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म.प्र.अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर 07 फरवरी को जिला मुख्यालय पर होगा धरना : मांगो को लेकर सरकार का रवैया उदासीन

म.प्र.अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर 07 फरवरी को जिला मुख्यालय पर होगा धरना : मांगो को लेकर सरकार का रवैया उदासीन


तीनबत्ती न्यूज : 02 फरवरी ,2025

सागर : मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में किये जा रहे प्रयास एवं उस पर शासन के रवैया को स्पष्ट करने और इस संबंध में कर्मचारी वर्ग में जागरूकता लाने के संबंध में एक बेहद महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक सागर में आयोजित की गई। इस मोजे पर  भोपाल से पधारे  सुरेन्द्र निगम प्रांताध्यक्ष एवं अन्य उच्च पदाधिकारियों ने कर्मचारी संवर्ग के हित में 51 सूत्रीय मांगों पर चर्चा की।

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चार चरणों में जारी विरोध प्रदर्शन

उन्होंने बताया कि  कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर म.प्र. शासन का ध्यान आकर्षण करवाने के साथ साथ मांगों के निराकरण करने हेतु चार चरणों में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। जिसके प्रथम चरण में मुख्य मंत्री एवं  मुख्य सचिव के नाम से 16 जनवरी को कलेक्टर के माध्यम से तथा द्वितीय चरण के आंदोलन में  24 जनवरी को जन प्रतिनिधियों के नाम से 51 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा गया। शासन द्वारा मांगों के निराकरण के संबंध में मोर्चे के प्रतिनिधियों से ना ही चर्चा के लिये बुलाया गया है और ना ही चर्चा के माध्यम से मांगों का निराकरण करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार दिनॉक 7 फरवरी 2025 को जिला मुख्यालयों के समक्ष धरना एवं दिनॉक 16 फरवरी 2025 को भोपाल के अंबेडकर जयंती पार्क में प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया जाना निश्चित है।

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सरकार का रवैया निराशाजनक

बैठक के बारे मे मोर्चा जिलाअध्यक्ष चूरामन रैकवार एवं जिला संयोजक आलोक गुप्ता ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र लागू किया जाना,पुरानी पेंशन योजना को पुनः बहाल किया जाना,लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान ग्रेड पे दिया जाना,और उनके वेतनमान में सुधार किया जाना, शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान की जाना,समस्त संवर्गीय कर्मचारियों के वेतनमान में सुधार किया जाना,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नाम और वेतनमान में सुधार किया जाना,कोटवार, अंशकालीन कर्मचारी, अस्थाई कर्मचारी, हैंडपंप टेक्नीशियन, संविदा कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी और वन विभाग के कर्मचारियों की मांगों को प्राथमिकता से पूरा किया जाना,शासन द्वारा लंबित महंगाई भत्ते का शीघ्र भुगतान किया जाना,मकान भाड़ा समेत अन्य सुविधाओं को लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाना शामिल है। हमारी मांगों को लेकर शासन द्वारा किसी भी स्तर पर सहयोगात्मक रवैया प्रस्तुत नहीं किया गया है इसलिए हम अपने पूर्व निर्धारित चार चरणों  के कार्यक्रम के अंतर्गत द्वितीय चरण में  दिनांक 7 फरवरी को जिला मुख्यालय पर एवं तृतीय चरण में आगामी 16 फरवरी को प्रदेश प्रदेश स्तर पर अपनी धरना कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे और शासन पर अपनी मांगे पूरी करने के लिए दबाव बनाएंगे। 

बैठक में प्रांतीय पदाधिकारियों का स्वागत हुआ

ये रहे मोजूद

बैठक में मुख्य रूप से संरक्षक माधव कटारे तृतीय बार कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष गांधाली कर्दम , शासकीय शिक्षक संगठन जिला अध्यक्षआलोक गुप्ता ,लिपिक संवर्ग से जिला अध्यक्ष नरेंद्र रैकवार, मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस जिला अध्यक्ष दीपक ज्योतिषी तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से बेनी प्रसाद प्रजापति लघु वेतन कर्मचारी संघ से थान सिंह मंडल पेंशनर्स संघ से यू  एस रावत अध्यापक संघ अध्यक्ष प्रमोद चौबे देवरी स्वास्थ्य विभाग संघ जिला अध्यक्ष रामकुमार तिवारी मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस जिला अध्यक्ष संजय बिल्थरे इंजीनियरिंग कॉलेज संघ से राजेश धागे नरेश बनोते अजाक्स संघ से गजेंद्र बोहत पुरानी पेंशन संघ से राघवेंद्र सिंह ठाकुर प्रतीक राजपूत वाहन चालक संघ से बसीर खान राकेश द्विवेदी आदि सभी विभागों के समस्त पदाधिकारी शामिल थे।

