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नेशनल लोक अदालत: क्षतिपूर्ति के डेढ़ करोड़ के अवार्ड पारित,सड़क दुर्घटना में मिला 27 लाख का क्लेम

नेशनल लोक अदालत: क्षतिपूर्ति के डेढ़ करोड़ के अवार्ड पारित,सड़क दुर्घटना में मिला 27 लाख का क्लेम

सागर । जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर के .पी. सिंह के निर्देशन में  नेषनल लोक  का सफल आयोजन जिला मुख्यालय सागर एवं सभी तहसील न्यायालयों में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए के .पी. सिंह जिला एवं सत्र न्यायाधीष ने  बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में दोनों पक्षों का ही लाभ होता है, एक तरफ वादी को न्याय शुल्क की छूट मिलती है तो प्रतिवादी को प्रकरण के व्यय वहन करने से मुक्ति मिल जाती है और अपील न होने से हमेशा के लिये मामला निराकृत हो जाता है।।
शुभारंभ अवसर पर नगर निगम कमिश्नर  आर.पी. अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राजेश व्यास एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे के द्वारा भी अपने संबोधन में उपस्थित पक्षकारों से लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील की एवं नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिये शुभ कामनाएं दी सभी ने  जिला न्यायालय परिसर मंे नवनिर्मित गार्डन में पौधारोपण भी किया।
46 खडीपीठो में निपटे मामले
 नेषनल लोक अदालत हेतु संपूर्ण जिले मंे 46 खण्डपीठों का गठन किया गया ।जिसमें न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 524 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेषन के 1275 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें  मोटर दुर्घटना के 108 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राषि रूपये 15603400/- के अवार्ड पारित किए गए ।चैक बाउंस के 146 प्रकरण, आपराधिक प्रकृति के 44 प्रकरण, विद्युत के 62 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 50  प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 114 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें 15603400/- रूपये की राशि पक्षकारों को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई गई है। विभिन्न बैंकों के 175 प्रकरण, विद्युत विभाग के 253 प्रकरण, नगर निगम के 388 प्रकरण एवं अन्य 459 प्री-लिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण भी इस अवसर पर हुआ जिसमें रूपये 16668092/- का राजस्व प्राप्त हुआ।             ये है मौजूद                 
नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष श्रीमान् के.पी. सिंह, नगर निगम कमिश्नर  आर.पी. अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राजेश व्यास सहित  डी.के.नागले विशेष न्यायाधीश, श्री मुकेश कुमार ए.डी.जे, श्री रामविलास गुप्ता ए.डी.जे,  मनोज कुमार सिंह ए.डी.जे, श्रीमती दीपाली शर्मा ए.डी.जे,  पंकज यादव ए.डी.जे, श्रीमती नीतूकांता वर्मा ए.डी.जे, श्री विवेक शर्मा ए.डी.जे, श्री नवनीत कुमार वालिया ए.डी.जे, श्री सुरेश कुमार सूर्यवंशी ए.डी.जे, श्री पंकज कुमार जैन ए.डी.जे., श्री विवेक शुक्ला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री अनुज कुमार चन्सौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे, सचिव, बी.के. यादव जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण, बीमा कंपनियों के अधिकारीगण, बैंक, विद्युत एवं पुलिस प्रषासन के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सागर की सचिव श्रीमती विधि सक्सेना ए0डी0जे0 द्वारा नेषनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण में सहयोग देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर फलदार वृक्षों का वितरण भी राजीनामा करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष के प्रतीक के रूप में प्रदान किया गया।
