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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया गया वृक्षारोपण, जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया गया वृक्षारोपण, जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में

सागर । आमजन को पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जागरूक करने के उद्देश्य से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री डी.एन. मिश्र एवं सचिव श्री विवेक शर्मा के मार्गदर्शन में ''पंच-ज'' अभियान के अंतर्गत कालीचरण चौराहा से विश्वविद्यालय मार्ग में न्यायाधीशगण के द्वारा वृक्षारोपण का कार्य किया गया। तत्पश्चात् सागर-लखनादौन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-44 में चितौरा टोल प्लाजा के किनारे प्रधान जिला न्यायाधीश के द्वारा पीपल के पौधे का वृक्षारोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि, पेड़ पौधे लगाकर जंगलों को नया जीवन देकर हम ईको सिस्टम को रिस्टोर कर सकते हैं। तत्पश्चात सचिव, श्री विवेक शर्मा सहित कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश, श्री सनत कश्यप, विशेष न्यायाधीश (एस.सी.एस.टी. एक्ट) श्री व्ही.एस. राजपूत सहित अन्य न्यायाधीशगण के द्वारा भी हर्र, बहेरा, ऑवला, शीशम, वरगद व अन्य प्रजाति के लगभग 100 पौधों का वृक्षारोपण किया इस अवसर पर श्री अनुज कुमार चन्सौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, नेशनल हाईवे अॅथारिटी के अधिकारीगण श्री सुनील शर्मा, प्रमोद कुमार ठाकुर एवं आलोक अस्थाना, वन विभाग के एस.डी.ओ. श्री मिश्रा जी एवं पुलिस विभाग के अधिकारीगण के द्वारा भी वृक्षारोपण किया गया और वृक्षों को संरक्षित करने का भी वचन दिया। इसके पश्चात् न्यायाधीशगण द्वारा न्यू ऑफीसर्स कॉलोनी में भी वृक्षारोपण किया गया। 

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‘अमृत महोत्सव में आजादी के गीत’’, डॉ गौर विवि के संगीत विभाग का आयोजन


