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श्री भक्तमाल कथा : जिनके हृदय में भक्ति महारानी विराजमान हैं उन्हीं के पास श्री ठाकुर जी हैं : श्री श्री 108 श्री किशोर दास देव जू महाराज श्री गोरेलाल कुंज श्रीधाम वृन्दावन ▪️डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गवने लिया आशीर्वाद

श्री भक्तमाल कथा : जिनके हृदय में भक्ति महारानी विराजमान हैं उन्हीं के पास श्री ठाकुर जी हैं : श्री श्री 108 श्री किशोर दास देव जू महाराज श्री गोरेलाल कुंज श्रीधाम वृन्दावन

▪️डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और 0urv मंत्री गोपाल भार्गव ने लिया आशीर्वाद


तीनबत्ती न्यूज : 05 जुलाई, 2025

सागर : बिना भक्तमाल भक्ति अधिक दूर है जिनके हृदय में भक्ति महारानी विराजमान हैं उन्हीं के पास श्री ठाकुर जी हैं। भगवान कहते हैं, भाव ही प्रधान है। उपासना का भाव ही भक्ति है। भाव वह पूॅंजी है, भाव वह वस्तु है, महाराज श्री ने प्रसंग सुनाया दुर्योधन ने महल की साजसज्जा की कि श्री ठाकुर जी आ रहे हैं और उनको भोग प्रसादी के लिए छप्पन व्यंजनों का महाभोग बनवाया, पर देखा जाये तो याहॅॅं भाव नहीं है यही ठाकुर जी ने देखा कि जिनके घर पर एक दिन की भी भोजन की व्यवस्था नहीं है और उन्हीं विदुर जी के यहाॅं ठाकुर जी भोजन करने को जाते हैं और इसी प्रेमरस में विधुर रानी जी ठाकुुर जी को गोदी में बैठाकर इतने भाव से फल खिला रहीं है कि बोध ही नहीं है कि छिलका खिला रहीं हैं और वस्तु फेंक रहीं हैं और ठाकुर जी भी उसी प्रेमभाव में छिलके खाते जारहे हैं। क्योंकि वहाॅं चिंतन हो रहा है। जिनके यहाॅं कल की व्यवस्था नहीं पर भक्तिभाव बहुत है और अपने गोविंद जी को बुलाती हैं। नवनीत क्या है? नवनीत माखन है। जिनके घर में नौ लाख गायें दूध माखन दे रहीं हैं पर ठाकुर जी ब्रज में गोपियों के यहाॅं माखन मिश्री खा रहें हैं क्योंकि वहाॅं भाव में प्रेम है। न वैभव की महिमा है, न पैसे की महिमा है। आप कितने बड़े हो न इसकी महिमा है। देखा जाये तो मेरा ठाकुर तो यह देखता है कि व्यक्ति के भाव कैसे हैं? 


ठाकुर जी तो आॅसुओं पर रीझ जाते हैं। और उन आॅसुओं को हमारे ठाकुर जी नीचे गिरने नहीं देते। आॅंसु कौनसे? जो श्री ठाकुरा जी के चरणों में प्रीती के लिए हों, इसके लिए नहीं कि, किसी ने आप से कुछ कह दिया तो रोने लगे। केवल और केवल ठाकुर जी के चरणों में प्रीती के लिए आॅसु हों तो ठाकुर जी गिरने नहीं देते जिनके अंतःकरण में ठाकुर जी विराजे रहेते हैं, उनको कहीं आने जाने की सुध नहीं होती। जाना कहीं और, जाते कहीं और हैं क्योंकि ठाकुर जी में चित्त लगा है आनंद रस में डूबे हुए हैं। ये श्यामा शाम रंग जब तक नहीं लगा है। तभी तक हम संसार के हैं और जब ष्याम रंग चड़ जाता है तो केवल श्यामा श्याम ही नज़र आते हैं और कुछ याद नहीं रहता। कथा खूब डूबकर श्रवण करें। पता नहीं किस एक शब्द को हम छोड़ दिये जिससे हमारा कल्याण होना था। इसी भाव से कथा श्रवण किया करें। शांत चित्त होकर। मित्रता आपकी ही नहीं, संतों की भी मित्रता होती है। परंतु इस संसार की तरह संतों की मित्रता में कोई स्वार्थ नहीं होता अपितु सिर्फ ठाकुर जी के चरणोें के प्रति प्रीती होती है। पूर्व के समय में एक संत सैंकड़ों लोगों के साथ संत के साथ विचरण करते थे और हम जैसे लोगों को जगाते रहते थे। संतों का कार्य ही है लोगों को जगाते रहना। 



