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सरकारी एवं निजी विद्यालयों को 31 अगस्त तक बंद , आदेश जारी

सरकारी एवं निजी  विद्यालयों को 31 अगस्त तक बंद , आदेश जारी

सागर । राज्य शासन द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं लोक हित में प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों को 31 अगस्त 2020 तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। नोबल कोरोना वायरस कोविड-19 एवं उससे जनित बीमारी के संक्रमण से बचाव हेतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों को पूर्व में 30 जुलाई 2020 तक बंद रखे जाने संबंधी निर्देश जारी किए गए थे। अब यह अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 की गई है। उल्लेखनीय है कि, विद्यार्थियों की अध्यापन गतिविधियों को जारी रखने हेतु समय समय पर विभाग द्वारा ऑनलाइन गतिविधियाँ कराई जा रही हैं साथ ही ''हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम'' भी चलाया जा रहा है। 

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति : समग्र विकास की ओर बढ़ते कदम
 @ प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी  ,कुलपति  , डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर -


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राष्ट्रीय शिक्षा नीति : समग्र विकास की ओर बढ़ते कदम @ प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ,कुलपति , डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर




राष्ट्रीय शिक्षा नीति : समग्र विकास की ओर बढ़ते कदम

@ प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी  ,कुलपति  , डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर

 
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप को आज भारत सरकार की 'कैबिनेट' ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब इसे संसद के पटल पर विचार-विमर्श हेतु रखा जाएगा. मेरे मतानुसार नई सहस्राब्दी में कदम रखने के साथ ही भारतीय राष्ट्र को निश्चित ही एक ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता थी, जिसमें वह अपने समक्ष प्रस्तुत होने वाली देशज एवं वैश्विक चुनौतियों से, ज्ञान एवं सूचना आधारित संसाधनों, विकल्पों एवं नवाचारों के माध्यम से अपने समृद्ध अतीत के अनुभवों एवं डिजिटल आधुनिकता के चिंतन के बेहतर समन्वय से मानवता के लिए एक संभावना परक एवं समता मूलक समाज का निर्माण कर सके. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राष्ट्र के समक्ष इसी रूप में प्रस्तुत की गई है. 