'अमृत महोत्सव में आजादी के गीत'',
डॉ गौर विवि के संगीत विभाग का आयोजन
               
सागर। संगीत विभाग डॉ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय के द्वारा ''आजादी का  अमृत महोत्सव'' के अंतर्गत दिनांक 15 अगस्त 2021 को स्वर्ण जयंती सभागार में ''देषभक्ति गीत '' सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन  कुलपति प्रो.जनक दुलारी आही एवं  कुलसचिव संतोष सहगोरा ने किया। संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ललित मोहन, सहायक प्राध्यापक डॉ. अवधेष प्रताप सिंह तोमर एवं डॉ. राहुल स्वर्णकार के संयोजन में कार्यक्रम संचालित हुआ।
कार्यक्रम में सबसे पहले विभाग के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना एवं गौर गीत प्रस्तुत किया। कौषल मैहरा, कु. तृप्ती सेन, अपूर्वा भदोरिया ,सुप्रिया सरवैया, आषीश मैहरा द्वारा प्रस्तुत किये गये। इसके बाद कु. तृप्ती सेन ''वंदे मात्रभूमि वंदे'' देषभक्ति गीत की प्रस्तुति दी। ''ऐ मेरे प्यारे वतन'' कु. सुप्रिया सरवैया द्वारा प्रस्तुत किया गया, पंकज खरारे द्वारा ''राग देष '' में वासुरी वादन प्रस्तुति किया गया। कु. अपूर्वा भदोरिया द्वारा ''अनोखा देष है मेरा'' प्रस्तुत किया गया। कु. साक्षी पटेरिया द्वारा ''सारे जहॉं से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा'' देषभक्ति गीत प्रस्तुत किया। कु. हर्शिता मिश्रा द्वारा ''ऐ मेरे प्यारे वतन के लोगो'' देषभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। श्री आलोक मिश्रा के द्वारा ''अपने वतन का सम्मान कीजिए'' देषभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। कु. स्तुति खम्परिया द्वारा राग देष  में ''सितार वादन'' प्रस्तुत किया। श्री अंषुल आठिया द्वारा ''जहॉं डाल डाल पर सोने की चिडियां करती है बसेरा'' देष भक्ती गीत प्रस्तुत किया गया। कौषल मैहरा एवं आषीश मैहरा द्वारा ''सजदा करें हिन्द का'' देषभक्ति गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद दो समूह गीतों की प्रस्तुत हुई ''ऐ वतन आबाद रहे'' और '' देष की स्वाधीनता पर ऑच तुम आने न देना''। कार्यक्रम में तबले पर संगत श्री षैलेन्द्र सिंह राजपूत (तबला संगतकार), श्री आषुतोश श्रीवास्तव ने की, हारमोनियम पर श्री अतुल पथरोल, ढोलक पर श्री संजय कोरी ओैर हेंडसोनिक पर श्री तेजस पटेल ने संगत की।
विभाग के इन्ही छात्रों द्वारा गाया गया ''राश्ट्रगान'' वीडियो रूप में भी विष्वविद्यालय द्वारा आधिकारिक राश्ट्रगान के रूप में प्रकाषित एवं प्रचारित किया गया है।  इन सभी कार्यक्रमों का संयोजन डॉ. अवधेष प्रताप सिंह तोमर एवं डॉ. राहुल स्वर्णकार ने किया। आयोजन समिति में अतिथि व्याख्याता डॉ. स्मृति त्रिपाठी एवं षैलेन्द्र सिंह राजपूत थे। मात्र तीन दिन में संपूर्ण कार्यक्रम तैयार होने पर माननीय कुलपति महोदया प्रो. जनक दुलारी आही एवं मान. कुलसचिव संतोश सहगोरा ने सभी प्रतिभागी छात्र -छात्राओं एवं उनके षिक्षकों को बधाई दी। विष्वविद्यालय की ओर से उन्हें इस राश्ट्रीय आयोजन में सहभागिता हेतु प्रमाण पत्र दिये जाने की घोशणा की गई है। अंत में विभागाध्यक्ष एवं अधिश्ठाता डॉ. ललित मोहन ने इस आयोजन को विभाग के इतिहास के सफलतम आयोजन में से  एक मानते हुए सभी का आभार माना। डॉ. ललित मोहन ने सभी प्रषासनिक अधिकारी एवं इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग का आभार माना। विभागीय सहयोग श्री अरूण  कुमार रैकवार, श्री सुरेन्द्र गर्ग एवं श्री कमलेष प्रजापति का रहा। 

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विचार समिति ने स्वतंत्रता दिवस पर 1133 जगह झंडावंदन कराया

विचार समिति ने स्वतंत्रता दिवस पर 1133 जगह झंडावंदन कराया

सागर। विचार समिति ने स्वतंत्रता दिवस पर सागर में 1133 जगह झंडावंदन का आयोजन किया। झंडा वंदन कार्यक्रम कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए किया गया। कार्यक्रम को सुसज्जित सुव्यवस्थित एवं रचनात्मक तरीके से सम्पन्न हुआ। बच्चे, बुजुर्गों, महिलाओं व युवाओं ने बताया कि उन्हें झंडावंदन करने मौका पहली बार मिला जिससे वे बहुत उत्साहित हैं। विचार समिति के संस्थापक अध्यक्ष कपिल मलैया ने सभी झंडावंदन करने वालों का आभार व्यक्त किया। 

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सागर शहर में कैसी परिवहन सुविधाएं चाहते हैं बताये , ट्रांसपोर्ट 4 ऑल के लिए हो रहे ऑनलाइन सर्वे में

सागर शहर में कैसी परिवहन सुविधाएं चाहते हैं बताये , ट्रांसपोर्ट 4 ऑल के लिए हो रहे ऑनलाइन सर्वे में 

