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ट्रेनी एयर क्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त,पायलट और ट्रेनी की मौत,सीएम कमलनाथ और नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जताया शोक

ट्रेनी एयर क्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त,पायलट और ट्रेनी  की मौत,सीएम कमलनाथ और नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जताया शोक 
सागर । सागर जिले के ढाना स्थित चाइम्स एविएशन एकेडमी का ट्रेनी  प्रशिक्षु विमान  भारी कोहरा के कारण हवाई पट्टी का पास दुर्घटनाग्रस्त होगया और  एक खेत मे जा गिरा। इसमे इंस्ट्रक्टर /पायलट अशोक मकवाना और ट्रेनी पीयूष चंदेल की मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना पर सीएम कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दुख जताया है। म्रतक मुंबई के बताए जाते है।
सागर में  कड़ाके की ठंड के चलते शाम से ही घना कोहरा बना हुआ है । ढाना एयर स्ट्रिप पर चाईम्स एविएशन अकेडमी  पायलट ट्रेनिंग करीब चौदह सालों से दे रहा है। इसी ट्रेनिग के दौरान शुक्रवार की रात्रि में नाईट फ्लाईंग के समय   एक ट्रेनी विमान  प्रशिक्षण के दौरान हवाई पट्टी  के बगल में एक खेत में जा गिरा। संभवतया घना कोहरा होने के कारण पायलट को एयर स्ट्रिप  नही  दिखी।  इस हादसे में उसमें इंस्ट्रक्टर पायलेटअशोक मकवाना और ट्रेनी पीयूष चंदेल  की घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए तत्काल  सागर के एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया । जहां पर दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने मौत की पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कुछ साल पहले   एक  ऐसा ही ट्रेनी विमान जबलपुर के बरगी डैम में गिर गया था ।उसमें भी एक प्रशिक्षु पायलट की मौत हो गई थी।
सीएम कमलनाथ  ढाना में ट्रेनी एयर क्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने पर  ट्वीट किया कि
सीएम कमलनाथ का  ट्वीट 
प्रदेश के सागर की ढाना हवाई पट्टी पर एक विमान हादसे में दो प्रशिक्षु पायलेट की मौत का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।

वही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपने ट्वीट में लिखा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली में यह हादसा हुआ है। 
उन्होंने ट्वीट किया कि
मेरी विधानसभा के ढाना हवाई पट्टी पर विमान हादसे का समाचार मिला। विमान हादसे में प्रशिक्षु पायलेट श्री अशोक मकवाना और श्री पीयूष चंदेल की मौत हो गयी है। हादसे में मृत लोगों के परिजनों और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं। परमात्मा इस दुख की घड़ी में उन्हें साहस और शक्ति दे।
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सोच में परिवर्तन लायें, मध्यप्रदेश की प्रोफाइल बदलें, ई गवर्नेंस से वी गवर्नेंस पर जायें,मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गिनाई सरकार की प्राथमिकताएँ

सोच में परिवर्तन लायें, मध्यप्रदेश की प्रोफाइल बदलें, ई गवर्नेंस से वी गवर्नेंस पर जायें,मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गिनाई सरकार की प्राथमिकताएँ 

भोपाल  । मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज यहां मंत्रालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नए वर्ष की पहली बैठक में नव वर्ष की बधाई देते हुए सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार अब एक साल पुरानी हो गई है। प्रशासनिक तंत्र को सरकार की सोच स्पष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि सभी ने सरकार को आजमा लिया है। उन्होंने कहा कि हर सरकार और मुख्यमंत्री की अपनी दृष्टि और कार्यशैली होती है और प्रशासन तंत्र के भी अपने तौर तरीके होते