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महिला दिवस: SAGAR जिले में तीन दर्जन से अधिक महिला प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी एवं पत्रकार लिये है जनता की आवाज को उठाने का संकल्प

महिला दिवस: SAGAR जिले में तीन दर्जन से अधिक महिला प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी एवं पत्रकार लिये है जनता की आवाज को उठाने का संकल्प 

सागर। यह माना जाता है कि महिलाएं अधिक संवेदनशील होती हैं क्योंकि वह घर- परिवार की संरचना से बहुत गहराई से जुड़ी होती हैं। रिश्तों और पारस्परिक संबंधों को वे भावनात्मक रूप से देखती हैं तथा स्वीकार करती हैं। इसीलिए जब कोई समस्या किसी व्यक्ति पर आती है तो उनका दृष्टिकोण अपनत्व भरा और संवेदनशील होता है। इसीलिए जिले की सभी महिला अधिकारी अपनी क्षमता से बढ़कर आम जनता की सेवा में तत्पर रहती हैं। उनके दृढ़ निश्चय को  कोरोना आपदा का भयानक दौर भी प्रभावित नहीं कर सका।  आज भी जिले की सभी महिला अधिकारी पूरे सेवा भाव से अपने कर्तव्य को निभा रही हैं।तीन दर्जन से अधिक प्रशासनिक, पुलिस  महिला अधिकारी  एवं महिला पत्रकार जिले की 23 लाख से अधिक आबादी को शासन की हितकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का लिए संकल्पित हैं।



सागर जिले की 2011 की जनसंख्या में 11 लाख से अधिक मातृशक्ति हैं । जबकि 2020 की अनुमानित जनसंख्या में 13 लाख से अधिक मातृशक्ति होगी
 बात करें 2011 में महिला साक्षरता की तो जिले में 635112 महिलाएं साक्षर हैं इस प्रकार 67 दशमलव 27 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं।
यह आज की बात नहीं स्वतंत्रता संग्राम में भी महिलाओं का योगदान रहा है स्वयं की कामयाबी के साथ ही जैसा कि कहा जाता है हर सफल पुरुष के पीछे कोई महिला का हाथ होता है तो महिला स्वयं के विकास के साथ परिवार एवं समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं ऐसी ही कुछ महिला अधिकारी हैं जिनमें उपायुक्त राजस्व श्रीमती शीतला पटले आईएएस संभाग आयुक्त कार्यालय में पदस्थ होकर संपूर्ण संभाग के राजस्व प्रकरणों का निराकरण बखूबी निभा रही हैं ।
अनुविभागीय अधिकारी एवं नगर दंडाधिकारी का दायित्व संभाल रहीं श्रीमती सपना त्रिपाठी प्रतिदिन 24 घंटे दायित्व निर्वहन कर रही है। श्रीमती सपना त्रिपाठी अपने कार्यों के साथ-साथ प्रोटोकॉल को भी लगातार संभाल रही हैं ।
साथ में सुश्री शशि मिश्रा डिप्टी कलेक्टर कलेक्टर कार्यालय के विभिन्न विभागों के कार्यों को संभाल रही है।
 इसी प्रकार जिले की वरिष्ठ महिला अधिकारी एवं उद्योग विभाग के महाप्रबंधक श्रीमती मंदाकिनी पांडे के द्वारा जहां जिले में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं वहीं एक जिला एक उत्पाद के तहत खाई में चयनित कृषि यंत्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार कलेक्टर श्री दीपक आर्य के साथ लगातार प्रयास कर रही हैं।
वही जिला परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती रचना बुधौलिया एवं सहायक परियोजना अधिकारी श्रीमती सोनम नामदेव जिले की आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन एवं कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।अब बात करें नगरीय निकायों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की जो कि लगातार अपने अपने क्षेत्रों में स्वच्छता एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए 24 घंटे कार्यरत हैं उनमें श्रीमती ज्योति शिवहरे ,सुश्री सुरेखा जाटव लगातार प्रातः काल से ही कार्य पर निकल पड़ती है।
 इसी प्रकार जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जो कि अपने-अपने जनपद पंचायतों के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में निवासरत व्यक्तियों के लिए विभिन्न शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं उनमें सागर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुश्री मनीषा चतुर्वेदी, जनपद पंचायत बंडा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रतिष्ठा जैन ,जनपद पंचायत केसली की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री पूजा जैन लगातार कार्य करते हुए शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रही है ।




