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31 दिसम्बर को मौके पर देखेंगे बीना, हनौता सिंचाई परियोजनाओं के कार्यः भूपेन्द्र सिंह ★ बीना, हनौता, बंडा परियोजनाओं की समीक्षा

31 दिसम्बर को मौके पर देखेंगे बीना, हनौता सिंचाई परियोजनाओं के कार्यः भूपेन्द्र सिंह

★ बीना, हनौता, बंडा परियोजनाओं की समीक्षा

सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सागर कलेक्टर सभाकक्ष में सागर जिले में चल रही बीना सिंचाई परियोजना, हनौता परियोजना एवं बंडा परियोजनाओं की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में खुरई तहसील के डूब क्षेत्र में आ रहे कुछ ग्रामों के प्रभावित कृषक भी उपस्थित रहे जिनकी विस्थापन, मुआवजा एवं भू-अर्जन संबंधी समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष विमर्श कर निराकरण पर सहमति बनाई गई। मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिए कि हनौता परियोजना के विस्थपितों की मांग पर विदिशा कलेक्टर से चर्चा कर वहां के मापदंडों पर ही सागर जिले के प्रभावित कृषकों को मुआवजा देने के निर्देश दिए। मंत्री श्री सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा कि बीना नदी परियोजना के बांधों की प्रगति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के लिए वे स्वयं 31 दिसम्बर, 21 को बीना व हनौता परियोजनाओं की साइटों का दौरा कर कार्य की प्रगति देखेंगे।_
 
बैठक में जलसंसाधन विभाग के परियोजना से संबंधित अधिकारियों ने जानकारी दी कि जलजीवन मिशन के तहत खुरई विकासखंड के ग्रामों को मढ़िया व चकरपुर बांधों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कार्य की समयावधि बताते हुए जानकारी दी गई कि वर्ष 2022 के अंत तक 14239 हेक्टेयर, नवम्बर 2023 तक 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की पाइप लाईन का कार्य पूर्ण होगा। मालथौन के 17450 हेक्टेयर तथा खुरई के 14319 हेक्टेयर कृषि भूमि तक समय सीमा में पाइपलाईन पहुंच जाएगी। नहरें बनाने का कार्य नवम्बर 2023 में पूर्ण कर लिया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने अधिकारियों से पाईपलाइन की शीघ्र व्यवस्था करने के निर्देश दिए। 
     उल्लेखनीय है कि 2018 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। बंडा वृहद सिंचाई परियोजना की प्रगति भी समीक्षा बैठक में रखी गई। इस परियोजना से मालथौन व सागर ब्लाक के 174 गांवों में पेयजल की भी आपूर्ति होगी। 
     उल्लेखनीय है कि हनौता परियोजना 1392 करोड़ रूपए लागत की योजना है। जिसका कार्य प्रारंभ हो गया है। इस परियोजना से 40 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। चकरपुर एवं मढ़िया दोनों परियोजनाओं की लागत 3255 करोड़ रूपए है। चकरपुर बांध में 73 एमसीएम जल संग्रहण होगा तथा मढ़िया बांध में 268 एमसीएम जल संग्रहण होगा। बीना नदी परियोजना से 305 ग्राम की 90 हजार हेक्टयर भूमि सिंचित होगी। मई 2022 तक बांध का कार्य कम्पलीट होगा, सिर्फ गेट का कार्य रह जाएगा। इससे खुरई विकासखण्ड के 214 गांव की 61769 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इसकी कनेाल की पाईपलाईन डालने का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। 
     बण्डा नदी परियोजना में 1300 करोड़ रूपए की लागत से जून 2023 तक बांध कम्पलीट हो जाएगा। इससे मालथौन ब्लाक के 62 गांव में 15 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। जिसमें अभी तक 8 हजार हेक्टेयर में केनाल की लाईन बिछाई जा चुकी है। 
     बीना नदी परियोजना से खुरई विकासखण्ड के 174 गांव में घर-घर नल से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी लागत 456 करोड़ रूपए है। इसी तरह बण्डा वृहद परियोजना से मालथौन विकासखण्ड के 174 ग्रामों में 365 करोड़ की लागत से घर-घर पेयजल सप्लाई होगा। 
 इस अवसर पर बीना विधायक महेश राय, कलेक्टर दीपक आर्य, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्षितिज सिंघल, सागर, खुरई बंडा के अनुविभागीय अधिकारी, समस्त परियोजनाओं के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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पंचायत चुनाव निरस्त: मंत्री भूपेंद्र सिंह ने राज्य निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया, मुख्यमंत्री का आभार माना