हैं। मुख्यमंत्री ने नए साल में सरकार की प्राथमिकताएँ गिनाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी सोच में परिवर्तन लाना। सोच में परिवर्तन से ही मध्यप्रदेश की नई पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की सोच और प्रशासनिक तंत्र के काम करने के तरीके में अंतर नहीं होना चाहिए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में अंग्रेजों ने जो प्रशासन के तौर तरीके सिखाए थे अब उनमें बदलाव आ गया है। अंग्रेजों ने केवल राज्य के हितों की सुरक्षा करना सिखाया था। आज आम नागरिकों, उपभोक्ताओं, हितग्राहियों के हितों की रक्षा को प्राथमिकता मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को अब पूरी जवाबदेही के साथ अब मित्रवत और सहयोगी बनने की जरूरत है । समय के साथ चलते हुए नियम, कानून, प्रक्रियाओं में भी आवश्यक परिवर्तन लाने पर विचार करने और स्वप्रेरणा से सुझाव देने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि कई योजनाएँ बजट की कमी और कई अन्य कारणों से अधूरी रह जाती है । कई योजनाएँ केन्द्र सरकार के पास लम्बित पड़ी रहती है । इन पर प्राथमिकता से ध्यान दें। केन्द्र की योजनाओं का भरपूर लाभ लें और बाधाओं को दूर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समय नहीं बदल सकते लेकिन समय हमें जरूर बदल देगा इसलिए समय के साथ आगे बढ़ना और प्रदेश को आगे ले जाने के लिए काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रोफाइल को कैसे बदलना इस पर मिलकर काम करने की आवश्यकता है। प्रदेश में विश्वास और आत्मविश्वास का वातावरण बने और देश में मध्यप्रदेश की नई पहचान बने । मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन - प्रशासन में सुधार लाना सबसे बड़ी चुनौती है। यह वरिष्ठ स्तर से शूरू होकर निचले स्तर तक जाती है। इस प्रक्रिया में हर विभाग का योगदान और भूमिका होनी चाहिए। 
श्री नाथ ने कहा कि हर विभाग को यह भी देखना होगा की अन्य राज्यों में उसके क्षेत्र से संबंधित कौन सी नये परिवर्तन हो रहे है। दूसरों की सफलताओं और असफलताओं से सीख ले। उन्होंने कहा इसके लिए हर विभाग में एक समीक्षा प्रकोष्ठ बनाए और अपना दृष्टि पत्र बनाए। केन्द्र सरकार में लम्बित योजनाओं का समाधान करने के लिए सिर्फ पत्राचार करने की औपचारिकता में न पड़े बल्कि संबंधित अधिकारियों से सतत संपर्क करें और समाधान निकाले ताकि केन्द्र के बजट प्रावधानों और योजनाओं पूरा लाभ प्रदेश को मिले। 
ई-गवर्नेंस से वी-गवर्नेंस
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सेवा प्रदाय व्यवस्थाओं को सक्षम बनाने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ताकि आम नागरिकों को इसका भरपूर लाभ दिला सकें। सेवा प्रदाय व्यवस्था होगी जितनी प्रभावी होगी उतना ही प्रभावी प्रशासन होगा। उन्होंने कहा कि अब ई-गवर्नेंस से वी-गवर्नेंस पर जाने की आवश्यकता है। पुरानी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर और अप्रभावी व्यवस्थाओं में परिवर्तन कर सक्षम बनाए। उन्होंने कहा कि हर परिवर्तन में थोड़ा नुकसान होता है लेकिन थोड़े नुकसान के लिए बड़े फायदे की अनदेखी करना ठीक नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय कल्याण और वन संपदा संरक्षण सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से है। अन्य राज्यों में हो रहे अच्छे कामों का भी अध्ययन करें। परिवर्तन और समय के साथ नहीं बदलने का नजरिया ठीक नहीं। हर विभाग में एक समिति गठित करे जो अन्य राज्यों में हो रहे अच्छे कामों का अध्ययन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग के क्षेत्र में अविलम्ब त्वरित स्वीकृति देने की व्यवस्था अमल में लायें ताकि निवेशकों को भटकना न पड़े और औपचारिकताएँ जल्दी पूरी हो जाए। स्वच्छ शहरों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर और भोपाल की तारीफ होती है । इससे आगे अब यह सोचना होगा कि स्वच्छता के क्षेत्र में कौन से नए आयाम जोड़े जा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों का सौंदर्य बढ़ाने के उददेश्य से नोटिफाइड सड़कों के किनारे बनी बड़ी सरकारी और गैर सरकारी इमारतों में लिए अनिवार्य रूप से पेंटिंग करने के प्रावधान पर विचार करते हुए कानून बनाने पर भी विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि नजरिए में परिवर्तन लाने की दिशा में छोटा सा प्रयास होगा।
