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कला गुरु विष्णु पाठक को दी श्रद्धांजलि

कला गुरु विष्णु पाठक को दी श्रद्धांजलि 
सागर। कला गुरु श्री विष्णु पाठक जी की प्रथम पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शहर के वरिष्ठ लोक कलाकारों,कला प्रेमियों ने श्री पाठक के चित्र पर माल्यर्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं गुरु जी के सपने को आगे बढ़ाने के लिए (हर कलाकार को निशुल्क प्रशिक्षण और सागर का नाम कला के क्षेत्र मे विश्व विख्यात हो ) मिलकर कार्य करने की बात कहीं एवं उनके द्वारा स्थापित लोक कला अकादमी के कार्यों को आंगे बढ़ाने की बात की।
यह आयोजन उनकी पुत्री मयूरीका रोहण की उपस्थिति में हुआ ।श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुऐ उनकी पुत्री मयूरिका रोहण ने कहा कि जल्दी ही कलागुरु श्री पाठक जी के नाम से एक पुरुस्कार की स्थापना की जाएगी एवं उनके कार्यों को आंगे बढ़ाने के लिये समुचित कार्यक्रम शुरूं किये जायेंगे।
सभा में गुरु जी के शिष्य दीपा पान्डे, अंजना चतुर्वेदी,जागेश्वर यादव , कपिल स्वामी,अतीश नेमा,प्रकाश कुशवाहा,नितिन पचौरी, डॉ धरनेर्द्र जैन,कार्तिक रोहण,आकाश कोष्ठी संजय रोहण आदि उपस्थित रहे।
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एड. रामकुमार अग्रवाल बने शासकीय अभिभाषक नियुक्त

एड. रामकुमार अग्रवाल बने शासकीय अभिभाषक नियुक्त
सागर । म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री  कमलनाथ एवं म.प्र. शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा द्वारा म.प्र. कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी की अनुशंसा पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रामकुमार अग्रवाल को शासकीय अभिभाषक नियुक्ति किये जाने पर एड. रामकुमार अग्रवाल ने साथियों के साथ म.प्र. कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी के भगवानगंज स्थित निवास पर पहुंचकर शासन द्वारा शासकीय अभिभाषक नियुक्ति किए जाने पर म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी एवं म.प्र. शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा तथा पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी का आभार व्यक्त किया तत्पश्चात् तीनबत्ती स्थित डॉ. सर हरीसिंह गौर की प्रतिमा पर पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी की मुख्य उपस्थिति में माल्यार्पण किया। इस दौरान उपस्थित जनों ने म.प्र. कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी व नव नियुक्त शासकीय अभिभाषक एड. रामकुमार अग्रवाल का फूल मालाओं से स्वागत कर म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी एवं म.प्र. शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा व वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया। इस दौरान मुख्य रूप से पुरुषोत्तम मुन्ना चौबे, जितेन्द्र सिंह चावला, अखिलेश मौनी केशरवानी, अमित रामजी दुबे, पप्पू गुप्ता, सिंटू कटारे, राशिद खान, एड. सुनील सिंह, अशरफ खान, ओमप्रकाश पाण्डेय, एम.आई. खान, डा. जीवनलाल सेन, अनिल कुर्मी, अबरार सौदागर, राकेश यादव, आशीष चौबे, अक्षय दुबे, विकास तिवारी, राजेश यादव, रोहित वर्मा, केशव सेन, राजेश श्रीवास, छतर सिंह, लक्ष्मन प्रसाद, रूपेश अहिरवार आदि मौजूद थे।
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संसदीय कार्यशाला-वर्तमान में चौथा स्तम्भ मीडिया मजबूती से उभरा

