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चतुर्भुज सिंह बने क्षत्रिय नव चेतना मंच के जिला अध्यक्ष



चतुर्भुज सिंह बने क्षत्रिय नव चेतना मंच के जिला अध्यक्ष


सागर।  क्षत्रिय नव चेतना मंच की बैठक  काँची होटल मैं मंच के सरंक्षक वीनू राणा के अगुवाई में हुई । इस बैठक में  सर्वसम्मति से चतुर्भुज सिंह पिपरिया के नाम पर अध्यक्ष को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा हुई जिस पर सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने अपनी सहमति दी और सरंक्षक ने  चतुर्भुज सिंह पिपरिया को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया । श्री राजपूत के अध्यक्ष बनने पर वीनू राणा , अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संभागीय अध्यक्ष  रामबाबू राजपूत, पूर्व अध्यक्ष  नव चेतना मंच के लखन सिंह, ठाकुर गजेंद्र सिंह बन्नाद, रंजीत सिंह सुरखी, प्रमोद ठाकुर, राकेश सिंह सिमरिया, रमेश राजपूत जितेंद्र सिंह राजपूत सहित  सभी क्षत्रिय बंधुओं ने शुभकामनाएं एवं बधाई दी । चतुर्भुज सिंह न मैं कहा कि समाज के प्रति मैं पिछले दस वर्षों से निरंतरअपने दायित्व का पूर्ण निष्ठा के साथ पालन करता आ रहा हूँ और समाज के द्वारा दी गई जिम्मेदारी का पूर्ण निष्ठा के साथ पालन करूँगा, और अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाउंगा ।क्षत्रिय नवचेतना मंच  की तरफ से नवनिर्वाचित अध्यक्ष को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी गई। 

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पूज्य पंचायत सिंधी समाज ही सर्वोपरि, समाज के बायलॉज में अध्यक्ष वार्ड से ही:भीष्म राजपूत

पूज्य पंचायत सिंधी समाज ही सर्वोपरि, समाज के बायलॉज में अध्यक्ष वार्ड से ही:भीष्म राजपूत


सागर । पूज्य पंचायत सिंधी समाज सागर के बायलॉज में स्पष्ठ लिखा है कि अध्यक्ष संतकवर वार्ड से ही होगा. बाहर का कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं हो सकता है.यह बात समाज के अध्यक्ष भीष्म राजपूत ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही. उन्होने कहा कि पिछले वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के चलते उनके कार्यकाल को समाज द्वारा छह माह के लिए बढ़ा दिया गया था. जिसके तहत सितंबर माह में चुनाव की प्रक्रिया करा दी जायेगी. चुनाव समिति का गठन होगा. समाज अध्यक्ष चुनती है और अध्यक्ष समिति के 21 सदस्यों को मनोनीत करती है. पिछले वर्षों तक चुनाव राशन कार्ड के आधार पर ही कराए जाते थे इस वर्ष से महिलाओं को भी चुनाव में मत देने का अधिकार दिया जा रहा है. समाज मे सिंधी पूज्य पंचायत ही सर्वोपरि है। 
यहां बता दे कि सिंधी समाज में आपसी मतभेदों की लड़ाई सड़को से लेकर कोर्ट तक पहुच गई है। अपने अपने दावों से समाज का मुखिया बता रहे है। 
उन्होने बताया कि पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा सागर सिंधी जिला महापंचायत का गठन कर समाज और प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है. .

उन्होंने बताया कि पूज्य पंचायत सिंधी समाज सागर द्वारा आज आप सभी को सूचित करता है कि सागर सिंधी जिला महापंचायत के नाम से जो नई कमेटी बनाकर कमल हिन्दुजा को अध्यक्ष
नियुक्त किया गया है । वह अवैध एवं अत्यंत ही निंदनीय है जिसका खंडन श्री पूज्य सिंधी पंचायत बीना के एवं खुरई की सिंधी समाज समिति के द्वारा भी किया गया है। उक्त दोनों पंचायतों के
अलावा सागर की पूज्य पंचायत सिंधी समाज ने भी इन्हें किसी भी प्रकार की सागर सिंधी जिला महापंचायत की कमेटी बनाने के लिए ना ही मौखिक आश्वासन दिया है ना ही किसी भी प्रकार का कोई पत्र दिया है।

