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जिला हॉस्पिटल के लंका वार्ड में चार डायलिसिस मशीन होंगी स्थापित ’कोरोना संक्रमित,आयुष्मान एवं बीपीएल कार्ड धारियों को मिलेगी सुविधा : कलेक्टर

जिला हॉस्पिटल के लंका वार्ड में चार डायलिसिस मशीन होंगी स्थापित

'कोरोना संक्रमित,आयुष्मान एवं बीपीएल कार्ड धारियों को मिलेगी  सुविधा : कलेक्टर


सागर ।जिला चिकित्सालय के लंका वार्ड में चार नई डायलिसिस मशीन स्थापित की जाएंगी साथ ही कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को  भी मिल सकेगी डायलिसिस की सुविधा एवं आयुष्मान कार्ड एवं बीपीएल कार्ड धारियों को मुफ्त सुविधा के साथ डायलिसिस सुविधा उपलब्ध रहेगी उक्त निर्देश कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने जिला चिकित्सालय के रोगी कल्याण समिति की बैठक में दिए।
 इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर एमडी गायकवाड, डॉ मनीष जैन, डॉक्टर सुभाष सराफ ,पीडब्ल्यूडी के श्री हरि शंकर जयसवाल, श्री एलएल लारिया सहित अन्य डाक्टर एवं अधिकारी मौजूद थे ।कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित मरीजों एवं आयुष्मान कार्ड एवं बीपीएल कार्ड धारियों को समय पर सुगमता से  सुविधा उपलब्ध हो सके इसके लिए जिला चिकित्सालय के लंका वार्ड में शीघ्र ही 4 डायलिसिस मशीन स्थापित की जाएगी जो कि रोगी कल्याण समिति के माध्यम से संचालित की जाएगी ।
कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में पूर्व से दो डायलिसिस मशीन संचालित है जिनमें समस्त आवश्यकतानुसार लोगों की डायलिसिस की जाती है।
 किंतु विगत कोरोना काल में देखने में आया कि कोरोना संक्रमित मरीजों जोकि किडनी की बीमारी से ग्रसित थे और उनको डायलिसिस की आवश्यकता पड़ रही थी किंतु ऐसे में उनका डायलिसिस नहीं हो पा रहा था ,जिसको देखते हुए निर्णय लिया गया कि जिला चिकित्सालय में दो मशीनों के अतिरिक्त चार मशीनें और स्थापित की जाएंगी जिनमें से एक मशीन कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जिनको आवश्यकता रहेगी उनका डायलिसिस किया जाएगा।
 उन्होंने बताया कि यह भी देखने में आया है कि कुछ व्यक्ति एचआईवी पीड़ित भी है  और उनको भी डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है किंतु उनका भी डायलिसिस नहीं हो पा रहा था और उनको जिले से अन्यत्र जाना पड़ रहा था ,परेशानी को देखते हुए अब जिला चिकित्सालय में कुल 6 डायलिसिस मशीनें स्थापित होने से सभी आवश्यकतानुसार मरीजों को सुविधा उपलब्ध होगी ।
उन्होंने कहा कि इसका संचालन जिला रोगी कल्याण समिति के माध्यम से किया जाएगा । जिसमें आयुष्मान कार्ड एवं बीपीएल कार्ड धारियों का डायलिसिस निशुल्क होगा जबकि अन्य व्यक्तियों की डायलिसिस के लिए न्यूनतम शुल्क लेकर डायलिसिस किया जाएगा ।
कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए वार्ड नंबर  3, 4 ,5, 6 में पाइप लाइन के माध्यम से पलंग तक ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी ,इसके लिए समस्त वार्डों में कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट भी अगले साथ दिवस में अपना कार्य करना प्रारंभ कर देगा । उन्होंने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में बच्चों के लिए अलग से आईसीयू तैयार किया जा रहा है जो  15 अगस्त के पूर्व तैयार  होगा। 
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SAGAR : नाबालिग के साथ बलात्कार एवं हत्या के आरोपी को मौत की सजा

SAGAR : नाबालिग के साथ बलात्कार एवं हत्या के आरोपी को मौत की सजा

 

