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ब्रिटिश एम्बेसी एवं हाई कमीशन नई दिल्ली की चिवनिंग छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण


ब्रिटिश एम्बेसी एवं हाई कमीशन नई दिल्ली की चिवनिंग छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप हेतु तीन दिवसीय  प्रशिक्षण
सागर । डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्राणीशास्त्र विभाग में ब्रिटिश एंबेसी एवं हाई कमिशन नई दिल्ली के द्वारा चिवनिंग छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप हेतु तीन दिवसीय  प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। 
          कार्यक्रम के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर आरपी तिवारी ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से पंकज जैन डायरेक्टर कैरियर प्लस सर्विस नई दिल्ली, डॉ तपस कुमार होम क्षेत्रीय निदेशक काजीरंगा विश्वविद्यालय असम, डॉ अश्वनी कुमार दुबे डीन फैकल्टी ऑफ साइंस ,श्री कृष्णा विश्वविद्यालय एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी छतरपुर की गरिमामय उपस्थिति रही। 
       कार्यक्रम में पंकज जैन ने ब्रिटिश हाई कमीशन यूनाइटेड किंगडम के द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति की विस्तृत जानकारी दी उन्होंने बताया कि जो छात्र छात्राएं इंग्लैंड अमेरिका फ्रांस जर्मनी दुबई में पढ़ना चाहते हैं वह अपने पंजीयन ऑनलाइन कर इसका लाभ ले सकते हैं। तपस कुमार होम ने छात्र छात्राओं को अपने उद्बोधन में कहा कि विदेश में शिक्षा ग्रहण करने से बच्चों में गुणवत्ता आती है। डॉ अश्वनी कुमार दुबे ने उच्च शिक्षा में क्वालिटी इंश्योरेंस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की संस्थाओं में गुणवत्ता लाने की आवश्यकता है विश्वविद्यालयों में समुचित लैब की व्यवस्था पुस्तकालय एवं शैक्षणिक माहौल तैयार करना अत्यंत आवश्यक है इसके अलावा प्रबंधन द्वारा आवश्यक सामग्री छात्र छात्राओं को आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराना चाहिए ।कार्यक्रम की संयोजक डॉ दीपाली जाट ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की छात्रा डॉली ने किया।          इस अवसर पर प्राणी शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे डी आही, डॉ एस के जैन, प्रो व्ही शर्मा ,प्रो एम सिकदर, प्रो एस यादव डाॅ पायल महोबिया ,डॉ आर श्रीवास्तव ,डॉ एस के मिश्रा ,डॉ आर के कोरी सहित विश्वविद्यालय की सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं कार्यक्रम उपरांत अतिथियों ने प्राणी शास्त्र विभाग का म्यूजियम फाइन आर्ट एवं संगीत विभाग का भी अवलोकन किया।
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पुलिस स्मृति दिवस। वृद्धाश्रम में पौधरोपण कर, पूछे हालचाल बुजुर्गों के, पुलिस की मदद का भरोसा दिलाया

