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छात्राओं को जागरूक करने में जुटा भारतीय शिक्षण मंडल महिला प्रकल्प

छात्राओं को जागरूक करने में जुटा भारतीय शिक्षण मंडल महिला प्रकल्प
सागर।भारतीय शिक्षण मंडल महिला प्रकल्प सागर की मातृशक्तियों द्वारा किशोरी समग्र विकास हेतु कन्या शालाओं में छात्राओं को जागरूक करने के लिए सागर के लाल स्कूल कन्या विद्यालय गयी। छात्राओं के व्यक्तित्व विकास  हेतु शिक्षकों के साथ समाज की महिलाओं का भी दायित्व है कि वे इन उभरती प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करें। इन्हीं विचारों से प्रेरित होकर पर्यावरण-प्रभारी श्रीमती पुष्पलता पाण्डे ने छात्राओं को योग,ध्यान और आसनों का अभ्यास कराया।सह-प्रमुख श्रीमती राजश्री दवे ने पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति को बचाने के तरीक़े बताए।डॉ सुधा जैन ने छात्राओं को स्वच्छता और सुरक्षा के विषय में बताया और कोषाध्यक्ष श्रीमती शशि दीक्षित ने छात्राओं को बताया कि परीक्षा की तैयारी कैसे करें।शाला में १५० छात्राएँ उपस्थित थीं। वही आर्य कन्या विद्यालय सागर में नगर अध्यक्ष श्रीमती संध्या दरे  द्वारा जीवन मूल्य आधारित शिक्षा के महत्व को समझाया गया।श्रीमती शोभा सराफ ने किशोरियों को होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों के बारे में बताया।श्रीमती आराधना रावत द्वारा छात्राओं को स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में आवश्यक निर्देश दिए गए।आर्य कन्या पाठशाला में २५० छात्राएँ उपस्थित थीं। विद्यालय की प्रधानाचार्य एवं उपस्थित अध्यापिकाओं ने इन मातृशक्तियों की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्राओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
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विश्व पैंगोलिन दिवस: विश्व में पहली बार मध्यप्रदेश में हुई पैंगोलिन की रेडियो टेगिंग,तस्करों से बचाने की कोशिश

विश्व पैंगोलिन दिवस: विश्व में पहली बार मध्यप्रदेश में हुई पैंगोलिन की रेडियो टेगिंग,तस्करों से बचाने की कोशिश
सागर ।मध्यप्रदेश ने अति लुप्तप्राय प्रजाति में शामिल भारतीय पैंगोलिन के संरक्षण के लिए विशेष पहल की है। वन विभाग और वाईल्ड लाईफ कजंर्वेशन ट्रस्ट ने भारतीय पैंगोलिन की पारिस्थितिकी को समझने और उसके प्रभावी संरक्षण के लिए एक संयुक्त परियोजना शुरू की है। इस परियोजना में कुछ पैंगोलिन की रेडियों टेंगिग कर उनके क्रियाकलापों, आवास स्थलों, दिनचर्या आदि का गहन अघ्ययन किया जा रहा है। दो भारतीय पैंगोलिन का जंगल में सफल पुर्नवास किया गया है। रेडियो टेगिंग की मदद से इन लुप्तप्राय प्रजाति के पैंगोलिन की टेलिमेट्री के माध्यम से सतत निगरानी की जा रही हैं। इस प्रयोग से पैंगोलिन के संरक्षण और आबादी बढ़ाने में मदद मिलेगी। पूरे विश्व में चिंताजनक रूप से पैंगोलिन की संख्या में 50 से 80 प्रतिशत की कमी आई है।पैंगोलिन की खाल की दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भारी डिमांड है। दुनिया मे सर्वाधिक तस्करी इसी जानवर की होती है।इसकी परतदार खाल का इस्तेमाल शक्ति वर्धक दवाइयों, ड्रग्स, बुलट प्रूफ जैकेट, कपड़े और सजावट के सामान के लिए किया जाता है।इसकी अच्छी खासी कीमत बाजार में तस्करों को मिलती है। रुपयों के लालच में पैंगोलिन की तस्करी भी बढ़ गई है। जंगलों में इनका दिखना भी लगभग दुर्लभ ही है। 
एस.टी.एस.एफ. ने किया 11 राज्यों में शिकार और तस्करी का भांड़ा फोड़
मध्यप्रदेश की पहचान हमेशा से ही वन्य जीव प्रबंधन में अनूठे और नये प्रयासों के लिए रही है। वन्य प्राणी सुरक्षा के लिए प्रदेश में गठित विशिष्ट इकाई एस.टी.एस.एफ ने सभी वन्यप्राणी विशेषकर पैंगोलिन के अवैध शिकार पर और व्यापार को नियंत्रित करने के कारगर प्रयास किये हैं। एस.टी.एस.एफ. ने पिछले कुछ सालों में 11 से अधिक राज्यों के पैंगोलिन के शिकार और तस्करी में शामिल गुटों का सफलता पूर्वक भांडा फोड़ किया है।

