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गौर क्रिकेट ट्राफी का आयोजन,27 फरवरी से

गौर क्रिकेट ट्राफी का आयोजन,27 फरवरी से

सागर। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी गौर क्रिकेट  ट्राफी का आयोजन 27 फरवरी
से  शारीरिक शिक्षा विभाग डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय खेल मैदान पर प्रारंभ होगा। गौर
ट्राफी का आयोजन सत्र 2018-19 से डॉ. इरीसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबद्ध
महाविद्यालयों द्वारा आयोजित किया जाता रहा है। आयोजक  कमेटी के डॉ प्रदीप तिवारी,डॉ राजू टंडन, सुरेन्द्र गाडेवार, डॉ अजय श्रीवास्तव और विनय शुक्ला ने मीडिया को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में 2 टीमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं संबद्ध महाविद्यालयों के बीच पाँच मैंवों की सीरीज खेलकर गौर ट्राफी का शुभारंभ किया गया था। जिसमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की टीम विजेता रही। द्वितीय वर्ष में त्रिकोणीय सीरीज का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, संबद्ध महाविद्यालय एवं जिला अधिवक्ता समूह सागर सम्मिलित हुए
जिसमें संबद्ध महाविद्यालय विजेता रही। इस वर्ष आठ टीमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय
सागर, संबद्ध महाविद्यालय, जिला अधिवक्ता समूह, पत्रकार समूह, एम.पी.ई.बो.. इरीगेशन,
स्कूली शिक्षा विभाग, सागर प्रशासन शामिल है।स्पर्धा का शुभारंभ कुलपति प्रो आर पी तिवारी ,न्यायाधीश नागले करेंगे। ट्राफी का शुभारंभ सुबह10:30 बजेसे किया जाएगा।

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डॉ शरद सिंह बुंदेलखंड लिटरेचर फेस्टिवल में आमंत्रित

डॉ शरद सिंह बुंदेलखंड लिटरेचर फेस्टिवल में आमंत्रित
सागर। सागर नगर की वरिष्ठ लेखिका, स्तम्भकार एवं 'पिछले पन्ने की औरतें', 'कस्बाई सिमोन' आदि अपने उपन्यासों के लिए देश-विदेश में चर्चित कथाकार डॉ (सुश्री) शरद सिंह को झांसी, उत्तर प्रदेश  में 28 फरवरी से 01 मार्च 2020 को आयोजित होने जा रहे प्रथम 'बुंदेलखंड लिटरेचर फेस्टिवल-2020' में हिन्दी साहित्य पर चर्चा के लिए स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया गया है। जहां वे हिंदी आलोचना जैसे विषयों पर अपने विचार साझा करेंगी। उल्लेखनीय है कि डॉ शरद अब तक चंडीगढ़, अजमेर, लखनऊ, इन्दौर, जयपुर, दिल्ली आदि लिटरेचर फेस्टिवल्स में बतौर स्पीकर साहित्य पर महत्वपूर्ण चर्चाएं कर चुकी हैं। बुंदेलखंड लिटरेचर फेस्टिवल -2020 का आयोजन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी का हिन्दी विभाग एवं बुंदेलखंड लिटरेचर फेस्टिवल सोसायटी द्वारा किया जा रहा है।
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मुलजिम को लेकर झारखंड जा रही गुजरात पुलिस वाहन से कार की टक्कर,एक दर्जन घायल

मुलजिम को लेकर  झारखंड जा रही गुजरात पुलिस वाहन से कार की टक्कर,एक दर्जन घायल
#दोनो वाहनों के आधा दर्जन पुलिस कर्मी और अन्य घायल
#शादी समारोह में जा रही दमोह कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष की 

