जनप्रतिनिधियों के जेल जाने संबंधी संशोधन विधेयक प्रावधान को अलोकतांत्रिक बताया रघु ठाकुर ने
तीनबत्ती न्यूज : 25 अगस्त ,2025
सागर . लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि संसद में 123 वां संशोधन विधेयक पेश होकर संसदीय समिति को भेजा गया है. जिसके प्रावधान अलोकतांत्रिक और देश में एक दलीय सत्ता पक्ष की तानाशाही स्थापित करने वाले हैं.
श्री ठाकुर ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पक्ष और विपक्ष दोनों में अपूर्णत: है. सरकार कह रही है कि शुचिता के लिए विधेयक लाया गया है. परंतु यह शुचिता का फैसला केवल सरकार के हाथ में हो जायेगा. अगर 30 दिन में जमानत नहीं मिलने पर पद से हटाने का प्रावधान करना है तो यह भी संशोधन होना चाहिए कि 29 दिन के भीतर अंतरिम अपील से फैसला सामने आ जाए. उन्होने कहा कि पिछले दिनों में 22 माह जेल में रहे और बाद में जांच एजेंसी ने कहा कि उनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिला है. पद से स्वेच्छिक रुप से हटे यह उसका नैतिक दायित्व है परंतु वैधानिक प्रावधान करके हटाना न न्यायिक और न ही लोकतांत्रिक है. श्री ठाकुर ने कहा कि प्रतिपक्ष की ओर से भी शोर गुल तो किया गया मगर कोई तार्किक बहस नहीं की गई.
लोसपा ने गृहमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि साथ में यह भी प्रावधान जोड़ा जावे कि हर हालात में 29 दिन में फैसला अंतिम अपीली कोर्ट का आ जाए या फिर अंतिम अपीली निर्णय तक पद से हटाया न जाए यह उस व्यक्ति पर छोड़ दिया जाए. इसके साथ ही जो जांच एजेंसी गिरफ्तारी के बाद स्वत: खात्मा लगाती है उन पर भी कार्रवाई की जाए.






%20(1).jpg)
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें