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ब्राउस में सीडीएस जनरल विपिन रावत पर शोध पीठ की स्थापना ★ राष्ट्र सर्वोपरि का जज्बा लिए हमेशा जीवंत रहेंगे सीडीएस विपिन रावत: प्रो. आशा शुक्ला, कुलपति

ब्राउस में सीडीएस जनरल विपिन रावत पर शोध पीठ की स्थापना

★ राष्ट्र सर्वोपरि का जज्बा लिए हमेशा जीवंत रहेंगे सीडीएस विपिन रावत: प्रो. आशा शुक्ला, कुलपति

महू।  प्रथम सीडीएस विपिन रावत के असामयिक निधन पर सम्पूर्ण देश स्तब्ध है। वे हमेशा अपने कार्यों, निष्ठा और राष्ट्र समर्पण से जीवंत रहेंगे। हमें उनके कार्यों, नीतियों, युद्ध कौशल को बार-बार समझने की जरुरत है। विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक एवं राष्ट्रीय भूमिकाओं का निर्वहन करते हुए पीठ को उच्च प्राथमिकता में शामिल किया। विश्वविद्यालय ने स्कूल ऑफ डिफेंस स्टडीज के अंतर्गत आर्मी वॉर कालेज तथा इन्फेंट्री स्कूल से अकादमिक अनुबंध भी किये हैं ताकि देश के योद्धाओं के योगदान को राष्ट्र और समाज के सामने पल्लवित किया जा सके। इस पीठ की स्थापना उच्च निष्ठा और समर्पण के साथ राष्ट्रीय हित के बिन्दुओं को तलाशना है। उक्त बातें डॉ. बी. आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय तथा फ्री प्रेस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि तथा उनके नाम पर शोध पीठ के  शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर में ब्राउस कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने बतौर अध्यक्ष कही। 
श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए महू के कमान्डेंट ले. जनरल वीएस श्रीनिवास ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत ने वीरता के साथ चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर, नागालैंड सहित देश के विभिन्न स्थानों पर वीरतापूर्ण कार्यों को अंजाम दिया। तमाम चुनौतियों के बावजूद वे देश हित के फैसलों पर अडिग रहे। उनके नाम पर पीठ की स्थापना सैन्य योद्धाओं का सम्मान है।स्मरण एवं आदरांजलि उद्बोधन में महू के कमांडेट (सेवानिवृत) ले. जनरल दुष्यंत सिंह ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत एक उर्जावान योद्धा रहे हैं। वे देश हित के कार्यों को चुनौतीपूर्ण लेकर आगे बढ़कर करते थे। वे एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक थे जिन्होंने जीवन में रुकना नहीं सीखा। संभवतः ब्राउस में स्थापित यह पीठ सीडीएस पर पीठ है जो उनके कार्यों  को सामाजिक उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने देश को सॉफ्ट पॉवर से हार्ड पॉवर बनाया है। उन्होंने सेना में अनेक नवाचारी आधुनिक प्रयोग किये जिसमें राष्ट्रहित को बढ़ावा दिया गया।
भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए महू के वीएसएम (सेवानिवृत) ले. जर्नल एम.जी. दातार ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत ने 1971 की लड़ाई में शहीद को वीरता सम्मान लेने आई उनकी पत्नी को पैर छूकर प्रणाम किया यह अपने आप में निष्ठा और समर्पण का अनुपम उदहारण है। उन्होंने देश की सेना को एकजुट करने का प्रयास किया ताकि सैन्य बल विकसित हो सके। सत्यवादी और राष्ट्र प्रेम का जज्बा लिए विपिन रावत प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे। 
सीटीजेडब्ल्यू कॉलेज कांकेर के ब्रिगेडियर बंसल के पंवार ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सीडीएस विपिन रावत ने बर्लिंगटन जाकर देश की सुरक्षा के लिए प्रेरित का भाषण दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम का जज्बा लिए विपिन रावत हमेशा जीवंत रहेंगे। सामाजिक कार्यों से जुडी पद्मश्री जनक पलटा तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रो. पी. एन. मिश्र तथा प्रो. आर. के. शुक्ल वरिष्ठ प्राध्यापक, डीए.विवि, इंदौर ने  उनसे जुडी स्मृतियों को ताजा कर याद किया। संचालन डॉ. बिंदिया तातेड ने किया। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम तथा देश के प्रथम सीडीएस विपिन रावत शोध पीठ के शुभारम्भ अवसर पर ब्राउस के संकायाध्यक्ष प्रो. डी.के. वर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी, प्रो. देवाशीष देवनाथ, प्रो. सुरेन्द्र पाठक, डॉ. मनीषा सक्सेना, कुलसचिव डॉ. अजय वर्मा, संध्या मालवीय, डॉ. दीपक कारभारी फ्री प्रेस के संपादक अर्सित गौतम तथा अतुल गौतम, ब्राउस के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. रामशंकर, देर. कौशलेंद्र वर्मा,  डॉ. अरुण कुमार, डॉ. पीसी बंसल, डॉ. धनराज डोंगरे, प्रदीप कुमार, डॉ. कृष्णा सिन्हा, लव चावडीकर, एवं आर्मी परिवार सहित सभी शिक्षक, अधिकारी तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।
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SAGAR : हेल्थ केयर एवं फ्रंटलाइन वर्करों का प्रिकॉशन डोज, 60 प्लस को बूस्टर डोज भी 10 जनवरी से ★ 2 लाख 43 हजार से अधिक का होगा वेक्सीनेशन


SAGAR : हेल्थ केयर एवं  फ्रंटलाइन वर्करों का प्रिकॉशन डोज, 60 प्लस को बूस्टर डोज भी 10 जनवरी से
★ 2 लाख 43 हजार से अधिक का होगा वेक्सीनेशन

सागर 28 दिसम्बर 2021
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी परिपेक्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हेल्थ केयर एवं  फ्रंटलाइन वर्करों को प्रिकॉशन डोज एवं 60 प्लस व्यक्तियों को बूस्टर डोज के साथ-साथ 15 से 18 वर्ष की बालक-बालिकाओं के लिए भी वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कलेक्टर श्री दीपक आर्य द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए सागर जिले की फ्रंट लाइन एवं हेल्थ एयर वर्कर के साथ-साथ 60 प्लस व्यक्तियों को प्रिकॉशन वैक्सीनेशन एवं बूस्टर डोज लगाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए ।

कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश बौद्ध, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एसआर रोशन द्वारा कार्रवाई करते हुए बताया कि फ्रंटलाइन एवं हेल्थ केयर वर्करों के साथ 60 प्लस व्यक्तियों का वैक्सीनेशन 10 जनवरी 2022 सोमवार से प्रारंभ किया जाना है ।

उन्होंने बताया कि सागर जिले में 12 हजार 695 से अधिक हेल्थ केयर वर्कर चिन्हित किए गए हैं। इसी प्रकार 15 हजार 400 से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर को चयनित किया गया है जिनको 10 जनवरी 2022 से प्रिकॉशन वैक्सीनेशन कराने हेतु कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

 जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ रोशन ने बताया कि इसी प्रकार 2 लाख 15 हजार 900 से अधिक 60 प्लस व्यक्तियों को बूस्टर डोज  हेतु चयनित किया गया है। यह बूस्टर डोज भी 10 जनवरी 2022 से प्रारंभ होगा ।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश बौद्ध ने बताया कि लगाने के लिए 60 प्लस व्यक्तियों को डॉक्टर का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर एवं हेल्थ केयर वर्कर के साथ-साथ 60 प्लस व्यक्तियों के वैक्सीनेशन के लिए 10 जनवरी 2022 के 2 दिन पूर्व से पंजीकरण की व्यवस्था प्रारंभ होगी जिसमें संबंधित व्यक्ति अपना पंजीकरण कराकर वैक्सीनेशन करा सकेगा।
 