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 ये रहा 51 सूत्रीय मांग पत्र

1 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वर्ष 2016 से बंद पदोन्नति को प्रारंभ किया जाकर पात्रता दिनॉक से पदोन्नति प्रदान की जावे।

2 विभागाध्यक्ष एवं उसके अधीनस्थ कार्यरत् लिपिकों को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान का लाभ मंत्रालय को दिये गये दिनॉक-1.4.2006 से दिया जावे।

3 गृह भाड़ा भत्ता, वाहन भत्ता एवं अन्य भत्तो का पुनरीक्षण सातवें वेतनमान में किया जावे।

4 अनुकम्पा नियुक्ति सहायक ग्रेड-3, को निर्धारित समयावधि में सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाने के कारण किसी भी कर्मचारी की सेवा समाप्त नहीं की जावे तथा जिन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, उन्हें पुनः सेवा में लिया जावे, इसके साथ ही अपात्रता की शर्त को विलोपित करते हुये सी.पी.सी.टी की शर्त को विलोपित / सरलीकरण किया जावे।

5 दिनाँक 1.1.2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस.) को बंद किया जाकर पुरानी पेंशन प्रणाली (ओ.पी.एस.) बहाल की जावे। वर्ष 2005 के पूर्व नियुक्त जिन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई है उसे बहाल करते हुये एन.पी.एस. के मृतक शासकीय सेवक के आश्रित परिवार को परिवार पेंशन प्रदान की जावे

6 सहायक ग्रेड-3 का ग्रेड-पे 1900 संशोधित करते हुये कम्प्यूटर आपरेटर के समान, समान योग्यता समान कार्य को ध्यान रखते हुये ग्रेड-पे 2400 किया जावे।

7 जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता घोषित किया जाकर मंहगाई भत्ते के एरियर्स की राशि देय तिथि से दिया जावे। (पार्टी घोषणा पत्र अनुरूप)

8 सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति आयु में एक रूपता लाई जावे। (पार्टी घोषणा पत्र अनुरूप)

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9 प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम मण्डलों इत्यादि में कार्यरत् अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्रि परिषद् के आदेश दिनॉक-4 अप्रैल 2020 के संदर्भ में किया जावे, अथवा सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना की परिधि में लाया जावे।

10 भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जावे, एवं उनका ग्रेड पे 1300 के स्थान पर 1800 किया जावे।

11 टैक्सी प्रथा बंद की जावे तथा विभागों में रिक्त वाहन चालक के पदों पर भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जावे एवं पूर्व में समर्पित किये गये पदों को पुर्नजीवित किया जावे।

12 मंत्रालय के तकनीकी कर्मचारियों/ स्टेनो टायपिस्ट को तीसरे समयमान वेतनमान का लाभ दिया जावे।

13 समस्त निगम मण्डल/बोर्ड/परिषद्/प्राधिकरण में नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं (स्वतः) लागू की जावे।

14 प्रदेश के पेंशनरों को राज्य के नियमित कर्मचारियों के समान देय तिथि जनवरी 2024 से मंहगाई राहत प्रदान करते हुये मंहगाई राहत के एरियर की राशि का भुगतान देय तिथि से किया जावे।

15. पंशनरों के लिये राज्य पुर्नगठन की धारा 49 (6) का बधन समाप्त करते हुये प्रदेश के पेशनरों को भी देय तिथि से पेंशन / मंहगाई भत्ता प्रदान किया जावे। इसके अतिरिक्त छठवें वेतनमान के 32 माह के एरियर एवं सातवें वेतनमान के 27 माह के एरियर का भुगतान किया जावे। केन्द्र के समान पेंशन नियम 1976 में संशोधन कर अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यागता पुत्री को आजीवन परिवार पेंशन आदेश जारी किया जावे।

16 सहायक शिक्षक / शिक्षकों/ प्रधानाध्यापकों को 35 वर्ष की सेवा उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदाय किया जावे। नवीन शिक्षक संवर्ग/अध्यापक संवर्ग को प्रथम नियुक्ति दिनॉक से वरिष्ठता प्रदान की जावे साथ ही नवीन संवर्ग का राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति शब्द विलोपित कर संविलियन शब्द जोड़ा जावे।

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17 गुरूजी संवर्ग से नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की सेवा की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक वर्ष 97-98 से की जाकर कमोन्नति, पदोन्नति तथा वेतन का लाभ दिया जाये।

18 गुरूजी पद पर कार्यरत् ऐसे शिक्षकों को जो 26-27 वर्षों से प्राथमिक शिक्षक पद की योग्यता रखते हैं, को सेवा में निरंतर वृद्धि के प्रावधानों के तहत् प्राथमिक शिक्षक बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाये।

