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कोविड 19 के संभावित मरीजों की जांच का दायरा बढ़ाये और तेजी लाए: मोती लाल वोरा

कोविड 19 के संभावित मरीजों की  जांच का दायरा बढ़ाये और तेजी लाए: मोती लाल वोरा

नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री  मोतीलाल वोरा ने केन्द्र सरकार से कोविड 19 केसंभावित मरीजों की सैंपल जांच में तेजी लाने की अपील की है। वोरा ने कहा कि 138 करोड़की आबादी वाले देश में अबतक सिर्फ साढ़े पांच लाख लोगों के सैंपल की जांच हो पाई है।हर राज्य में सैंपलों की जांच पैंडिंग है।कर्नाटक जैसे राज्य में 5 हजार से ज्याद सैंपलों कीजांच पैंडिंग है। सैंपलों की जांच का आंकड़ा बढ़ाया जाना चाहिए। जांच की रफ्तार धीमी रही
तो इस महामारी से निबटने में भयंकर मुश्किलें सामने आ सकती हैं।

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श्री वोरा ने कहा कि हर दिन कोरोना पॉजिटिव के मरीजों की संख्या लगातार बढ़तीजा रही है। सिर्फ एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर उनके परिवार के सदस्यों समेतसम्पर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वारंटीन करते हुए उनके सैंपल की जांच करना जरूरीहै। वर्तमान में हर दिन एक हजार से ज्यादा नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। ऐसीस्थिति में प्रतिदिन हजारों लोगों के सैंपलों की त्वरित जांच होना आवश्यक है।श्री वोरा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जनवरी माह के अंतिम सप्ताह मेंकेन्द्र सरकार को कोविड 19 से अलर्ट करते हुए भारत में सभी जरूरी सावधानियां बरतने कीअपील की थी। भारत में पहला कोरोना पॉजिटिव केस 30 जनवरी को मिला। इसकेबाद भीसरकार ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए। लॉकडाउन का निर्णय 24 मार्च को लियागया। राहुल गांधी की सलाह मानकर फरवरी के पहले हफ्ते में ही एयरपोर्ट पर विदेश सेआए लोगों को क्वारंटीन कर सैंपल की जांच की जाती तो कोरोना पर काफी हद तक काबूपाया जा सकता था।

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि देश भर में कोविड 19 के संभावित मरीजों के सैंपलकी जांच के लिए साढ़े तीन सौ लैब को अधिकृत किया गया है। यह फैसला भी काफी देर सेलिया गया। सैंपलों की जांच के लिए इतनी तादाद में लैब को मंजूरी मिलने के बावजूदप्रतिदिन औसतन 35 हजार सैंपलों की जांच हो पा रही है। वास्तव में कोविड 19 की प्रभावीरोकथाम के लिए हर दिन कम से कम 75 हजार सैंपलों की जांच होनी चाहिए।श्री वोरा ने कहा कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली में ही आजादपुर मंडी में एक सब्जी व्यापारी की कोविड 19 से मौत हो गई। पुरानी दिल्ली में एक ही परिवार में दर्जन भर सेज्यादा लोगों को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने सहित लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने सेखतरा तेजी से बढ़ा है। केन्द्र सरकार को कोविड 19 की प्रभावी रोकथाम के लिए सैंपलों कीजांच का दायरा तेजी से बढ़ाना चाहिए।

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कोरोना आपदा: ग्रामीण रोज़गार का अच्छा माध्यम बन सकते हैं बीड़ी, तेंदू पत्ता, मगर कैसे? ,तेंदू पता तुड़ाई से लेकर बीड़ी बनाने तक संकट

कोरोना आपदा: ग्रामीण रोज़गार का अच्छा माध्यम बन सकते हैं बीड़ी, तेंदू पत्ता, मगर कैसे? ,तेंदू पता तुड़ाई से लेकर बीड़ी बनाने तक संकट

सागर। प्रदेश में तेदूपत्ता तुड़ाई का सीजन कोरोना आपदा से प्रभावित होने की स्थिति में आ गया है।  दूसरी तरफ  लघु कुटीर उधोग के तहत  बीड़ी बनाने एक तबका इसे वर्क फ्रॉम होम का सबसे बेहतर माध्यम  में रहा है । यदि इन  दोनो को बनाये रखना है तो कुछ  सहूलियतें सरकार को नियमो आदि में देना होंगी। तेंदूपत्ता तोड़ने वाले और  बीड़ी कारोबार से जुड़े व्यापारी ,सट्टेदार और मजदूर सभी की निगाहें सरकार पर टिकी है। अलग अलग मंचो से इसे सरकार तक पहुचाया जा रहा है। 