 जाने सात ठाकुर जी को

इसके पश्चात् महाराज श्री ने ब्रज के साथ ठाकुरों का वर्णन किया। उनहों ने कहा कि, जयपुर के श्री गोविंद देव जी साधारण नहीं हैं इन्हें प्रकट किया गया है, यह प्रथम दर्शन है। दूजे श्री मदन मोहन देव जू महाराज। तीजे श्री गोपीनाथ जी, चैथे श्री राधरमण देव जी महाराज, पाॅंचवे श्री राधावल्लभ जी, छठें श्री जुगल किशोर जी और सातवें श्री वृन्दावन बिहारी लाल जी। जिनमें से तीन ठाकुर जी तो श्री बाॅंके बिहारी जी, श्री राधावल्लभ जी और श्री राधारमण लाल जी जो श्रीधाम वृन्दावन में ही विराजमान हैं। बुंदेलखण्ड में पन्न्ना में साक्षात श्रीधाम वृन्दावन के श्री जुगलकिषोर जी ही विराजमान हैं। महाराज श्री ने व्यास पीठ से कहा कि, 2025 की गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव का यह उत्सव श्री देवराहा बाबा सिद्ध धाम प्रांगढ में मनाया जा रहा है वैसे ही 2026 में गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव पन्ना और 2027 में छतरपुर को मिला है।

ये हुए शामिल


आज की कथा में व्यास पीठ से व्यास पीठ पर जाकर पूज्य महाराज श्री को मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल, रहली विधायक पं. गोपाल भार्गव, विधायक शैलेन्द्र जैन, भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी, पूर्व जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, अजय दुबे, डाॅ. अनिल तिवारी, संजीव दुबे, अनुराग प्यासी, शैलेष केशरवानी, प्रभात सिंह बामोरा, हरिराम सिंह ठाकुर ने व्यासपीठ पर जाकर महाराज जी का पुष्पमाला पहनाकर का स्वागत किया व आषीर्वाद लिया। आज की कथा की आरती में नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, प्रतापनारायण दुबे, अजय दुबे, डाॅ. अनिल तिवारी, संतोष पांडे, राजकुमार सुमरेड़ी, अनुराग प्यासी ,अनिल जैन, शरद जैन, रामावतार पांडे, कपिल उपाध्याय, राहुल समेले, सानिध्य तिवारी, रियार्थ दुबे, विकास तिवारी, संजय चैबे, जयनारायण तिवारी (बंडा), वीरू दुबे (गढाकोटा), भरत तिवारी, पप्पु तिवारी।  

आज की कथा में महाराष्ट्र, अमृतसर, मुरैना, ग्वालियर से बड़ी संख्या में शिष्य मंडल के सदस्य एवं भक्तजनों ने कथा श्रवण की। कल दिनांक 06 जुलाई को सतना से कथा में संतजन पधार रहे हैं। शिष्य मंडल के सदस्य अनिल दुबे और राहुल समेले ने बताया कि हजारों की संख्या में प्रतिदिन कथा आये हुऐ सभी श्रद्धालुओं को आयोजन समिति की ओर से भोजन प्रसादी भी करायी जा रही है।

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SAGAR: मालथौन के सैकड़ों पीड़ित दलित आदिवासी सागर कलेक्ट्रेट पहुंचे: कहा पूर्व जनपद अध्यक्ष गोविंद सिंह को गिरफ्तार करें व उनकी जमीनों से कब्जा छुड़वाएं

SAGAR: मालथौन के सैकड़ों पीड़ित दलित आदिवासी सागर कलेक्ट्रेट पहुंचे:  कहा पूर्व जनपद अध्यक्ष गोविंद सिंह को गिरफ्तार करें व उनकी जमीनों से कब्जा छुड़वाएं


तीनबत्ती न्यूज : 05 जुलाई ,2025

सागर। सागर जिले के मालथौन क्षेत्र के तीन सौ से ज्यादा आदिवासी व अनुसूचित जाति वर्ग के पीड़ितों ने आज सागर के जिला कलेक्ट्रेट व जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर  कृषि भूमि व शासकीय भूमियों पर कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान मारपीट करने वाले स्थानीय दबंग गोविंद सिंह मालथौन की गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही इन सभी आवेदकों ने मालथौन के स्थानीय दबंग गोविंद सिंह राजपूत मालथौन व उनके परिजनों द्वारा जबरिया व अवैध रूप से कब्जा की गई उनकी सौ एकड़ से ज्यादा कृषि भूमियों व 25 एकड़ से अधिक सार्वजनिक निस्तार की सरकारी भूमियों पर से दबंग गोविंद सिंह मालथौन का कब्जा हटा कर जमीनें मुक्त कराने की गुहार लगाई।

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खबर का वीडियो देखने क्लिक करेमालथौन के सैकड़ों पीड़ित दलित आदिवासी सागर कलेक्ट्रेट पहुंचे