चीन और दक्षिण एशियाई देशों में कवच और मांस की भारी मांग
पैंगोलिन विश्व में सर्वाधिक तस्करी की जाने वाली प्रजाति है। सामान्यतरू परतदार चींटी खोर के नाम जाने वाले ऐसे दंतहीन प्राणी हैं जो वन्यप्राणी जगत में अद्वितीय होने के साथ लाखों वर्षों के विकास का परिणाम हैं। पैंगोलिन अपने बचाव के रूप में इस परतदार कवच का उपयोग करता है। यही सुरक्षा कवच आज उसके विलुप्ति का कारण बन गया है। परम्परागत चीनी दवाईयों में इनके कवच की भारी मांग इनके शिकार का मुख्य कारण है। चीन और दक्षिण एशियाई देशों में इनके कवच और मांस की भारी मांग है। इससे वैश्विक रूप से पैंगोलिन प्रजाति की संख्या में तीव्र कमी आई है।
पैंगोलिन की 8 प्रजातियों मे से 2 भारत में
पैंगोलिन की आठ प्रजातियों में से एक भारतीय एवं चीनी पैंगोलिन भारत में पाए जाते हैं। चीनी पैंगोलिन उत्तर पूर्वी भारत और भारतीय पैंगोलिन अत्यधिक शुष्क क्षेत्र, हिमालय ओर उत्तर पूर्वी भारत के अलावा सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है। भारतीय पैंगोलिन भारत के अलावा श्रीलंका, बाँग्लादेश और पाकिस्तान में भी पाया जाता है। दोनों प्रजातियों को वन्यजीव (संरक्षण)अधिनियम की अनुसूची- एक में संरक्षण प्राप्त है।
निशाचर प्रजाति होने के कारण भारतीय पैंगोलिन के व्यवहार और पारिस्थितिकी के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रभावशील संरक्षण योजना और विकास के लिए उनकी पारिस्थितिकी जानना अति महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश वन विभाग और वाइल्ड लाईफ कंजर्वेशन ट्रस्ट रेस्क्यू किये गये पैंगोलिन में से 6 की रेडियों टेगिंग कर अध्ययन करेगा। इससे लुप्तप्राय प्रजाति की जनसंख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विश्व पैंगोलिंन दिवस फरवरी माह के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस अंतर्राष्ट्रीय प्रयास से पैंगोलिन प्रजाति के बारे मेंजागरूकता बढ़ती है और विभिन्न स्टाफ होल्डरों को एकत्र कर संरक्षण प्रयासों को गति दी जाती है।
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एम एल बी स्कूल की प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया कलेक्टर ने

एम एल बी स्कूल की प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया कलेक्टर ने
सागर । कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने श्रीमति उर्मिला सोनी, प्राचार्य शासकीय म.ल.बा.क.उ.मा.वि.क्र . 2 सागर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि 08.02.2020 को दोपहर 1.00 बजे जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा आपकी संस्था का निरीक्षण राक्षण किया गया . संस्था में कक्षा 10वीं की 38 छात्राएं अंग्रेजी का टेस्ट दे रही थीं , शेष कोई भी कक्षाएं संचालित नही पाई गई । कक्षा 9वीं की दस छात्राएं संस्था परिसर में घूम रही थीं , छात्राओं से चर्चा के दौरान अवगत कराया गया कि किसी भी शिक्षक द्वारा कालखण्ड नहीं लिया गया । आप निरीक्षण के समय उपस्थित नहीं थी , जिला शिक्षा अधिकारी के बुलाये जाने पर आप उपस्थित हई । कक्षा संचालन की स्थिति के संबंध में संस्था के शिक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि संस्था में कक्षा 12वीं की छात्राओं की पार्टी आयोजित है , पार्टी किसकी सहमति से आयोजित की गई आपके द्वारा अनभिज्ञता जाहिर की गई । पार्टी के चलते विद्यालय में अघोषित अवकाश किया गया था । आपकी संस्था का वर्तमान सत्र तिमाही परीक्षा परिणाम 24 . 6 , अर्द्धवार्षिक परीक्षा परिणाम 54 . 9 एवं प्री - बोर्ड परीक्षा परिणाम में 58 . 6 रहा है जो कि विगत वर्ष 2019 के बोर्ड परीक्षा परिणाम 61 प्रतिशत से कम है एवं जिले के औसत परीक्षा परिणाम से भी कम है ।
संस्था मिशन 1000 में चयनित होने के फलस्वरूप भी शतप्रतिशत परीक्षा परिणाम हेतु सुधार के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं । विभाग के निर्देशानुसार आपको कक्षा 10वीं की छात्राओं का विशेष कैम्प 07 . 02 . 2020 में आरंभ करना था , जो नहीं किया गया ? इस संबंध में विभाग एवं जिला स्तर से समय - समय पर निर्देश जारी भी जारी किये गये जिनका पालन नहीं किया जा रहा है , आपके द्वारा उक्त संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत उत्तर में लेख किया गया है कि मेरे द्वारा मौखिक एवं लिखित स्वीकृति नहीं दी गई एवं शिक्षकों ने भी लिखित में अनभिज्ञता जाहिर की है , उसके उपरात भी पार्टी हो रही थी , समाधानकारक नहीं है । दिनांक 23 . 10 . 2019 जिला ज्ञानपुंज दल द्वारा संस्था का निरीक्षण ध् मॉनीटरिंग किया गया था निरीक्षण के दौरान संस्था में जो कमिया पाई गई थीं की पूर्ति हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए एवं जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र क्रमांक 7602 दिनांक 23 . 10 . 2019 द्वारा भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए थे किन्तु दिनांक 08 . 02 . 2020 के निरीक्षण के दौरान कोई सुधार नहीं पाया गया । समेकित छात्रवृत्ति अतर्गत प्रोफाईल अपडेशन शेष होने के कारण कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र द्वारा आपको प्रोफाईल अपडेशन पूर्ण करने हेत निर्देश दिए गए थे लेकिन प्रोफाईल अपडेशन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ । निरीक्षण में शाला परिसर में गंदगी पाई । गई एवं शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति पंजी नहीं पाई गई । उपरोक्त स्थिति से स्पष्ट है कि आपका संस्था के स्टाफ एवं छात्रों पर नियंत्रण नहीं है एवं आदेशों ध् निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है , जो कर्तव्य के प्रति उदासीनता , लापरवाही एवं स्वैच्छाचारिता है , जो कि म . प्र . सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है ।  अतएव म . प्र . सिविल सेवा ( वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील ) नियम 1966 के तहत कारंण बताओ सूचना पत्र जारी किया जा रहा है । आपके उक्त त्य विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है । आप अपना प्रतिउत्तर 07 दिवस की समयसीमा में प्रस्तुत करें । प्रतिउत्तर समयसीमा में प्राप्त न होने पर एकपक्षीय कार्यवाही की जावेगी ।
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लेखा प्रशिक्षण परीक्षा में सागर के रविन्द्र जैन पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर

लेखा प्रशिक्षण परीक्षा में सागर के रविन्द्र जैन पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर 
सागर।संचालनालय कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा आयोजित लेखा प्रशिक्षण परीक्षा वर्ष 2019 में कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी सागर में पदस्थ  रविंद्र कुमार जैन सहायक ग्रेड 3 ने संपूर्ण मध्य प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं अभियोजन का नाम रोशन किया।
अभियोजन के मीडिया प्रभारी एडीपीओ सौरभ  डिम्हा ने बताया कि संचालनालय कोष एवं लेखा  मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा विभिन्न विभागों में कार्यरत लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों को कार्यालय कार्य प्रणाली, वेतन निर्धारण, पेंशन निर्धारण, आदि कार्यों में दक्ष बनाने के उद्देश्य से लेखा प्रशिक्षण शाला के माध्यम से लेखा प्रशिक्षण प्रदाय किया जाता है लेखा प्रशिक्षण साला सागर के 96 वां नियमित लेखा प्रशिक्षण में लेखा प्रशिक्षण प्राप्त रविंद्र कुमार जैन सहायक ग्रेड 3 कार्यालय जिला लोक अभियोजन सागर नेआयोजित लेखा प्रशिक्षण परीक्षा में संपूर्ण प्रदेश में सर्वोच्च अंकों  के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि पर उप-संचालक अभियोजन  अनिल कटारे , जिला अभियोजन अधिकारी  राजीव रूसिया एवं समस्त अधिकारीयों एवं कर्मचारीगण ने बधाई दी।
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रसोई गैस के बढ़े दाम,महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

रसोई गैस के बढ़े दाम,महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
सागर । केन्द्र सरकार के द्वारा गैस कीमतों में वेहतासा वृद्धि किये जाने के विरोध में  जिला शहर महिला कांग्रेस सागर की अध्यक्ष श्रीमति प्रर्मिला सिंह के नेतृत्व में प्रधानमंत्री का विरोध प्रदर्शन करने हेतु पुतला दहन किया गया।
प्रमिला सिंह ने कहा कि देश में लगातार महंगाई बढ़ रही है। गलत नीतियों के कारण हम महिलाओं को परिवार के भरण पोषण में परेशानी आ रही है पहले प्याज और सब्जियों के दामों में बेहताशा वृद्धि कर दी है।आपकी सरकार देश चलाने में विफल साबित हुई है, गैस सिलेंडर के दामों में आपके द्वारा की गई वृद्धि की हम आलोचना और विरोध करते हैगैस सिलेंडर पर बडे़ हुए दाम आप तत्काल वापस ले। 
ये हुए प्रदर्शन में शामिल
इस दौरान जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति प्रमिला सिंह राजपूत, सीमा चैधरी, किरण लता सोनी, मीरा यादव, रंजीता राणा, हेमकुमारी पटेल, पुष्पा रैकवार, रजनी ठाकुर, रजक प्रेम भाई वर्षा वैजयंती, गीता रजिया, गुलाबरानी अहिरवार वरिष्ठ कांग्रेसी मुन्ना चैबे, गोवर्धन रैकवार ,पप्पू गुप्ता, सुरेन्द्र चैबे, चक्रेष सिंघई, सिंटू कटारे, फहीम अंसारी, मुकुल शर्मा, महेष जाटव, छोटू जाटव, जाहिद ठेकेदार, पंकज सिंघई , अभिलाषा जैन, संजय पटेल, सोनी जी, शरद पुरोहित, संजय रैकवार सहित कांग्रेस समर्थन संगठन शामिल थे। 
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धर्म का निचोड है अच्छा बनना और अच्छा करना- श्री रावतपुरा सरकार

धर्म का निचोड है अच्छा बनना और अच्छा करना- श्री रावतपुरा सरकार 

# राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत और पूर्व गृहमन्त्री भूपेन्द्र सिंह सहित कई भक्तों के यहां पहुचे सरकार

