SAGAR : नमो ड्रोन दीदी ने बदल दी साक्षी पांडे की जिंदगी
तीनबत्ती न्यूज : 26 जून 2025
सागर: ड्रोन टेक्नालाजी की वजह से कृषि के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. किसानों को खेती में ड्रोन के उपयोग के लिए केंद्र सरकार की 'नमो ड्रोन दीदी योजना' ( Namo Drone Didi Scheme ) के तहत महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ट्रेनिंग लेने के बाद महिलाएं किसानों को ड्रोन के माध्यम से खेती में नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए प्रेरित कर रही हैं और खुद भी कमाई कर रही हैं। सागर की साक्षी पांडे ट्रेनिंग लेकर पिछले डेढ़ साल से अच्छी कमाई कर रही हैं। साक्षी को पिछले साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री का बुलावा भी आया था और उन्होंने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शिरकत भी की थी।
नमो ड्रोन दीदी ने बदल दी साक्षी की जिंदगी
सागर के पडरिया गांव की रहने वाली साक्षी पांडे बताती हैं कि "हमें ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत इफको द्वारा दिया गया था. इस योजना में उन्हीं महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया था जो मध्य प्रदेश आजीविका मिशन से जुड़ी हुई हैं. उन्हें ग्वालियर में 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया जो की पूरी तरह से नि:शुल्क था. इसके बाद मार्च 2023 में उन्हें ड्रोन दिया गया. इसके साथ एक इलेक्ट्रिक व्हीकल और जनरेटर दिया गया था जो नि:शुल्क था. इसके जरिए वे खेतों में जाकर रासायनिक दवाओं का छिड़काव करती हैं. जिससे किसानों को 100 प्रतिशत लाभ मिलता है और पानी की बचत होती है."
नैनो टेक्नोलॉजी के लिए किसानों को करती हैं प्रेरित
साक्षी पांडे बताती है कि "ड्रोन चलाने के साथ-साथ ड्रोन दीदी किसानों को नैनो यूरिया और नैनो पेस्टिसाइड के उपयोग के लिए प्रेरित करती हैं. क्योंकि दानेदार यूरिया बहुत हानिकारक होती है. यूरिया मुख्य रूप से पत्तियों को देना होता है, ताकि पत्तियां ग्रोथ करे और बढ़िया उत्पादन हो. दानेदार यूरिया मिट्टी की उर्वरा क्षमता को भी नुकसान पहुंचाती है. नैनो फर्टिलाइजर या नैनो पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करने के लिए हम किसानों को प्रेरित करते हैं.
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इससे उत्पादन भी अच्छा होता है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित नहीं होती. हम लोग किसानों को बताते हैं कि मजदूर द्वारा स्प्रे करना काफी खर्चीला होता है और पानी भी अत्यधिक खर्च होता है. जबकि ड्रोन से कीटनाशक या फर्टिलाइजर का छिड़काव काफी किफायती होता है और पानी और समय की भी बचत होती है. इसके लिए खेत में अंदर जाने की जरूरत नहीं होती जिससे फसल को भी नुकसान नहीं होता।
ड्रोन दीदी हो रही हैं आत्मनिर्भर
ड्रोन दीदी किसानों के खेत में जाकर ड्रोन के जरिए फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड का स्प्रे करती हैं. इसके एवज में उन्हें पैसा मिलता है, जिससे ड्रोन दीदी आत्मनिर्भर हो रही हैं. साक्षी बताती है कि "हम लोगों को प्रति एकड़ के हिसाब से 2 सौ से 3 सौ रुपए मिलते हैं. इस तरह खेती के सीजन में हर महीने 20 से 25 हजार रुपए मिल जाते हैं. देश भर में जिन ड्रोन दीदी ने इस क्षेत्र में काम किया है, उनको स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली बुलाया गया था. जहां होने वाली मुख्य परेड देखने को मिली थी और दिल्ली भी घुमाया गया था।
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किसानों के लिए फायदेमंद है योजना
साक्षी पांडे बताती हैं कि "ये योजना किसानों के हित में है और इससे उन्हें काफी फायदा होता है. हर किसान चाहता है कि हमारे खेत में कम समय में पूरा स्प्रे हो जाए. ड्रोन 5 मिनट में एक एकड़ में छिड़काव कर देता है. इसमें 12 लीटर का टैंक होता है जो एक बार में एक एकड़ कवर करता है. जबकि हाथ से छिड़काव में एक एकड़ में करीब 80 से 90 लीटर पानी खर्च हो जाता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान किसानोदय एप के जरिए हमसे संपर्क करते हैं. जिसके बाद ड्रोन दीदी आकर खेत में छिड़काव करती हैं।
किसानों के लिए फायदेमंद है योजना
साक्षी पांडे बताती हैं कि "ये योजना किसानों के हित में है और इससे उन्हें काफी फायदा होता है. हर किसान चाहता है कि हमारे खेत में कम समय में पूरा स्प्रे हो जाए. ड्रोन 5 मिनट में एक एकड़ में छिड़काव कर देता है. इसमें 12 लीटर का टैंक होता है जो एक बार में एक एकड़ कवर करता है. जबकि हाथ से छिड़काव में एक एकड़ में करीब 80 से 90 लीटर पानी खर्च हो जाता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान किसानोदय एप के जरिए हमसे संपर्क करते हैं. जिसके बाद ड्रोन दीदी आकर खेत में छिड़काव करती हैं।
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