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जैसीनगर पहुंचे बागेश्वर धाम पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री’▪️मंत्री गोविंद राजपूत की तारीफ की, व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई▪️21 मई को 11 बजे से लगेगा दिव्य दरबार

बागेश्वर धाम सरकार ने सुनाई बजरंगबली की अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों की कथा




जैसीनगर पहुंचे बागेश्वर धाम पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री’

▪️मंत्री गोविंद राजपूत की तारीफ की, व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई

▪️21 मई को 11 बजे से लगेगा दिव्य दरबार


तीनबत्ती न्यूज
सागर 20 मई 2023
: जैसीनगर में शनिवार से धर्म के महाकुंभ का शुभारंभ हो गया। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दोपहर 3 बजे जैसीनगर पहुंचे। उनके काफिले पर पुष्पवर्षा की गई। हजारों लोग उनकी अगवानी के लिए उमड़ पड़े।  
इस मौके पर पंडित श्री शास्त्री का राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शॉल और श्रीफल से स्वागत कर आशीर्वाद लिया। श्री राजपूत की धर्मपत्नी श्रीमती सविता सिंह राजपूत ने पंडित शास्त्री की आरती की। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरा सिंह राजपूत, सर्वश्री  आकाश सिंह राजपूत, आदित्य सिंह राजपूत समेत उनके परिजन और हजारों लोग मौजूद थे।  बाद में श्री शास्त्री कथा के मंच पर पहुंचे,जहां उन्होंने हनुमंत कथा की शुरुआत की। मंच के सामने बैठे लाखों लोगों ने जय श्री राम का उद्घोष किया तो पूरा माहौल राममय हो गया। कथा के दौरान पूरे समय भजनों पर भक्त थिरकते रहे।  

      पहले दिन की श्री हनुमंत कथा में श्री शास्त्री ने बजरंगबली की अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों की कथा सुनाई। श्री शास्त्री ने कहा धन्य है जैसीनगर की यह धरा...। पहले ही दिन तीनों पंडाल फुल। 2024 तक ऐसी कोई तारीख नहीं थी, लेकिन श्री  गोविंद  सिंह राजपूत ने कहा कि महाराज जी चाहे जो हो जाए, आपकी कथा हम जैसीनगर में करवाना चाहते हैं। जब हम यहां आए तो लगा कि हमने ठीक कथा को हां कहा। पहले गुजरात की तारीख तय थी, लेकिन उन्हें उठापटक कर हमने यहां के लिए हां किया। इस बहाने हमें जैसीनगर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।


     श्री शास्त्री ने कहा कि बड़ी अद्भुत व्यवस्था, खूब अद्भुत आनंद है जैसीनगर में। भगवान की कथा मांगने से नहीं मिलती, भगवान की कथा करवाने के लिए लाखों लोग हैं, पर करवाता वही है, जिस पर उनकी रजा होती है। भगवान की कथा करवाने के लिए कितने लोग तैयार हैं, लेकिन पात्र वही है, जिसके जन्म-जन्मों के पुण्य उदय  हो जाते हैं और भगवान की बड़ी अनुकम्पा होती है।

      श्री शास्त्री बोले, परमात्मा की जब विशेष अनुकम्पा होती है, तब मनुष्य तन मिलता है, जिंदगी को कलरफुल बनाना चाहते हो तो आओ कुछ दिन गुजारो हनुमान की कथा में। जैसीनगर के लोग बड़े भाग्यशाली हैं, अभी समय नहीं था, इसलिए तीन दिन की कथा है, फिर मौका मिलेगा तो आप सबको मौका देंगे तो पांच दिन या सात दिन की कथा सुनाएंगे। अभी ट्रायल कर लो।  
     कथा में पहले दिन श्री शास्त्री ने हनुमान जी की आठ सिद्धियों और नौ निधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, हनुमान जी महाराज आठ सिद्धियों और नौ निधियों के दाता हैं। आठ प्रकार की सिद्धियों के प्रयोग के कारण ही हनुमान जी महाराज ने राम के काज को संभाला है। सिद्धियों की उपयोगिता बड़ी महत्वपूर्ण है। सिद्धि प्राप्त करके यदि आपने उनका सदुपयोग किया तो चारों युगों में हनुमान जी की तरह पूजे जाओगे और इससे ये भी सीख सकते हो कि भगवान की कृपा से मनुष्य को संसार की समस्त प्रकार की वस्तुएं मिलती हैं। यदि हम उनका सदुपयोग करेंगे तो हम भी हनुमान जी की तरह बात-बात पर पूछे जाएंगे और दुरुपयोग करेंगे तो सिद्धि को खो देंगे और बिन मौत के मारे जाएंगे।
     श्री शास्त्री ने हनुमान जी की शक्तियों पर उद्गार व्यक्त किए। बोले, धन्य हैं वीर बजरंगबली, वे कहते हैं हमें भगवान श्रीराम के काज के अलावा विश्राम ही नहीं, और हम लोगों को विश्राम के अलावा कोई काम नहीं।  