सागर। दूसरो की भलाई करने जैसा कोई दूसरा धर्म नहीं है सभी धर्मो की परिभाषाओं और व्याख्यानों का निचोड है। अच्छा बनना और अच्छा करना। षुक्रवार को संत श्री रावतपुरा सरकार ने कही। 
षुक्रवार को सुबह 8.30 बजे प्रार्थना का आयोजन किया गया है। संत श्री रावतपुरा सरकार ने कहा कि भलाई करना कर्तव्य नहीं आनंद है क्योकि वह आपके मन और चित्त के सुख में वृद्वि करता है। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई करना नि संदेह अच्छा करना है। भूखे को भोजन कराना,वस्त्रहीनों को वस्त्र देना,बीमार लोगों की देखभाल करना,भटकों को सही मार्ग पर लगाना ये सब धर्म का पालन करना है। पर इन सब कामो में अहंकार बिल्कुल नहीं आना चाहियें। क्योकि धर्म वह षाष्वत तत्व है। जो सर्व कल्याण कारी है। ईष्वर ने स्वयं यह प्रकृति ऐसी रची है। कि जिसमें चेतन अचेन जड जीव सभी परहित के पालन में लगे रहते हैं। 
राजस्व मन्त्री और पूर्व गृहमंत्री के निवास पर पहुचे
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निवास पहुंचे।  गोविंद सिंह राजपूत ने परिवार सहित गुरूदेव का आषीवार्द लिया। पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह केे निवास पर महाराज श्री के भोजन की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद गुरूदेव रत्नेश रावत,समर्थ दीक्षित ,मोहन पटेल एवं षिषुपाल सेंगर,पृथ्वी सिंह के निवास पर पहुंचे। 
गोवर्धन नाथ को लगा छप्पन भोग 
श्री मद भागवत कथा के पंचम दिवस पर पूज्य महाराज अंकित पचैरी ने भगवान की दिव्य बाल लीलाओं का वर्णन करते हुये माखन चोरी,गौ चरण एवं कालिया मर्दन की लीलाओं का श्रवण कराया। समस्त ब्रजवासियों की इंद्र के कोप से गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा पर धारण कर रक्षा की। इसके साथ भगवान गोवर्धन नाथ को छप्पन भोग भी लगाया गया।
 

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सूदखोरों एवं चिटफंड कंपनियों पर सख्ती से करें कार्यवाही, मध्यांचल बैंक की वसूली में राजस्व विभाग करे मदद,कमिश्नर के निःर्देश

सूदखोरों एवं चिटफंड कंपनियों पर सख्ती से करे कार्यवाही, मध्यांचल बैंक की वसूली में राजस्व विभाग करे मदद,कमिश्नर के निःर्देश
सागर । सूदखोरों एवं चिटफंड कंपनियों पर सख्ती से करें कार्यवाही कर सूदखोरी एवं चिटफंड कंपनी चलाने वालों को पुलिस के हवाले करें। साथ ही संभाग में व्यावसायिक भूमि पर व्यवसाय करने वालों से भूमि का डायवर्सन कराकर शुल्क जमा कराएं। साथ ही कलेक्टर के माध्यम से समस्त राजस्व विभाग मध्यांचल बैंक की ऋण वसूली में सहयोग कर वसूली कराएं एवं संभाग में कहीं महिलाओं पर अत्याचार होने की स्थिति में सख्त से सख्त कार्यवाही करें उक्त निर्देष कमिष्नर  आनंद कुमार शर्मा ने कमिष्नर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में दिए। इस अवसर पर राजस्व उपायुक्त श्रीमती प्रभा श्रीवास्तव, श्री केके शुक्ला सहित संभाग के समस्त जिलों के कलेक्टर्स, एसडीएम, खाद्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में श्री शर्मा ने निर्देष दिए कि अविभाजित नामांतरण एवं बटवारों का निराकरण 31 मार्च तक पूर्ण करें। साथ ही शासकीय भूमि पर जिसमें स्कूल, कॉलेज की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को एक माह के अंदर हटा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करे।
श्री शर्मा ने मध्यांचल बैंक के ऋण वसूली के संबंध में समस्त कलेक्टरों को निर्देष दिए कि राजस्व अमले को निर्देषित करें कि जिससे बैंक की  वसूली की जा सके। साथ ही बड़े बकायादारों की सूची बनाकर प्रस्तुत करें। राजस्व न्यायालयों में 6 माह से अधिक लंबित प्रकरणों को शीघ्रता से निपटाने के निर्देष दिए। सागर, रहली, राहतगढ़, नरयावली, अजयगढ़ न्यायालयों के द्वारा प्रकरणों का सर्वाधिक निराकरण करने पर प्रषंसा की। साथ ही सागर कलेक्टर द्वारा नजूल की भूमि का सर्वाधिक नवीनीकरण करने पर प्रषंसा की।
उन्हांने निर्देष दिए कि नगरीय निकायों में आने वाली शासकीय भूमि का सीमांकन कराकर चिन्हित करें। सीमांकन ट्रेकिंग मषीन से कराएं। जिससे समय बचने के साथ-साथ पूर्ण पारदर्षिता बनी रहती है। उन्होंने विवादित सीमांकन के मामलों को आपसी समंजस्य बनाकर निराकरण करने के निर्देष दिए। उन्होंने समस्त एसडीएम को निर्देष दिए कि वे अपने-अपने कार्यालयों के रीडर का टेबल निरीक्षण कर लंबित एवं निराकृत प्रकरणों की जानकारी प्रतिमाह लें। जिलें में रीडर पीठासीन अधिकारीस्तर पर लंबित आवेदन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाए। जिले के पोर्टल पर डिस्पोजल हेतु आदेषार्थ लंबित प्रकरणां का निराकरण पुनरीक्षण कर करें। 
राजस्व लोक अदालत में निपटाए सागर ने सर्वाधिक प्रकरण
राजस्व लोक अदालत में सागर जिले के द्वारा सर्वाधिक प्रकरण निराकृत करने पर सागर कलेक्टर को बधाई देते हुए समस्त कलेक्टर को निर्देष दिए कि आने वाले लोक अदालत में अधिक से अधिक निराकरण कराएं। कलेक्टर न्यायालय में लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की ।  उन्होंने स्पष्ट तौर पर निर्देष दिए कि एक वर्ष से अधिक लंबित प्रकरणों की तारीक रीडर नहीं बढ़ाएगा। साथ ही उस प्रकरण को नियत दिनांक पर न्यायालय की टेबिल पर रखकर निराकृत करें।  भू-अर्जन एवं आरबीसी 6-4 के प्रकरणों का निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। जिसमें फसल क्षति, सूखा, आगजनी, मकान क्षति आदि का मुआवजा की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई।
श्री शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति की समीक्षा करते हुए निर्देष दिए कि समस्त कलेक्टर अपने-अपने जिलों की अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा कर निराकृत करें। साथ ही समय सीमा बैठक में उसकी समीक्षा कर प्रकरणों की समीक्षा करें। राजस्व विभाग के निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा करते हुए उनकी प्रगति की जानकारी ली। साथ ही निर्देष दिए कि निर्माणाधीन स्थल पर एसडीएम एवं तहसीलदार सतत मॉनीटरिंग करें। उन्होंने समस्त विद्यालयों एवं छात्रावासों में शौचालयों की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देष दिए कि विषेषकर बालिका शौचालयों की साफ-सफाई एवं चालू स्थिति में होना चाहिए यह भी 31 मार्च के पूर्व सुनिष्चित करें।