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सागर जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन के साथ मालथौन के गरीब दलित आदिवासी पीड़ितों ने दबंग व्यक्ति गोविन्द सिंह मालथौन द्वारा कब्जा की गई, अवैध रूप से खरीद दर्शा कर नामांतरण कराई पीडित वर्ग निजी व शासकीय भूमि, गरीबों अनुसूचित जाति व आदिवासियों को शासन द्वारा दी गई शासकीय पट्टों की भूमि एवं उनके स्वाममित्व की निजी भूमि जो इनके दबंग परिवार ने अवैधानिक तरीकों से अपने नाम चढ़वाई है। ऐसी भूमियों के खसरा, रकबा नंबर सहित पूरी सूची अधिकारियों को सौंपी और इन जमीनों को मुक्त कराने व पीड़ितों को वापस कराने की मांग की। 


ज्ञापन में पिछले सप्ताह प्रशासन द्वारा दबंग गोविंद सिंह मालथौन के कब्जे से 5 एकड़ शासकीय भूमि को मुक्त कराए जाने की कार्रवाई के दौरान आदिवासी समाज के लोगों से आरोपी गोविंद सिंह मालथौन द्वारा की गई मारपीट और गाली-गलौच के आपराधिक प्रकरण में अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने की बात कही गई है। साथ ही अधिकारियों को बताया गया कि दबंग आरोपी क्षेत्र में ही रह कर पीड़ित शिकायत कर्ताओं को धमका रहा है जिससे भय का वातावरण बना हुआ है। आवेदकों ने कलेक्टर व एस पी से मांग की है कि गोविंद सिंह मालथौन व उनके परिवार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्यों की नियम विरुद्ध रूप से खरीदी व कब्जा की गई जमीनें मूल मालिकों को वापिस कराई जाएं। 

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देखने क्लिक करे : सागर:मालथौन में तिरपाल लगाकर हुआ अंतिम संस्कार बुजुर्ग व्यक्ति का

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सागर कलेक्ट्रेट व एस पी कार्यालय ज्ञापन देने मालथौन से सैकड़ों की संख्या में आए पीड़ित गरीब अनुसूचित जाति और आदिवासियों ने पूरी तरह शांतिपूर्ण व्यवहार किया, यहां तक कि उनके द्वारा एक भी नारा तक नहीं लगाया। उन्होंने अधिकारियों व मीडिया को अपनी व्यथा व दबंग परिवार के आतंक पूर्ण कृत्यों से अवगत कराया।

पीड़ितों ने अपने ज्ञापन में प्रशासन द्वारा विगत कुछ हफ्तों में मालथौन क्षेत्र में की गई कार्रवाई में अनेक दबंगों पर कार्रवाई करते हुए उनके कब्जे से आदिवासियो की भूमि मुक्त करा कर वापसदिलाए जाने के लिए धन्यवाद भी दिया।

ये हुए शामिल 

ज्ञापन देने वाले पीड़ितों में भज्जू आदिवासी, रामलाल अहिरवार, किप्पू आदिवासी, कल्लू आदिवासी, मुन्नी आदिवासी, रुपू आदिवासी, धनीराम आदिवासी, राकेश आदिवासी, जय सिंह आदिवासी, जगल आदिवासी, धर्मेन्द्र आहिरवार, संतोष अहिरवार, विनोद अहिरवार, रामबिहारी आहिरवार, राजेन्द्र आदिवासी, जनक आदिवासी, बादल आदिवासी, संतोष अहिरवार, गुलाब आदिवासी, सुनील आदिवासी, बाबूलाल आदिवासी, रामलाल आदिवासी, रूपा अहिरवार, भरत अहिरवार, मनीराम  अदिवासी, नीलेश, श्रीमती गोमती आदिवासी, नीना बाई, लीला आदिवासी, कमला आदिवासी, सरस्वती आदिवासी, पानबाई आदिवासी, शंति आदिवासी, श्यामबाई आदिवासी सरपंच झोलसी, गोमती आदिवासी, बसंत आदिवासी,मुलू आदिवासी, गुटई आदिवासी, सोनाली आदिवासी, मुन्ना आदिवासी, हरप्रसाद आदिवासी, गोंविद सिंह, राजकुमारी,  मायादेवी, कल्याण सिंह, राजू, क्रांति, लक्ष्मण, सोनू, रंजीत, पीना आदिवासी अमारी, धनिया बहू दयाली आदिवासी, हरीसिंह, शामिल है।

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ईश्वर की कृपा और संतों के आशीर्वाद से प्रदेश समृद्ध खुशहाल : डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ▪️संत रविशंकर जी महाराज ,रावतपूरा सरकार का प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मना ▪️75 फिट ऊंची भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा का हुआ लोकार्पण

ईश्वर की कृपा और संतों के आशीर्वाद से प्रदेश समृद्ध  खुशहाल : डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल

 ▪️संत रविशंकर जी महाराज ,रावतपूरा सरकार का प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मना

 ▪️75 फिट ऊंची भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा का हुआ लोकार्पण 



तीनबत्ती न्यूज :   05 जुलाई 2025

सागर: धर्म सनातन की ध्वजा लेकर देश को आगे बढ़ाने का कार्य हमारे देश के संत कर रहे हैं, और ईश्वर की कृपा तथा संतों के आशीर्वाद से देश और प्रदेश समृद्ध एवं खुशहाल बन रहे हैं। उक्त विचार उपमुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सागर में आयोजित संत श्री रविशंकर रावतपुरा सरकार के जन्मोत्सव  और भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा के लोकार्पण अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर संत श्री रविशंकर जी महाराज, संत श्री आनंद ब्रह्मचारी, संत श्री रामलखन महाराज, संत श्री सुदर्शन दास जी,  मंत्री प्रहलाद पटेल, गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह विधायक शैलेंद्र जैन प्रदीप लारिया, महापौर श्रीमती संगीता तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष  हीरासिंह राजपूत, जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी, श्रीमती रानी कुशवाहा, श्री गौरव सिरोठिया सहित बड़ी संख्या में संत समुदाय, जनप्रतिनिधि एवं भक्तगण उपस्थित थे।

वाणी, विचार, वातावरण में परिवर्तन करने से जीवन में नयापन आता है: श्री रावतपुरा सरकार




संत रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार ने अपने संदेश में भक्तों से एक वृक्ष लगाने और उसका पोषण समवर्धन करने की अपील की। उन्होंने कहा क्षमा धारण करने से जीवन के सभी विकार दूर हो जाते हैं, और व्यक्ति ऊपर उठने लगता है महान बन जाता है। प्रतिशोध एक ऐसी ज्वाला है जो स्वयं को झुलसाने का काम करती है। इसलिए विवेकवान बने क्षमाशील बने। जन्मदिन आशीर्वाद ग्रहण कर नए संकल्पों के सृजन का अवसर है इसलिए इस अवसर को महत्वपूर्ण मानते हुए स्वयं में परिवर्तन करें। वाणी, विचार, वातावरण में परिवर्तन करने से जीवन में न्यापन आता है। इसलिए परिवर्तन को स्वीकार करें आगे बढ़े और सभी को आगे बढ़ने में सहयोग करें।


उपमुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि तन, मन और जीवन को समर्पित करने वाला व्यक्ति ही संत बन सकता है, और यही कार्य हमारे संत श्री रविशंकर महाराज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म सनातन की ध्वजा लेकर देश और प्रदेश को समृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रावतपुरा सरकार का संकल्प है कि 11 सदाशिव शंकर जी की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी, जिनमें से सागर में 75 फीट ऊँची सदाशिव की मूर्ति का लोकार्पण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तेरा तुझको अर्पण, मेरा क्या लागे की भावना की तर्ज पर ही सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि संतों की वाणी पर कोई तर्क नहीं किया जा सकता; उनकी वाणी को श्रद्धा से ग्रहण कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया जाना चाहिए। रावतपुरा सरकार द्वारा देशभर में 200 स्थानों पर शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण की संस्थाएँ संचालित की जा रही हैं। शिक्षा की संस्थाएँ खोलकर गरीबों को शिक्षित करने का कार्य कर समाज को नई दिशा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में संत-महात्माओं का वास है, इसलिए हमारा प्रदेश सुखी और समृद्ध है।उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रावतपुरा सरकार ने हमें दो मंत्र दिए हैं, जिन पर मैं चल रहा हूँ। पहला, मंदिरों को बेहतर बनाएं; और दूसरा, यदि कोई व्यक्ति आपके समक्ष अपनी समस्या लेकर आए, तो उसका कार्य तत्काल करें। इससे हमें आत्मिक शांति मिलती है।


प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि आध्यात्मिक मार्ग, तपस्या और तप का मार्ग होता है, जिस पर चलना अत्यंत कठिन होता है। जो व्यक्ति इस मार्ग पर चलता है, वही महात्मा बनता है, क्योंकि तपस्या और तप से नई ऊर्जा प्राप्त होती है। इस ऊर्जा के सामने माया भी टिक नहीं पाती। उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 में हम रावतपुरा सरकार के चरणों में पहुँचे और लगभग 10 से 11 वर्षों तक उनके आशीर्वाद और तपस्या का लाभ प्राप्त किया। उनकी तपस्या से मिली अनुशासन और ऊर्जा की सीख से आज मैं देश और प्रदेश की सेवा कर पा रहा हूँ। उन्होंने कहा कि मौन साधना भी एक बड़ी तपस्या होती है, और यह रावतपुरा सरकार में विद्यमान है। उन्होंने आगे कहा कि गुरु ने अपने शिष्यों को नियमों की पुस्तिका प्रदान की है, और सभी को उसी पुस्तिका के अनुसार भक्ति करनी चाहिए तथा नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी भक्ति स्वार्थ या लाभ की नहीं होनी चाहिए, बल्कि श्रद्धा और समर्पण की होनी चाहिए।



खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि श्रद्धा, भक्ति और आस्था का महाकुंभ है रावतपुरा सरकार का जन्मोत्सव, प्रकटोत्सव। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में रावतपुरा सरकार द्वारा जो 75 फीट ऊँची भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित की गई है, उससे सागर की माताओं, बहनों और श्रद्धालुओं को मकरोनिया-खुरई रोड के साथ-साथ शहर के मध्य भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।उन्होंने कहा कि रावतपुरा सरकार ने वेदांती को एक तीर्थ स्थल बना दिया है, जहाँ मथुरा, काशी और वृंदावन का अनुभव वेदांती धाम में प्राप्त होता है।


रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि रावतपुरा सरकार धाम में जो कार्य हुए हैं, वे यूरोप और अमेरिका से भी श्रेष्ठ हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की बात तो सभी करते हैं, पर यदि हम सभी धर्मों के साथ सेवा और भक्ति का मार्ग अपनाएं तो भारत निश्चित ही विश्वगुरु बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रावतपुरा सरकार चिकित्सा, तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वेदांती में सदाशिव की मूर्ति की स्थापना से भक्ति और पर्यटन का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा। सरकार के भीतर अलौकिक ईश्वरीय ज्ञान विद्यमान है।


विधायक एवं पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से हमें रावतपुरा सरकार का आशीर्वाद प्राप्त है, और उसी आशीर्वाद से हम नई ऊर्जा के साथ क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का तप, तपस्या और ज्ञान हम सभी को नई ऊर्जा प्रदान करता है। स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में महाराज जी द्वारा निरंतर सेवा का कार्य किया जा रहा है। संत हमारी आत्मा को प्रकाश देने का कार्य करते हैं। महाराज जी के चरणों में नमन करते हुए हम यही कामना करते हैं कि उनकी कृपा और आशीर्वाद सदैव बना रहे। उन्होंने कहा कि यदि किसी के जीवन में संत नहीं हैं, तो वह जीवन व्यर्थ है, क्योंकि बिना संत के जीवन में मार्गदर्शन नहीं मिलता। हमें संतों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मात्र 9 वर्ष की आयु में रावतपुरा सरकार ने त्याग और साधना का मार्ग चुनते हुए धर्म, देश और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।


विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि रावतपुरा सरकार ने मुझे बिना माँगे सब कुछ प्रदान किया है, और वे इसी प्रकार सभी को सब कुछ प्रदान करते हैं। श्री जैन ने कहा कि रावतपुरा सरकार की तपस्या अद्भुत और अनुकरणीय है। उनमें सरलता, सौम्यता और विलक्षण व्यक्तित्व का खजाना है। वे प्रेरणा के पुंज हैं। उनकी प्रेरणा पर चलकर हम सभी को अपना जीवन जीना चाहिए।


महाराज का जन्मदिन भक्तों ने बड़े धूमधाम से मनाया : वृक्षारोपण हुआ


प्रातःकालीन बेला में अनुष्ठानों की अनुगूंज के साथ पूज्य महाराज श्री ने गौ-पूजन के साथ अपने दिन की शुरुआत की। इसके बाद श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति अभिजित मुहूर्त में सम्पन्न हुई। पूज्य महाराज श्री से मिलने के लिए दिन भर भक्तों का ताँता लगा रहा। सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त अपने गुरु के जन्मदिवस के पर्व पर उत्साहित नज़र आए। विशाल सदाशिव भगवान की प्रतिमा के लोकार्पण के बाद परिसर में वृक्षारोपण किया गया। 75 फिट ऊँची प्रतिमा के लोकार्पण के साथ वेदांती परिसर एक तीर्थ के समान नज़र आने लगा है।

भंडारे का क्रम पूरे दिन अनवरत जारी रहा.... जिसमे हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। उत्सव की सायंकालीन बेला में सभी भक्तों ने मिलकर संत श्री रविशंकर जी महाराज का जन्मदिवस मनाया और इसके साथ ही बुंदेली संस्कृति के रस में सराबोर भव्य सांस्कृतिक संध्या में जित्तू खरे बादल एंड ग्रुप ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया।



