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भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति और मोर्चा अध्यक्षो की घोषणा

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति और मोर्चा अध्यक्षो की घोषणा


भोपाल। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने प्रदेशा कार्यसमिति और मोर्चा अध्यक्षो की घोषणा कर दी है। 











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MP: उपपुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के तबादले

MP: उपपुलिस अधीक्षक स्तर  के अधिकारियों के तबादले


भोपाल। पुलिस मुख्यालय भोपाल ने उपपुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए है। 














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तीन पंचायत सचिव निलंबित, तीन रोजगार सहायको की सेवा समाप्त, लापरवाह उपयंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सहित 15 अधिकारियों पर हुुई कार्यवाई

तीन पंचायत सचिव निलंबित, तीन रोजगार सहायको की सेवा समाप्त, लापरवाह उपयंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सहित 15 अधिकारियों पर  हुुई कार्यवाई



सागर।  सागर जिले में सुशासन स्थापित करने के लिए कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत के सीईओ  श्री इच्छित गढ़पाले द्वारा  बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इच्छित गढ़पाले द्वारा मनरेगा कार्यो की समीक्षा की गई। जिसमें लेबर बजट की कम प्रगति होने पर अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत खुरई, देवरी, मालथौन, समय  सीमा में भुगतान न करने पर सहायक लेखाधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत केसली का एक दिवस का वेतन काटने के निर्देश जारी किये गये एवं फील्ड पर उपस्थित न होने के कारण श्री प्रभुदास चढ़ार उपयंत्री सागर, श्रीमति मनीषा गोस्वामी, उपयंत्री बंडा, श्री अशोक शुक्ला  उपयंत्री बीना, श्री बंसत तिवारी उपयंत्री रहली, श्री अभिलाष राय उपयंत्री सागर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये।
साथ ही लेबर नियोजन कम होने पर उपयंत्री श्री विवेक केशरवानी, श्री कमलेश डेहरिया उपयंत्री एवं श्री आर0 के0 धुर्वे उपयंत्री का एक दिवस का वेतन काटे जाने के आदेश जारी किये गये।
ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक की ग्राम पंचायत मुख्यालय में नियत दो दिवसों पर अनिवार्यतः उपस्थिति के संबंध में म0प्र0 शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म0प्र0 भोपाल के पत्र क्रं. 617 दिनांक 05-12-2020 से जारी निर्देशों का पालन कराये जाने हेतु जिला स्तर से गठित दल द्वारा दिनांक 11.01.2021 को जनपद पंचायत बंडा की ग्राम पंचायतों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत जेजटखेड़ा, खैजराभेड़ा एवं बमूराभेड़ा में पंचायत भवन बंद होने एवं संबंधित सचिव को मुख्यालय से अनुपस्थित पाये जाने के कारण श्री इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। 


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स्वामी विवेकानंद वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा के पोषक : दीपक तिवारी


स्वामी विवेकानंद वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा के पोषक : दीपक तिवारी


बनारस। स्वामी विवेकानन्द अद्वैत वेदान्त और उपनिषद के सनातन संस्कार से प्रेरित थे और उन्होंने कहा कि स्वामीजी वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा के पोषक थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया व्यापक रुप से हमारे दैनिक व्यवहार को प्रभावित कर रहा है इसलिए इसका सार्थक उपयोग करने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव को दूर रखने के लिए हमें स्वामी विवेकानन्द के प्रेरक उदार चरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरणा लेनी होगी। उक्त उद्गार माखनलाल चतुर्वेदी राष्टीय पत्रकारिता वि.वि. भोपाल के पूर्व कुलपति और जोष होष मीडिया के प्रबंध संपादक सागर मूल के दीपक तिवारी ने काशी हिन्दू वि.वि. वाराणसी के मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र द्वारा आयोजित विवेकानंद जयंती राष्टीय युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आनलाईन व्यक्त किए।

अध्यक्षता करते हुए समन्वयक प्रो आशाराम त्रिपाठी ने कहा कि स्वमी जी से हमें करुणा सदाचरण प्रेम आदि मूल्यों की शिक्षा लेनी चाहिए। हमें अपने महापुरुषों से राष्ट्रहित के लिए समर्पण की शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द हमारी संस्कृति के ध्वजवाहक थे। 