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मधुबाला:भारतीय सिनेमा इतिहास की एक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री

मधुबाला:भारतीय सिनेमा इतिहास की एक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री

भारतीय सिनेमा इतिहास की एक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रीमुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी उर्फ मधुबाला  का जन्मदिन।

जन्म- 14 फ़रवरी 1933 दिल्ली, 
मृत्यु- 23 फ़रवरी 1969 मुम्बई, महाराष्ट्र ।

सिने जगत् में मधुबाला के नाम से मशहूर महान् अभिनेत्री मुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी का जन्म दिल्ली शहर के मध्य वर्गीय मुस्लिम परिवार में 14 फ़रवरी, 1933 को हुआ था। मधुबाला अपने माता-पिता की 5वीं सन्तान थी। उनके माता-पिता के कुल 11 बच्चे थे। मधुबाला के पिता अताउल्लाह ख़ान दिल्ली में एक कोचमैन के रूप मे कार्यरत थे। मधुबाला के जन्म के कुछ समय बाद उनका परिवार दिल्ली से मुम्बई आ गया।
बचपन के दिनों से ही मधुबाला अभिनेत्री बनने का सपना देखा करती थी। सबसे पहले वर्ष 1942 में मधुबाला को बतौर बाल कलाकार बेबी मुमताज़ के नाम से फ़िल्म 'बसंत' में काम करने का मौक़ा मिला। बेबी मुमताज़ के अभिनय से प्रभावित होकर हिन्दी फ़िल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी ने उनसे अपने बैनर 'बाम्बे टाकीज' की फ़िल्म 'ज्वार भाटा' में काम करने की पेशकश की लेकिन मधुबाला उस फ़िल्म मे काम नहीं कर सकी। मधुबाला को फ़िल्म अभिनेत्री के रूप में पहचान निर्माता निर्देशक केदार शर्मा की वर्ष 1947 मे प्रदर्शित फ़िल्म 'नील कमल' से मिली। इस फ़िल्म के असफल होने से भले ही वह कुछ ख़ास पहचान नहीं बना पायीं लेकिन बतौर अभिनेत्री उनका सिने कैरियर अवश्य शुरू हो गया।
1949 तक मधुबाला की कई फ़िल्में प्रदर्शित हुई लेकिन इनसे मधुबाला को कुछ ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ। वर्ष 1949 मे बॉम्बे टाकीज के बैनर तले बनी फ़िल्म 'महल' की कामयाबी के बाद मधुबाला फ़िल्म इंडस्ट्री मे अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयीं। इस फ़िल्म का एक गीत 'आयेगा आने वाला...' सिने दर्शक आज भी नहीं भूल पाये है। वर्ष 1950 से 1957 तक का वक्त मधुबाला के सिने कैरियर के लिये बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी कई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गयीं। लेकिन वर्ष 1958 में उनकी फागुन, हावडा ब्रिज, काला पानी तथा चलती का नाम गाड़ी की सफलता ने एक बार फिर मधुबाला को शोहरत की बुंलदियों पर पहुँचा दिया। फ़िल्म हावड़ाब्रिज में मधुबाला ने क्लब डांसर की भूमिका अदा कर दर्शकों का मन मोह लिया। इसके साथ ही वर्ष 1958 में हीं प्रदर्शित फ़िल्म चलती का नाम गाड़ी में उन्होंने अपने कॉमिक अभिनय से दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया।