सागर। न्यायालय- विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर/नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने धारा 302 भादवि में आरोपी वीरेन्द्र पिता निरपत उम्र 24 वर्ष जाति आदिवासी निवासी अंतर्गत थाना सानौधा जिला सागर को मृत्युदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से उप-संचालक (अभियोजन) श्री अनिल कुमार कटारे द्वारा पैरवी की गई।

लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ए.डी.पी.ओ. एवं सहा. मीडिया प्रभारी अमित जैन ए.डी.पी.ओ. ने बताया कि दिनांक 07.04.2019 को थाना प्रभारी सानौधा को ग्राम बोधा पिपरिया के पास जंगल में डेड बाॅडी पडी होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना तस्दीक हेतु थाना प्रभारी द्वारा घटनास्थल पर जाकर देखा की मृतका की डेडबाॅडी पडी हुई थी। मृतिका के पिता द्वारा बताया गया कि मृतिका उसकी लडकी है। जो एक दिन पहले अभियुक्त वीरेन्द्र के साथ साईकिल पर गई थी। लेकिन घर नहीं लौटी। सूचनाकर्ता द्वारा अभियुक्त और अभियोक्त्री को तलाष किया किंतु वे दोनों नहंी मिले तभी गांव के निवासी मदन ने बताया कि परान नाला के पास उसकी बच्ची मरी हुई पडी है।
 स्ूाचना प्राप्त होने पर मर्ग कायम किया गया। विवेचना के दौरान एफएसएल टीम के साथ डाॅग स्काड को घटना स्थल पर भेजा गया था। मर्ग जांच के दौरान मृतका की दादी और उसके पिता के कथन लेख किए गए तथा मृतका का पीएम किया गया था एवं धारा 376(2) (आई), 302 भादवि एवं 3/4 तथा 11/12 पाॅक्सो एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई थी। आरोपी वीरेन्द्र को अभिरक्षा में लेखर पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने अभियोक्त्री को साईकिल पर बैठाकर ले गया था और साईकिल और कपडे उसने घर पर छुपाकर रखे हैं। मेमोरेण्डम के आधार पर जप्ती एवं गिरफ्तारी की कार्यवाही हुई थी। प्रकरण में आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया गया था। विवेचना पूर्ण कर अभियोगपत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
 प्रकरण में अभियोजन की ओर से 23 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया था। जिसमें अभियोजन द्वारा डाॅग स्काॅड की भी साक्ष्य कराई गयी। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। मामले में अभियोजन यह प्रमाणित करने में सफल रहा कि आरोपी अपनी जानपहचान के नातेदार की पुत्री जिसकी उम्र 13 वर्ष से कम थी के साथ निर्जन स्थान नाले के पास जंगल के निकट ले जाकर उसके साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसका मुंह तथा गला दबाकर निर्मम हत्या की गई। दण्ड के प्रष्न पर उभय पक्ष को सुना गया जिसमें बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा तर्क किया गया कि आरोपी नव युवक है पूर्व की दोषसिद्धि का कोई इतिहास नही है। इस प्रकरण में क्षणिक मानसिक विकृति के चलते अपराध हुआ है यह नही कहा जा सकता कि आरोपी समाज के लिए खतरा हो सकता है।
अभियोजन की ओर से उप-संचालक अनिल कटारे ने तर्क रखा कि आरोपी का कृत्य विरलतम से विरल है और आरोपी मृत्यूदण्ड का पात्र है ऐसी स्थिति में यदि छोडा जाता है तो वह समाज के लिए खतरा होगा। आरोपी द्वारा जिस प्रकार से वर्वरतापूर्वक बालिका के साथ बलात्संग और हत्या का अपराध किया है व शारीरिक क्षतियां की है किसी भी प्रकार से दया का पात्र नही है यह भी तर्क दिया कि जहां ऐसे अपराध करने से समाज की पूरी आत्मा कांप गयी है वहां पर समाज की न्याय के प्रति आस्था बनी रहे ऐसी स्थित में आरोपी को मृत्यूदण्ड दिया जाना आवष्यक है। समर्थन में न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये गये।


