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शरणार्थी बने खुरई कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थी ,भूपेन्द्र सिंह ने उठाया विधानसभा में मामला

शरणार्थी बने खुरई कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थी ,भूपेन्द्र सिंह ने उठाया विधानसभा में मामला
सागर। अपना पहला साल पूरा होने पर कमलनाथ सरकार युवाओं के लिए बेहतर कल का निर्माण का दावा कर रही है। जबकि खुरई के कृषि महाविद्यालय में पढ़ने वाले 136 छात्र-छात्राओं को इस सरकार ने शरणार्थियों से भी बदतर स्थिति में ला दिया है। पूर्व गृह मंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर कृषि कल्याण मंत्री का जबाब है कि महाविद्यालय को स्वयं का भवन और छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ज्ञातव्य है कि विधायक भूपेन्द्र सिंह ने पिछली सरकार में गृह एवं परिवहन मंत्री रहते हुए खुरई में कृषि महाविद्यालय स्वीकृत कराते हुए इसके भवन, छात्रावास और वृहद केम्पस के लिए जमीन भी आबंटित कराई थी। अटल बिहारी वाजपेयी कृषि महाविद्यालय खुरई की स्थापना के प्रथम वर्ष 2018 में 46 छात्र एवं 18 छात्राओं ने तथा द्वितीय वर्ष 2019 में 48 छात्र एवं 24 छात्राओं ने प्रवेश लिया। विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर किसान कल्याण मंत्री ने विधानसभा में जबाब दिया है कि यह महाविद्यालय खुरई के माॅडल स्कूल में प्रथम तल के आठ कमरों में संचालित है। कृषि महाविद्यालय में पढ़ रहे 136 छात्र-छात्राओं के रहने हेतु छात्रावास की व्यवस्था नहीं है। महाविद्यालय हेतु स्वयं का भवन और छात्रावास की सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जावेगी, इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद खुरई के कृषि महाविद्यालय की सुध लेने वाला अब कोई नजर नहीं आ रहा। विधानसभा में कृषि कल्याण मंत्री द्वारा प्रस्तुत दो पत्रों से पता चलता है कि इस महाविद्यालय के 136 छात्र-छात्राओं की हालत शरणार्थियों से भी बदतर है। मसलन, शासकीय माॅडल स्कूल खुरई के प्राचार्य ने 18 फरवरी 2019 को भेजे पत्र में जबाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता को अल्टीमेटम दिया कि कृषि महाविद्यालय खुरई की आवास व्यवस्था अन्यत्र कर ली जाबे। क्योंकि 1 मार्च 2019 से बोर्ड परीक्षा प्रारंभ हो रही हैं और माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल ने माॅडल स्कूल को परीक्षा केन्द्र बनाया है, इसका समाधान निकालने के लिए कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य ने एसडीएम खुरई से पत्राचार किया। जिस पर एसडीएम ने माॅडल स्कूल के आठ कमरों में जुलाई 2020 तक महाविद्यालय संचालित करने बाबत सशर्त अनुमति प्रदान की है, जिसमें एक कंडीशन यह है कि माॅडल स्कूल में छात्रों को आवास/छात्रावास की सुविधा नहीं रहेगी और विद्यालय में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं, शसकीय प्रशिक्षणों एवं अन्य आवश्यकता अनुसार कक्षों को पुनः उपलब्ध कराना होगा। चूकि मार्च 2020 में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होना है, अतः कृषि महाविद्यालय के 136 छात्र-छात्राओं के समक्ष माॅडल स्कूल से बेदखली की तलवार लटक रही है। दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के मुखिया कमलनाथ अपना एक साल पूरा होने पर यह गुणगान कर रहे हैं कि युवाओं के लिए बेहतर कल का निर्माण किया जा रहा है।


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