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ रोशन ने बताया कि कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंटलाइन भरकर के साथ-साथ 60 प्लस व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है जो कि जिले में 2 लाख 43 हजार से अधिक है जिनका वैक्सीनेशन कराया  
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यह करुणा का सागर है तो बरसात होगी ही: नागर जी ★श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन

यह करुणा का सागर है तो बरसात होगी ही: नागर जी

★श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन

सागर ।  ग्राम पटकुई बरारू वृंदावन धाम परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के द्वितीय दिवस संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि यह सागर करुणा का सागर है जहां कथा शुरू होते ही बरसात हो गई |आपने कथा को समय दिया तो दूसरे दिन ही प्रभु ने बरसात के रूप  में लौटा दिया |  बरसात किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाए तो यह प्रभु की कृपा ही है| उन्होंने कहा कि संसार में सब कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन कभी सुख नहीं |इसी तरह दुख को बेचा नहीं जा सकता| जिनके कर्म अच्छे हैं तो सुख उनके पुण्य रूपी भंडार में जमा हो जाता है | हरि गुण गाने से ही पाप  घटता है| वृंदावन धाम के भव्य पंडाल में बड़ी संख्या में कथा श्रवण के लिए उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान कराते हुए पंडित कमल किशोर नागर जी ने कहा कि जब हमारा शरीर अच्छा है| सत्ता अच्छी है तो खाने का समय नहीं है |जब बुढ़ापा है, तब इच्छा अनुसार मिल नहीं रहा| यदि  बेटा बहू है तो दे नहीं रही या डॉक्टर ने मना कर दीया| इसलिए भोजन और भजन का मजा भी नई उम्र में ले लेना चाहिए |बाद के लिए मत छोड़ो| जवानी में भजन पुण्य किया तो पुण्य हमेशा जवान रहेगा, बुढ़ापे में किया तो पुण्य कमजोर ही रहेगा| पाप सब जवानी में कर डालें और पुण्य बुढ़ापे में किया तो गंतव्य तक नहीं पहुंचा  सकेगा| नागर जी ने कहा कि अपने जीवन में गाय की सेवा करके, सत्संग करके, ध्यान करके, माला जपके देखो कभी ब्लड प्रेशर नहीं होगा| ब्लड प्रेशर पहले नापना और यह सब करके नापना, अंतर समझ में आए तो यही करना और इसे प्रभु की कृपा समझना|
उन्होंने कहा कि जीवन में यह बात ध्यान रखें कि गाय पशु नहीं है, तुलसी वृक्ष नहीं है ,श्रीमद् भागवत कोई कहानी नहीं है और भारतवर्ष कोई मिट्टी का ढेला नहीं है| इन सबमें परमात्मा का वास है इनके प्रति श्रद्धा,भक्ति और विश्वास होना जरूरी है| संत ने कहा कि लोग रोटी की व्यवस्था तो कर लेते हैं लेकिन मुक्ति की व्यवस्था में पीछे रह जाते हैं| पेट खाली है इसकी चिंता है लेकिन हृदय  खाली है  उसका भी ध्यान करो|हृदय में भगवान का वास हो तो यह जीवन तर जाता है| संत श्री ने कहा कि वचन गुरु के और मानव तन यह दोनों अनमोल होते हैं| इन्हें बर्बाद मत करो| भगवान को पाने के लिए ह्रदय में भाव होना चाहिए| अपना भाव इतना बड़ा दो कि आसमान छुए, लेकिन भाव भागवत प्राप्ति के लिए होना चाहिए ना की सांसारिक वस्तुओं के लिए| संत श्री  ने कहा कि राम से राम का नाम बड़ा है, नारी से उसका सुहाग बड़ा है, पृथ्वी से आकाश बड़ा है, कृष्ण से उनकी कथा बड़ी है और मारने वाले से बचाने वाला सबसे बड़ा है|उन्होंने कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि उद्धव जी जब गोकुल गए तो लौटने में 2 महीने लगा दिए| कृष्ण जी ने जब कारण पूछा तो उद्धव जी ने कहा कि भगवन जो आनंद आपके भजन में है वह आनंद आप में नहीं है | यह बात गोपियों ने साबित कर दी|  भगवान आपसे बड़ी तो आप की कथा है| जो कथा को अवतार समझता है वह  अवसर है और इस अवसर को खोना नहीं चाहिए| संत श्री ने कहा कि मंदिर की मूर्ति को कभी पाषाण न समझे|मूर्ति बोलती नहीं है लेकिन भगवत दर्शन कराती है और कथा दर्शन नहीं देती लेकिन मोक्ष का मार्ग बताती है, इसलिए जीवन में दोनों को अपनाएं| उन्होंने कहा कि संसार में सुख की आशा मत करो जीवन में कष्ट ही कष्ट है| यह शरीर साथ नहीं जाएगा पर उससे किया भजन साथ जाएगा |पैसा साथ नहीं जाएगा लेकिन उससे किया गया पुण्य साथ जाएगा| इंसान आधा जीवन इकट्ठा करने में लगा देता है, फिर भी आधा जीवन उसका दाता की तरह नहीं बल्कि भिखारी  की तरह ही कटता है क्योंकि जिसके लिए कमाया अब वह उसके अधीन हो गया|  इसलिए हमेशा पुण्य कमाओ जो हमेशा साथ रहे|
कथा अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी, सागर विधायक शैलेंद्र जैन, खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी, मदन सिंह राजपूत, पृथ्वी सिंह ठाकुर, जगदीश गुरु, विनोद  गुरु, राजेश केसरवानी, सोहन केशरवानी, मोहन केशरवानी, राकेश राय बेगमगंज,राजेंद्र बरकोटी,नितिन राय सिलवानी के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे|


 प्रतिदिन प्रभात फेरी भजन कीर्तन भी
संत श्री कमल किशोर नागर जी द्वारा की जा रही श्रीमद् भागवत कथा स्थल पर प्रतिदिन 24 घंटे ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप किया जा रहा है|इंदौर से आए बाबूलाल जाट ने बताया कि इंदौर, शाजापुर, शुजालपुर आदि जगहों से 200 से अधिक श्रद्धालु आए हुए हैं| श्रीमद्भागवत प्रभात फेरी मंडल द्वारा प्रतिदिन सुबह भजन कीर्तन के साथ प्रभात फेरी निकाली जा रही है| कथा समय को छोड़कर शाम 5:00 बजे से सुबह 11:30 बजे तक प्रतिदिन जाप किया जा रहा है| जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं|


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सपन्नता के साथ सद्बुद्धि होना ही मगवत कृपा : नागरजी, ★ श्रीमद भागवत कथा का आयोजन

सपन्नता के साथ सद्बुद्धि होना ही मगवत कृपा : नागरजी, 
★ श्रीमद भागवत कथा का आयोजन






सागर | संपन्नता के साथ सद्बुद्धि यदि हो तो यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि दोनों का साथ कम ही होता है । सम्पन्नता के साथ यदि सद्‌बुद्धि है तो समझो यह प्रभु की कृपा है। धनी, सञ्चन्न लोग यदि धर्मीक्षा और जो हुआ में आगे आएं तो कागजकी गाय भी नहीं करेगी। उक्त अमृत वचन संत श्री कमल किशोर नागर ने ग्राम पटकई बाराए में श्रीम भागवत कथा के प्रथम डिवस श्रद्धालुओं के समझ व्यक्त किए। कथा के प्रारंभ से पूर्व मध्य कलश यात्रा पर निकाली गई।
श्रीमद भागवत कथा का श्रद्धालुओं को रसास्वादन कराते हुए संत कमल किशोर नागर ने कहा कि यदिगाय कर रही हैं तो इसका सारा पाप उन घनवानों को लगेगा जो इन्हें बचाने का कार्य कर सकते हैं। श्री नागरजी ने कहा कि अपनी संपूर्ण जीविका चलाते हुए मी ठाकुरजी को थोड़ा समय अवश्य देना। अगर ठाकुरजी को समय दोगे तो तुम्हें हाथों हाथ वापस भी मिलेगा। भगवान को जब घाव हुआ तो दोपडी ने अपनी साड़ी फाड़कर पट्टी बांधी और समय पर भगवान ने इतनी बड़ी साठी लोटाई कि दुःशासन स्वीचते थक गया। भगवान पर हमेशा मरोसा रखो। रखीचते संत श्री नागर जी ने कहा कि जीवन में तीन जगह समय अवश्य दो प्रथम जिसका समय खराब चल रहा तो इससे आपका खराब, दुखी समय से परिचय हो जाएगा दूसरा जो बीमार हो, उसका हालचाल जारा पूछना इससे आपका बीमारी से परिचय हो जाएगा, तीसरा घर में यदि कोई बुजुर्ग पलंग पर पड़ा हो तो उसे समय अवश्य देना तो आपका कभी बुढ़ापा नहीं बिगड़ेगा।

