अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई तड़के करीब 3 बजे तक चलती रही. रात करीब 11:30 बजे तक तो अजय पाल के चेंबर में ही यह कार्रवाई चलती रही. इसके बाद अजय की घर की तलाशी ली गई. घर पर यह कार्यवाही रात करीब 2:30 बजे तक चलती रही. घर की तलाशी में एसीबी को अजय पाल के घर से नोटों के कई बंडल मिले हैं. अधिकतर नोट लिफाफों में रखे हुए थे. ऐसे में एसीबी को शक है कि यह राशि भी रिश्वत की हो सकती है. इसके अलावा अजय के घर से सोने-चांदी की ज्वेलरी भी मिली है. कुछ काले बैग में भी सामान मिला है. इसकी जांच की जा रही है
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साप्ताहिक राशिफल : 4 अप्रैल से 10 अप्रैल तक★ पण्डित अनिल पांडेय
भारत भवन में किताबों के साथ के वो तीन दिन… ★ ग्राउंड रिपोर्ट / ब्रजेश राजपूत
वैसे तो हमारे भोपाल की खूबसूरती का कोई जवाब नहीं मगर ये खूबसूरती तब और बढ जाती है जब बडे तालाब के किनारे बसे भारत भवन में कोई शाम रोशनी से सजी होती हो। बाहर तालों में ताल भोपाल ताल की शांत सतह और भारत भवन के अंतरंग सभागार में आज के दौर के चर्चित लेखक विक्रम संपत की मधुर शांत आवाज में अपनी बात कहना कि सावरकर को इतने सालों जो कहा गया वो नहीं बल्कि इतिहास की किताबों से संदर्भों से खोज कर जो मैंने लिखा उसे पढिये और विचार करिये कि वो क्रांतिकारी वीर थे या कुछ और मगर पढिये फिर तय करिये। गाढे लाल रंग के कुर्ते पर क्रीम कलर की बंडी पहन कर आये विक्रम को अंतरंग में बैठे लोग अपने सवालो के साथ सुन रहे थे।
तो दूसरे वागर्थ सभागार में एवरेस्ट फतह करने वाले आईएएस अफसर रवींद्र कुमार से पूछा जा रहा था कि जिंदगी में सब कुछ पद प्रतिष्ठा होने के बाद दो बार एवरेस्ट में जान जोखिम में डालने क्यों गये। इस गूढ सवाल का सरल जवाब रवींद्र कुमार का था जोखिम कहां नहीं है मगर जिंदगी में अपने आपको मुश्किलों से परखते रहना चाहिये। एवरेस्ट पर दो बार चढने के बाद पता चलता है कि इतनी तरक्की के बाद भी हम सब प्रकृति के आगे बौने हैं।
यही बौनेपन का अहसास हमें तब होता है जब किसी लेखक का उसकी किताब पर हम सुनते हैं। सूचना क्रांति के इस दौर में हमें लगता है कि हम बहुत जानते हैं मगर सच ये है कि बहुत कुछ नहीं जानते। भोपाल के भारत भवन में पिछले हफ्ते हुये भोपाल लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल के अधिकतर सत्रों में बैठकर सुनने पर ये अहसास गहराता था। और तब लगता था कि कुछ और किताबें पढनी चाहिये। मोबाइल को परे रखकर किताबों से दोस्ती बढ़ानी चाहिये। खरीद कर सेल्फ में रखी किताबों को फिर निकालना चाहिये। इस फेस्टिवल में तीन दिनों में करीब साठ से ज्यादा लेखकों ने अपनी किताबों पर पाठकों से रूबरू होकर चर्चा की। कुछ विदेशी लेखक जो आ ना सके उन्होंने आनलाइन भी अपने सेशन लिये। इन तीन दिनों में डिफेंस, डिप्लोमेसी, सोशल मीडिया, पर्यावरण, कोविड, लाकडाउन, आध्यात्म, आत्मकथाएं, इतिहास, फिल्म और पत्रकारिता पर लिखी गयी किताबों के लेखकों से भोपाल के लोग रूबरू हुये। उनको सुना और सवाल किये।