सड़क दुर्घटना में म्रतक के परिजनों को मिला 27 लाख का क्लेम
विशेष प्रकरण के रूप में दिनांक 13.10.2017 को सागर-भोपाल रोड में श्री रविन्द्र सिंह राजपूत, सड़क दुर्घटना होने के पश्चात् लगभग 01 वर्ष तक कोमा में रहा और इलाज कराया जिसमें काफी पैसा खर्च हुआ, लेकिन पीड़ित की मृत्यु हो गई, तत्पश्चात् मृतक की पत्नी एवं पुत्र के द्वारा  मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सागर में क्षतिपूर्ति हेतु दावा प्रस्तुत किया जिसमें श्री मुकेश कुमार ए.डी.जे. की खण्डपीठ के द्वारा नेशनल लोक अदालत में मृतक की पत्नी श्रीमती राममणि एवं पुत्र श्री भूवर्धन सिंह को राशि रूपये 27 लाख क्षतिपूर्ति के रूप में आई.सी.आई.सी.आई. बीमा कम्पनी से दिलाये जाने के लिये अवार्ड पारित किया गया एवं एक अन्य प्रकरण में ग्राम पथरिया जाट निवासी कु0 राजकुमारी चैहान के द्वारा इंडियन बैंक सागर ब्रंाच से दिनांक 13.03.2013 को राशि रू0 2,97,852/- का एजूकेशन लोन लिया था जिसे न चुकाये जाने पर इंडियन बैंक सागर ब्रांच के द्वारा ब्याज सहित कुल राशि रू0 4,42,020/- की वसूली हेतु जिला न्यायालय, सागर में दीवानी वाद प्रस्तुत किया लेकिन आज दिनांक 14 दिसम्बर 2019 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी श्री कर्नेल सिंह श्याम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की खण्डपीठ के द्वारा बैंक तथा अनावेदक कु0 राजकुमारी चैहान के बीच आपसी समझौता कराकर केवल राशि रू0 2,70,000/- बैंक को देने के लिये अवार्ड पारित किया।
                
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भाजपा का खेत धरना कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रहली में दिया धरना

भाजपा का खेत धरना कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रहली में दिया धरना
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तलाक का मामला निपटा तो ,दूल्हा पहुचा अदालत में बारात लेकर,जज ने दिया वर बधू को आशीर्वाद

तलाक का मामला निपटा तो ,दूल्हा पहुचा अदालत में बारात लेकर,जज ने दिया वर बधू को आशीर्वाद
देवास ।शादी के तरीकों  की ढेरों अनोखी कहानियां है । लेकिन एमपी के देवास की कहानी बिल्कुल अलग है। यहां नेशनल लोक अदालत के दौरान  दूल्हा घोड़े पर बैठकर बाजे गाजे के साथ बारात लेकर पहुचा और बधू को लेकर आया। यही नही जज गंगा चरण दुबे से आशीर्वाद भी लिया। दरअसल कुटुंब न्यायालय में एक तलाक का मामल चल रहा था। लेकिन अदालत की समझाईश के बाद तस्वीर बदल गयी। फिर नेशनल लोक अदालत परिसर में शादी का नजारा देखने मिला। वकीलों ने। स्वागत भी किया। जज गंगाचरण दुबे के सामने वरमाला पहनाई गई।
कई वर्षों से अलग अलग रह रहे थे पवन -करुणा
  देवास में पारिवारिक विवाद के कारण कई वर्षों से अलग रह रहे पवन कुमावत और करुणा कुमावत के बीच तलाक का मुकदमा लंबित था।
जानकारी के मुताबिक पवन कुमावत और करुणा का 2008 अप्रैल में विवाह हुआ था। दोनों के तीन बच्चे हैं। इसके बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। पति पवन का कहना था कि वह सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करता है और पत्नी को सिलाई का कोर्स कराया।