संत श्री ने कहा कि पुगवान बनने पर लोग पुड को सौभाग्य शाली मानते है लेकिन पहले इसका अनुभव तो लो । पुत्रवान तो बन सकते हो लेकिन पुण्यवान बनो । एकाघ पुत्रही अच्छा हो सकता है। यदि पुत्र अच्छा है तो आपका पुण्य अच्छा है। क्योंकि आज के हालात ऐसे है कि पिता वाकर पकड़कर चल रहा है और पुत्र कुत्ते की सोकल पकड़कर चल रहा है। जिस संतान के लिए हम जीवन लगा देते हैं और जब हम थक जाते हैं हमें उनके सहारे वी जायत होती है तब कहा जाता है अपना देख लो। यह ध्यान रखो जिसको समय दे रहे हो वह अलग हो जाएंगे और जिसे यानि भगवन को समय नहीं दे रहे वहीं साथ निभाएंगे | अतः‌भगवत को समय दें।




संत श्री नागर जी ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा मोस का ग्रंथ है। इसको सुनने धुंधकाटी जैसे दुष्ट, अत्याचारी को मोक्ष प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि सुख डाव, धन के पीछे भागने की बजाए भगवान के पीछे भागो उसी से मोक्ष मार्ग मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत विद्वानों को देश है बुद्धिमानों का नहीं। विद्वानों को परमपिता की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धिमानों को सबकुछ पैसा है! उन्होंने हम दुधमनों को तो बार्डर पर रोक रहे हैं लेकिन फैशन तेजी से भारत में घुस रहा है और संस्कृति कोनष्टकर रहा है। इसे रोकना होगा।

 कलश यात्रा -

श्री मङ् भागवत कथा के पूर्व पटवुई स्थित हरिहर मंदिर परिसर से गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री एवं श्याम बाबू केशरवानी सिरदर श्रीमद भागवत जी लेकर चल रहे थे। पीताम्बर बस्त्रों में सजी महिलाएं सिर पर कलश लिए मंगल गान करती चल रही थी। इस अवसर पर राजेश के शरवानी, सोहन मोहन केशरवानी, विधायक प्रदीप लारिया, राजकुमार धनौरा, मदनसिंह राजपूत, राकेशराय बेगमगंज, कृष्ण मोहन माहेश्वरी, राजेन्द्र बाकोरी, इंद्रजीत सिंह, जगदीश गुर, मोनू यादव, अनिल साहू, सौटम केशरवानी, रवीन्द्र चौरसिया, ओम प्रकाश केशरवानी, योगेन्द्र केशरवानी, कपिल केशरवानी, नितिन राय, प्रवीण आदि उपस्थित थे।




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गोवा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,पूर्व मीसाबंदी,RSS के स्वयंसेवक व केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के पिताजी श्री अमर सिंह जी का निधन ★ सीएम शिवराज सिंह ,पूर्व सीएम कमलनाथ सहित अनेक लोगो ने दी श्र्द्धांजलि

गोवा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,पूर्व मीसाबंदी,RSS के स्वयंसेवक व  केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के पिताजी श्री अमर सिंह जी का निधन

★ सीएम शिवराज सिंह ,पूर्व सीएम कमलनाथ सहित अनेक लोगो ने दी श्र्द्धांजलि

सागर। गोवा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,पूर्व मीसाबंदी,आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक व जनसंघ के संस्थापक सदस्य और केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के पिताजी श्री अमर सिंह जी ,95 वर्ष का आज सागर में  दुखद निधन हो गया ।नरयावली नाका मुक्तिधाम में आज अंतिम संस्कार हुआ। वे अपने पीछे भरापूरा परिवार डॉ वीरेंद्र कुमार(केंद्रीय मंत्री),श्रीमती कमल वीरेंद्र, राजेंद्र-श्रीमती सुमन (पुत्र-पुत्रवधु), डॉ.किरण-डॉ.गौरीशंकर शेजवार(पूर्व
मंत्री)पुत्री दामाद, डॉ.शशि ठाकुर-पुत्री, डॉ.अखिलेश-निवेदिता रत्नाकर ,विकी-अंकिता खस (नत दामाद नातिन) मुदित शेजवार,केशरी नंदन,हँसा,पीहू (नाती
नातिन)मनोहर,ललित-भाई छोड़ गए। 
श्री अमर सिंह के निधन पर सीएम शिवराज सिंह ,पूर्व सीएम कमलनाथ, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल, एमपी के कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद राजपूत, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अनेक मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और राजनीतिक दलों के लोगो ने शोक व्यक्त किया। 
श्री अमर सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 1942 से स्वयंसेवक थे और जनसंघ, जनता पार्टी, भाजपा के लिए उन्होंने पूरे जीवन कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। 1952 से जनसंघ से जुड़े थे 1972 में सागर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और कांग्रेस से पराजित हुए थे। आपातकाल के दौरान 19 माह तक वह जेल में रहे।



उनकी अंतिम यात्रा में विधायक शैलेंद्र जैन, टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी, पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार, पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव, पूर्व विधायक डॉ भानु राणा, नारायण कबीरपंथी, हरबंस सिंह राठौर, कलेक्टर दीपक आर्य पुलिस अधीक्षक तरुण नायक नगर पुलिस अधीक्षक रविंद्र मिश्रा भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया डॉ जीएस चौबे हीरा सिंह ,विष्णु आर्य,
डा प्रदीप चौहान, डा आनंद सिंघई, सुनील देव,डी आई जी विवेकराज सिंह ,सुभाष कंड्या मुकेश जैन ढाना अभय दरें प्रदीप पाठक विनोद तिवारी वैभव कुकरेले राकेश जौहरी,  राजेंद्र कुकरेले, ललित मोहन ,नीतू अजमानी खुरई, सुशील भार्गव, राजकुमार सुमरेडी, दिलीप गढोला, आनंद कुमार अवधेश तोमर सहित बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता और खटीक समाज के लोग शामिल हुए। जिला प्रशासन की ओर से पुलिस की सशस्त्र टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी उनके शव को तिरंगे में लपेटकर ले जाया गया । 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री अमर सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार के पिता श्री अमर सिंह जी के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजन को यह गहन दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

पूर्व सीएम कमलनाथ 
केंद्रीय मंत्री श्री वीरेन्द्र कुमार के पिता श्री अमर सिंह जी के दुखद निधन का समाचार प्राप्त हुआ।परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।

केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल
केंद्रीय मंत्री @Drvirendrakum13 जी
 के पूज्य पिताजी श्री अमर सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार मिला।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें। ॐ
 शांति।

मंत्री गोपाल भार्गव

केंद्रीय मंत्री @Drvirendrakum13 खटीक जी के पूज्य पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व मीसाबंदी, जनसंघ के संस्थापक सदस्य श्री अमर सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ। ईश्वर से दिवंगत की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें ।

