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अथ श्री राजनीति कथा.... ब्रजेश राजपूत /सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

अथ श्री राजनीति कथा....
ब्रजेश राजपूत /सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
वो शाम की भोपाल से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की फलाइट थी। इसमें दो ऐसे किरदार थे जो एक दूसरे से परिचित तो थे ही जो एक दूसरे के विरोधी भी थे विधानसभा के फलोर से लेकर चुनावी सभाओं और सार्वजनिक मंचों पर एक दूसरे के खिलाफ आग उगलते थे एक सूबे के सीएम रह चुके थे तो दूसरे सूबे के सामंत थे दोनों एक ही काम से दिल्ली जा रहे थे दोनों अपनी अपनी पार्टी की सेवा पर थे एक को अपना काम बनाना तो दूसरे को वही काम बिगाडना था आमने सामने पडे तो मुस्कुराये और अभिवादन किया मगर एक दूसरे को लेकर दोनों सशंकित भी हुये दोनों ने अपने अपनों को काल किया अरे वो भी है फलाइट में दोनों  को एक दूसरे से सतर्क रहने और अपने काम की भनक दूसरे को नहीं मिलने की चेतावनी मिली मगर दोनों समझ रहे थे कि दोनों एक ही मिशन पर हैं,, मिशन होली।
मिशन होली के किरदारों को राजधानी दिल्ली के बाहर उस बडे पांच  सितारा रिसार्ट में ठहराया गया था जो अपनी भव्यता और विशालता के लिये जाना जाता है। यहाँ  के अलग अलग कमरों में किरदार आकर ठहरते जा रहे थे कुछ को रूके एक दिन हुआ था तो कुछ दो दिन से ठहर कर यहां की अलौकिक सुविधाओं का उपभोग कर रहे थे। एक विशाल काया वाले किरदार ने आते ही इस रिसार्ट में स्पा की मांग की और दो दिन में ही उस पांच सितारा स्पा में हजारों रूप्ये का बिल बनवा दिया। मुफत की हडडी पर कबडडी का अलग ही मजा है तो बिना पैसों की परवाह किये सब इस रिसार्ट में आने वाले उन अच्छे दिनों की कल्पना करने में मगन थे और साथ मिलते ही अपना टाइम आयेगा का सुर मिलाते थे। ये सारे जनता से जुडे लोग थे मगर जनता की सेवा की शपथ और विचारधारा की बंदिश को रोज शाम सोडे में घोलकर पी रहे थे। ये किरदार अपने साथियों की संख्या दहाई में होने तक यहाँ  इंतजार कर रहे थे संख्या पूरी होने पर इनको किसी दूसरे दक्षिणी राज्य में जाकर ऐसी ही कुछ दिन और एकांतवास में फाइव स्टार तपस्या कराने की योजना तैयार थी। इन किरदारों के कुछ साथी जो प्रदेश के उत्तरी संभाग से जुडे थे हवाई जहाज से ना जाकर अपनी गाडी से ही यहाँ  पहुंचने का आश्वासन दे चुके थे मगर रात में रस रंजन करते हुये उनको पहुंचने में देरी हुयी तो देर रात वो दक्षिण दिल्ली के एक सरकारी ठिकाने पर जा ठहरे। सुबह उनको अपने इन साथियों से मिलने की योजना थी। रिसोर्ट में ठहरे किरदारों में एक दबंग महिला भी थी जो अपनी बिंदास शख्सियत के चलते सुर्खियों में रहती थी वो भी एक दिन पहले अपनी बेटी के  साथ यहाँ आ गयी थी मगर मिशन होली को जिस गोपनीयता से अंजाम दिया जा रहा था उतनी ही गोपनीयता से उन पर नजर भी रखी जा रही थी। इन किरदारों के विरोधियों ने पहले दिल्ली फिर भोपाल में ये बात फैलानी शुरू कर दी कि कुछ लोग जनता के साथ छल करने जा रहे हैं और इसके लिये इन किरदारों को करोडों