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कृत्य निर्ममता भरा : अदालत

न्यायालय ने अपने निर्णय में व्यक्त किया कि आरोपी ने अपनी काम पिपासा को शांत करने के दौरान अपनी निर्दयता से बालिका को न केवल अमानवीय पीडा पहुचाई बल्कि इस दौरान उसके जननांग एवं गले को भी चोटिल किया। यह सोच पाना मुमकिन नही है कि उस मासूम बच्ची ने कितनी पीड़ा सहन की होगी। आरोपी को विचारण के दौरान भी पक्षतावा न होना यह दर्षाता है कि बेहद ठण्डे दिमाग से कृत्य को अंजाम दिया गया। आरोपी के कृत्य से सम्पूर्ण समाज की सामूहिक आत्मा कांप गयी है जन आक्रोष भी हुए, वर्तमान में जिस प्रकार अबोध बच्चियों के साथ निर्ममतापूर्वक बलात्संग के मामले बढ रहे है ऐसे मामलों में प्रभावी रोकथाम के लिए आवष्यक है कि ऐसे मामलों में आरोपियों को कठोर से कठोर दण्ड दिया जाए अन्यथा एक दिन दहेज जैसी कुरीतियों के समान इस प्रकार के अपराध कन्याभ्रूण हत्याओं की नीव बनने लगेगी।
न्यायालय ने अपने निर्णय में व्यक्त किया कि व्यक्ति अपने रिष्तेदार का इस प्रकार की घटना को लेकर कैसे विष्वास करेगा समाज में ऐसी घटनाओं को लेकर एक दूसरे के प्रति घृणा एवं अविष्वास का भाव उत्पन्न होगा। प्रकरण की गंभीरता और पीडिता की साथ की गई वीभत्सता को देखते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त वीरेन्द्र आदिवासी को धारा 363 भादवि की में 7 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 366ए में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 376(3), 376(2)(एफ) भादवि सहपठित धारा 6 पाॅक्सो एक्ट में आजीवन कारावास तथा धारा 302 भादवि में मृत्युदण्ड की सजा से दंडित किया।

 

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शराब न मिलने पर की साढ़ू की हत्‍या, आरोपी को न्‍यायालय ने सुनाई आजीवन करावास की सजा

शराब न मिलने पर की साढ़ू की हत्‍या, आरोपी को न्‍यायालय ने सुनाई आजीवन करावास की सजा


टीकमगढ़। टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र में साढ़ू की हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी ने बताया कि घटना दिनांक 08.05.2013 के रात्रि 09:00 बजे की थाना बड़ागांव के क्षेत्र ग्राम ककरवाहा की है। उस दिनांक को आरोपी संतोष एवं उसका साढ़ू मृतक प्रेमलाल दोनों अपने छोटे साले की शादी में ककरवाहा आये हुये थे, ककरवाहा में मृतक प्रेमलाल और आरोपी संतोष दोनों साथ-साथ खाने के लिये बैठे थे, आरोपी संतोष को शराब न मिलने से मृतक प्रेमलाल और आरोपी संतोष में गाली-गलौंच एवं विवाद होने लगा, आरोपी संतोष ने मछली की डेकची  उठाकर फेंक दी और कहा कि उसे शराब क्‍यों नहीं दी। इसी बात पर आरोपी संतोष ने चूल्‍हे की जलाऊ लकड़ी प्रेमलाल के सिर में जान से मारने की नियत से मार दी, गंभीर चोट होने से उसे इलाज के लिये अस्‍पताल लाया गया था और इलाज के दौरान ही दिनांक 11.05.2013 को प्रेमलाल की मृत्‍यु हो गई थी। आरोपी ने जिस लकड़ी से मारकर हत्‍या की थी उसे विलोपित भी कर दिया था। पुलिस को दी गई मर्ग सूचना की जॉंच करने के पश्‍चात थाना बड़ागांव के अपराध क्र. 58/2013 धारा 302, 201 भा.दं.सं. का अपराध आरोपी संतोष अहिरवार  के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था। शासन के द्वारा उक्‍त प्रकरण को जघन्‍य एवं सनसनीखेज मामला के रूप में चिन्हित किया गया था। अनुसंधान पश्‍चात आरोपी के विरूद्ध धारा 302, 201 भा.दं.सं. का अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया था। उक्‍त प्रकरण में संपूर्ण विचारण उपरांत आज न्‍यायालय माननीय चतुर्थ अपर सत्र न्‍यायाधीश श्री राजकुमार वर्मा के द्वारा आरोपी संतोष अहिरवार को हत्‍या का दोषी मानते हुये धारा 302 भा.दं.सं. के अपराध में आजीवन कारावास एवं 1,000/- (एक हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड से तथा साक्ष्‍य छुपाने के लिये धारा 201 भा.दं.सं. अपराध में 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1,000/- (एक हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। उक्‍त प्रकरण में पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी द्वारा की गई।