मंत्री भूपेंद्र सिंह

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय मंत्री डा. वीरेन्द्र कुमार के पिता दादा अमर सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रृद्धांजलि दी है। 
 श्री सिंह ने कहा कि दादा अमर सिंह जी संघ के समर्पित स्वयंसेवक व लोकतंत्र के लिए इमरजेंसी में जेल की सजा काटने वाले मीसाबंदी थे, स्वतंत्रता सेनानी एवं जनसंघ के संस्थापक सदस्य के रूप में दादा अमर सिंह जी के अनुकरणीय कार्याें को सदैव श्रृद्धा के साथ रखा जाएगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करे।  

मंत्री गोविंद राजपूत

केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक के पूज्य पिताजी श्री अमर सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। 

ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति दें।


भाजपा जिला अध्यक्षगौरव सिरोठिया

भारतीय जनता पार्टी सागर जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने केन्द्रीय मंत्री डा. वीरेन्द्र कुमार के पिता दादा अमर सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रृद्धांजलि दी है। श्री सिरोठिया ने कहा कि दादा अमर सिंह जी स्वतंत्रता सेनानी एवं जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहें है दादा अमर सिंह जी मृदुभाषी जमीनी नेता और सादगी के प्रतीक थे उनका निधन भाजपा सहित समूचे जिले की क्षति है जिसे पूरा करना संभव नही है दादा को सदैव जनसमर्पित नेता के रूप में याद किया जाएगा!

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वार्षिक राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : सिंह , कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों का राशि फल ★ पण्डित अनिल पांडेय

वार्षिक राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : सिंह , कन्या, तुला और  वृश्चिक राशि के जातकों का  राशि फल 
★ पण्डित अनिल पांडेय



नया साल शुरू हो रहा है। जातक के लिए कैसा रहेगा साल 2022 । जाने पहले सिंह , कन्या, तुला और  वृश्चिक राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशि फल कैसा रहेगा



सिंह राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशिफल 




सिंह राशि राशि चक्र की पांचवी राशि है। मघा नक्षत्र के चारों चरण , पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चारों चरण तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण मिलकर सिंह राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी सूर्य है । इसका स्वभाव स्थिर स्वभाव है । सिंह राशि की प्रकृति क्रूर है । इस राशि का तत्व अग्नि है ,गुण तमोगुणी  है जाति क्षत्रिय है । यह दिन में बलि होती है । यह पूर्व दिशा की स्वामी है ।  यह राशि पित्त प्रकृति की है।शरीर में उदर ,पीठ और रीढ पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक शुष्क राशि है । इस राशि के लोग उदार स्वभाव के एवं स्वतंत्रता प्रिय होते हैं । इस राशि के जातक क्षमाशील , कार्य में समर्थ , मद्य मांस को पसंद करने वाले ,देश में भ्रमण करने वाले, शीत से भयभीत ,अच्छे मित्रों वाले ,विनय शील, शीघ्र कार्य करने वाले ,माता-पिता को प्रिय ,व्यसनी और संसार में प्रख्यात होते हैं ।  इस राशि वालों के लिए शनि बाधक ग्रह होता है । कुंभ राशि बाधक राशि होती है और मंगल इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

सिंह राशि के जातकों के लिए यह वर्ष मिलाजुला प्रभाव लेकर आएगा । जैसे वर्ष के प्रारंभ में विवाहित जातकों के लिए विवाह के अच्छे प्रस्ताव आएंगे। 

धन-संपत्ति-अप्रैल के माह तक आपके पास गलत रास्ते से धन आने का योग है । अप्रैल के बाद आप के खर्चे में बहुत वृद्धि होगी । हो सकता है कि घर में कोई वैवाहिक कार्यक्रम हो जाए या आप मकान जमीन से  आदि खरीदें। हम सभी जानते हैं वैवाहिक कार्यक्रम में जब मकान बनाने में  काफी खर्च होता है । जून-जुलाई एवं सितंबर अक्टूबर में आपके पास सामान्य से अधिक धन राशि आएगी।
उपाय-आपको चाहिए क्या आप गुरु की शांति हेतु उपाय करवाएं

कैरियर-अप्रैल के बाद आपके ट्रांसफर का योग बन सकता है या संभव है कि आपका प्रमोशन भी हो। अप्रैल महीने तक कार्यालय में आपकी तूती बोलेगी परंतु मई और जून के महीने में कार्यालय के मामले में आप थोड़ा परेशान रहेंगे आपकी यह परेशानी नवंबर के महीने में जुलाई के महीने से समाप्त हो जाएगी और कार्यालय में आपकी स्थिति पूर्ववत अच्छी होगी।
उपाय-आपको चाहिए कि आप मई और जून के महीने में गुरुवार का व्रत करें और मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करें।


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वार्षिक राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : मेष , वृष ,मिथुन और कर्क राशि के जातकों का राशिफल

★ पण्डित अनिल पांडेय -
 https://www.teenbattinews.com/2021/12/2022.html

भाग्य-वर्ष के प्रारंभिक दिनों में आपका भाग्य सामान्य रहेगा । परंतु उसके उपरांत भाग्य से आपको मदद मिलना अत्यंत कम हो जाएगा । भाग्य की इस कमी की पूर्ति आप अपने परिश्रम से कर सकते हैं।
उपाय -आपको वर्ष में दो बार राहु और केतु के शांति का उपाय करवाना चाहिए।

परिवार-पारिवारिक दृष्टिकोण से यह वर्ष आपके लिए अच्छा है । आपको समय-समय पर पिताजी का स्नेह मिलेगा और माता जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। भाई बहनों के साथ कोई विशेष अच्छे संबंध नहीं रहेंगे संतान की मदद भी आपको कम मिलेगी । यह भी संभव है कि आपकी संतान किसी परेशानी में फस जाए।
उपाय-राहु और केतु की शांति का उपाय किसी विद्वान ब्राह्मण से करवाएं।

स्वास्थ्य-वर्ष 2022 में आपका स्वास्थ्य पहले से अच्छा रहेगा आपके जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है कमर और गर्दन में इस वर्ष दर्द की संभावना है अगर आपके जीवनसाथी स्प्लेंडलाइटिस बीमारी से ग्रस्त हैं तो इस वर्ष आपको अपने जीवनसाथी के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उपाय-शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर पूजन करें।

व्यापार-व्यापार में इस वर्ष उन्नति का योग है । व्यापार में आप के खर्चे बढ़ेंगे । अप्रैल महीने के बाद भाग्य से मदद लेने का प्रयास ना करें । जून जुलाई और सितंबर अक्टूबर में आपके पास धन की आवक बढ़ेगी । व्यापार में उस समय तेजी से उन्नति होगी। मई और जून के महीने में पार्टनर से आपका वाद विवाद हो सकता है । सावधान रहें।
उपाय-चीटियों को शक्कर खिलाएं।

विवाह-अविवाहित जातकों के लिए जनवरी से अप्रैल के बीच में विवाह के अच्छे प्रस्ताव आएंगे । सितंबर महीने में भी अच्छे प्रस्ताव आने की उम्मीद है । अगर आपके दशा और अंतर्दशा ठीक है तो विवाह तय भी हो जाएगा । विश्वोन्तरी  दशा अगर ठीक नहीं है अर्थात दशा और अंतर्दशा ठीक नहीं है तो किसी अच्छे विद्वान ब्राह्मण से बात कर आवश्यक उपाय करें। 
उपाय-घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाएं।

मकान-मकान वाहन और जमीन आदि खरीदने के लिए यह वर्ष आपके लिए अति उत्तम है । अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक वाहन खरीदने की संभावना अधिक है।  मकान और जमीन खरीदने की संभावना पूरे वर्ष भर है परंतु इसके लिए आपकी इच्छा शक्ति भी आवश्यक है।
उपाय-आपको मंगलवार का व्रत करना चाहिए और मंगलवार को ही हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करना चाहिए।

वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको मंगलवार का व्रत रखना चाहिए
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ब्राह्मण से हर एकादशी और पूर्णमासी को गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करवाएं। 
मां शारदा से मेरी प्रार्थना है आप सभी स्वास्थ्य सुखी और संपन्न रहें ।

कन्या राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशिफल 




कन्या राशि राशि चक्र की छठी राशि है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के अंतिम तीन चरण , हस्त नक्षत्र के चारों चरण तथा चित्रा नक्षत्र के  प्रथम दो चरण मिलकर कन्या राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी बुध है । इसका स्वभाव द्वि स्वभाव है । कन्या राशि की प्रकृति सोम्य है । इस राशि का तत्व पृथ्वी है ,गुण तमोगुणी  है जाति वैश्य है । यह दिन में बलि होती है । यह दक्षिण दिशा की स्वामी है ।  यह राशि त्रिधातु प्रकृति की है।शरीर में कमर , पेट और लीवर पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक शुष्क राशि है । इस राशि के लोग उन्नति करने वाले और स्वाभिमानी होते हैं । इस राशि के जातक विलासी सज्जनों को प्रिय, सुंदर ,धर्म से परिपूर्ण , दानी  ,निपुण कवि , वैदिक मार्ग के अनुगामी ,सभी लोगों को प्रिय , नाटक नृत्य और गीत की धुन में आसक्त और प्रवासी होते हैं।   इस राशि वालों के लिए मंगल बाधक ग्रह होता है । वृश्चिक राशि बाधक राशि होती है और शुक्र इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

वर्ष 2022 कन्या राशि के जातकों के लिए वर्ष के प्रारंभिक काल खंड में ठीक नहीं रहेगा परंतु बाकी पूरा वर्ष अत्यंत अच्छा रहने वाला है।

धन उपार्जन-जनवरी 2022 से अप्रैल 2022 तक आपके खर्चों में काफी बढ़ोतरी होगी। जनवरी एवं फरवरी 2022 तथा मई  2022 से अगस्त 2022 तक धन का उपार्जन काफी अच्छा रहेगा। इसके उपरांत नवंबर एवं दिसंबर का महीना भी धन प्राप्ति के लिए अच्छा रहेगा।
उपाय - किसी विद्वान ब्राह्मण को कुंडली दिखाकर  आपको पुखराज धारण करना चाहिए । इसके अलावा आपको पुस्तकों का दान देना चाहिए ।

कैरियर-जनवरी से अप्रैल के बीच में आप का ट्रांसफर का योग है। इसके अलावा अगर आप कर्मचारी हैं तो इसी अवधि में आपको कार्यालय में परेशान भी किया जा सकता है । परंतु मई 2022  से कार्यालय में आपकी स्थिति में काफी परिवर्तन होगा और आपको उचित प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। आपको अपने कार्यालय में अपने शत्रुओं से जुलाई से अक्टूबर तक सावधान रहना चाहिए।
उपाय -आपको प्रतिदिन घर से निकलने के पहले अपने  पिता जी का पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।

भाग्य-जनवरी से अप्रैल 2022 तक भाग्य से आपको कोई विशेष मदद नहीं मिलेगी । आपका पुरुषार्थ ही आपके कार्यों की सिद्धि का कारण बनेगा। मई महीने  से आपके भाग्य से थोड़ी थोड़ी मदद मिलना प्रारंभ हो जावेगी और समय-समय पर मदद मिलेगी । संक्षिप्त में आपको वर्ष 2022 में भाग्य पर यकीन नहीं करना चाहिए तथा परिश्रम कर सफलताएं प्राप्त करना चाहिए।
उपाय-आपको काले कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए

परिवार-वर्ष 2022 में आपको अपने परिवार से विशेष मदद नहीं मिलेगी । परंतु यह भी सत्य है कि आपके माता पिता अपने ताकत भर आपका साथ देंगे । भाई बहनों का अल्प सहयोग आपको प्राप्त होगा। आपको अपने संतान का भी अत्यंत कम सहयोग प्राप्त होगा। संतान को अपनी सफलताओं में कमी दिखेगी।
उपाय-शनिवार के दिन दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करें।

स्वास्थ-वर्ष 2022 में आप नसों के रोग जैसे कमर और गर्दन में दर्द आदि से पीड़ित रहेंगे । इसके अलावा यह भी संभव है कि अप्रैल महीने के बाद आपके साथ छोटा-मोटा एक्सीडेंट हो। स्वास्थ्य सामान्य रहने की उम्मीद है ।जनवरी से अप्रैल के बीच में आपके पेट में भी पीड़ा हो सकती है या पेट के अंदर के किसी अंग में कोई व्यवधान हो सकता है।
उपाय-आपको चाहिए कि आप इस तरह की कोई पीड़ा महसूस करने पर भगवान शिव का अभिषेक करवाएं।

व्यापार-अप्रैल के बाद से आपके व्यापार में उन्नति का योग है । अगर आप ध्यान देंगे और योजनाएं ठीक से बनाएंगे और इन योजनाओं पर अमल करेंगे तो निश्चित रूप से आपका व्यापार बड़ी तेजी से उन्नति की ओर अग्रसर होगा ।अगर आप कोचिंग सेंटर चला रहे हैं तो आपका कोचिंग सेंटर बच्चों से भरपूर हो जाएगा।
उपाय-चिड़ियों को दाना दें।

विवाह-अगर आप अविवाहित हैं तो इस वर्ष विवाह होने  की संभावना 90 प्रतिशत है । अप्रैल-मई तथा सितंबर अक्टूबर में विवाह होने की संभावना ज्यादा है। आपका जीवन साथी आपकी उम्मीदों से ज्यादा अच्छा होगा।
उपाय-सप्ताह में एक बार मंदिर में जाकर गरीबों को चावल  का दान दें। इसी प्रकार स्कूल में जाकर गरीब बच्चों को पुस्तक का दान दें ।

मकान जमीन कार आदि खरीदना-जनवरी से अप्रैल के बीच में इस तरह की सामग्री खरीदने का एक संयोग बन रहा है। इसके अलावा पूरे वर्ष में आप द्वारा मकान आदि खरीदे जाने का  संयोग बहुत कमजोर है। परंतु आपको इससे निराशा होने की आवश्यकता नहीं है । आपको चाहिए कि आप इस समय का सदुपयोग धनराशि इकट्ठा करने मैं करें।
उपाय-गुरुवार के दिन व्रत रखें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।

वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको गुरुवार का व्रत रखना चाहिए ।
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ब्राह्मण से महीने के प्रथम सोमवार को तथा सोमवती अमावस्या को भगवान शिव का अभिषेक करवाएं । 
मां शारदा से मेरी प्रार्थना है आप सभी स्वास्थ्य सुखी और संपन्न रहें ।

तुला राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशि फल



तुला राशि राशि चक्र की सातवीं राशि है। चित्रा नक्षत्र के अंतिम दो चरण , स्वाति नक्षत्र के चारों चरण तथा विशाखा नक्षत्र के  प्रथम तीन चरण मिलकर तुला राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी शुक्र है । इस राशि की आकृति तराजू लिए पुरुष जैसी होती है । इसका स्वभाव चर है । तुला राशि की प्रकृति क्रूर है । इस राशि का तत्व वायु है ,गुण राजसी  है जाति शुद्र है । यह दिन में बलि होती है । यह पश्चिम दिशा की स्वामी है ।  यह राशि त्रिधातु प्रकृति की है।शरीर में वस्ति और चर्म पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक सजल राशि है । इस राशि के जातक विचारशील पढ़ने की रुचि वाले जिज्ञासु राजनीति में कुशल तथा अपना कार्य सिद्ध करने में दक्ष होते हैं।  ये अकारण क्रोध करने वाले , मधुर भाषी , दयालु , चंचल नेत्रों वाले , व्यापार में चतुर , देवताओं का पूजन करने वाले , परदेश वासी तथा मित्रों के प्रिय पात्र होते हैं ।    इस राशि वालों के लिए सूर्य बाधक ग्रह होता है । सिंह राशि बाधक राशि होती है और शनि इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

 राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : मेष , वृष ,मिथुन और कर्क राशि के जातकों का राशिफल* 

★ पण्डित अनिल पांडेय -
 https://www.teenbattinews.com/2021/12/2022.html

तुला राशि के जातक जो जनप्रतिनिधि है उनके लिए अप्रैल 2022 तक का समय अत्यंत उत्तम है यह शब्द में इस अवधि में कोई भी इलेक्शन जीत सकते हैं। अप्रैल 2022 के बाद 29 शब्दों की मात्रा बढ़ जाएगी तथा मई और जून के महीने में उनको थोड़ी परेशानी आ सकती है अक्टूबर माह के उपरांत जनता में उनकी मान मर्यादा बढ़ेगी।

धन उपार्जन -जनवरी से अप्रैल तक तुला राशि के जातकों को लगातार धन मिलता रहेगा । अप्रैल के उपरांत उनके खर्चों में भारी वृद्धि होगी । इस समय अगर वह कर्मचारी हैं तो ऐसा कार्य मिल सकता है जिसमें धन आने की संभावना अल्प हो। मई के महीने से गलत रास्ते से अल्प धन आने की संभावना है । अगस्त और सितंबर के महीने में आपको धन लाभ होगा।
उपाय - आपको चाहिए कि आप गुरुवार का व्रत करें और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।

कैरियर-अप्रैल जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच तक आपका कैरियर स्थिर रहेगा । अर्थात आप जैसे स्थान पर हैं वैसे ही स्थान पर रहेंगे। अगर आप किसी कार्यालय में कर्मचारी हैं तो अप्रैल के बाद आपकी सीट बदल सकती है या स्थान बदल सकता है। समय आपको सावधान रहना चाहिए और  किसी अधिकारी से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए।
उपाय - आपको चाहिए कि आप घर की बनी पहली रोटी गौमाता को दें।

भाग्य- इस वर्ष भाग्य आपका बहुत साथ नहीं देगा । आपको अपने परिश्रम पर ज्यादा विश्वास करना होगा । अप्रैल के महीने तक भाग्य के कारण आपका कोई नुकसान नहीं होगा । परंतु उसके बाद अगर आप परिश्रम नहीं करेंगे तो भाग्य का के कारण नुकसान संभव है । जुलाई और दिसंबर के महीने में आपको भाग्य से थोड़ी मदद मिलेगी।
उपाय 7- आपको पन्ना पहनना चाहिए।

परिवार- आपकी और आपके जीवनसाथी के संबंध  वर्ष के प्रारंभिक दिनों में बहुत अच्छे रहेंगे ।वर्ष के मध्य में और आखिर में स्वास्थ्य के कारण आप दोनों के संबंधों में तनाव हो सकता है ।भाई बहनों के साथ वर्ष के मध्य में और अंत में संबंधों में खटास आएगी । आप जितना चाहते होंगे आपके भाई-बहन उतना सपोर्ट नहीं करेंगे या बिल्कुल ही सपोर्ट नहीं करेंगे। आपकी संतान पूरे वर्ष भर आपके साथ सहयोग करेगी और आप के आशीर्वाद से संतान की उन्नति भी होगी।
उपाय -राहु और केतु की शांति हेतु किसी विद्वान ब्राह्मण से उपाय करवाएं।

स्वास्थ्य-आपका या आपके जीवन साथी का वर्ष के प्रारंभ को छोड़कर मध्य और अंत  में स्वास्थ्य में खराबी आएगी । इस बात की पूरी संभावना है कि गले और कमर में पीड़ा हो । इसके अलावा पेट में भी परेशानी हो सकती है । यहां पर पेट मे भी का अर्थ है पेट और पेट के अंदर के अंग।
उपाय -आपको चाहिए कि आप दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में शनिवार को जाकर कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करें।

व्यापार-व्यापार और कारोबार की स्थिति सामान्य रहेगी अगस्त और सितंबर में जनवरी और फरवरी में व्यापार काफी अच्छा चलेगा इसके अलावा जनवरी से अप्रैल तक भी व्यापार ठीक-ठाक रहेगा लोहे के व्यापारियों को मार्च के बाद फायदे में थोड़ी बढ़ोतरी होगी आपको अपने पार्टनर से इस वर्ष सतर्क रहना चाहिए किसी से पार्टनरशिप में काम करते समय आपको चाहिए कि आप पार्टनर की पूरी तरह से जांच परख कर ले।
उपाय-बुधवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। इसके अलावा किसी विद्वान ब्राह्मण से गणेश अथर्वशीर्ष का पूरे वर्ष पाठ करवाएं।

विवाह-इस वर्ष मई-जून तथा अक्टूबर-नवंबर में  अविवाहित जातकों के विवाह के अच्छे संयोग बनेंगे । इसके अलावा बाकी महीनों में भी प्रस्ताव आएंगे । परंतु प्रस्ताव में कोई न कोई व्यक्ति कैंची मारने में के कार्य में लगा रहेगा । अतः ऐसे लोगों से आपको सावधान रहना चाहिए ।अन्यथा ये लोग विवाह नहीं होने देंगे।
उपाय-राहु और केतु की शांति का उपाय करवाएं।

मकान - वर्ष 2022 में आपके लिए कई बार मकान आज खरीदने के अच्छे संयोग आएंगे । इनका अगर आप उपयोग करें तो आप मकान जमीन कार एसी इतिहास सुख सामग्री की वस्तुएं खरीद सकेंगे ।  आपके लिए सबसे अधिक संभावना कार खरीदने की है । अगर आप कार खरीदना चाहेते है तो आप निश्चित रूप से इस वर्ष कार को खरीद लेंगे साथ ही यह भी तय है कि कार अत्यंत उत्कृष्ट कोटि की होगी।
उपाय-शनिवार को शनि मंदिर में जाकर शनि देव का पूजन करें।
वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको शनिदेव का पूजन करना चाहिए ।
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ब्राह्मण से महीने के प्रथम सोमवार को तथा सोमवती अमावस्या को भगवान शिव का दूध से अभिषेक करवाएं । 
मां शारदा से मेरी प्रार्थना है आप सभी स्वास्थ्य सुखी और संपन्न रहें ।

वृश्चिक राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशि फल





वृश्चिक राशि राशि चक्र की आठवीं राशि है। विशाखा नक्षत्र का अंतिम एक  चरण , अनुराधा नक्षत्र के चारों चरण तथा ज्येष्ठा नक्षत्र के  चारों चरण मिलकर  वृश्चिक राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी मंगल है । इस राशि की आकृति बिच्छू जैसी होती है । इसका स्वभाव स्थिर है । वृश्चिक राशि की प्रकृति सोम्य है । इस राशि का तत्व जल है ,गुण राजसी  है जाति ब्राम्हण है । यह दिन में बलि होती है । यह उत्तर दिशा की स्वामी है ।  यह राशि कफ प्रकृति की है।शरीर में गुप्तांग और गुदा पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक सजल राशि है । इस राशि के जातक दृढ़ निश्चयी तीक्ष्ण वाणी युक्त एवं स्पष्ट वक्ता होते हैं । शरीर की लंबाई एवं जननेन्द्रिय का विचार भी इस राशि से किया जाता है । वृश्चिक राशि में उत्पन्न व्यक्ति बाल्यावस्था से ही परदेश में रहने वाला , शूरवीर,  अभिमानी और साहस से धन प्राप्त करने वाला होता है। ।    इस राशि वालों के लिए शुक्र बाधक ग्रह होता है । वृष राशि बाधक राशि होती है और चंद्रमा इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

वृश्चिक राशि के जातक जो जनप्रतिनिधि है उनके लिए अप्रैल 2022 के बाद का समय अत्यंत उत्तम है ।ये इस अवधि में कोई भी इलेक्शन जीत सकते हैं। तथा जून जुलाई-अगस्त सितंबर और अक्टूबर के महीने में उनको थोड़ी परेशानी आ सकती है ।अक्टूबर माह के उपरांत जनता में उनकी मान मर्यादा बढ़ेगी।