संसदीय कार्यशाला-वर्तमान में चौथा स्तम्भ मीडिया मजबूती से उभरा
सागर।  शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय, सागर में आज पं. कुंजीलाल दुबे प्रथम विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा प्रदान की गई राशि से संसदीय प्रक्रिया एवं पद्धति कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक  सुनील जैन विषय विशेषज्ञ डाॅ. बी.डी. अहिरवार प्राचार्य शासकीय महावि. जबेरा विशिष्ट अतिथि श्रीमती विधि सक्सेना अपरात्र न्यायधीश जिला सागर विधिक सेवा प्राधिकरण सागर विषय विशेषज्ञ सर्वेश्वर उपाध्याय प्राध्यापक डाॅ. हरीसिंह गौर महावि. सागर उपस्थित हुए। कार्यशाला के उद्धेश्य एवं प्रारूप बताते हुए डाॅ. सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि कुंजीलाल दुबे विद्यापीठ 24 मार्च 1998 में विद्यार्थी को विद्यापीठ की स्थापना की गई। संसदीय जानकारी प्रदान करने के उद्धेश्य से की गई ताकि भविष्य में जो बच्चे राजनीति में जाए वे समस्त जानकारी के साथ वहाॅ प्रतिनिधित्व करे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  सुनील जैन पूर्व विधायक एवं उद्योगपति ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा वर्तमान में चैथा स्तंभ मीडिया के रूप  में बहुत मजबूती से उभरा है। दिनभर चलने वाली न्यूज को न्यायपालिका, विधायिका या कार्यपालिका नजर अंदाज नहीं कर पाती एवं कार्यवाही आवश्यक हो जाती है। विशिष्ठ अतिथि श्रीमति विधी सक्सेना विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय ने संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन न्यायपालिका से भी संबंधित है। संविधान का अनुछेद 32 एवं 226 को तहत यह उत्तरदायित्व दिया गया है कि मौलिक अधिकारों की रक्षा करें। संविधान एक ऐसी मातृ पुस्तक है, वह सभी धर्मों को समदृष्टा की भांति देखती है। संविधान 39। कहता हैकि उन लोगों तक न्याय पहुँचाएँ जिन तक कोई नहीं पहुँचता। उनके लिए सुलभ न्याय हेतु 1987 में कानून बनाया गया। न्यायालय की समाज में फिल्मों से एक अलग इमेज बनाई है। वास्तव में न्यायालय आपकी समाज का अंग है एवं सामान्य रूप से कार्य करता है। एक लाख से कम वार्षिक आय प्राप्त करने वाले लोगों को न्याय हेतु संविधान के भा 3-51। से प्राप्त होती है। कतव्र्य की पूर्ति इमानदारी से करने पर अधिकार स्वतः प्राप्त होते हैं। 2012 में निर्भया कानून बना जो बच्चियों की सुरक्षा कर सके। इसके साथ  इसकी खामी को पूरा करने के लिए 2018 में म.प्र. शासन ने और कानून बनाया तथा दो कोर्ट ऐसे ही मामलों के लिए बनाए गए।
डाॅ. सर्वेश्वर उपाध्याय विषय विशेषज्ञ ने कहा संसदीय व्यवस्था का मूल मंत्र जागरूकता में निहित है। डाॅ. अंबेडकर जी के अनुसार इसमें जवाबदेहिता की अधिकता के कारण अपनाई गई। लोकतंत्र में दो प्रकार की शासन व्यवस्था है। संसदीय एवं अध्यक्षीय व्यवस्था अफ्रीका, फ्रांस एवं अमेरिका में अध्यक्षीय एवं लगभग शेष भारत में संसदीय व्यवस्था है। जो सरकारें निर्वाचित हो एवं बहुमत प्राप्त करें, उन्हें सत्ता के मद में अपना मेनीफेस्टो भूलना नहंी चाहिए। अपना दायित्व हेतु जवाबदेही अवश्य होना चाहिए। दिल्ली की हिंसा पर चर्चा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत की जा रही है। ध्यानाकर्षण में आपातकालीन मुद्दों पर चर्चा की जानी है। डाॅ. बी.डी. अहिरवार 1996 के बाद भारत का राजनीतिक परिदृश्य बदला है। अब सरकारें बहुमत में आकर अपना कार्यकाल पूर्ण कर रही है। यह प्रजातंत्र का शुभ संकेत है। इसलिए व्यवस्था ही सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था है। सभी चार सत्रों के प्रश्न लगवाने हेतु 22 दिन पूर्व प्रश्न लगाना होता है एवं लाटरी प्रक्रिया से प्रश्न लगाया जाता है। 1862 में ही हमारे देश में संसदीय प्रक्रिया का प्रारंभ हो चुका था। कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं संरक्षक डाॅ. इला तिवारी ने कहा कि विषय विशेषज्ञ ने आपको विस्तृत जानकारी प्रदान की। यह विषय प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ा एवं संवेदनशील है तथा भविष्य की राजनीतिक पीढ़ि को यह व्यवहारिक ज्ञान उन्हें दिशा देगा एवं भविष्य के लिए तैयार करेगा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. रजनी दुबे, प्राध्यापक राजनीति शास्त्र ने किया एवं आभार राजनीति शास्त्र. की विभागाध्यक्ष डाॅ. सुनीता त्रिपाठी ने माना।
डाॅ. आशा पाराशर, डाॅ. रेखा बख्शी, डाॅ. पद्मा आचार्य, डाॅ. मोनिका हर्डिकर, डाॅ. सुनीता सिंह, डाॅ. निशा इन्द्र गुरू, डाॅ. अंजना नेमा, डाॅ. रश्मि दुबे, डाॅ. प्रतिमा खरे, डाॅ. डी.के. गुप्ता, डाॅ. नरेन्द्र सिंह ठाकुर, डाॅ. सुनील श्रीवास्तव, डाॅ. भावना यादव, डाॅ. अंशु सोनी, डाॅ. अपर्णा चाचैंदिया, डाॅ. शक्ति जैन, डाॅ. रश्मि मलैया, डाॅ. भावना रमैया, डाॅ. अरविन्द बोहरे, डाॅ. दीपा खटीक, डाॅ. नीतेश ओबेराइन, डाॅ. कुलदीप यादव मौजूद थे।