पंचायत चुनाव निरस्त:  मंत्री भूपेंद्र सिंह ने राज्य निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया, मुख्यमंत्री का आभार माना

 सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव निरस्त करने के फैसले का स्वागत करते हुए आयोग को इस निर्णय के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है। मंत्री श्री सिंह ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने केबिनेट की बैठक में अध्यादेश वापस लेने का निर्णय लिया जिसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव निरस्त किया जाना संभव हो सका। 





मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यहां जारी बयान में कहा है कि सरकार का लक्ष्य ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ चुनाव कराने का है। इसके लिए सरकार सुप्रीमकोर्ट गई है। हमने समय मांगा है ताकि सारी बाधाओं को शीघ्रता से दूर किए जाने पर कार्य हो सके। जितनी भी संवैधानिक प्रक्रियाएं  हैं उन्हें पूरा करते हुए शीघ्र चुनाव कराने की कोशिश होगी जिसमें ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ जनप्रतिनिधित्व मिल सकेगा।
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ब्राउस में सीडीएस जनरल विपिन रावत पर शोध पीठ की स्थापना ★ राष्ट्र सर्वोपरि का जज्बा लिए हमेशा जीवंत रहेंगे सीडीएस विपिन रावत: प्रो. आशा शुक्ला, कुलपति

ब्राउस में सीडीएस जनरल विपिन रावत पर शोध पीठ की स्थापना

★ राष्ट्र सर्वोपरि का जज्बा लिए हमेशा जीवंत रहेंगे सीडीएस विपिन रावत: प्रो. आशा शुक्ला, कुलपति

