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प्रदेश में पहली बार 9 नर्सरी को मिली 5 स्टार रैंकिंग,देश में नर्सरी रैंकिंग करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य

प्रदेश में पहली बार 9 नर्सरी को मिली 5 स्टार रैंकिंग,देश में नर्सरी रैंकिंग करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य 
भोपाल।एमपी  में पहली बार हुई रोपणी श्रेणीकरण एवं मान्यता प्रक्रिया में वन विभाग ने भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, रतलाम और रीवा की 9 नर्सरियों को उत्कृष्ट श्रेणी में रखते हुए 5 स्टार रैंकिंग दी है। इनमें भोपाल की अहमदपुर, इंदौर की मालवा डेमो, बड़गोंदा, चंद्रकेशर, जबलपुर की शहरी रोपणी, परियट, रतलाम की क्षिप्रा विहार, रीवा की रीवा और समधिन शामिल हैं। प्रदेश में वन विभाग की 171 रोपणियों में से 9 को 5 स्टार, 48 को 4 स्टार और 86 को 3 स्टार रैंकिंग मिली है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी.सी. दुबे ने बताया कि रोपणियों का श्रेणीकरण एवं मान्यता 9 बिन्दुओं पर की गई। ये बिन्दु हैं, बीज स्त्रोत एवं पौधों की गुणवत्ता, पौधों की विविधता, अधोसंरचना, जैविक खाद, अभिलेख संधारण, नवाचार एवं शोध, व्यवसायिक सेवा, कौशल क्षमता एवं ज्ञान और रोपणी प्रदर्शन। पौधों की गुणवत्ता के लिये 32, पौध विविधता 11, अधोसंरचना 17, जैविक खाद नवाचार और कौशल क्षमता के लिये 5-5, व्यवसायिक सेवा के लिये 8, अभिलेख 7 और प्रदर्शन (निष्पादन) के लिये 10 अंक निर्धारित किए गए थे।
उत्कृष्ट श्रेणी में 91 से 100 अंक प्राप्त करने वाली रोपणियों को 5 स्टार, बहुत अच्छी श्रेणी में 71 से 90 अंक प्राप्त करने वालों को 4 स्टार, अच्छी श्रेणी में 51 से 70 अंक प्राप्त करने वाली रोपणी को 3 स्टार दिया गया है। रोपणी श्रेणीकरण एवं मान्यता से पौधों की गुणवत्ता उच्चतर स्तर तक बढ़ाने, अनुसंधान कार्यों का सुदृढ़ करने, सुधार एवं आवश्यकताओं की पहचान करने, पौध आपूर्ति के लिये उत्कृष्ट व्यवस्था स्थापित करने आदि में मदद मिलेगी।
फोर स्टार रैंकिंग में सर्वाधिक 15 नर्सरी सागर जिले में और 13 सिवनी जिले में शामिल हैं। सागर जिले में चकरा, पांडाझिर, अमानगंज, अंडेला, अमरमऊ, आमा, नोहटा, बहरोल, देवरा, विश्रामगंज, कुंडेश्वर, सांगा, पिपरौट, सिरोंजा और गंज को तथा सिवनी जिले में बाम्हनदेही-1, दुधिया, जैतपुर, बाम्हनदेही-2, बंजारी, बकौरी, आमगाँव, यामनगर, परमहंसी, नान्हीकन्हार, पोआमा-2, बैनगंगा, पोआमा-1 को 4 स्टार रैंकिंग मिली है। बैतूल की खाकरापुरा, बागदेव, भोपाल की बांसापुर, अमरावद, ग्वालियर की कैंट अंगूरी, बैराज, भूता, इंदौर की पारस, बरोठा, जबलपुर की कटरा, अमेरा, सरसवाही, दरौली, झाबुआ की मोजीपाड़ा, अनास, खंडवा की निमाड़, नेपानगर, बोरगाँव और रीवा की मुकुंदपुर शामिल हैं।
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शांति के टापू मध्यप्रदेश को कांग्रेस ने हिंसा का अड्डा बन दिया ,नेता प्रतिपक्ष ने धार की घटना को शर्मसार करने वाली बताया