ये हुए शामिल

इस अवसर पर नगर निगम अध्यक्ष  वृदावन अहिरवार, अरूणोदय चौबे, सुनील जैन,  धरमू राय,  सुशील तिवारी, सर्वजीत सिंह, शैलेष केशवानी, संजीव दुबे, शैलेन्द्र ठाकुर, नगर निगम कमिश्नर श्री राजकुमार खत्री, सिटी मजिस्टेªट श्रीमती जूही गर्ग, एसडीएम श्री नवीन सिंह ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश सिन्हा, नगर पुलिस अधीक्षक श्री ललित कश्यप  सहित अन्य जनप्रतिनिधि अधिकारी, धर्मबंधु मौजूद थे।

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भक्तमाल का मूल सिद्धांत है भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरू इसमें कोई अंतर नहीं है : श्री 108 श्री किशोर दास देव जू महाराज

भक्तमाल का मूल सिद्धांत है भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरू इसमें कोई अंतर नहीं है : श्री 108 श्री किशोर दास देव जू महाराज 


तीनबत्ती न्यूज: 04 जुलाई, 2025
सागर : श्री भक्तमाल कथा के द्वितीय दिवस परम पूज्य श्री श्री 108 श्री किशोर दास देव जू महाराज श्री गोरेलाल कुंज श्री धाम वृन्दावन श्री महाराज जी ने भक्तमाल कथा में अपनी अमृतमयी वाणी से कहा कि कृपा मंगल स्वरूप, कृपा सर्वोपरि है। भक्ति साधन साथ नहीं है। अपने योग, ज्ञानबल, जपबल से तपबल से आदि आदि कितना भी प्रयास कर लें। बिना ठाकुर जी की कृपा से कुछ संभव नहीं है। उनकी कृपा से ही हम श्रीधाम वृन्दावन में हैं उनकी कृपा से कथा हो रही है। उनकी कृपा के बिना हम और आप यहां कथा भी नहीं सुनने आ सकते। हमारे भीतर इतना बल नहीं है कि हम अपने स्वयं बल पर कुछ कर सकते हैं। यदि नाम प्रिया जू और बिहारी जी से हमारा मन लग रहा है तो यह उनकी करूणा ही है और यदि इन सभी में हमारा मन नहीं लग रहा है तो हमारे पूर्व के जन्म के कारण हमारा मन भक्तिभाव में नहीं लग रहा है। ़लंड़ा चल नहीं सकता, गूॅंगा बोल नहीं सकता बहरा सुन नहीं सकता पर यदि कृपा जब होती है संतो की कृपा होती है तो हमें कथा सतसंग अच्छा लगता है और यह सभी कथा सतसंग सुनने चले आते हैं और श्री बिहारी श्री प्रिया जी की कृपा से सतसंग अच्छा लगने लगता है। 



उन्होंने कहा कि जब ठाकुर जी की कृपा प्राप्त हो जाती है तो जीव को यह सुख सदैव प्राप्त हो जाता है। संत चरण के दर्षन का फल क्या है? संत चरण के दर्शन का यह फल है कि अंतःकरण में सुख प्राप्त हो जाता है। संतों की कृपा अनंत है। भक्तमाल का मूल सिद्धांत है भक्त, भक्ति बापू रूप अनेक इनकी कृपा से ही हम कहने में सामर्थ्यवान हैं और इनकी कृपा से आप भक्तमाल कथा सुनने में समर्थवान हैं। जिनके अंतःकरण में श्री ठाकुर जी विराजमान हैं। उनका वर्णन करने की क्षमता मुझमें नहीं हैं और सतयुग, द्वापर, त्रेता, कलयुग चारों युगों का वर्णन श्री राधास्वामी जी ने किया है। भगवान बड़े हैं कि भगवान के भक्त बड़े हैं? चाहे श्री हनुमान जी महाराज हों, गोस्वामी तुलसीदास जी हों, स्वामी श्री हरिदास जी महाराज हों यदि ये नहीं होते तो हम आज कैसे इस लीला का रसमान करा पाते। संत चरण को ही सत्य कहा गया है और संतों की महिमा अनंत है। भगवान बड़े हैं या भगवान के नाम बड़े हैं? इसपर मंत्रणा हुई। एक महात्मा ने कहा कि प्रथ्वि सबसे बड़ी है दूसरे महात्मा ने कहा कि प्रथ्वि से बड़ा सिंधु जल है समुद्र बड़ा है क्योंकि प्रथ्वि एक जगह है और समुद्र तीन जगह है तब तीसरे महात्मा ने कहा कि ऐसा समुद्र जो समुद्र ही पी गये, वह कहाॅं बड़ा है। अगस्त जी महाराज तारा में विराजमान हैं। जब सूर्य भगवान प्रकाशित होते हैं तो तारा नहीं होता। पांचवे महात्मा ने कहा कि सूर्य कौन हैं? भगवान नारायण के नेत्र कमल हैं और घूम फिर के वहीं आ गये कि सबसे बड़े नारायण हैं। जिनके सूर्य जैसे नेत्र हैं। छठवें माहात्मा ने कहा कि मेरी दृश्टि से देखा जाये तो ऐसे नारायण जिनको अपने हृदय रूपी सिंहासन में विराजमान कर लिया तो इससे सिद्ध हो गया कि सबसे बड़ा तो भक्त ही है। भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरू इनमें कोई अंतर नहीं है। नारद जी कहते हैं कि संतो को जो दो रूपों में देखता है वह नरक को जाता है। भगवान नारद श्री देव ऋशी से कहते हैं कि जो मेरे संतजनों से अंतर रखे वो नरक जाते हैं और कोई कितना निकट हो जो संतों का अपराध करेगा मैं उनको त्याग देता हूॅं। श्री वृन्दावान धाम के संत चरण जहाॅं-जहाॅं नगर,गाॅंव, षहर जहाॅं भी पड़ते हैं वहीं श्री वृन्दावनधाम बन जाता है। संत चरण की कृपा से गुरूजन की कृपा से ही व्यक्ति मुझे पाने का अधिकारी हो जाता है।

