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अंडर ब्रिज की ऊंचाई कम होने से रेल की पटरियों पर से गुजरने को मजबूर हुई हथनी

   



सागर । शहर में बने रेलवे अंडर ब्रिज से लोगो को सहूलियत हो गई लेकिन कई दफा जानवर  का निकलना कठिन पड़ता है ।  सागर शहर में स्टेशन के पास नए अंडर ब्रिज का काम लगा है । यहां का ओव्हर ब्रिज बन्द कर दिया गया । ऐसे में सागर के प्रसिद्ध  वृंदावन बाग़ मंदिर सागर में लंबे समय से हथनि पल रही  हथनि को परेशानी का सामना करना पड़ता है । हथनी  लक्ष्मीको  पूरे शहर में  अलग अलग दिनों में महावत घुमाने निकलता है । लोग दर्शन करते है और खाने पीने का सामान भी देते है ।लेकिन जब शनिवार का दिन रहता है तो उसे शहर में स्टेशन के पास बने रेलवे अंडर ब्रिज से

गुजरने पड़ता है । ब्रिज की ऊँचाई कम होने और लम्बा होने से खतरा बना रहता है । इसके चलते  विशालकाय हथनि रेल पटरियों के ऊपर से गुजरती है । ऐसा भी होता है जब ट्रेन निकलती है तो बाकायदा ट्रेन के  गुजरने का इंतजार भी हथनि और महावत करते है ।

          आज शनिवार को हथनि का निकलना  कैमरे में कैद हो गया। इसके महावत बताते है किअंडर ब्रिज की  ऊँचाई  घट गई है । जिससे निकलना कठिन है । ब्रिज लम्बा होने से खतरा भी वाहनों का अंदर बना रहता है । इसलिए उपर से ही निकलना  पड़ता है ।
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एमपी में बारिश का कहर जारी,भारी जनधन की हानि :राजस्व मन्त्री


सागर । एमपी में बारिश का कहर जारी है । वही भोपाल में नाव हादसे जैसे भी हो रहे है । प्रदेश केबिगड़े हालातों के बारे में  राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने बताया कि अभी तक 202 लोगो और 600 जानवरो की मौत हो चुकी है । करीब दस हजार मकान ढह गए । इसके अलावा फसलों को भी भारी नुकसान पहुचा है ।
          सागर में जिला योजना समिति की बैठक के बाद राजस्व मंत्री  गोविन्द राजपूत ने मीडिया से चर्चा की । इस मौके पर प्रदेश के वाणिज्यकर मन्त्री बृजेन्द्र सिंह राठौर भी मौजूद थे।  राजस्व मंत्री ने बताया कि केमध्यप्रदेश के 36 जिलों में बारिश का कहर जारी है। प्रदेश में इस बारिश के सीजन अभी तक 202 लोगों की मौते हो चुकी है। साथ ही इसमें 600 से अधिक पशुओं की भी मौत हो चुकी है। तो 9800 से अधिक मकान भी क्षतिग्रस्त हो चुके है।        
           राजस्व मंत्री के मुताबिक मध्यप्रदेशमें लगातार बारिश हो रही है।  प्रदेश के 36 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। बाकी जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। जहां अधिक बारिश हो रही है वहां हाईअलर्ट जारी है। वहां कलेक्टरों को कहा है की जहां सबसे ज्यादा जन धन की हानि हो रही है। सरकार ने प्रदेश में 8600 अस्थाई कैंप बनाये है। जिसमे खाने पीने का सामान दिया जा रहा है। और जहां जहां सड़के खराब हुई है फसलों का नुक्सान हुआ है वहां कलेक्टरों से आंकलन करने को कहा है।  60 करोड़ रूपए स्वीकृत किये है और 50 करोड़ रूपये बाटने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है।
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पटवारी को चार साल से नही मिल रहा था, वेतन छह हजार की रिश्वत लेते धरा गया,