राजस्व अधिकारियों में सुश्री सोनम पांडे ,श्रीमती रितु सिंघई ,सुश्री प्रिंसी जैन नायब तहसीलदार के पद पर कार् करते हुए राजस्व के प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में कर रही हैं। इसी प्रकार सहायक खाद्य अधिकारी श्रीमती चारू जैन , नियुक्ति उमरिया, सुश्री पलक खरे द्वारा अपने अपने क्षेत्र में उचित मूल्य की राशन दुकानों की जांच कर समय पर राशन उपलब्ध कराने में निरंतर कार्यरत हैं ।

बात करें स्वास्थ्य विभाग की तो स्वास्थ्य विभाग में भी संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ नीना गीड़ियन एवं सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय श्रीमती डॉक्टर ज्योति चौहान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ना केवल प्रशासनिक कसावट ला रही हैं बल्कि समय पर अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं ।
सुश्री साधना सिंह लोक निर्माण विभाग सेतु मैं इंजीनियर के पद पर पदस्थ रहते हुए लगातार अपने कर्तव्यों पर कार्य कर रही हैं बात करें शिक्षा विभाग की तो यहां पदस्थ श्रीमती रेणु परस्ती विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता एवं अन्य शैक्षणिक के साथ अकादमीक कार्य कर रही हैं ।एवं श्रीमती मनीषा एलेग्जेंडर जिला शिक्षा अधिकारी में कार्यालय में पदस्थ होकर अपने कार्य कर रही हैं ।



अब बात करें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की तो संभागीय जनसंपर्क कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ श्रीमती सौम्या समैया लगातार जिले एवं संभाग की शासकीय समाचारों का संकलन कर बखूबी उनका प्रचार प्रसार अखबार एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कर रही हैं ।
इसी प्रकार सागर जिले में सुश्री वंदना तोमर जोकि वरिष्ठ पत्रकार एवं अधिवक्ता भी हैं इनकी लेखनी से संपूर्ण जिला इनको कलम का धनी मानता है .।



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श्रीमती रीशू जैन जो कि एक अखबार में रिपोर्टर के रूप में कार्यरत हैं अपने दिए गए दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रही है। इसी प्रकार सुश्री निधि जैन जिला रजिस्ट्रार पंजीयन कार्यालय में लगातार शासन के राजस्व बढ़ाने के लिए अवकाश के दिनों में भी कार्यालय में कार्य कर रही हैं।
अब बात करें पुलिस विभाग की जो कि 24 घंटे 365 दिन अपने कर्तव्यों पर कार्य करते हुए परिवार के साथ साथ जन सुरक्षा का कार्य कर रही हैं उनमें सुश्री पूजा शर्मा अनुविभागीय अधिकारी देवरी, श्रीमती प्रिया सिंह नगर पुलिस अधीक्षक मकरोनिया, श्रीमती उपमा सिंह, श्रीमती अनुपमा शर्मा, श्रीमती संगीता सिंह, श्रीमती रीता सिंह, श्रीमती उमा आर्य, सुश्री नेहा धाकड़ विभिन्न थानों में थाना प्रभारी के रूप में अपने अपने क्षेत्र की नागरिकों को सुरक्षा प्रदान कर रही हैं।

(संकलन : मनोज नेमा )

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राज्यपाल के अभिभाषण में है समृद्ध मध्यप्रदेश की समग्र तस्वीरः मंत्री भूपेंद्र सिंह

राज्यपाल के अभिभाषण में है समृद्ध मध्यप्रदेश की समग्र तस्वीरः मंत्री भूपेंद्र सिंह
सागर।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा विधानसभा में दिए गए अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उनके अभिभाषण में समावेशी, सर्वस्पर्शी भावना के साथ सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर तेजी आगे बढ़ रहे प्रदेश की समग्र तस्वीर प्रस्तुत की गई है। यह एक ऐसे स्वच्छ और विकास की ओर अग्रगामी प्रदेश की तस्वीर है जिसमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रह कर गरीब, किसान, मध्यमवर्ग, वंचितों और पिछड़ों के कल्याण का ध्यान रखते हुए प्रत्येक ग्राम व नगर के सांस्कृतिक गौरव को स्थान दिया गया है।_
 मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्ष में प्रदेश के किसानों के खातों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और सम्मान निधि योजनाओं के द्वारा 15 हजार करोड़ रूपए की राशि अंतरित की गई है। इससे कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में किसानों की आर्थिक स्थिति संभली और राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रवाह बना रहा। प्रदेश के 4 करोड़ 94 लाख लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा का लाभ मिल रहा है साथ ही लगभग 50 लाख नये हितग्राहियों को इससे जोड़ कर पर्चियों के द्वारा एक रूपए किलो की दर से राशन का वितरण किया जा रहा है। 