पचास के दशक मे स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान मधुबाला को यह अहसास हुआ कि वह हृदय की बीमारी से ग्रसित हो चुकी है। इस दौरान उनकी कई फ़िल्में निर्माण के दौर में थी। मधुबाला को लगा यदि उनकी बीमारी के बारे में फ़िल्म इंडस्ट्री को पता चल जायेगा तो इससे फ़िल्म निर्माता को नुकसान होगा इसलिये उन्होंने यह बात किसी को नहीं बतायी। के.आसिफ की फ़िल्म मुग़ल ए आज़म के निर्माण मे लगभग दस वर्ष लग गये। इस दौरान मधुबाला की तबीयत काफ़ी ख़राब रहा करती थी फिर भी उन्होंने फ़िल्म की शूटिंग जारी रखी क्योंकि मधुबाला का मानना था कि अनारकली के किरदार को निभाने का मौक़ा बार-बार नहीं मिल पाता है। 
वर्ष 1960 में जब मुग़ल ए आज़म प्रदर्शित हुई तो फ़िल्म में मधुबाला के अभिनय को देख दर्शक मुग्ध हो गये। हालांकि बदकिस्मती से इस फ़िल्म के लिये मधुबाला को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्म फेयर पुरस्कार नहीं मिला लेकिन सिने दर्शक आज भी ऐसा मानते है कि मधुबाला उस वर्ष फ़िल्म फेयर पुरस्कार की हकदार थी।
मधुबाला की प्रमुख फ़िल्में...
1934 बगदाद का चोर ;
1936 शहीद-ए-मोहब्बत ;
1942 बसंत ;
1944 मुमताज महल ;
1945 धन्ना भगत ;
1946 राजपूतानी ;
1946 पुजारी ;
1946 फुलवारी ;
1947 सात समुंदरों की मलिका ;
1947 मेरे भगवान ;
1947 खूबसूरत दुनिया ;
1947 दिल की रानी ;
1947 चित्तौड़ विजय ;
1947 नील कमल ;
1948 पराई आग ;
1948 लाल दुपट्टा ;
1948 देश सेवा ;
1948 अमर प्रेम ;
1949 सिपहिया ;
1949 सिंगार ;
1949 पारस ;
1949 नेकी और बदी ;
1949 महल ;
1949 इम्तिहान ;
1949 दुलारी ;
1949 दौलत ;
1949 अपराधी ;
1950 परदेश ;
1950 निशाना ;
1950 निराला ;
1950 मधुबाला ;
1950 हँसते आँसू ;
1950 बेकसूर ;
1951 तराना ;
1951 सैंया ;
1951 नाज़नीन ;
1951 नादान ;
1951 खजाना ;
1951 बादल ;
1951 आराम ;
1952 साकी ;
1952 संगदिल ;
1953 रेल का डिब्बा ;
1953 अरमान ;
1954 बहुत दिन हुये ;
1954 अमर ;
1955 तीरंदाज ;
1955 नकाब़ ;
1955 नाता ;
1956 शीरी फरहाद ;
1956 राज हठ ;
1956 ढाके का मलमल ;
1957 यहूदी की लड़की ;
1957 गेटवे आफ इंडिया ;
1957 एक साल ;
1958 पोलिस ;
1958 फागुन ;
1958 कालापानी ;
1958 हावड़ा ब्रिज ;
1958 चलती का नाम गाड़ी ;
1958 बाग़ी सिपाही ;
1959 कल हमारा है ;
1959 इंसान जाग उठा ;
1959 दो उस्ताद ;
1960 महलों के ख्वाब ;
1960 जाली नोट ;
1960 बरसात की रात ;
1960 मुग़ल ए आज़म ;
1961 पासपोर्ट ;
1961 झुमरू ;
1961 ब्वाय फ्रेंड ;
1962 हाफ टिकिट ;
1964 शराबी ;
1971 ज्वाला ....
साठ के दशक में मधुबाला ने फ़िल्मों मे काम करना काफ़ी हद तक कम कर दिया था। चलती का नाम गाड़ी और झुमरू के निर्माण के दौरान ही मधुबाला किशोर कुमार के काफ़ी क़रीब आ गयी थीं। मधुबाला के पिता ने किशोर कुमार को सूचित किया कि मधुबाला इलाज के लिये लंदन जा रही है और लंदन से आने के बाद ही उनसे शादी कर पायेगी। लेकिन मधुबाला को यह अहसास हुआ कि शायद लंदन में हो रहे आपरेशन के बाद वह जिंदा नहीं रह पाये और यह बात उन्होंने किशोर कुमार को बतायी इसके बाद मधुबाला की इच्छा को पूरा करने के लिये किशोर कुमार ने मधुबाला से शादी कर ली। शादी के बाद मधुबाला की तबीयत और ज़्यादा ख़राब रहने लगी हालांकि इस बीच उनकी...
पासपोर्ट (1961),
झुमरू (1961)
ब्वॉय फ्रेंड (1961),
हाफ टिकट (1962) और शराबी (1964) जैसी कुछ फ़िल्में प्रदर्शित हुई। वर्ष 1964 में एक बार फिर से मधुबाला ने फ़िल्म इंडस्ट्री की ओर रुख़ किया। लेकिन फ़िल्म चालाक के पहले दिन की शूटिंग में मधुबाला बेहोश हो गयी और बाद में यह फ़िल्म बंद कर देनी पड़ी। 

