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खाद गोदाम पर पहुचे सेकड़ो किसान, विधायक प्रदीप लारिया बैठे धरने पर ,प्रसासन ने कहा प्रचार प्रसार के अभाव में हालत बिगड़ी

खाद गोदाम पर पहुचे सेकड़ो किसान, विधायक प्रदीप लारिया बैठे धरने पर ,प्रसासन ने कहा प्रचार प्रसार के अभाव में हालत बिगड़ी
सागर ।सागर जिले मे  किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे है । पिछले दो दिनों से मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के कार्यालय और उसके पास बने वेयर हाउस पर किसान धरना और चक्काजाम कर  रहे है । नरयावली से  भाजपा विधायक प्रदीप लारिया आज  किसानों के साथ आंदोलन धरने पर बैठे। उधर प्रशासन का कहना है कि यूरिया पर्याप्त मात्रा में सहकारी समितियों में पहुचाया है । लेकिन वितरण केंद्रों से सही प्रचारप्रसार किसानों के बीच नही किया गया। जिसके चलते खाद गोदाम वेयरहाउस तक किसान पहुच गये।

जिले में लगातार  किसान  खाद के लिए भटकरहा है । घण्टो लाईनों में लगे रहने के बाद भी केइंसान खाली हाथ वापिस लौट रहा है । यह पहला मौका है जब खाद की  कतारों में  महिलाएं दिखी है। जिले में कही वितरण केंद्रों पर उपद्रव तो कही पुलिस थानों से खाद बिक रही है । दो दिन से सहकारी विपणन संघ के सामने ही धरना प्रदर्शन हो रहा है ।कल बड़ी मुश्किल में चक्काजाम प्रशासन खत्म करवा पाया था। आज फिर वही हालात निर्मित हो गए।मंगलवार के दिनखाद की कमी से गुस्साये किसानों ने शहर के उपनगर मकरोनिया से सिविल लाइन जाने वाले मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया । वही जब इस मामले की जानकारी जब नरयावली से बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया को लगी तो वो भी अपने समर्थकों के साथ इस चक्काजाम में शामिल हो गए । विधायक प्रदीप लारिया  ने कांग्रेस सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है सरकार ने न तो किसानों का कर्ज माफ हुआ और अब खाद के लिए धक्के खा रहे है । महिलाएं तक पहली दफा कतारों में दिखी है। एसडीएम ने व्यवस्थाएं सुधारने का आशवासन दिया है । 
खाद गोदाम से आस पास के गांवो के किसानों को खाद का वितरण किया जाता है यहां किसान पिछले कई दिनों से चक्कर लगा लगा कर जब परेशान हो गए तब उन्होंने यह कदम उठाया किसानों का कहना है कि खाद के लिए वो परेशान हो रहे हैं ।किसानों द्वारा किये गए इस चक्काजाम से मार्ग पर वाहनों की लाइने लग गयी मौके पर तत्काल प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे ओर किसानों को खाद शीघ्र उपलब्ध कराने का भरोसा दिए जाने पर किसानों ने सड़क से जाम हटाया।
मुनादी कराकर बांटे यूरिया
 किसानों को खाद न मिलने के सवाल के जबाब में सागर एसडीएम संतोष चंदेल  ने कहा किं किसानो को खाद उपलब्ध करने के लिए एक कि जगह अब 3 काउंटरों की व्यवस्था की गई है जिससे अब परेशानी नही होगी । दरअसल वितरण केंद्रों पर खाद तो भेजी गई है ।लेकिन इसकी जानकारी किसानों को नही मिल पाई है । सभी खाद वितरण केंद्रों को निःर्देश  दिये है कि खाद पहुचते ही इसकी मुनादी किसानों को कराई  जाए।

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नावालिग से दुष्कृत्य करने वाले को आजीवन कारावास