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इन्होंने अवैध रूप से सागर सिंधी जिला महापंचायत के नाम से बनाई गई
आज दिनांक 20.03.2021 पूज्य पंचायत सिंधी समाज सागर की बैठक में निर्णय लिया गया है उक्त फर्जी जिला महापंचायत का पुरजोर विरोध एवं भंग करने का आदेश पारित करती है अन्यथा
पंचायत से निष्कासित करने कीकार्यवाही की जायेगी एवं समाज विरोधी गतिविधियों में प्रयुक्त पाये जाने पर सख्त एवं कड़ी कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है। बताया जाता है कि कुछ  लोग सिंधी समाज के अध्यक्ष भीष्म राजपूत को नीचा दिखाने एवं उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए किया जा रहा है इसके लिए पूरा सिंधी समाज आक्रोशित है। ये लोग सागर पूज्य पंचायत सिंधी समाज की गतिविधियों से निष्कासित किए गए। कुछ लोग बिना किसी सामाजिक बैठक के अपने अनुसार ही स्वयंभू महापंचायत का गठन कर
लिया। जिसका जिलाध्यक्ष कमलहिन्दुजा, हर्ष किराना वालों को बनाया गया है जो स्वयं ही बाहर से आये हुए है। समाज के कुछ लोग समाज को तोड़ना चाहते है 
पूज्य पंचायत सिंधी समाज सागर, श्री पूज्य सिंधी पंचायत बीना, सिंधी समाज
समिति खुरई, भरसक निंदा करता है जिससे पूरे समाज में आक्रोश फैला हुआ है। पत्रकार वर्ता में सचिव सचिन संगतानी और सदस्य सुरेश पंजवानी आदि मौजूद रहे।


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वर्तमान के चौखट पर इतिहास का खूबसूरत अफसाना है “गगन दमामा बाज्यो”

वर्तमान के चौखट पर इतिहास का खूबसूरत अफसाना है "गगन दमामा बाज्यो"  


साग़र। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली से प्रशिक्षित और हिंदी फिल्म जगत के अलबेले चरित्र अभिनेता पियूष मिश्र बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं. उनकी सृजनात्मकता का एक पक्ष उनका लेखन है. वे अनेक विधाओं में खुद व्यक्त करते रहे हैं, पर उनके लेखन का उत्कर्ष नाटक "गगन दमामा बाज्यो" में देखने को मिला. यह नाटक शहीदे आज़म भगत सिंह के जीवन और विचार पर केन्द्रित है. पर एक बेहद संवादी शिल्प के प्रयोग से इस नाटक को वर्तमान की चौखट अतीत की पुनर्व्याख्या में तब्दील कर दिया गया है. नाटक की लोकप्रियता का आलम यह है कि भारत के लगभग हर नाट्य समूह ने अपने-अपने ढंग से इस नाटक का मंचित किया है.

पियूष मिश्रा द्वारा लिखित "गगन दमामा बाज्यो" एक ऐसा नाटक है जो प्रत्येक समर्थ नाट्य निर्देशक को आमंत्रित करता है कि आओ मेरे सहारे अपनी शक्ति का परीक्षण करो. इस बार इस चुनौती स्वीकार किया आदित्य निर्मलकर ने. डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के सांस्कृतिक परिषद् और 'रावन फिल्मस' के संस्थापक रिशांक तिवारी के अथक प्रयत्नों से शहीदे आज़म के शहादत दिवस पर स्वर्ण जयंती सभागार में सागर के कलाकारों के साथ इस नाटक को प्रस्तुत किया गया.

'गगन दमामा बाज्यो' नाटक अपनी कथात्मक व्यंजना में वर्तमान की तार्किकता से इतिहास की गुत्थियों को सुलझाने की रचनात्मक प्रयास है. दरअसल भगत सिंह का जीवन और शहादत जितना भारतीय इतिहास में दर्ज है उससे कहीं ज्यादा और चटख रूप में भारतीय जनमानस की चेतना में विराजमान है. भारतीय स्वत्वबोध का वह चिर युवा यौवन, आजादी और बलिदान का अद्वितीय पर्याय बन गया है. यह नाटक भगत सिंह की चिरागी कथा को इतिहास के अधियारे से बाहर निकालकर नए संदर्भों में परखता है.   

