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सरकार फेल,उच्च न्यायालय को कहना पड़ा कुछ करिये ★ मानवता हमारी ओर आशा और विश्वास से देख रही है ★कांग्रेसजन सेवा और राष्ट्र निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता पर चलते रहें-पूर्व सीएम कमलनाथ

सरकार फेल,उच्च न्यायालय को कहना पड़ा कुछ करिये
★ मानवता हमारी ओर आशा और विश्वास से देख रही है
★कांग्रेसजन सेवा और राष्ट्र निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता पर चलते रहें-पूर्व सीएम कमलनाथ

भोपाल। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बयान में कहा है कि कोरोना संकट काअभी जो समय है वह घड़ी हमें प्रेरित कर रही है कि सभी कांग्रेसजन सजगता और सावधानी और कोविड गाईडलाईन्स के पालन  के साथ उन मरीजों की सेवा में जुट जायें जिनको हमारी जरूरत है। सेवा और समर्पण का रास्ता हमें गांधी जी ने सिखाया था अब कांग्रेस जनों को उसी भूमिका का निर्वाह करना है । कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास सेवा,समर्पण और देश निर्माण का रहा है। आज फिर वही घड़ी हमें ऐसा समय दिखा रही है, जब कांग्रेसजनों को उसी भूमिका का निर्वाह करना पड़़ रहा है और आगे भी करना पड़ेगा जिसके लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है।
आप सभी से मेरा आव्हान है कि कोई कुछ भी कहे,आपकी विचारधारा पर आरोप लगाये,आपकी सेवाभावना पर सवाल उठाये, लेकिन उन  बातों पर ध्यान नहीं देना है। व्यक्तिगत सावधानी बरतते हुए उस कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहना है जो जनता जनार्दन की सेवा और सहायता का मार्ग है।
उन्होंने कहा था कि  जो जहां है और जिसकी जितनी सामर्थ्य है वह  अपने तन-मन और धन से संकट की इस घड़ी में लोगों की सहायता करे। उन्हें उम्मीद बंधाये और मदद करे।  जिनके हाथों में सत्ता है वे इस संकटकाल में पूरी तरह विफल नज़र आ रहे हैं।वे केवल गाल बजा रहे हैं । जब हम उन्हें इस बात की ताकीद करते हैं तो वे जनता की सुध बुध छोड़कर हमें ही दोषी ठहराने में लग जाते हैं।   कांग्रेसजन जिस कर्तव्य भावना के साथ बढ़ रहे हैं,उसे ही एकमात्र ध्येय मानकर सावधानी,सुरक्षा,सजगता के साथ लोगों की सेवा करते रहें।
प्रदेश की पहले से चरमरायी स्वास्थ व्यवस्था अब तो पूरी ध्वस्त हो चुकी है। माननीय उच्च न्यायालय को भी हस्तक्षेप कर यह कहना पड़ा है कि सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर पा रही है।
"जनता मेरी भगवान,प्रदेश मेरा मंदिर  और मैं पुजारी चौहान" कहने वाले शिवराज सिंहजी  ने अपना रूप दिखा दिया है और जनता को तिल तिल मरने छोड़ दिया है।लोग प्राणवायु के अभाव में जान गंवा रहे हैं।दवाई और इंजेक्शन नहीं मिल  रहे हैं।सरकारी अस्पतालों से इंजेक्शन भी चोरी हो रहे हैं ।अब तो भाजपा के लोग ही इस चौपट व्यवस्था पर उंगली उठा रहे हैं।

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यह समय लोगों की सेवा और मदद करने का है

कमलनाथ ने कहा कि  आप सभी जानते हैं कि भाजपा द्वारा कुटिलता से लोगों को बरगला कर  सत्ता तो प्राप्त की जा सकती है पर वह जज़्बा नहीं लाया जा सकता जो हर सच्चे कांग्रेसी के खून की पहचान है। 
उंगली कटाकर शहीद होने का दम भरने वाले लोग इस बात को कभी नहीं समझेंगे कि कांग्रेस क्या है?वे  कांग्रेस पर हमेशा कीचड़ उछालते रहते हैं।हमें इन सभी बातों से विचलित नहीं होना है। 
वैसे तो व्यक्तिगत स्तर पर हर कांग्रेसी लोगों की मदद  कर ही रहा है,हमें आगे भी करते रहना है।यही समय का तकाजा है। अपने संपर्कों का उपयोग कर आप लोगों को आक्सीजन,इंजेक्शन व दवाई उपलब्ध कराये और अन्य जरूरत की वस्तुयें मुहैया करायें।मानवता आपकी ओर आशा से देख रही है । आइए हम  मिल-जुल कर सेवा केपथ पर आगे बढ़ें और आरोपों से अविचलित रहकर अपना कर्तव्य निभाकर मानव सेवा की प्रतिबद्धता को दुहरायें।


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बीएमसी में बीते 24 घण्टे में दो दर्जन से अधिक मौतें ★ बीएमसी के चारों फ्रीजर खराब, शवों को जमीन पर रखना पड़ रहा। गर्मी में कई शव 18 से 20 घण्टे में सड़ने की कगार पर पहुंच रहे। ★ अव्यवस्थाओं से परेशान शव प्रबंधन प्रभारी ने आहत होकर दिया इस्तीफा @ चैतन्य सोनी

बीएमसी में बीते 24 घण्टे में  दो दर्जन से अधिक मौतें

★ बीएमसी के चारों फ्रीजर खराब, शवों को जमीन पर रखना पड़ रहा। गर्मी में कई शव 18 से 20 घण्टे में सड़ने की कगार पर पहुंच रहे।

★ अव्यवस्थाओं से परेशान शव प्रबंधन प्रभारी ने आहत होकर दिया इस्तीफा

@ चैतन्य सोनी

सागर। कोरोना से भयावह स्थिति बनती जा रही है। अकेले बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में बीते 24 घण्टों के दौरान 24 से अधिक मरीजों की मौत हुई है। इनमें से अधिकांश कोविड अस्पताल में भर्ती थे। मर्चुरी के चारों फ्रीजर खराब पड़े हैं। शव सड़ने तक कि कगार पर पहुंच रहे हैं। अव्यवस्थाओं व सहयोग  न मिलने के बाद शव प्रबन्धन में जुटे मर्चुरी प्रभारी डॉक्टर शैलेन्द्र पटेल ने प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। 