रूप्ये का नजराना दिया जा रहा है। ये किरदार इस शोर शराबे के बाद भी जाग जाते तो इनका मकसद कामयाब हो जाता मगर ऐशो आराम में दिमाग भी थोडा सुस्त हो जाता है। इन सबकी नींद तब उडी जब एक रात यहां पर अचानक हंगामा होने लगा। यहां ठहरे किसी किरदार के सुरक्षा कर्मी ने यहां की सारी लोकेशन जिन लोगों को दी वहीं लोग इंडिगो की फलाइट से भागे भागे आये और सीधे यहाँ  पहुंचे। इन लोगों ने आरोप लगाया कि इन सारे किरदारों को बंधक बनाया गया है मगर जो बंधक थे वो बंधक होने के लिये ही यहां आये थे इसलिये उनमें से कोई भी उनको कठित तौर पर छुडाने पहुँचे  लोगों के साथ आने को तैयार नहीं थे। पहले इन लोगों को एक आदिवासी बुजुर्ग किरदार दिखे उनको उनके कमरे में घुसकर उनकी उमर और विचारधारा का हवाला देकर पैर छूकर वापस चलने को कहा मगर जो लोग इनको लाये थे उनको खबर लग गयी और फिर क्या था कथित बंधक के संरक्षकों और कथित रक्षकों के बीच होने लगी हुज्जत झुमा झटकी गाली गलौज, बंधक जाने को तैयार नहीं ऐसे में रक्षक ढीले पड गये उनके सामने ही बुजुर्गवार को दूसरे कमरे में जाया गया जहाँ पहले से ही तीन दूसरे किरदार ठहरे थे। रक्षक पार्टी ने फिर दबंग महिला किरदार के कमरे क रूख किया क्योंकि उम्मीद थी कि वो वाकई बंधक होगी मगर ये क्या ये कथित बंधक भी इन रक्षकों को खरी खोटी सुनाने लगी। ऐसे में रक्षक फिर ढीले पड गये मगर एक मौका ऐसा आया कि रक्षकों ने कमरा बंद कर महिला का संवाद उनसे करा दिया जिनके कहने पर ये इनको छुडाने आये थे और ऐसे में काम आयी महिला की बेटी जिसने मां को इस लडाई झगडे के बीच निकल चलने को कहा जैसा कि आजकल होता है ऐसी मारामारी में पीडित पक्ष का सहारा मोबाइल का वीडियो कैमरा ही होता है तो लगातार इन सारे दश्यों की रिकार्डिंग की जाने लगी। ये रिकार्डिग सुबह सुबह समाचार चैनलों पर हैडलाइन के रूप में चली। उधर रक्षक लोग इस किरदार को लेकर उसी सरकारी रिहाइश पर पहुन्चे  जहां पर देर हो जाने के कारण गुरूग्राम के गु्रप से जुडने जा रहे किरदार आकर थोडी देर के लिये रूके हुये थे। रक्षकों को मुंहमांगी मुराद मिल गयी कुल मिलाकर चार किरदार हो गये जिनको बंधक बनाने का दावा किया जा रहा था उधर इस मारामारी में गुरूगांव के चार किरदारों को उनके साथी दक्षिणी राज्य के और आलीशान एकांतवास में ले गये। उधर हाथ आये बंधकों को रक्षक शान से सरकारी पुष्पक विमान में बैठाकर राजधानी लाये। उधर दक्षिण गये बंधक एकांतवास के ऐश का भंडाफोड होने पर घबडाये हैं और उनमें से एक किरदार वापस आये हैं। इस वापसी को लोकतंत्र की जीत बताया जा रहा हैं मगर मेरी नजर में लोकतंत्र तो उसी दिन हार गया जब ये किरदार नजराना लेने इस रिसार्ट में पहुंचे थे। 
( कथा के किरदार काल्पनिक हैं यदि किसी का साम्य होतो वो केवल संयोग है )
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज़ भोपाल
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MP बोर्ड: 10 वी की परीक्षा,विवादित सवाल के दोनों प्रश्न को किया बाहर, नहीं जोड़े जाएंगे अंक, दो शिक्षक निलंबित, राष्ट्रीय बाल आधिकार सरक्षण आयोग का नोटिस