सागर।  हमारे सागर  शहर में कैसी सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं होना चाहिए? इस परिवहन को सुरक्षित, आरामदायक, सस्ता और विश्वसनीय कैसे बनाया जा सकता है? अभी आपको परिवहन के दौरान किन समस्याओं का सामना करना पड़ता  है? किस तरह की परिवहन सुविधा की शहर में जरूरत है? इन सब सवालों के जवाब आप दीजिए। आपके सुझावों के आधार पर ही इस व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए आपको ट्रांसपोर्ट 4 ऑल चैलेंज के तहत हो रहे सर्वे में शामिल होकर सिर्फ ऑनलाइन फाॅर्म भरना है। शहर के जितने ज्यादा नागरिक इसमें शामिल होंगे, उतने ज्यादा सुझावों के आधार पर बेहतर व्यवस्थाएं हो सकेंगी। 
भारत सरकार के आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने ट्रांसपोर्ट 4 ऑल चैलेंज लॉन्च किया है। सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत ने ट्रांसपोर्ट 4 ऑल चैलेंज में शामिल होने की अपील सभी नागरिकों से की है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को विकसित करने में परिवहन विभाग, यातायात पुलिस विभाग, शैक्षणिक संस्थान, ऑटो यूनियन, टैक्सी यूनियन, सिटी बस सर्विस अथॉरिटी, गैर सरकारी संगठन सहित सागर के लोगों की सहायता उनके बहुमूल्य सुझाव के रूप में मिलेगी। इससे सागर में बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को विकसित किया जा सकेगा और सागर की सड़कों पर बढ़ते यातायात दबाव को कम करते हुए यातायात को व्यवस्थित किया जा सकेगा। 

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उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने परिवहन और विकास नीति संस्थान के सहयोग से ट्रांसपोर्ट 4 ऑल चैलेंज लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, आरामदायक, सस्ता और विश्वसनीय बनाने के लिए शहरों, स्टार्टअप्स और नागरिक समूहों को एक साथ लाना है, जो सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। सुरक्षित और किफायती परिवहन को बढ़ावा देने के प्रयास में यह पहल है। यह चैलेंज सभी स्मार्ट शहरों, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के राजधानी शहरों और पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए है। चुनौती के पहले चरण के अंत में 11 शहरों को चुना जाएगा।

आप कैसे शामिल हो सकते हैं
सागर के नागरिक सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बनाई गई ऑनलाइन लिंक


या क्यूआर कोड स्कैन करें। इससे ऑनलाइन सर्वे फॉर्म खुलेगा, जिसमें अपने सुझाव देना है।


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नर्मदा जल से तुलसी फाउंडेशन ने किया शिव अभिषेक


नर्मदा जल से तुलसी फाउंडेशन ने किया शिव अभिषेक


सागर। श्रवण मास में तुलसी फाउंडेशन सागर के तत्वाधान में सागर में निकाली जाने वाली विशाल कावड़ यात्रा कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते निरस्त कर शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए तुलसी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने मोटरसाइकिलो से बरमान पहुंचकर नर्मदा जी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर वहां से नर्मदा जी का जल सागर लाकर सागर में रामबाग मंदिर में नर्मदा जल से शिवजी का अभिषेक किया गया l इस संबंध में तुलसी फाउंडेशन कावड़ यात्रा सागर के अध्यक्ष प्रदीप राजोरिया ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए कावड़ यात्रा ना निकालकर शासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए तुलसी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने मोटरसाइकिल से बरमान पहुंचकर मां नर्मदा जी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर वहां से नर्मदा जी का जल लाकर सागर में रामबाग मंदिर में पंडित मनोज व्यास द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ विधि विधान से शिव जी का अभिषेक कराया गया l इस अवसर पर श्री हरिराम सिंह ठाकुर, तुलसी फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप राजोरिया, अमित रामजी दुबे, पुरुषोत्तम उपाध्याय, ब्रज मोहन पाठक, जुगल किशोर पचौरी, सिंटू कटारे, प्रहलाद प्यासी, बंटू महेश्वरी, सुरेंद्र रिछारिया, रोहित ठाकुर, विकास ठाकुर, रोहित तिवारी, सचिन साहू, दीपू तिवारी, सुनील विश्वकर्मा, अजय सोनी, कमलेश प्रजापति, राजू पांडे, गोलू अग्रवाल आदि ने रामबाग मंदिर में शिव जी का नर्मदा जल से अभिषेक किया l
 
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स्वतंत्रता दिवस : निगमायुक्त ने नगर निगम परिसर में ध्वजारोहण किया