बीएमसी की मर्चुरी के हालात काफी खराब हो गए हैं। यहां शव रखने की जगह नहीं बची है। डेड बॉडी रखने की जगह नहीं बची है। कोरोना रिपोर्ट के इंतजार में कई कोविड अस्पताल के मृतकों की देह को 10 से 20 घण्टे तक रखना पड़ रहा है, यहां शव रखे रखे डिस्पोज होने तक कि नौबत बन रही है। मंगलवार रात से दोपहर तक यहां 23 शव पहुंच चुके थे। 


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चारों फ्रीजर बन्द, विभागाध्यक्ष ने नहीं दिया वर्क ऑर्डर

 सूत्रों के अनुसार बीएमसी की मर्चुरी में शवों को रखने के लिये 4 फ्रीजर हैं। लेकिन ये कई महीनों से बंद पड़े हैं। पूर्व में इन्हें सुधरवाया गया था, लेकिन पैमेंट नहीं किया गया। बीते दिनों पुनः फ्रीजर सुधरवाने के कर्मचारी आया था, लेकिन फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी द्वारा लिखित में वर्क ऑर्डर न दिए जाने से वह वापस चला गया। पुराना भुगतान भी नहीं किया गया। 
इधर सुनवाई न होने, बार बार लिखने के बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने, फ्रीजर न सुधरवाने शव प्रबन्धन कमेटी के अन्य सदस्यों के निष्क्रिय होने से आहत होकर शव प्रबन्धन व मर्चुरी के काम से इस्तीफा दे दिया है।


मामले में बीएमसी डीन डॉक्टर आरएस वर्मा का कहना है कि नया फ्रीजर ऑर्डर कर दिया है। पुराने भी सुधरवाये जा रहे हैं।

यहां बता दे साग़र में कोरोना संक्रमण तेजी से बढा है। व्यवस्थाएं सुधारने के नाम पर मंत्रियों , विधायको और प्रशासन के सिर्फ दौरे, निरीक्षण और बैठके भर है। कई व्यवस्थाएं सुधरी तक नही है। 

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सागर : साहित्य एवं चिंतन साहित्य साधिका डॉ. विद्यावती ‘मालविका’ ★ डॉ. विद्यावती ‘मालविका’ आज ब्रह्मलीन हुई, उनको याद करती साहित्यकार बेटी डॉ. वर्षा सिंह

सागर : साहित्य एवं चिंतन
साहित्य साधिका डॉ. विद्यावती 'मालविका' 

★ डॉ. विद्यावती 'मालविका' आज ब्रह्मलीन हुई, उनको याद करती  साहित्यकार बेटी डॉ. वर्षा सिंह


डॉ. विद्यावती 'मालविका' सागर नगर की एक ऐसी साहित्यकार हैं जिनका साहित्य-सृजन अनेक विधाओं, यथा- कहानी, एकांकी, नाटक एवं विविध विषयों पर शोध प्रबंध से ले कर कविता और गीत तक विस्तृत है। लेखन के साथ ही चित्रकारी के द्वारा भी उन्होंने अपनी मनोभिव्यक्ति प्रस्तुत की है। सन् 1928 की 13 मार्च को उज्जैन में जन्मीं डॉ. विद्यावती 'मालविका' ने अपने जीवन के लगभग 6 दशक बुन्देलखण्ड में व्यतीत किए हैं, जिसमें 30 वर्ष से अधिक समय से वे मकरोनिया, सागर में निवासरत हैं। डॉ. 'मालविका' को अपने पिता संत ठाकुर श्यामचरण सिंह एवं माता श्रीमती सुमित्रा देवी "अमोला" से साहित्यिक संस्कार मिले। पिता संत श्यामचरण सिंह एक उत्कृष्ट साहित्यकार एवं गांधीवादी स्वतं़त्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ क्षेत्र में अस्पृश्यता उन्मूलन एवं नशाबंदी में उल्लेखनीय योगदान दिया था। डॉ. विद्यावती अपने पिता के विचारों से अत्यंत प्रभावित रहीं और उन्होंने 12-13 वर्ष की आयु से ही साहित्य सृजन आरम्भ कर दिया था। बौद्ध धर्म एवं प्रणामी सम्प्रदाय पर उन्होने विशेष अध्ययन एवं लेखन किया।

डॉ. विद्यावती 'मालविका' का जीवन  संघर्षमय

डॉ. विद्यावती 'मालविका' का जीवन अत्यंत संघर्षमय रहा। दो बेटियों के जन्म के कुछ समय बाद ही उन्हें वैधव्य का असीम दुख सहन करना पड़ा, किन्तु वे अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं हुईं। ससुराल पक्ष से कोई सहायता न मिलने पर उन्होंने शिक्षिका के रूप में आत्मनिर्भरतापूर्वक अपने वृद्ध पिता को सहारा दिया और अपने अनुज कमल सिंह को पढ़ा-लिखा कर योग्य बनाया जो कि आदिम जाति कल्याण विभाग मघ्यप्रदेश शासन के हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए। डॉ. विद्यावती ने अपने बलबूते पर अपनी दोनों पुत्रियों वर्षा सिंह और शरद सिंह का लालन-पालन कर उन्हें उच्च शिक्षित किया। उन्होंने व्याख्याता के रूप में मध्यप्रदेश शासन के शिक्षा विभाग में उज्जैन, रीवा एवं पन्ना आदि स्थानों में अपनी सेवाऐं दीं और सन् 1988 में सेवानिवृत्त हुईं। वे शासकीय सेवा के साथ ही लेखन एवं शोध कार्यां में सदैव संलग्न रहीं। स्वाध्याय से हिन्दी में एम.ए. करने के उपरांत सन् 1966 में आगरा विश्वविद्यालय से उन्होंने ''मध्ययुगीन हिन्दी संत साहित्य पर बौद्ध धर्म का प्रभाव'' विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। पीएच.डी. में उनके शोध निर्देशक (गाइड) हिन्दी तथा बौद्ध दर्शन के प्रकाण्ड विद्वान राहुल सांकृत्यायन एवं पाली भाषा तथा बौद्ध दर्शन के अध्येता डॉ. भिक्षु धर्मरक्षित थे। उनका यह शोध प्रबंध आज भी युवा शोधकर्ताओं के लिए दिशानिर्देशक का काम करता है। 