MP बोर्ड: 10 वी की परीक्षा,विवादित सवाल के दोनों प्रश्न को किया बाहर, नहीं जोड़े जाएंगे अंक, दो शिक्षक निलंबित, राष्ट्रीय बाल आधिकार सरक्षण आयोग का नोटिस

भोपाल। Mp बोर्ड की कक्षा 10 वी की  सम्पन्न हुए  सामाजिक विज्ञान के पेपर में दो प्रश्न का उत्तर एक ही दर्शाये जाने के चलते दो शिक्षको को  स्कूल शिक्षा आयुक्त ने निलंबित किये जाने के आदेश किये हैंं।आज प्रदेश मेंं हाईस्कूल  के सामाजिक विज्ञान की परीक्षा नियत समय पर सम्पन्न हुई। परीक्षा होने उपरांत उक्त विषय के वरिष्ठ जानकार के द्वारा प्रश्न पत्र का बारीकी से अध्ययन किया गया जिसमें पाया गया कि प्रश्न स में जोड़ी मिलाइये में  v एवं प्रश्न 26 के  मानचित्र में निम्न लिखित को दर्शइये के भाग 3 में आजाद कश्मीर का उल्लेख किया गया था। जो आपत्तिजनक था। इसको लेकर राजनीतिक बवाल भी मचा। भाजपा ने जमकर आलोचना की। 
 लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त  ने सामाजिक विज्ञान के पेपर को फाइनल करने वाले रायसेन जिले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  के शिक्षक नितिन सिंह जाट व प्रश्न पत्र के मोडरेटर रजनीश जैन तेंदूखेड़ा जिला नरसिंहपुर को कार्य में लापरवाही के चलते  नें निलंबित कर दिया है। और उक्त प्रश्न पत्र से दोनों प्रश्नों को बाहर करते हुए  100 की जगह 90 नंबर से मूल्यांकन करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
इस मामले को  राष्ट्रीय बाल आधिकार सरक्षण आयोग ने सज्ञान लेते हुए नोटिस भी भेजा है। 

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हिंदी लेखिका संघ की काव्य गोष्टी महिला दिवस और कंडो की होली पर केंद्रित रही

हिंदी लेखिका संघ की काव्य गोष्टी महिला दिवस और कंडो की होली पर  केंद्रित रही
हिन्दी लेखिका संघ सागर इकाई की काव्य गोष्ठी महिला दिवस और होली कंडो की  पर केंद्रित रही।जिसमे  होली जलाने का संदेश देती कविताओं के साथ नारी उठान को प्रोत्साहित करती कविताओं का का पाठ किया गया।  काव्य गोष्ठी सुनीला सराफ की अध्यक्षता में डा. शरद सिंह के मुख्य आतिथ्य में एवं डा. वर्षा सिंह के विशिष्ट आतिथ्य में समप्न्न हुई ।गोष्ठी का संचालन क्लीम् राय ने किया आभार डा. नम्रता ने माना।काव्य गोष्ठी डा.नम्रता फुसकेले के निवास पर आययोजित हुई।
 महिला दिवस एवं होली पर कैसे बचाये पर्यावरण पर सभी महिलाओं ने कंड़ों की होली जलाने का संदेश दिया एवं नारी के उत्थान को प्रोत्साहित करती हुई कवितायें एवं उद्गार व्यक्त किये।गोष्ठी में निधी यादव, डा. वंदना गुप्ता राज श्री दवे, स्मिता गोडबोले,ऊषा वर्मन,ज्योति झुड़ेले, विनीता केशरवानी,जयंती सिंह ,ज्योति विश्वकर्मा,नंदनी चौधरी, डा. चंचला दवे, पुष्पलता पांण्डे , देवकी नायक ,कंचन केशरवानी,ज्योति तिवारी,शशी दीक्षित, डा. शरद सिंह ,डा.वर्षा सिंह ,सुनीला सराफ, नम्रता फुसकेले ने कावयपाठ किया एवं कंड़ों की होली जलाने की शपथ ली।
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सीएम का पत्र वचन पत्र के बाद मध्यप्रदेश की जनता के साथ दूसरा धोखा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, सीएम की चिट्ठी का जवाब