 इनके तीन बच्चे भी है।  पवन का आरोप था कि उसकी पत्नी करुणा अपनी सास के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती है। जबकि करुणा का कहना था कि उसका पति कुछ अन्य औरतों से अवैध संबंध रखता है इसी कारण दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया और तलाक की नौबत आ गई। कुटुंब न्यायालय में  प्रकरण भेजा गया जहां  न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने पति पत्नी को समझाइश दी। दोनो पक्षो के वकीलो ने भी इसमे सहयोग किया। जिसके चलते  दोनो को साथ में रहने के लिए राजी किया। पवन और करुणा के बीच समझौता करार हुआ।
बेंड बाजो के साथ बारात 
दोनो के बीच सहमति बनी तो पवन कुमावत  बकायदा बारात लेकर बारातियों के साथ लेकर लोक अदालत में  पहुचा।  जिसमें उसके दो बेटे  और एक बेटी भी शामिल थी । साथ में  बैंड बाजे भी। अदालत परिसर में  विद्वान न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने बारात का जोरदार स्वागत किया और न्यायालय के कक्ष में ही पवन और करुणा ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर साथ रहने का वादा किया।वर वधु ने जज के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।  इस अनोखे नजारे को देखने के लिए न्यायालय भवन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और सभी ने पुष्प वर्षा कर विवाह करने वाली दंपति को आशीर्वाद दिए। बाकायदा शादी की वीडियो रिकार्डिंग भी हुई।


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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर। नाबालिग को उसके पिता की विधिपूर्ण संरक्षकता के बिना सहमति के बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने और उसके साथ बलात्संग एवं दुष्प्रेरण करने वाले तीन आरोपियों को विषेष न्यायाधीष/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 नीलू संजीव श्रृंगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
जिला लोक अभियेाजन अधिकारी एवं मामले के पैरवीकर्ता राजीव रूसिया ने बताया कि आरोपी बब्लू उर्फ जितेन्द्र जाट ने दिनांक 25.09.2015 दिन करीब 1.30 बजे के लगभग ग्राम सौठिया अंतर्गत थाना जैसीनगर से अप्राप्तवय उत्तरजीवी जिसकी आयु 18 वर्ष से कम थी उसके पिता की विधिपूर्ण संरक्षकता के बिना सहमति के बहला फुसलाकर कर ले गया। संभोग करने के आषय से उसका व्यपहरण किया, छुपाया व परिरोध में रखा एवं उसके साथ बलात्कार किया। इस कार्य में आरोपीगण रामरानी व देवीसिंह ने आरोपी बब्लू का साषय सहयोग कर दुष्प्रेरण किया। पिता द्वारा उत्तरजीवी गुम इंसान की रिपोर्ट थाना जैसीनगर में की गई। इस पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक-140/15 धारा 363, 366 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। मामला विवेचना में लिया गया। जाॅंच के दौरान उत्तरजीवी दिनांक 29.09.2015 को दस्तयाव होने पर दस्तयाव पंचनामा बनाया गया। उत्तरजीवी एवं साक्षियों के कथन लेख किये गये। विवेचना उपरांत आरोपीगण बब्लू उर्फ जितेन्द्र जाट पिता देवीसिंह उम्र 37 वर्ष, रामरानी पत्नि देवीसिंह जाट उम्र 62 वर्ष एवं देवी सिंह जाट पिता हरिसिंह उम्र 65 वर्ष सभी निवासी ग्राम सौठिया थाना जैसीनगर जिला सागर के विरूद्ध मान. न्यायालय में चालान पेश किया गया। जहां विचारण उपरांत मामले में आई साक्ष्य के आधार पर विषेष न्यायाधीष/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 नीलू संजीव श्रृंगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी बब्लू उर्फ जितेन्द्र को भादवि की धारा 366(क), 368, 376(2)(एन) में, आरोपी रामरानी को भादवि की धारा 368, 376(2)(एन)/109 में तथा आरोपी देवीसिंह को भादवि की धारा 368, 376(2)(एन)/109 में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 के अर्थदण्ड से दंडित किया।
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देश की कार्नसिटी में मक्का महोत्सव अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिंदवाड़ा की नई पहचान @भूपेन्द्र गुप्ता