सागर । लोकायुक्त पुलिस सागर ने जिले के केसली राजस्व मंडल में पदस्थ एक पटवारी को छह हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है । रिश्वत खोर पटवारी का वेतन चार साल से नही मिला है । जिसका मामला विभाग में विचाराधीन है ।
         लोकायुक्त  निरीक्षक बी एम द्विवेदी और अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में टीम ने पटवारी रामराज चौधरी को उसके निवास  केसली थाना क्षेत्र के सहजपुर में छह हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त निरीक्षक बीएम द्विवेदी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को आवेदक धर्मेंद्र पिता हीरालाल चौरसिया निवासी ग्राम सहजपुर तहसील केसली ने शिकायत की थी कि राजस्व विभाग का पटवारी रामराज चौधरी प्रभारी पटवारी हल्का नंबर फोटो सहजपुर एक काम के एवज में छह हजार की रिश्वत की मांग कर रहा है । आवेदक धर्मेंद्र की पत्नी के नाम की जमीन बंदी बनाने के एवज में पैसे मांगे जा रहे थे।
     लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन कराने के बाद  केसली स्थित रामराज के घर फरियादी को पैसे लेकर भेजा जैसे ही आरोपी ने यह रकम अपने हाथ में ली आसपास मौजूद लोकायुक्त टीम के सदस्यों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है ।एक  जानकारी के मुताबिक पटवारी रामराज चौधरी को पिछले चार  साल से वेतन नहीं मिला है।उसका मामला विचाराधीन है ।
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भोपाल हादसा। मासूमों के दुःख पर राजनीति न करे भाजपा-भूपेन्द्र गुप्ता

भोपाल हादसा। मासूमों के दुःख पर राजनीति न करे भाजपा-भूपेन्द्र गुप्ता

भोपाल।  मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने गणेश विसर्जन के दौरान खटलापुरा विसर्जन स्थल पर हुई दुघर्टना को दुर्भाग्यपूर्ण बतलाया है और कहा है कि यह घटना से पूरे प्रदेश को दुःख पहुंचा है । घटना की जांच हेतु मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है एवं पीड़ित परिवारों को 11 लाख रूपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की   है ।
जब पूरा प्रदेश इस घटना से व्यथित है, तब पीड़ित परिवारों के आंख के आंसू पोछने के बजाय भारतीय जनता पार्टी के नेता उन्हें 25 लाख मुआवजा मांगने के लिए उकसा रहे है । यह अत्यंत दुःखद और निंदनीय है । स्मरण रहे कि शिवराजकाल में जब सैलाना में इसी तरह की दुर्घटना हुई थी तब उन्होंने स्वयं 4 लाख रू का मुआवजा दिया था । प्रदेश का इतिहास गवाह है कि धाराजी में 200 से अधिक निर्दोष तीर्थ यात्री प्रशासन की चूक से मृत्यु के आगोश में समा गए थे । रतनगढ़ में 100 से अधिक लोग मंत्री के लिए रास्ता बनाने के चक्कर में भगदड़ में मारे गए थे । पन्ना के पास चलती हुई बस में 30 से अधिक लोग बस में आग लगने से जिंदा जल गए थे । पेटलावद में प्रशासनिक लापरवाही से भंडारण किए गए विस्फोटकों से लगभग 100 लोगों के चिथड़े उड़ गए थे । तब भाजपा सरकार ने क्या किया था ? यह प्रदेश की जनता को बताना चाहिए । 
गुप्ता ने सरकार से आग्रह किया है कि सभी जिला कलेक्टरों के माध्यम से नगर निगम, नगर पालिकाओं को नाव द्वारा विसर्जन के समय सतर्क और तैराक उपलब्ध रखने के स्थाई निर्देश जारी करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सामान्यतः मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम स्थानीय प्रशासन और प्राथमिक रूप से नगर निगम की जिम्मेदारी होते है । नगर निगम ही इन कार्यक्रमों के लिए व्यवस्था बनाता है, घाटों पर इंतजाम करता है एवं अन्य सरकारी एंजेसियों से सिन्क्रोनाइज करता है । भारतीय जनता पार्टी घड़ियाली आंसू बहाने के बजाए अपने महापौर से इस लापरवाही के लिए इस्तीफा क्यों नहीं मांगती?  गुप्ता ने जनहित में भाजपा नेताओं से आग्रह किया है कि वे जनता के और पीड़ित परिवारों के दुःख में सच्चे मन से शामिल हो । भाजपा उन्हें मुआवजे के नाम पर उकसा कर उनके दुःख के सौदे की राजनीति न करे। 

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Sebaceous Horn Surgery :सर पर निकल आया ४ इंच का सींग ,जानिये कैसे मिली इससे मुक्ति बुजुर्ग को