सागर।मुलजिम को लेकर झारखंड ले जा रही गुजरात पुलिस वाहन से सागर दमोह रोड पर एक  सेंट्रो कार में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। जिसमें करीब एक  दर्जन लोग घायल हैं। 
घायलों को गढ़ाकोटा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमे पुलिस कर्मी और आरोपी भी शामिल है।सेंट्रो वाहन दमोह के पिछड़ा वर्ग काँग्रेसा के अध्यक्ष की है।
गुजरात पुलिस  आरोपी राजू डीमर को एक मामले की जांच के लिए इनोवा कार से झारखंड जा रही थी । तभी सामने से आ रही सेंट्रो कार ने उन्हें जोरदार टक्कर  मार दी ।सैंटरो कार जबलपुर की ओर से विपरीत दिशा में आ रही थी । जिसके कारण यह हादसा हुआ टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इनोवा कार के दोनों एयरबैग खुल गए जबकि सामने आ रही सेंट्रो कार सड़क से  20 फीट दूर जा गिरी। आसपास के लोगों ने कार से घायलों को निकाल कर उन्हें 108 से अस्पताल भिजवाया मौके पर पहुंची पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त कार को सड़क से हटाकर किनारे लगाया।  सैंटरो कार दमोह जिला के  पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष की बताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। दमन पुलिस के साथ एक महिला अधिकारी भी मौजूद थी जो कि कार के आगे बैठी थी उसे पैर में गंभीर आई हैं।दोनों ओर से घायलों में दमोह के माजिद खान,तालिब,सद्दाम,शोहेल,गोलू,परवेज ,अजहर को गंभीर चोट आई वही दमन पुलिस के दया भाई, भाविका,अमित,जोनल सहित मुलजिम राजू डीमर को भी चोटे पहुँची है।दुर्घटना ग्रस्त गाड़ियों में सवार सभी लोगो की उम्र 25 से 30 वर्ष है।
ASP  विक्रम सिंह के अनुसार इसमे दोनो वाहनों के लोग घायल हुए है । सेंट्रो कर ड्राईवर की लापरवाही सामने आई है ।मॉमला दर्ज कर लिया है।
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एसपी स्क्वाड ने पकड़ा जुआ ,17 जुआड़ियों से जब्त किए डेढ़ लाख नगद

एसपी स्क्वाड ने पकड़ा जुआ ,17 जुआड़ियों से जब्त किए डेढ़ लाख नगद

सागर। पिछले कुछ समय से  थाना गढ़ाकोटा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रेंगुवा- रमना  रोड ग्राम खेजरा के समीप आरोपी फिरोज खान द्वारा बड़े स्तर पर जुआ खिलाने की सूचना मिल रही थी ।
 पुलिस अधीक्षक सागर  अमित सांघी  द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  बीना  विक्रम सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर थाना  गढ़ाकोटा क्षेत्र अंतर्गत रेंगुवा- रमना रोड ग्राम खेजरा स्थित खेत में जुआ फड़ पर रेड कार्यवाही की गई।
मौके से कुल 17 आरोपियों को स्पेशल टीम द्वारा गिरफ्तार कर  उक्त आरोपियों से करीब 01लाख 51 हजार  300 रुपए  नगद, 18 मोबाइल फोन,  दो मोटरसाइकिल, दो फोर व्हीलर( एक गामा, एक रेनॉल्ट क्विड कार),  ताश पत्ती सहित जप्त कर  जुआ एक्ट के तहत  गढ़ाकोटा थाने में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। 
पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित की विशेष टीम द्वारा कार्यवाही की गई है जिसमें S.I.  अरविंद सिंह, शिवम कटारे,  हेमंत रैकवार, आकाश, प्रशांत अहिरवार, रविंद्र, दीपेश, दीपक,  बृजेश, विकास, बृजेंद्र, अतुल, राजबहादुर,एवं अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा कार्यवाही की गई|
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अपराधशास्त्र की शिक्षा सार्वभौमिक न्याय के लिये : कुलपति प्रो. मेहराजुद्दीन मीर

अपराधशास्त्र की शिक्षा सार्वभौमिक न्याय के लिये:कुलपति  प्रो. मेहराजुद्दीन मीर
सागर। अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर द्वाराआयोजित 42 वा अखिल भारतीय अपराधशस्त्र में सम्मेलन के समापन सत्र के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. मेहराजुद्धीन मीर, कुलपति कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने कहा  है कि अपराधिक न्याय व्यवस्था में यह नितान्त आवश्यक है कि मामलों का निराकरण अतिशीघ्र किया जावें जिससे पीड़ित व्यक्ति को समय पर न्याय मिल सके।अपराधशास्त्र की शिक्षा सार्वभौमिक न्याय को स्पष्ट करती है अतः अपराधिक न्याय प्रशासनको अपराधशास्त्र के सैद्धान्तिक ज्ञान को अपने व्यवहार रूप में उपयोग करना चाहिये।

अपराध नीति पाठ्यक्रमो में शामिल हो:प्रो चौहान

समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि प्रो. बलराज चौहान, कुलपति, धर्मशस्त्र नेशनल लॉ
यूनिवर्सिटी जबलपुर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपराधशास्त्र की शिक्षा द्वारा
मिलने वाले न्याय से समाज में सुखद वातावरण बनता है, समाज में निर्धारित होने वाली जन
कल्याणकारी लोक योजनाओं में अपराधशास्त्र विषय का व्यवाहरिक उपयोग किया जाना चाहिये जो कि समाज के सुखद एवं विधिमार दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है। आज के समय कीआवश्यकता है कि अपराधशास्त्र विषय में अपराधिक कानूनों के साथ-साथ लोक नीतियों सेसंबंधित विषयों एवं अपरधिक नीति जैसे-विषयों को पाठयक्रम में शामिल किया जाना चाहिये। भारत वर्ष में वर्तमान में लगभग तीन करोड मामले न्यायालय में लम्बित है जिससे पीड़ितो कोन्याय मिलने में विलम्ब होता है। मामलों के शीघ्र निराकरण हेतु अपराधशास्त्र विशेषज्ञों कासहयोग लिया जाना आवश्यक है।

