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राज्यपाल करेंगे गढाकोटा रहस मेला का उद्घाटन

राज्यपाल करेंगे गढाकोटा रहस मेला का उद्घाटन


भोपाल। सागर जिले के गढाकोटा में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध रहस मेला का शुभारंभ राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल करेंगे। PWD मंत्री गोपाल भार्गव ने आज मध्यप्रदेश राजभवन भोपाल में  राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल जी से सौजन्य भेंट कर रहस मेले में पधारने हेतु आमंत्रित किया। 

मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि जनक गृहनगर गढ़ाकोटा जिला सागर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रहस मेले का 214 वाँ आयोजन दिनांक 10 मार्च गुरुवार से 12 मार्च शनिवार तक किया जा रहा है। गुरुवार 10 मार्च, गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे मध्यप्रदेश के राज्यपाल माननीय श्री मंगूभाई पटेल मेले का उद्घाटन करेंगे एवं विशाल आदिवासी सम्मलेन को संबोधित करेंगे।
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शिक्षक की नौकरशाही से मुक्ति आवश्यक : प्रो. जगमोहन सिंह★ शिक्षक दक्षता के लिए मानक आवश्यक : प्रो. नीलिमा गुप्ता

शिक्षक की  नौकरशाही से मुक्ति आवश्यक : प्रो. जगमोहन सिंह

★ शिक्षक दक्षता के लिए मानक आवश्यक : प्रो. नीलिमा गुप्ता

 

सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षको के लिए मानक विषय पर  एक दिवसीय खुली परिचर्चा टीएलसी सागर, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् नई दिल्ली एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश  के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें एन.सी.टी.ई के पूर्व अध्यक्ष पदमश्री जगमोहन सिंह राजपूत ने बताया की वर्तमान से शिक्षकों के समक्ष सबसे बड़ा संकट नौकरशाही है. जो उनकी स्वायत्ता को समाप्त करती है. शिक्षक व्यवसाय एक सेवा है. कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस परिचर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया और बताया कि भारत में शिक्षक का सम्मान सदैव एक सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यता का अंग रहा है. शिक्षक पर समाज सदैव विश्वास करता है. शिक्षक के लिए कौशल मानक आवश्यक है, जिनसे वह एक गुणात्मक शिक्षण-अधिगम कर सकेगा.  


परिचर्चा में भाग लेते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक परिसंघ के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने बताया कि जब तक शिक्षकों की सेवा-शर्तों, कार्य-प्रणाली, प्रोन्नति, कार्य -संस्कृति में सुधार नहीं हो जाता तब तक किसी भी प्रकार के कौशल मानक व्यावहारिक नहीं कहे जा सकते. उन्होंने बताया कि आज सबसे ज्यादा संकटग्रस्त शिक्षक ही है.

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लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश पाठक ने कहा कि आज शिक्षक से समक्ष सबसे बड़ी चुनौती प्राचीन और आधुनिक ज्ञान के सापेक्ष स्वयं को परिभाषित करने की है. हमें पारम्परिक गुरु भी चाहिए और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित आचार्य भी.


कार्यक्रम में  सदस्य सचिव, एनसीटीई नई दिल्ली  केसांग वाई. शेरपा, ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीसीटीका पिछले एक साल से ड्राफ्ट तैयार हो रहा है और इस खुली चर्चा के माध्यम से  आगे इसके क्रियान्वन में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि  करीब 2000 सुझाव पूरे भारत से एनपीसीटी के लिए आए थे और अभी तक 14 मुक्त विमर्श इस विषय पर हो चुके है।  यह दस्तावेज  शिक्षक प्रशिक्षण में सहायता करने के लिए एक महत्वपूर्ण नीति  के रूप में सामने आएगा ।  इस सत्र में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संजय शर्मा ने परिचर्चा की आवश्यकता और उद्देश्यों को बताया.  सत्र का संचालन डॉ. सतीश ने किया.