उनकी प्रकाशित पुस्तके

इनकी अब तक अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं जिनमें प्रमुख हैं - कामना, पूर्णिमा, बुद्ध अर्चना (कविता संग्रह) श्रद्धा के फूल, नारी हृदय (कहानी संग्रह), आदर्श बौद्ध महिलाएं, भगवान बुद्ध (जीवनी) बौद्ध कलाकृतियां (पुरातत्व), सौंदर्य और साधिकाएं (निबंध संग्रह), अर्चना (एकांकी संग्रह), मध्ययुगीन हिन्दी संत साहित्य पर बौद्ध धर्म का प्रभाव, महामति प्राणनाथ-एक युगान्तरकारी व्यक्तित्व (शोध ग्रंथ) आदि। ''आदर्श बौद्ध महिलाएं'' पुस्तक का बर्मी एवं नेपाली भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हुआ।


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कई पुरस्कारों से हुई सम्मानित

डॉ. 'मालविका' को हिन्दी साहित्य सेवा के लिए अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुए। जिनमें उल्लेखनीय हैं- सन् 1957 में स्वतंत्रता संग्राम शताब्दी सम्मान समारोह में मध्यप्रदेश शासन का साहित्य सृजन सम्मान, सन् 1958 में उत्तरप्रदेश शासन का कथा लेखन सम्मान, सन् 1959 में उत्तरप्रदेश शासन का जीवनी लेखन सम्मान, सन् 1964 में मध्यप्रदेश शासन का कथा साहित्य सम्मान, सन् 1966 में मध्यप्रदेश शासन का मीरा पुरस्कार प्रदान किया गया। सेवानिवृत्ति के बाद भी डॉ. विद्यावती ने अपना लेखन सतत् जारी रखा। उनके इस साहित्य के प्रति सर्मपण को देखते हुए उन्हें सन् 1998 में महारानी लक्ष्मीबाई शास. उ.मा. कन्या विद्यालय क्रमांक-एक, सागर द्वारा ''वरिष्ठ साहित्यसेवी सम्मान'', सन् 2000 में भारतय स्टेट बैंक सिविल लाइनस् शाखा सागर द्वारा ''साहित्यसेवी सम्मान'', वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन सागर द्वारा ''सुंदरबाई पन्नालाल रांधेलिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान'' एवं सन् 2016 में हिन्दी दिवस पर श्यामलम् संस्था सागर द्वारा ''आचार्य भगीरथ मिश्र हिन्दी साहित्य सम्मान'' से सम्मानित किया गया। 

उल्लेखनीय है कि अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथों में डॉ. विद्यावती 'मालविका' का ससम्मान उल्लेख किया गया है, यथा :- मध्यभारत का इतिहास (चतुर्थ खंड), बुद्ध की देन, हिन्दी की महिला साहित्यकार , आधुनिक हिन्दी कवयित्रियों के प्रेमगीत, मध्यप्रदेश के साहित्यकार, रेत में कुछ चिन्ह, डॉ. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' सम्मान ग्रंथ आदि। उनकी कुछ पुस्तकें इंटरनेट पर भी पढ़ी जा सकती हैं। नाट्यशोध संस्थान, कोलकता में उनका एकांकी संग्रह '''अर्चना' संदर्भ ग्रंथ के रूप में पढ़ाया जाता है। इसी प्रकार नव नालंदा महाविहार, नालंदा, सम विश्वविद्यालय, बिहार के एम.ए. हिन्दी पाठ्यक्रम के चौथे प्रश्नपत्र बौद्ध धर्म- दर्शन और हिन्दी साहित्य के अंतर्गत ''मध्ययुगीन हिन्दी संत साहित्य पर बौद्ध धर्म का प्रभाव'' ग्रंथ पढ़ाया जाता है।

बुन्देलखण्ड पर विशेष लेखन कार्य करते हुए डॉ. विद्यावती ने ''दैनिक भास्कर'' के सागर संस्करण में वर्ष 1997-98 में सागर संभाग की कवयित्रियां शीर्षक धारावाहिक लेखमाला तथा वर्ष 1998-99 में बुंदेली शहीद महिलाओं पर आधारित ''कलम आज उनकी जय बोल'' शीर्षक धारावाहिक लेखमाला लिखी। इसके साथ ही दैनिक ''आचरण'' सागर में बुन्देली इतिहास, साहित्य, संस्कृति एवं वैभव से संबंधित अनेक लेख प्रकाशित हुए हैं। आकाशवाणी के इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं छतरपुर केन्द्रों से उनके रेडियो नाटकों का धारावाहिक प्रसारण किया जाता रहा है। उनकी कविताओं का नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन होता रहा है। अपने बुजुर्गों से मिली साहित्य सृजन की इस परम्परा को डॉ. विद्यावती ने न केवल अपनाया अपितु अपनी दोनों पुत्रियों को भी साहित्यिक संस्कार दिए। उनकी बड़ी पुत्री (यानी मैं) डॉ. वर्षा सिंह हिन्दी गजल में एक विशेष स्थान बना चुकी हैं तथा छोटी पुत्री डॉ. (सुश्री) शरद सिंह उपन्यास एवं कथा लेखन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर चुकी हैं।

आज हुई ब्रम्हलीन डॉ विद्यावती

डा. वर्षा सिंह, डा. शरद सिंह की मां साहित्य कार डा.विद्यावती सिंह मालविका 93 वर्ष की आयु में आज सुबह 9.30 पर ब्रम्हलीन हो गयीं है। हृदयाघात के बाद सुयश अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। पिछले कई दिनों से साहित्यकार दोनो बहिने अपनी माँ की सेवा में लगी हुई थी। उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुची है। उनके निधन पर साहित्यप्रेमियों, शुभचिन्तको और जनप्रतिनिधियों ने शोक व्यक्त किया है। 


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MP : एकमुश्त फ्री दिया जाएगा तीन माह का राशन: प्रमुख सचिव खाद्य

MP : एकमुश्त फ्री दिया जाएगा तीन माह का राशन: प्रमुख सचिव खाद्य
 
भोपाल। राज्य शासन द्वारा जारी आदेशानुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत पात्र हितग्राहियों को उचित मूल्य दुकानों से नियमित खाद्यान्न वितरण किए जाने वाले राशन को बिना बॉयोमेट्रिक सत्यापन के तीन माह का राशन एकमुश्त नि:शुल्क वितरित किया जाएगा। प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज़ अहमद किदवई ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सावधानियों का पालन करते हुए राशन का वितरण किया जाएगा।