स्वतंत्रता दिवस :  निगमायुक्त ने नगर निगम परिसर में ध्वजारोहण किया
सागर।  स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर निगम परिसरमें निगमायुक्त श्री आर.पी.अहिरवार ने ध्वजारोहण तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के चित्र पर माल्र्यापण किया और समस्त उपस्थित निगम अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि आजादी की यह 75 वीं वर्षगांठ हम सब देशवासी आजादी का अमृत महोत्वस के रूप में मना रहे है जिनमें नगर निगम और स्मार्टसिटी जिनका उद्देश्य जनता को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराना है इसलिये हम संकल्प लें कि टीम वर्क से काम करते हुये जनता को बेहतर से बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराये और शहर की वायु गुणवत्ता में भी सुधार लाने के प्रयास करें। इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले निगम अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्माानित किया। कार्य्रम का संचालन का श्री शैलेन्द्र जड़िया ने किया।
इस अवसर पर स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ.श्री राहुलसिंह, उपायुक्त डाॅ.प्रणय कमल खरे, श्री के.पी.श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त श्रीमति साजिदा कुरैशी, कार्यपालन यंत्री श्री विजय दुबे, श्री लखनलाल साहू, श्री पूरनलाल अहिरवार,  श्री रमेश चैधरी, सहायक यंत्री श्री सुधीर मिश्रा, श्री संजय तिवारी, उपंयत्री दिनकर शर्मा, श्रीमति आयुशी श्रीवास्तव, राजकुमार साहू, दीपक श्रीवास्तव, संयम चतुर्वेदी, श्री कृष्णकुमार चैरसिया, सिटी मैनेजर श्री सचिन मसीह, फायर अधिकारी श्री सईद उद्दीन कुरैशी, कार्यालय अधीक्षक श्री आर.बी.जोशी,  निगम सचिव मुन्नालाल रैकवार, लेखापाल श्री शरद बरसैंया, राजस्व अधिकारी बृजेश तिवारी, श्री महादेव सोनी, श्री मनोज चैबेश्रीमति जया श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव, प्रहलाद रैकवार, अशोक संगतानी, राजेन्द्र सेन, किशोरीलाल सेन, नंदलाल अहिरवार, सुरेश विश्वकर्मा, अरविंद सोनी, संजय सोनी, राजकुमार गुप्ता, कुलदीप बाल्मीकि, राजेन्द्र सनकत, बाबू मंछदर, सविता दुबे, नीता वर्मा, राजेश नापित सहित अन्य अधिकारी कर्मचाररीगण उपस्थित थे।



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जिला आपूर्ति नियंत्रक सागर राजेन्द्र वायकर निलंबित

 
जिला आपूर्ति नियंत्रक सागर राजेन्द्र वायकर निलंबित


सागर । कमिश्नर  मुकेश कुमार शुक्ला ने सागर के जिला आपूर्ति नियंत्रक  राजेन्द्र वायकर को पदीय कर्तव्यों के प्रति स्वेच्छाचारिता, लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं कर्तव्यविमुखता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कमिश्नर श्री शुक्ला ने उक्त कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के तहत की है।
निलंबन अवधि में श्री वायकर का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय जिला, पन्ना नियत किया गया है। श्री वायकर को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। सागर कलेक्टर द्वारा इस संबंध में कमिष्नर को प्रस्ताव भेजा गया था।
उल्लेखनीय है कि सीएम हेल्पलाईन के अंतर्गत जिले के सभी विभागों में सर्वाधिक लंबित षिकायतें खाद्य विभाग की है। जिला आपूर्ति नियंत्रक श्री वायकर द्वारा इनके निराकरण में कोई रूचि नहीं ली गई। 
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अंबेडकर विश्वविद्यालय में मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्ववाद शोध पीठ की स्थापना ,मानद आचार्य सुनीता पाठक नियुक्त

अंबेडकर विश्वविद्यालय में मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्ववाद शोध पीठ की स्थापना ,मानद आचार्य सुनीता पाठक नियुक्त 