भूमि प्रबंधन प्राधिकरण गठित होगा
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के स्वामित्व में पड़ी अनुपयोगी जमीनों को लोक हित में उपयोग करने के उद्देश्य से भूमि प्रबंधन प्राधिकरण गठित करने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर विभाग इस बात की समीक्षा करे कि कितनी जमीन उसके उपयोग की है और कितनी अनुपयोगी पड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसी जमीनों पर गरीबों के आवास निर्माण जैसी योजनाएँ बनाई जा सकती है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों को जमीन के स्वामित्व को लेकर अतिसंवेदनशील होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसी जमीनों का उपयोग अंतत: लोक हित में ही होगा। उन्होंने भेल के पास सरकार की जमीन का हवाला देते हुए कहा कि इसका उपयोग न तो सरकार कर पा रही है न ही भेल प्रबंधन कर पा रहा है। विभाग अपने पास उपलब्ध जमीनों का उपयोग करे या उनका उपयोग होने दे।
एक सप्ताह में कर्मचारी चयन आयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक सप्ताह में कर्मचारी चयन आयोग काम करना शुरू कर दे। इसकी सभी औपचारिकाएँ पूरी कर ले। कौशल उन्नयन के संबंध में उन्होंने कहा कि कौशल उन्नयन के काम में कितनी सफलता मिली इसका आकलन करना जरूरी है कौन सा कौशल रोजगार के लिए उपयोगी है इसकी प्राथमिकता तय कर ले। प्रदेश के लिए कौन-कौन से कौशल जरूरी है उन पर ध्यान दे। आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के लिए पूरा सहयोग करे।
मुख्यमंत्री ने किसानों की ऋण माफी का दूसरे चरण की शुरूआत की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को न सिर्फ भारत का बल्कि विश्व का उद्यानिकी राजधानी बनने संभावनाएँ है। इस संभावनाओं को पूरा दोहन करे। फ्लोरीकल्चर की बहुत गुंजाइश है । इस क्षेत्र से खाद्य संस्करण अभिन्न रूप से जुड़ा क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि अब मिलकर यह प्रयास करना है कि मध्यप्रदेश को दुनिया में हो रहे परिवर्तन से कैसे जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि परिवर्तन अपनी गति से जारी रहेगा। यदि परिवर्तन के साथ कदम ताल नहीं की तो पीछे छूट जाएंगे। 
शिक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी गुणवत्ता में महाविद्यालयों से लेकर प्राथमिक स्तर पर बहुत कमी है । इसका स्तर बढ़ाने की आवश्यकता है । इसके लिए रणनीतिक प्रयासों को बढ़ाना होगा। प्राथमिक शालाओं से शुरूआत करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा बजट खर्च होता है लेकिन गुणवत्ता नहीं बढ़ने से उसका फायदा भाविष्य के लिए नहीं मिल पाता । 
मिलावटी दवाई बनाने वाली दवा कंपनियों के विरूद्ध अभियान