शिष्य मंडल के सदस्य डाॅ. अनिल तिवारी एवं अनिल दुबे ने बताया कि, शनिवार को परम पूज्यनीय श्री राम अनुग्रह दास जी महाराज छोटे सरकार एवं मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं सागर जिला प्रभारी मंत्री पं. श्री राजेन्द्र शुक्ल जी एवं खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत जी का भी कथा में आगमन होगा। 08 जुलाई को श्री राधाकृष्ण जी महाराज श्रीधाम वृन्दावन का भक्तमाल कथा में आगमन होगा। 

निःशुल्क बस सेवा

श्री भक्तमाल कथा में प्रतिदिन निशुल्क बस सेवा समय दोपहर 02ः45 से पद्माकर सभागार मोती नगर चौराहा से कथा स्थल तक निशुल्क रहेगी। द्वितीय दिवस कथा आरती में पूज्य पंडित श्री रमेश पांडे जी, बमबम महाराज शारदा पीठ उपस्थित रहे एवं कथा की आरती की। 

ये रहे मोजूद

आरती करने वालों में श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह विधायक पन्ना, प्रताप नारायण दुबे, अजय दुबे, डाॅ. अनिल तिवारी, अमृत मिश्रा, अंकित पांडे, जगदीश तिवारी, पप्पू तिवारी, अंकित दुबे, विनय मिश्रा ने आरती की। व्यास पीठ से आषीर्वाद लेने वालों में रामावतार पांडे, प्रदीप राजौरिया, प्रहलाद प्यासी, वैभव दुबे (बीना), विवके मिश्रा (बंडा), जितेन्द्र खटीक पार्षद, मृदुल पन्या, अतुल तिवारी, शिवम दुबे, अदित्य पांडे, गिरीश कांत तिवारी, आषीश गोस्वामी, तनु नेमा।  श्री गोपाल महायज्ञ में श्रीमती प्रमिला-अनुराग प्यासी, श्रीमति अंजु-अनिल नायक, अरूण नायक, महेंद्र दुबे ने यज्ञ में आहुतियां दीं।  रावतपुरा सरकार से शिष्य मंडल के श्री अजय दुबे  एवं डाॅ. अनिल तिवारी  ने आषीर्वाद लिया एवं  भक्तमाल कथा में आने का आग्रह किया।
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श्री सद्गुरु प्राकट्य महोत्सव, श्री रावतपुरा सरकार : धार्मिक अनुष्ठान के साथ विशाल रक्तदान, दंत एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन ▪️रक्त दुर्लभ ईश्वरीय देन है जो रक्तदान से ही मिलना संभव: पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह

श्री सद्गुरु प्राकट्य महोत्सव, श्री रावतपुरा सरकार : धार्मिक अनुष्ठान के साथ विशाल रक्तदान, दंत एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन

▪️रक्त दुर्लभ ईश्वरीय देन है जो रक्तदान से ही मिलना संभव: पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह


तीनबत्ती न्यूज: 04 जुलाई ,2025

सागर : श्री रावतपुरा सरकार आश्रम वेदांती परिसर में श्री सद्गुरु प्राकट्य महोत्सव अपनी पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। महोत्सव के छठवें दिन प्रातःकालीन बेला में श्री गौरी गणेश पूजन, अन्नपूर्णा अभिषेक, श्री लक्ष्मीनारायण अभिषेक, रुद्राभिषेक, महामृत्युजय जाप के साथ विभिन्न अनुष्ठान सम्पन्न हुए। प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में गुरु पूजन, चरण पादुका पूजन एवं हनुमान चालीसा, श्री गणेश अथर्वशीर्ष, श्री आदित्यहृदय स्त्रोत, श्री ललिता सहस्त्रनाम पाठ सम्पन्न हुए। 