शांति के टापू मध्यप्रदेश को कांग्रेस ने हिंसा का अड्डा बन दिया ,नेता प्रतिपक्ष ने धार की घटना को शर्मसार करने वाली बताया

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने धार के मनावर में कोई घटना पर कहा कि ऐसी घटनाएं समाज को शर्मसार करने वाली घटनाएं हैं मध्यप्रदेश किस ओर बढ़ रहा है?  उन्होंने कहा कि कमलनाथ राज में  6 लोगों को भीड़ ने पीटा और 1 व्यक्ति की बेरहमी से की पीट-पीट कर हत्या कर दी। क्या यह कमलनाथ जी के 1 साल में बना नया मध्यप्रदेश है? शांति का टापू कहा जाने वाला मध्यप्रदेश अब एक साल में भीड़ हिंसा का अड्डा बन गया है। श्री भार्गव ने ने कहा कि 'दलितों एवं आदिवासियों की हत्या हो रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ वक़्त है बदलाव का नारा देते है, वास्तव में मध्यप्रदेश बदल गया है। मध्यप्रदेश को कांग्रेस की नजर लग गयी। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि समाज मे ऐसी  चिंतनीय है। सरकार ऐसी घटनाओं पर तत्काल रोक लगाएं और दोषी कोई भी हो उसे दण्ड दे ताकि ऐसी घटनाओं की प्रदेश में पुनरावृत्ति न हो। 
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धार की घटना निंदनीय किंतु शिवराज की टिप्पणी और भी निंदनीय-भूपेन्द्र गुप्ता


धार की घटना निंदनीय किंतु शिवराज की टिप्पणी और भी निंदनीय-भूपेन्द्र गुप्ता
भोपाल।शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश के लोगों ने पिछले चुनाव में ही साफ साफ  बता दिया है कि वे तालिबानी नहीं शांतिप्रिय हैं। डेढ़ दशकों तक मुख्यमंत्री रहने के बाद सत्ता जाते ही प्रदेश की जनता तालिबानी कैसे हो गई ? क्या कोई सरकार लोगों को तालिबानी बना सकती है? शिवराज सिंह चौहान को इसका जबाब देना.चाहिये। फुरसतिया होने का अर्थ यह तो नहीं कि आप प्रदेश की ही छवि धूमिल करें। 
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने एक बयान जारी कर शिवराज सिंह चौहान के उस कथन की भी निंदा की जिसमे उन्होंने सवाल किया कि क्या पुलिस के हाथ बांध दिए हैं? भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान भूल गए कि उन्होंने मध्य प्रदेश की पुलिस को देश की सबसे सक्षम और सर्वश्रेष्ठ कहा था । अब उसी पर सवाल खड़े कर रहे है। सत्ता जाते ही जनता तालिबानी और पुलिस अक्षम कैसे हो गई यह शिवराज जी जनता और पुलिस को बताएं। उनकी ऐसी ही गैर जिम्मेदार हरकतों के कारण मध्य प्रदेश की बुरी हालत हुई है । धार की घटना निंदनीय है।उसे सख्ती से कुचला जाना चाहिये किंतु शिवराज सिंह चौहान की टिप्पणी और भी ज्यादा निंदनीय है।
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हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी तक बढ़ी

हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी तक बढ़ी
भोपाल।माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने शिक्षण सत्र 2019-20 के हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी ऑनलाईन परीक्षा आवेदन पत्र भरने की तिथि 10 फरवरी तक बढ़ा दी है। पूर्व में यह तिथि 31 दिसम्बर, 2019 थी, जिसे कुछ विद्यार्थियों द्वारा मण्डल को दिये गये आवेदनों के आधार पर बढ़ाया गया है। ये विद्यार्थी निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व परीक्षा आवेदन एवं शुल्क नहीं भर सके थे।
आवेदन न कर पाने वाले विद्यार्थी भर सकेंगे ऑनलाईन आवेदन
हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षा 2020 के जिन नियमित एवं स्वाध्यायी छात्रों ने परीक्षा आवेदन पत्र ऑनलाईन भर दिया, किन्तु परीक्षा शुल्क नहीं भर पाये, वे निर्धारित परीक्षा शुल्क के साथ विलम्ब शुल्क 5000 रूपये जमा कर परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। इसी तरह ऐसे छात्र-छात्राएँ, जिन्होंने परीक्षा आवेदन पत्र नहीं भरा है, किन्तु परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, वे स्वाध्यायी छात्र के तौर पर ऑनलाईन परीक्षा आवेदन, निर्धारित परीक्षा शुल्क और विलम्ब शुल्क 7500 रूपये जमा कर 10 फरवरी तक परीक्षा आवेदन भर सकते हैं।
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अपर मुख्य सचिव ने देखी मुख्यमंत्री आगमन की तैयारिया दिये निःर्देश

अपर मुख्य सचिव ने देखी मुख्यमंत्री आगमन की तैयारिया दिये निःर्देश
सागर । अपर मुख्य सचिव अनुसूचित जाति कल्याण विभाग श्री विनोद कुमार एवं आयुक्त अनुसूचित जाति विकास डा मसूद अख्तर ने 9 फरवरी को मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के आयोजित सागर यात्रा को लेकर सभा स्थल पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। तत्पष्चात कलेक्टर सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की उपस्थिति में जिले के समस्त विभाग प्रमुखों की बैठक ली।
अपर मुख्य सचिव श्री विनोद कुमार ने निर्देष दिए कि 9 फरवरी को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ सागर यात्रा पर आ रहे है इसको लेकर सभी विभाग समुचित व्यवस्थाएं करना सुनिष्चित करें। जिससे कोई भी विभाग का हितग्राही लाभांवित होने से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के सभास्थल पर आने के पूर्व ही लाभांवित होने वाले हितग्राहियों को सभास्थल पर उपस्थिति सुनिष्चित कराएं। उन्होंने सभास्थल पर विभागों द्वारा लगाई जाने  विभाग की जानकारी एवं हितग्राहियों को दिए गए लाभ की प्रस्तुती प्रदर्षनी के रूप में लगाएं।
इस अवसर पर भोपाल से आए  एसके जैन, अपर कलेक्टर  मूलचंद वर्मा, जिला पंचायत सीईओ  सीएस शुक्ला, डिप्टी कलेक्टर आदित्य शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती अंजली शाह सहित समस्त विभागां के अधिकारी मौजूद थे।  
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सागर जिले में 4 राजस्व निरीक्षक व 7 पटवारियो के ट्रांसफर

सागर जिले में 4 राजस्व निरीक्षक व  7 पटवारियो के ट्रांसफर 
सागर । कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख द्वारा प्रषानिक आधार पर 4 राजस्व निरीक्षक एवं 7 पटवारियों को स्थानांतरित किया गया है।
राजस्व निरीक्षक श्री थान सिंह गौड़ को बण्डा से देवरी तहसील में, श्री धीरजअसीम सोना को शाहगढ़ से केसली तहसील में, श्री योगेन्द्र चौधरी को खुरई से देवरी तहसील में एवं श्री प्रीतम सिंह ठाकुर को देवरी से खुरई तहसील में स्थानांतरित किया गया।
इसी प्रकार पटवारी श्री धीरज मरावी एवं श्री पवन गौड़ का केसली से रहली, श्री हेमन्त कुमार अहिरवार का बीना से शाहगढ़, श्री दीपेष दांगी का केसली से देवरी, श्री मनीष सिंह चौहान का शाहगढ़ से सागर, श्री मनोज चौधरी का राहतगढ़ से सागर के पटवारी हल्का कर्रापुर एवं श्री सुनील जैन का सागर से राहतगढ़ तहसील में स्थानांतरण किया गया है।
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संत रविदास जयंती के चलसमारोह से प्रभावित हो सकता है सीएम कमलनाथ का कार्यक्रम, अहिरवार महापंचायत ने कहा