विषय का उपयोग हो: कुलपति

सागर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. तिवारी ने समापन सत्र की अध्यक्षता करते
हुए कहा कि अपराधशास्त्र एक व्यवाहरिक विषय है जिसका समाज में अधिक से अधिक
उपयोग होना चाहिये। एवं कुलपति ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पधारे हुए समस्त अपराधविज्ञानियो एवं सहभागियों का अभिनन्दन करते हुए हार्दिक साधुवाद प्रस्तुत किया।
समापन सत्र के दौरान प्रो. माधवा सोमा सुन्दरम, चैयरमेन, इण्यिन सोसायटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी
ने बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड की घोषणा की। एवं विजेता विद्यार्थियों को अतिथियों द्वारा गोल्ड
मेडल, सिल्वर मेडल एवं प्रशस्ति भेंट कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में कुलपति  प्रो. तिवारी द्वारा अतिथियों का शाल श्रीफल से सम्मानकिया गया। 
अंतिम सत्र में हुए व्याख्यान
कान्फ्रेंस के तीसरे एवं अंतिम दिन सामान्य सत्र के दौरान प्रो. बलराज चौहान नेअपराधशास्त्र सार्वभौमिक कल्याण के लिये विषय पर अपना मार्गदर्शीय व्याख्यान प्रस्तुत किया।प्रो. ममता पटेल विभागाध्यक्ष अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग, कॉन्फ्रेंस आयोजकसचिव ने कान्फ्रेंस में पधारे हए समस्त अतिथियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया ।
तकनीकी सत्र में प्रो. मेहराजुद्धीन मीर, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, कश्मीर ने नवीन नीतियों
एवं पीडितो के विषय पर अपराधी व्यक्ति के लिये कानून विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत
किया ।इस सत्र के दौरान पीडित व्यक्ति के अधिकार एवं न्याय के लिये न्याय व्यवस्था का
योगदान विषय पर डॉ मुकेश कुमार चौरसिया ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें निशुल्क
विधिक सेवा के योगदान विषय पर महत्वपूर्ण तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की गई।एक अन्य तकनीकी सत्र में भी सुधीर साही अतिरिक्त पुलिस महानिर्देशक कारागारमध्यप्रदेश ने कारागारों के लिये सुधारात्मक कार्यक्रम विषय पर विश्लेषणात्मक एवं तथ्यात्मकजानकारी प्रस्तुत की जिसमें उन्होने बंदियों के लिये जेल में चलने वाले सुधारात्मक कार्यक्रमों जैरो- अनुशासन, शिक्षा, परामर्श, निर्देशन, व्यवासायिक प्रशिक्षग, योगशिक्षा, सामाजिक
सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा विषय पर अपने विचार याक्त किये सुधारात्मक संस्थायों ने
सुधारात्मक प्रशासन अन्र्तगत अधिकारी एवं कर्मचारियों की सीमित संख्या योजनाओं को प्रभावीढग से लागू करने में बाधक होती है। राष्ट्रीय स्तर पर किये गये सर्वेक्षण से ज्ञात होता है कि50 हजार कैदियों की पर केवल छ: सौ कारागर अधिकारी कर्मचारी तैनात है। कारागारों के संस्थागत सुधार एवं सहयोग विषय पर तकनीकि सत्र में डॉ शिवा प्रसाद रानी चेंनम्मा
युनिवर्सिटी त्रिवेली ने सत्र को चयन किया एवं डॉ. दीपक गुप्ता सागर विविद्यालय ने कोचेयर
का दायित्व संभाला इससत्र में कारागार, सुधार एवं पूर्नावास विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किये
गये। कान्फ्रेंस के दुसरे दिन तकनीकि सत्र में आर्थिक अपराधो के लिये आतरिक सुरक्षा प्रवध
विषय पर संचालित होने वाले सत्र के दौरान प्रो. आर एन. मंगोली कर्नाटक युनिवर्सिटी धारवाड़
ने चेयर एवं डॉ. मुकेश चौरसिया सागर विश्वविद्यालय कोचेयर का दायित्व संभाला जिसमेंनारकोटिक ड्रग, हयूमन ट्राफिकींग, आंतगवाद आदि विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।प्रो. ममता पटेल विभागाध्यक्ष अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग, कॉन्फ्रेस आयोजकसचिव ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में देश एवं विदेश से लगभग 200 सहभागी एवं विषय विशेषज्ञ शामिल हए कॉन्फ्रेंस के दौरान कुल 70 शोध पत्रों का प्रस्ततीकरण किया गया। यहहम सभी के लिये गौरव का विषय है कि कॉन्फ्रेस का मुख्य विषय अपराधशास्त्र का ज्ञानसार्वभौमिक कल्याण के लिये की सभी ओर सराहनीय की गई एवं शोध पत्रो से प्राप्त होनेवाले निष्कर्ष को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ग्रह मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषितकिया जावेंगा।
इनकी रही हिस्सेदारी
कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से प्रो. एन. प्रभा उन्नीथन, यू.एस.ए. प्रो. बलराज चौहान कलपति धर्मशास्त्रनेशनल लॉ युनिवर्सिटि जबलपुर, प्रो. मेहराजुद्वीन मीर कुलपति कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर प्रो. माधवा सोमा सुन्दरग मनोमेनियम सुन्दरनार युनिवर्सिटि त्रिनेलवेली तमिलनाडु, प्रो.अरविंद तिवारी टाटा इंस्टीटूयट ऑफ सोसल साइंस नुम्बई, प्रो. जी.एस.वाजपेई कुलसचिवनेशनल लॉ युनिवर्सिटि नई दिल्ली प्रो. आर.एन.मंगोली धारवाड़, प्रो. मनसोली धारवाड़, डॉ.सयैद उगर त्रिनेलवेली. डॉ. स्वीकार लामा जोधपुर, श्री अभिषेक अवध अहमदाबाद सागरविश्वविद्यालय से प्रो. आर. पी. मिश्रा डीन, स्कूल ऑफ एप्लाइंड साइसेंस, प्रो. ए.एन.शर्मा डीनऑफ एकेडमिक अफेयर, प्रो. देवाशीष बोस, डॉ.नवजोत कौर कनवल, डॉ. राजेश सिंह यादव डॉ.वंदना विनायक, डॉ. महेन्द्र कर्णा, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. विवेक मेहता, डॉ. मुकेश चौरसिया,सुनील जर्मन, पंकज चौबे, रूपेश उपाध्याय, समस्त विभागीय शोधार्थी एवं स्नातक स्नाकोत्तर छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।
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भार्गव पर पलटवार, मामा के जमाने में शराब दुकानों पर "बैठकर पीने की उत्तम व्यवस्था"के बड़े बोर्ड लगे रहते थे-भूपेन्द्र गुप्ता