देश की कार्नसिटी में मक्का महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिंदवाड़ा की नई पहचान
@भूपेन्द्र गुप्ता
फसलों के उत्पादन का उत्सव मनाने की परंपरा को अब औद्योगिक आधार मिल रहा है । फसलों की ब्रांडिंग से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी किसानों को ज्यादा दाम मिलने की संभावनाएं बनी है। 
भारत का कृषि जलवायु क्षेत्र इतना विविधता पूर्ण है कि यहां हर क्षेत्र एक विशिष्ट फसल के नाम से जाना पहचाना जाता है। अकेले मध्य प्रदेश में 11 कृषि जलवायु क्षेत्र है यहां की मिट्टी और जलवायु में भिन्नता है जो अलग-अलग फसलों के लिए उपयुक्त है । मालवा के आलू टीकमगढ़ का अदरक, बड़वानी की मिर्ची मंदसौर का लहसुन और सीहोर विदिशा क्षेत्र का गेहूं शरबती गेहूं , बालाघाट सिवनी के कालीमूछ के चावल और अब इस श्रेणी में छिंदवाड़ा का मक्का आ गया है।
मक्का उत्पादन को औद्योगिक गतिविधि से जोड़ने के लिए की गई पहल से मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मक्का उत्पादन को व्यावसायिक गतिविधि से जोड़ने की पहल करते हुए कमलनाथ कमलनाथ ने कॉर्न फेस्टिवल 2019 को नया स्वरूप देने की कोशिश की है। कॉर्न फेस्टिवल यानी मक्का महोत्सव के माध्यम से किसानों के लिए उनके विकास के लिए एक नया रास्ता खोल जा रहा है। इससे वे तरक्की और खुशहाली की बुनियाद खुद रख सकें। 
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 15-16 दिसंबर को मनाया जाने वाला कॉर्न फेस्टिवल यह महोत्सव मध्य प्रदेश के किसानों के लिए  एक नया अध्याय सिद्ध होगा जहां से तरक्की और खुशहाली उनके दरवाजे पहुंचेगी ।सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश 70% आबादी कृषि कार्यों पर निर्भर है हमारी विभिन्न फसलें मध्यप्रदेश की पहचान को स्थापित  करती हैं किंतु कृषि के क्षेत्र में उसे प्रभावी बनाए जाने के प्रयत्न अब तक नहीं हुए थे यह दिखायी  देता है ।कॉर्न फेस्टिवल के माध्यम से अब पता चलेगा कि मक्का के पास कितना बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है । वह  केवल पॉपकॉर्न या कार्न फ्लेक्स तक सीमित नहीं है न ही उसका बाजार  दो चार तरह के व्यंजन या स्वीटकार्न सूप तक सीमित है।उससे लगभग सौ तरह के व्यंजन,टोस्ट बिस्किट ,कुकीजआदि  बनाये जा सकते हैं। जिनके लिये आवश्यक मशीन और तकनीकि का प्रदर्शन छिंदवाड़ा में किया जा रहा है।
लोगों के मन में एक स्वाभाविक सवाल उठ सकता है कि इस महोत्सव के लिये छिंदवाड़ा ही क्यों चुना गया ?उत्तर है क्योंकि छिंदवाड़ा ही देश में सबसे ज्यादा मक्का पैदा करने वाला जिला है ।देश के कुल मक्का उत्पादन में अकेले मध्यप्रदेश का 14%योगदान है और इसमें अकेले छिंदवाड़ा का योगदान ही 13% है । इसीलिये इसे कार्न सिटी के रूप में लोकप्रिय करने की योजना बनी ताकि मक्का के विश्व बाजार के मानचित्र पर छिंदवाड़ा अपनी पहचान छोड़ सके।
कमलनाथ  ने इंदौर में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश के दौरान इस बात को बार-बार दोहराया था कि मध्य प्रदेश की फसलों को आधार  बनाकर फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री विकसित करके  ही किसान के दरवाजे पर तरक्की पहुंचाई जा सकती है कार्न फेस्टिवल इसका एक कदम है ।