महू। डॉ बी आर अंबे डकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू ने मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद पर शोध पीठ की स्थापना की है। इस शोध पीठ पर मानद आचार्य के रूप में श्रीमती सुनीता पाठक को नियुक्त किया गया है। सुनीता पाठक मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्ववाद की विगत 23 वर्षों से अध्येता हैं। वे सोमैया विद्या बिहार मुंबई में जीवन विद्या अध्ययन केंद्र में शोध अधिकारी और गांधी विद्या मंदिर में मूल्य शिक्षा प्रकोष्ठ की ओएसडी थीं और आई ए एस ई मान्य विश्वविद्यालय सरदारशहर में चेतना विकास मूल्य शिक्षा विभाग में मूल्य शिक्षा अध्यापन कार्य करती रही है। इससे पूर्व बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल में महिला अध्ययन केंद्र में शोध सहायक के रूप में 'स्त्री एक मानव' शोध परियोजना में कार्यरत रही है। उन्होंने देशभर में अनेक राज्यों में जीवन विद्या शिविरों का प्रबोधन किया है।

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मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद की उद्गम स्थली मध्य प्रदेश नर्मदा नदी के उद्गम अमरकंटक है। श्रद्धेय श्री ए नागराज जी ने 1950 से 2016 तक अस्तित्व मूलक मानव केंद्रित चिंतन के रूप में मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्व वाद का प्रतिपादन किया और गहन साधना के द्वारा विभिन्न वांग्मयों की रचना की। 
मध्यस्थ दर्शन  सह अस्तित्ववाद के प्रणेता श्रद्धेय ए. नागराज जी हैं  जिन्होंने आदर्शवाद और भौतिकवाद के विकल्प में अस्तित्व मूलक मानव केंद्रित चिंतन मध्यस्थ दर्शन  सह अस्तित्ववाद का प्रतिपादन किया।

उन्होंने द्वंदात्मक भौतिकवाद के विकल्प में समाधानात्मक भौतिकवाद, संघर्षात्मक जनवाद के विकल्प के रूप में "व्यवहारात्मक जनवाद" और रहस्यात्मक अध्यात्मवाद के विकल्प के रूप में "अनुभवात्मक अध्यात्मवाद" का प्रतिपादन किया। 
इसी प्रकार भोगोन्मादी समाजशास्त्र के विकल्प के रूप में "व्यवहारवादी समाजशास्त्र", कामोन्मादी मनोविज्ञान के विकल्प के रूप में "मानव संचेतनावादी मनोविज्ञान" और लाभोन्मादी अर्थशास्त्र के विकल्प में "आवर्तनशील अर्थशास्त्र" वांग्मय मानव जाति को लोग अर्पित किए।
श्रद्धेय श्री ए  नागराज जी ने मानव अनुभव दर्शन, मानव व्यवहार दर्शन, मानव अभ्यास दर्शन, मानव कर्म दर्शन भी अमूल्य निधि के रूप में मानव जाति को अर्पित किए। उन्होंने परंपरागत आचार संहिता के विकल्प के रूप में मानवीय आचार संहिता रूपी मानवीय संविधान मानव जाति को लोकार्पण किया। 
उपरोक्त सभी दर्शन, वाद, और शास्त्र के आधार पर परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था की अवधारणा को व्यवस्था के विकल्प के रूप में प्रस्तुत  है जिसमें वर्तमान सभी तंत्रों की समस्याओं का समाधान दिखता है। 
मध्यस्थ दर्शन से अस्तित्ववाद के आधार पर शिक्षा के मानवीकरण के प्रयोग देश में अनेक शैक्षणिक संस्थाओं में किए जा रहे हैं यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू के रूप में एआईसीटीई ने स्टूडेंट इंडक्शन प्रोगाम और अनेक तकनीकी विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज में एक क्रेडिट कोर्स के रूप में पढ़ाया जा रहा है छत्तीसगढ़ सरकार और दिल्ली सरकार ने व्यापक रूप में जीवन विद्या मध्यस्थ दर्शन के आधार पर शिक्षकों को  मूल्य शिक्षा प्रशिक्षण का कार्य किया है।
यह शोध पीठ नागराज जी के अनुसंधान के निष्कर्षों को शिक्षा वस्तु, पाठ्यक्रम निर्माण और अन्य अकादमिक गतिविधियों से जोड़ने का कार्य करेगा।
उनकी नियुक्ति श्री ए नागराज की पुत्री डॉक्टर शारदा शर्मा की अनुशंसा और विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के अनुमोदन से की गई है।


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