भार्गव पर पलटवार,
मामा के जमाने में शराब दुकानों पर "बैठकर पीने की उत्तम व्यवस्था"के बड़े बोर्ड लगे रहते थे-भूपेन्द्र गुप्ता 

भोपाल। मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने नेता प्रतिपक्ष के बयान जिसमें उन्होने मुखँयमंत्री को माफिया का मसीहा बताया था को हलका बताते हुये भार्गव से पूछा है कि ऐसा बयान देते हुये उन्हें थोड़ा तो संकोच होना चाहिये था।गुप्ता ने भार्गव से सवाल किया कि उनका अपने पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में क्या खयाल है जो रेत माफिया,खनन माफिया व्यापम कांड,नर्मदा यात्रा घोटाला,छात्रवृत्ति घोटाला,डंपर कांड के माफियायों पर एक साथ मसीहाई कर रहे थे।उनके समय में तो भगवान तक को नहीं छोड़ा गया।सिंहस्थ की जांच चल रही है।
 शराब नीति में 15 साल पहले वाले प्रदेश में ले जाने का सवाल उठाते समय आपको स्मरण ही होगा कि आपके ही राज में दारू की हर दुकान पर "बैठकर पीने की उत्तम व्यवस्था"के बड़े बड़े बोर्ड लगे रहते थे।तब आपको युवाओं के भविष्य का ख्याल नहीं आया।उस समय बेरोजगारी चरम पर थी क्या प्रदेश को प्रगतिशील बनाने की आपकी यही शुरूआत थी।
गुप्ता ने कहा कि श्री भार्गव निश्चिंत रहें प्रदेश आज भी शांति का टापू है जब भाजपा की नीतियों से देश धधक रहा है तब मप्र में शांति है।
इंदौर जैसे सुंदर शहर को जिन माफियायों ने जकड़ रखा था तथा जिन्हें आपके नेताओं का संरक्षण था कमलनाथ सरकार उन्हें सींखचों तक पहुंचा चुकी है।आप एक प्रगतिशील नेता हैं आपसे अपेक्षा है कि भविष्य में इस तरह के बयान दें तो इन बातों पर अवश्य सोचेंगे।
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