स्वास्थ्य के क्षेत्र की प्राथमिकता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयुर्वेदिक डॉक्टर की पद स्थापना करने, आयुष्मान जैसी योजनाओं का अधिकाधिक उपयोग करने की दिशा में भी काम करने की आवश्कयता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय बजट की राशि का उपयोग जनवरी, फरवरी, मार्च महीने में करने का चलन सा बन गया है । इस प्रवत्ति से बचने की आवश्यकता है। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध के लिए युद्ध करने की स्थिति बनना अपने आप में अप्रिय है। उन्होंने कहा कि अब मिलावटी दवाई बनाने वाली दवा कंपनियों के विरूद्ध अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों के हित के लिए मध्यप्रदेश को शुद्धता का प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रकार माफिया का अंत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों को अचानक माफिया घोषित करना ठीक नहीं। माफिया एक संगठित लोगों का समूह होता है । सरकार माफिया को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को सहयोगी रूख अपनाते हुए वन क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय समाज को उनका अधिकार देने के कदम बढ़ाना होगा, आगे बढ़कर काम करना होगा। सबूत होते हुए ऐसे गरीब लोगों से रिकार्ड माँगना और लकीर के फकीर बने रहने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण मिटाना प्राथमिकताओं में से एक है इसके अलावा प्रदेश के पर्यटन में अत्यधिक संभावनाओं को देखते हुए उसे आगे बढ़ाने के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना से ज्यादा संभावनाएँ जैसे हेरिटेस्ज टूरिज्म में कई राज्यों से प्रदेश आगे निकल सकता है।
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श्री गणेश संस्कृत विद्यालय गढाकोटा के 5 छात्र प्रावीण्य सूची में, शिक्षा मंत्री ने किया संम्मानित

श्री गणेश संस्कृत विद्यालय गढाकोटा के 5 छात्र प्रावीण्य सूची में, शिक्षा मंत्री ने किया संम्मानित
 #नेता प्रतिपक्ष  ने  2008 में शुरू किया निःशुल्क संस्कृत विद्यालय
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष  गोपाल भार्गव द्वारा संस्कृति और संस्कृत को संवर्द्धन को लेकर गढ़ाकोटा में चलाये जा रहे निःशुल्क श्री गणेश संस्कृत विद्यालय के 5 छात्रों को महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान ने  शुक्रवार को संस्कृत पूर्व मध्यमा( दसवीं) की परीक्षा में प्रदेश की प्रावीण्य सूची के आने पर आये विद्यार्थियों को सम्मानित किया है। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी एवं स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती नीलम शमी ने विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र के साथ प्रोत्साहन राशि के चेक देकर सम्मानित किया। विद्यालय के छात्र श्री रमाकांत दुबे ने प्रावीण्य सूची में पहला स्थान प्राप्त किया है। 
नेता प्रतिपक्ष ने विद्यार्थियों को दी बधाई
नेता प्रतिपक्ष  गोपाल भार्गव ने छात्रों के सम्मानित होने पर उन्हें आज भोपाल स्थित निवास पर बधाई दी। उन्होंने छात्रों और विद्यालय के शिक्षकों की हौसला बढ़ाते हुए कहा कि ऐसे सार्थक परिणाम जहां एक ओर अधिक काम करने के लिए मुझे प्रेरणा और ऊर्जा देते हैं, वहीं आत्मसंतुष्टि की अनुभूति भी प्रदान करते हैं। विगत ग्यारह वर्षों की मेरी इस साधना को विद्यालय के विद्यार्थियों ने इस वर्ष सार्थकता प्रदान की है। इस दौरान छात्रों के साथ विद्यालय के शिक्षक श्री 
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव की मेहनत रंग लाई
भारतीय सनातन संस्कृति और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव नें 2008 में गढ़ाकोटा स्थित प्राचीन श्री गणेश मंदिर मे श्री गणेश संस्कृत विद्यालय प्रारंभ किया था। इस विद्यालय मे अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु आवास,वस्त्र, भोजन, व शिक्षा पूर्णतः निःशुल्क प्रदान की जाती है। संस्कृत, संस्कृति, वेद, कर्मकांड इत्यादि के साथ साथ विद्यार्थियों को अन्य सभी लौकिक विषयों विज्ञान, अंग्रेजी, गणित, इत्यादि की भी शिक्षा दी जाती है। 
इन छात्रों को मिले प्रमाणपत्र के साथ प्रोत्साहन राशि