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कालेज के प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद, 2 लाख 10 हजार का जुर्माना ,रुपए लेकर बदल देता था उत्तर पुस्तिकाएं

कालेज के  प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद, 2 लाख 10 हजार का जुर्माना ,रुपए लेकर बदल देता था उत्तर पुस्तिकाएं
छतरपुर। वर्ष 2007 के शिक्षा से जुड़े चर्चित मामले में जिला अदालत ने फैसला दिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा छात्र-छात्राओं को परीक्षा में पास कराने के एवज में 5 हजार रुपए लेकर उत्तर पुस्तिकाएं बदलकर हेरा फेरी की जाती थी। कोर्ट ने आरोपी प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद के साथ दो लाख दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा दी है। कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद प्राचार्य को जेल भेज दिया।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि डाॅ0 सुभाषचंद्र आर्य उप कुलसचिव हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के परीक्षा गोपनीय विभाग में पदस्थ थे। जिन्होनें शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर में आयोजित वर्ष 2007 की मुख्य परीक्षा में की गई अनियमितताओं की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने के लिए हरपालपुर थाना में आवेदन दिया था। शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर को मुख्य परीक्षा 2007 का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। 
परीक्षा केंद्र के अधीक्षक डाॅ. नवरत्न प्रकाश निरंजन प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यलाय हरपालपुर को नियुक्त किया था। जिनकी जिम्मेदारी में समस्त परीक्षा संचालित होनी थी। उत्तर पुस्तिकाओं का लेखा जोखा, प्रश्न पत्रों का संपूर्ण हिसाब दिए जाने की जिम्मेदारी डाॅ निरंजन की थी। डाॅ निरंजन के द्वारा इस कार्य में घोर लापरवाही की गई। परीक्षा केंद्र में एक ही रोल नंबर की दो उत्तर पुस्तिकाएं एवं एक उत्तर पुस्तिका कम मिलने के संबंध में कुल सचिव द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। जांच में सामने आया कि परीक्षा हस्ताक्षर सीट में दर्ज उत्तर पुस्तिकाओ के सरल नंबर और मुख्य उत्तर पुस्तिकाओ के सरल नंबर अलग अलग थे। जांच समिति के सामने भी डाॅ निरंजन अपना जवाब देने उपस्थित नही हुए। समिति ने पाया कि हरपालपुर महाविद्यालय के अलावा मुख्य रुप से प्रभारी प्राचार्य डाॅ निरंजन, परीक्षा संचालन कार्य में लगे महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी लिप्त और दोषी है। और जांच समिति के सामने अपना पक्ष रखने से बच रहे है। परीक्षा भवन में छात्र-छात्राएं उत्तर पुस्तिकाओं में अपना रोल नंबर, तारीख, पेपर का नाम स्वयं भरते है और अपने हस्ताक्षर करते है। यही उत्तर पुस्तिका परीक्षक के पास मूल्यांकन के लिए भेजी जाती है। लेकिन परीक्षा भवन में दी गई उत्तर पुस्तिका एवं परीक्षक के पास मूल्यांकन हेतु भेजी गई उत्तर पुस्तिकाओं में सरल क्रमांक में अंतर पाया गया। परीक्षा भवन में छात्रो को दी गई उत्तर पुस्तिका को महाविद्यालय में बाद में बदल दिया जाता है और परीक्षा भवन से बाहर लिखी गई उत्तर पुस्तिका बंडल में रख दी जाती है। इस हेराफेरी और अनियमितता में रुपयों की भारी लेनदेन की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। गजेंद्र सिंह बघेल और कु0 अंकिता चतर्वुेदी के बयान से भी रुपयों के लेन देन की पुष्टि हुई। जांच समिति ने बीएससी, बीए, एमए, की 15 कक्षाओं की परीक्षा में 361 पुस्तिकाओ में हेराफेरी पाई। थाना हरपालपुर ने प्राचार्य डाॅ. नवरत्न प्रकाश निरंजन शासकीय महाविद्यालय राजा हरपालपुर, उनके शिक्षक, कर्मचारी, छात्र छात्राओ के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी प्राचार्य डाॅ निरंजन को गिरफ्तार कर मामला कोर्ट में पेश किया था।
न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने सुनाई सजाः
अभियोजन की ओर से एजीपी अरुण देव खरे ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट के सामने पेश किए और आरोपी प्राचार्य को कठोर सजा देने की दलील रखी। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने फैसला सुनाया है कि आरोपी प्राचार्य के द्वारा शिक्षा से संबंधित परीक्षाओ में गंभीर अनियमितता करते हुए उत्तर पुस्तिकाओं में हेरा फेरी करके अवैधाानिक लाभ प्राप्त किया है। ऐसे मामले नरम रुख अपनाया जाना कानून की नजर से सही नही है। कोर्ट ने आरोपी प्राचार्य डाॅ निरंजन को दोषी पाते हुए 16 साल की कठोर कैद के साथ दो लाख दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।