*


     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना ऐसे गरीब मजदूर वर्ग के लिए वरदान साबित हुई है जो विकास की दौड़ में पीछे रह गये हैं। इस योजना में अब तक 3 लाख 29 हजार हितग्राहियों को 2 हजार 742 करोड़ रूपए से अधिक का हितलाभ पहुँचाया गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में देश में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। 


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     अभिभाषण में पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य सरकार के योगदान को रेखांकित करते हुए श्री सिंह ने बताया कि ओबीसी वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन और ओबीसी आरक्षण के हित में लंबित न्यायालयीन प्रकरणों में सरकार द्वारा पूरी मजबूती से पक्ष रखे जाने से यह प्रतिबद्धता स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि जिन विषयों में प्रकरण लंबित नहीं हैं उन सभी विषयों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की कार्यवाही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार ने ही की है। पंचायत निर्वाचन की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कराने के लिए मध्यप्रदेश की विधानसभा में सर्वसम्मति से संकल्प पारित कराया गया है। 



     नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक गांव, कस्बे और शहर का गौरवदिवस मनाने की जो परंपरा आरंभ की गई है उसमें हम सभी पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल जी की भावनाओं की झलक मिलती है जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे लिए भारतवर्ष भूमि का टुकड़ा नहीं है बल्कि जीता जागता राष्ट्र पुरुष है। यही भाव सभी को अपने ग्रामों और नगरों के विषय में रखने चाहिए। 



     गौरव दिवस मना कर हम इनकी जीवंतता का उत्सव मनाएंगे और इनकी सेवा, स्वच्छता और प्रगति का संकल्प सिद्ध कर पाएंगे। श्री सिंह ने कहा कि स्चच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश का लगातार दो बार देश में तीसरे स्थान पर आना और इंदौर निरंतर पाँचवी बार पहले स्थान पर आना गौरव के ही संकेत हैं। प्रदेश के छह शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता सम्मान मिला है और 27 शहरों स्टार रेटिंग मिली है। यह निस्संदेह प्रदेश की जनता और सरकार के सार्थक समन्वय और श्रम का परिणाम है। 

     मंत्री श्री सिंह ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में प्रदेश के लिए 4 हजार 914 करोड़ रुपए से अधिक की तथा अमृत योजना 2.0 में अगले पांच वर्ष के लिए 11 हजार 680 करोड़ रुपए से अधिक की योजना की स्वीकृति मिल गई है। उज्जैन में महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार परियोजना के तहत 714 करोड़ रुपए से अधिक लागत से महाकाल मंदिर परिसर को भव्य स्वरुप प्रदान किये जाने के कार्य एतिहासिक हैं। 




     सागर में 1500 मेगावाट के सोलर प्लांट के लिए जमीन चिंहित की जा चुकी है। बुदेलखंड सहित अन्य क्षेत्रों के 248 किसानों के यहां नवीन पान बरेजों की स्थापना के कार्य बताते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की सरकार सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पूज्य संत शिरोमणी श्री रविदास जी महाराज जी की इस भावना से प्रेरित है- 
_ऐसा चाहूँ राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न,_
_छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022
सागर । अपने दम पर कुछ करने का हुनर हो तो दुनिया भी आपको पुरुषिष्कृत करती ही है। ऐसे ही शहर का एक एक जानी मानी हस्ती और सागर, मध्य प्रदेश से एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरीन खान को। विमेंस डे के अवसर पर रक्षा दी सेवियर फाउंडेशन! एवं ग्लोबल न्यूज़ एंड गवर्नेंस की ओर से डिप्टी स्पीकर हॉल, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग, नई दिल्ली में भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत किया गया।