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इस अवसर पर सारस्वत अतिथि श्री संजीव कुमार राय संस्कृत भारती  ने कहा कि स्वामी जी ने गुरु के आदेश को. कि सनातन धर्म का प्रचार सम्पूर्ण विश्व में करेंगे. सर्वोपरि माना। अतः उन्होंने विभिन्न प्रकार के कष्टों को सहते हुए गुरु मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र का मान बढ़ाया इसलिए वे हम सभी के लिए श्रधेय हैं।
मुख्य वक्ता केन्द्र के उप समन्वयक प्रो गिरिजा शंकर शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वमी विवेकानन्द जी जैसे महापुरुषों का चरित्र हम सबके लिए प्रेरणा स्तम्भ है। स्वामी जी ने मनुष्य में मनुष्यत्व के विकास पर जोर दिया और धर्म मार्ग पर चलने का उपदेश दिया। कार्यक्रम संचालन डा संजीव सर्राफ तथा धन्यवाद ज्ञापन डा उषा त्रिपाठी ने किया। 
इस अवसर पर डा रामकुमार दांगी डा धर्मजंग डा राजीव कुमार वर्मा डा अभिषेक त्रिपाठी डा प्रीति वर्माए डा वैभव डा लालबाबू जायसवाल, अंकित सिंह दांगी, शिवानी सिंह, रोशनी दांगी सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।


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मुख्यमंत्री ने असली हीरो सागर की श्रीबाई का किया सम्मान ,रेपिस्ट से बचाई थी पीड़िता की जान

मुख्यमंत्री  ने असली हीरो  सागर की  श्रीबाई का किया सम्मान ,रेपिस्ट से बचाई थी पीड़िता की जान 


सागर।  नारी सम्मान और सुरक्षा को एक नई पहचान दिलाने के संकल्प के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मान अभियान आरंभ कर दिया है। नारी सुरक्षा तथा उसकी अस्मिता को क्रूर विचारों से बचाकर विकट परिस्थितियों में निडरता का परिचय देने वाली सागर की श्री बाई को आज मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्चुअल माध्यम से सम्मानित किया। इस दौरान सागर से संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, आईजी श्री अनिल शर्मा, कलेक्टर श्री दीपक सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह ने श्रीबाई को सम्मान पत्र भेंट किया।

मध्य प्रदेश में अब बेटियों, महिलाओं को उनके अधिकारों के साथ-साथ सम्मान दिलाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा हर दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। इसी दिशा में जिला प्रशासन भी नारी सुरक्षा से लेकर उनके सशक्तिकरण तक दृढ़ संकल्पित होकर कार्य कर रहा है।
आज के सभ्य, विकसित समाज में आज भी कई विसंगतियां हैं, महिलाएँ जिनका शिकार हो जाती है। इन विसंगतियों को समाज का कोई एक वर्ग दूर नहीं कर सकता। परंतु सभी को साथ मिलकर समन्वित प्रयासों से कदम बढ़ाने होंगे।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रारंभ किये गये सम्मान अभियान के तहत सोमवार को सागर की असली हीरो श्रीमती श्रीबाई बंसल को वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से सम्मानित किया गया। श्री बाई द्वारा वह किस्सा भी सुनाया गया जिसके कारण आज उन्हें उनकी निडरता हेतु सम्मानित किया गया।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री बाई से कहा कि उनके साहस को वे दिल से सलाम करते हैं।


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उल्लेखनीय है कि, सम्मान अभियान के तहत सागर के आप चंद क्षेत्र की निवासी श्रीमती श्री बाई बंसल को रेपिस्ट से महिला की जान बचाने के लिए सम्मानित किया गया।
सम्मान अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चो को सुरक्षा हेतु जागरूक करना , आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों को सचेत कर हतोत्साहित करना एवं महिला एवं बच्चो की सुरक्षा में समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।