अप्रैल से जून तक का एकमुश्त राशन नि:शुल्क

राशन वितरण के अंतर्गत पात्र परिवारों को माह अप्रैल, मई एवं जून 2021 का राशन नि:शुल्क एकमुश्त माह अप्रैल 2021 में प्रदान किया जाएगा। जिन हितग्राहियों ने अप्रैल एवं मई का राशन प्राप्त कर लिया है, उन्हें माह जून का राशन नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा। जिन दुकानों पर राशन की कमी हो, वहाँ तुरंत राशन की प्रतिपूर्ति कराई जाएगी। अभी माह जून का राशन दुकानों को जारी नहीं किया गया वहाँ भी तुरंत राशन की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

पीओएस मशीनों से होगा राशन वितरण

आदेशानुसार पात्र हितग्राहियों को पीओएस मशीन से ही राशन का वितरण किया जाएगा। उचित मूल्य दुकान पर राशन वितरण के लिए सक्षम शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी की नियुक्ति की जाकर उनकी उपस्थिति में राशन वितरित करायेंगे एवं राशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की सूची जिला आपूर्ति नियंत्रक या अनुविभागीय अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। हितग्राहियों को राशन वितरण के उपरांत पावती भी दी जाएगी।

वृद्धजनों को आशीर्वाद योजना के तहत राशन

वृद्धजनों एवं नि:शक्त हितग्राहियों को उचित मूल्य की दुकान से आशीर्वाद योजना के अंतर्गत राशन उनके घर तक नामित व्यक्ति द्वारा पहुँचाए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हितग्राहियों को पोर्टेबिलिटी की सुविधा नहीं रहेगी। यदि वे पोर्टेबिलिटी का लाभ चाहते हैं तो उन्हें बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ही राशन दिया जाएगा।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए उचित मूल्य की दुकान पर भीड़ नहीं बढ़े इसके लिए दुकान के समय में वृद्धि की जाएगी। दुकान प्रतिदिन समय पर खुले यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।


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किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने किया कार्यभार ग्रहण

किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने किया कार्यभार ग्रहण
★ बाल संरक्षण अधिकारी रचना बुधौलिया ने बताई कार्यो की बारीकियां

सागर। हाल ही में चयनित किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के अशासकीय सदस्यों ने सोमवार को बाल संरक्षण अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रचना बुधौलिया के निर्देशन में अपना कार्यभार ग्रहण किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग के कार्यालय में आयोजित कार्यभार ग्रहण समारोह में बाल संरक्षण अधिकारी रचना बुधौलिया ने किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के लिये चयनित सदस्यों को बधाई दी और कार्यभार ग्रहण कराया। गौरतलब है कि किशोर न्याय बोर्ड के अशासकीय सदस्य के रूप में सुश्री वंदना तोमर और श्रीमती मंजूमाला सिंह का चयन किया गया है वहीं बाल कल्याण समिति सदस्य के रूप में चंद्रप्रकाश शुक्ला अध्यक्ष, डॉ. अमित कुमार अग्रवाल, आनंद मोहन नायक, श्रीमती क्लीं राय, श्रीमती स्वाति खरे का सदस्य के रूप में चयन किया गया है।

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 कार्यभार ग्रहण करने के दौरान डीपीओ रचना बुधौलिया ने सभी सदस्यों को उनके कार्यो के बारे में समझाया साथ ही आगे एक दूसरे के सहयोग से बच्चों और किशोरों के हित में कार्य करने के लिये हमेशा सामंंजस्य बनाये रखने और न्याय निर्णयन के हितों को पूरा करने की बात कही। डीपीओं रचना बुधौलिया ने बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के साथ हमेशा तत्परता पूर्वक काम करने की बात कही।

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बीएमसी परिसर में कोरोना हेल्प- डेस्क की शुरूआत , तीन शिफ्टों में रहेंगे अधिकारी - कर्मचारी, डेस्क के फोन नम्बर हुए जारी

बीएमसी परिसर में कोरोना हेल्प- डेस्क की शुरूआत , तीन शिफ्टों में रहेंगे अधिकारी - कर्मचारी,  डेस्क के फोन नम्बर हुए जारी

 
सागर । कोरोना संक्रमण वायरस बढ़ते संक्रमण को देखते हुये कोविड मरीजो के परिजनो सहित अन्य नागरिकों की सुवधिा को दृष्टिगत रखते हुये बुन्देलखण्ड मेडीकल कालेज परिसर में कोरोना हेल्प  
डेस्क की शुरूआत विधायकशैलेन्द्र जैन, निगमायुक्त आर.पी.अहिरवार ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  विक्रमसिंह कुशवाहा, एम.डी.एम. पवन बारिया, सी.एस.पी. मनभरण प्रसाद प्रजापति, उपायुक्त डाॅ.प्रणय कमल खरे, गोपालगंज टी.आई.श्रीमति उपमासिंह, एन.यू.एल.एम.सिटी मैनेजर  सचिन मसीह, बी.एस.सी.के डाक्टर एवं अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों एवं नागरिकों की उपस्थिति में  हुई।
नगर विधायक  ने बी.एम.सी.परिसर में प्रांरभ किये गये हेल्प डेक्स में उपस्थित मरीजों के परिजनों की इलाज संबंधी समस्यायें सुनी और उनका निराकरण मौके पर किया तथा उन्हें बी.एम.सी.में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देकर और उनके निराकरण किये जाने हेतु बी.एम.सी.के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने हेल्प डेस्क के माध्यम से कोविड मीराजों और उनके परिजनों हेतु जो सहायता प्रदान हो सके अधिक से अधिक सहायता दिलाये जाने हेतु संबंधित बी.एम.सी.के अधिकारियों से चर्चा की।


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नगर निगम आयुक्त  आर.पी.अहिरवार ने बुन्देलखण्ड मेडीकल कालेज में बनाये गये कोरोना हेल्प डेस्क के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि इस हेल्प डेस्क के माध्यम से बी.एम.सी.के कोविड वार्ड में जो मरीज भर्ती है परंतु उनसे परिजनों का मरीज से संपर्क नहीं हो पाता है इसलिये इस कोरोना हेल्प डेस्क में चार टेबिलें लगायी गई है, जिनमें कर्मचारी तैनात रहेंगे और किसी भी कोविड मरीज के परिजनों द्वारा अगर अपने मरीज से बात करने की इच्छा जाहर की जायेगी तो यहाॅ से मोबाईल लगाकर उससे वीडियो काल के माध्यम से बात करा दी जायेगी साथ ही इसके माध्यम से मरीज से संबंधित कोई जानकारी पूछने पर हेल्प डेस्क में बैठे कर्मचारी हरसंभव जानकारी देंगे। इसी प्रकार हेल्पडेस्क के आने वाले कोविड मरीज के परिजनों को भी पेयजल एवं अन्य सुविधायें उपलबध रहेगी इसके साथ ही जो भी स्वयंसेवी संस्थायें कोविड मरीज के परिजनों को खाद्य सामग्री की सहायता करना चाहते है वे यहाॅ आकर कर सकते है। 

