समन्वित प्रयासों से राजभाषा कार्यान्वयन के लक्ष्यों की पूर्ति संभव : प्रो. नीलिमा गुप्ता
▪️नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, सागर की प्रथम छमाही बैठक
तीनबत्ती न्यूज: 22 जून ,2025
सागर: राष्ट्र निर्माण हेतु स्वभाषा का सबल होना आवश्यक है। हम अपनी भाषा का जितना अधिक प्रयोग करेंगे यह उतनी ही सबल होगी। राजभाषा की समृद्धि के लिए आवश्यक है कि अधिकाधिक प्रशासनिक व्यवहार हिन्दी में ही हो। यह बात नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की वर्ष 2025-26 की प्रथम छमाही बैठक के दौरान अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नराकास, सागर की अध्यक्ष एवं डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कही। उन्होंने राजभाषा कार्यान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सदस्य कार्यालयों द्वारा समन्वित प्रयास किए जाने पर बल दिया। बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नरेन्द्र सिंह मेहरा, उप निदेशक (कार्यान्वयन), क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (मध्य ), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने सदस्य कार्यालयों को राजभाषा नियमों से अवगत कराया तथा उनके प्रभावी कार्यान्वयन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
उन्होंने बताया कि राजभाषा कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार की नीति प्रेरणा व प्रोत्साहन की नीति है। माननीया अध्यक्ष महोदया का आभार व्यक्त करते हुए श्री मेहरा ने कहा कि आपके यशस्वी नेतृत्व में नराकास, सागर नि:संदेह ही भारत की अग्रणी नराकास के रूप में अपनी पहचान बनायेगी। विदित हो कि वर्तमान में देश में 537 नराकास क्रियाशील हैं।
इस अवसर पर नराकास के सदस्य-सचिव एवं डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव व राजभाषा अधिकारी संतोष सोहगौरा ने सदस्य कार्यालयों की छमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारी जारी राजभाषा के वार्षिक कार्यक्रम का अनुपालन सुनिश्चित करना सभी केन्द्रीय कार्यालयों/बैंकों/उपक्रमों का दायित्व है। सदस्य कार्यालयों के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए श्री सोहगौरा ने कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन में आ रही समस्याओं का भी समाधान किया। बैठक के दौरान नराकास, सागर की राजभाषा पत्रिका के प्रकाशन पर भी सहमति बनी। इसके अलावा सदस्य कार्यालयों के बीच राजभाषा संबंधी प्रतियोगिताओं के आयोजन तथा हिन्दी पखवाड़े का आयोजन गरिमामयी ढ़ंग से किए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। राजभाषा कार्यान्वयन हेतु सदस्य कार्यालयों के सुझावों पर भी आवश्यक निर्णय लिए गए।
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सागर नगर स्थित केन्द्रीय कार्यालयों/ बैंकों/उपक्रमों आदि में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन हेतु नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, सागर का गठन किया गया है जिसकी अध्यक्षता का दायित्व हाल ही में डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की माननीया कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को सौंपा गया है।
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उक्त बैठक में सागर एवं बीना स्थित भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एवं सिंध बैंक, केनरा बैंक, पावरग्रिड ऑफ इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि., भारतीय खाद्य निगम, भारत संचार निगम लिमिटेड, केन्द्रीय संचार ब्यूरो, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, दि न्यू इंडिया इंश्योरेंश कं. लि., ओरियंटल इंश्योरेंश कं.लि., भारतीय जीवन बीमा निगम, आकाशवाणी, कार्यालय अधीक्षक, डाकघर, अधिशासी, छावनी परिषद, नगर के समस्त केन्द्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एवं राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय सहित 40 से अधिक कार्यालयों के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी एवं राजभाषा अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विगत छमाही के दौरान अपने कार्यालय में राजभाषा के उत्कृष्ट क्रियान्वयन हेतु सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. एवं पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 01 को माननीया अध्यक्ष महोदया द्वारा 'उत्कृष्टता सम्मान' से पुरस्कृत किया गया। उक्त कार्यक्रम का समन्वयन विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा किया गया जो कि वर्तमान में नरकास, सागर का सचिवालय भी है। बैठक का संचालन हिन्दी अनुवादक अभिषेक सक्सेना ने किया। विशेष सहयोग राजभाषा प्रकोष्ठ के उच्च श्रेणी लिपिक श्री विनोद रजक का रहा।
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