सीएम का पत्र वचन पत्र के बाद मध्यप्रदेश की जनता के साथ दूसरा धोखा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा,
सीएम की चिट्ठी का जवाब

#सीएम कमलनाथ की चिट्ठी के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र

भोपाल। प्रदेश के राजनेतिक घटनाक्रमो में अब चिट्ठी शुरू हो गई है । सीएम कमलनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम दिन में पत्र लिखा और भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। इसके जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी ड़ी शर्मा ने भी एक पत्र सीएम कमलनाथ को लिखा। प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के पत्र की इबारत कुछ इस तरह है।

माननीय कमलनाथ जी

नमस्कार।
आपके द्वारा प्रदेशवासियों के नाम जारी पत्र भावनाओं के आडंबर और शब्दों के कूट संयोजन कीदृष्टि से उत्तम कहा जा सकता है। लेकिन दुख की बात यह है कि यह पत्र आपके वचन पत्र के बाद मध्यप्रदेश की जनता के साथ दूसरा धोखा है। इस बार तो आपने यह कहकर दुस्साहस की पराकाष्ठा पारकर दी है कि आप मध्यप्रदेश को प्रगति की राह पर ले जाना चाहते है और भारतीय जनता पार्टी इस कार्य में
बाधक बनी हुई है। आपने यह तो लिखा है कि हम लोग कदाचरण कर रहे है, लेकिन आपको यह भी लिखनाचाहिए था कि आपके द्वारा मध्यप्रदेश को तबाही और बर्बादी के रास्ते पर ले जाने के लिए चलाया जा रहाअभियान कौन से सदाचरण की परिधि में आता है ? आप लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई देते हुए हमारे उपर
सत्ता लोलुपता का आरोप लगाने से पहले स्पष्ट करते कि आप अल्पमत की सरकार बचाए रखने के लिएकौन-कौन से हथकंडे अपनाते है ? तो अच्छा होता।आपने प्रदेश से माफियाराज समाप्त करने का बड़ा प्रभावी वक्तव्य दिया है लेकिन अपने मंत्रियों औरविधायकों के उन बयानों का उल्लेख नहीं किया जो स्पष्ट करते है कि आपकी सरकार में रेत और शराबमाफिया किस कदर हावी है। आपकी पूरी उर्जा प्रदेशवासियों को शराब के नशे में डुबो देने में क्यों लगी है ?
भारतीय समाज में संस्कारों की धुरी कही जाने वाली महिलाओं को भी नशे में डुबोने के प्रयासों की आहट परभी आपको मुंह खोलना चाहिए। बहुत ही निर्लज्जता के साथ आपने किसानों की कर्जमाफी और युवाओं कोरोजगार देने का ढिंढोरा पीटा है। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी, ऐसा करते समय आपको अपने पद की
गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। यदि किसानों का कर्जामाफ हो चुका है तो फिर कर्जमाफी का पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा चरण क्या स्पष्ट करता है? नैतिकता है तो आप प्रदेश के एक युवा का नाम बताइए जिसेबेरोजगारी भत्ता दिया गया है। आपने तो प्रधानमंत्री आवास योजना के 2 लाख से अधिक मकान वापसलौटाकर 2 लाख गरीब परिवारों से छत छीनने का पाप किया है।आपके 40 साल के राजनैतिक जीवन पर टिप्पणी करना व्यक्तिगत जीवन में झांकने की दृष्टि से ठीक नहीं है, लेकिन आपने स्वयं यह विषय छेड़ा है इसलिए हम जानना चाहते है कि 1984 के सिख विरोधी दंगोंमें आपकी भूमिका क्या थी? आपने केन्द्रीय मंत्री रहते मध्यप्रदेश के लिए कितना बड़ा दिल किया था, यह भीस्पष्ट करते तो अच्छा होता? तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रति आपने जिन शब्दों का प्रयोग किया था, क्या वहआपकी राजनैतिक शालीनता का द्योतक है? आज जब आप प्रशासनिक मशीनरी का भारी दुरूपयोग करतेहुए अपने राजनैतिक विरोधियों पर कहर बरपा रहे है और दूसरी ओर अपने दल के तमाम नेताओं कीमाफियागिरी को प्रश्रय दे रहे हैं, तब आपको राजनैतिक शुचिता की बात करते हुए लज्जा आनी चाहिए।
मध्यप्रदेश में आयी राजनैतिक अस्थिरता के कारण आपके भीतर उपजी घबराहट हम समझ सकते है,लेकिन इसका कारण स्वयं आप और आपके सिपहसालार है, भारतीय जनता पार्टी नहीं। आपके कुनबे में एक
दूसरे को नीचा दिखाने और पद पाने की होड में जो सिर फुटव्वल हो रही है उसे अनदेखा करने के लिएआपको बधाई। आप तो अपने ही दल के उन विधायकों के चरित्र पर उंगुली उठा रहे है जो स्वयं किसी भीप्रकार की सौदेबाजी का खंडन कर रहे है। बहरहाल भाजपा एक सजग राजनैतिक दल है और हमारा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकार से लोककल्याणकारी राज्य की अपेक्षा की जाती है। इसके ठीक विपरीत
आप लोक विनाशकारी मार्ग पर चल पड़े हैं। इसलिए हम अपने राजनैतिक धर्म का पालन करते हुए आपकीजनविरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला कर रहे है और करते रहेंगे।