नाटक का नैरेशन द्विस्तरीय है. नाटकों के लिए अत्यंत सफल माने जाने वाले 'पूर्वदीप्ति' पद्धति के माध्यम से घटनाओं का चित्रण किया गया है. दरअसल यह नाटक भगत सिंह के साथी रहे और बहुत बाद तक जीवित रहे शिव वर्मा के हवाले से बुना गया है. यही इस नाटक की शास्त्रीयता का सफल सूत्र है. वर्तमान से अतीत के बीच लगातार आवाजाही करते कथासूत्रों को निर्देशक आदित्य निर्मलकर ने बड़े सलीके से पिरोया है. यह एक ऐसी युक्ति है जहाँ थोड़ी सी भी असावधानी नाटक के कथ्य को उलझा सकती थी. वर्तमान में शिव वर्मा की आवेगपूर्ण स्मृतियों के दरम्यां अतीत में घटित भगत सिंह की संघर्ष-कथा को दिखाने के लिए लिए निर्देशक ने प्रकाश का रचनात्मक प्रयोग किया है. यही वह निर्देशकीय कौशल है जिसके द्वारा आदित्य निर्मलकर ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है. यह नाटक १९६५ में शिव वर्मा और मार्कंड त्रिवेदी के बातचीत के माध्यम से आजादी के उस दौर को जिसमें भगत सिंह और उनके साथी अपने ढंग से इतिहास का एक नया मजबून गढ़ने की कोशिश कर रहे थे, उसका आलोचनात्मक मूल्यांकन करता है. 



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कथा-विस्तार के अनुकूल नाटक में पात्रों की संख्या को संयोजित किया गया है. सभी पात्र अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं. चन्द्रशेखर आजाद की भूमिका में बालमुकुन्द अहिरवार, भगत सिंह की भूमिका में विवेकानद सोनी, सुखदेव के रूप में आनन्द अग्रवाल, राजगुरु के रूप में संजय कोरी, शिव वर्मा के रूप में अरविन्द ठाकुर, मार्तंड त्रिवेदी के रूप में अरविन्द गुडेले के साथ अन्य सभी कलाकार प्रभावित करते हैं. असल में ऐतिहासिक कथानक में सबसे बड़ा किरदार 'इतिहास' ही होता है. अभिनय कर रहे कलाकार बस उस इतिहास के अनुषंगी होते हैं. इस नाटक के कलाकारों ने मंच पर अपने अभिनय का सर्वस्व उड़ेल कर भगत सिंह जैसे इतिहस-पुरुष को एक बार फिर वर्तमान का क्रांतिधर्मी नायक में तब्दील कर दिया. मंच पर अभिनय की इस स्वर्ण शिखर को छू लेना किसी भी अभिनेता के लिए बड़ी बात है. पात्रों के अभिनय की सबसे ख़ास बात उनका सामूहिक और सहयोगी प्रयास था. 

गगन दमामा बाज्यो नाटक की कथात्मक संरचना निर्देशक के लिए चुनौती की तरह है. जिसमें आदित्य निर्मलकर ने अपनी रचनात्मक हस्तक्षेप से यादगार बना दिया है. नाटक के कथ्य को सफलता के साथ संप्रेषित करने के लिए निर्देशक ने गीत और संगीत का अत्यंत सृजनात्मक उपयोग किया है. यशगोपाल श्रीवास्तव और पार्थो घोष के संगीत और स्वर ने नाटक की व्यंजना को और अधिक सान्द्र कर दिया है. प्रतिभाशाली कलाकार गगन राज के तबले की थाप और शुभम सेन के ढोलक की अनुगूंज ने भारतीय इतिहास के अनसुने स्वरो को एक रोमांचकारी भाषा में बदल दिया था.         

एक तरह से देखा जाय तो यह नाटक विशिष्ट उपलब्धियों से भरे सागर के रंगमंचीय परिदृश्य में एक सुनहले पन्ने की तरह है. रावन फिल्मस के रिशांक तिवारी की कोशिश और संकल्प से सागर में पेशेवर रंगमंच की यह एक शानदार शुरुआत है. इसा नाटक को शहीदे आज़म की याद के बहाने स्थानीय प्रतिभाओं के नयी उड़ान के रूप में देखा जाना चाहिए.     