नावालिग से दुष्कृत्य करने वाले को आजीवन कारावास
सागर। नावालिग को बहला-फुसला कर ले जाने एवं उसके साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) रहली जिला सागर की अदालत ने आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि दिनांक 03.03.2019 को नावालिग के पिता ने आरक्षी केन्द्र रहली में इस आशय की शिकायत दर्ज करायी की उसकी नावालिग पुत्री दिनांक 02.03.2019 को स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी जो आज तक घर वापिस नही आई। नावालिग के पिता ने रहली पुलिस के समक्ष यह संदेह व्यक्त किया कि कोई उसकी नावालिग पुत्री को बहला-फुसला कर भगा ले गया है। रहली पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया तथा नावालिग की खोज प्रारंभ की गई। रहली थाना पुलिस द्वारा दिनांक 09.04.2019 को नावालिग को खोज निकाला गया तथा नावालिग को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। नावालिग के कथनों से यह खुलासा हुआ कि  आरोपी सरमन पिता हरिचरण अहिरवार उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम बलेह थाना रहली जिला सागर उसे बहला-फुसला कर शादी का झासा देकर ले गया तथा बार-बार उसके साथ बलात्संग किया। मामले की पूरी जाॅच होन के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) रहली जिला सागर की अदालत ने आरोपी सरमन अहिरवार  को दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 363 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये जुर्माना तथा भादवि की धारा 376(2)(प)/पाॅक्सो एक्ट  के तहत आजीवन सश्रम कारावास जिसका तात्पर्य  शेष प्राकृत जीवनकाल के कारावास से है, दंडित किया एवं रूपये 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजन अधिकारी लोकेश दुवे ने की।
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एमपी में 29 नगरपालिका अधिकारियों/कर्मचारियों के तबादले हुए।

एमपी में 29 नगरपालिका अधिकारियों/कर्मचारियों के तबादले हुए।
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अग्रवाल महिला मंडल के आनंद मेला में सांस्कृतिक आयोजन

अग्रवाल महिला मंडल  के आनंद मेला में  सांस्कृतिक  आयोजन
सागर । अग्रवाल महिला मंडल द्वारा साईं मंडपम मकरोनिया में अग्रवाल समाज का दीपोत्सव एवं आनंद मेले का आयोजन किया गया। मेले में बच्चों एवं समाज की महिलाओं द्वारा  रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई ।साथ ही मेले में जायकेदार स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए जिनमे पहुंकर समाजजनो ने लजीज व्यंजनो का लुफ्त उठाया। बच्चों के लिए खेल एवं प्रश्न मंच जैसे कार्यक्रम रखे गए आनंद मेले में अग्रवाल समाज सागर के स्वजातीय बंधुओं ने परिवार सहित शामिल होकर आनंद मेले का लुफ्त उठाया |आनंद मेले मे उपस्थित वरिष्ठ समाजजनो ने अग्रवाल महिला मंडल द्वारा की गई व्यवस्थाओ की सराहना की ||
मेला में  सुनीता अग्रवाल,सीमा अग्रवाल,मधु अग्रवाल,मोना अग्रवाल,नेहा अग्रवाल,शिल्पी अग्रवाल,सपना अग्रवाल,वर्षा अग्रवाल,आरती अग्रवाल,गुंजन अग्रवाल,इंद्रा अग्रवाल,मोनिका अग्रवाल,अंजू अग्रवाल,पूनम अग्रवाल,ज्योति अग्रवाल आदि ने हिस्सा लिया।
वही  घनश्याम अग्रवाल,आलोक अग्रवाल,रंजन अग्रवाल,मनोज अग्रवाल,रमेश चन्द्र अग्रवाल,संजय अग्रवाल,राकेश गर्ग,डॉ.प्रिंस अग्रवाल,राजकुमार अग्रवाल,विवेक अग्रवाल, आदि मौजूद रहे।
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चुनाव सम्पन्न ,बागडोर महिलाओं डॉक्टरों को