ये रहे फोन नम्बर

कोविड से संबंधित जानकारी नागरिकगण कोविड कंट्रोल सेंटर के दूरभाष नम्बर 07582-242831 एवं टोल फ्री नम्बर 1075 पर संपर्क कर सकते है साथ ही कोई भी कोविड मरीज से संबंधित परिजन अपने मरीज की जानकारी लेना चाहते है तो कंट्रोल रूम हेल्प डेक्स के मोबाईल नम्बर 09329462324, 09329475494 पर भी संपर्क कर जानकारी ले सकते है।  

तीन तीन शिफ्टों में रहेंगी व्यवस्थाएं
कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश के तत्काल पश्चात बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट सामने तैयार किया गया  है। कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त श्री आर पी अहिरवार ने  बताया कि हेल्पडेस्क कंट्रोल रूम में प्रतिदिन  हेल्प डेक्स पर एक जिलाधिकारी ,एक नायब तहसीलदार, दो पटवारी प्रतिदिन तीन तीन शिफ्ट में उपस्थित रहकर कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों की सहायता करेंगे ।उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने एवं उनकी अन्य समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी। 


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SAGAR: प्रत्येक ब्लॉक में बनेगा सौ बैड की क्षमता का कोविड केयर सेंटर

SAGAR:  प्रत्येक ब्लॉक में बनेगा सौ बैड की क्षमता का कोविड केयर सेंटर

सागर ।  सागर सहित प्रदेश के कई बड़े जिले कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं।संक्रमण को रोकने तथा संक्रमित मरीजों की उचित उपचार की व्यवस्था के लिए मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुई जिसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, उज्जैन और सागर कलेक्टर ने भाग लिया।इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव श्री बैस ने समस्त जिले के कलेक्टर्स से व्यवस्थाओं की जानकारी ली।उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है जिसका सामना हमें पूरे विश्वास और सफल रणनीति से करना होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने बताया कि सागर जिले के सभी ब्लॉक्स में सौ बेड की क्षमता वाला कोविड केयर सेंटर बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय में स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी में सौ बैड की क्षमता वाला कोविड केयर अस्पताल संचालित होगा। यह सेंटर प्राइवेट हेल्थकेयर फैसिलिटी- राय अस्पताल के सहयोग से संचालित किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी का यह सेंटर मंगलवार तक क्रियाशील हो जाएगा।



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कोरोना का दूसरा स्ट्रेन खतरनाक, साग़र में बेड की कमी, हमारी कोशिश खुरई में ही बेहतर इलाज की: मन्त्री भूपेन्द्र सिंह ★ खुरई में 50 बेड के कोविड-19 केयर सेंटर का शुभारंभ

कोरोना का दूसरा स्ट्रेन खतरनाक,  साग़र में बेड की कमी, हमारी कोशिश खुरई में ही बेहतर  इलाज की:  मन्त्री भूपेन्द्र सिंह 
★ खुरई में 50 बेड के कोविड-19 केयर सेंटर का शुभारंभ
★ कोविड-19 टेस्ट के लिए अस्पताल से दूर नये स्थान पर की जाएगी टेस्ट करने की व्यवस्था 

साग़र।  पिछले वर्ष जो कोरोना था वो इतना खतरनाक नहीं था, जितना इस साल वाला है, पहले कोरोना केवल पहले से बीमार और बुजुर्गों को हो रहा था, लेकिन इस बार कोरोना का संक्रमण सभी को हो रहा है और दो-तीन दिन में ही हालात बिगड़ जाते हैं। हमारे खुरई में जब सिविल अस्पताल है तो यह जरूरी था कि, खुरई में कोविड-19 का केयर सेंटर बने। यह बात सोमवार को प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह सिविल अस्पताल खुरई में 50 बेड की क्षमता के कोविड-19 केयर सेंटर के शुभारंभ पर कही।_
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, बीच में सवा साल की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में व्यवस्थाएं बिगड़ीं, कई डाॅक्टर अपना ट्रांसफर करा के चले गए, मशीनें बंद पड़ी हैं। धीरे-धीरे करके अब हम खुरई अस्पताल को फिर से वह सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे कि खुरई की जनता को परेशान न होना पड़े, अन्य जगह न जाना पड़े। 
उन्होंने कहा कि, मेडीकल काॅलेज सागर में अभी यह हालात हैं कि एक भी बेड खाली नहीं है और हमारे पास प्राईवेट अस्पतालों की भी कमी है। इस कठिन परिस्थिति में हमारी यह कोशिश है कि खुरई वासियों को कोरोना में इलाज की बेहतर व्यवस्था अपने ही क्षेत्र में मिलें। इस हेतु हमने खुरई में यह कोविड-19 केयर सेंटर की स्थापना की है। अगर किसी में कोरोना के लक्षण दिखें जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, भूख न लगना, स्वाद न आना तो तत्काल कोरोना का एंटीजेन टेस्ट कराएं, उक्त टेस्ट की रिपार्ट पांच मिनिट में आ जाती है। इसके अलावा आरटीपीसीआर टेस्ट भी करा सकते हैं, लेकिन इसकी रिपार्ट आने में समय लगता है। हमने यह तय किया है कि, खुरई में एंटीजेन टेस्ट के लिए सिविल अस्पताल की जगह खुरई नगर में एक अन्य स्थान निर्धारित कर वहां पर एंजीजेन टेस्ट की व्यवस्था करेंगे। 
श्री सिंह ने कहा कि, सिविल अस्पताल में केवल कोविड पाॅजिटिव मरीजों के इलाज की व्यवस्था होगी। अकेले टेस्ट के लिए यहां तक न आना पढे़ ऐसी व्यवस्था हम कर रहे हैं। श्री सिंह ने बताया कि, अभी टेस्ट दोपहर 3 बजे तक होता था हमने क्षमता को बढ़ाने शाम 5 बजे तक का समय तय कर दिया है। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, अगर किसी को ज्यादा सर्दी, खांसी बुखार है तो उसे एक्स-रे कराना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि, हमारा ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे नहीं जाना चाहिए। हमने अपने स्तर पर सिटी स्केन मशीन उपलब्ध कराने की भी कोशिश की थी लेकिन वह अभी तीन महीने तक उपलब्ध नहीं हो पाएगी, इसलिए हमने अभी अतिआवश्यक व्यवस्थाओं पर ज्यादा ध्यान दिया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि, हमारे द्वारा कोरोना को रोकने हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। 