19 सीधी भर्ती के रिक्त पदों को समयवद्ध तरीके से तत्काल भरा जावे एवं रिक्त पदों पर की गई नई नियुक्तियों में दिये जा रहे स्टायपेंड 70, 80 एवं 90 प्रतिशत के स्थान पर नियुक्ति दिनॉक से ही संबंधित पदों का वेतनमान एवं अन्य लाभ प्रदान किया जावे।

20 वाहन चालक का पदनाम परिवर्तित कर पायलेट / व्हीकल आपरेटर किया जावे।

21 म.प्र. के समस्त विभागों में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं, निगम मण्डल, स्वशासी समितियों, उपक्रमों, विश्वविद्यालयों, सहकारी बैंकों में संविदा पर कार्यरत् अधिकारियों कर्मचारियों को विभागों में रिक्त पदों पर सीधे संविलियन किया जाये अथवा संविदा कर्मचारी जहाँ कार्यरत है वहीं नियमित पदों का निमार्ण कर नियमित वेतनमान एवं अन्य भत्ते दिये जायें।

22 शेट्टी वेतन आयोग से विभिन्न संवर्ग के वेतनमानों में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जावे। आयोग की अनुशंसा अनुसार सभी कर्मचारियों को एक हायर पे स्केल का लाभ प्रदान किया जावे।

23 अधीनस्थ जिला न्यायालय के कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु देय अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाय। साथ ही न्यायिक अधिकारियों की भांति लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को भी निजी चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधा प्रदान की जावे।

24 न्यायालय के चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को वर्दी भत्ते का नगद भुगतान किया जावे, साथ ही आदेशिका वाहक को 25 लीटर पेट्रोल भत्ता दिया जावे।

25 अर्हतादायी पेंशन की पात्रता 33 वर्ष के स्थान पर केन्द्र एवं अन्य राज्यों के समान 25 वर्ष की जावे। साथ ही ग्रेज्युटी का भुगतान केन्द्र के समान किया जावे।

26 स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाये, साथ ही दैनिक वेतन भोगी, आऊट शोर्ष, को नियमित किया जाकर अंशकालीन कर्मचारी, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, उषा कार्यकर्ता, उषा सहयोगी, कोटवार कर्मचारियों को नियमित किया जावे। ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव के पद पर जिला संवर्ग घोषित करते हुये नियमितीकरण किया जावे।

27 .कार्यभारित कर्मचारियों के संवा निवृत्त होने के उपरात नियमित कर्मचारिया के समान 300 दिवस के अवकाश नगदीकरण का लाभ दिया जावे। (पार्टी घोषणा पत्र अनुरूप)

28 भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की भांति 1 जनवरी से 30 जून के मध्य सेवा निवृत्त होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ दिया जावे। इसके साथ ही वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र कमांक एफ-8-1/2024 नियम/चार, दिनाँक 15.03.2024 में संशोधन करते हुये प्रशासकीय स्वीकृति के स्थान पर विभागाध्यक्ष /सक्षम अधिकारी स्थापित किया जाये।

29. 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कई विभागों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हें भी दिया जावे तथा निर्माण विभागों में समयमान वेतनमान प्राप्त करने के लिये विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता समाप्त कर अन्य विभागों की भांति समयमान वेतनमान दिया जावे।

30 प्रदेश के सभी विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाय एवं नियमों का सरलीकरण करते हुये शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु डी. एड. पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त की जावे।

31 उपयंत्री संवर्ग का ग्रेड पे 3600 में लोक सेवा आयोग की शर्त को विलोपित किया जाये।

32 पंचायत सचिवों को दिये गये पांचवे एवं छठवें वेतनमान में सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनाँक से करते हुये पंचायत विभाग में संविलियन किया जावे।

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33 वन विभाग, राजस्व विभाग अथवा अन्य किसी विभाग के शासकीय सेवकों की बिना जाँच हुये आपराधिक प्रकरणों के तहत् गिरिप्तारी नहीं की जावे।

34 आरक्षक (पुलिस) का ग्रेड पे 1900 को संशोधित किया जाकर 1900 के स्थान पर 2400 किया जावे। साथ ही पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ज्वलंत मांगों का शीघ्र निराकरण किया जावे। इसके साथ ही खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों का ग्रड पे 2800 के स्थान पर 3600 एवं सहायक आपूर्ति अधिकारी का ग्रेड पे 3600 के स्थान पर 4200 किया जावे।