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मातृशक्तियों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु होली में कंडे जलाने का लिया संकल्प

मातृशक्तियों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु होली में कंडे जलाने का लिया संकल्प 
सागर।भारतीय शिक्षण मंडल महिला प्रकल्प की मातृशक्तियों द्वारा होली के अवसर पर कंडों की होली जलाने का संकल्प लिया।ताकि जंगलों को बचाया जा सके। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर महिला प्रकल्प की बहिनों ने एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी।डॉ ऊषा मिश्रा, डॉ ज्योति चौहान, डॉ संगीता सुहाने, श्रीमती संध्या दरे, डॉ सरोज गुप्ता, श्रीमती जयंती सिंह, सुश्री मनोरमा गौर, श्रीमती स्मिता गोडबोले, श्रीमती शैलबाला सुनरया, श्रीमती राजश्री दवे, श्रीमती पुष्पलता पांडे, श्रीमती दिव्या मेहता, श्रीमती नन्दिनी चौधरी, श्रीमती शशि दीक्षित आदि मातृशक्तियों ने अपने बचपन के होली मनाने के संस्मरण सुनाए तथा होली पर्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला होली का त्यौहार ऐसा रंगबिरंगा पर्व है जो हमें मिलजुल उत्साह और मस्ती के साथ जी भरकर जीने तथा खुश रहनासिखाता है।इस त्यौहार को हर धर्म के लोग मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने राग द्वेष,गिले-शिकवे भूल कर आपस में एक-दूसरे के गले मिलते हैं और एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे, बूढ़े और युवा रंगों से खेलते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को  मनाया जाने वाले इस त्यौहार के साथ अनेक किंवदंतियां कथाएं जुड़ीं हैं। बुराई पर अच्छाई की विजय इस पर्व की विशेषता व उद्देश्य है। एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है कि भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप नास्तिक व स्वयं को भगवान मानते थे।  जबकि प्रह्लाद आस्तिक व  विष्णु भक्त था। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माना तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।हर बार प्रह्लाद की ईश्वर ने रक्षा की।प्रह्लाद की बुआ होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। पिता ने आखिर अपनी बहिन होलिका से मदद मांगी। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु भगवान की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई ,बस इसी दिन से होली मनायी जाने लगी। होली के आठ दिन पहले से इस की तैयारी शुरू हो जाती है । होलिकाष्टक से गोबर के गोल बरबूले - कण्डे छेद करके सुखाते हैं फिर माला बनाकर सामूहिक होली जलाने के बाद घर पर होली जलाने की परंपरा है। रंग की होली मनाने के एक रात पहले होलिका को जलाया जाता है। अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार मदनोत्सव के रुप में रंगों का त्यौहार है।बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं। ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।एक-दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएं देते हैं।आपसी बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। घरों में औरतें एक दिन पहले से ही मिठाई, गुझिया आदि बनाती हैं व खिलाती हैं। कई लोग होली की टोली बनाकर निकलते हैं उन्हें हुरियारे कहते हैं।पद्माकर और ईसुरी बुन्देलखण्ड के उत्सवधर्मिता के कवि हैं जिन्होंने होली का अद्भुत वर्णन किया है। बसन्त व होली का त्यौहार इनकी रचनाओं के बिना अधूरा है।
'फाग के भीतर अभीरन तें गहि गोविंद ले गई भीतर गोरी।
नैन नचाय कहयो मुस्काय लला फिर आइयो खेलन होरी।'
 बुन्देलखण्ड के  कवि ईसुरी की फागें भी प्रसिद्ध हैं।पर्व व त्यौहार हमारी सभ्यता व संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग हैं इनका संरक्षण व पवित्रता बनाए रखना हमारा परम कर्तव्य है।
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बीना विधायक के खिलाफ राजगढ़ के काँग्रेस विधायक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, साख धूमिल करने का मामला