जैसा कि आप मध्य प्रदेश, भारत से पुरस्कृत हैं। समारोह के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने जा रहे हैं। कार्यक्रम में श्री एफएस कुलस्ते, केंद्रीय राज्य मंत्री, भारत सरकार और न्यायमूर्ति श्रीमती ज्ञान सुधा जी मिश्रा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय इस विशेष अवसर के लिए मुख्य अतिथियों की उपस्थिति रही।
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डॉ गौर विवि में वेस्ट जोन अंतर विवि पुरुष खो-खो प्रतियोगिता 10 मार्च से, 65 विश्वविद्यालय लेंगे हिस्सा ★ खेल से संबंध आत्मीय एवं प्रगाढ़ होते हैं- कुलपति

डॉ गौर विवि में वेस्ट जोन अंतर विवि पुरुष खो-खो प्रतियोगिता 10 मार्च  से, 65 विश्वविद्यालय लेंगे हिस्सा

 ★ खेल से संबंध आत्मीय एवं प्रगाढ़ होते हैं- कुलपति

 

सागर. 07 मार्च. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में वेस्ट जोन अंतर-विश्वविद्यालय पुरुष खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 10 से 13 मार्च 2022 तक किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता में पश्चिम क्षेत्र की 65 विश्वविद्यालय प्रतिभागिता करेंगे. इस अवसर पर आयोजित प्रेस-वार्ता में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कोरोना की लम्बी अवधि के बाद विश्वविद्यालय परिसर में खेल गतिविधि एक बड़े आयोजन के साथ शुरू हो रही है. भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा चार दिवसीय खो-खो (पुरुष) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. खेल से संबंध आत्मीय और प्रगाढ़ होते हैं और हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है, इसलिए खेल से जुड़े रहना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति में खेल की भावना होनी चाहिए. 

सागर का बढा गौरव...अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : एडुकासियो वर्ल्ड की फाउंडर एवं सीईओ मिस फरहीन खान को मिला भारतीय वीर नारी रक्षा पुरस्कार 2022


महिला दिवस: SAGAR जिले में तीन दर्जन से अधिक महिला प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी एवं पत्रकार लिये है जनता की आवाज को उठाने का संकल्प


शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. रत्नेश दास ने 10 से 13 मार्च तक चलने वाली प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और आयोजित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मानदंड के अनुसार निर्णायक मंडल को भी आमंत्रित किया गया है सभी प्रतियोगी टीम के आवास-भोजन इत्यादि की व्यवस्था विश्वविद्यालय परिसर में की गई है. कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने सभी पत्रकार गणों का आभार प्रकट किया.

 राज्यपाल के अभिभाषण में है समृद्ध मध्यप्रदेश की समग्र तस्वीरः मंत्री भूपेंद्र सिंह


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर


पूर्व में भी विश्वविद्यालय में हुई हैं अंतर-विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताएं 

प्रो. दास ने बताया कि विश्वविद्यालय खेल परिसर में वर्ष 2002 में बैडमिन्टन, 2010-11 में टेबल-टेनिस, 2011-12 में हॉकी एवं बालीवाल अंतर-विश्वविद्यालय प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है. इसके साथ ही 2015-16 में अंतर-विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा चुका है. यह प्रतियोगिता 19 दिनों तक चली. इसी क्रम में खो-खो (पुरुष) का यह आयोजन कई मायने में महत्त्वपूर्ण है.   

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ये विश्वविद्यालय कर रहे हैं प्रतिभागिता

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा औरंगाबाद, कवियत्री भीनाबाई सी.एन.एम.विवि.जलगांव, जेआर.एन.  विश्वविद्यालय, उदयपुर. महाराजा गंगा सिंह विवि बीकानेर, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, राजीव गांधी प्रौदयोगिकी विवि, भोपाल, देवी अहिल्याबाई विवि इंदौर, वीरनर्मद दक्षिण गुजरात  विश्वविद्यालय, आईआईएस जयपुर, स्वर्णिम गुजरात  विश्वविद्यालय , एम.एस यूनिवर्सिटी बड़ौदा, एस.जी.बी. विश्वविद्यालय अमरावती, आर.टी.एम.  विश्वविद्यालय  नागपुर, सरदार कृषिनगर डी.ए. विवि. गुजरात, भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय पुणे,  गोविंद गुरु आदिवासी विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, एलएनआईपीई ग्वालियर.