सादर !

विष्णु दत्त शर्मा


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विधायको की सुरक्षा को लेकर नेता प्रतिपक्ष मिले राज्यपाल से,इधर पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह की Y सुरक्षा हटाई

विधायको की सुरक्षा को लेकर नेता प्रतिपक्ष मिले राज्यपाल से ,इधर पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह की Y सुरक्षा हटाई

सागर।  एमपी में ऑपरेशन लोटस से जुड़े भाजपा नेताओं के खिलाफ कमलनाथ सरकार की बदले की कार्यवाही और विधायकों की सुरक्षा का मामला गरमाया हुआ है । पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक खुरई  भूपेंद्र सिंह  से Y श्रेणी की सुरक्षा हटाई गई । इसे राजनीतिक हलकों में ऑपरेशन लोटस से जुड़े अहम नेताओं के खिलाफ बदले की कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है । दो दिन पहले एक अतिक्रमण के मामले में न्यायालय नायब तहसीलदार सागर ने कारण बतायो नोटिस भी दिया था। पूर्व मंत्री संजय पाठक की खदान बन्द कराने के बाद आज उनके रिसोर्ट के पुराने हिस्से को तोड़ा गया ।
 वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह  के गृह मंत्री रहते हुए सिमी के आतंकवादियों से एनकाउन्टर हुआ था। जिसमे सिमी के 8 सदस्य मारे गए थे।इसके चलते यह सुरक्षा दी गई थी।  सिमी के निशाने पर होने के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा Y श्रेणी की सुरक्षा हटाई गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से मिले
भाजपा विधायकों पर सरकार द्वारा द्वेषपूर्ण कार्यवाही किये जाने एवं उनकी सुरक्षा हटाएँ जाने पर विधायकों एवं उनके परिवार के जीवन की सुरक्षा की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल लाल जी टण्डन से मुलाकात की और ज्ञापन सौपा।विधायको की सुरक्षा को लेकर  नेता प्रतिपक्ष गोपाल  भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति को एक पत्र भी दिया है। 
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नाबालिग पर हमला करने एवं जान से मारने वाले अभियुक्त को 10 वर्ष की सजा