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जैसा कि सर्वविदित है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर दूरगामी महत्त्व के अप्रत्याशित परिवर्तन हुए हैं. इन परिवर्तनों में सबसे महत्त्वपूर्ण है - जनसामान्य के लिए स्कूली शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किये गए विकास एवं नवाचार (विशेष रूप से सूचना और संचार, जोकि स्वयं में एक प्रभावी एवं प्रासंगिक शिक्षण पद्धति है) के अनुरूप शिक्षा की इस नीति को देखा और समझा गया है. अपने मूल उद्देश्यों एवं विषय वस्तु के आधार पर यह माना जा सकता है कि यह शिक्षा नीति राष्ट्र की आवश्यकताओं, उसके समक्ष आने वाली चुनौतियों तथा वैश्विक ज्ञान समाज एवं अर्थव्यवस्था के समक्ष अपनी संभावनाओं को बेहतर रूप से समझ पाई है. विद्यालय एवं समाज के अंतर्संबंधों को इस नीति ने गहन रूप से पुनर्स्थापित करते हुए शिक्षा को समाज की जिम्मेदारी के रूप में रेखांकित किया है जो एक तरह से पारंपरिक भारतीय शैक्षिक व्यवस्था की नव-अनुगूंज की तरह है. इस नीति में भारत केन्द्रित ज्ञान एवं लोक विद्याओं को आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से समझते हुए उसे पाठ्यक्रम में अंगीकार किया गया है. यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है जो भारत केन्द्रित शिक्षा के माध्यम से भारतीयों को मानसिक औपनिवेशिक दासता से मुक्त करती है.  यह नीति इस मायने में भी विशिष्ट हो जाती है क्योंकि यह पाठ्य सहगामी क्रियाओं एवं गतिविधियों के मध्य भ्रामक एवं आभासी अलगाव को दूर करती है. 
इस नीति ने संवैधानिक लोक कल्याण के उपबंधों को अनुप्राणित करते हुए यह प्रावधान किया है जहां अब विद्यालयों में अध्ययनरत 03 से 18 वर्ष तक के सभी विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन भी मुहैया कराया जाएगा जिससे न केवल नामांकन बढ़ेगा और ड्रॉप-आउट कम होगा बल्कि बालिका शिक्षा पर भी सकारात्मक असर दिखाई देगा. गौरतलब है कि मध्यान्ह भोजन विद्यार्थियों के स्थानीय परिवेश एवं खान-पान की संस्कृति के अनुकूल होगा.  
इस शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा में कई संरचनात्मक बदलाव होंगे. अब तीन प्रकार के उच्च शिक्षा केंद्र या विश्वविद्यालय का प्रारूप विकसित किया जाएगा जिसके तहत शोध उन्मुख विश्वविद्यालय, शिक्षण उन्मुख विश्वविद्यालय तथा उपाधि प्रदायक महाविद्यालय होंगे. मल्टिपल एग्जिट वाले पाठ्यक्रम भी होंगे जिससे सभी विषयों के अध्ययन की सुगमता होगी तथा राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान की स्थापना से देश में अब मौलिक एवं समाज की आवश्यकता वाले अनुसंधान किये जा सकेंगे. यह नीति माध्यमिक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के साथ ही स्कूली शिक्षा में भी व्यापक एवं प्रगतिगामी परिवर्तन की अनुसंशा करती है. बहुभाषिकता वाले देश में सभी भाषाओं का विकास आवश्यक मानते हुए यह नीति त्रिभाषा सूत्र को अंगीकार कर रही है जो स्वागत योग्य है. 
यह नीति अपने सन्दर्भों एवं क्रियान्वयन में एकदम स्पष्ट है. यह नीति शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक दोनों क्षेत्रों में प्रत्येक छात्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने और उनमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को उन्नत करने हेतु शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी जागरूक करने पर बल देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूपगत लचीलापन शिक्षार्थियों को उनके सीखने और पाठ्यक्रमों  के चयन में सहयोगी है जिससे वे अपनी प्रतिभा और रुचियों के अनुसार जीवन में अपना रास्ता चुन सकें। कला और विज्ञान के अनुशासनों के मध्य संरचनागत अलगावों को समाप्त करते हुए पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं को सीखने के सहज एवं सुलभ पद्धतियों को उपलब्ध कराने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के बीच पदानुक्रम और बाधाओं को समाप्त करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति अत्यंत सहयोगी सिद्ध होगी। साथ ही यह बहुअनुशासनिकता एवं समग्र शिक्षा के मूल्यों को पोषित करते हुए भविष्य में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और खेल में ज्ञान की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति रटने और परीक्षा केन्द्रित अध्ययन के स्थान पर वैचारिक समझ को विकसित करने, तार्किक निर्णय लेने, नवाचार को प्रोत्साहित करने एवं रचनात्मकता के विकास में सहायक होगी।
इस नीति ने सही मायने में 'पब्लिक' की अवधारणा को जनता से जोड़ा है। जिसके तहत अब सरकारी स्कूल ही 'पब्लिक स्कूल' कहे जा सकेंगे। यह नीति मनुष्य को संसाधन मानने की पूर्व प्रचलित अवधारणा के स्थान पर उसे एक स्वतंत्रचेता मानने पर बल देती है और उसी की फलश्रुति है कि इस नीति ने 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' का नाम परिवर्तित कर 'शिक्षा मंत्रालय' करने का प्रस्ताव किया है। यह शिक्षा नीति भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शैक्षिक प्रशासन की पूर्व की संरचना एवं शिक्षा की नियामक संस्थाओं को पुनर्संरचित करेगी.
समग्रता में यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के मौलिक को मजबूत आधार प्रदान करते हुए राष्ट्र के नागरिकों को वैश्विक संभावनाओं के सन्दर्भ में समतामूलक एवं गुणात्मक विकास के अवसर उपलब्ध करायेगी जिससे सृजनशील, आलोचनात्मक, न्यायप्रिय एवं चेतना संपन्न भारतीय मानस का निर्माण हो सकेगा और ऐसा भारतीय मानस ही परम वैभवशाली राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी होगा. इतनी व्यापक, सर्वसमावेशी शिक्षा नीति जो अपने उद्देश्य एवं संरचना में भारतीय सांस्कृतिक चेतना से समन्वित है; के लिए श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' जी, माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार के प्रति हार्दिक कृतज्ञता.