भोपाल: बच्चियों के लैंगिक शोषण का मामला, पत्रकार प्यारे मियां एवम मो आवेश को मरते दम तक जेल ★ स्वीटी विश्वकर्मा को 20 वर्ष की दिया गया कठोर कारावास★ डॉ हेमन्त मित्तल को हुआ गर्भपात कराने के लिए 5 वर्ष का कठोर कारावास


श्री गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी गुजरात, हेमचंद्रचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय,  भगवान महावीर विवि सूरत गुजरात, भक्तकवि नरसिंह विवि, गुजरात, पैसिफिक एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, सेज यूनिवर्सिटी इंदौर, राजऋषि भर्तृहरि विश्वविद्यालय अलवर, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी जूनागढ़ गुजरात, गोकुल ग्लोबल यूनिवर्सिटी  सिद्धपुर, गुजरात, निम्स विवि राजस्थान, जयपुर, सिंघानिया विवि झुंझुनू, राजस्थान, माधव यूनिवर्सिटी राजस्थान, श्री कौशलदास विवि, शिवाजी विवि कोल्हापुर

सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय पुणे, कच्छ विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय, एम.के. भावनगर विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विश्वविद्यालय वल्लभनगर, आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, पंडित डीयूएस यूनिवर्सिटी सीकर, गुजरात टेक्नोलॉजिकल गुजरात, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, पुण्यश्लोक सोलापुर विश्वविद्यालय, एम.पी.के.वी. विश्वविद्यालय राहुरी अहमदनगर, पारुल यूनिवर्सिटी, गुजरात 

एस.आर.टी.एम.विश्वविद्यालय, नांदेड़, कोटा विश्वविद्यालय, कादी सर्व विवि गांधीनगर, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल,  जगन्नाथ विवि, जयपुर, निरमा विवि अहमदाबाद, मौलाना आजाद विवि जोधपुर, एम.डी.एस. विश्वविद्यालय अजमेर, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विवि, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट, महाराजा छत्रसाल विवि छतरपुर, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात, आईआईटीई स्टेट यूनिवर्सिटी गुजरात, गुजरात विवि अहमदाबाद, रानी दुर्गावती विवि जबलपुर, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई 

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : क्या हम पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं ?

★ प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति ,डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर


दुनिया में स्त्रियों के संघर्ष, उनके मानवीय मूल्यों और आदर्शों के प्रति समर्पण को वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है । वस्तुतः यह महिलाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों का उत्स है. ऐतिहासिक सन्दर्भों में महिला दिवस को मनाने की शुरुआत औद्योगिक क्रान्ति के साथ जुडी हुई है जहां दुनिया के उद्योगों के विकास ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र करने के बजाए नई आर्थिक संरचनाओं में जकड़ना शुरू किया. वर्ष 1911 में पहली बार ऑउस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में 19 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। रूस ने वर्ष 1930 और 1940 के बीच 23 फरवरी को यह दिन मनाया. संयुक्त राष्ट्र ने अपना पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया, जिसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को कुछ देशों में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर मनाया जाता है. महिला दिवस अपने उद्विकासीय स्वरुप में जहाँ एक ओर समाज में विद्यमान विषमतामूलक, हिंसक एवं गैर-लोकतांत्रिक संरचनाओं के प्रतिरोध की वैचारिक दृढ़ोक्ति है वहीँ दूसरी ओर यह महिलाओं के द्वारा किये गए संघर्ष, उनकी उपलब्धियों और दुनिया को बेहतर बनाने में किये गये योगदान को याद करने का दिन है. 

         कुलपति:प्रो नीलिमा गुप्ता

आज दुनिया के लगभग सभी देशों में लैंगिक समानता की बात की जा रही है लेकिन राष्ट्रों द्वारा बड़ी प्रगति कर लेने के बावजूद यह विचार एक सपना ही बना हुआ है। वैश्विक आर्थिक सुधारों के बावजूद लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ आर्थिक रूप से कमजोर है, और आने वाले दिनों में यह स्थिति और भयावह हो सकती है । आंकड़े  बताते है कि महिला-पुरुष आमदनी में पर्याप्त विषमता है. महिलाएँ पुरुषों की तुलना में 23 प्रतिशत कम कमाती हैं. आबादी के लिहाज से देखे तो हम पाते  है कि महिलाएं दुनिया की आधी आबादी के रूप में है, वहीँ महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी केवल 24 प्रतिशत  है ।