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पर्यटन एवं वन विभाग के आपसी समन्वय से राहतगढ़ वाटरफॉल का होग विकास : प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला



पर्यटन एवं वन विभाग के आपसी समन्वय से राहतगढ़ वाटरफॉल का होग विकास   : प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला


★ प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री शुक्ला ने अल्प प्रवास पर राहतगढ़ वाटरफॉल का किया निरीक्षण
 
सागर ।पर्यटन विभाग एवं वन विभाग के आपसी समन्वय से राहतगढ़ वाटरफॉल का संपूर्ण विकास किया जाएगा। उक्त निर्देश मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने राहतगढ़ वॉटरफॉल पर किए जा रहे निर्माण कार्यों के निरीक्षण के दौरान विभिन्न अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर उपयंत्री पर्यटन विकास निगम भोपाल श्री पवन धाकड़, राहतगढ़ अनुविभागीय अधिकारी श्री रमेश पांडे ,रेंजर श्री सर्वेश सोनी, नायब तहसीलदार श्री आदर्श जैन सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे ।
1पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने राहतगढ़ वाटरफॉल के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि राहतगढ़ वाटरफॉल का विकास इस प्रकार से किया जाएगा जिससे संपूर्ण बुंदेलखंड के साथ-साथ पूरे मध्यप्रदेश में राहतगढ़ वाटरफॉल का नाम पर्यटन की दिशा में जान आ जाए ।

उन्होंने कहा कि, राहतगढ़ वाटरफॉल में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। इसके लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग आपसी समन्वय बनाकर विस्तृत कार्य योजना तैयार करें जिससे यहां का संपूर्ण विकास किया जा सके उन्होंने कहा कि, जब राहतगढ़ वाटरफॉल का संपूर्ण विकास होगा तो यहाँ पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी और यहां की स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार के अवसर भी प्रदान हो सकेंगे ।

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प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने वन विभाग द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य जिसमें  गेट निर्माण ,पैगोडा निर्माण एवं प्रगति पथ 250 मीटर का भी निरीक्षण किया।

श्री शुक्ला ने निर्देश दिए कि राहतगढ़ वाटरफॉल में सर्वप्रथम बिजली, पेयजल एवं पर्यटकों के लिए पानी एवं धूप से बचाव के लिए शेड की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि, वाटरफॉल के संपूर्ण स्थल पर पर्यटकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्री के पश्चात वेस्ट सामग्री को एकत्र करने के लिए कूड़ा दान भी लगाए जाएँ।

इस अवसर पर भोपाल की आर्किटेक्ट श्रीमती मयूरी सक्सेना ने बताया कि राहतगढ़ वाटरफॉल एक अच्छा पर्यटक स्थल बन सकता है यहां बच्चों के लिए पार्क, खेल की गतिविधियां एवं खानपान की सामग्री का स्थान भी निर्मित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम यहाँ सुरक्षा की दृष्टि से फेंसिंग एवं बैरिकेडिंग की जाएगी।

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डॉ धरणेन्द्र जैन बने आप के बुंदेलखंड ज़ोन प्रभारी

डॉ धरणेन्द्र जैन बने आप के बुंदेलखंड ज़ोन प्रभारी

सागर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ धरणेन्द्र जैन को मध्यप्रदेश के प्रभारी दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय जी की सहमति से प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने  बुन्देलखण्ड जोन का प्रभारी नियुक्त किया है।यह नियुक्ति संगठन के विस्तार और मजबूती तथा नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी  मज़बूत एवं विजयानुरूप  भागीदारी के लिये की गयी है।