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नर्सिंग होम / निजी हॉस्पिटल कोविड 19 के इलाज की निर्धारित दरें ,रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करें ★ मरीज और परिजन को भी मांगे जाने पर देना जरूरी

नर्सिंग होम / निजी हॉस्पिटल कोविड 19 के इलाज की निर्धारित दरें ,रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करें
★ मरीज और परिजन को भी मांगे जाने पर देना जरूरी
 
भोपाल । प्रदेश के सभी नर्सिंग होम और निजी हॉस्पिटल (क्लीनिकल स्टाविलिश मेंट) को कोविड-19 के उपचार की निर्धारित दरों को रिसेप्शन काऊंटर पर प्रदर्शित करना जरूरी है। इसके साथ ही मरीज और मरीजों के परिजन को माँगने पर उपचार की निर्धारित दरों को उपलब्ध कराना होगा। निर्धरित दरों के संबंध में भी स्पष्ट किया गया है कि 29 फरवरी 2020 को नर्सिंग होम, निजी हॉस्पिटल के द्वारा जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित की गई दरों से निर्धारित दरें 40 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। उच्च न्यायालय के 23 सितम्बर, 2020 को पारित आदेश में कोविड- 19 उपचार की निर्धारित दरों को नर्सिंग होम एवं निजी हॉस्पिटल को रिसेप्शन काऊंटर पर प्रदर्शित करने के संबंध में आदेश पालन के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए है।

संचालक राज्य स्वास्थ्य सूचना शिक्षा संचार ब्यूरो श्री बसंत कुर्रे ने बताया कि सभी नर्सिंग होम एवं निजी हॉस्पिटल को उच्च न्यायालय द्वारा कोविड- 19 की रोकथाम संबंधी प्रकरण में 23 सितंबर 2020 को पारित आदेश के पालन में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। निर्देश नर्सिंग होम और निजी हॉस्पिटल स्थापना (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) के अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत दिये गये हैं। सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया है कि संबंधित अधिकारी जिले के समस्त नर्सिंग होम एवं निजी हॉस्पिटल में कोविड- 19 के निर्धारित उपचार की रेट लिस्ट रिसेप्शन काउंटर पर लगवाना सुनिश्चित करे।
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कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसला- अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा : मंत्री भूपेंद्र सिंह

कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसला- अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा
: मंत्री भूपेंद्र सिंह

सागर। बुधवार शाम को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसला लिया गया कि, अवैध कालोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उक्त जानकारी सागर से वीसी के माध्यम से मीटिंग में शामिल हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दी। मीटिंग में कोरोना संक्रमण की समीक्षा भी की गई। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क अवश्य लगाएँ। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि आज ही वर्चुअल कैबिनेट के पश्चात यह निर्णय लिया गया है कि , मध्य प्रदेश में अवैध कालोनियों को वैध किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को को देखते हुए पूरे मध्यप्रदेश में अभी 40 हजार पलंगों  की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही एक लाख पलंगों की कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि कैबिनेट में  निर्णय लिया गया है कि समस्त कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए।
मंत्री श्री ठाकुर ने बताया कि वैक्सीनेशन शत प्रतिशत करने के लिए जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक ,धार्मिक संगठनों का सहयोग लेकर इसे एक अभिज्ञान के रूप में जारी रखा जाए।उन्होंने बताया कि केबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया है कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड भी तैयार कराए जाएँ। 

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डॉक्टर लोहिया के विचारों के अनुसार दुनिया बने तबसमानता और शांति दोनों कायम हो सकेंगे :रघु ठाकुर

डॉक्टर लोहिया के विचारों के अनुसार दुनिया बने तबसमानता और शांति दोनों कायम हो सकेंगे :रघु ठाकुर