धन उपार्जन - वर्ष 2022 के प्रारंभ में धन उपार्जन थोड़ा कम होगा परंतु मध्य और अंत में उचित मात्रा में धन प्राप्त होगा। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के महीनों में भारी मात्रा में धन आएगा। इसके अलावा मार्च-अप्रैल में भी  धन आएगा । आपको चाहिए कि आप इस अवधि में पर्याप्त परिश्रम करें जिससे समय अनुसार आपको अधिक धन मिल सके।
उपाय- आपको चाहिए कि आप स्नान करने के उपरांत तांबे के पात्र में जल लेकर तथा उसमें लाल पुष्प और अक्षत डालकर  भगवान सूर्य को सूर्य के मंत्रों के साथ अर्पण करें।, 

कैरियर-आपका कैरियर पूरे वर्ष भर सामान्य रहेगा । अप्रैल माह के बाद आपको एक ऐसे व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा जो कार्यालय में आपकी हर तरह से मदद करें करेगा ।जुलाई और अगस्त के महीने में कार्यालय में आपका रूतबा बढ़ेगा। परंतु इस समय आपको चाहिए कि आप अधिकारियों से व्यर्थ का वाद विवाद ना करें।
उपाय-आपको चाहिए कि आप   शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे आटे  दीपक में दीया जलाकर पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें।

भाग्य-वर्ष 2022 के पूर्वार्ध में आपका भाग्य सामान्य रूप से कार्य करेगा । परंतु वर्ष के मध्य में और अंत में आपको भाग्य से आपको बहुत मदद मिलेगी विशेषकर मई ,जून और नवंबर दिसंबर के महीने में । भाग्य की वजह से आप के अधिकांश कार्य हो सकते हैं। परंतु इसका अर्थ यह नहीं है किया पुरुषार्थ ना करें केवल भाग्य के सहारे ही बैठ जाएं।
उपाय-गुरुवार का व्रत रखें और गुरु का जाप करें।

परिवार-वर्ष के प्रारंभ में आपका या आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। वर्ष के मध्य एवं अंत में आपके स्वास्थ्य खराब रहने की संभावना ज्यादा है । इस समय आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । अप्रैल महीने के बाद से आपके पिताजी के स्वास्थ्य में थोड़ी कमजोरी आएगी जो कि जून महीने तक चलेगी । जून महीने से आपके पिताजी का स्वास्थ्य ठीक होने लगेगा । आपका अपने भाई बहनों से संबंध सामान्य रहेगा ।आपके संतान को फरवरी महीने के बाद से प्रमोशन इत्यादि मिल सकता है।
उपाय -घर की बनी पहली रोटी गौ माता को दें.

स्वास्थ्य-वर्ष के प्रारंभ में आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। । वर्ष के मध्य एवं अंत में आपके स्वास्थ्य खराब रहने की संभावना ज्यादा है । वर्ष के मध्य एवं अंत में छोटे-मोटे एक्सीडेंट हो सकते हैं।
उपाय-आपको चाहिए कि आप राहु की शांति का उपाय करवाएं।

व्यापार-वर्ष 2022 में आपका व्यापार ठीक चलेगा इसमें समय-समय पर तेजी आएगी मार्च-अप्रैल और सितंबर अक्टूबर में आपके व्यापार में विशेष रुप से तेजी आएगी। आपको इस समय का विशेष रूप से उपयोग करना चाहिए। व्यापार में तेजी के लिए भाग्य का भी योगदान होता है ।आपका व्यापार विशेष रुप से अप्रैल के महीने के बाद तेजी से सफल होगा।
उपाय-आपको चाहिए कि आप  महीने में एक बार सत्यनारायण भगवान  की कथा सुनें।

विवाह-अविवाहित जातकों के लिए वर्ष के प्रारंभ में विवाह में बहुत बाधाएं आएंगी। आपको चाहिए कि आप इन बाधाओं से पूर्व से ही सतर्क रहें। जून-जुलाई तथा नवंबर और दिसंबर के महीने में आपके पास शादी के कई प्रस्ताव आएंगे जिनका उपयोग आपको करना चाहिए।
उपाय-किसी विद्वान ब्राह्मण से राहु के शांति का उपाय करवाएं तथा  पुखराज  धारण करें।

मकान कार जमीन आदि -आपकी कुंडली के गोचर में सुखेश अपने भाव में अप्रैल के अंत में पहुंचेगा जिसके बाद से इस बात की पूरी संभावना होगी कि आप अगर प्रयास करें तो मकान कार जमीन आज खरीद सकते हैं।  इसी समय से आपकी कुंडली के गोचर के अनुसार आपके खर्चे में भी वृद्धि हो रही है ।अतः इस बात की पूरी संभावना है कि खर्चे में यह  वृद्धि मकान कार आदि खरीदने के कारण हो। 
उपाय-आपको हर शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए।

वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको वर्ष के हर शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का जाप  करना है ।
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ब्राह्मण से महीने के पूर्णमासी और एकादशी को सुंदरकांड का पाठ कराना चाहिए। 
मां शारदा से मेरी प्रार्थना है आप सभी स्वास्थ्य सुखी और संपन्न रहें ।

जय मां शारदा।
निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
एस्ट्रो साइंटिस्ट और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी मकरोनिया
 सागर। 470004
 मो 7566503333

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रमेश दत्त दुबे जी की कविताओं में मन‌ की पीड़ा झलकती है , वे समाजवादी साहित्यकार थे- रघु ठाकुर

रमेश दत्त दुबे जी की कविताओं में मन‌ की पीड़ा झलकती है , वे समाजवादी साहित्यकार थे- रघु ठाकुर
★ दुबे जी की रचनाएं देशकाल से ऊपर गरीबों पर केंद्रित रहती थीं - जवाहर अग्निहोत्री
★ दुबे जी के अप्रकाशित साहित्य को प्रकाशित किया जाना चाहिए - महेंद्र सिंह