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खुरई में एम्बूलेंस की संख्या बढ़ाने हम तीन नई एम्बूलेंस की व्यवस्था की है, इससे किसी को सिटी स्केन या इमरजेंसी में जिला मुख्यालय जाने हेतु आसानी होगी। यह एम्बूलेंस लगभग 8-10 दिन में उपलब्ध हो जाएंगी। वेंटिलेटर की कमी को दूर करने 22 लाख लागत के 5 वेंटिलेटर दे रहे हैं। प्रेसर के साथ ऑक्सीजन देने के लिए 8 लाख लागत के 20 ऑक्सीजन कंस्टेंटर, 15 लाख लागत के 50 जम्बो ऑक्सीजन सिलेण्डर, इसके अलावा 25 छोटे ऑक्सीजन सिलेण्डर की भी व्यवस्था की गई है। 50 जम्बो ऑक्सीजन सिलेण्डर भावनगर से आना है, चूंकि भावनगर में ट्रांसपोटर्स की हड़ताल है तो, हमने सागर के ट्रांसपोर्टर्स बात कर ली है, आगाम दो दिन में यह 50 जम्बो ऑक्सीजन सिलेण्डर खुरई मे उपलब्ध हो जाएंगे।  
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि, डाॅक्टर्स, नर्स और टेक्निकल स्टाॅफ की कमी को पूरा करने कांट्रेक्ट असाइनमेंट पर जितना चाहें उतने स्टाॅफ की भर्ती कर सकते हैं। सरकार की तरफ से छूट है कि जितना स्टाफ रखना चाहें रख सकते हैं पर किसी मरीज को कोई परेशानी नहीं होती चाहिए।  मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि, हमारी लोगों से अपील है कि, मास्क का सही उपयोग करें आपको कभी कोरोना का संक्रमण नहीं हो सकता, समय-समय पर हाथों को साफ करें और अनावश्यक घर से न निकलें। मंत्री श्री सिंह ने सिविल अस्ताल में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने बीएमओ खुरई को निर्देशित किया। अस्पताल में पानी की समस्या को दूर करने तत्काल नगर पालिका द्वारा बोर की व्यवस्था की जाएगी। 
 मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि, जो भी व्यक्ति मास्क के बिना मिलें उनके खिलाफ चालानी कार्यवाई की जाए। हो सके तो अन्य शहरों की तर्ज पर खुरई में भी खुली जेल बनाकर मास्क का उपयोग न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें। कार्यक्रम को कलेक्टर दीपक सिंह ने संबोधित किया उन्होंने ने खुरई सिविल अस्पताल के चिकित्सकीय स्टाफ को आवश्यक निर्देश दिए और लोगों से मास्क लगाने की अपील की।

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कोरोना वारियर्स डॉ सत्यम मिश्रा को बचाने की जद्दोजहद, एयर एम्बुलेंस से ले गए हैदराबाद, साग़र से भोपाल तक बना ग्रीन कॉरिडोर

कोरोना वारियर्स डॉ सत्यम मिश्रा को बचाने की जद्दोजहद, एयर एम्बुलेंस से ले गए हैदराबाद, साग़र से भोपाल तक बना ग्रीन कॉरिडोर

★ शासकीय बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज साग़र में टीवी और चेस्ट विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सत्यम मिश्रा कोविड मरीजो की सेवा में लगे थे, हुए पाजिटिव, फेफड़े खराब हुए

सागर ।  ( तीनबत्ती न्यूज़.कॉम )। कोरोना  संक्रमण की भयावह तस्वीर अब सामने आने लगी है। कोविड मरोजो को सेवाएं दे रहे डॉक्टर्स और स्टाफ भी कोरोना संक्रमण का शिकार बन रहा है । ऐसे में हॉस्पिटलों में कोविड मरीजो का इलाज करना चुनोती बनता जा रहा है।  साग़र के सरकारी बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है। मेडिकल कालेज के टीबी  और चेस्ट विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सत्यम मिश्रा कोविड मरीजो की सेवा में लगे थे ।  38 वर्षीय डॉ मिश्रा 12 अप्रैल को कोरोना के शिकार हुए। उनके इलाज के दौरान तेजी से फेफड़े खराब होने लगे। डॉ मिश्रा को मेडिकल कालेज से सागर के ही एक निजी कोविड हास्पिटल भाग्योदय तीर्थ में भर्ती कराया गया। भाग्योदय तीर्थ हॉस्पिटल में  उनकी हालत सुधरी नही  है। अब उनको हैदराबाद में फेफड़े ट्रांसप्लांट के लिए एयर एंबुलेंस के जरिये ले जाया गया है। रविवार को भोपाल में एयर एंबुलेंस आई। भोपाल से सागर में भाग्योदय हॉस्पिटल तक सड़क मार्ग से विशेष एम्बुलेंस आई। और आज सुबह 5 बजे भोपाल 175 किलोमीटर के कॉरिडोर बनाकर ले गए। भोपाल से एयर एम्बुलेंस के जरिये हैदराबाद ले जाया गया। 
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई व्यवस्थाएं

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा कोरोना संक्रमित होने के पश्चात फेपड़ों में अत्याधिक संक्रमित हो जाने के कारण उचित इलाज हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर कलेक्टर  दीपक सिंह द्वारा मध्य प्रदेश शासन के द्वारा उपलब्ध कराई गई एयर एंबुलेंस के माध्यम से डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा को हैदराबाद भेजा गया।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश के तत्काल पश्चात हैदराबाद के डॉक्टरों से चर्चा करने के पश्चात रविवार को ही एयर एंबुलेंस का भुगतान कर एयर एंबुलेंस भोपाल बुलाई गई ।भोपाल एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से विशेष एंबुलेंस के माध्यम से हैदराबाद के डॉक्टरों की विशेष टीम रात्रि में  सागर भाग्योदय अस्पताल पहुंची ।
सागर पहुंचते ही हैदराबाद की डॉक्टरों की टीम ने डॉ सतेंद्र मिश्रा का संपूर्ण परीक्षण करने के उपरांत प्रातः 5:00 विशेष एंबुलेंस के माध्यम से भोपाल के लिए भेजा गया ।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि सागर भाग्योदय अस्पताल से लेकर भोपाल एयरपोर्ट तक 175 किलोमीटर लंबा ग्रीन काली रोड बनाया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह द्वारा उपलब्ध कराया गया पुलिस बल की माहिती भूमिका रही ।

डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा का इलाज कर रहे है छय एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सौरभ जैन ने बताया कि हैदराबाद के डॉक्टरों की टीम रात्रि 12 बजे पहुंची उन्होंने डॉ मिश्रा को वेंटिलेटर पर रखकर संपूर्ण परीक्षण किया ।तत्पश्चात प्रातः 5 बजे सड़क मार्ग से ग्रीन कालीडोर के माध्यम से भोपाल एयरपोर्ट ले गए जहां से एयर एंबुलेंस के माध्यम से प्रातः 10.30 हैदराबाद की अस्पताल पहुंचे और उनका इलाज प्रारंभ कराया गया।

बीएमसी के डॉक्टर उमेश पटेल का कहना है कि  कलेक्टर दीपक सिंह और विधायक शेलेन्द्र जैन के प्रयासों से डॉ मिश्रा का इलाज संभव हो पाया। उन्होंने सभी शुभचिंतकों का आभार भी जताया।
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दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई - मुख्यमंत्री 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे

दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई - मुख्यमंत्री 

37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे

★ मॉयलॉन लैब के बाद हैटरो हैल्थकेयर से एक लाख इंजेक्शन आपूर्ति का निर्णय

★ ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सुझाव को मिली केन्द्र की हरी झण्डी
 
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जन-प्रतिनिधियों से निरंतर परामर्श किया जाए। उनसे प्राप्त सूचनाओं पर कमिश्नर्स त्वरित कार्रवाई करें। प्रदेश में सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करते हुए पॉजिटिविटी रेट घटाने के पूरे प्रयत्न हों। किस अस्पताल में कितने बेड हैं, इसकी जानकारी प्रचार माध्यमों के साथ ही हिन्दी एप के माध्यम से भी दी जाए। समाजसेवी संगठनों को जोड़कर लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया जाए। कोरोना संक्रमित लोग कोविड केयर सेंटर से लाभान्वित हों। होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगियों से चिकित्सक सम्पर्क में रहें और जरूरी मार्गदर्शन देते रहें। औषधियों और इंजेक्शन के वितरण की न्यायपूर्ण व्यवस्था हो। इनकी कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के कमिश्नर्स, प्रभारी अधिकारियों से कोरोना संक्रमण पर चर्चा एवं समीक्षा कर रहे थे।

नए ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे

समीक्षा में बताया गया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति इस माह के आखरी तक 700 मीट्रिक टन हो जाएगी। आज प्रदेश को 390 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई है। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति निरंतर बढ़ रही है। टेंकर्स की संख्या भी अब 46 हो गई है। प्रदेश के 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे। ये प्लांट आगामी एक से तीन माह में स्थापित करने की तैयारी है। इससे भविष्य की दिक्कतें समाप्त होंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा पीआईयू और कार्य एजेंसी इन संयंत्रों के लिए स्थल चयन करें, तेजी से कार्य सम्पन्न हो।

इंजेक्शन की नहीं होगी कमी, बढ़ रही आपूर्ति

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में संभागों को आज 17 हजार इंजेक्शन भेजे जा चुके हैं। संभागों से जिलों तक इनका वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की आज हैटरो हैल्थकेयर लिमिटेड से भी इंजेक्शन आपूर्ति के संबंध में चर्चा हुई है। कंपनी को एक लाख इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए कहा गया है। इसके पूर्व मॉयलॉन लैब ने भी इंजेक्शन की आपूर्ति की है। निरंतर अनुश्रवण से परिणाम मिल रहे हैं और मध्यप्रदेश को होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति में निरंतर वृद्धि हुई है।

रोगियों के हित में जल्दी मिले रिपोर्ट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जाँच रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए। टेस्ट रिपोर्ट आने तक जाँच करवाने व्यक्ति को आइसोलेशन में रहना है, यह परामर्श दिया जाए। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रयासों में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। ऐसे निर्धन परिवार, जो होम आइसोलेशन में हैं यदि उनके लक्षण गंभीर होते हैं तो प्राथमिकता से कोविड केयर सेंटर ले जाया जाए। इन केन्द्रों में चाय, नाश्ता, भोजन उपलब्ध करवाया जाए। रोगियों की पूरी देखभाल की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रोगियों को एक अस्पताल से दूसरे में न जाना पड़े, इसके लिए बेड की उपलब्धता प्रदर्शित करें। निर्धारित नंबरों पर नागरिकों को जानकारी मिलना चाहिए। गंभीर रोगियों को सभी जिले में प्रशासनिक अधिकारी अथवा अस्पताल द्वारा उपचार देने में पूरा सहयोग प्रदान किया जाए। इंदौर में राधास्वामी सत्संग ब्यास द्वारा की गई पहल अनुकरणीय है। अन्य संभाग में भी यह पहल हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसी भी स्थिति में संक्रमण की चेन तोड़ना है। ऐसे प्रयास करें कि यह कार्य एक अभियान बन जाए।

प्रांतों से मिल रहा सहयोग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि उन्होंने मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन और औषधियों के आवश्यक प्रबंध के लिए गुजरात, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की है। सभी राज्यों से सहयोग मिल रहा है। मध्यप्रदेश में उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से भी ऑक्सीजन आपूर्ति में सहयोग मिला है। संकट के दौर में सभी राज्यों में परस्पर सहयोग और समन्वय की भावना है।

संभागों से चर्चा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कमिश्नर्स से चर्चा के दौरान निर्देश दिए कि सभी संभागों में रोगियों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन के न्यायपूर्ण वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित हो। कमिश्नर भोपाल ने बताया कि संभाग में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। कल भोपाल में 8566 टेस्ट हुए हैं। जबलपुर कमिश्नर को मेडिकल कॉलेज जबलपुर में आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए स्थान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। टेस्ट क्षमता में वृद्धि के लिए कमिश्नर रीवा को भी निर्देशदिए गए। कमिश्नर सागर को संभाग के सभी जिलों में जाँच और उपचार की सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में सागर में 500 बेड क्षमता है। अभी 398 बेड का उपयोग हो रहा है। कमिश्नर इंदौर ने बताया कि इंदौर में 7400 बेड उपलब्ध हैं, वर्तमान में 6422 बेड का ही उपयोग हो रहा है।