कुछ लेखक तो कभी भुलाये ना जा सकेंगे जब ब्रुसेल्स एयरपोर्ट में 2016 को हुये आतंकवादी हमले में घायल हुयी जेट एयरवेज की कर्मचारी निधि छापेकर ने हादसे का वर्णन किया तो सुनने वालों की आंखे भर उठीं। आतंकी हमले मे निधि जिंदा तो बच गयीं मगर खडे होकर चलने फिरने के लिये बीस से ज्यादा सर्जरी करवानी पडी। निधि अपनी किताब अनब्रोकन पर बात करने आयीं थीं। ये जिंदगी का संघर्ष था तो पेशे की कशमकश की कहानी कमर्शियल पायलट मनीषा मोहन ने सुनाई। भोपाल के बैरागढ में पली बढी मनीषा ने बचपन से घर के उपर से गुजरते प्लेन को देखा और पायलट बनने की ठानी। पहले पायलट बनने ओर फिर वहां रह कर पायलट बने रहने के संघर्ष की दास्तान सुन कर लगा कि मनीषा किस गजब मिटटी की बनीं हैं।
कोविड की पहली लहर में जब हमें घरों में कैद किया जा रहा था तब प्रशासनिक अफसर सडकों पर थे। हमारे आसपडोस में एक कोविड मरीज आता था तो कैसी बैचेनी होती थी मगर जिनके जिम्मे पूरा शहर और जिला होता था उन्होंने कैसी कोविड के दौरान रातें जाग कर गुजारी आइएएस अफसर तरूण पिथोडे की किताब बैटल अगेंस्ट कोविड पर हुयी चर्चा में सामने आया। पिथोडे ने बताया कि जब अचानक शहर में कोविड के नंबर बढे तो लगा कहां जाकर मुंह छिपा लें मगर घर परिवार से अलग गेस्ट हाउस में एसएसपी इरशाद वली के साथ रहकर शहर को कोविड से कैसे बचाया बहुत सारी चौंकाने वाली बातें पता चलीं। उनके मुताबिक सबसे बडी चुनौती लोगों को घरों से ना निकलने देना और उनके लिये घरों तक जरूरी सामान पहुंचाना रहा।
आयोजन के प्रमुख राघव चंद्रा ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के चलते जनवरी का फेस्टिवल मार्च के अंत में भारी गर्मी के बीच करना पडा मगर अच्छी संख्या में आये लोगों ने बताया कि सोशल मीडिया के इस दौर में भी भोपाल आज भी साहित्य संस्कृति और किताबों का शहर बचा हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अभिलाष खांडेकर भी नयी बात कहते हैं कि मकसद ये था कि लोगों को बतायें कि कितना कुछ अलग अलग विषय पर लिखा जा रहा है लेखकों को सुनिये और पढिये, कुछ हद तक हम अपने मकसद में कामयाब रहे क्योंकि पूरे फेस्टिवल में युवाओं की भागीदारी अच्छी रही। यही इस आयोजन की बडी बात रही।
यहां फिर गुलजार याद आते हैं जो कहते हैं
किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के शीशों से बडी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होतीं,,
तो किताबों से मुलाकातों का दौर जारी रखिये क्योंकि
सफदर हाशमी कह गये हैं,,,
किताबें कुछ कहना चाहती हैं, तुम्हारे पास रहना चाहती हैं..