पुलिस स्मृति दिवस। वृद्धाश्रम में पौधरोपण कर, पूछे हालचाल बुजुर्गों के, पुलिस की मदद का भरोसा दिलाया
सागर ।देश की सुरक्षा के लिए शहीद होने वाले पुलिस वालों की याद में पुलिस विभाग  21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाता है । उनकी शहादत को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है । 
         इसी क्रम में जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी के निदेशक जी.जनार्दन, पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी, asp राजेश व्यास, और अन्य अधिकारी  वृद्धाश्रम पहुंचे । यहां वरिष्ठ वृद्धनागरिकों का कुशलक्षेम जाना एवं उनसे बातचीत कर उनकी समस्याओं  को जाना। इस अवसर पर वृद्धजनों को फल वितरित किये गये। वृद्धाश्रम के वृद्ध वरिष्ठ नागरिकोंद्वारा पुलिस स्मृति(शहीद) दिवस के इतिहास एवं पृष्ठभूमि के बारे गौर से सुना गया। इसके उपरांत वृद्धाश्रम परिसर में  अधिकारीगण द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया। 
      निदेशक जी जनार्दन ने बताया कि पुलिस वालों की शहादत को याद करने और आत्मा की शांति के लिए हर साल स्मृति दिवस मनाया जाता है । आज आश्रम से कार्यक्रमो की शुरुआत हुई है । पुलिस अधीक्षक सांघी ने बताया कि स्मृति दिवस पर 21 अक्टूबर को  पुलिस परेड,रक्तदान ,शिविर और देशभक्ति गीतों की संध्या का आयोजन किया गया।इस मौके पर शहीद परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों की पुलिस से जुड़ी समसयाओ को सुलझाने में मदद की जाएगी। उसके साथ अन्य परेशानियों को हल करने का प्रयास करेंगे।
     इस मौके पर मोतीनगर थाना प्रभारी संगीता सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी उपस्थित थे।
इसलिए मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
          21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट-स्प्रिंग में, चीनी सेनाद्वारा भारी संख्या में बल सहित, घात लगाकर, देश की सीमा की सुरक्षा हेतु तैनात पुलिसबल की टुकड़ी पर हमला किया गया था। इस हमले में देश की सीमा की सुरक्षा हेतु प्रथमपंक्ति में तत्समय तैनात रहे केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक छोटे से गश्तीदल के रणबाकुरोंद्वारा उक्त हमले में अपने प्राणों की आहूति देते हुये, देश की सुरक्षा एवं अखण्डता हेतुसर्वोच्च बलिदान दिया गया। इन्हीं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस के रणबाकुंरों द्वारा शौर्य के असाधारणकार्य को स्मरण करने हेतु 21 अक्टूबर को प्रतिवर्ष देश भर में सभी पुलिस बल द्वारा पुलिसस्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर उक्त शहीदों के साथ-साथ विगत एक वर्ष के दौरान देश एवं राज्यों की आंतरिक सरक्षा कायम करने हेतु कर्तव्य की बेदी परस्वयं के प्राणों की आहूति देकर शहीद हुये पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों का भी पुण्य स्मरणकरते हुये श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।
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बारिश में गिरा मकान,पिता अपने मासूम बेटे के साथ रहने लगा श्मशान घाट में। सागर से महज 10 किमी दूर ,एक आदिवासी की व्यथा

बारिश में गिरा मकान,पिता अपने मासूम बेटे के साथ रहने लगा श्मशान घाट में।
सागर से महज 10 किमी दूर ,एक आदिवासी की व्यथा
सागर। एक आदिवासी मजदूर की व्यथा शर्मसार करने वाली देखने मिली है । जिसका बारिश में कच्चा मकान  भरभरा गया । सरकारी मदद की आस में भटकने के बाद कोई ठिकाना नही मिला तो पिता ने मासूम बेटे के साथ श्मशानघाट में ठिकाना बना लिया।
       सागर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर कुडारी ग्राम में राम रतन आदिवासी की कहानी मानवता को शर्मसार करने वाली है। रामरतन आदिवासी का बारिश में  कच्चा मकान गिर गया था । जिससे बाद से वह अपने 9 साल के मासूम बच्चे हनुमत सहित श्मशान में रहने को मजबूर है ।यह पिता पुत्र दोनों रात में श्मशान में सोते हैं तथा दिन में भी जब कोई काम नहीं होता तो यह आराम करने श्मशान चले जाते हैं।
 नही मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
         रामरतन के  कष्ट की कहानियों का अंत यही नहीं हो जाता है । इन को सरकार की योजनाओं का न लाभ मिला और ना ही ग्राम पंचायत से किसी प्रकार का सहयोग ।यह जैसे तैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं इस परिवार की हालत इतने बद से बदतर है कि कभी-कभी इस परिवार के दोनों सदस्यों को भूखे पेट ही सोना पड़ता है तथा कई बार पड़ोसी इनकी मदद करके खाना मुहैया कराते हैं।
मजदूर रामरतन बताता है कि  राम रतन की पत्नी का करीब 7 वर्ष पहले प्रसूति के दौरान स्वर्गवास हो गया था। उसकी मौत के बाद भी इसे किसी प्रकार की आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई। रामरतन ने मकान गिरने के बाद ग्राम के सरपंच को इस संबंध में सूचित किया परंतु ना ही उसे कुटीर स्वीकृत हुई और ना ही मुआवजा रामरतन का मासूम बच्चा स्कूल भी पढ़ने नहीं जाता है।
इसी  गांव के पावन यादव कहते है कि मकान गिरने के बाद रामरतन सरपंच के पास गया तो कोई मदद नही मिली। रामरतन के ऊपर जिम्मेदारी है बच्चे को पालने की । काम छोड़कर उसके खाने पीने की व्यवस्था करनी पड़ती है । इसके कारण किसी के यहां मजदूरी भी नही कर पाता है । भूसा के बोरे भरने उतारने का काम करता है ।
मासूम बेटे की पीड़ा,मरघटा में डर लगता है
        रामरतन आदिवासी का 9 साल का बेेटा 
हनुमत बताता है कि बरसात में मकान गिर गया था। मरघटा में रहते है । कई बार डर भी लगता है । कभी खाना मिलता है कभी नही।
सक्रिय हुआ प्रशासन
रामरतन आदिवासी की व्यथा जब मीडिया ने उठाई तो स्थानीय प्रशासन जागा। उसके लिए सरकारी मदद की बात होने लगी ।जिला पंचायत सागर के  एडिशनल सीईओ  राजेश पटेरिया के अनुसार मीडिया से पता चला है । इसके लिए सागर जनपद के ceo को निःर्देश दिए है । पीड़ितकी खाने पीने और रहने आदि की व्यवस्था जल्दी की जाएगी। इसके लिए दोषियों पर भी  कार्यवाई की जाएगी।
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सरकार ने सराहा सागर की पुलिस कार्यप्रणाली को ,पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को मिला प्रशंसा पत्र