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चुनाव सम्पन्न ,बागडोर महिलाओं डॉक्टरों को
सागर । इंडियन मेडिकल एसोसियेशनबIMA  आई एम ए के वार्षिक चुनाव सम्पन्न हुए ।जिसमे इस बार आई एम ए की  महिला चिकित्सक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचित हुई। सभी प्रमुख पदों पर महिला डॉक्टरों को मौका मिला। 
निर्वाचन अधिकारी डॉ दिवाकर मिश्रा, डॉ जी एस चौबे और डॉ एस के राजोरिया ने अध्यक्ष पद पर वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ साधना मिश्रा सचिव पद पर डॉ मोनिका जैन, उपाध्यक्ष पद पर डॉ स्वर्णलता खन्ना, डॉ सरोज भूरिया, कोषाध्यक्ष पद पर डॉ निधी मिश्रा, सयुंक्त सचिव पद पर डॉ प्रिया जैन, सेंट्रल वर्किंग कमेटी में डॉ एस एम सिरोठिया, जोनल चेयरपर्सन पद पर डॉ नीना गिडियन, सेन्ट्रल कमिटी में डॉ पिंकेश गेहलोत, डॉ शैलेन्द्र सिंह,क्लीनिकल कमिटी में डॉ राजेन्द्र चउदा, डॉ एस एस खन्ना एवं एग्जेक्युटिव समिति में डॉ डी के पिप्पल, डॉ अरुण दवे आदि को निर्वाचित घोषित किया गया।सभी ने पिछले वर्ष की कार्यकारिणी के कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए नई कार्यकारिणी के चयनित सदस्यों को शुभकामनाएं दी।
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देव खंडेराव मेला। मन्नते पूरी होने पर अंगारों पर निकलते श्रद्वालु, ग्यारह दिनों तक चलेगा अग्नि मेला