कुछ कहो, कुछ करो समझदारी से

सम्मान अभियान के दो मुख्य नारे हैं- 'कुछ कहो कुछ करो समझदारी से ' एवं असली हीरो'। आज से शुरू हुए सम्मान अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा उन नागरिकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने महिला अपराध रोकने अथवा घटित होने के उपरांत पीड़िता के समर्थन में सकारात्मक कार्य किये है। ऐसे व्यक्तियों को 'असली हीरो' के रूप में सम्मानित किया गया।


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बीड़ी उद्योग पर संकट गहराया ,कोटपा एक्ट में संशोधन को लेकर ,सख्त होगा कानून

बीड़ी उद्योग पर संकट गहराया ,कोटपा एक्ट में संशोधन को लेकर ,सख्त होगा कानून

सागर। ( तीनबत्ती न्यूज़. कॉम ) ।   एमपी में बीड़ी के कारोबार का अपना इतिहास है।  बुंदेलखंड में सागर और जबलपुर के बीच लगभग दो सौ वर्ष पूर्व हुआ था। तेंदू पत्ते की भरपूर उपलब्धता के करण मध्य प्रदेश में यह उद्योग ८० के दशक में अपनी चरम सीमा पर था। तत्पश्चात् सरकारी रोक-टोक के चलते इस उद्योग का पलायन पश्चिम बंगाल और दक्षिण एवं पूर्व भारत के राज्यों की ओर होता चला गया। आज कई ऐसे क़ानून आ रहे हैं जो बीड़ी उद्योग को निश्चित रूप से ख़ाक में मिला देंगे। कोरोना काल में संकटो से जूझ रहे बीड़ी जैसे  कुटीर उधोग के सामने नए नए संकट पैदा 
हो रहे है। 

कोटपा की नई नियमावली, दुकानदार को कराना होगा रजिस्ट्रेशन 

कोटपा अर्थात् सिगरेट एंड अदर टबैको प्रॉडक्ट्स ऐक्ट क़ानून २००३ में हाल ही में संशोधन कर ३१-दिसम्बर-२०२० को नयी नियमावली ज़ारी की गयी ।  संशोधन अगले महीने फरवरी माह से लागू हो जाएंगे। इन पर चर्चा करने सरकार ने वक्त भी कम दिया है। 
जिसके नियम बीड़ी उद्योग के लिए पूर्णतः अव्यवहारिक हैं। नियमों के अनुसार बीड़ी निर्माता बीड़ी के बंडल पर अपने ब्रांड या लेबल का चित्र नहीं दर्शा सकते हैं। दुकानदार अपनी दुकान पर बीड़ी-बण्डलों को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ग्राहक कैसे समझेगा कौनसा दुकानदार बीड़ी बेचता है और कौनसा नहीं? ग्राहक अपने पसंदीदा ब्रांड की बीड़ी को भी नहीं पहचान पाएगा। खुली बीड़ियों का विक्रय प्रतिबंधित रहेगा। हर बंडल २५ बीड़ी का ही होना चाहिए। हर बंडल पर MRP और निर्माण की तारीख़ छपी होना अनिवार्य होगा। बीड़ी की पैकिंग की प्रक्रिया को रिलाई कहते हैं जो पूर्णतः हाथों से की जाती है न की मशीन से। उपरोक्त नियमों को रिलाई की प्रक्रिया में शामिल करना नामुमकिन है।  इसके अतिरिक्त हर बीड़ी निर्माता, ठेकेदार, व्यापारी, डीलर, डिस्ट्रिब्युटर, पनवाड़ी एवं दुकानदार को कोटपा के तहत पंजियन करवाना अनिवार्य होगा। ऐसा न होने पर लाखों के जुर्माने सहित जेल होगी। 