संत रविदास जयंती के चलसमारोह से प्रभावित हो सकता है सीएम कमलनाथ का कार्यक्रम, अहिरवार महापंचायत ने कहा
सागर। मुख्यमंत्री कमलनाथ का सागर में 9 फरवरी को प्रस्तावित संत रविदास जयंती और विजास कार्यो के  लोकार्पण भूमिपूजन समारोह  कार्यक्रम में संत रविदास जी को माननेवाली समाज की उपस्थिति प्रभावित हो सकती है । इसका कारण शहर में होने वाला चल समारोह आयोजन और समाज मे कुछ मतभेदों को लेकर ये स्थिति बन सकती है । रविदासजी की जयंती मनाने को लेकर अहिरवार समाज मे मतभेद  बने है । इसको लेकर अभी तक दो धड़ों की पत्रकार वार्ताएं हो चुकी है। 
 सीएम कमलनाथ शामिल हो चलसमारोह में ,या समय बदला जाए

संत रविदासजी की जयंती पर एक चल समारोह लंबे समय से आयोजित होता है । यह सुबह 10 बजे से चार बजे तक  चलता है । छोटे बड़ी शोभायात्राएं निकलती है। 
अहिरवार महापंचायत  ने आज पत्रकार वार्ता की। इसमे पूर्व काँग्रेस सांसद नंदलाल चोधरी,अध्यक्ष अनिल अहिरवार ,धर्मेंद्र चोधरी सहित समाज के माते मुखिया शामिल हुए। उन्होने कहा कि  आयोजन को लेकर उनसे कही कोई सम्पर्क नही किया गया है । चल समारोह हमारा मुख्य आयोजन होता है । कुछ लोगो ने अपने स्तर पर तय कर लिया। पूर्व सांसद नंदलाल चोधरी ने कहा कि समाज मे कुछ मतभेद है ।जयंती को लेकर सामूहिक बैठक हुई थी । जिसमें चलसमारोह कार्य्रकम तय हुआ था। किसी संस्था ने यह दावा किया कि सिर्फ वही करेगा यह आयोजन । उसका कोई अस्तित्व नही है । हमारी संस्था अहिरवार महापंचायत रजिस्टर्ड है। 
अध्यक्ष अनिल अहिरवार के अनुसार सीएम कमकनाथ जी ने सागर मेंजयंती मनाने के निर्णय का हम स्वागत और आभार वयुक्त करते है। लेकिन हमारी मांग है कि सीएम हमारे चल समारोह में शामिल हो । अथवा कार्यक्रम का समय बदला जाए।
धनप्रसाद के परिजनों से मिले या मंच पर बुलाये

अहिरवार महापंचायत ने कहा कि सीएम कमलनाथ  मृतक धनप्रसाद के घर पर सांत्वना देने जाए या फिर उनके परिजनों को मंच पर बुलाया जाए।इसके साथ ही हरिजन बाहुल्य 

बस्तियों में रविदासजी का मंदिर बनाने और अधूरे पड़े अंबेडकर भवन को पूर्ण कराने की हमारी मांग है । इस आशय का एक ज्ञापन भी प्रशासन को दिया जा रहा है।

आदित्य चोधरी ने दिया इस्तीफा
 कुछ दिन पहले संत रविदास की 643 वी जयंती मनाने आयोजन समिति गठित की गई थी।  अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन ने इसकी पत्रकारवार्ता करके आयोजन समिति का गठन किया था । जिसमे कहा था कि सिर्फ इसी समिति  को आयोजन करना है। इसके खिलाफ आज अहिरवार पंचायत थी। आयोजन समिति के युवा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता आदित्य चोधरी ने इससे इस्तीफा दे दिया । उन्होंने अहिरवार पंचायत की पत्रकारवार्ता में यह घोषणा की और कहा कि अहिरवार पंचायत की मीटिंग में जब सब तय हुआ तो दूसरे की जरूरत नही है।
सीएम कमलनाथ का पीटीसी ग्राउंड में कार्यक्रम का समय वही है जो चल समारोह का है।संघठन का कहना है कि इज़ समाज के लोगो की मौजूदगी प्रभावित हो सकती है ।
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राजपूत क्षत्रिय समाज की महिलाओं ने मनाया बसन्तोत्सव