महू।  प्रथम सीडीएस विपिन रावत के असामयिक निधन पर सम्पूर्ण देश स्तब्ध है। वे हमेशा अपने कार्यों, निष्ठा और राष्ट्र समर्पण से जीवंत रहेंगे। हमें उनके कार्यों, नीतियों, युद्ध कौशल को बार-बार समझने की जरुरत है। विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक एवं राष्ट्रीय भूमिकाओं का निर्वहन करते हुए पीठ को उच्च प्राथमिकता में शामिल किया। विश्वविद्यालय ने स्कूल ऑफ डिफेंस स्टडीज के अंतर्गत आर्मी वॉर कालेज तथा इन्फेंट्री स्कूल से अकादमिक अनुबंध भी किये हैं ताकि देश के योद्धाओं के योगदान को राष्ट्र और समाज के सामने पल्लवित किया जा सके। इस पीठ की स्थापना उच्च निष्ठा और समर्पण के साथ राष्ट्रीय हित के बिन्दुओं को तलाशना है। उक्त बातें डॉ. बी. आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय तथा फ्री प्रेस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि तथा उनके नाम पर शोध पीठ के  शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर में ब्राउस कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने बतौर अध्यक्ष कही। 
श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए महू के कमान्डेंट ले. जनरल वीएस श्रीनिवास ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत ने वीरता के साथ चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर, नागालैंड सहित देश के विभिन्न स्थानों पर वीरतापूर्ण कार्यों को अंजाम दिया। तमाम चुनौतियों के बावजूद वे देश हित के फैसलों पर अडिग रहे। उनके नाम पर पीठ की स्थापना सैन्य योद्धाओं का सम्मान है।स्मरण एवं आदरांजलि उद्बोधन में महू के कमांडेट (सेवानिवृत) ले. जनरल दुष्यंत सिंह ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत एक उर्जावान योद्धा रहे हैं। वे देश हित के कार्यों को चुनौतीपूर्ण लेकर आगे बढ़कर करते थे। वे एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक थे जिन्होंने जीवन में रुकना नहीं सीखा। संभवतः ब्राउस में स्थापित यह पीठ सीडीएस पर पीठ है जो उनके कार्यों  को सामाजिक उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने देश को सॉफ्ट पॉवर से हार्ड पॉवर बनाया है। उन्होंने सेना में अनेक नवाचारी आधुनिक प्रयोग किये जिसमें राष्ट्रहित को बढ़ावा दिया गया।
भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए महू के वीएसएम (सेवानिवृत) ले. जर्नल एम.जी. दातार ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत ने 1971 की लड़ाई में शहीद को वीरता सम्मान लेने आई उनकी पत्नी को पैर छूकर प्रणाम किया यह अपने आप में निष्ठा और समर्पण का अनुपम उदहारण है। उन्होंने देश की सेना को एकजुट करने का प्रयास किया ताकि सैन्य बल विकसित हो सके। सत्यवादी और राष्ट्र प्रेम का जज्बा लिए विपिन रावत प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे। 
सीटीजेडब्ल्यू कॉलेज कांकेर के ब्रिगेडियर बंसल के पंवार ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सीडीएस विपिन रावत ने बर्लिंगटन जाकर देश की सुरक्षा के लिए प्रेरित का भाषण दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम का जज्बा लिए विपिन रावत हमेशा जीवंत रहेंगे। सामाजिक कार्यों से जुडी पद्मश्री जनक पलटा तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रो. पी. एन. मिश्र तथा प्रो. आर. के. शुक्ल वरिष्ठ प्राध्यापक, डीए.विवि, इंदौर ने  उनसे जुडी स्मृतियों को ताजा कर याद किया। संचालन डॉ. बिंदिया तातेड ने किया। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम तथा देश के प्रथम सीडीएस विपिन रावत शोध पीठ के शुभारम्भ अवसर पर ब्राउस के संकायाध्यक्ष प्रो. डी.के. वर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी, प्रो. देवाशीष देवनाथ, प्रो. सुरेन्द्र पाठक, डॉ. मनीषा सक्सेना, कुलसचिव डॉ. अजय वर्मा, संध्या मालवीय, डॉ. दीपक कारभारी फ्री प्रेस के संपादक अर्सित गौतम तथा अतुल गौतम, ब्राउस के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. रामशंकर, देर. कौशलेंद्र वर्मा,  डॉ. अरुण कुमार, डॉ. पीसी बंसल, डॉ. धनराज डोंगरे, प्रदीप कुमार, डॉ. कृष्णा सिन्हा, लव चावडीकर, एवं आर्मी परिवार सहित सभी शिक्षक, अधिकारी तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।
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SAGAR : हेल्थ केयर एवं फ्रंटलाइन वर्करों का प्रिकॉशन डोज, 60 प्लस को बूस्टर डोज भी 10 जनवरी से ★ 2 लाख 43 हजार से अधिक का होगा वेक्सीनेशन


SAGAR : हेल्थ केयर एवं  फ्रंटलाइन वर्करों का प्रिकॉशन डोज, 60 प्लस को बूस्टर डोज भी 10 जनवरी से
★ 2 लाख 43 हजार से अधिक का होगा वेक्सीनेशन

सागर 28 दिसम्बर 2021
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी परिपेक्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हेल्थ केयर एवं  फ्रंटलाइन वर्करों को प्रिकॉशन डोज एवं 60 प्लस व्यक्तियों को बूस्टर डोज के साथ-साथ 15 से 18 वर्ष की बालक-बालिकाओं के लिए भी वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कलेक्टर श्री दीपक आर्य द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए सागर जिले की फ्रंट लाइन एवं हेल्थ एयर वर्कर के साथ-साथ 60 प्लस व्यक्तियों को प्रिकॉशन वैक्सीनेशन एवं बूस्टर डोज लगाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए ।

कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश बौद्ध, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एसआर रोशन द्वारा कार्रवाई करते हुए बताया कि फ्रंटलाइन एवं हेल्थ केयर वर्करों के साथ 60 प्लस व्यक्तियों का वैक्सीनेशन 10 जनवरी 2022 सोमवार से प्रारंभ किया जाना है ।

उन्होंने बताया कि सागर जिले में 12 हजार 695 से अधिक हेल्थ केयर वर्कर चिन्हित किए गए हैं। इसी प्रकार 15 हजार 400 से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर को चयनित किया गया है जिनको 10 जनवरी 2022 से प्रिकॉशन वैक्सीनेशन कराने हेतु कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

 जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ रोशन ने बताया कि इसी प्रकार 2 लाख 15 हजार 900 से अधिक 60 प्लस व्यक्तियों को बूस्टर डोज  हेतु चयनित किया गया है। यह बूस्टर डोज भी 10 जनवरी 2022 से प्रारंभ होगा ।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश बौद्ध ने बताया कि लगाने के लिए 60 प्लस व्यक्तियों को डॉक्टर का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर एवं हेल्थ केयर वर्कर के साथ-साथ 60 प्लस व्यक्तियों के वैक्सीनेशन के लिए 10 जनवरी 2022 के 2 दिन पूर्व से पंजीकरण की व्यवस्था प्रारंभ होगी जिसमें संबंधित व्यक्ति अपना पंजीकरण कराकर वैक्सीनेशन करा सकेगा।
 
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ रोशन ने बताया कि कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंटलाइन भरकर के साथ-साथ 60 प्लस व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है जो कि जिले में 2 लाख 43 हजार से अधिक है जिनका वैक्सीनेशन कराया  
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यह करुणा का सागर है तो बरसात होगी ही: नागर जी ★श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन

यह करुणा का सागर है तो बरसात होगी ही: नागर जी

★श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन

सागर ।  ग्राम पटकुई बरारू वृंदावन धाम परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के द्वितीय दिवस संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि यह सागर करुणा का सागर है जहां कथा शुरू होते ही बरसात हो गई |आपने कथा को समय दिया तो दूसरे दिन ही प्रभु ने बरसात के रूप  में लौटा दिया |  बरसात किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाए तो यह प्रभु की कृपा ही है| उन्होंने कहा कि संसार में सब कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन कभी सुख नहीं |इसी तरह दुख को बेचा नहीं जा सकता| जिनके कर्म अच्छे हैं तो सुख उनके पुण्य रूपी भंडार में जमा हो जाता है | हरि गुण गाने से ही पाप  घटता है| वृंदावन धाम के भव्य पंडाल में बड़ी संख्या में कथा श्रवण के लिए उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान कराते हुए पंडित कमल किशोर नागर जी ने कहा कि जब हमारा शरीर अच्छा है| सत्ता अच्छी है तो खाने का समय नहीं है |जब बुढ़ापा है, तब इच्छा अनुसार मिल नहीं रहा| यदि  बेटा बहू है तो दे नहीं रही या डॉक्टर ने मना कर दीया| इसलिए भोजन और भजन का मजा भी नई उम्र में ले लेना चाहिए |बाद के लिए मत छोड़ो| जवानी में भजन पुण्य किया तो पुण्य हमेशा जवान रहेगा, बुढ़ापे में किया तो पुण्य कमजोर ही रहेगा| पाप सब जवानी में कर डालें और पुण्य बुढ़ापे में किया तो गंतव्य तक नहीं पहुंचा  सकेगा| नागर जी ने कहा कि अपने जीवन में गाय की सेवा करके, सत्संग करके, ध्यान करके, माला जपके देखो कभी ब्लड प्रेशर नहीं होगा| ब्लड प्रेशर पहले नापना और यह सब करके नापना, अंतर समझ में आए तो यही करना और इसे प्रभु की कृपा समझना|