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सुरखी: कांग्रेसजनों ने किया क्षेत्र का दौरा, पार्टी को जिताने की अपील

सुरखी: कांग्रेसजनों ने किया क्षेत्र का दौरा, पार्टी को जिताने की अपील


सागर ।सुरखी विधानसभा उपचुनाव के लिए जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी पूर्व निगम अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे तथा जिला उपाध्यक्ष गिरीश पटेरिया ने सुरखी क्षेत्र के  विभिन्न कस्बों का दौरा कर स्थानीय जनता और कांग्रेसजनों से मुलाकात की। इस दौरान पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चुने गए जनप्रतिनिधि द्वारा जनमत को बेचे जाने तथा क्षेत्र की उपेक्षा को लेकर स्पष्ट आक्रोश उभर कर आया।
सेक्टर क्रमांक 7 के प्रभारी के रूप में सागर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी पूर्व निगम अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे जिला उपाध्यक्ष गिरीश पटेरिया समेत अनेक कांग्रेसजन क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने अपने प्रभार के अंतर्गत आने वाले सुरखी पठा चतुरभटा और मिडवासा में कांग्रेसजनों और स्थानीय जनता की बैठक ली।
             बैठक को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी ने कहा कि यहां की जनता ने भाजपा की शिवराज सरकार को हटाने के लिए कॉन्ग्रेस प्रत्याशी को विजई बनाकर अपना जनादेश दिया था। लेकिन यहां के चुने हुए जनप्रतिनिधि ने जनता के साथ धोखा कर जनता के लिए काम करने वाली कमलनाथ सरकार को गिराने का पाप किया है। उन्होंने आने वाले उपचुनाव में इस पाप का बदला लेने और सबक सिखाने की अपील उपस्थित जनता से की।
 पूर्व निगम अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे ने उपस्थित क्षेत्रीय जनता से आह्वान किया कि वे किसी भी तरह के डर या बहकावे में नहीं आए। इसके लिए कांग्रेसजन जनता के साथ खड़े हैं और जनादेश को बेचने वालों को करारा जवाब दें। जिला उपाध्यक्ष गिरीश पटेरिया ने कहा कि यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा के बीच नहीं बल्कि बिकाऊ और टिकाऊ के बीच में है इसमें क्षेत्र की जनता सोच समझकर निर्णय लें।

कांग्रेस नेताओं द्वारा क्षेत्र में किए गए भ्रमण एवं बैठकों के दौरान सुरखी में माधव गौतम मदन पाठक वीरेंद्र गौड़ लक्ष्मीनारायण नामदेव फिरतू चौधरी प्रेम नारायण नामदेव साहू भगवान सिंह साहू भगवती ठाकुर महेंद्र अग्रवाल बृजेंद्र सिंह ठाकुर शिव कुमार सिंह राजपूत ग्राम पठा में बलराम लोधी दीना लोधी ब्रजकिशोर ढेकला दयाराम रजक सुरेंद्र यादव राम लोधी चतुरभटा में शिवराज सिंह लोधी सहदेव लोधी रामचरण लोधी राकेश चढ़ार पप्पू साहू मंजू चढ़ार हल्ले भाई मन्नूलाल अहिरवार मेहरबान सिंह लोधी आशिक खान कमलेश यादव रघुराज संदीप अग्रवाल अमर सिंह नन्हे भाई परशु रजक बाबू सिंह गौड़ शिवराज पाल रामजी लोधी मनीष बड़ोनीया मेहरबान सिंह उपेंद्र सिंह इरफान खान विनोद जैन डॉ वीरेंद्र लोधी हल्लू नेता भोले अहिरवार वीरेंद्र जैन मंगल सिंह लखन अहिरवार समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रीयजन मौजूद थे। 




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लोधी समाज की राष्ट्रभक्त समाज के रूप में पहचान रही : मन्त्री गोविंद राजपूत