राजपूत क्षत्रिय समाज की महिलाओं ने मनाया बसन्तोत्सव
सागर। केसरिया दी रॉयल राजपूताना द्वारा रॉयल पैलेस में  बसंत उत्सव एवं पतंग उत्सव का आयोजन किया गया।
 कार्यक्रम की संयोजक। प्रीति सिंह राजपूत एवं रितु सिंह। ने बताया केसरिया जी रॉयल राजपूताना क्षत्रिय समाज की महिलाओं का सांस्कृतिक संगठन है।  उन्होंने बताया कि इस   दिन विद्या की देवी सरस्‍वती का जन्‍म हुआ था. इसके अलावा इस दिन से ऋतुराज बसंत प्रारंभ होता है. वहीं, बसंत पंचमी का दिन दिल्‍ली पर शासन करने वाले अंतिम हिंदू शासक पृथ्‍वीराज चौहान के शौर्य और पराक्रम के लिए भी याद किया जाता है. पृथ्‍वीराज चौहान ने आंखें न होने के बावजूद अपने दुश्‍मन मोहम्‍मद गौरी को मौत के घाट उतार दिया था. पृथ्‍वीराज चौहान के शौर्य , पराक्रम को नमन करते हुए , सरस्वती पूजन के साथ केसरिया द रॉयलराजपूताना द्वारा रॉयल पैलेस में बसंत उत्सव ऐवम पतंग उत्सव का आयोजन किया गया ।
केसरिया द रॉयल राजपूताना क्षत्रिय समाज की महिलाओं का सांस्कृतिक संगठन है जो की राजपूत परम्पराओं के साथ उत्सव का आयोजन करता है रॉयल पैलेस में राजपूत परिधान में सज कर तलवारों के साथ रितु सिंह प्रीति सिंह , अंशु सिंह , निरुपमा ग़ौर , अंकिता ग़ौर , ज्योति चौहान , पारुल चौहान , नीना बैश , लता राजपूत ,रोशनी राजपूत , नीलू राजपूत , प्रमिला सिंह , मंजू सिंह ,सुमन राजपूत , अनुपमाँ राजपूत , शशि राजपूत , सारिका सिंह , अनिता सिंह , अर्चना सिंह , संगीता सिंह इत्यादि ने वसंत उत्सव मनाया।
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जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के चपरासी ने कार्यालय में फांसी लगाई

जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के चपरासी ने कार्यालय में फांसी लगाई
सागर । सागर के जिला सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी ने आफिस में ही आज फांसी लगा कर  आत्महत्या कर ली । 
 पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है । आत्महत्या का कारण अज्ञात है।घटना गोपालगंज थानाक्षेत्र की है।
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला सैनिक कल्याण बोर्ड  के कार्यालय  में ऑफिस के समय जब लोगो ने प्रथम तल पर चपरासी /सफाईकर्मी कल्याण गौड़ की पंखे से झूलती हुई लाश देखी। इसकी सूचना  गोपालगंज थाना पुलिस को दी। 
इस घटना से आसपास के कार्यालयों तक मे सनसनी फेल गई। बाहर भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने शव उतारकर पीएम के लिए भेजा। पुलिस के मुताबिक किसी तरह का सुसाईड नॉट नही मिला है । घटना के कारणों की जांच की जा रही है। मृतक कल्याण गोंड उम्र 45 साल सुरखी  का रहने वाला है । वह वर्तमान में  यादव कालोनी में रहता था।

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देवलचौरी की रामलीला,115 साल से चल रही परम्परा में इसी गांव के बनते है पात्र