सरकार  ने सराहा सागर की पुलिस कार्यप्रणाली को ,पुलिस अधीक्षक अमित सांघी  को मिला प्रशंसा पत्र
सागर । मुख्यमंत्री कमलनाथ द्ववारा जनाधिकार कार्यक्रम में  पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाती है ।पिछले महीने हुई समीक्षा  में सागर जिले में पुलिस की FIR लिखने सम्बन्धी और लंबित मामलों को  निपटाने सम्बन्धी  कामकाज को लेकर सराहना की गई । इसके लिए पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को  गृह विभाग ने प्रसंशा पत्र दिया है ।
   ब। जानकारी के मुताबिक प्रत्येक माह के द्वितीय मंगलवार को मुख्यमंत्री की  अध्यक्षता मेंजन अधिकार कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। पिछले सितम्बर माह में  जन अधिकार कार्यक्रम में गृह पुलिस विभाग से सबंधित चयनित विषय पृथम सूचना रिपोर्ट न लिखना / विलंब से लिखना/ सही धाराओं में न लिखना से संबंधित प्रकरणों के निराकरण कीस्थिति की समीक्षा की गई। जिसमें पुलिस अधीक्षक सागर अमित सांघीद्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग / समीक्षा/ कार्यवाही के कारण सागर जिले से संबंधित 100 प्रतिशत लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसकेकारण गृह पुलिस विभाग जन अधिकार कार्यक्रम में 91.99 फीसदी निराकरण के साथ द्वितीय स्थान पर रहा ।इस  प्रशंसनीय कार्य में अहम योगदान हेतु पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को म0प्र0 शासन गृह विभाग द्वारा उनके कार्य कीसराहना  करते हुए प्रशंसा पत्र प्रदान किया है।
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10वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव दिल में उतर गई सूफी संगीत से सजी शाम

10वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव
 दिल में उतर गई सूफी संगीत से सजी शाम 
सागर। भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव सागरवासियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गया।  महोत्सव की शुरूआत माटी के लाल के तहत जबलपुर की कत्थक नृत्यांगना नीलांगी कलंतरे की राधेरानी कृष्ण रूप धरि मंद-मंद मुस्काए...... गीत पर लाजवाब प्रस्तुति के साथ हुई। द्वितीय चरण में संस्कृति मंत्रालय के सभी 7 जोनों के कलाकारों ने दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम तक की लोक संस्कृति को मंच पर शानदार तरीके से साधा। गीत, संगीत, नृत्य साधना हर प्रस्तुति पर गजब का सामंजस्य देखते ही बना। एक-एक फ्रेम दर्शकों को हर एक प्रदेश की संस्कृति से जोड़ता चला गया। दर्शकों ने तालियों से कलाकारों का जमकर उत्साहवर्धन भी किया। 

        आकर्षक मंच पर श्रीमती सरोजा वैद्यनाथन की शिष्या ने भरतनाटयम की मनभावन प्रस्तुति दी। वासुदेव एंड समूह उड़ीसा का ''घुड़का आदिवासी नृत्य'' सागरवासियों को खूब पसंद आया। विक्कू विनायक राम द्वारा ताल वाद्य संगम के माध्यम से संगीत के इस सफर को यादगार बना दिया। उमंग और उत्सव से सराबोर इस महोत्सव के यादगार सफर का समापन सूफियाना गीतों के साथ हुआ। डाॅ सतिंदर सरताज के पंजाबी सूफी गीतों से सजी शाम श्रोताओं के दिलों में उतर गईं। 
महोत्सव को देखने उमडे हजारों लोग

      भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा पीटीसी मैदान में आयोजित 10वें सांस्कृतिक महोत्सव में लोक संस्कृतियों के संगम को देखने हजारों की संख्या में पहुंचे सागर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने माना कि संस्कृति मंत्रालय ने उन्हें वाकई महोत्सव के रूप में बड़ी सौगात दी है। इस अवसर पर नगर महापौर अभय दरे,पूर्व सांसद लष्मीनारायन यादव,एसवीएन विवि के संस्थापक कुलपति डॉ अनिल तिवारी,पूर्व विधायक सुधा जैन ,संस्कृति विभाग के डायरेक्टर सर्वेष आर्या, दक्षिण मध्य क्षेत्र नागपुर के कार्यक्रम अधिकारी प्रेमस्वरूप तिवारी,डायरेक्टर दीपक खिरबड़कर, राजकुमार पटेल,सुदेश तिवारी,विंनोद आर्य,आलोकमोहन नायक,,अभिषेक यादव,संदीप तिवारी, गोविन्द सरवैय ,राजेश श्रीवास्तव,चेतन्य सोनी,शत्रुघन केशरवानी,रेशु जैन,कृष्णकांत नगाईच , मनीष तिवारी,राघवेंद्र पटेल, राहुल श्रीवास्तव,मनुज नामदेव,शशांक तिवारी,ब्रजेश दुबे,शैलेश केशरवानी,अर्पित पांडे, यशवंत करोसिया,आशीष रजक,सहित शहर के गणमान्य नागरिक,मीडियाकर्मियों व प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति उलेखनीय रही।
व्यंजन भी खूब भाए
गीत, संगीत के इस सफर के बीच लोगों ने महाराष्ट्र, पंजाब, यूपी, राजस्थान, हरियाणा के व्यंजनों का भी खूब लुत्फ लिया। बनारस की चाट, हरियाणा की जलेबी, राजस्थानी व्यंजनों से सजी चटपटी थाली, चूरमा लड्डू, मावा कुल्फी का स्वाद लोगों की जुबां पर कुछ ऐसे चढ़ा कि वह इसे भुलाए नहीं भूलेंगे। 
पंजाबी ढोल-नगाड़े और शहनाई भी खूब भाई

      महोत्सव के दौरान खुले मैदान में पंजाब, महाराष्ट्र और राजस्थान के क्षेत्रीय बैंड कलाकारों ने भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोहा। पंजाबी कलाकारों ने ढोल व शहनाई के माध्यम से देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति देने के साथ ही शानदार गिद्धा नृत्य प्रस्तुत कर लोगों की वाहवाही बटोरी। तम्बूरे पर राजस्थानी धुनों और महाराष्ट्र के बैंड दल ने भी दर्शकों को थिरकने मजबूर कर दिया।

हस्तषिल्प मेले का आनंद ले सकेंगे 19 तक
खुशियों की सौगात भरे इस महोत्सव में सागरवासी हस्तशिल्प मेले का आनंद 19 अक्टूबर तक उठा सकेंगे। हस्तशिल्प मेला शहरवासियों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। दीपावली के मौके पर लोगों को घर की सजावट के लिए यहां असम के खास बैम्बू क्राफ्ट पसंद आ रहे हैं। असम, गुजरात कच्छ की चटकदार रंगों वाली साड़ियां व जैकेट, अरूणाचल के जूट बैग भी लोगों को खूब पसंद आए। लाख बेंगल्स, टेराकोटा, राजस्थानी जूतियां, चप्पल भी जमकर खरीदीं गईं। मेले में बच्चों के लिए भी देखने, सीखने और खेलने को बहुत कुछ रहा। संगीत, स्वाद और खरीददारी सभी मायनों में सागर वासियों के लिए यह आयोजन अनूठा साबित हुआ।...
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सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर दी बधाई कूड़ो खेल मे सागर की एक ही स्कूल की बेटियों ने जीते 16 मेडल जीतने पर 65 वीं राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता का समापन


सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर दी बधाई
कूड़ो खेल मे सागर की एक ही स्कूल की बेटियों ने जीते 16 मेडल जीतने पर
65 वीं राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता का समापन
सागर। 65वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का समापन हो गया।इसमें अंडर14 फुटबॉल और कूड़ो की 14, 17 और 19 आयु वर्ग  की प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। कूड़ों प्रतियोगिता में सागर संभाग ने 36 गोल्ड, 9 सिलवर एवं 13 कास्य कुल 53 पदक जीतकर ओवर ऑल विजेता का दर्जा प्राप्त किया। सागर नगर की एक सरकारी स्कूल की बेटियों ने 16 गोल्ड मेडल जीते। इस पर सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर  बधाई दी।
      समापन पर खेल परिसर मैदान पर कमिष्नर  आनंद शर्मा , कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, जिला पंचायत सीईओ  चन्द्रषेखर शुक्ला, संयुक्त संचालक  आर.एन. शुक्ला, सहायक संचालक, डा. आषुतोष गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र प्रताप तिवारी ने विजेताओं को ट्राफी और पुरस्कार वितरित किये।
 ।
      इस मौके पर  कमिष्नर  ने कहा कि स्वस्थ शरीर के लिये खेल आवष्यक है और खेल से ही मन स्वस्थ रहता है। उन्होंने अपने छात्र जीवन अनेक वृतान्त भी सुनायें। उन्होंने कहा कि शासन खिलाडियों के प्रोत्साहन के लिये अनेक योजनाएं चला रही है। जिससे खिलाड़ी जिलास्तर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते है।
        कलेक्टर श्रीमती मैथिल नायक ने कहा कि पढ़ाई लिखाई से साथ खेल  आवष्यक है। उन्होंने कहा कि उन सभी खिलाडि़यों को बधाई जो जीते है और उनकों भी बधाई जो जीत नही सकें। क्यांेकि वो उन खिलाडि़यों से अच्छे है जो कभी खेले ही नही। उन्होंने सागर की भैंसा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य  अखलेष पाठक के साथ उनकी शाला की उन गरीब बेटियांे ने इस प्रतियोगिता में 16 गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेष के मुख्य मंत्री  कमलनाथ द्वारा ट्वीट के माध्यम से बधाई प्राप्त की साथ ही सागर जिले का नाम रोषन किया। ।
जिला षिक्षा अधिकारी डा. महेन्द्र प्रताप तिवारी ने  कहा कि विगत पांच दिवसों से चल रही प्रयिोगिता गुरूवार को सम्पन्न हुई। जिसमें 1000 से अधिक प्रतियोगी एवं खेल अधिकारी 10 संभागों से उपस्थित हुये। प्रतियोगिता के लिये शिक्षा विभाग ने अन्य विभागों से समन्वय कर नगर निगम से सफाई एवं जल व्यवस्था, पुलिस विभाग से क्रीडांगन एवं आवास स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग से एंबुलेेंस एवं अस्पताल में 10 पलंग जैसी व्यवस्थाएं खिलाडियों के लिए मुहैया कराई गयी है।
प्रतियोगिता के समापन अवसर पर सनराईज विद्यालय, सेंट जोसेफ कॉन्वेंट एवं जैन हाई स्कूल के छात्र-छात्राओं के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल के बैंड दल एवं फील्ड मार्सल, रविन्द्र खाटोल के निर्देषन में 10 संभागों से आये फुटबाल और कूडों के लगभग 1000 छात्र/छात्राओं ने आकर्षक मार्चपास्ट किया।
ये रहे उपस्थित
 इस अवसर पर , सीजे फ्लििफ, एसआर श्री वास्तव, संजय  सुधीर तिवारी, अनिल मिश्रा,  नीलेष चौबे, सविता मिश्रा, मनोज नेमा, मनीष नेमा,  लोकमन चौधरी, मोनीस कारलो एवं  टीएन मिश्रा आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन  राजकुमार कपूर,  मुकेश तिवारी अंजना पाठक ने एवं आभार  आर के वैद्य प्राचार्य ने किया।
आज के नतीजे
        तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में बालक वर्ग मंे ग्वालियर ने सागर को ट्राईबेकर के माध्यम से हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया जबकि बालिका वर्ग में आदिवासी विकास ने ग्वालियर को 1-0 से हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया। गुरूवार को हुए फाईनल मुकाबलों में बालिका वर्ग में नर्मदापुरम ने इंदौर को 2-0 से हराकर खिताब पर कब्जा किया  जबकि बालक वर्ग के हुए फाईनल मैच में रीवा इंदौर के मैच में इंदौर ने ट्राईबेकर के माध्यम से 1-0 से खिताब हासिल किया।
        कूड़ों प्रतियोगिता में सागर संभाग ने 36 गोल्ड, 9 सिलवर एवं 13 कास्य कुल 53 पदक जीतकर ओवर ऑल विजेता का दर्जा प्राप्त किया
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