 

 दूसरे सत्र में  ऋषभ खन्ना ने  विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि एनपीसीटी  में  बीएड और एमएड से ही शिक्षकों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने की बात पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने पांच प्रमुख कारक को समझाया जिस पर इस दस्तावेज़ का निर्माण किया जा रहा है इसमें शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षक भर्ती, शिक्षक कौशल, शिक्षक मूल्यांकन और शिक्षक पदोन्नति शामिल हैं। इससे हर शिक्षक अपने विकास पर ध्यान दे सकेगा। शिक्षकों को उनकी क्षमताओं के आधार पर चार स्तरों पर रखा जाएगा जिसमें प्रगामी शिक्षक, प्रवीण शिक्षक, कुशल शिक्षक और प्रमुख शिक्षक की श्रेणी शामिल की गई है। चारों स्तरों पर शिक्षकों की क्या क्षमता होनी चाहिए इस विषय पर दस्तावेज़ में विस्तार से जानकारी दी गई है जिसे उन्होंने उसके साथ आने वाली चुनौतियां के साथ समझाया।

 SAGAR : 5 मार्च से 26 मार्च तक होगी प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा , 90 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे शामिल★ 8 परीक्षा केंद्रों पर होगी ऑनलाइन परीक्षा ,सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से होगी निगरानी

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एनआरसी एनसीटी नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. बी. एल. नाटिया,  ने भाषा के साथ शिक्षकों के आत्मविश्वास को जोड़ते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहाकि अंग्रेजी न आने के कारण हीन भावना का निर्माण होता है और इससे शिक्षक के प्रदर्शन में अंतर आता है। उन्होने भारतीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इसे बनाने की सलाह दी। शिक्षा को व्यवसाय कहने और उसके उत्पादन विद्यार्थी पर शिक्षक की गुणवत्ता बढ़ने से होने वाले प्रभावों को भी उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया।

राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल के निदेशक डॉ. अतुल दनायक ने मध्य प्रदेश में शिक्षक कौशल प्रशिक्षण के लिए अभी तक हुई गतिविधियों और कार्यशालाओं की जानकारी दी। उन्होंने निष्ठा कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण के अनुभवों को बांटा जिसमें उन्होंने शिक्षकों को जरूरी संसाधन और गुणवत्ता के साथ नेतृत्व देने की बात कही जिससे उनकी क्षमताओं का बेहतर विकास हो सके। जामिया मिलीया इस्लामिया, नई दिल्ली के  डॉ. सज्जाद अहमद ने एनपीएसटी को तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव लाने की चर्चा की। उन्होने संचालित पाठ्यक्रम में तैयारी, अभ्यास और प्रस्तुति में सुधार लाने की बात कही। मंच संचालन आफरीन खान और आभार डॉ. रश्मि जैन ने दिया।

 

प्रो. अजय कुमार चौबे, दिल्ली ने अपने वक्तव्य में शिक्षा एवं शिक्षक को अत्यंत संवेन्दनशील विषय बताया । शिक्षण के तीन मॉडल के बारे में बात करते हुए उन्होंने प्रथम मॉडल में शिक्षक अपना कार्य मात्र जीवन-यापन  के लिए करता है। दूसरे में वह शिक्षण को व्यावसायिक रूप में देखता है और तीसरे मॉडल में शिक्षण को सामाजिक दायित्व के रूप में करता है। शिक्षक के पास कार्य करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए तभी वह अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा से कर पाएगा।


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डॉ राकेश सिंह, नई दिल्ली  ने क्लास रूम में होने वाले संवाद में भाषा की उपयोगिता पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण में भाषा और माध्यम को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने विभिन्न भाषा को हर जगह स्वीकार करने की चुनौती और भाषा में पठनीय सामग्री उपलब्ध करने की बात भी सामने रखी और भाषा के मुद्दे पर और संवेदनशीलता से विचार करने की बात कही।

 

डॉ अश्विनी, मानू हैदराबाद ने बताया कि यह दस्तावेज़ पूरी तरह से शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़ा हुआ है। उन्होंने अध्यापकों और शिक्षण संस्थाओं को सुविधाओं और जवाबदेही के मानक तय करने का सुझाव दिया। शिक्षकों को चार स्तरों में वर्गीकरण करने को उन्होंने नकारात्मक प्रक्रिया बताया और कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को आपस में जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। जो शिक्षक सेवा में हैं उनके लिए भी शिक्षण की सही व्यवस्था नहीं हैं, इस पर भी प्रयास होने चाहिए।