कोटपा क़ानून की नवीनतम नियमावली को ध्यान से पढ़ें तो कोई भी व्यक्ति अपने घर के बाहर धूम्रपान नहीं कर सकता। ऐसा प्रतीत होता है कि बीड़ी को गाँजा या ड्रग्स की श्रेणी में रख दिया गया है। और तो और कोटपा के किसी भी नियम को तोड़ना एक दण्डनीय अपराध माना गया है और ऐसा होने पर सात वर्ष तक का कारावास और करोड़ों का जुर्माना भी लग सकता है। हैरत की बात यह है कि कोटपा के तहत यह नियमावली दिसम्बर में बनी और इसे फ़रवरी से लागू किया जाना है। इसके संदर्भ में बीड़ी मज़दूरों, निर्माताओं, रिलाईवालों, तेंदू-पत्ता संगों, रीटेलर-संगों, पनवाड़ियों, तम्बाकू किसानों इत्यादि को अपना पक्ष रखने का मौक़ा ही नहीं दिया गया। बजट में बीड़ी पर अत्यधिक टैक्स बढ़ने की ख़बर भी चल रही है। ऐसा हुआ तो निश्चित ही यह बीड़ी उद्योग का अंत होगा। यदि बीड़ी ही नहीं रही तो राज्य-सरकारों से टेंडरों में ख़रीदे गए तेंदू-पत्ते का क्या मूल्य रह जाएगा?! 
बीड़ी मूलतः ग्रामीण-कुटीर उद्योग है जो देश भर में २.६ करोड़ तम्बाकू किसानों, ८५ लाख बीड़ी श्रमिकों, ४० लाख से अधिक आदिवासी-तेंदू-पत्ता-संग्राहक परिवारों और ७५ लाख पनवाड़ियों के रोज़गार का माध्यम है। इस उद्योग को न तो बिजली और न ही पानी की आवश्यकता पड़ती है। अतः इसका कार्बन-उत्सर्जन और कार्बन-पदचिह्न बहुत कम है। लेकिन आज इस उद्योग को सिगरेट और गुटका जैसे उद्योगों के समतुल्य रख इसपर मशीन-निर्मित उत्पादों के नियम लगाए जा रहे हैं जो इसे धीरे-धीरे ख़त्म कर रहे हैं।


क्या बीड़ी उद्योग  बन्द हो जाएगा....

नियमों से चलने वाले निर्माता तो इस प्रश्न का उत्तर "हाँ" में देते हैं। मध्यप्रदेश बीड़ी उधोग संघ के अनिरुद्ध पिम्पलापुरे कहते है कि कोटपा के जो नए संशोधन होने वाले है । उसके अनुसार तो बीड़ी का कारोबार बंद होने की कगार पर आ जायेगा। कोरोना काल मे बड़ी मुश्किल हुई है। देखे तो बीड़ी बनाना आत्मनिर्भर जैसा काम है। घरों में बैठकर लोग अपनी सुविधानुसार बनाते है। 

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संशोधन अव्यवहारिक: कामरेड अजित जैन

बीडी कामगार यूनियन से जुड़े और एटक के राज्य महासचिव कामरेड अजित जैन कोटपा में होने जा रहे संशोधन को बिल्कुल अव्यावहारिक, अनुचित और कुटीर उद्योग को बंद करने वाला बताया है । जिसके दुष्परिणाम सामने आयेगे ।उन्होने कहा कि बीडी उधोग से देश भर में 15 करोड लोग जुडे हैं ।  जिससे रोजगार पर कुठाराघात होगा । संशोधन में जो बाते कही जा रही है वे सब समझ से परे है । कुटीर उद्योग को बंद करके मशीनीकृत उधोग को बढावा देने वाला है । एक बीडी के पांच लायसेंस लेने पडेगे ।

तेंदूपत्ता तुड़ाई के ठेको के बीच नए संसोधन

एमपी में तेंदूपत्ता संग्रहण के ठेके 2021 के हो चुके। सरकार को 11 सौ करोड़ से अधिक का लाभ मिलेगा। यहां सवाल उठता है कि यदि बीड़ी के कारोबार पर इन नए नियमो के चलते विपरीत असर पड़ा तो इस तेंदूपत्ते का सरकार क्या करेगी ? 

बीड़ी के अवैध कारोबारियों को इन नियमो का कोई असर नही पढ़ने वाला है।  वीराने में जंगल से तेंदू-पत्ता चुराकर अपने खेत की तम्बाकू से नगद में मज़दूरी देकर बिना चित्रात्मक चेतावनी के बीड़ी बनाकर नगद विक्रय करने वाले निर्माता को न ही कोटपा रोक पाएगा और न ही कर-चोरी का भय।  भविष्य में बीड़ी का धंधा नियम कानूनों से चलने वालों के लिए मुसीबत होगा। चोरों और अवैध कारोबारियों के हवाले हो जाएगा। 



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