जन-सहयोग है जरूरी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम जनता खुद कर्फ्यू व्यवस्था को लागू करें। जन-सहयोग से हम शीघ्र ही इस संक्रमण पर विजय प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे सोमवार को मंत्रियों से भी चर्चा कर उनके सुझावों के संबंध में अधिकारियों को निर्देश देंगे।

'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' केन्द्र की पहल सराहनीय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से राज्यों तक उनकी आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की पहल की है। निश्चित ही यह सराहनीय है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा गत सप्ताह ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रेल के माध्यम से टेंकर लोड कर भेजे जाने का सुझाव दिया गया था।

ऑक्सीजन की क्षति न हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे समय जब ऑक्सीजन की बहुत जरूरत है, भोपाल के पास एक ऑक्सीजन टैंकर पलटा, लेकिन ऑक्सीजन की क्षति नहीं हुई। स्थानीय प्रशासन, परिवहन विभाग ने तत्परता से कार्यवाही की। मुख्यमंत्री ने कहा इसी तरह सभी का सतर्क रहना आवश्यक है। रोगियों के कार्य की वस्तुओं को सहेजने के लिए सजगता प्रशंसनीय है। इसी तरह ऑक्सीजन के अनावश्यक उपयोग पर नियंत्रण भी आवश्यक है।


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आगर-मालवा और शाजापुर जिलों के सैम्पल उज्जैन जाएंगे

बैठक में बताया गया कि उज्जैन के आरडी गार्डी अस्पताल में उज्जैन सहित आगर-मालवा और शाजापुर के सैम्पल भी भेजे जाएंगे। उज्जैन में वर्तमान में प्रतिदिन 2 हजार टेस्ट की क्षमता है। टेस्ट रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो इस उद्देश्य से झाबुआ और अलीराजपुर में लिए गए सैम्पल अहमदाबाद भेजे जा रहे हैं। इससे एक दिन में ही रिपोर्ट मिलने लगी है।

छह संभाग में एक-एक हजार बिस्तर क्षमता केन्द्रों के लिए भवन चिन्हित होंगे

मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि छह संभागों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में कमिश्नर्स को कोविड केयर सेंटर के लिए भवनों को चिन्हित करने को कहा गया है। भविष्य में बढ़ने वाली रोगी संख्या की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह तैयारी करने को कहा गया है। इन भवनों में लगभग एक हजार बेड उपलब्ध होंगे। आइसोलेशन रोगियों के लिए जरूरत होने पर ऑक्सीजन बेड के रूप में भी इनका उपयोग किया जा सकता है। नर्सिंग स्टाफ एवं 450 अनुबंधित चिकित्सकों की सेवाएं इन केन्द्रों में ली जाएंगी।

अन्य राज्यों के रोगी लाभान्वित हो रहे

कोविड की नियमित समीक्षा में आज यह तथ्य भी सामने आया कि म.प्र. में जाँच, उपचार की बेहतर व्यवस्थाएँ होने से अन्य प्रांत के रोगी भी आ रहे हैं। ग्वालियर में झाँसी के रोगी आकर जाँच करवाते हैं। ग्वालियर संभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर प्रशासन को निर्देश दिए कि आइसोलेशन में रहने वालों का ध्यान रखें। छोटे आवास गृह में रहने वाले लोगों को आवश्यक सुविधाएँ दी जाएँ। ग्वालियर में 57 निजी अस्पताल भी इलाज कर रहे हैं। अच्छे अस्पतालों को अधिग्रहण कर सेवाएँ ली जा रहीं हैं। ग्वालियर की विस्तृत समीक्षा में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता कर्फ्यू स्वतः स्फूर्त हो, सभी दल भी इसमें सहयोगी हों।

अब मोबाइल फीवर क्लीनिक का संचालन

स्वास्थ्य विभाग के प्रजेंटेंशनमेंअपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में 12 हजार 248 रोगी हैं। रिकवर हुए रोगियों की संख्या 6497 है। एक्टिव केस 4,706 हैं। देश में मध्यप्रदेश के 4.4 प्रतिशत रोगी हैं। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट बीस है लेकिन रिकवर होकर रोगी घर आ रहे हैं। भोपाल, इंदौर में अभी केस स्थिर हैं। लेकिन नियंत्रण की चुनौती का सामना कर सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक चल रहे हैं। अब चलित फीवर क्लीनिक के संचालन की तैयारी भी की गई है। नागरिकों के घर तक सैम्पल लेने के लिए वाहन पहुँचेंगे। रैपिड टेस्ट के पश्चात पॉजीटिव परिणाम पर संबंधित व्यक्ति को वहीं किट भी प्रदान की जाएगी। साथ ही होम आयसोलेशन के संबंध में भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। जबलपुर और रीवा संभाग में रेपिड टेस्ट की क्षमता बढ़ाएंगे। इसी तरह विंध्य अंचल में व्यवस्थाएँ बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी रीवा में 1500 प्रतिदिन की टेस्ट क्षमता को 2000 तक ले जाने का प्रयास है। संभाग में लेब की सुविधा बढ़ाएंगे। इसके साथ ही सिंगरौली में अधिक टेस्ट हो सकें, इसके भी प्रयास करेंगे।

मुख्यमंत्री के अन्य निर्देश

 होम आयसोलेशन में रहने वाले रोगियों का स्वास्थ्य जल्दी ठीक हो, इसके लिए चिकित्सक सम्पर्क कर मार्गदर्शन दें।

वार्ड और मोहल्ले स्तर पर लोग स्वयं कोरोना कर्फ्यू लगाएँ। आगामी 30 अप्रैल तक इस व्यवस्था को प्रभावी रखा जाए।

बिस्तर क्षमता बढ़ाने के निरंतर प्रयास हों।

संक्रमण की चैन तोड़ने केलिए सरकार और समाज मिलकर कार्य करते रहें।

औषधियों और ऑक्सीजन की आपूर्ति की वितरण व्यवस्था सुचारू रखें।

वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं होगी, जिलों से आवश्यक राशि के प्रस्ताव समय पर मिलें।

शासकीय सेवक निर्धारित सीमा से अधिक कार्य पर न आएं।


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