डॉ. मनीष वर्मा संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग सागर ने कहा कि पूर्व में बनी व्यवस्थाओं में सुधार एवं नवीनीकरण की आवश्यकता है। उन्होने एक अहम सुझाव भी सामने रखा कि बीएलएड की शिक्षा को नर्सरी से पांचवी तक करने  और बीएड को छटवीं से बारहवीं तक करना चाहिए। इससे बीएलएड पूर्ण रूप से प्राथमिक में और बीएड उच्च शिक्षा के लिए क्रियान्वित हो सकेगी और भविष्य में शिक्षकों की कमी भी नही होगी।  डॉ आशुतोष गोस्वामी संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग  सागर  ने कहा कि एनपीएसटी ने पहली बार शिक्षकों को राय ली है। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या हम जिस कार्य के लिए नियुक्त हुए है हम उसे पूरा समय दे पा रहे हैं क्योंकि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी होने के नाते अन्य कामों में भी लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह खुली चर्चा शिक्षण परविर्तन में सुधार की एक शुरुआत है व उन्होंने वेबपेज बनाने की जानकारी दी जिसमे सुझाव आमंत्रित होंगे। मंच संचालन डॉ.  चिट्ठी बाबू और आभार डा. रानी दुबे ने माना।

 

हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डॉ.  नवनीत शर्मा ने इस दस्तावेज़ का प्रमुख उद्देश्य प्रभावी शिक्षण को बताया जिससे अध्यापकों का स्व मूल्यांकन किया जाएगा। यह एक शिक्षण कौशल को विकसित करने में काम आएगा। अभी तक दस्तावेज में वर्णित चीजों को लेकर उन्होंने कई प्रश्न किए जो व्यावहारिक और प्रायोगिक तौर पर संभव नहीं हैं। इसकी आलोचनात्मक चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह निजी विद्यालयों तक पहुंचेगा  ? इसमें स्त्री पुरुष समानता की बात कही है पर धरातल पर यह संभव नही है। इसमें कॉन्वेंट, मदरसा को जोड़ा नही गया है और संप्रभुता का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रारंभिक दस्तावेज़ है और आशा है कि एक नया दस्तावेज आएगा जो इन मानकों को पूर्ण करेगा।

डॉ. सारिका शर्मा कुलसचिव केन्द्रीय विवि हरियाणा ने कहा कि जब यह दस्तावेज़ लागू होने के बाद इसे अपनाने पर भी प्रयास होने चाहिए । शिक्षक को नई तकनीक आनी चाहिए जिससे वह विद्यार्थी को समझा सके । हमें व्यावसायिक मानक को बढ़ाना होगा और इसको बेहतर तरीके से लागू करने की जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि नीति तो आ जाती हैं पर वह सुचारू रूप से लागू नहीं हो पाती है। डॉ. प्राचीश जैन ने इस प्रारूप के संदर्भ में शिक्षकों के विचारों को समाहित करने का सुझाव दिया.  

अज़ीम प्रेमजी न्यास, सागर के  डॉ. आलोक सिंह ने व्यावसायिक विकास पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि दस्तावेज धरातल से जुड़ा हुआ होना चाहिए। परिकल्पनाओ को स्पष्ट करने की आवश्यकता है क्योंकि एक बात को कई बार दोहराया गया है जिसे बेहतर किया जा सकता है। सत्र की अध्यक्षता  कर रही डॉ. ऋतु यादव ने कहा कि विद्यालय शिक्षा में सुधार की आवश्यकता हैं ।

डॉ संजय शर्मा ने खुली चर्चा में शामिल हुए समस्त वक्ताओं की बात का सारांश प्रस्तुत करते हुए अपनी बात रखी। उन्होने कहा कि शिक्षक पैदा नही होते उन्हे प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाया जाता है।  हमे इस दस्तावेज़ को भारतीय संदर्भ में तैयार करने की जरूरत है.

 

एनसीटीई के उप सचिव  डॉ. डी. के. चतुर्वेदी ने बताया कि  परिषद् को 28 साल हो चुके है, यह लगातार शिक्षकों  की  गुणात्मक शिक्षा के लिए  काम कर रहा है । उन्होंने प्रारूप निर्माण की विभिन्न गतिविधियों को साझा किया. सागर विश्वविद्यालय के सहयोग से आगे भी कार्य करने की मंशा जाहिर की .