परसुराम साहू।             
 देव खंडेराव मेला। मन्नते पूरी होने पर अंगारों पर निकलते श्रद्वालु, ग्यारह दिनों तक चलेगा अग्नि मेला
सागर । सागर जिले के देवरी का श्री खंडेराव का अग्नि मेला  शुरू हो गया । अगहन माह की चंपा-षष्टि से शुरु होता है ।जो इस वर्ष 2 दिसंबर से शुरु हुआ। इस मेले में लोग अपनी मनोकामनाये पूरी  होने पर अग्नि कुंड से दहकते अंगारों पर से निकलते हैं। ग्यारह दिन चलने वाले इस मेले में हजारों महिला पुरुष बच्चे अंगारों पर से निकलेंगे।
 देवरी नगर में श्रीदेवखंडेराव जी का मंदिर पर भव्य मेला लगा  हैं। मेले के पहले दिन 138 श्रद्धालु आग के अंगारों में से निकले। वहीं इस मेले को देखने के लिए क्षेत्र के आसपास के साथ साथ प्रदेश भर सेश्रध्दालु इस मेले को देखने आते हैं।।देवरी के पूर्व विधायक सुनील जैन पिछले  तीस सालों  से आग के अंगारों पर से  निकलते आ रहे हैं ।उन्होंने कहा कि नगर में अमन चैन बना रहे सभी लोग भाई चारे के साथ रहे इसी भावना के साथ हम अग्नि कुंड में से निकलते हैं ।हर वर्ष निकलते रहेगे। आज उनकी पत्नी निधि जैन भी साथ थी।
वहीं इस मेले में दूर दूर से दुकानदार एवं बडे बडे झूले भी आते हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं।वहीं इस कार्यक्रम को लेकर मंदिर समिति के लोग एवं स्थानीय प्रशासन करीब एक हफ्ते पहले से तैयारियों में जुट जाता है।इस मेले में स्थानीय प्रशासन मे नगरपालिका के लोग ,एवं एसडीएम देवरी सहित देवरी थाने के टीआई सहित पूरा प्रशासन मेले के ग्यारह दिन तक सहयोग करता है।वही सुरक्षा की दृष्टि से मेले के हर कोने पर पुलिस प्रशासन का पहरा लगा रहता है।
खंडेराव मेला का इतिहास
देव श्री खंडेराव का विश्व प्रसिद्ध अग्नि मेला अगहन माह की चंपा-षष्टि से शुरु होता है ।
श्री खंडेराव जी के मंदिर का निर्माण 15 से 16 वीं सदी के बीच हुआ था जब बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल हुआ करते थे। उस समय मुगलों से युद्ध में अपनी हार की स्थिति देख कर उन्होंने बाजीराव पेशवा को पत्र लिखकर मदद मांगी उस समय बाजीराव द्वारा छत्रसाल को युद्ध में मदद कि गई और बुंदेलखंड को मुगलों से बचाया तब छत्रसाल द्वारा बुंदेलखंड का कुछ राज्य बतौर नजराने के तौर पर बाजीराव के हक में दिया। जिसमें पंच मेहला में देवपुरी अर्थात देवरी बाजीराव के अधीन हो गई और उनके द्वारा यहां पर यशवंतराव को राजा नियुक्त किया गया। यशवंतराव के कुलदेवता खंडेराव मार्तंड भैरव थे जो मात्र एक जगह महाराष्ट्र के जेजोरी में हैं। राजा यशवंतराव हर वर्ष महाराष्ट्र की जेजोरी में देव खंडेराव के दर्शन के लिए जाया करते थे। जेजोरी जाते समय यशवंत राव देवरी में बाबूराव वैद्य के यहां रात्रि विश्राम किया करते थे। जब राजा यशवंतराव वृद्ध हो गए और उन्होंने देव खंडेराव से प्रार्थना की और कहा अब मैं आपके दर्शन हेतु जेजोरी नहीं आ पाऊंगा तब देव खंडेराव ने उनको स्वप्न में दर्शन दिए और एक जलती हुई जोत दिखी और एक खास जगह दिखी जो देवरी में है और बताया कि मैं यहां पांच पिंडों के रूप में बाईस हाथ की गहराई पर हूं। जब राजा यशवंत ने उस जगह पर खुदाई करवाई तो पांच पिंडों के रूप में मय चरण के प्राप्त हुई। जिसके बाद उसी जगह पर उन की प्राण प्रतिष्ठा की गई और 15 से 16 वीं सदी के बीच श्रीदेव खंडेराव का मंदिर निर्माण कराया गया।
ये है किवदंती
एक बार राजा यशवंतराव के पुत्र बीमार हो गए तब देव खंडेराव ने दर्शन देकर कहा कि हल्दी के उल्टे हाथ लगाएं और भट्टियां खोदकर अंगारे डाल कर हाथ से हल्दी भंडार डालकर अग्नि के ऊपर से हल्दी छोड़कर निकलें तो उनका पुत्र स्वस्थ हो जाएगा। तब से यह प्रथा शुरू हो गई और लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर देव श्री खंडेराव के अग्नि मेले में से नंगे पांव आग पर से चलते हैं। प्राचीन मंदिर वास्तु कला की एक अद्भुत मिसाल है। मंदिर में एक विशेष छिद्र है जिसमें साल में एक बार अगहन माह की षष्टि के दिन सूर्य की किरणें उस छिद्र के माध्यम से शिवलिंग की पांच पिंडों पर ठीक 12 बजे पड़ती हैं तब लोग अग्निकुंड में से निकलते हैं।
 पंडित श्री नारायण राव वैध ने बताया कि जब नवंबर माह में चंपा षष्टि पड़ती है तब सूर्य की किरणें शिव की पांच पिंडों पर पड़ती हैं और इस वर्ष ऐसा संयोग है की सूर्य की रोशनी शिवजी के पांच पिंडी पर पड़ेगी। अगर दिसंबर माह में चंपा-षष्ठी पड़ती है तो कई बार यह सूर्य की रोशनी पिंडों पर नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि पहले यह मेला 3 दिन लगता था लेकिन लोगों की आस्था को देखते हुए इसको 10 दिन के लिए किया गया। करीब 450 सौ साल  पुरानी  परम्परा है।
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