उन्होंने कहा कि जीवन में यह बात ध्यान रखें कि गाय पशु नहीं है, तुलसी वृक्ष नहीं है ,श्रीमद् भागवत कोई कहानी नहीं है और भारतवर्ष कोई मिट्टी का ढेला नहीं है| इन सबमें परमात्मा का वास है इनके प्रति श्रद्धा,भक्ति और विश्वास होना जरूरी है| संत ने कहा कि लोग रोटी की व्यवस्था तो कर लेते हैं लेकिन मुक्ति की व्यवस्था में पीछे रह जाते हैं| पेट खाली है इसकी चिंता है लेकिन हृदय  खाली है  उसका भी ध्यान करो|हृदय में भगवान का वास हो तो यह जीवन तर जाता है| संत श्री ने कहा कि वचन गुरु के और मानव तन यह दोनों अनमोल होते हैं| इन्हें बर्बाद मत करो| भगवान को पाने के लिए ह्रदय में भाव होना चाहिए| अपना भाव इतना बड़ा दो कि आसमान छुए, लेकिन भाव भागवत प्राप्ति के लिए होना चाहिए ना की सांसारिक वस्तुओं के लिए| संत श्री  ने कहा कि राम से राम का नाम बड़ा है, नारी से उसका सुहाग बड़ा है, पृथ्वी से आकाश बड़ा है, कृष्ण से उनकी कथा बड़ी है और मारने वाले से बचाने वाला सबसे बड़ा है|उन्होंने कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि उद्धव जी जब गोकुल गए तो लौटने में 2 महीने लगा दिए| कृष्ण जी ने जब कारण पूछा तो उद्धव जी ने कहा कि भगवन जो आनंद आपके भजन में है वह आनंद आप में नहीं है | यह बात गोपियों ने साबित कर दी|  भगवान आपसे बड़ी तो आप की कथा है| जो कथा को अवतार समझता है वह  अवसर है और इस अवसर को खोना नहीं चाहिए| संत श्री ने कहा कि मंदिर की मूर्ति को कभी पाषाण न समझे|मूर्ति बोलती नहीं है लेकिन भगवत दर्शन कराती है और कथा दर्शन नहीं देती लेकिन मोक्ष का मार्ग बताती है, इसलिए जीवन में दोनों को अपनाएं| उन्होंने कहा कि संसार में सुख की आशा मत करो जीवन में कष्ट ही कष्ट है| यह शरीर साथ नहीं जाएगा पर उससे किया भजन साथ जाएगा |पैसा साथ नहीं जाएगा लेकिन उससे किया गया पुण्य साथ जाएगा| इंसान आधा जीवन इकट्ठा करने में लगा देता है, फिर भी आधा जीवन उसका दाता की तरह नहीं बल्कि भिखारी  की तरह ही कटता है क्योंकि जिसके लिए कमाया अब वह उसके अधीन हो गया|  इसलिए हमेशा पुण्य कमाओ जो हमेशा साथ रहे|
कथा अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी, सागर विधायक शैलेंद्र जैन, खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी, मदन सिंह राजपूत, पृथ्वी सिंह ठाकुर, जगदीश गुरु, विनोद  गुरु, राजेश केसरवानी, सोहन केशरवानी, मोहन केशरवानी, राकेश राय बेगमगंज,राजेंद्र बरकोटी,नितिन राय सिलवानी के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे|