उन्होंने बताया कि एनपीसीटी में सुझाव के लिए पोर्टल खोला गया है, जिसमे प्राप्त सभी सुझावों के आधार पर कार्य किया जायेगा.  मंच संचालन डॉ विवेक जायसवाल ने किया और आभार कुलसचिव संतोष सहगोरा ने माना।  

 

 

 

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कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया झील और एलिवेटेड कोरिडोर का निरीक्षण★ लाखा बंजारा की मूर्ति लगाने के लिए डिजाइन प्रस्तुत करें

कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया झील और एलिवेटेड कोरिडोर का निरीक्षण
★ लाखा बंजारा की मूर्ति लगाने के लिए डिजाइन प्रस्तुत करें

सागर। लाखा बंजारा झील में चकराघाट से दीनदयाल चौक तक बनाए जा रहे एलिवेटेड कोरिडोर के पिलरों पर रखे जाने वाले गर्डर के निर्माण कार्य का शुभारम्भ कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने गुरुवार को पूजन करके किया। इस दौरान नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक श्री आरपी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत विशेष रूप से मौजूद थे।

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कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य गुरुवार को अधिकारियों के साथ लाखा बंजारा झील कायाकल्प परियोजना और एलिवेटेड कोरिडोर निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जून तक मानसून से पहले ही एलिवेटेड कोरिडोर निर्माण के लिए बनाई गई एप्रोच रोड को डिसमेंटल करना होगा। इसके लिए एलिवेटेड कोरिडोर का कार्य और तेजी से करने हेतु उन्होंने निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने लाखा बंजारा झील परियोजना का स्थल निरीक्षण कर झील में लगाई जाने वाली लाखा बंजारा की मूर्ति के लिए स्थल चयन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसकी डिजाइन जल्द प्रस्तुत करें। 

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कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि मूर्ति ऐसे स्थल पर लगाई जाए कि झील के चारों ओर ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र से उसे स्पष्ट देखा जा सके। पाथ-वे के साथ झील में पत्थरों की पिचिंग के लिए मटेरियल, लेबर और मशीनरी बढ़ाएं। झील का जो स्थल सूख चुका है उसको समतल करें। उन्होंने कहा कि जो शेष अनुपयोगी मटेरियल घास, सिल्ट, मिट्टी आदि झील में है उन्हें मशीनों से तेजी से झील से बाहर करें। साथ ही पाथ-वे के दोनों ओर बाउंड्री बनाने लगाई जाने वाली ग्रिल आदि का कार्य भी प्रारम्भ कराएं। इस दौरान सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर श्री अजय शर्मा, स्मार्ट सिटी और पीएमसी के इंजीनियर्स और निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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स्मार्ट रोड फेस-2 में चयनित सड़कों की डिजाइन पर मंथन किया★ इंजीनियर्स फोरम के सदस्यों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

स्मार्ट रोड फेस-2 में चयनित सड़कों की डिजाइन पर मंथन किया
★ इंजीनियर्स फोरम के सदस्यों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव 

सागर।  नगर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन और कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य ने स्मार्ट रोड फेस-2 परियोजना की समीक्षा की। इस दौरान नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक एसएससीएल श्री आरपी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत और इंजीनियर्स फोरम के सदस्य विशेषतौर पर उपस्थित रहे।
विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने स्मार्ट रोड फेस-2 अंतर्गत चयनित कुल 10 मुख्य सड़कों की डिजाइन की समीक्षा करते हुए कहा कि इन सड़कों का कैरिज-वे आवश्यकता एवं स्थल उपलब्धता अनुसार ज्यादा रहे। इसके लिए ड्रेन आदि का निर्माण बिल्डिंग लाइन की ओर जगह न छोड़ते हुए करें। उन्होंने कहा कि पार्किंग की उपयुक्त व्यवस्था की जाए। घरों एवं अन्य जगहों से बहकर आने वाले वर्षा जल की निकासी की भी उपयुक्त व्यवस्था हो ताकि जलभराव कहीं न हो। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों पर घाटों के सुधार की आवश्यकता है, वहाँ आवश्यकतानुसार कटिंग एवं फिलिंग कराकर प्रोफ़ाइल भी सुधारी जाए। सड़क की चौड़ाई के लिए अतिक्रमण या अन्य निर्माण जिन्हें विस्थापित किया जा सकता है, उन्हें भी चिन्हित कर हटाने का कार्य प्रारम्भ करें।

