगी रोशनी से प्रकाशमय करेंगी तो सभागार में अंदर प्रकाश व्यवस्था में एल.ई.डी.लाईटें लगायी गई है वहीं दीवारों पर भी बालवेसर रंग बिरंगी लाईटें लगायी गई है। जिससे दीवारों का रंग परिवर्तित होता रहेगा अंधेरे भी कुर्सियों के बीच आने जाने के रास्ते में सीढ़ियों स्ट्रिप लाईटें लगी है ताकि सीढ़ियास्पष्ट दिखाई दें साथ ही मंच पर लगे बड़े परदों को खोलने के लिये रिमोर्ट का इस्तेमाल किया जायेगा।

इस प्रकार नगर निगम द्वारा इस सभागर के रूप में नगरवासियों को एक सौगात दी गई है ताकि बडे-बडे कार्यक्रम और लोककलाओं की प्रस्तुति हेतु एक सुसज्जित स्थान प्राप्त होगा। कार्यक्रम के पूर्व में मंत्री श्री सिंह सहित समस्त अतिथि द्वारा कन्या पूजन किया एवं सरस्वती पूजन भी किया कार्यक्रम के अंत में रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अरविंद जैन द्वारा किया गया। 



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