लोधी समाज की  राष्ट्रभक्त समाज के रूप में पहचान रही : मन्त्री गोविंद राजपूत

सागर। लोधी-क्षत्रिय समाज का सम्मान समारोह हाॅटल राॅयल पैलेस, किलाकोठी में आयोजित किया गया, जिसमें सुरखी विधानसभा क्षेत्र के लगभग 2 हजार से अधिक लोधी समाज के लोगों ने मास्क लगाकर एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए  भाग लिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के भतीजे एवं विधायक राहुल लोधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे बुआ उमाभारती जी ने लोधी समाज के मान-सम्मान को पूरे प्रदेश में बढ़ाया है, उन्होंने लोधी समाज के प्रत्येक परिवार का न केवल मनोबल बढ़ाया, बल्कि उन्हें प्रदेश भर में राजनीति में भी उच्चतम स्थान दिलवाया। 
कांग्रेस से भाजपा में आये विधायक मान.प्रदुम्न सिंह लोधी ने कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं, कांगे्रस अपनी छबि खोने की स्थित में आ चुकी है, क्योंकि चाहे विधायक हो, चाहे मंत्री हों, चाहे आम नेता हो, कांग्रेस में सबका अपनी-अपनी ढप्ली, अपना-अपना राग कार्यक्रम चल रहा है। 

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लोधी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल राजपूत (लोधी) ने कहा कि सुरखी क्षेत्र में लोधी समाज के संबंध मंत्री गोविंद राजपूत से 25 वर्ष पुराने हैं, उन्होंने लोधी समाज से अपील की है कि यह संबंध कांग्रेस के छोटे-मोटे नेताओं के भड़काने में हमें खत्म न करके और मजबूत करना है और मंत्री गोविंद राजपूत को सुरखी उपचुनाव में भारी मतों से विजयी बनाना है।  राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजपूत ने कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर राममंदिर निर्माण के आंदोलन में लोधी क्षत्रिय समाज का गौरवशाली ऐतिहासिक योगदान है। उन्होंने कहा कि लोधी समाज की प्रखर राष्ट्रभक्त समाज के रूप में पहचान रही है। रानी अवंतिकाबाई आजादी के आंदोलन में बहुत बड़ी सेनानी थी एवं राममंदिर निर्माण में मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती का योगदान पूरा देश जानता है।
कार्यक्रम में इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लक्ष्मन सिंह, युवा नेता सत्येंद्र सिंह, भगवान सिंह लोधी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष, तृप्ति लोधी, लोकमन लोधी, लोधी समाज के संभागीय अध्यक्ष सहित लोधी समाज के गणमान्य नागरिक, अनेक वरिष्ठ नेता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा निकले कोरोना पॉजिटिव


भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा निकले  कोरोना पॉजिटिव



भोपाल। एमपी में कोरोना का कहर आम जनों से अब राजनीतिको और बड़े लोगो तक पहुच गया है।  इसमे भाजपा की सरकार और संगठन के लोग शामिल है।  आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वीडी शर्मा भी कोविड पॉजिटिव निकले। मप्र में एक-एक करके कई भाजपा नेता हो रहे पॉजिटिव।मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान  सहित कई नेताओं ने वीडी शर्मा के स्वस्थ्य होने की कामना की ।

अभी तक सीएम शिवराज सिंह चौहान, तीन मन्त्री  तुलसी सिलावट,अरविंद भदौरिया और राम खिलावन पटेल,संगठन मंत्री सुहास भगत,सम्भागीय संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी, केशव भदौरिया सहित कई विधायक और पूर्व विधायक और भाजपा के पदाधिकारी शामिल है। उधर कांग्रेस के भी कुछ विधायको सहित नेता संक्रमित हुए है। 

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा निकले कोरोना पॉजिटिव

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा निकले  कोरोना पॉजिटिव


भोपाल। एमपी में कोरोना का कहर आम जनों से अब राजनीतिको और बड़े लोगो तक पहुच गया है।  इसमे भाजपा की सरकार और संगठन के लोग शामिल है।  आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वीडी शर्मा भी कोविड पॉजिटिव निकले। मप्र में एक-एक करके कई भाजपा नेता हो रहे पॉजिटिव।मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान  सहित कई नेताओं ने वीडी शर्मा के स्वस्थ्य होने की कामना की ।

अभी तक सीएम शिवराज सिंह चौहान, तीन मन्त्री  तुलसी सिलावट,अरविंद भदौरिया और राम खिलावन पटेल,संगठन मंत्री सुहास भगत,सम्भागीय संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी, केशव भदौरिया सहित कई विधायक और पूर्व विधायक और भाजपा के पदाधिकारी शामिल है। उधर कांग्रेस के भी कुछ विधायको सहित नेता संक्रमित हुए है। 

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