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कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने समीक्षा के दौरान निर्माण एजेंसी को निर्देशित करते हुए कहा कि सबसे पहले सभी सड़कों का सर्वे पूर्ण कराएं। ताकि सड़क की कम्प्लीट प्रोफ़ाइल की जानकारी हो और निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार की रुकावट न आने पाए। सर्वे अनुसार ही ड्राइंग डिजाइन तैयार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सड़कों का निर्माण कार्य भी जल्द प्रारम्भ कराएं। इस दौरान इंजीनियर्स फोरम के सदस्यों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
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सराफा तिराहा से पंतनगर तिराहा तक सड़क निर्माण कार्य का किया शिलान्यास विधायक शेलेन्द्र जैन ने★चौड़ी सड़क निर्माण करने की मांग की और दिया ज्ञापन क्षेत्रवासियो ने

सराफा तिराहा से पंतनगर तिराहा तक सड़क निर्माण कार्य का किया शिलान्यास विधायक शेलेन्द्र जैन ने
★चौड़ी सड़क निर्माण करने की मांग की और दिया ज्ञापन क्षेत्रवासियो ने

सागर।मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना अंतर्गत शहर के मुख्य मार्ग सराफा तिराहा से पंतनगर तिराहा सागर सरोज होटल तक सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास विधायक शैलेंद्र जैन के कर कमलों से संपन्न हुआ, इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित जनसमूह इस कार्यक्रम के साक्षी बने कार्यक्रम में बड़ा बाजार के रहवासियों द्वारा विधायक जैन को मांग पत्र सौंपा गया मांग पत्र में बड़ा बाजार क्षेत्र में भी स्मार्ट सिटी द्वारा चौड़ी सड़क निर्माण करने की मांग की गई और लोगों द्वारा अपनी-अपनी जमीन चौड़ीकरण के लिए देने की सहमति दी गई मांग पत्र में लगभग 400 लोगों ने हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर देकर अपनी सहमति जताई है।
 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि बड़ा बाजार शहर का हृदय स्थल है और इसका पूर्ण विकास मेरी नैतिक जिम्मेदारी है परंतु विकास के लिए  जन भावनाओं को ध्यान में रखना मेरा पहला कर्तव्य है इसके लिए आप सभी यदि सहमत हूं तो एक अच्छी सुंदर चौड़ी सड़क बनाकर आपको प्रस्तुत करूंगा परंतु इसमें आप की सहमति होना बहुत आवश्यक है उन्होंने मेडिकल कॉलेज से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग एवं भूतेश्वर मंदिर मार्ग का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह लोगों ने स्वयं अपनी भूमि को सड़क चौड़ीकरण के लिए उपलब्ध कराया है उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि हम अपने हिस्से की बहुत कम भूमि सड़क चौड़ीकरण के लिए देंगे तो उससे हमारा व्यापार 10 गुना बढ़ेगा और हम लोग विकास के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेंगे ,उपस्थित जनमानस ने विधायक जैन का स्वागत किया उन्होंने कहा कि हम अभी नगर निगम कार्यालय से होते हुए परकोटा तीन बत्ती सराफा से मोती नगर चौराहा तक सड़क निर्माण कार्य कर रहे हैं इसमें अभी हमारा प्लान उपलब्ध चौड़ाई के अनुसार और लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाते हुए निर्माण करने का है, यदि लोगों द्वारा स्वेच्छा से अपनी भूमि सड़क चौड़ीकरण के लिए दी जाएगी तो हम व्यवस्थित स्मार्ट रोड बना कर देंगे।
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कार्यक्रम को वरिष्ठ भाजपा नेता योगाचार्य विष्णु आर्य ने संबोधित करते हुए कहा कि विधायक शैलेंद्र जैन शहर विकास में दिन-रात कार्य करते हैं शहर में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होता जहां वह अपनी उपस्थिति नहीं देते हो और प्रत्येक कार्य की मॉनिटरिंग स्वयं करते हैं समय सीमा में कार्य पूरे हो उसके लिए निरंतर फील्ड पर उपस्थित रहते हैं।