सागर।  देश के साहित्य जगत में अपनी प्रखर‌ लेखनी ‌के लिए ख्यात ‌रहे कवि, साहित्यकार,पत्रकार स्व. रमेश दत्त दुबे का आठवां स्मृति आयोजन रविवार को आदर्श संगीत महाविद्यालय में संपन्न हुआ। इस अवसर पर सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार महेंद्र सिंह, भोपाल को शाल,श्रीफल, पुष्पमाला, सम्मान - पत्र भेंट कर "रमेश दत्त दुबे स्मृति साहित्य सम्मान 2021" से सम्मानित किया गया। रमाकांत शास्त्री ने महेंद्र सिंह के जीवन- परिचय और कपिल बैसाखिया ने सम्मान - पत्र का वाचन किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ एडवोकेट जवाहर‌ अग्निहोत्री ने समाजवादी आंदोलन में स्व.दुबे की भूमिका का‌ उल्लेख करते हुए कहा कि वे फकीर टाइप लोहिया वादी थे। उनकी रचना देशकाल से ऊपर गरीबों पर केंद्रित रहती थी। दुबे जी यथार्थ के रचनाकार थे और सच्चे समाजवादी। उन जैसे सादा जीवन बिताने वालों को देश और समाज में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे अधिकारी थे। "कहनात" और "टोला" शीर्षक उनकी किताबों ने बहुत ख्याति अर्जित की। जनसत्ता में वे निरंतर लिखते रहते थे और उनके विषय हमेशा आम आदमी से जुड़े रहते थे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष रघु ठाकुर ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रमेश दत्त दुबे समाजवादी साहित्यकार थे। समाजवादी साहित्यकार होने से तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति समाज की चुनौतियां और उनकी  पीड़ा व अनुभूतियों के साथ जीकर लेखन कार्य कर सकें वही समाजवादी साहित्यकार हो सकता है ।उन्होंने कहा कि दुबे जी में साहित्य के प्रति समर्पण था और गरीब की, कमजोर की और जरूरतमंद की आवाज को अपने साहित्य में उन्होंने समाहित किया ।उन्होंने कहा कि वही सच्चा साहित्य लिख सकता है जिसके अंदर समाज को देने की लालसा हो न कि लेने की। दुबे जी के साहित्य में समानता और बराबरी का समाज बनाने की प्रेरणा रही है। 
उन्होंने कहा कि आज पूंजीवाद का हमला समूचे समाज पर हो रहा है ।यह एक बहुत बड़ी चुनौती है ।इससे हमें निपटना होगा उन्होंने भारतीय संसद की हाल ही की एक रपट का जिक्र करते हुए कहा कि एक आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार एक आम आदमी को ₹4500 महीने में पूरे परिवार का गुजारा करना होता है और दूसरी तरफ एक पूंजीवाद का ऐसा महल खड़ा हो रहा है जिसमें दुनिया के 10% लोगों के पास  86% दुनिया की सम्पत्ति  है ।ऐसे विषमता के समाज का  निर्माण  पूंजीवादी कार्पोरेट कर रहे हैं। हम सबको इस पर सोचना होगा। 
आजादी के आंदोलन के विषय में उन्होंने कहा कि पहले के साहित्यकार,पत्रकार और समाजसेवी राजनेता अपना योगदान देश की आजादी के लिए लिए दे रहे थे तभी देश  आजाद हो पाया।और आज हर वर्ग समाज से और देश से लेने की अपेक्षा कर रहा है इसलिए हम आज अघोषित गुलामी की ओर बढ़ रहे
 हैं।हमारे इस नजरिए को भी हमें बदलने की आवश्यकता है। दुबे जी के साहित्य की और स्मृतियों को बनाए रखना तभी सार्थक होगा जब हम समाज को बराबरी का समाज बनाने की दिशा में सोचें।
अपने सम्मान पर‌ धन्यवाद वक्तव्य देते हुए साहित्यकार महेंद्र सिंह ने कहा कि स्व. दुबे पर केंद्रित एक बड़ा कार्यक्रम प्रतिवर्ष किया जाना चाहिए साथ ही उनकी अप्रकाशित पुस्तकों को भी प्रकाशित किए जाने की आवश्यकता है जिसके लिए उन्होंने अपने ‌पूर्ण सहयोग
देने की बात कही।  दुबे जी के साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी‌ कुछ कविताओं का उन्होंने
वाचन किया। अशोक गोपीचंद रायकवार और शिक्षक राजेंद्र सेन ने उन्हें काव्य‌ रचना के माध्यम से स्मृत किया। अतिथियों तथा स्व.दुबे के परिजनों द्वारा मां सरस्वती एवं स्व.दुबे के चित्र पर माल्यार्पण पश्चात् बुंदेली लोक गायक शिवरतन यादव ने लोक कवि ‌ईसुरी की रचनाओं ‌का मधुर गायन किया। असीम दत्त,अभिनव दत्त एवं डॉ.गायत्री यादव ने अतिथि स्वागत किया। दुबे जी की धर्मपत्नी श्रीमती सीमा ‌दुबे ने ‌स्वागत भाषण‌ दिया। 
आशीष ज्योतिषी ने कार्यक्रम का सुंदर और प्रभावी संचालन किया। श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने आभार व्यक्त किया। श्री रमेश दत्त दुबे पर केंद्रित इस कार्यक्रम में वक्ताओं और श्रोताओं के बीच चलने वाले सवाल जवाबों ने लोगों को ठहाके मारने को विवश कर दिया।
   ‌‌ कार्यक्रम में पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव, डॉ. सुरेश आचार्य, हेमचंद जैन, हंसराज नामदेव, सुधीर यादव, राम कुमार पचौरी, मुन्ना चौबे, डॉ सुश्री शरद सिंह, डॉ. चंचला दवे, डॉ. कविता शुक्ला, डॉ. वंदना मिश्र,ट्विंकल राय,हरगोविंद विश्व,गजाधर सागर,मुन्ना शुक्ला, राजेश शास्त्री, हरीसिंह ठाकुर, अरुण मिश्र गोटू, डॉ विनोद तिवारी, आर के तिवारी, डॉ जी एल दुबे, डॉ राजेंद्र यादव, डॉ अशोक कुमार तिवारी, डॉ. अवधेश कुमार,डॉ. आर आर पांडे, डॉ नलिन जैन,करामत खान, सुल्तान कुरैशी,असरार अहमद, एम शरीफ, मुकेश तिवारी, हरी शुक्ला, डॉ बी पी उपाध्याय, वीरेंद्र प्रधान, अरविंद मिश्र,अरुण दुबे, विश्वनाथ चौबे, अरुण सोनी, जगदीश गौर, रवीन्द्र दुबे कक्का, देवीसिंह राजपूत,कोमल यादव, प्रभात कटारे,राजू प्रजापति एडवोकेट, संतोष पाठक, पूरनसिंह राजपूत, जगदीश लारिया, अमित आठिया, डॉ ऋषभ भारद्वाज, मनोज श्रीवास्तव, सोमेंद्र शुक्ल, अखिलेश शर्मा, अश्विनी सागर,के एल तिवारी, मुस्तरी बेगम खान, प्रदीप वर्मा सहित बहुत बड़ी संख्या में लोगों ‌की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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प्रख्यात संत कमलकिशोर नागर की कथा 27 दिसम्बर से , ग्राम परकुई बरारु स्थित वृंदावन धाम कालोनी मे ★ पूरी हुई तैयारियां 5 एकड़ भूमि पर बना पंडाल पार्किंग की भी करी गई व्यवस्था

प्रख्यात संत कमलकिशोर नागर की कथा 27 दिसम्बर से , ग्राम परकुई बरारु स्थित वृंदावन धाम कालोनी मे

★ पूरी हुई तैयारियां 5 एकड़ भूमि पर बना पंडाल पार्किंग की भी करी गई व्यवस्था

सागर | शहर से लगे ग्राम परकुई बरारु स्थित वृंदावन धाम कालोनी में  27 दिसम्बर से संत पं . कमल किशोर नागर  की श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ हो रहा है । कथा प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक होगी । कथा आयोजन समिति  सदस्य राजेश केशरवानी एवं मोहन केशरवानी ने बताया कि कथा के प्रथम दिवस 27 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे कलश यात्रा हरिहर रेस्टोरेंट मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर पटकई के प्रमुख मार्गों से होती हुई कथा स्थल पहुंचेगी । कलश यात्रा में मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री एवं श्याम बाबू केशरवानी श्रीमद भागवत जी की पोथी एवं महिलाएं कलश लेकर चलेंगी । तत्पश्चात संत कमल किशोर नागर  की कथा का शुभारंभ होगा । 
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं को बैठने के लिए लगभग पांच एकड़ में  पंडाल बनाया गया है। साथ ही आकर्षक मंच का निर्माण किया गया है । ग्राम बाछलोन रोड , ग्राम जिंदा रोड एवं पटफुई रोड पर वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था की गई । संत नागर जी के लिए मंच के पास ही आकर्षक कुटिया का निर्माण किया गया है । कथा स्थल पर कोराना गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया जाएगा । श्रद्धालुओं से भी मास्क लगाकर आने की अपील की गई है । संत श्री नागर  के श्रीमुख से कथा श्रवण कर धर्मलाभ लेने की अपील राजेश केशरवानी , मोहन , सोहन , अभिनेष , स्वपनिल आकाश केशरवानी , कृष्ण मोहन माहेश्वरी खुरई , मदन यादव बीना , जगदीश गुरु , प्रकाश गुरु , कलेक्टर सिंह केरबना , सुशील तिवारी , आनंद चौहान , कमलेश सोनी आदि ने की है ।
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