 प्रतिदिन प्रभात फेरी भजन कीर्तन भी
संत श्री कमल किशोर नागर जी द्वारा की जा रही श्रीमद् भागवत कथा स्थल पर प्रतिदिन 24 घंटे ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप किया जा रहा है|इंदौर से आए बाबूलाल जाट ने बताया कि इंदौर, शाजापुर, शुजालपुर आदि जगहों से 200 से अधिक श्रद्धालु आए हुए हैं| श्रीमद्भागवत प्रभात फेरी मंडल द्वारा प्रतिदिन सुबह भजन कीर्तन के साथ प्रभात फेरी निकाली जा रही है| कथा समय को छोड़कर शाम 5:00 बजे से सुबह 11:30 बजे तक प्रतिदिन जाप किया जा रहा है| जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं|


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सपन्नता के साथ सद्बुद्धि होना ही मगवत कृपा : नागरजी, ★ श्रीमद भागवत कथा का आयोजन

सपन्नता के साथ सद्बुद्धि होना ही मगवत कृपा : नागरजी, 
★ श्रीमद भागवत कथा का आयोजन






सागर | संपन्नता के साथ सद्बुद्धि यदि हो तो यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि दोनों का साथ कम ही होता है । सम्पन्नता के साथ यदि सद्‌बुद्धि है तो समझो यह प्रभु की कृपा है। धनी, सञ्चन्न लोग यदि धर्मीक्षा और जो हुआ में आगे आएं तो कागजकी गाय भी नहीं करेगी। उक्त अमृत वचन संत श्री कमल किशोर नागर ने ग्राम पटकई बाराए में श्रीम भागवत कथा के प्रथम डिवस श्रद्धालुओं के समझ व्यक्त किए। कथा के प्रारंभ से पूर्व मध्य कलश यात्रा पर निकाली गई।
श्रीमद भागवत कथा का श्रद्धालुओं को रसास्वादन कराते हुए संत कमल किशोर नागर ने कहा कि यदिगाय कर रही हैं तो इसका सारा पाप उन घनवानों को लगेगा जो इन्हें बचाने का कार्य कर सकते हैं। श्री नागरजी ने कहा कि अपनी संपूर्ण जीविका चलाते हुए मी ठाकुरजी को थोड़ा समय अवश्य देना। अगर ठाकुरजी को समय दोगे तो तुम्हें हाथों हाथ वापस भी मिलेगा। भगवान को जब घाव हुआ तो दोपडी ने अपनी साड़ी फाड़कर पट्टी बांधी और समय पर भगवान ने इतनी बड़ी साठी लोटाई कि दुःशासन स्वीचते थक गया। भगवान पर हमेशा मरोसा रखो। रखीचते संत श्री नागर जी ने कहा कि जीवन में तीन जगह समय अवश्य दो प्रथम जिसका समय खराब चल रहा तो इससे आपका खराब, दुखी समय से परिचय हो जाएगा दूसरा जो बीमार हो, उसका हालचाल जारा पूछना इससे आपका बीमारी से परिचय हो जाएगा, तीसरा घर में यदि कोई बुजुर्ग पलंग पर पड़ा हो तो उसे समय अवश्य देना तो आपका कभी बुढ़ापा नहीं बिगड़ेगा।

संत श्री ने कहा कि पुगवान बनने पर लोग पुड को सौभाग्य शाली मानते है लेकिन पहले इसका अनुभव तो लो । पुत्रवान तो बन सकते हो लेकिन पुण्यवान बनो । एकाघ पुत्रही अच्छा हो सकता है। यदि पुत्र अच्छा है तो आपका पुण्य अच्छा है। क्योंकि आज के हालात ऐसे है कि पिता वाकर पकड़कर चल रहा है और पुत्र कुत्ते की सोकल पकड़कर चल रहा है। जिस संतान के लिए हम जीवन लगा देते हैं और जब हम थक जाते हैं हमें उनके सहारे वी जायत होती है तब कहा जाता है अपना देख लो। यह ध्यान रखो जिसको समय दे रहे हो वह अलग हो जाएंगे और जिसे यानि भगवन को समय नहीं दे रहे वहीं साथ निभाएंगे | अतः‌भगवत को समय दें।




संत श्री नागर जी ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा मोस का ग्रंथ है। इसको सुनने धुंधकाटी जैसे दुष्ट, अत्याचारी को मोक्ष प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि सुख डाव, धन के पीछे भागने की बजाए भगवान के पीछे भागो उसी से मोक्ष मार्ग मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत विद्वानों को देश है बुद्धिमानों का नहीं। विद्वानों को परमपिता की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धिमानों को सबकुछ पैसा है! उन्होंने हम दुधमनों को तो बार्डर पर रोक रहे हैं लेकिन फैशन तेजी से भारत में घुस रहा है और संस्कृति कोनष्टकर रहा है। इसे रोकना होगा।

 कलश यात्रा -

श्री मङ् भागवत कथा के पूर्व पटवुई स्थित हरिहर मंदिर परिसर से गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री एवं श्याम बाबू केशरवानी सिरदर श्रीमद भागवत जी लेकर चल रहे थे। पीताम्बर बस्त्रों में सजी महिलाएं सिर पर कलश लिए मंगल गान करती चल रही थी। इस अवसर पर राजेश के शरवानी, सोहन मोहन केशरवानी, विधायक प्रदीप लारिया, राजकुमार धनौरा, मदनसिंह राजपूत, राकेशराय बेगमगंज, कृष्ण मोहन माहेश्वरी, राजेन्द्र बाकोरी, इंद्रजीत सिंह, जगदीश गुर, मोनू यादव, अनिल साहू, सौटम केशरवानी, रवीन्द्र चौरसिया, ओम प्रकाश केशरवानी, योगेन्द्र केशरवानी, कपिल केशरवानी, नितिन राय, प्रवीण आदि उपस्थित थे।




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