कार्यक्रम का संचालन मंडल अध्यक्ष विक्रम सोनी ने किया एवं आभार नितिन सोनी ने व्यक्त किया ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ वीरेंद्र पाठक जगन्नाथ गुरैया श्याम तिवारी शैलेश केशरवानी लक्ष्मण सिंह वृंदावन अहिरवार मनीष चौबे सोमेश जडीया याकृती जाडिया नीरज जैन गोलू कंचन गुप्ता सुषमा यादव सविता साहू प्रतिभा चौबे संतोष सोनी पवन जडीया माखनलाल सोनी रूबी पटेल महेंद्र राय संजय पंडा विश्वनाथ सोनी गणेश सोनी ज्योतिस सोनी विनोद तिवारी विमल जैन समर्थ दीक्षित महेश सोनी द्वारका सोनी जगन कोष्टी गोलू गोरी अंशुल हर्षे राजेश सोनी एवं अन्य सभी स्थानीय निवासी गण उपस्थित थे।
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SAGAR: मिलावट युक्त 50 किलो पनीर को नस्ट कराया

SAGAR: मिलावट युक्त 50 किलो पनीर को नस्ट कराया  

सागर । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री अमरीश दुबे द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कार्रवाई के परिपेक्ष में आज गुरुवार को मोती नगर वार्ड लिंक रोड में अशोक जैन पनीर वाले दुकान पर कार्यवाही की गई। जिसमें 50 किलो पनीर जप्त किया गया। प्रारंभिक जांच में मिलावट युक्त पनीर पाया गया। जिसको जप्त  कर विनिस्टीकरण की  कार्यवाही की गई। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री दुबे ने बताया कि इस पनीर की कीमत लगभग 10,000 से अधिक है।
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MP : हत्यारे बेटे को आजीवन कारावास की सजा, शराब पीने मांगे थे पैसे माँ से, नही देने पर की थी हत्या

MP : हत्यारे बेटे को आजीवन कारावास की सजा, शराब पीने मांगे थे पैसे माँ से, नही देने पर की थी हत्या

भोपाल। भोपाल की एक अदालत ने अपनी माता की हत्या के जुर्म में धारा 302 में बेटे कोआजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने मा से शराब पीने पैसे  मांगे थे। 
जनसंर्पक अधिकारी भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी ने बताया कि भोपाल जिले के तृतीय अपर एवम सत्र न्यायाधीश  विनोद कुमार पाटीदार के न्यायालय ने आज दिनांक 3/3/22 को  इब्राहिम गंज निवासी गोपाल शाक्य  उम्र 42 वर्ष पुत्र स्वर्गीय भल्लूराम शाक्य को अपनी माता की हत्या करने के जुर्म में धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवम 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है,।मामले में पैरवी अपर लोक अभियोजक सुश्री प्रीति श्रीवास्तव ने किया हैं|   



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  प्रीति श्रीवास्तव ,अपर लोक अभियोजक



यह है घटना
दिनांक 31/08/2020 को शाम 7 बजे के लगभग अभियुक्त गोपाल  ने अपनी माँ भगवती बाई से शराब के लिए पैसे मांगा था,नही देने पर मकान no 169 मेन रोड इब्राहिम गंज के प्रथम तल पर स्थित कमरे में धारदार हथियार से अपनी माँ भगवती बाई का गला काटकर हत्या कर दी थी।
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SAGAR : 5 मार्च से 26 मार्च तक होगी प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा , 90 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे शामिल★ 8 परीक्षा केंद्रों पर होगी ऑनलाइन परीक्षा ,सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से होगी निगरानी


SAGAR :  5 मार्च से 26 मार्च तक होगी प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा  , 90 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे शामिल

★ 8 परीक्षा केंद्रों पर होगी ऑनलाइन परीक्षा ,सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से होगी निगरानी

सागर । प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल के द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का 20 दिन का महाकुंभ 5 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 5 मार्च से प्रारंभ होकर 26 मार्च तक संपन्न होगी। इसके लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
 संभागायुक्त श्री शुक्ला ने सहायक नोडल अधिकारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉक्टर जी एस रोहित को बनाया है। संभागायुक्त श्री शुक्ला द्वारा परीक्षा को शांतिपूर्ण रूप से संपन्न करने के लिए 16  आब्जर्वर की नियुक्ति की है जो 8 परीक्षा केंद्रों पर लगातार अपनी नजर बनाए रखेंगे।


