भ्रष्टाचार के दो मामलों में पटवारी और सहायक समिति प्रबंधक को सजा : लोकायुक्त सागर ने की थी कार्रवाई
▪️सहायक समिति प्रबंधक को सजा 05 साल की सजा व 40 लाख का अर्थदंड
तीनबत्ती न्यूज: 16 दिसंबर ,2025
सागर: भ्रष्टाचार के दो अलग अलग मामलों में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत टीकमगढ़ और सागर की अदालत ने पटवारी और सहायक समिति प्रबंधक को सजा और अर्थदंड से दंडित किया है। लोकायुक्त पुलिस सागर में मामले दर्ज हुए थे।
पटवारी को सजा
न्यायालय- विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, श्री राजकुमार गुप्ता जिला टीकमगढ़ ने रिश्वत के प्रकरण में आरोपी भरत सिंह दांगी तत्कालीन पटवारी, छिपरी तहसील लिधौरा जिला टीकमगढ़ को 03 साल की सजा और 10 हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
घटना का विवरण
आवेदक रतिराम लोधी द्वारा लोकायुक्त कार्यालय सागर में शिकायत की गई थी कि इसके द्वारा डेढ़ एकड़ कृषि भूमि खरीदी गई थी जिसके नामांतरण के एवज में पटवारी भरत सिंह दांगी द्वारा 4000 रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत के सत्यापन उपरांत ट्रैप दिनांक 14.02.2019 को आरोपी भरत सिंह दांगी को 2000रूपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था | समस्त कार्यवाही एवम विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम टीकमगढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत दिनांक 13.12.2025 को पारित निर्णय में आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 7 पीसी एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 10000 के अर्थदंड से दंडित किया गया।
सहायक समिति प्रबंधक को सजा 05 साल की सजा 40 लाख का अर्थदंड
न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, श्री शहाबुद्दीन हाशमीं जिला सागर ने आय से अधिक संपति के मामले में आरोपी चंद्रशेखर ढ़िमोले सहायक समिति प्रबंधक, प्राथमिक आदिम जाति समिति रसेना तहसील देवरी जिला सागर को सहायक समिति प्रबंधक को सजा 05 साल की सजा 40 लाख का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
घटना का विवरण
आरोपी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत के गोपनीय सत्यापन पर आरोपी द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करना पाए जाने पर अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया । प्रकरण में माननीय न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किए जाकर आरोपी के तिलक वार्ड देवरी स्थित मकान की तलाशी ली जाकर इन्वेंट्री तैयार की गई।
विवेचना दौरान संकलित साक्ष्य व दस्तावेज से आरोपी द्वारा चैक पीरियड में कुल 68,64,066 रुपए की आय अर्जित करना एवं उक्त अवधि में कुल 1,27,18,195 रुपए व्यय किया जाना प्रमाणित पाया गया। आरोपी के पास 58,54,129 रुपए की अनुपातहीन संपत्ति होना पाए जाने से समस्त कार्यवाही एवम विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत 15 दिसंबर को पारित निर्णय में आरोपी चंद्रशेखर ढ़िमोले को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 13(1) बी, 13(2) पीसी एक्ट में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 40 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
______________









0 comments:
एक टिप्पणी भेजें