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बुंदेलखंड ज़ोन में सागर,छतरपुर,दमोह,पन्ना, टीकमगढ़,निवाड़ी जिले आते है।
डॉ जैन ने इस नियुक्ति पर बताया कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश नेतृत्व की भावनाओं के अनुरूप सम्पूर्ण बुंदेलखंड में पार्टी के संगठन का तेज़ी से बूथ  स्तर तक विस्तार किया जायेगा और आगामी नगरीय निकाय चुनाव तथा पंचायत चुनाव को पूरी क्षमता और कुशल माइक्रो पॉकेट प्लान के तहत पार्टी लड़ेगी।
डॉ जैन के ज़ोन प्रभारी बनने पर के के प्रजापति जिला अध्यक्ष ग्रामीण सागर,अभिषेक अहिरवार जिलाध्यक्ष शहर सागर, ब्रजकिशोर पटेरिया जिलाध्यक्ष छतरपुर,फ़ैयाज़ खान छतरपुर, आशीष खरे जिलाध्यक्ष टीकमगढ़,सुनील राय जिलाध्यक्ष दमोह,गोपाल सिंह निवाड़ी तथा ज़ोन के सभी साथियों ने ने शुभकामनाएं दी है एवं केंद्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व का आभार माना है।

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सागर तालाब पर किए गए अवैध अतिक्रमणों को हटाकर, स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया हाईकोर्ट ने !

सागर तालाब  पर किए गए अवैध अतिक्रमणों को हटाकर, स्टेट्स रिपोर्ट
पेश करने का आदेश दिया हाईकोर्ट ने !

★ सागर तालाब के 400 एकड़ रकवा मे से लगभग 30-32 एकड़ भूमि पर है प्रभावशाली एवं राजनेताओ का अवैध अतिक्रमण !
★ 2016 में किए गए मेजरमेंट के अनुसार लगभग आधा सैकड़ा लोगो का तालाब की जमीन पर पाया
गया था अवैध कब्जा !
★  स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सागर तालाब की सफाई एवं सौंदर्गीकरण के लिए करोड़ो रूपए स्वीकृत किए है फिर भी शासन ने, बिना अतिक्रमण हटाए ही तालाब मे कार्य किया प्रारम्भ !
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जबलपुर । सागर सिटी के मध्य स्थित सागर तालाब जिसे लाखा बंजारा झील के नाम से भी जाना जाता है ! उक्त तालाब लाखा बंजारा नामक बंजारे लगभग 500 से अधिक वर्ष पूर्व स्वम की पूंजी से निर्मित किया गया था उक्त तालाब इतिसाहिक महत्व का है ! सागर तालाब का खसरा कर्मांक 335 एयव्म
337 मे लगभग 400 एकड़ रकवा है जिस पर कई प्रभावशाली लोगो एवं राजनेताओ ने कब्जा करके पक्के
मकान बना लिए है तथा कई लोगो द्वारा तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करके खेती भी की जा रही है !

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सागर के तत्कालीन कलेक्टर श्री विकास नरवाल द्वारा 2016 मे तालाब का मेजरमेंट कराया गया था तत्समय तालाब की लगभग 30-32 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा पाया गया था लेकिन शासन प्रशासन राजनैतिक एवं प्रभावशाली लोगो के चलते आज दिनांक तक अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही नही कर सका । तब सागर निवासी जगदेव सिंह ठाकुर द्वारा अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई, याचिका की प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति श्री रफीक एवं विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ द्वारा कलेक्टर सागर, नगर निगम सागर, सागर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मेनेजर
को नोटिस जारी कर किए गए अतिक्रमण के समवंध मे स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है
प्रशासन को आगामी सुनवाई  17/8/2021 के पूर्व अतिक्रमण हटाकर सुनवाई दिनांक के पूर्व स्टेट्स रिपोर्ट पेश करना होगी ! यचिका कर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा की गई ।


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