     ब्रह्माजी की बनाई शारीरिक संरचना पर श्री शास्त्री ने कहा धन्य हैं ब्रह्माजी, जिन्होंने शरीर की कार एक बार बनाई तो लौटकर कोई सुधार की जरूरत ही नहीं। कितनी अद्भुत कारीगरी है। हम एक दिन सोच रहे थे कि ब्रह्माजी ने कान तो बनाए, लेकिन ऊपर से मडघाट क्यों ठोक दिए, क्या जरूरत थी। लेकिन हमें बाद में ध्यान आया कि कलयुग का आदमी चश्मा लगाएगा तो टांगेगा कहां, कोरोना आएगा तो मास्क कहां टांगेगा।  
     उन्होंने कहा, हनुमान जी के चरित्र से हमें एक-एक अंग की सदुपयोगिता सीखनी चाहिए। हम जैसीनगरवासियों से भी कहेंगे कि आपको भी यही सीखना चाहिए कि जिंदगी के एक-एक पल का सदुपयोग भगवान की कथा, साधु सेवा और परोपकार के लिए करना चाहिए। चरित्र ही धर्म है, जिसका चरित्र सुंदर होता है, उसका जीवन सुंदर होता है। हमें तो ऐसा लग रहा है कि जैसीनगर में स्वयं सीताराम जी ही हनुमान जी की कथा को सुनने के लिए बैठे हैं।


 अणिमा और महिमा की कथा
     श्री शास्त्री ने कहा, हनुमान जी की आठ सिद्धियां हैं। पहली अणिमा, दूसरी महिमा, तीसरी गरिमा, चौथी लघिमा, पांचवीं प्राप्ति, छठवीं प्राकाम्य, सातवीं सिद्धि ईशत्व और आठवीं सिद्धि वशत्व है। हर सिद्धि का अलग-अलग काम है। पहले दिन उन्होंने अणिमा और महिमा पर प्रवचन दिए। हिरण्य कश्यप और सुरसा की कथा सुनाई।
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बागेश्वर धाम के आचार्य श्री धीरेंद्र शास्त्रीय से आशीर्वाद लेते जिप अध्यक्ष हीरासिंह और पार्षद शैलेंद्र ठाकुर
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     इससे पहले शुरुआत में मंत्री श्री राजपूत ने सपरिवार श्री शास्त्री और हनुमान जी महाराज का पूजनकृअर्चन किया। कथा सुनने के लिए लाखों लोग पहुंचे। उनके स्वागत के लिए रात से ही भंडारे की तैयारी शुरू हो गई थी। सुबह होते-होते प्रसादी तैयार हो गई। जैसीनगर के घर-घर से महिलाएं और पुरुष सेवा देने पहुंचे।
 लोगों में उत्साह
      कथा को लेकर स्थानीय लोग उत्साहित हैं। उनका कहना है कि हमने कभी जिंदगी में नहीं सोचा था कि जैसीनगर जैसी छोटी सी जगह पर इतना बड़ा आयोजन होगा और हमारा नगर पूरे देश में चर्चित हो जाएगा।

मंत्री के प्रति  आभार
     जैसीनगर के बुजुर्गों ने कहा कि पहले बागेश्वर सरकार की कथा सुनने के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लेकिन मंत्री श्री राजपूत के प्रयासों से उन्हें अपने क्षेत्र में ही बागेश्वर सरकार की कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए मंत्री श्री राजपूत का बहुत-बहुत आभार।
दिव्य दरबार 21 मई को 
कथा के दूसरे दिन 21 मई  को सुबह 11 बजे से दिव्य दरबार लगेगा। इसमें आसपास के जिलों के साथ ही प्रदेश के कई शहरों और देशभर से भक्त शामिल होंगे। इसका सिलसिला शनिवार शाम से ही शुरू हो गया था।
 


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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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