तो किताबों की सोहबत में रहिये क्योंकि किताबों में ज्ञान है वाटसएप में सिर्फ झूठी सच्ची जानकारी। तय करिये आपको क्या चाहिये।
तीनबत्ती न्यूज़. कॉम
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SAGAR : कक्षा 5वीं व 8 वीं में विद्यार्थियों को नकल कराते पकड़ी गई शिक्षिका★ एक शिक्षिका को निलंबित करने व एक शिक्षिका की कारण बताओ नोटिस, सहायक शिक्षक की रुकी दो वेतनवृद्धि★ लापरवाही बरतने पर उच्चतर माध्यमिक शाला के प्राचार्य निलंबित
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग द्वारा एक अप्रैल को प्रातः 09.40 बजे सहायक संचालक श्री आशुतोष गोस्वामी का परीक्षा केन्द्र-शासकीय माध्यमिक शाला कनेरादेव, विकासखंड एवं जिला सागर में कक्षा 5 वी एवं 8 वी की वार्षिक परीक्षा को आकस्मिक निरीक्षण करने पर पाया गया कि उक्त परीक्षा केन्द्र के परीक्षा कक्ष कमांक 1 शासकीय माध्यमिक शाला कनेरादेव के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा कराने सहायक शिक्षक श्री राजेश चौरसिया के साथ डियूटी थी। निरीक्षण में पाया गया कि आपकी मौजूदगी में शासकीय प्राथमिक शाला कनेरादेव की प्राथमिक शिक्षिका श्रीमती राजकुमारी पाठक परीक्षार्थियों को नकल करा रहे हैं। जबकि उनकी परीक्षा केन्द्र में डियूटी भी नहीं थी और वे आपकी मिलीभगत से शासकीय प्राथमिक शाला की कक्षा 5 वीं के विद्यार्थियों को नकल कराते हुए पाई गयी ।
उक्तानुसार श्रीमती मिश्रा द्वारा कक्षा 5 वीं वार्षिक परीक्षा में डियूटी के कार्य में घोर लापरवाही एवं अनियमितता बरतते हुए म०प्र० सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम (प) (पप) एवं (पपप) का दोषी पाया है।अतः इनके विरूद्ध म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 16 के तहत दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शारित अधिरोपित की जाएगी। इस संबंध में आप अपना लिखित प्रतिवाद सात दिवस में समक्ष में प्रस्तुत करें। समयसीमा में एवं प्रतिवाद का उत्तर संतोषजनक प्राप्त न होने पर प्रकरण में एक पक्षीयअनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी, जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व आपका होगा
(1) परीक्षा केन्द्र के कक्ष कमांक-1 कक्षा 5वीं की परीक्षा में श्रीमती राजकुमारी पाठक प्राथमिक शिक्षक (शास. प्राथमिक शाला कनेरादेव) अनाधिकृत रूप से उपस्थित होकर विद्यार्थियों को नकल कराती हुई पाई गई। इस कक्ष में प्राथमिक शाला कनेरादेव के कक्षा 5वीं के दर्ज 27 विद्यार्थियों में से 26 विद्यार्थी उपस्थित पाए गए। श्रीमती राजकुमारी पाठक की उक्त केन्द्र में कोई ड्यूटी भी नहीं लगाई गई थी। इसके बावजूद परीक्षा केन्द्र में प्रवेश कर अपनी शाला के कक्षा 5वीं के विद्यार्थियों को परीक्षा कक्ष में जाकर नकल कराने का कृत्य इनकी घोर अनुशासनहीनता स्वेच्छाचारिता एवं वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों का उल्लंघन कर अनियमितता बरतना दर्शाता है। इसके लिए श्रीमती राजकुमारी पाठक प्राथमिक शिक्षक को तत्काल निलंबित करने की कार्यवाही किए जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए।
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( 2 ) उक्त परीक्षा कक्ष कमांक-1 में ड्यूटी देने वाले सहायक शिक्षक श्री राजेश चौरसिया को अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही बरतने एवं परीक्षा कक्ष में अन्य शिक्षक के साथ मिलीभगत कर नकल कराने के लिए दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति अधिरोपित करने संबंधी कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।
