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17 सितम्बर "सातवाँ नो एब्यूज डे" : वैचारिक स्वच्छता अभियान द्वारा निकाली जाएगी जनजागृति रैली

17 सितम्बर "सातवाँ नो एब्यूज डे" : वैचारिक स्वच्छता अभियान द्वारा  निकाली जाएगी जनजागृति रैली


तीनबत्ती न्यूज: 15 सितम्बर, 2025

सागर। वैचारिक स्वच्छता अभियान के तहत आगामी 17 सितम्बर 2025 को सातवाँ "नो एब्यूज डे" (No Abuse Day) मनाया जाएगा। इस अवसर पर एक जनजागृति रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त गाली-गलौच की बुरी प्रवृत्ति, विशेषकर “माँ, बहन, बेटी की गालियों” जैसी अमर्यादित भाषा के प्रयोग के विरोध में जनजागरण करना है। 

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यह रैली शाम 5:00 बजे तीन बत्ती से प्रारंभ होकर राधा तिराहा तक जाकर पुनः तीन बत्ती पर समापन होगी। रैली में विभिन्न सामाजिक संगठनों की महिलाएँ प्रमुख रूप से भाग लेंगी, साथ ही विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी, शिक्षकगण और समाजसेवी भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।

वैचारिक स्वच्छता अभियान सर्वे भी चालू

संस्था की संस्थापक डॉ. वंदना गुप्ता ने आज मीडिया को बताया कि यह रैली महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की दिशा में विशेष महत्व रखती है। इसका उद्देश्य समाज को मानसिक स्वच्छता और संस्कारपूर्ण संवाद हेतु प्रेरित करना है। उन्होंने बताया कि वैचारिक स्वच्छता अभियान सर्वे भी चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य मां बहिन आदि को लेकर गाली के रूप में शब्दों के उपयोग और उनके समाज पर पड़ने वाले प्रभाव पर लोगों की राय जानना है। साथ ही यह भी समझना है कि क्या महिलाओं के प्रति बढ़ती यौन हिंसा में ये गालियाँ एक बड़ा कारण हैं? इसे आन लाइन कराया जा रहा है।

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क्लिक करे: वैचारिक स्वच्छता अभियान सर्वे में शामिल होने के लिए

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ये है अभियान की प्रमुख माँगें:

1. शासन द्वारा आधिकारिक रूप से 17 सितम्बर को "नो एब्यूज डे – जनजागृति संकल्प दिवस" घोषित किया जाए।जिससे समाज का इन गलियों के विरुद्ध जागरण हो और लोग स्वयं इन अपशब्दों के प्रति जागृत होकर स्वयं संकल्पित हो।

2. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत सीरियल्स व फिल्मों में “माँ, बहन, बेटी की गालियों” का प्रयोग तुरंत बंद हो।

3. सभी सार्वजनिक स्थलों, शिक्षण संस्थाओं व संस्थानों में बोर्ड पर यह संकल्प प्रदर्शित किया जाए कि – “हम जीवन में कभी भी माँ, बहन, बेटी की गाली न देने का संकल्प लेते हैं।”

4. सरकार जनजागृति एवं कानून द्वारा सहयोग लेकर स्त्री जाति के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करे।ये आधी आबादी के प्रति दिनोदिन बढ़ती मानसिक यौन हिंसा है। जिस पर संज्ञान लेना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।

5. सरकार भारतीय संस्कृति की गरिमा तार-तार करती इस गंदगी के उन्मूलन हेतु सक्रियता एवं शीघ्रता पूर्वक योजनाबद्ध कदम उठाए।

6. सरकार इन गालियों से बढ़ते अपराधों की ओर ध्यान देकर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रभावी नीति बनाकर ठोस कदम उठाए।

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ये रही मौजूद

मीडिया से चर्चा के दौरान मातृशक्ति कंचन केसरवानी अध्यक्ष वी क्लब सागर गोल्ड,प्रीति केसरवानी अध्यक्ष केसरवानी महिला सभा, नंदिनी चौधरी अध्यक्ष स्वर्णकार समाज महिला सभा,डॉ नम्रता फुसकेले प्रांतीय अधिकारी जैन महिला सभा,सविता साहू प्रतिनिधि साहू महिला सभा,जागृति केसरवानी पूर्वाध्यक्ष, आशा आढ़तियां पूर्वाध्यक्ष वी क्लब सागर गोल्ड मौजूद रही।


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