मृत्यु ...अभिनेत्री मधुबाला ने मुम्बई में 23 फ़रवरी 1969 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया।
अपनी दिलकश अदाओं से लगभग दो दशक तक सिने प्रेमियों को मदहोश करने वाली महान् अभिनेत्री मधुबाला जीं की स्मृति को आदरांजली
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CBSE अध्यक्ष की बोर्ड परीक्षार्थियों को चिट्ठी, लिखा - 'कुछ भी करो पर इतिहास मत बनाना

CBSE अध्यक्ष की बोर्ड परीक्षार्थियों को चिट्ठी, लिखा - 'कुछ भी करो पर इतिहास मत बनाना
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE - Central Board of Secondary Education) की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2020 से शुरू हो रही हैं। इस परीक्षा को लेकर सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं, उनके माता-पिता भी काफी तनाव में रहते हैं। इस तनाव को दूर करने और बोर्ड परीक्षा के सही मायने समझाने के लिए सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवल पिछले तीन सालों से परीक्षा से पहले छात्र-छात्राओं के नाम चिट्ठी लिखती आ रही हैं।
इस बार भी अनीता करवल ने परीक्षार्थियों के लिए चिट्ठी लिखी है। इसमें कई दिलचस्प और हौसला बढ़ाने वाली बातें लिखी हैं। सीबीएसई अध्यक्ष ने बच्चों से ये भी कहा है कि - 'जीवन में कुछ भी करो, पर इतिहास मत बनाना।'

अनीता करवल के शब्दों में पूरी चिट्ठी

'प्यारे बच्चों,
स्कूलिंग का मतलब सिर्फ बोर्ड पीरक्षाएं नहीं हैं। अब जब मैं पीछे देखती हूं, सोचती हूं कि स्कूल में पढ़ी कौन सी चीज मैं घर ला पाई। मुझे याद आती है - पिकनिक, वार्षिक मेले, खेल, दोस्त और उनके साथ की मस्ती, हंसना-रोना, शेयरिंग और केयरिंग। लेकिन पढ़ाई के मामले में सब धुंधला सा है। जैसे - इतिहास में ढेर सारी तारीखें जो मैंने तब याद की थीं, लेकिन अब याद नहीं। मैं अपने दोस्तों से कहना चाहूंगी, 'जिंदगी में कुछ भी करो, लेकिन इतिहास बनाने से दूर रहना। अगली पीढ़ी तुम्हें माफ नहीं करेगी। मैं हमेशा अमेरिकियों को कोसती थी क्योंकि उनके फ्लोरा और फॉना अफ्रीका से बिल्कुल अलग थे। दुनिया एक जैसी और आसान क्यों नहीं हो सकती?

गणित में मेरी हालत 'Alice in Wonderland' जैसी थी। केमिस्ट्री मेरे लिए कई अंग्रेजी अल्फाबेट और अरबी अंकों का मिश्रण थी। लेकिन बायोलॉजी ऐसा विषय था जो मुझे जिज्ञासु बनाता था। ये विषय इतना पसंद था कि मैं रेड ब्लड सेल्स पर ऑटोबायोग्राफी लिख देती थी। मुझे अपनी पनाह वहां मिली। ये मेरे लिए आर्ट रूम की तरह था। एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में मैं पढ़ाई-लिखाई से बेहतर थी। मुझे अच्छा लकता था कि मैं खाली कैनवास पर रंगों से कुछ भी बना सकती हूं। या स्टेज पर एक्टिंग के दौरान लंबे से लंबे डायलॉग याद रख सकती हूं। लेकिन मुझे ये याद नहीं कि बोर्ड परीक्षा में मुझे क्या सवाल पूछे गए थे और परीक्षा कैसी गई थी।
मैं ये सब आपसे इसलिए साझा कर रही हूं क्योंकि मैं चाहती हूं कि ऐसा नहीं है कि हम स्कूल में हर विषय और हर गतिविधि में अच्छे होकर ही जिंदगी में सफल हों। स्कूलिंग विभिन्न विषयों से रूबरू होने के बारे में है। लेकिन इससे ज्यादा ये समय ये सीखने के लिए है जीवन भर के लर्नर कैसे बनें। ये समय जीवन के मूल्य और कौशल सीखने का है।
आप 21वीं सदी के बच्चे है। आपको नौकरी देने वालों को शायद स्कूल में मिले आपके अंकों से फर्क न पड़े। बल्कि वे ये जानना चाहेंगे कि आप कितने रचनात्मक व सृजनशील हैं। आप कड़ी मेहनत करने में सक्षम हैं या नहीं। ईमानदार, अच्छे नागरिक, मुश्किलों का समाधान ढूंढने और टीम का हिस्सा बनने में सक्षम हैं या नहीं। आपको लगे या ना लगे, लेकिन मुझे यकीन है कि आपमें ये चीजें हैं, कई कौशल हैं और जहां तक आपके भविष्य का सवाल है, आप पहले ही परीक्षा में पास हो चुके हैं।
आपने जिंदगी में कई चढ़ाई चढ़ी है - घिसटने से चलना सीखने तक, अस्पष्ट से स्पष्ट बोलना सीखने तक, दोस्त बनाना सीखने से लेकर टीमवर्क तक, लिखना, पढ़ना, खेलना, पेंट करना, गाना, डांस करना, खाना पकाना, गार्डनिंग करना, इंटरनेट सर्च करना, बड़ों का सम्मान करना, अपनी संस्कृति को जानना और भी बहुत कुछ। इन सभी ने आपके व्यक्तित्व को निखरने और और अतुल्य बनाने में भूमिका अदा की है।