हाल ही में मध्य प्रदेश के प्रमुख वन सचिव श्री अशोक बर्णवाल ने सभी वन और ज़िला स्तरीय अधिकारियों को लिखा है कि तेंदू पत्ता आदिवासियों एवं ग्रामवासियों के लिए रोज़गार का महत्वपूर्ण माध्यम है। अतः लाक्डाउन रहते भी तेंदू पत्ता सीज़न २०२० में संग्रहण किया जाएगा। इसके कारण तेंदू पत्ता व्यापारियों और बीड़ी वालों में हड़कम्प मच गया है क्योंकि सोशल डिस्टन्सिंग के नियमों का पालन करते हुए तेंदू सीज़न करना लगभग असम्भव है। इस बार संग्रहित तेंदू पत्ते को भरने हेतु बारदाना
( जूट से बना वोरा) भी उपलब्ध नहीं हैं क्यूँकि इन्हें बनाने वाली जूट मिलें अभी तक लाक्डाउन के कारण बंद थीं।

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वर्क एट होम का उदाहरण है लघु कुटीर बीड़ी उधोग: पिम्पलापुरे

मध्य प्रदेश बीड़ी उद्योग संघ की ओर से श्री अनिरुद्ध पिंपलापुरे  से इस सम्बंध में  बात की गयी तो उन्होंने यह बताया कि ऐसी स्थिति में तेंदू पत्ता संग्रहण बहुत कठिन होगा लेकिन यह भी सत्य है कि तेंदू पत्ता और बीड़ी ग्रामीण रोज़गार और सरकार को आमदनी भी उपलब्ध कराते हैं। साथ में उन्होंने ये बताया की बीड़ी पूर्णतः ऑर्गैनिक (जैविक) उत्पाद है जिसमें अनमैन्युफ़ैक्चर्ड (अनिर्मित) अनप्रोसेस्ड (असंसाधित) तम्बाकू का इस्तेमाल किया जाता है। सिगरेट या गुटका की तरह इसमें रासायनिक संसाधन न होने की वजह से यह कम हानिकारक होती है। इसलिए इसे अन्य तम्बाकू उत्पादों/पदार्थों के साथ नहीं रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बीड़ी को रात भर भट्टे में सेका जाता है जिसका तापमान ७० डिग्री सेल्सीयस से अधिक होता है और इसके बनने से खपत तक कम से कम १५ दिन तो लगते ही हैं। अतः इससे संक्रमण की कोई आशंका नहीं है। साथ ही इसे बनाने में न तो बिजली और न ही पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इसका कार्बन पदचिह्न बहुत कम है। 

बीड़ी उद्योग वर्क-फ़्रोम-होम का सबसे अच्छा उदाहरण है। अभी बीड़ी न बनाने के कारण केवल मध्य प्रदेश के चार लाख बीड़ी श्रमिकों के घरों का चूल्हा बुझ गया है। बीड़ी कुटीर उद्योग है और घर-घर में बनती है और इस कारण ऐसी परिस्थितियों में यह साल भर ग्रामीण रोज़गार का बहुत सटीक माध्यम बन सकती है । अधिकांश बीड़ी श्रमिक पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति से हैं।लेकिन वर्तमान केंद्रीय, प्रदेशों-की व ज़िला-स्तरीय नीतियों के अनुसार इसका निर्माण, भण्डारण, परिवहन ,विक्रय व इससे जुड़ी कच्चे व बने माल का आवागमन एवं अन्य गतिविधियाँ पूरी तरह से अनुमोदित नहीं हैं। उद्योग से जुड़े हुए सभी लोगों के सामने एक यही पहेली है कि पत्ता लें तो लें क्यों अगर इसकी बीड़ी नहीं बन सकती और बीड़ी बनायें तो बनायें क्यों अगर वह बाज़ार में बिक नहीं सकती! पश्चिम बगॉल में बीड़ी निर्माण और इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों को करने की पूरी अनुमति दे दी गयी है।मध्य प्रदेश में निर्मित ७०% बीड़ी उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और हरियाणा में बिकती है। इन राज्यों में बीड़ी को अन्य तम्बाकू उत्पादों के साथ रख इसका विक्रय रोक दिया गया है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान भी तेंदू पत्ता बेचने वाले राज्य हैं। तेंदू पत्ते का बीड़ी बनाने के अतिरिक्त कोई उपयोग नहीं। अतः मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों को तेंदू पत्ते व बीड़ी को अन्य तम्बाकू उत्पादों/ पदार्थों से अलग रखते हुए, इन्हें ग्रामीण रोज़गार उत्पन्न करने वाले कुटीर उद्योग मानकर, इनके सुचारु उत्पादन, भंडारण, परिवहन एवं विक्रय हेतु उचित नीतियाँ बनानी चाहिए।

