सागर। (तीनबत्ती न्यूज़)।एमपी के कई जिलों में टिडडी दलों का हमला जारी है। ऐसा ही एक दल सागर जिले के देवरी क्षेत्र से घुसा। जिसने फसलों को नूकसान पहुचाया।किसान टिड्डियों को भगाते ञ्जर आये। प्रशासन ने सतर्कता बरतने और विशेष कदम उठाए है। कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है।
टिड्डी दल प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रवेश कर गया है, सागर जिले के सीमावर्ती जिले छतरपुर एवं टीकमगढ़ में टिड्डी दल का प्रवेश हो चुका है, जिस कारण से सागर जिले में इसके प्रवेश होने की पूर्ण सम्भावना प्रतीत हो रही है। टिड्डी दल द्वारा बहुतायत मात्रा में फसलों, वनस्पतियों पर बैठकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिसके नियंत्रण हेतु विशेष कदम उठाना अति आवश्यक है।
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टिड्डी दल के प्रकोप के नियंत्रण हेतु यह आवश्यक है कि नजदीकी स्थानों से प्राप्त सूचना अनुसार पूर्व से ही बनी विस्तारक यंत्र जैसे ढोलक, डी.जे., ट्रैक्टर का सायलेंसर निकालकर आवाज करना, खाली टीन के डिब्बे इत्यादि स्थानीय स्तर पर तैयार रखें जिससे कि सामूहिक प्रयासों से उक्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किये जाने की अपील की गई है। जिससे कि टिड्डी नीचे न आकर फसल, वनस्पत्ति पर न बैठते हुये आगे के स्थान पर प्रस्थान कर जाये। टिड्डी दल के रात्रि विश्राम की स्थिति में टिड्डियों का प्रकोप होने पर इनका नियंत्रण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधन जैसे अग्निशामक वाहन, ट्रैक्टर आपरेटेड स्प्रेयर, शक्ति चलित स्प्रे पम्प , हस्तचलित स्प्रे पम्प इत्यादि से रासायनिक कीटनाशक जैसे क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 1.50 लीटर मात्रा, प्रोफेनोफास 40 ई.सी, साईपर मेथिन ई.सी. की 800 एम.एल. डेल्टामेथिन 28 ई.सी. 600 एम.एल, लैमडासाईक्लोबिन 5 ई.सी. 500 एम.एल , मात्रा, मैलाथियान 50 ई.सी. 150 लीटर मात्रा 500 लीटर पानी में घोलकर सायंकाल में छिड़काव किया जा सकता है।
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चूंकि टिड्डी दल का आगमन लगभग सायंकाल 06 बजे से 08 बजे के मध्य होता है तथा 07.30 तक दूसरे स्थान पर प्रस्थान करने लगता है। टिड्डी दल का प्रकोप होने पर तत्काल बचाव के लिये उसी रात्रि में सुबह 03 बजे से लेकर सुबह 07.30 बजे तक उक्त विधि से टिडी दल का नियंत्रण किया जा सकता है ।अतः संबंधित अधिकारियों को अपने स्तर से भी टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु प्रचार- प्रसार ग्रामों में मुनादी एवं आवश्यक कदम उठाना सुनिश्चित करने तथा अपने अधिनस्थ अमले को आवश्यक निर्देश जारी करना सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए है।
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टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु कृषि विभाग की टीम तैयार
बेगमगंज जिला रायसेन से टिड्डी दल के सियारमउ के जंगलों में होने की सूचना 26 मई को मिलते ही रायसेन से लगे हुए सागर जिले के उपसंचालक कृषि ए के नेमा के निर्देशानुसार विकासखंड देवरी, केसली में डी के श्रीवास्तव वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, बी.पी. पटेल कृषि विकास अधिकारी, एवं तहसीलदार केसली , तथा जैसीनगर में अनिल राय अनुविभाग कृषि अधिकारी , श्री एस.के जैन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी , एवं तहसीलदार जैसीनगर एवं संबधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी टीम टिड्डी दल के लोकेशन लेने में लगी हुई थी , विकासखण्ड केसली के ग्राम जोलनपुर , बेरखेडी बाकारी , घाना , मरामाधव , धावइ जैथारी , चिखलिजमुनिया में टिड्डी का दल देखा गया जहां कृषकों ने ध्वनि यंत्रो के माध्यम से टिड्डियों को भगाया वहा से विकासखण्ड देवरी के ग्राम ससना , बेलढाना , सेमराखड़ी , नदना कासखेडा , डोंगर सलैया , सुना , कुसमी से चकपिपला ग्राम से नोरादेही के जंगल ओर टिड्डियों को जाते हुए देखा गया । स्थिति को देखते हुए रहली विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी , श्री ओ पी एस नरवारिया भी सचेत है संभावना है कि इस गति से टिड्डीयों का समूह दमोह विकासखण्ड के तेन्दूखेड़ा में पहुंच सकता है . यदि जिले में टिड्डी दल रात्रि में रुकता है उसके नियंत्रण हेतु कीटनाशकों के छिड़काव के लिए उक्त विकासखण्डों में अग्निशामक वाहन तैयार है तथा पर्याप्त मात्रा में कीटनाशकों की उपलब्धता है ।
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