सम्मान समारोह में स्कूल शिक्षा मंत्री  प्रभुराम चौधरी विशिष्ट अतिथि थे। श्री चौधरी ने श्री गणेश संस्कृत विद्यालय के चयनित छात्रों को प्रशस्तिपत्र के साथ प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया है। सम्मानित होने वाले छात्रों में प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर रमाकांत दुबे को प्रशस्तिपत्र के साथ 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक तथा प्रावीण्य सूची में अन्य स्थान प्राप्त करने पर विद्यालय के छात्र रितिक रोशन तिवारी को 24 हजार, आशीष समदरिया को 21 हजार, सुनील कुमार गंगेले को 20 हजार और राज दुबे को 19 हजार की प्रोत्साहन राशि के साथ प्रशस्तिपत्र मिला है।
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निगम के बड़े बकाया दारों की कुर्की ,पीएम आवास वितरण में लापरवाही पर कानूनी कार्यवाही,कमिश्नर/कलेक्टर ने ली बैठक

निगम के बड़े बकाया दारों की कुर्की ,पीएम आवास वितरण में लापरवाही पर  कानूनी कार्यवाही,कमिश्नर/कलेक्टर ने ली बैठक
सागर ।संभागआयुक्त एवं नगर निगम के नवनियुक्त प्रषासक आनंद कुमार शर्मा ने निगम के अधिकारी/ कर्मचारियों की बैठक लेकर आवष्यक दिषा-निर्देष दिए। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, नगर निगम कमिष्नर  आरपी अहिरवार, नगर निगम उपायुक्त डा. प्रणयकमल खरे सहित निगम के समस्त विभागांे के अधिकारी उपस्थित थे।
प्रषासक  आनंद कुमार शर्मा ने समस्त विभागों के जिसमें सीवरेज योजना, अमृत योजना, पीएम आवास योजना, टाटा 24ग7 योजना, पेयजल सप्लाई, स्वच्छता, स्वास्थ्य, राजस्व, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों की सूक्ष्मता से आज की स्थिति में जानकारी ली। श्री शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि कम समय में शहरवासियों को विष्वास में लेकर शहर का विकास कर सागर का नाम मध्यप्रदेष  के विकास पटल पर दिखाई दे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य हेतु समय-सारणी तैयार की जाए एवं उसी के अनुसार कार्य कर प्रगति को प्रदर्षित किया जाए। उन्हांेने निगम को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए समस्त प्रकार के करों की वसूली सख्ती से की जाए। साथ ही प्रत्येक वार्ड के 10 बड़े बकाया दारों की सूची सार्वजनिक कर कुर्की की कार्यवाही की जाए।
श्री शर्मा ने स्वच्छता की दृष्टि से पिछले सप्ताह देष में 11 वें नंबर आने पर बधाई देते हुए निर्देषित किया कि अंडर-10 में आने के लिए हमारे लिए कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। इसके लिए सोषल मीडिया गु्रप तैयार कर उसमें स्वच्छता संबंधी वीडियो प्रसारित किए जाए। साथ ही होटलों, शादी घरों, अस्पतालों, हाथ ठेला पर व्यवसाय करने वालों को समझाईष देते हुए स्पष्ट कहा जाए कि गंदगी मिलने पर न केवल जुर्माना किया जाए। साथ ही कानूनी कार्यवाही सुनिष्चित की जाए। उन्होंने निर्देष दिए कि शनिवार से पूरे शहर में नगर निगम के अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारी प्रातः 6ः30 बजे सड़कांे पर आकर स्वच्छता हेतु जागरूक करें एवं गंदगी फैलाने वालों पर कार्यवाही सुनिष्चित करें। श्री शर्मा ने शहर में चल रहे सभी विकास कार्यों की जानकारी लेते हुए कहा कि सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं समय सीमा में पूर्ण किए जाए। उन्होंने शीतला माता मंदिर से मोतीनगर तक पाईपलाईन हेतु 3 दिवस मंे टेण्डर जारी कर कार्य प्रारंभ कराएं। पीएम आवास योजना के समस्त कार्यों की जानकारी लेते हुए कहा कि आवास वितरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही होने पर तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्यवाही की जाएगी एवं सिर्फ जरूरत मंद व्यक्ति को उक्त योजना का लाभ मिल सके।