 साग़र। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ राम मनोहर लोहिया की जन्मतिथि आज संजय ड्राइव स्थित लोहिया पार्क मैं गरिमा पूर्ण तरीके से मनाई गई।कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी सम्मानित अतिथियों ने डॉक्टर लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। 
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय के मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने वीडियो के माध्यम से कार्यक्रम में हिस्सेदारी की और कहा कि हम डॉक्टर लोहिया के बताए रास्तों पर चलने का काम करें उन्हीं का रास्ता बदलाव का रास्ता है ।समाज में इससे क्षमता स्थापित होगी ।कार्यक्रम के आयोजकों को उन्होंने इस अवसर पर शुभकामनाएं दी और कहा कि मुझे जो भी जो भी कार्य की जिम्मेदारी लोहिया पार्क के लिए दी जाएगी मैं उसे अवश्य पूरा करूंगा उन्होंने विशेषताएं ।श्री रघु ठाकुर जी को कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया।
समाजवादी चिंतक एवं लोहिया विचारक रघु ठाकुर ने कहा कि जिस दुनिया की कल्पना डॉक्टर लोहिया ने की थी यदि आज लोग उनके बताए रास्ते पर चलें तो पूरे विश्व में समानता और शांति स्थापित हो सकेगी ।डॉक्टर लोहिया के विचारों को आज अंगीकार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा की पूरी दुनिया में किसी बात को लेकर आज विसंगति है तो वह है अपने अपने कट्टरपंथ को लेकर जबकि डॉक्टर लोहिया उदारता के पक्ष में थे ।यदि उदारता का रास्ता अपनाया जाए तो कट्टरपंथ समाप्त होगा और आपसी भाईचारा विश्वास परस्पर लोगों में कायम होगा।डॉक्टर लोहिया आम गरीब की आवाज थे उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अनेकों यातनाएं सही भारत को आजादी दिलाने में संघर्ष किया और देश को आजादी दिलाई।दाम बांधो नीति लागू करने का काम उस समय डॉक्टर लोहिया की मांग थी जो इतने बरसों बाद आज उचित जान पड़ती है।नदियों के जोड़ने का नर नारी समानता का पक्ष उन्होंने लिया था ।जो आज ना सिर्फ आवश्यक है बल्कि उस पर कायम रहने की भी जरूरत आ गई है।डॉक्टर लोहिया का रास्ता समाज में बदलाव का रास्ता है इसे आत्मसात करना होगा
टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने श्री रघु ठाकुर जी की मांग पर अपने विश्वविद्यालय में बुद्ध लोहिया एवं डॉक्टर गौर शोध पीठ स्थापित करने की मांग को स्वीकार किया और कहा कि इसके लिए अध्ययन केंद्र शुरू किया जाएगा। उन्होंने डॉक्टर लोहिया की सप्तक्रांति यों का विस्तार से उल्लेख किया और इस अवसर पर लोहिया पार्क की स्थापना को एक अविस्मरणीय कार्य बताया।उन्होंने कहा कि रघु ठाकुर जीआज के नए युग के लोहिया हैं। 
सागर के पूर्व महापौर श्री अभय दरे ने कहा कि यह मेरे कार्यकाल की उपलब्धि  थी कि मैं अनेकों विरोध और दबावों के बावजूद सागर मैं लोहिया प्रतिमा एवं लोहिया पार्क स्थापित करा सका ।उन्होंने कहा कि मैं रघु ठाकुर जी की मांग पर अपनी ओर से एक कक्ष सागर के लोहिया पार्क में बुद्ध  लोहिया एवं डॉ गौर के नाम का निर्माण कराने तैयार हूँ ताकि इतिहास की विकृतियों मे सुधार हो सके। 

साहित्यकार श्री मुकेश वर्मा ने सागर से जुड़ी अपनी कई घटना और संस् मरणों को याद किया और कहा कि श्री रघु ठाकुर जी के कारण मुझे लोहिया के विचारों से ओतप्रोत होने का मौका मिला और मैंने लोहिया जी के बारे में विस्तार से  न केवल सिर्फ सिर्फ पड़ा बल्कि में लोहिया के विचारों से स्थाई रूप से जुड़ सका ।इसके सही हकदार श्री रघु ठाकुर हैं। भोपाल से आये वरिष्ठ साहित्य कार बलराम गुमाश्ता जी ने कहा कि साहित्य ही वर्तमान में चुप्पी तोड़ सकता हैं और इसके लिये डॉ लोहिया ही प्रेरणा हैं। भोपाल के प्रसिद्ध अखबार पहले पहल के सम्पादक महेंद्र गगन ने लोहिया को स्मरण किया। 
लोहिया जी के जन्मदिन के अवसर पर श्रीमती गायत्री ठाकुर "सक्षम "द्वारा लिखित पुस्तक "अनूभुती "का विमोचन  डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर श्रीमती चंदा वेंन द्वारा किया गया। 
कार्यक्रम का संचालन बद्री प्रसाद ने किया एवं आभार राम कुमार पचौरी ने माना।
कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्होंने भारत के आजादी के आंदोलन में हिस्सेदारी की उनके परिजनों को उनकी स्मृति में याद कर प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। 