चैतन्य सोनी, नवदुनिया :साभार



 सागर।

आपने कहानियों में यूनिकार्न यानि एक सींग वाले घोड़े के बारे में सुना होगा। इंग्लिश फ़िल्म हेलबॉय में भी एक कैरेक्टर दिखाया गया है, जिसके दो सींग हैं... मगर असल जिंदगी में भी एक इंसान ऐसा है जिसके सिर के बीचोंबीच एक सींग निकल आया।  सागर जिले में रहली के पटना बुजुर्ग गांव में 74 साल से श्यामलाल यादव के सिर पर बीचो-बीच 4 इंच से बड़ा सींग निकल आया था। सींग बिल्कुल असली और ठोस था। मेडिकल साइंस में यह अभी तक का दुर्लभ मामला है। पिछले दिनों श्यामलाल का ऑपरेशन किया गया जिसके बाद उन्हें इस सींग से मुक्ति मिल गई है।

रहली के पटना बुजुर्ग गांव के श्यामलाल यादव बीते 5 साल से सिर पर सींग लेकर घूम रहे थे। वैसे तो उन्हें सींग से कोई खास परेशानी नहीं थी, लेकिन असहज जरूर लगता था। श्यामलाल बताते हैं कि करीब 5 साल पहले उन्हें सिर में जोरदार चोट लग गई थी, उसके कुछ दिनों बाद सीग निकलने लगा था। कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो श्यामलाल ने स्थानीय बाल काटने वाले नाई से कई दफा सींग को उगने के साथ ही ब्लैड से कटवा दिया। लेकिन सींग बार-बार फिर निकल आया। सींग को लेकर श्यामलाल बताते हैं कि वे मेडिकल कॉलेज, भोपाल, नागपुर तक गए और वापस आ गए। उन्हें भरोसे का डॉक्टर नहीं मिल सका, न वे डॉक्टरों की बातों पर भरोसा कर सके। वापस आकर सागर के भाग्योदय तीर्थ अस्पताल में डॉ. विशाल गजभिये से मिलकर समस्या बताई जहां पिछले दिनों ऑपरेशन कर उन्हें सींग से मुक्ति दिलाई गई


सींग काटकर माथे की चमड़ी लगाकर प्लास्टिक सर्जरी

श्यामलाल यादव की सर्जरी करने वाले सीनियर सर्जन डॉ. विशाल गजभिये ने बताया कि सींग की लंबाई करीब 4 इंच थी, मोटाई भी पर्याप्त थी। सीटी स्कैन में यह देखा गया कि सींग सिर में कितने अंदर तक था। जब कंफर्म हो गया कि न्यूरो सर्जन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तो ऑपरेशन किया गया। सींग को काटने के बाद खाली जगह को बंद करने के लिए माथे के ऊपरी हिस्से की चमड़ी निकालकर प्लास्टिक सर्जरी की गई है। अब दोबारा यह नहीं उभरेगा।

 डॉ. गजभिये के अनुसार यह दुर्लभ केस है। मेडिकल साइंस में इसे सेवेसियस हार्न कहा जाता है। सिर में बालों की ग्रोथ के लिए प्राकृतिक रूप से सेवेसियस ग्लैंड (ग्रंथि) होती है। इससे द्रव्य रिलीज होते हैं, जिससे बाल चमकदार बनते हैं। यह ग्रंथि बंद होने से यह द्रव्य जमता रहा और सींगनुमा आकार में सिर के ऊपर निकल आया।


दुर्लभ केस है, मेडिकल जर्नल में प्रकाशित करने भेजा है

ये दुर्लभ मामला अध्ययन का विषय है। इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेज रहा हूँ। मेडिकल साइंस के कोर्स में शामिल करने के लिए भी भेज रहे हैं। मेरे जीवन का पहला मामला है। बहुत ही रेयर केस है। सेवेसियस हार्न की हिस्ट्री कहीं नहीं मिली।

- डॉ. विशाल गजभिये, वरिष्ठ सर्जन
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कर्जमाफी ने बनाया डिफाल्टर, अब तीन गुना से भी ज्यादा दर से ब्याज वसूल रहे बैंक