देवलचौरी की रामलीला,115 साल से चल रही परम्परा में इसी गांव के बनते है पात्र 
सागर।रामलीला के मंचन के कई रूप देखने मिलते है ।हालांकि गांवों में अब कम ही देखने मिलती है। सागर के जैसीनगर के देवलचौरी ग्राम की रामलीला सौ साल से ज्यादा 115 वर्ष पुरानी है । इस गांव के लोगो मे रामलीला आत्मसात कर चुकी है । क्योंकि इस गांव के लोग रामलीला के पात्रों की भूमिका निभाहते चले आ रहे है। आसपास के गांवों और शहरों से लोग पहुचते है। 
जयश्रीराम के घोष से गुंजा गांव देवलचौरी
व्यासगादी से चौपाई निकली रामलीला देखने बैठी हजारों लोगों की भीड़ खड़ी हो गई। पूरा माहौल श्रीराम के जयकारों के घोष से गूंज उठा। वहां राम धीरे-धीरे स्वयंबर में रखे शिव के विशाल धनुष 'पिनाकÓ की ओर बढ़ रहे थे, यहां जनता का उत्साहित देखते ही बन रहा था। राम धनुष के पास पहुंचे और एक ही झटके में धनुष को उठा लिया और जैसे ही व्यास ने तीखी ध्वनि के साथ चौपाई बोली 'तेही क्षण मध्य राम धनू तोरा, हरेहु भुवन धुनि भोर कठोराÓ तो राम ने एक ही झटके में धनुष उठया और जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाई तो धनुष के दो टुकड़े हो गए। धनुष के टूटते ही जयकारों की ध्वनि जोरों से शुरू हो गई, लोग श्रीराम पर फूल बरसाने लगे। यह नजारा था देवलचौरी में चल रही रामलीला का। गांव के तिवारी परिवार द्वारा यहां पर पिछले ११५ सालों से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला देखने आसपास के गांव के अलावा शहर से भी हजारों लोग पहुंच रहे हैं।

रावण वाणासुर रहे आकर्षण का केंद्र
जनक द्वारा सीता स्वयंवर में जैसे ही रावण-वाणासुर आए महौल में जान में आ गई। दस सिर, विशाल काया और बुलंद आवाज के साथ जैसे ही रावण ने तांडव स्त्रोत का उच्चारण शुरू किया लोगों के रोंगटे खड़ हो गए। रावण का किरदार निभा रहे गांव के चौकीदार (कोटवार) वीरन चढ़ार अशिक्षित हैं फिर भी बिना रुके एक स्वर में संस्कृत में तांडव का उच्चारण करते हैं। इस रामलीला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर सभी किरदार गांव के लोग निभाते हैं।
जनक और लक्ष्मण सवांद ने बांधा समा
रामलीला की शुरूआत में स्वयंवर में आए राजाओं ने भरपूर कोशिश की लेकिन धनुष उठाना तो दूर वह उसे तिल भर हिला भी नहीं सके। यह देख जनक ने गुस्से में धरती को वीर विहीन कह दिया। जनक का किरदार निभा रहे इंजी. भारत भूषण तिवारी अपने किरदार में इतने डूब चुके थे कि उनकी आखों से हकीकत में आसूं आ गए। जनक की यह बात सुनकर लक्ष्मण गुस्से से लाल हो गए और तीखे स्वर में जनक को यह एहसास करा दिया कि धरती पर अभी भी वीर हैं।
यह रहे मुख्य किरदार
राम- जयदीप तिवारी, लक्ष्मण ऋषभ गौतम, सीता प्रशांत गौतम, विश्वामित्र रवींद्र तिवारी, वाणासुर प्रभु तिवारी, व्यासगादी पर मुकुल तिवारी और चंद्रेश तिवारी, इसके अलावा स्वयंबर में राजाओं का किरदार निभाने वालों में नीरज तिवारी, मनहरण तिवारी, हरिराम विश्वकर्मा, दयाराम सेन, मुरारी पटेल, नरेश पटेल, सरवन चढ़ार, हीरा पटेल आदि।
इनका रहा विशेष योगदान
मनमोहन तिवारी, डॉ. महेश तिवारी, मनोज तिवारी, सरपंच मयंक तिवारी सहित तिवारी परिवार के अन्य लोग व गांव के लोगों का सहयोग रहा।
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