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महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिनमें श्री ताराचंद जैन श्री अब्दुल गनी खान श्री गौरीशंकर केसरवानी श्री मन्नू लाल पटेल श्री जालम सिंह मोती श्री प्यारे लाल चौरसिया श्री कन्हैया लाल साहू श्री चिंतामन जैन श्री लाल चंद जैन श्री अब्दुल गनी श्री जी के लोक रस श्री राम नारायण सरवैया श्री राम भरोसे स्वामी श्री धनीराम दुबे श्रीमती कमला बडोनिया श्री गोविंद लाल बड़ौन्या श्री शिवचरण सेन श्री रामचरण कोरी श्री परमानंद चौरसिया श्री कंचन लाल जैन श्री केदारनाथ रोहन श्री गोपाल कृष्ण गुप्ता श्री ज्वाला प्रसाद ज्योतिशी श्री देवी संकर केसरवानी श्री राजाराम झुड़ेले श्री विनायक राव बेलापुरकर श्री कृष्ण कुमार बडोनया श्री लक्ष्मी नारायण भारद्वाज श्री भवानी सिंह ठाकुर श्री राम गोपाल कटारे श्री लक्ष्मी नारायण शिला कारी श्री दयाल चंद जैन श्री मूलचंद पचौरी श्री धर्मचंद जैन श्री टीकाराम जैन श्री महेश दत्त  दुबे एवम श्री बट्टू लाल दुबे श्री दीपचंद जैन श्री समर्थ चंद सोधिया श्री लोकनाथ सिलाकारी  श्री  हरिबल्लभ सिलाकारी श्री नारायण शंकर त्रिवेदी आदि स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों को याद कर पुण्य स्मरण कियागया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पं सुखदेव प्रसाद तिवारी श्री सुरेंद्र सुहानेपप्पू गुप्ता अब्दुल रफीक गनी मुकुल पुरोहित सिंटू कटारे अखिलेश केसरवानी सुधीर ठाकुर शिवराज सिंह ठाकुर अतुल तोमर चिकी एंथनी राजेंद्र सिला कारी प्रभात जैन संतोष पचौरी श्री रविंद्र जैन श्रीमती सीमा दुबे श्रीमती सुषमा जैन श्री कमल सउदिया श्री अनिल त्रिवेदी पंकज सिंघई  श्री शंभू दयाल सेन भूपेंद्र सिंह चील पहाड़ी अजय सिंह अनुज खटीक जितेंद्र रोहन श्री आशीष जोशी विनोद तिवारी संजय केसरवानी अरविंद बड़ौदा विकास बेलापुरकर कृष्ण वीर सिंह ठाकुर एडवोकेट भागचंद जैन मुन्ना लाल चौरसिया योगेंद्र मोती बृजेश पटेल ओमप्रकाश केसरवानी श्रीमती वीणा चौकसे सुनील चौक से श्री राजा खान प्रवीण लोकस नवीन सोनी दीनानाथ दुबे गोविंद लाल बड़ौन्या  श्री राजू राठौर सुनील चौकसे आई पी सिंह श्री नारायण सिंह श्री महेश पांडे नारायण सिंह सुरेंद्र सुहाने मोनी केशरवानी  अतुल तोमर राजेंद्र सिंहसुरेंद्र सुहाने उमाकांत मिश्र संजय सिंह राठौर कपिल पचौरी श्री मती चारू सिंह श्री मती विम्मी ठाकुर श्री मती शिल्पा जैन कु कपिला जैन गौरव पचौरी आदि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 
बुंदेली गीतकार श्री अंकित पांडे एवं श्री शिव रतन यादव की टीम ने अपनी प्रस्तुति से सभी लोगों के मन में नया उत्साह भर दिया। श्री संतोष चौबे ने बुद्ध लोहिया गौर पुस्तकालय के लिए सौ पुस्तकें देने की घोषणा की और दस पुस्तको का सेट तत्काल श्री रघु ठाकुर को भेंट किया। डॉक्टर लोहिया अमर रहे के गगनभेदी नारों के साथ कार्य क्रम का समापन हुआ।


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