मध्यप्रदेश में आलू बहुतायत में होता है टीकमगढ़ का अदरक भी पूरे देश में अपनी पहचान बनाए हुए है ।मंदसौर का लहसुन,मांडू का सीताफल, बड़वानी की मिर्ची ,निमाण का कपास,गुना का धनिया, जबलपुर की मटर ,होशंगाबाद का अमरूद,ऐसी कई फसलें हैं जिनका एक अंतरराष्ट्रीय बाजार विकसित किया जा सकता है ।सवाल है कि किस तरह किसान के दरवाजे पर नई तकनीकी  और कौशल  पहुंचे । कॉर्न फेस्टिवल ऐसी ही एक पहल है जिसके माध्यम से किसानों के दरवाजे पर नई नई मशीनें  नया-नया ज्ञान पहुंचेगा  । उन्हें पता चलेगा की पूरी दुनिया मक्के के बाजार के लिए आतुर है । मक्का में उपलब्ध पौष्टिक तत्व ही मक्का की खूबी है इसमें पाया जाने वाला फाइबर पेट को कई बीमारियों से बचा कर रखता है और इसके पौष्टिक गुणों के कारण पूरी दुनिया में इसकी मांग है । जिस तरह से दुनिया में पोल्ट्री उद्योग विस्तार पा रहा है उसमें पोल्ट्री फीड के रूप में मक्का ही प्रमुख खाद्यान्न है इसलिए मक्का के किसानों को अगर पोल्ट्री फीड बनाने की विधि और कुशलता प्रदान की जाती है तो छिंदवाड़ा एवं अन्य क्षेत्रों का मक्का उत्पादक  किसान दुनिया से टक्कर ले सकेगा।
मुख्यमंत्री का यह विजन प्रथम दृष्टि में ही सफल होता दिखाई पड़ रहा है कई आदिवासी महिलायें तामिया जैसी जगह में इसके उत्पादन से जुड़ गईं हैं।वे मक्का की कुकीज तक बना रहीं हैं।
कल को मालवा में पोटेटो फेस्टिवल,मंदसौर में गार्लिक फेस्टिबल और टीकमगढ़ में जिंजर फेस्टिवल भी सामने आ सकेंगे।पहली बार देश के ख्यातनाम कृषि वैग्यानिक आज छिंदवाड़ा में इकट्ठे हो रहे हैं।कल इसी तरह दूसरी जगह आकर दूसरी चीजें पैदा करने वाले किसानों को भी नयी तकनीकी सिखायेंगे ।कमलनाथ सरकार की इस पहल से हार्टीकल्चर गतिविधियां बढ़ीं हैं ।फूल की खेती से आगे अब सब्जियों के उत्पादन में किसान आगे आ रहे हैं ।इस जागरूकता से इन क्षेत्रीय विशिष्ट फसलों के "जी आई टेग" का रास्ता भी प्रशस्त हुआ है ।
सरकार ने परंपरागत रूप से खेती करने वाले किसानों को महज उन्नत किसानों के खेत  दिखाये जाने के रस्मी कार्यक्रमों को अब उत्सव में बदल दिया है जहां किसान केवल फसल नहीं बल्कि उस फसल से आगे बनने वाले उत्पाद,उसमें उपयोग होने वाली तकनीकी और आधुनिक मशीनों से रूबरू हो सकेगा।यह कमलनाथ सरकार के गरीबों किसानों के सरोकारों में शामिल होने का परिचायक है।वे केवल चिंता ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उनके वेहतर भविष्य के लिये बेहतर तकनीकी और कौशल भी उनके दरवाजे तक ला रहे हैं।
(लेखक स्वतंत्र विश्लेषक एवं कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष हैं)
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एलपीजी गैस से भरा टैंकर पलटा,टैंकर से रिसाव जारी,पुलिस प्रशासन मौजूद,रास्ता किया बन्द

एलपीजी गैस से भरा टैंकर पलटा,टैंकर से रिसाव जारी,पुलिस प्रशासन मौजूद,रास्ता किया बन्द

सागर।सागर जिले के रहली देवरी मार्ग पर ग्राम परासिया पर अंधे मोड़ में गैस से भरा टैंकर पलट गया। टैंकर पलटने से उससे लगातार गेस का रिसाव हो रहा है । घटना की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुची। पुलिस ने दोनो तरफ से रास्ता बंद कर दी गई है । आसपास के रिहायशी इलाके को सतर्क कर दिया गया है।   बीना रिफायनरी से बचाव दल बुलाया गया है । कैप्सूल विजयनगर गुना से जबलपुर जा रहा था। पुलिस ने 2 किलोमीटर सड़क की सीमा सील कर दी है हल्की सी आग की चिंगारी बड़ा हादसा घटित कर सकती है ।आसपास में लगभग 200 ग्रामीण अपने बच्चों सहित अभी भी है और जो भी उस रोड से बाहर निकल रहे हैं ।पुलिस उन पर प्रतिबंध लगा रही है और दूसरे रोड से जाने का आग्रह कर रहीहै।
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एमपी में शराब /बार दुकान खुलने,बन्द होने ,शराब परोसने आदि का टाईमटेबिल हुआ निर्धारित

एमपी में शराब /बार दुकान खुलने,बन्द होने ,शराब परोसने आदि का टाईमटेबिल हुआ निर्धारित

आबकारी विभाग ने एमपी में शराब दुकानों के खुलने,इसकी बिक्री,शराब परोसने से लेकर बीयर वार, होटल ,रिसोर्ट और क्लब आदि में शराब परोसने का समय तय कर दिया है । आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा  ने इसके आदेश जारी किए हैं। इसका उल्लंघन करने वालो के खिलाफ़ कार्यवाही होंगी।
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गर्ल्स डिग्री कालेज में छात्राओं को विकास शुल्क एक हजार नही लगेगा,कलेक्टर ने प्रस्ताव नामंजूर किया

गर्ल्स डिग्री कालेज में छात्राओं को विकास शुल्क एक हजार नही लगेगा,कलेक्टर ने प्रस्ताव नामंजूर किया
सागर । कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की अध्यक्षता में संपन्न हुई। शासकीय स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर की जनभागीदारी समिति की बैठक में छात्राआंे के हित में अनेक निर्णय लिए गए। कलेक्टर ने छात्राओं से विकास शुल्क 500 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया। उन्होंने कहा कि इसकी कोई आवष्यकता नहीं है।
स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों की पुस्तकों के क्रय करने के लिए 8 लाख रूपये की, परम्परागत पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक कार्य के लिए 2 लाख 65 हजार रूपये की, स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में प्रायोगिक उपकरण के लिए 2 लाख 60 हजार, प्रायोगिक कार्य के लिए एक लाख 40 हजार रूपये स्वीकृत किए गए। वाणिज्य विभाग में छात्राआंे की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए एक अतिथि विद्वान रखे जाने की जाने की स्वीकृति दी गई। कलेक्टर ने कहा कि पूरी पारदर्षिता के साथ अतिथि विद्वान रखंे। प्रायोगिक कार्य हेतु विभाग को रसायन विभाग में विगत वर्षाें की भांति 3 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। इसी प्रकार संदर्भ पुस्तकों के लिए 3 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। कलेक्टर ने महाविद्यालय में टायलेट निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से प्राकलन बनवाने के लिए कहा और 10 लाख रूपये स्वीकृति दी।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. इला तिवारी, सागर सासंद प्रतिनिधि तान्या चुन्नी, विधायक प्रतिनिधि दीप्ती चंदेरिया उपस्थित थे।  कंप्यूटर लैब के कम्प्यूटर छात्राएं के उपयोग के लिए हो
 कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने शासकीय स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर का भ्रमण किया। उन्होंने कम्प्यूटर लैब का निरीक्षण किया। कम्प्यूटर लैब में रखे कंप्यूटर बंद मिलने पर उन्होंने निर्देष दिए कि कंप्यूटरों को कार्यषील अवस्था में रखें। जिससे की छात्राएं उनका शैक्षणिक कार्यों के लिए उपयोग कर सकें। कलेक्टर ने महाविद्यालय की लायब्रेरी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने लायब्रेरी में विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित पुस्तके और पत्रिकाएं अनिवार्य रूप से रखे जाने के निर्देष दिए। उन्होंने छात्राओं से चर्चा की और पूछा की कोई समस्या तो नहीं है। छात्राओं द्वारा प्रसाधन संबंधी समस्या बताने पर प्रसाधन कक्ष के लिए 10 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई।     
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मादक पदार्थो की रोकथाम को लेकर पुलिस की एक दिनी कार्यशाला

मादक पदार्थो की रोकथाम को लेकर  पुलिस की एक दिनी कार्यशाला
सागर।  पुलिस कट्रोल रूम सागर में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षासंस्थान एनआईएसडी और जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी के तत्वाधान में सागर पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के दुर्व्यसन कीरोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम पुलिस महानिरीक्षक  सतीश सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आमित साधी द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें डॉ0 नरेन्द्र शाक्य