 कमिश्नर श्री शुक्ला ने बताया कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन अक्षरशः किए जाने हेतु परीक्षा में संलग्न अधिकारी कर्मचारियों की ब्रीफिंग  की जा चुकी है। कमिश्नर श्री शुक्ला ने बताया कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के द्वारा सागर जिले में आठ परीक्षा सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें 90713 परीक्षार्थी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि 8 परीक्षा सेंटरों पर प्रतिदिन 4538 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे । यह परीक्षा प्रतिदिन दो पारियों में संपन्न होगी।  उन्होंने परीक्षा को शांतिपूर्ण रूप से संपन्न कराने के लिए उपायुक्त श्री अभय सिंह ओरिया, श्री के के शुक्ला, संयुक्त उपायुक्त, श्रीमती सपना त्रिपाठी संयुक्त कलेक्टर एवं नगर दंडाधिकारी एवं श्री रविंद्र कुमार मिश्रा पुलिस अधीक्षक कार्यालय को प्रशासनिक  उड़नदस्ता के रूप में नियुक्त किया है । जो कि लगातार परीक्षा की मानिटरिंग करेंगे।


सहायक नोडल अधिकारी डॉक्टर जी एस रोहित ने बताया कि सागर में ज्ञानवीर प्राइवेट आईटीआई राजघाट रोड तिली सागर, नोबेल कॉलेज राजाखेड़ी मकरोनिया, इंफिनिटी मैनेजमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज पथरिया जाट सागर, ज्ञान सागर कॉलेज आफ इंजीनियरिंग नरसिंहपुर रोड सिरोंजा, बीटी आईटी इंजरिंग कॉलेज नरसिंहपुर रोड सिरोंजा, स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय नरसिंहपुर रोड सिरोंजा एवं शीतल स्किल डेवलपमेंट सेंटर मोती नगर को परीक्षा सेंटर बनाया गया है।

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 डॉक्टर रोहित ने बताया कि प्रथम पारी में आयोजित होने वाली परीक्षा में प्रातः 7ः30 बजे से 9ः00 बजे तक रिपोर्टिंग का समय रहेगा जबकि परीक्षा का समय 9ः30 से 12ः00 बजे तक का होगा । इसी प्रकार द्वितीय पारी में दोपहर 1ः00 से 2ः30 तक रिपोर्टिंग का समय होगा जबकि परीक्षा 3ः00 से 5ः30  तक आयोजित की जाएगी।
डॉक्टर रोहित ने बताया कि परीक्षा कार्य में नियुक्त सभी अधिकारियों को इस आषय का घोषणा पत्र देना होगा कि उनका कोई भी निकट  संबंधी इस परीक्षा को नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि समस्त परीक्षा केंद्रों पर कंप्यूटर नेटवर्किंग सीसीटीवी कैमरा , ठंडा पेय जल, हवा, बिजली ,प्रकाश, पंखे, फर्नीचर, सफाई, परीक्षार्थियों के बैग सुरक्षित रखने आदि की समुचित व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र पर पर्यवेक्षक परीक्षार्थी दोनों के लिए परीक्षा कक्ष में मोबाइल ,पेजर, केलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ,डाकियोपेंट केलकुलेटर युक्त घड़ी इत्यादि पूर्णता प्रतिबंधित रहेगी । परीक्षार्थी किसी भी प्रकार की आधुनिक संचार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे । उन्होंने कहा कि इसका उत्तरदायित्व परीक्षा केंद्र अध्यक्ष का होगा। समस्त परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से परीक्षा एवं परीक्षार्थियों की निगरानी की जाएगी ।

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परीक्षा में परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर मूल प्रवेश पत्र के अतिरिक्त मूल फोटो पहचान पत्र साथ लेकर आना अनिवार्य होगा। मूल फोटोयुक्त पहचान पत्र प्रस्तुत करने पर ही परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की जाएगी मूल आईडी की फोटो प्रति मान्य नहीं होगी।

 डॉक्टर जी एस रोहित ने बताया कि अभ्यर्थी परीक्षार्थी का बहु स्तरीय बायोमेट्रिक परीक्षण होगा। प्रथम बायोमेट्रिक परीक्षण परीक्षा कक्ष या लैब में प्रवेश के समय तथा अंतिम बायोमेट्रिक परीक्षण परीक्षा समाप्ति के पश्चात अभ्यार्थी के परीक्षा कक्ष से बाहर जाने के समय पर्यवेक्षक द्वारा किया जाएगा ।उन्होंने समस्त परीक्षार्थियों से अपील की है कि कोई भी परीक्षार्थी पारदर्शी पानी की बॉटल और पारदर्शी पेन के अलावा कोई भी सामग्री परीक्षा केंद्र पर ना लाएं । अन्य कोई भी सामग्री परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश से निरुद्ध
रहेगी।
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