#मधुर तिवारी

सागर. कृषि ऋण लेने वाले और मुख्यमंत्री जय किसान कर्जमाफी योजना के चक्कर में लंबे समय से लेनदेन न करने वाले किसानों को बैंकों ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। बैंक द्वारा ऋणी किसानों को जारी किए जा रहे इस नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि न तो आपने किश्त की राशि जमा की है और न ही कर्जमाफी की राशि अब तक आपके बैंक खाते में आई है। जिसके कारण आपकी साख खराब हो रही है और एनपीए की श्रेणी में आ चुके हैं। इसके साथ ही नियमित उपभोक्ता को ब्याज पर मिलने वाली रियायत भी समाप्त कर दी गई है। मतलब अब तक किसान को जिस राशि पर महज 4 प्रतिशत ब्याज लग रहा था, कर्जमाफी के चक्कर में डिफाल्टर होने के बाद वह बढ़कर 13 प्रतिशत हो चुकी है। हालांकि बैंकें सीएम के आश्वासन (किश्त जमा करने से नहीं आएगा कर्जमाफी पर असर) का हवाला भी दे रहीं और किश्त की राशि जमा करने की अपील की जा रही है।
करीब पौने दो लाख किसानों की बिगड़ी साख
          कर्जमाफी ने जिले सहित पूरे प्रदेश के लाखों किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। बैंक अधिकारियों की माने तो योजना में शामिल किए गए सभी किसानों की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो गई है। इसका कारण है कि बैंक से लिए गए लोन की किश्त समय पर जमा न करना। प्रदेश स्तर की बात करें तो योजना के लिए चिन्हित किए गए सभी 55 लाख किसानों की बैंकों में क्रेडिट खराब हो गई है और उनका कर्जा भी अभी तक माफ नहीं हो सका है, जबकि जिले में कर्जमाफी का आवेदन करने वाले किसानों की संख्या 1.65 लाख है।
22 फरवरी से शुरू हुई कर्जमाफी
सागर जिले सहित पूरे प्रदेश में कर्जमाफी योजना में आवेदन करने वाले किसानों के खातों में सरकार ने 22 फरवरी के बाद राशि डालना शुरू किया था। इस हिसाब से योजना में शामिल सभी किसानों की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हुई है। क्योंकि शासकीय/प्रायवेट सभी बैंकों ने कृषि ऋण लेने वाले किसानों को साल में दो बार राशि जमा करने के लिए 31 जनवरी और 31 मई दो तारीखें तय की हैं। इसके बाद यदि कोई किसान लेनदेन करता है तो इसका सीधा असर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट पर आता है। क्योंकि क्रेडिट रिपोर्ट ऑनलाइन होती है और यह हर दिन अपडेट होती है, यदि कर्जदार व्यक्ति एक दिन भी लेट होता है तो यह उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में जुड़ जाती है।
क्या है क्रेडिट रिपोर्ट
बैंक अधिकारियों के अनुसार क्रेडिट रिपोर्ट ऋण लेने वाले व्यक्ति की कुंडली कही जा सकती है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन होती है और रोजाना अपडेट होती है। यदि कोई व्यक्ति किश्त भरने में देरी करता है या लंबे समय तक ऋण खाते में कोई लेनदेन नहीं करता है तो यह पूरी जानकारी रोजाना ऑनलाइन अपडेट होती है, और व्यक्ति की बैंक में जो साख है वह क्रेडिट रिपोर्ट पर ही निर्भर करती है। यदि समय से लेनदेन नहीं किया गया है तो संबंधित व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो जाएगी और फिर आगामी ऋण लेते समय उसे बाधक बन जाती हैं।
*पहले चरण में शामिल किए थे 70 हजार किसान

*70452 किसानों का 239.59 करोड़ रुपए होना था माफ

*33861 एनपीए वाले किसानों का 148.75 करोड़ रुपए

*36591 पीए वाले किसानों का 90.84 करोड़ रुपए

ऐसे हुए थे आवेदन

*185599 जिले के कुल ऋणी किसान

*165619 किसानों ने किए थे आवेदन

*105793 किसानों ने भरे थे सफेद फॉर्म

*37171 किसानों ने भरे थे हरे फॉर्म

*22655 किसानों ने भरे थे गुलाबी फॉर्म

फैक्ट फाइल

*165619 आवेदन करने वाले

*70452 पहले चरण में शामिल किसान

*37000 किसानों के खाते में पहुंची राशि

*33452 हजार पहले चरण के शेष

*95167 दूसरे चरण वाले शेष

*128619 किसानों की क्रेडिट खराब

नोट- सभी जानकारी कृषि विभाग के अनुसार।

(साभार पत्रिका)
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