डॉ० मनीष जैन (एमडी मेडीसिन एसोसिएट प्रोफेसर बीएमसी सागर),  अनुप दुबे एव अन्य
सदस्य (एल्कोहोलिक एनोनिमस सस्था भोपाल) श्रीमति दीपाली शर्मा मान० विशेष न्यायधीश
एनडीपीएस एव डॉ० राजीव जैनमनोचिकित्सक शामिल हुये। इसी के साथ कार्यक्रम मेंप्रशिक्षित पुलिस अधिकारी निरीक्षक  प्रशात सेन एवं उनि श्रीमति बबीता चौधरी द्वारा भीप्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यशाला में जिले में पदस्थ प्रो० उप पुलिस अधीक्षक, पीएसआई एवं अन्य पुलिस
अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे ।जिन्हें मादक पदार्थो के दुव्र्यसन की रोकथाम से संबंधित
विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया साथ ही इस विषय पर डीव्हीडी प्रदाय की गई।
डॉ० मनीष जैन द्वारा अंग्स एवं उनके प्रकार जैसे प्राकृतिक अर्ध कृत्रिम एव कृत्रिम ड्रग्स
एव उनके लक्षणों व दुव्र्यसन के बारे में विस्तार से बताया गया।श्रीमति दीपाली शर्मा विशेष न्यायधीश एनडीपीएस द्वारा एनडीपीएस की कार्यवाही पुलिस किस प्रकार सशक्त कर सकती है। एवं इस अधिनियम की मुख्य धाराओं
से अवगत कराया गया।
भोपाल की एल्कोहोलिक एनोनिमस सस्था द्वारा अपने अनुभव एव किस प्रकार नशीले
पदार्थों के सेवन से निजात पाया जाये एव किस प्रकार यह सस्था सहायता करती है बताया
गया।मनोचिकित्सक डॉ० राजीव जैन ने भी मादक पदार्थों के सेवन से ग्रसित व्यक्ति के
व्यवहार उसका सामाजिक आचरण एवं नग के उपयोग, अपराध व रोजगार के तुलनात्मक
अध्ययन पर प्रकाश डाला। थाना प्रभारी  प्रशांत सेन एवं उनि श्रीमति बबीता चौधरी द्वारा तनाव के कारण किस प्रकार तनाव से दूर रहा जाये के उपाय बताये।
एसपी अमित सांघी ने  मीडिया को बताया कि मादक पदार्थो के दुर्व्यसन की रोकथाम के लिए जिले के 60 पुलिस इंस्पेक्टर और अधिकारी गणों ने प्रशिक्षण लिया है । यह प्रशिक्षण अपने अपने क्षेत्रों में कार्य करने में कारगर साबित होगा। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
इस कार्यक्रम के समन्वयक अतिरिक्त  पलिस अधीक्षक  बीना  विजर्म सिंह एवं अति
पुलिस अधीक्षक सागर  राजेश व्यास रहे।
समापन पुलिस अधीक्षक सागर अमित साधी द्वारा किया गया । 
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केन्द्र ने पाँच मेडिकल कॉलेज में 803 पी.जी. सीट बढाने की मंजूरी दी,सागर में बढ़ेगी 85 सीट

केन्द्र ने  पाँच मेडिकल कॉलेज में 803 पी.जी. सीट बढाने की मंजूरी दी,सागर में बढ़ेगी 85 सीट
सागर ।केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी मूल्यांकन समिति ने मध्यप्रदेश के पाँच शासकीय मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर (पी.जी.) पाठ्यक्रम में 803 सीट बढाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन सीटों को बढाने पर 521 करोड़ 74 लाख 45 हजार रूपये खर्च होंगे। इस खर्च का 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा।
केन्द्र सरकार से मंजूरी से प्रदेश के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 85, श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा में 88, गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में 91, महात्मा गाँधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज इंदौर में 169, बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में 85 और गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में 285 सीटें बढेंगी।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि सागर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फॉर्माकोलॉजी, रेडियो डायग्नोसिस की 2-2, कम्युनिटी मेडिसिन, ऑप्थलमोलॉजी की 3-3, पैथालॉजी की 9, माइक्रोबॉयोलॉजी, बॉयोकेमेस्ट्री, पीडियाट्रिक्स, ऑथोपेडिक्स, ईएनटी की 5-5, जनरल मेडिसिन और जनरल सर्जरी की 11-11, गॉयन्कोलॉजी की 8 और एनिस्थीसियोलॉजी की 7 सीट्स की वृद्धि की गई है। इन पर 92 करोड़ रुपये से अधिक राशि व्यय होगी।
जबलपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज के लिये द्वितीय चरण में 17 पी.जी. पाठ्यक्रमों में सीट बढाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।  इससे बॉयो केमिस्ट्री, माईक्रो बॉयोलॉजी, फॉरेन्सिक मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन और पल्मोनरी मेडिसिन (डीएम) की क्रमशरू पाँच, दो, तीन और दस सीट बढेंगी। इसी के साथ, द्वितीय चरण में पैथालॉजी, साइकियाट्रिक, रेडियो डायग्नोसिस में दो-दो, फॉर्माकोलॉजी में 6, ऑप्थलमोलॉजी में 4, ईएनटी में एक, जनरल मेडिसिन में 18, जनरल सर्जरी में 8, ऑर्थोपेडिक्स में 7, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में 5, रेस्पॉयरेटरी में 5 और न्यूरो सर्जरी में 3 सीट की वृद्धि होगी, जिसका अनुमानित व्यय लगभग 93 करोड़ रूपये है।
रीवा के शासकीय श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय में बॉयो-केमेस्ट्री और फॉरेंसिक मेडिसिन की 3-3, ओटोरिनोलेरिंगोलॉजी की 4, रेडियो डायग्नोसिस की 4 और डर्माटोलॉजी, वेनेरेलॉजी एण्ड लेप्रसी की 2 सीट की वृद्धि होगी। साथ ही, एनाटॉमी की 4, फिजियोलॉजी की 5, पैथालॉजी की 8, फार्माकोलॉजी की 3, कम्युनिटी मेडिसिन की 4, ऑप्थलमोलॉजी की 4, जनरल मेडिसिन की 8, जनरल सर्जरी की 6, ऑर्थोपेडिक्स की 7, गॉयन्कोलॉजी की 5, पीडियाट्रिक्स की 3, एनिस्थीसियोलॉजी की 14 और साइकियाट्री में एक सीट की वृद्धि होगी, जिस पर 77.17 करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी।
ग्वालियर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एनाटॉमी की 8, फिजियोलॉजी की 6, पैथालॉजी की 10, माइक्रो बॉयोलॉजी की 7, फार्माकोलॉजी की 8, कम्युनिटी मेडिसिन की 7, ऑथोपेडिक्स की 5, जनरल सर्जरी की 11, एनिस्थीसियोलॉजी की 4, गॉयन्कोलॉजी की 8, जनरल मेडिसिन की 10, रेडियो डॉयग्नोसिस की 4 और पीडियाट्रिक्स की 3 बढेंगी, जिस पर लगभग 60 करोड़ व्यय होंगे।
केन्द्र द्वारा मंजूर की गई सीटों में इंदौर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में 175 करोड़ 63 लाख से 169 पी.जी. सीट्स की वृद्धि होगी। इनमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, एनिस्थीसिया की 8-8, बॉयो केमेस्ट्री की 10, पैथालॉजी की 15, माइक्रोबॉयोलॉजी की 14, फारेंसिक मेडिसिन की 7, कम्युनिटी मेडिसिन की 14, डर्माटोलॉजी की एक, रेडियो डायग्नोसिस की 5, सर्जरी की 20 एनिस्थीसिया की 8, ऑर्थोपेडिक्स की 5, मेडिसिन की 21, साइक्रियाट्रि की 6, ऑब्सटेट्रिक्स एण्ड गॉयन्कोलॉजी की 10, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की 5 और ईएनटी की 4 सीट शामिल हैं।
भोपाल के गाँधी मेडिकल कॉलेज में लगभग 117 करोड़ से 285 पी.जी. सीट की वृद्धि अनुमानित है। इनमें एनाटॉमी की 16, फिजियोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन की 9-9 सीट्स, बॉयोकेमेस्ट्री, रेडियो डॉयग्नोसिस की 10-10, फॉर्माकोलॉजी की 14, पैथालॉजी की 20, कम्युनिटी मेडिसिन की 17, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी की 24-24, पीडियाट्रिक्स की 25, टी.बी. चेस्ट की 5, साइकियाट्रि की 3, ऑथोपेडिक्स की 17, ओटोरिनोलेरिंगोलॉजी की 5, ऑप्थलमोलॉजी की 8, गॉयन्कोलॉजी की 25 और एनिस्थीसियालॉजी की 35 पी.जी. सीट शामिल हैं।         
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