 यह भी दिलचस्प है कि उत्तर कोरिया में महिला साक्षरता दर 100 प्रतिशत है. पोलैंड, रूस और यूक्रेन में 99.7 प्रतिशत, इटली में 99, सर्बिया में 97.5, चीन में 95.2 और यहाँ तक कि हमारे पड़ोसी छोटे देश श्रीलंका में यह 91.0 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह 65.8 प्रतिशत है। कुछ पड़ोसी देशों में महिला साक्षरता दर और भी कम है जैसे-पाकिस्तान में 46.5, अफगानिस्तान में 29.8, चाड में 14 और नाइजर में 11 प्रतिशत महिला साक्षरता दर  है. इसी तरह महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर नेपाल में 81.4, वियतनाम में 72.73, सिंगापुर में 61.97, यूके में  58.09, यूएसए में 56.76, सर्बिया में 47.92 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण आधारित देश होते हुए भारत में यह दर केवल 20.7 प्रतिशत है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, भारत में महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए जागरूकता, प्रयास और श्रम प्रेरणा का आह्वान करता है।

            अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2022 का ध्येय वाक्य  'ब्रेक द बायस' है अर्थात पूर्वाग्रहों को तोड़ना । हम सभी यह  जानते है कि  समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों को तोड़े बगैर एक समतामूलक, समावेशी और न्यायसंगत समाज का निर्माण नहीं हो सकता है . इसके लिए हम एक पूर्वाग्रह, रूढ़िवादिता और भेदभाव से मुक्त दुनिया की कल्पना करना चाहते हैं, जहाँ समानता एक जीवन मूल्य के रूप में समाज को निर्देशित करे.  ऐसी दुनिया  लैंगिक समानता की दुनिया होगी. हम साथ मिलकर महिलाओं की समानता का निर्माण कर सकते हैं और सामूहिक रूप से पक्षपात को दूर कर सकते हैं। आज का परिदृश्य बताता है कि हम सभी अपने विचारों और कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। हमें अपने समुदायों, अपने कार्यस्थलों, अपने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों में पूर्वाग्रहों को तोड़ना होगा। आइए हम इस पूर्वाग्रह को इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर और उसके बाद भी तोड़ने का संकल्प लें। पूर्वाग्रह अचेतन हो या जानबूझकर, इससे महिलाओं के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। पूर्वाग्रहों की मौजूदगी को केवल महसूस कर लेना ही पर्याप्त नहीं है. प्रत्येक अवसर पर हमें लैंगिक पूर्वाग्रह, भेदभाव और रूढ़िबद्धता को तोड़ने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है । इस वर्ष ‘ब्रेक द बायस’ पूर्वाग्रह को दूर करने, रूढ़िवादिता को तोड़ने, असमानता और भेदभाव को समाप्त करने की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए प्रतीक रूपक है। समाज में बदलाव लाने के लिए हमें चुनौतियों को स्वीकार करना होगा  और महिलाओं की उपलब्धियों को महत्त्व देने के लिए कदम उठाने होंगे. महिलाओं की समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लैंगिक समानता की पैरवी करनी होगी और महिला केंद्रित विकास के लिए भी आवश्यक कदम उठाने होंगे.



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            गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता के रूप में लगभग 70 प्रतिशत की भागीदारी महिलाओं ने ही निभाई है । आज महिलाएँ अपनी सूझबूझ से सभी चुनौतियों, जिम्मेदारियों आदि का सामना कर रही हैं। आज आवश्यकता इस बात कि है कि हम स्वीकार करें कि  महिलाएँ प्रतिभाशाली हैं, वे उपलब्धियाँ हासिल कर सकती हैं, और  वे जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल हो सकती हैं. यह तब ही संभव होगा जब वह अपने को पुरुषों से कमतर न आंकें. उन्हें यह समझना होगा कि वे किसी भी तरह से पुरुषों  से कम नहीं है वे अपने अधिकारों के संतुलन तथा समानता, निष्पक्षता के लिए कार्य कर सकती हैं । जो महिलाएँ आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं उनके समान कोई ताकतवर नहीं है ।