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नवरात्रि पर आंशिक पेयजल संकट रहेगा, एक मोटर पम्प फिर हुआ खराब
सागर। राजघाट पर क्लीयर वाटर पम्प हाउस में वर्तमान में दो पम्प चल रहे थे जिसमें से एक मोटर में तकनीकी खराबी आ जाने की जानकारी मिलते ही नगर निगम आयुक्त आर पी अहिरवार ने इंजीनियरों के साथ राजघाट पहुॅचकर क्लीयर वाटर में लगे मोटरों की जानकारी ली और निर्देष दिये कि नगर में लोगों को पेयजल की परेषानी ना हो इसके लिये प्रयास किये जायें।
निगमायुक्त ने इस निरीक्षण के दौरान टाटा कंपनी के अधिकारियों को अभी तक मोटरों की फिटिंग ना कर अभी तक चालू नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देष दिये कि शीघ्रता से एक मोटर पम्प क्लीयर वाटर पम्प हाउस पर फिटिंग कराकर टेस्टिंग की जाय और उसे चालू कराये जाने के निर्देष दिये इसके साथ ही एक मोटर पम्प इंटकवेल पम्प हाउस पर जिसका कार्य कई दिनों से रूका हुआ है उसे तत्काल प्रांरभ कर एक सप्ताह के अंदर पूर्ण कराने के निर्देष संबंधित टाटा कंपनी के अधिकारियों को दिये।
इस निरीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री श्री विजय दुबे, प्र.कार्यपालन यंत्री श्री सुधीर मिश्रा, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, टाटा कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री बलबीर यादव, उपयंत्री श्री रामाधार तिवारी, श्री अकील खान, श्री प्रकाष राजपूत सहित टाटा एवं निगम के कर्मचारी उपस्थित थे।
स्व.सुभाष यादव जी की जयंती मनाई सेवादल कांग्रेस ने
रेलवे वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया
रेलवे वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया
कोटा. राजस्थान में भरतपुर के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गुरुवार की रात बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अजय पाल को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार अजय पाल ने यह रिश्वत अपने कर्मचारी की चार्जशीट माफ करने के एवज में ली थी. मामले में एसीबी ने एक दलाल को भी गिरफ्तार किया है. एसीबी की यह कार्रवाई तड़के 3 बजे तक चलती रही. अजय पाल को आज शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
एसीबी ने बताया कि भरतपुर रेलवे स्टेशन पर खानपान निरीक्षक पद पर कार्यरत हेमराज मीणा ने मंगलवार को शिकायत दी थी कि अजय पाल ने उसे 16 मार्च को एक चार्जशीट थमाई थी. इस चार्जशीट का जवाब उसने 28 मार्च को दे दिया था, लेकिन इसके बाद हिंडोन स्टेशन पर कार्यरत एक खानपान वेंडर महेश कुमार शर्मा ने फोन कर उससे कहा कि वह अजय पाल से उसकी चार्जशीट माफ करवा देगा. लेकिन इसके लिए उसे 20 हजार रुपए देने होंगे. हेमराज इस पर राजी हो गया. लेकिन इसके बाद हेमराज ने मामले की शिकायत भरतपुर एसीबी से कर दी.
वनरक्षक 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया,लोकायुक्त पुलिस सागर की कार्यवाही
शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने अजय पाल को रंगे हाथों पकडऩे का प्लान बनाया. प्लान के मुताबिक हेमराज महेश को लेकर कोटा डीआरएम ऑफिस पहुंचा. यहां शाम करीब 7:30 बजे महेश ने हेमराज से पैसे लेकर ऑफिस में ही अजय पाल को सौंप दिए. महेश के अजय पाल को पैसे देते ही हेमराज ने एसीबी को इशारा कर दिया. इशारा मिलते ही मौके की तलाश में खड़े एसीबी के अधिकारी धड़धड़ते हुए अजय के चेंबर में घुस गए. यहां तलाशी में एसीबी को अजय की टेबल की दराज से रिश्वत के 20 हजार रुपए बरामद हो गए. रकम बरामद होते ही एसीबी ने मौके पर ही अजय पाल और महेश को गिरफ्तार कर लिया.