35 तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के समान 6 वर्ष की सेवा उपरांत उच्चतर समयमान वेतनमान दिया जावे। 10 वर्ष की सेवा उपरांत अखिल भारतीय सेवा (चयन से भर्ती) नियम 1951 के तहत आई.ए.एस. अवार्ड हेतु डी. पी.सी. में शामिल किया जावे।

36 नायब तहसीलदारों को 5 वर्ष के उपरांत विभागीय परीक्षा के माध्यम से राज्य प्रशासनिक सेवा के पद पर पदोन्नति के अवसर प्रदान किये जावें।

37 राजस्व विभाग में तहसीलदारों का ग्रेड पे 5400, नायब तहसीलदारों का ग्रेड पे 4800, राजस्व निरीक्षकों का ग्रेड पे 3600 तथा पटवारियों का ग्रेड पे 2800 किया जावे।

38 अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों को नियमित किया जावे एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करते हुये आउटसोस प्रथा को समाप्त किया जावे।

39 उपयंत्री संवर्ग को 28 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कार्यपालन यंत्री के पद का वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं उन्हें सहायक यंत्री का पदनाम दिया जावे, तथा 35 वर्ष की सेवा उपरांत उपयंत्री संवर्ग को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु डिग्री की अनिवार्यता को समाप्त किया जावे।

40 शीघ्रलेखकों का वेतनमान दिनाँक 1.1.1996 से 5500-9000 अथवा उसका तत्स्थानी वेतनमान रू. 9300-34800 ग्रेड पे 3600 संशोधित किया जाकर निज सहायक के पद का वेतनमान रू. 5500-9000 अथवा उसका तत्स्थानी वेतनमान रू. 9300-34800 ग्रेड पे 3600 के स्थान पर ग्रेड पे 4200 संशोधित / उन्नत किया जावे।

41 विभिन्न संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों यथा कार्यपालिक एवं तकनीकी, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, कृषि विस्तार अधिकारी, कलाकार, महिला बाल विकास सुपरवाईजर, पोलिटेक्निक एवं उच्च शिक्षा के प्रयोगशाला तकनीशियन, वन रक्षक-वन पाल संवर्ग सहित अन्य विभागों के संवर्गों में व्याप्त वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जावे।

42 वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-8-1/2023/ नियम / चार, दिनाँक 14.08.2023 में चतुर्थ समयमान वेतनमान की कंडिका-3, को विलोपित किया जाकर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समान रूप से चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाये।

43 हैण्डपंप तकनीशियन की वेतन विसंगति दूर कर पांचवें वेतनमान अनुसार 4000-6000 किया जाए नियुक्ति दिनांक से प्रभावशील वेतनमान 1150-1800 मान्य किया जाकर पुर्ननियमन की कार्यवाही को समाप्त किया जाए तथा अवकाश नगदीकरण की सुविधा प्रदान की जाए। इसके साथ ही कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित सेवा घोषित किया जावे।

44 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आउट शोर्ष से की जा रही भर्ती पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जावे तथा विभिन्न विभागों में कार्यरत् स्थाई कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान वर्ष 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा दिया

45 पुलिस विभाग के समान राजस्व विभाग एवं जेल कर्मचारियों को भी 13 माह का वेतन, पौष्टिक आहार भत्ता, गणवेश भत्ता, नवीनीकरण भत्ता दिया जावे। साथ ही जेल विभाग के लिपिक कर्मियों को भी उच्च पद का प्रभार सौंपा जावे।

46 वर्ष 2016 से पदोन्नतियां नहीं की जा रही है, पदोन्नति प्रारंभ होने तक सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा जाय।

47 वित्त विभाग, कोषालय के अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के सदस्यों को राजपत्रित त्रिस्तरीय वेतनमान, चयन के माध्यम से कमोन्नति, वेतन विसंगति का निराकरण किया जावे।

48 प्रशिक्षित जन आरोग्य मित्रों को प्रत्येक जिले में पंजीकृत कर, खोले गये आरोग्य केन्द्रों में सेवाएं ली जाए एवं सरकार द्वारा बनाये जाने वाली डिजास्टर मैनेजमेंट टीम मे सम्मिलित कर पूर्ण सहयोग लिया जाये जिसका पूरा लाभ ग्राम वासियों को प्राप्त होगा।

49 आठवें वेतन आयोग का गठन किया तत्काल किया जावे।

50 म.प्र. अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चे को पत्राचार की मान्यता प्रदान की जावे। कार्यालय हेतु राजधानी भोपाल में एक ई-टाईप शासकीय आवास आवंटित किया जावे, तथा मंत्रालय में एक कक्ष आवंटित किया जावे।

51 बांध निरीक्षक अन्य संवर्गों को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त करने के उपरांत सहायक अनुसंधान अधिकारी पदनाम किया जावे। 

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एडिटर: विनोद आर्य
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