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श्रीमद्भागवत कथा का पांचवा दिवस : विवेक और सहजता से ही जीवन में आती है भक्ति : श्री इंद्रेश उपाध्याय जी ▪️सीएम डॉ. मोहन यादव वर्चुअली जुड़े बोले: श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना एक अद्भुत क्षण

श्रीमद्भागवत कथा का पांचवा दिवस : विवेक और सहजता से ही जीवन में आती है भक्ति : श्री इंद्रेश उपाध्याय जी 

▪️सीएम डॉ. मोहन यादव वर्चुअली जुड़े बोले: श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना एक अद्भुत क्षण


तीनबत्ती न्यूज: 23 नवंबर, 2025

सागर। श्री सिद्ध क्षेत्र बालाजी मंदिर प्रांगण, धर्म श्री अंबेडकर वार्ड में मुख्य यजमान श्रीमती अनुश्री शैलेन्द्र कुमार जैन एवं विधायक सागर  शैलेन्द्र कुमार जैन द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिवस अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास परम पूज्य पं. श्री इन्द्रेश उपाध्याय जी महाराज ने भक्तिभाव से ओतप्रोत संदेश देते हुए कहा कि यदि मनुष्य के भीतर संग्रह की वृत्ति अधिक है तो समझना चाहिए कि ठाकुर जी उससे दूर हैं, और जब मन में अर्पण, दान एवं सेवा की भावना जागृत होने लगे तो यह संकेत है कि भगवान हमारे समीप आ रहे हैं।

उन्होंने कहा “ज्ञान जब पच जाता है तब व्यक्ति विवेकी और मौन हो जाता है। अधिक बोलना और अधिक खाना — दोनों ही आयु को घटाते हैं, इसलिए जीवन में संयम आवश्यक है।” महाराज श्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि ठाकुर जी जब नन्द बाबा के घर आए तो नन्द बाबा ने सब कुछ लुटा दिया, क्योंकि जब जीवन में भगवान आते हैं तो लोभ, लाभ और मोह अपने आप छूट जाते हैं।उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक मनुष्य रूप और वर्ण नहीं बल्कि विचारों और भावों को महत्व देता है। मनुष्य की वाणी व स्वभाव ही उसकी दिशा और दशा तय करते हैं। व्यक्ति जब कुछ बन जाता है तो सहजता खो देता है और यही पतन की शुरुआत होती है।


वृंदावन की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि उसे न तो ब्रह्मा जी ने बनाया और न ही विश्वकर्मा ने “वृंदावन को स्वयं किशोरी जी ने बनाया है।”गोपाष्टमी और छप्पन भोग के प्रसंग को समझाते हुए उन्होंने कहा कि असली पालनहार इंद्र नहीं बल्कि स्वयं श्रीगोपाल हैं।

श्रीमदभागवत कथा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने  वर्चुअल माध्यम से जुड़कर सम्बोधित किया और सभी के मंगल की कामना की


श्रीमद् भागवत कथा में मुख्यमंत्री श्री डॉ मोहन यादव ने बंडा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर सभी धर्म प्रेमी भक्तों को सम्बोधित किया और सभी की मंगल की कामना कर बधाई दी। उन्होंने कहा की भगवान श्री कृष्ण की जय, मंच पर विराजित कथावाचक भक्तिपथ महाराज श्री इन्द्रेश जी उपाध्याय की जय। उन्होंने कथा के आयोजक विधायक श्री शैलेन्द्र जैन उनकी धर्मपत्नी और टीम को बधाई देते हुए कहा की इन्द्रेश जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना एक अद्भुत क्षण है। भक्तिपथ के मंच से आपके प्रवचन का उदगार सभी को भक्तिमय बना देता हैं इतनी मधुर वाणी है। मेरी इच्छा बहुत थी आपके सम्मुख बैठकर कथा श्रवण करने की परन्तु आ नहीं पाया हूं। आज के युग में संत, महापुरुष कथा शास्त्रों के माध्यम से प्राणिमात्र को सदमार्ग पर ले जाते हुए भक्ति का रसपान कराते हैं। महाराज की वाणी से लगता है जैसे भजन के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण स्वयं उदगार दे रहे हों।  उन्हांेने कहा कि हमारी सरकार ने भगवान कृष्ण की लीला स्थलियों को तीर्थ स्थल बनाने का निर्णय लेकर कार्य प्रारम्भ किया है और मथुरा वृंदावन की तरह ही प्रत्येक छोटे से छोटे स्थल जो कृष्ण जी की लीला से जुड़े है उन्हें चिन्हित कर तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जा रहा हैं। भगवान परशुराम ने जनापाव पहाड़ी से संदीपनी आश्रम आकर श्रीकृष्ण को दिव्य सुदर्शन प्रदान किया वह स्थल, माता रुक्मणि का जन्म स्थल, अमझिरा स्थल आदि प्रत्येक स्थान जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने लीला की उसे एक प्रसिद्ध तीर्थ बनाने का प्रयास कर रहे हैं। 



कथा में ये हुए शामिल

कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र बरुआ, विधायक प्रदीप लारिया, विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, सुनील जी देव, गौरव सिरोठिया, सुधीर यादव, डा. जी.एस. चौबे, कन्नू अजमानी, जवाहरलाल जैन, जगन्नाथ गुरैया एवं पं. अरविंद तिवारी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।


अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास पं. इन्द्रेश उपाध्याय जी एक संक्षिप्त परिचय 

जन्म 7 अगस्त 1996, श्रीधाम वृंदावनपिता पूज्य श्री कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुर जी 

संस्था भक्तिपथ संस्थापक पं. श्री इन्द्रेश उपाध्याय जी देश-विदेश में प्रसिद्ध युवा आध्यात्मिक पुरुष हैं। मात्र 13 वर्ष की आयु में उन्होंने संपूर्ण श्रीमद्भागवत महापुराण का अध्ययन एवं कंठस्थ कर लिया। उनके प्रवचनों में ज्ञान, भक्ति, विनम्रता और दिव्य अनुभूति का अद्भुत संगम होता है। उनकी संस्था भक्तिपथ सनातन धर्म की शिक्षाओं और ऋषियों-संतों के ज्ञान को विशेष रूप से युवाओं तक पहुँचा रही है।

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