टाटा 24ग7 योजना की जानकारी लेते हुए निर्देष दिए कि 325 किलोमीटर की पाईपलाईन एवं संपूर्ण कार्य मार्च 2020 तक पूर्ण करने हेतु प्रतिदिन 1.5 किलोमीटर के हिसाब से कार्य करें। पेयजल हेतु राजघाट पर चलित पंपों के अलावा रिजर्व में अतिरिक्त पंपों की व्यवस्था सुनिष्चित की जाए। जिससे शहरवासियों को पेयजल समस्याओं का सामना न करना पड़ें। उन्होंने कहा कि यह प्रथम बैठक अवष्य है किन्तु इस बैठक से आपके कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी।
वार्डो में अतिक्रमण पर निगम अमला जिम्मेदार माना जायेगा:कलेक्टर
कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने कहा कि वार्डों में हो रहे अतिक्रमण के लिए पूरे रूप से निगम अमला जिम्मेदार माना जाएगा। सभी आज से ही सुनिष्चित कर लें किस वार्ड में अतिक्रमण किया जा रहा उसकी जानकारी तत्काल प्रषासन को दें। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिष्चित करें कि प्रत्येक वार्ड में कौन सी जगह पर पार्क बनाया जा सकता है। प्रत्येक वार्ड में छोटे-छोटे पार्क बनने से हमारे बच्चे खेल सकेंगे एवं बुजुर्ग भी सेर कर सकंेगे। उन्होंने निर्देषित किया कि प्रत्येक वार्ड में गु्रप बनाकर समस्याओं को चिन्हित कर उनको दूर करने हेतु निगम प्रषासन तक जानकारी दें। श्रीमती मैथिल ने पीएम आवास योजना हेतु पात्र हितग्राहियों की सूची एक सप्ताह में बनाकर प्रस्तुत करें जिससे मेनपानी, कनेरादेव में तैयार आवासों को वितरित किया जा सके। 
श्रीमती मैथिल ने स्वच्छता के मामले में स्पष्ट रूप से निर्देष दिए कि समस्त स्वास्थ्य अधिकारी, सफाई दरोगा एवं जनसामान्य भी जागरूक होकर गंदगी फैलाने वालों के वीडियों बनाकर एवं फोटो लेकर उन पर कार्यवाही सुनिष्चित करंे।
बैठक के पूर्व नवनियुक्त प्रषासक एवं संभाग आयुक्त श्री आनंद कुमार शर्मा एवं कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक का निगम कमिष्नर श्री आरपी अहिरवार, उपायुक्त श्री प्रणय कमल खरे सहित समस्त विभागों के अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
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पुलिस के 46 प्रधान आरक्षक/आरक्षकों के तबादले

पुलिस के 46 प्रधान आरक्षक/आरक्षकों के तबादले
भोपाल ।पुलिस मुख्यालय भोपाल ने 46 प्रधानारक्षको/आरक्षकों के प्रशासकीय आधार पर तबादले किये है। 
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भ्रम पैदा करके विपक्ष ने हिंसा कराई,पड़ौसी देशों में प्रताड़ित हुए अल्पसंख्यकों की राहत के लिए है कानून:पूर्व गृहमन्त्री

भ्रम पैदा करके विपक्ष ने हिंसा कराई,पड़ौसी देशों में प्रताड़ित हुए अल्पसंख्यकों की राहत के लिए है कानून:पूर्व गृहमन्त्री
सागर। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध वे राजनैतिक दल कर रहे हैं, जो अलग-अलग कारणों से सरकार को घेरना चाहते हैं। इस कानून का विरोध तो एक बहाना है। यह कानून देश की किसी भी जाति, धर्म के खिलाफ नहीं है। बल्कि उन अल्पसंख्याकों को राहत प्रदान करता है, जो तीन पड़ौसी राष्ट्रों से प्रताड़ित होकर भारत आने के लिए मजबूर हुए। यह बात पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहीं।
पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा एक बहुत बड़ी भ्रांति फैलाई जा रही है कि नागरिकता संशोधन कानून देश के मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह सार्वजनिक मंचों से स्पष्ट कर चुके है कि देश में किसी भी धर्म के नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। केन्द्र सरकार सभी को सुरक्षा और समान अधिकार देने के लिए प्रतिवद्ध है। यह संशोधित कानून नागरिकता देने के लिए है, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं। जो इस देश के मुसलमान हैं, उन्हे किसी भी तरह से चिंता करने की जरूरत नहीं है। पूर्व गृहमंत्री, विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून का जो भी विरोध हो रहा है, वह कुतर्कों के आधार पर हो रहा है। विपक्ष एक भी ऐसा तर्क नहीं दे पा रहा, जो सत्य हो। यह कानून भारत में रहने वाले किसी भी भारतीय से संबंध ही नहीं रखता। इसलिए इसमें विवाद का कोई विषय ही नहीं है। बाबजूद इसे विवादित करके देश को हिंसा की आग में झोंका गया। इससे देश का बहुत नुकसान हो रहा है। दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों को सीएए पर घड़ियाली आंसू बहाने से पहले देश में सालों से शरणार्थी का जीवन जी रहे उन दलितों को देखना चाहिए, जिनके जीवन में सीएए नया उजाला लाया है।
पूर्व गृहमंत्री, विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि धर्म आधारित नागरिकता की शुरूआत भारत विभाजन के समय हुई। विभाजन के पहले भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं था। धर्म आधारित विभाजन के बावजूद भारत ने सबको नागरिकता दी। यहां कोई भेद नहीं रहा। लेकिन पाकिस्तान ने इस्लाम को राजधर्म बनाया। इसलिए पाकिस्तान में हिन्दू, पारसी, सिख आदि अल्पसंख्यक हो गए। विरोध करने वालो के पास इस बात का क्या जवाब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या 23 प्रतिशत थी जो आज 3-7 प्रतिशत रह गई है। इसी प्रकार बांग्लादेश में 22 प्रतिशत थी जो आज 7-8 प्रतिशत हो गई है। पाकिस्तान ने हिन्दू, सिख, जैन के खिलाफ अत्याचार किए लेकिन कांग्रेस और उसके मित्र दल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बोलते बल्कि उन लोगों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अपनी जान, धर्म तथा अपनी बहन-बेटियों के सम्मान के लिए भारत में शरण मांग रहे हैं।
धर्म के आधार पर हुए देश के बंटवारे को स्वीकार कर कांग्रेस ने जो ऐतिहासिक भूल की थी, उसका परिणाम भुगतने वाले तीन पड़ौसी राष्ट्रों के शरणार्थी अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा का उपाय केन्द्र की श्री मोदी सरकार ने कर दिया है। सरकार का यह कदम किसी खास धर्म के विरोध में उठाया कदम नहीं है। दिसम्बर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून उक्त अल्पसंख्यक शरणार्थियों को वर्षों के उत्पीड़न से निजात दिलाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह कानून उन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के संबंध में है, जो 31 दिसम्बर 2014 या उससे पहले से भारत में रह रहे हैं। अभी नागरिक को भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिर्वाय था, जिसे घटाकर छह साल किया गया है। चूंकि इस संशोधन में 31 दिसम्बर, 2014 की तारीख के रूप में एक मियाद तय कर दी गई है, तो नए आव्रजकों को लेकर जताई जा रही चिंता पूरी तरह आधारहीन है। विधेयक उन पर लागू है जिन्हे ''धार्मिकता के आधार पर प्रताड़ित किए जाने के चलते भारत में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा है या बाध्य किया गया है।'' इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को अवैध प्रवास पर होने वाली कानूनी कार्यवाही से बचाना है। जबकि वास्तविकता यह है कि नागरिकता संशोधन कानून हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित और संविधान की मूल भावना से ओतप्रोत है।
पूर्व गृहमंत्री विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि विपक्षी दल शासित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री नागरिकता कानून को अपने यहां लागू नहीं करने की बात कहकर देश के संविधान का माखौल उड़ा रहे है। जबकि वे जानते है कि संसद में बने कानून को लागू करना संविधान के अनुच्छेद 256 के तहत हर राज्य का दायित्व है। पत्रकार वर्ता में सांसद  राजबहादुर सिंह, जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटैल, अनुराग प्यासी, डाॅ. अनिल तिवारी, लक्ष्मणसिंह, सुखदेव मिश्र, राजेश सैनी, प्रदीप राजोरिया, नवीन भट्ट, गौरव सिरोठिया, उमेश हरदया, इन्दु चैधरी, अर्पित पाण्डेय आदि शामिल हुए।
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