परीक्षा इन हजारों चीजों की सूची में से महज एक चीज है। ये इतनी बड़ी चीज नहीं जितना इसे बना दिया जाता है। ये सिर्फ अपनी वास्तविक क्षमता ढूंढने के आपके सफर में एक पड़ाव है। उस सूची में से जो भी आपने सीखा है, वो सब एक ही मान्यता के साथ शुरू होता है - मैं ये कर सकता / सकती हूं। 

इसलिए अपने पूरे ज्ञान और क्षमता के साथ आगे बढ़ें, अपनी चिंताओं को खत्म करें, कड़ी मेहनत करें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें।'
साभार :अमर उजाला

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सांसद ट्रॉफी के शुभारंभ मैच में पत्रकार एकादश जीती, पूर्व गृहमन्त्री ने किया शुभारम्भ

सांसद ट्रॉफी के शुभारंभ मैच में पत्रकार एकादश जीती, पूर्व गृहमन्त्री ने किया शुभारम्भ
सागर। सांसद ट्रॉफी के आयोजन से क्रिकेट जगत से जुड़े लोकसभा क्षेत्र के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का प्लेटफार्म मिलेगा। उक्त बात नगर निगम स्टेडियम में सांसद ट्रॉफी 2020 के शुभारंभ के अवसर पर पूर्व गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कही उन्होंने कहा कि जब मैं सागर से सांसद रहा तब खेल जगत की प्रतिभाओं को तराशने के उद्देश्य सांसद ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन शुरू हुआ था। वर्तमान सांसद राज बहादुर सिंह ने उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया है ।
सागर विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि आज का देश का युवा प्रत्येक विद्या में अपनी प्रतिभा को साबित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। यही कारण है कि देश भर में खेल प्रतिभाएं अपने खेल के माध्यम से सभी को प्रभावित कर रही है । वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.जी.एस.चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस का भी संपूर्ण ध्यान रखना चाहिए। यदि उन्हें लंबे समय तक मैदान में बने रहना है तो चोट से बचना होगा । उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को तनाव रहित होकर अपने खेल प्रतिभा को संवारने का प्रयास करना चाहिए।  सांसद ट्रॉफी के आयोजक सांसद राजबहादुर सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि मैं स्वयं  खेल ग्राउंड से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूँ । सागर क्षेत्र के लिए खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। क्षेत्र में खेल से जुड़ी गतिविधियों में इजाफा हो और खेल से संबंधित सभी सुविधाओं का लाभ खिलाड़ियों को प्रदान करने हेतु हमेशा प्रयासरत रहूंगा।
 सभी मुख्य अतिथियों ने जहां सांसद ट्रॉफी का अनावरण कर एवं ध्वजारोहण कर इस टूर्नामेंट का उद्घाटन किया । वहीं सांसद इलेवन और पत्रकार इलेवन के बीच खेले गए मैच में विजेता रही पत्रकार एकादश को बधाई प्रेषित की । 
आज के मैच
सांसद ट्राफी में खेले गए आज के मैच में  शुक्रवारी इलेवन एवं यंग स्टार बांदरी जिसमें शुक्रवारी ईलेवन विजेता रही। दूसरे मैच में सदर बॉय नरयावली एवं बीएमसी सागर के मैच में सदर ब्वॉय नरयावली विजेता रही। 
उद्घाटन समारोह में मंच संचालन राजेश सैनी एवं आभार  लक्ष्मण सिंह ने व्यक्त किया।
उद्घाटन समारोह में भाजपा जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटेल, लक्ष्मण सिंह, सुखदेव मिश्र, राजेश सैनी, राम अवतार पाण्डेय, प्रदीप पाठक, श्याम तिवारी,, नरेश यादव, आदेश जैन राजेश ठाकुर संतोष दुबे, देवेंद्र पांडे प्रदीप तिवारी, मिलन्द देउस्कर, नईम खान, मनीष चौबे, शैलू जैन, राजेश केशरवानी, डॉ चन्द्रभान तिवारी, राजीव सोनी, मनोज शुक्ला, विकास बेलापुरकर, श्वेता यादव, सुषमा यादव, राजकुमार जैन,शैलेन्द्र ठाकुर, रविन्द्र गौर, आकाश शुक्ला, देवेन्द्र दुबे, राहुल रजक, सचिन दुबे, राजकुमार नामदेव आदिब पठान, आदित्य राजा ठाकुर,शेखर चौधरी, मनोज राय, शुभम नामदेव एवं संजय दुबे आदि की उपस्थिति रही।
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