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तेंदूपत्ता तुड़ाई कठिन: घनश्याम गर्ग

उधर  प्रांतीय तेंदूपत्ता व्यापारी एशोशियेशन मध्यप्रदेश ने भी मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन देकर तेंदूपत्ता तुड़ाई में आने वाली परेशानियों के चलते तेंदूपत्ता तोड़ने में असमर्थता जताई है। इसके अध्यक्ष घनशयाम गर्ग ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। ज्ञापन के  अनुसार  तेंदूपत्ता तोड़ने से लेकर ट्रकों में भरने तक मजदूर नही मिल रहे है। बोरो की कमी है। आदिवासी तबका सोसल डिस्टनसिंग नही समझता है । ऐसी कई परेशानियां है। 

दूसरी तरफ भारतीय मजदूर संघ ने भी गृहमन्त्री अमित शाह को पत्र लिखकर इसमे कुछ  रियायत देने की बात कही है। इसके महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने पत्र में लिखा कि बीड़ी व्यवसाय को लेकर  योजना बने।ताकि मजदूरो का भला हो। करीब 17 राज्यो में 4.50 करोड़ बीड़ी मजदूर है।

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थंब इम्प्रेशन के बिना मिलेगा राशन , एमपी में आदेश जारी,थम्ब इंप्रेशन से था खतरा संक्रमण फैलने का

थंब इम्प्रेशन के बिना मिलेगा राशन , एमपी में आदेश जारी,थम्ब इंप्रेशन से था खतरा संक्रमण फैलने का

सागर। देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों को नियमित खाद्यान्न वितरण एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत बायोमेट्रिक के आधार पर ही खाद्यान्न वितरण का प्रावधान था।
 शासकीय उचित मूल्य राशन दुकानों पर थम्ब इंप्रेशन के जरिये  अनान मिलता था। लेकिन ईंन बायोमेट्रिक मशीनों पर अंगूठा लगने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था। 
मध्यप्रदेश में तेजी से संक्रमण फेल रहा है । वही इस आपदा में राहत पहुचाने  केंद्र और राज्य सरकार ने गरीब लोगों को रराशन दे रही है । इसके मद्देनजर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को प्रस्ताव भेजकर इसमे कुछ रियायत मांगी थी। इसके मिलते ही सरकार न आदेश  जारी कर दिये ।

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प्रदेश के खाद्य एवं सहकारिता मंत्री  गोविन्द राजपूत के मुताबिक  कोरोना संक्रमण से बचाव एवं लॉकडाउन के अवधि में आम जन को होने वाली असुविधा को देखते हुए उचित मूल्य की दुकानों से राशन बिना थंब इम्प्रेशन के वितरित किया जाएगा। श्री राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने सम्मिलित पात्र हितग्राहियों को नियमित खाद्यान्न वितरण एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न को कतिपय शर्तों के साथ बिना थंब इम्प्रेशन के वितरण की छूट प्रदान की गई है। 

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एमपी में कई कलेक्टरों ने भी इसकी जानकारी दी थी।  कोरोना महामारी के दृष्टिगत ऐसे परिवार, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है एवं बाहर के जिलों से आये लोगों को राशन प्रदान करने में होने वाली असुविधा को देखते हुए कई कलेक्टरों द्वारा थंब इम्प्रेशन में छूट की मांग की जा रही थी।अब बिना इम्प्रेशन के राशन मिल सकेगा। वहां पर सरकारी कर्मचारी हितग्राहियों का सत्यापन करेंगे। 

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सागर में लॉक डाउन के दौरान बिजली के बिल ऑनलाइन भुगतान करने की अपील

सागर में लॉक डाउन के दौरान बिजली के बिल ऑनलाइन भुगतान करने की अपील

सागर । बिजली कंपनी के सागर शहर संभाग के द्वारा बिजली उपभोक्ताओं से ऑनलाइन बिजली बिलों का भुगतान करने की अपील की गई है । जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान, शहरवासियों  को चौबीसों  घण्टे अबाध विद्युत प्रदाय देने के लिए कंपनी कर्मचारी अपनी समर्पित सेवायें प्रदान कर रहे हैं ।
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बिजली से संबंधित सुख-सुविधायें जारी रखने के लिए कंपनी की अपने उपभोक्ताओं से विनम्र अपेक्षा है कि वे अपने बिजली बिलों के भुगतान, समय पर ऑनलाइन करें । इसके लिए उपभोक्ता कंपनी की वेबसाइट ,स्मार्ट बिजली एप,एमपी आनलाइन, पेटीएम, अमेजान,गूगल-पे, एयरटेल बैंक,भीम यूपीआई, फोनपे आदि माध्यमों से कर सकते हैं ।
लाॅक डाउन अवधि में नियत तिथि तक भुगतान करने पर 1 प्रतिषत विशेष  छूट तथा ऑनलाइन भुगतान करने पर 20 रुपये तक का लाभ भी उठा सकते हैं ।जारी अपील में कहा गया है कि उपभोक्ता अपने बिजली बिल, स्मार्ट बिजली एप  पर अथवा टोल फ्री सेवा नंबर 1912 पर फोन करके अपने बिल की राशि  की जानकारी ले सकते हैं । 

