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गर्ल्स डिग्री कालेज में छात्राओं को विकास शुल्क एक हजार नही लगेगा,कलेक्टर ने प्रस्ताव नामंजूर किया

गर्ल्स डिग्री कालेज में छात्राओं को विकास शुल्क एक हजार नही लगेगा,कलेक्टर ने प्रस्ताव नामंजूर किया
सागर । कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की अध्यक्षता में संपन्न हुई। शासकीय स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर की जनभागीदारी समिति की बैठक में छात्राआंे के हित में अनेक निर्णय लिए गए। कलेक्टर ने छात्राओं से विकास शुल्क 500 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया। उन्होंने कहा कि इसकी कोई आवष्यकता नहीं है।
स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों की पुस्तकों के क्रय करने के लिए 8 लाख रूपये की, परम्परागत पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक कार्य के लिए 2 लाख 65 हजार रूपये की, स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में प्रायोगिक उपकरण के लिए 2 लाख 60 हजार, प्रायोगिक कार्य के लिए एक लाख 40 हजार रूपये स्वीकृत किए गए। वाणिज्य विभाग में छात्राआंे की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए एक अतिथि विद्वान रखे जाने की जाने की स्वीकृति दी गई। कलेक्टर ने कहा कि पूरी पारदर्षिता के साथ अतिथि विद्वान रखंे। प्रायोगिक कार्य हेतु विभाग को रसायन विभाग में विगत वर्षाें की भांति 3 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। इसी प्रकार संदर्भ पुस्तकों के लिए 3 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। कलेक्टर ने महाविद्यालय में टायलेट निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से प्राकलन बनवाने के लिए कहा और 10 लाख रूपये स्वीकृति दी।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. इला तिवारी, सागर सासंद प्रतिनिधि तान्या चुन्नी, विधायक प्रतिनिधि दीप्ती चंदेरिया उपस्थित थे।  कंप्यूटर लैब के कम्प्यूटर छात्राएं के उपयोग के लिए हो
 कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने शासकीय स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर का भ्रमण किया। उन्होंने कम्प्यूटर लैब का निरीक्षण किया। कम्प्यूटर लैब में रखे कंप्यूटर बंद मिलने पर उन्होंने निर्देष दिए कि कंप्यूटरों को कार्यषील अवस्था में रखें। जिससे की छात्राएं उनका शैक्षणिक कार्यों के लिए उपयोग कर सकें। कलेक्टर ने महाविद्यालय की लायब्रेरी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने लायब्रेरी में विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित पुस्तके और पत्रिकाएं अनिवार्य रूप से रखे जाने के निर्देष दिए। उन्होंने छात्राओं से चर्चा की और पूछा की कोई समस्या तो नहीं है। छात्राओं द्वारा प्रसाधन संबंधी समस्या बताने पर प्रसाधन कक्ष के लिए 10 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई।     
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