बीना विधायक के खिलाफ  राजगढ़ के काँग्रेस विधायक ने  पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, साख धूमिल करने का मामला



र। मप्र की राजनीति मे  भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे पर सरकार अस्थिर करने के आरोप लगा रही हॆ।लेकिन अब सागर जिले के बीना के  भाजपा विधायक व  राजगढ़ से काँग्रेस विधायक आमने सामने आगये हॆ। राजगढ़  कांग्रेस विधायक ने बीना भाजपा विधायक  के खिलाफ राजगढ़ थाने में  मे प्रतिष्ठा धूमिल करने शिकायत दर्ज कराई हॆ।
यह कहा था महेश राय ने
सागर जिले के बीना भाजपा विधायक महेश राय ने 14दिसंबर को एक सभा मे कहा थाकी कांग्रेसके राजगढ़ व शिवपुरी के विधायक उनके संपर्क मे हॆ।ऒर सरकार गिर सकती हॆ।इस मामले मे आज नया मोड तब आया जब बीना विधायक महेश राय के खिलाफ  राजगढ़ के कोतवाली थाना मे  कांग्रेस विधायक बापू सिंह तंवर ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी मान प्रतिष्ठा धूमिल हुयी।वह कांग्रेस के निष्ठवान सिपाही हॆ। वही बीना विधायक ने कहा की वह कांग्रेस के संपर्क मे हॆ।एक सभामे विधायको की तोडफोड व राजनीति की बात करते हुए बिना पार्टी व व्यकित का नाम लिए बगैर विधायको के उनके संपर्क मे होनेका भाषण दिया था। मेरा ऐसा कोई उद्देश्य नही था। 
टीआई कोतवाली राजगढ़ जे पी राय का कहना है कि सुबह करीब 10.30 एवं 11 बजे के लगभग विधायकजी आए थे, उन्होंने बीना विधायक  को लेकर आवेदन दिया है। जिसमें कहा है कि मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया है। उनके साथ एक-दो लोग और भी थे। 


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कांग्रेस विधायक डंग के इस्तीफे से तय होगया की काँग्रेस में असंतोष बढ़ा है ,और भी होंगे इस्तीफे:पूर्व गृह मन्त्री भूपेंद्र सिंह

कांग्रेस विधायक डंग के इस्तीफे से तय होगया की काँग्रेस में असंतोष बढ़ा है ,और भी होंगे इस्तीफे:पूर्व गृह मन्त्री भूपेंद्र सिंह