नाबालिग पर हमला करने एवं जान से मारने वाले अभियुक्त को 10 वर्ष की सजा
सागर। न्यायालय-नवम अपर सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि के न्यायालय ने आरोपी हेमंत उर्फ गोलू अहिरवार पिता घनष्याम निवासी ग्राम सतोरिया थाना बीना जिला सागर को भादवि की धारा 307 में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000 रूपये के जुर्माना तथा धारा 11/12 पाक्सो एक्ट मंे 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अनन्य विषेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी राजीव रूसिया एवं वरिष्ठ एडीपीओ रिपा जैन ने की।
प्रकरण का विवरण इस प्रकार है कि उत्तरजीवी ने दिनांक-11.03.2019 को इस आषय की देहाती नालसी लेख कराई कि उसे हेमंत उर्फ गोलू अहिरवार स्कूल आते जाते परेषान करता था। दिनांक-11.03.2019 को जब वह सुबह 11 बजे स्कूल से परीक्षा देकर घर लौट रही थी तो रास्ते में उसे आरोपी मिला और गंदे गंदे इषारे करने लगा तथा उसका रास्ता रोककर गालियाॅं देने लगा और बात न करने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद आरोपी ने उसकी चोटी पकड़कर चाकू से उसके चेहरे पर कई बार मारा जिससे उसे चेहरे पर चोट लगी और खून निकलने लगा। उक्त सूचना के आधार पर आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना बीना में धारा 341, 294, 354डी, 324, 506, 509 भादवि एवं धारा 11/12 पाक्सो एक्ट की रिपोर्ट लेख कराई गई और मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण मंे धारा 307 भादवि का इजाफा किया गया। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जिसके आधार पर नवम अपर सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि की अदालत ने आरोपी हेमंत उर्फ गोलू अहिरवार पिता घनष्याम निवासी ग्राम सतोरिया थाना बीना जिला सागर को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 307 में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000 रूपये के जुर्माना तथा धारा 11/12 पाक्सो एक्ट मंे 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया।
मारपीट करने वाले आरोपियों को 3 वर्ष का कठोर कारावास

सागर। न्यायालय-सप्तम अपर सत्र न्यायाधीष नवनीत कुमार बालिया के न्यायालय ने आरोपी नीरज पिता बाबूलाल उम्र 20 वर्ष एवं उंगा उर्फ गुड्डा पिता दौलत दोनों निवासी ग्राम कपूरिया थाना केन्ट जिला सागर को भादवि की धारा 341 में 1 माह का कारावास एवं धारा 329 में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अति. जिला अभियोजन अधिकारी षिवसंजय ने की।

 

प्रकरण का विवरण इस प्रकार है कि फरियादी सतीष गुप्ता ने दिनांक-11.04.2014 को इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह सोयाबीन प्लांग भैंसा में चाय की होटल करता है। दिनांक-11.04.2014 को वह अपनी दुकान बंद कर साईकिल से अपने घर आ रहा था। बीच की पुलिया के पास रात करीब 8.30 बजे पहुॅंचा तो दो आदमी जिसमें से एक व्यक्ति चैनु का भाई टपरा कपूरिया का तथा एक व्यक्ति काला सा जिसका नाम नहीं जानता शक्ल से पहचानता है मिले और रास्ते में रोक लिया तथा गाली देते हुए शराब पीने के लिए पैसे मांगने लगे। पैसा न देने पर उसके साथ हाथ मुक्कों से मारपीट की जिससे उसके मुंह एवं दाॅंत में चोट आई और खून बहने लगा। दोनों व्यक्ति उसे जाने से मारने की धमकी भी दे रहे थे। उक्त रिपोर्ट पर से थाना केन्ट द्वारा धारा 341, 294, 506, 327, 323/34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण में धारा 329 का इजाफा किया गया। अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेष किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला आरोपीगण के विरूद्ध धारा 341, 329 में संदेह से परे प्रमाणित किया। जिसके आधार पर सप्तम अपर सत्र न्यायाधीष नवनीत कुमार बालिया की अदालत ने आरोपी नीरज पिता बाबूलाल उम्र 20 वर्ष एवं उंगा उर्फ गुड्डा पिता दौलत दोनों निवासी ग्राम कपूरिया थाना केन्ट जिला सागर को भादवि की धारा 341 में 1 माह का कारावास एवं धारा 329 में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया


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