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 अगर हम इतिहास पर नजर डालें तो कई महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान हासिल किया है । मैरी क्यूरी को 1903 में भौतिकी के लिए और 1911 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी बेटी आइरीन क्यूरी को भी 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । मदर टेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सरोजिनी नायडू जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रहीं और उन्होंने महात्मा गाँधी के साथ मिलकर काम किया और भारत कोकिला के नाम से विख्यात थीं, उन्हें भारत रत्न जैसे सम्मान से नवाजा गया. भारतीय स्त्रियों की साहस गाथा बहुत लंबी है. झाँसी को बचाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। पुनीता अरोड़ा भारतीय सेना की पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल बनीं. श्रीमती प्रतिभा पाटिल को प्रथम भारतीय महिला राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त है. शकुंतला देवी का नाम उनकी गणितीय उत्कृष्टता के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। श्रीमती किरण बेदी पहली महिला आईपीएस अधिकारी के रूप में सुविख्यात हैं. अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला भारतीय मूल की ही थीं. दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला संतोष यादव ने देश का नाम ऊंचा किया. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम हैं। अरून्धती भट्टाचार्य स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पहली महिला चेयरमैन बनी। आज भारतीय महिलाओं ने व्यवसाय के क्षेत्र में भी अपना परचम लहराया है. इसमें विशेष रूप से बायोकान की चेयरमैन किरन मजूमदार शॉ, अमेज़ोन  की बोर्ड मेम्बर इन्दिरा नूई और हाल ही में शेयर मार्केट में तहलका मचाने वाली नाइका की संस्थापक अध्यक्ष फाल्गुनी नायर के नाम उल्लेखनीय हैं ।
निस्संदेह इन सभी महिलाओं ने सफलता की पराकाष्ठा तक पहुँचने के लिए पूर्वाग्रहों को तोड़ा है लेकिन इस तरह की यात्रा को अधिक से अधिक महिलाओं को तय करना होगा । वस्तुत: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जागरूकता का दिन है, प्रतिबद्धता का दिन है, भेदभाव को अस्वीकार करने और महिलाओं को एक समान क्षेत्र में लाने के लिए असमानता को दूर करने का दिन है, जहाँ प्रत्येक महिला सम्मानित, आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बन सके। इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आइए हम महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लें. वे हमारे देश की शक्ति हैं और देश की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने में भी समान रूप से सक्षम हैं। मातृशक्ति के सशक्तिकरण से ही राष्ट्र की आत्मनिर्भरता और विश्वगुरु की पुनर्प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.
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SAGAR : अफीम की अवैध खेती , ढाई सौ किलो पेड़ जब्त, दो गिरफ्तार

SAGAR : अफीम की अवैध खेती , ढाई सौ किलो पेड़ जब्त, दो गिरफ्तार
सागर। सागर जिले की रहली पुलिस ने दो खेतो में अफीम की अवैध खेती को पकड़ा है। पुलिस ने इन खेतों मे लगे 252 किलो वजनी कुल 2706 अफीम के पेड जब्त किए है। दो लोगो को गिरफ्तार भी किया है। इसकी कीमत दो लाख रुपये आंकी गई है।  
प्रेस नोट के अनुसार पुलिस अधीक्षक  तरूण नायक द्वारा चलाये जा रहे अवैध जुआ सट्टा ,शराब ,मादक पदार्थ, हथियारों के विरूद्ध चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत संपूर्ण जिले मे लगातार कार्यवाहीजारी है । इसी तारतम्य में थाना रहली पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम पटना बुजुर्ग ढिकुआ हार में प्रभुदयाल कुर्मी के खेत मे अवैध रूप से अफीम के पेड लगे है ।सूचना प्राप्त होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर बताये स्थान पर पहुंचकर रेड किया। 



जहां नर्मदा कुर्मी व नंदकिशोर कुर्मी के खेतों मे जाकर देखा जिनमे आजू बाजू मादक पदार्थ अफीम के छोटे बडे काफी पेड लेंगे मिले जिन्हे उखडकर वजन किया गया। जो कुल 252 किलों कीमत करीब 2 लाख रू के मिले। जिन्हे विधिवत कार्यवाही कर जप्त किया जाकर आरोपियो के खिलाफ धारा 8,18 स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत प्रकरण कायम कर विवेचना मे लिया गया।
उक्त कार्य थाना प्रभारी रहली निरी0 रोहित मिश्रा, उनि गोपाल चौधरी, उनि संजय बघेल, सउनि बाबू सिंह, प्रआर दिनेश गौतम, आर0 संजय जाट, रवि कुर्मी, सतेन्द्र निगम द्वारा सराहनीय रहा है।

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