#बिना सीमांकन किये ही दिया नोटिस ,कमलनाथ सरकार की बदले की कार्यवाही

सागर।  पूर्व गृहमन्त्री भूपेन्द्र सिंह ने न्यायालय तहसीलदार द्वारा दिए गए नोटिस पर कहा है कि सभी जानते है कि  बदले की कार्यवाही की जा रही है । कुछ कांग्रेसियों ने आरोप भी लगाये है ।
आज मुझे नोटिस की जानकारी मिली है । लेकिन इसमे कोई नियमो का पालन नही हुआ है ।प्रशासन ने सीमांकन किये बगैर ही नोटिस आननफानन में नोटिस  दिया है । जो भी आगे की कार्यवाही होंगी करेगए। 
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री तथा भाजपा विधायक भूपेन्द्र सिंह ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार राजनैतिक द्वेषपूर्ण भावना से ओछी मानसिकता से कार्य कर रही है। उन्हें दिया गया नोटिस भी राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार उन्हें ऐसे नोटिस जारी कर डरा धमका नहीं सकती, क्योंकि जिस जगह को लेकर उनके नाम पर नोटिस जारी किया गया है वह उनकी पैतृक जमीन है और नोटिस जारी करने के पहले कमलनाथ सरकार अगर उक्त जमीन का सीमांकन, नाप और पूरी गहराई में जाकर जांच कराती तो उनकी समझ में सबकुछ आ जाता। लेकिन राजनैतिक बदले की भावना से कार्य करते हुए कमलनाथ सरकार को एक दिन में ऐसा क्या हुआ कि अचानक ही बदले की कार्यवाही से उनके नाम पर नोटिस जारी कर दिया गया जिसमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। यह केवल प्रतिशोध की भावना से की जा रही डराने धमकाने की कार्यवाही है। 
। कांग्रेस के शिकायतवीर केके मिश्रा द्वारा की गई शिकायत को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस को केके मिश्रा के खिलाफ ही ब्लैकमेलिंग की एफआईआर दर्ज करना चाहिए। उनके पास न कोई सबूत है और नही साक्ष्य है और फिर भी पक्षकार बन रहे है।प्रशासन ने एक जमीन के अतिक्रमण को लेकर पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 
डंग के इस्तीफे पर बोले पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह
पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर कहा कि डंग के इस्तीफेसे तय हो गया कि कांग्रेस में असंतोष है।भाजपा लगातार यह बात कहती भी आ रही है कि काँग्रेस विधायक खुश नही है। काँग्रेस विधायक अपने क्षेत्रों में नही जा पा रहै है। सरकार को अपनी कार्यप्रणाली सुधारना चाहिए। अन्यथा इस्तीफे आगे भी होंगे।
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पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह को अतिक्रमण के मामले में कारण बताओ नोटिस ,16 मार्च को पेशी

पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह को अतिक्रमण के मामले में कारण बताओ नोटिस ,16 मार्च को पेशी

सागर। प्रदेश के पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह को एक जमीन पर अतिक्रमण सम्बन्धी मामले को लेंकर न्यायालय नायब तहसीलदार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है । जिसमे एक लाख रुपये का दंड और जमीन से बेदखली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है । इसके सम्बन्ध में 16 मार्च 2020 पेशी की नीयत की गई है। इस  मामले को लोग हॉर्स ट्रेंडिंग से जोड़ रहे है ।कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की जोड़तोड़ के बीच यह कार्यवाही की गई है। कल पूर्व मंत्री संजय पाठक की दो खदान बन्द हुई थी।

न्यायालय नायब तहसीलदार परसौरिया तहसील एवं जिला सागर द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के मुताबिक राजस्व निरीक्षक द्वारा  पटवारी बारछा द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर लेख किया है कि प00 न0 81 के ग्राम चिटाई के शासकीय खान02 एवं 3 रकवा कमशः 1.70 है.0.15है. जो कि राजस्व अभिलेखा मे कमशा बड़ा झाड एवं भू जल मद से दर्ज है, पर आपके द्वारा तार फेंसिग लगा कर, फसल बो कर एवं लेंड बनाकर बनाकर अतिक्रमण किया गया है ग्राम चिटाई के शासकीय खन02 एवं 3 रकवा कमशः 1.708.एवं 0.15 है. आवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है जो म.प्र. भूरा.सं. 1959 धारा 248(1) केतहत दण्डनीय है।अतः आप कारण दर्शित करें कि क्यों ना आपके विरूद्ध म.प्र.म.रा.सं. 1958 की धारा 248(1) के तहत प्रकरण दर्ज कर विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाकार उपरोक्त प्रश्नाधीन भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया जाए। इस मामले में16 मॉर्च की पेशी नियत की गई है।आनुपस्थित  रहने की स्थिति में विधि अनुसार आपके विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए प्रकरण का निराकरण कर अंतिम आदेश पारित किया जाएगॉ।

14 नोटिस जारी हुए हैं

इस मामले को लेकर सागर एसडीएम संतोष चंदेल का कहना है कि शासन के निर्देश पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। शिकायत मिलने के बाद परसोरिया सर्किल के नायब तहसीलदार ने जांच कराई थी। जिसमें भूपेंद्र सिंह के अलावा चिटाई गांव में अन्य 14 लोगों द्वारा शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण भी सामने आए हैं। जांच प्रतिवेदन के बाद भूपेंद्र सिंह सहित सभी 14 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।


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