कंपनी की वेबसाइट    www.mpez.co.in 

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सागर एसपी स्क्वाड ने पकड़ा अवैध शराब का जखीरा, 325 पेटी देशी विदेशी शराब और वीयर जब्त,कीमत 11 लाख रुपये

सागर एसपी स्क्वाड ने  पकड़ा अवैध शराब का जखीरा, 325 पेटी देशी विदेशी शराब और वीयर जब्त,कीमत 11 लाख रुपये

सागर । पूरे देश मे लॉक डाऊन है । एमपी में शराब दुकान भी 3 मई तक बन्द है। लेकिन अवैध शराब का कारोबार जमकर चल रहा है। शुक्रवार की रात को एसपी सक्वाड  ने  जिले के रहली में  ठेकेदार के घर पर छापा मारा। यहां पूरी हाल शराब से भरा हुआ था। जिसमे देशी,विदेशी शराब और बीयर के पेटियां थी। करीब 325 पेटी जब्त की है। जिसकी कीमत 11 लाख रुपये बताई जा रही है। देर रात तक कार्यवाही चलती रही । छापा के दौरान मीडिया को भी दूर रखने की कोशिश हुई। 

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सागर के कोरोना पॉजिटिव की कंन्टेक्ट हिस्ट्री के सभी लोगो को चिन्हांकित कर किया क्वारनटाइन ,संक्रमण फैलने की सम्भावना कम

लॉक डाउन में रहली क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब बिक रही थी। लेकिन पुलिस द्वारा छूट पुट कार्यवाही ही कि जा रही थ। शुक्रवार को सागर एसपी अमित सांघी के निर्देशन में एक दल रहली भेजा गया जिसने बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किया पटना ककरी वार्ड 14 में सोमेश राठौर की गोदाम में छापा मारा। जिसमें घर के पीछे अवैध शराब का जखीरा पकड़ा गया। यहां भारी मात्रा में देशी,विदेशी शराब और बीयर के पेटियों का जखीरा था।गौर तलब यह भी है कि रहली पुलिस को भनक तक नही थी। कुछ दिन पहले भी  दबिश दी गई थी। तो पुलिस खाली हाथ लोटी थी। एसपी स्क्वाड की कार्यवाही से रहली पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। 
SDOP अनुराग पांडे रहली के अनुसार करीब 11 लाख की कीमत की 325 पेटी पकड़ी गई है । इसके आरोपियो की तलाश जारी है । इसमे जितेंद्र राठौर को पुलिस ने पकड़ा है। 

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जागरूक करने सरपंच ने किया अनूठा प्रयोग, खुद कर रहे है नाटक,सचिव गाती है गीत

जागरूक करने सरपंच ने किया अनूठा प्रयोग, खुद कर रहे है नाटक,सचिव गाती है गीत

@गिर्राज बोहरे,भिंड

भिण्ड। कोरोना वायरस से बचने के लिए और लोगो को घरों में रहने की अपील के लिए पूरी दुनिया में नवाचार प्रयास किये जा रहे है।
ऐसा ही एक मामला अटेर जनपद के जम्होरा गांव का सामने आया है जहाँ गांव के सरपंच रमेश सिंह भदौरिया  खुद कोरोना वायरस का अभिनय करके लोगो को जागरूक कर रहे है उनके साथ में ग्राम। पंचायत सचिव अनुराधा शर्मा भी लोगो को जागरूक करने के लिए "ऐसी दुनिया में छाई महामारी,नहीं मिल रही दवाई" के गीत के माध्यम से लोगो से घरों में रहने की अपील कर रही है।

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कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए गाँव के सरपंच स्वयं कोरोना वायरस का रूप धरकर माईक से लोगो को बता रहे है कि वे कोरोना है यदि हमसे कोई सम्पर्क में आएगा तो  बच नहीं पाएगा,इसलिए सभी लोग घरों में रहे और सुरक्षित रहें।
ग्राम पंचायत के सरपंच रमेश सिंह भदौरिया और सचिव अनुराधा शर्मा अपनी पंचायत के प्रत्येक मजरा पर जाकर लोगो को कोरोना से बचाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।उनके साथ गांव के उम्मेद सिंह राजावत भी सहयोग कर रहे है।
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www.teenbattinews.com

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