रक्तदान, दंत एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन 


इस मौके पर  विशाल रक्तदान, दंत एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया गया। संत रावतपुरा सरकार महाराज श्री ने रक्तदान जीवनदान जैसी युक्ति को चरितार्थ करने के लिए विगत दो दशकों में कई अभियान चलाये है। बिलासा ब्लड बैंक के माध्यम से अब तक लाखों जिंदगीयां बचाई जा सकी है। इसके अतिरिक्त विशेष अवसरों पर भक्तमण्डल के शिष्य अपने गुरु के इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष इस संकल्प को आगे बढ़ाते हैं। इस सात दिवसीय महोत्सव में आज रक्तदान शिविर में सैकड़ों लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर रक्तदान किया। 

इस मौके पर पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि रक्त ऐसी ईश्वरीय देन है जिसे कृत्रिम रूप से निर्मित नहीं किया जा सकता,किसी मनुष्य के दान से ही इसकी उपलब्धता संभव हो सकती है। इसलिए रक्तदान महादान है। पूर्व गृहमंत्री  भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि महाराज श्री की प्रेरणा से 11 वर्ष पूर्व मैंने अपने जन्मदिन पर रक्तदान शिविर लगाने की शुरुआत की थी जिसमें अभी तक 14 हजार यूनिट से अधिक रक्तदान हो चुका है। इसी वर्ष लगभग 1600 यूनिट रक्त संग्रहीत किया गया। महाराज जी की प्रेरणा से ही हमने अपने कार्यालय में निःशुल्क ब्लड हेल्पलाइन सेवा आरंभ की जिसके माध्यम से जरूरतमंदों को शीघ्रता से उसी दिन ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। गत सप्ताह 48 जरूरतमंदों को इस हेल्पलाइन सेवा के माध्यम से निःशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया गया



वहीं दंत, अस्थि सहित विभिन्न चिकित्सा परामर्श का लाभ शिविर में आने वाले हजारों लोगों ने प्राप्त किया। अनुभवी चिकित्स्कों के रुप में डॉ अदिति दुबे (एम. एस. ईएनटी), डॉ विपिन खटीक (बीडीए), डॉ दीपिका (बीडीएस), डॉ सचिन रेजा (डी. ऑर्थो.), डॉ आर. के. बिदुआ (पैथोलॉजिस्ट) शिविर में उपस्थित रहे। वहीं कलकत्ता में रावतपुरा सरकार भक्तमंडल के सदस्यों ने 500 बोतल रक्त का दान कर इस अभियान में अनुकरणीय भूमिका निभाई है। पूज्य महाराज श्री कहते है समाज की सेवा साक्षात् ईश्वर की सेवा है आराधना है।

द्वादश लक्ष्यार्चन अनुष्ठान



सायंकालीन बेला में माँ राजराजेश्वरी का द्वादश लक्ष्यार्चन अनुष्ठान आयोजित किया गया...... जिसमे विभिन्न दिव्य सामग्रीयों से माँ का 12 लाख अर्चन किया गया। आचार्य पंडित आशुतोष पटैरिया ने श्रीललिता सहस्त्रार्चन का महत्व बताते हुए कहा कि ऐसा कोई कार्य नहीं है जो माँ की कृपा से पूर्ण न बो सके। सुख शांति, ऐश्वर्य, वैराग्य से लेकर मोक्ष प्रदान करने वाली माँ राजराजेश्वरी की यह विशेष साधना है जो केवल गुरु की कृपा से ही प्राप्त हो सकती है।

सदाशिव प्रतिमा का लोकार्पण

इसके साथ 05 जुलाई को यह महोत्सव पूर्ण होगा। जहां दोपहर 01 बजे विशाल सदाशिव भगवान की प्रतिमा का लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कर कमलों के माध्यम से पूज्य महाराज श्री रावतपुरा सरकार के मंगल सानिध्य में सम्पन्न होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा करेंगे.। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री एवं विधायक गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री एवं विधायक भूपेंद्र सिंह, सांसद लता वानखेड़े के साथ सागर जिले के विधायक शैलेन्द्र जैन, प्रदीप लारिया, वीरेंद्र सिंह, ब्रजबिहारी पटैरिया, निर्मला सप्रे के साथ सागर महापौर संगीता तिवारी इस दिव्य आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित होंगे।

महोत्सव के अंतिम दिवस के अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति अभिजित मुहूर्त में सम्पन्न होगी, जिसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी आश्रम परिसर में किया जाएगा। सायंकालीन बेला में सद्गुरु प्राकट्य का दिव्य समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न होंगे जिसमे प्रसिद्ध बुंदेली कलाकार जित्तू खरे बदल एंड ग्रुप अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।


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