सागर संभाग में स्वास्थ्य गतिविधियों में लापरवाही : सीएमएचओ सहित 12 बीएमओ को दिए नोटिस
तीनबत्ती न्यूज: 29 जुलाई ,2025
सागर :
क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ. नीना गिडियन ने टीकमगढ़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसआर रोशन सहित संभाग के 12 बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। यह नोटिस 23 जुलाई को कमिश्नर अनिल सुचारी की अध्यक्षता में की गई संभागीय समीक्षा में स्वास्थ्य गतिविधियों में संतोषजनक कार्य न मिलने, को लेकर किए गए हैं। संभाग की मातृ मृत्युदर और शिशु मृत्यु दर मप्र में सबसे ज्यादा है, इसे कम करने की चेतावनी भी दी है और कहा है कि इसमें कमी नहीं आई तो संबंधितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।इनको जारी किए नोटिस
डॉ. एसआर रोशन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टीकमगढ़, डॉ. अभिषेक सिंह सोलंकी, खंडचिकित्सा अधिकारी बल्देवगढ़ टीकमगढ़, डॉ. संजय अहिरवार, खंड चिकित्सा अधिकारी जतारा टीकमगढ़, डॉ. अजय गुप्ता, खंड चिकित्सा अधिकारी पलेरा टीकमगढ़, डॉ. सर्वेश लोधी, खंड चिकित्सा अधिकारी शाहनगर पन्ना, डॉ. आशीष तिवारी, खंड चिकित्सा अधिकारी अमानगंज पन्ना, डॉ. राकेश शुक्ला, खंड चिकित्सा अधिकारी बड़ामलहरा छतरपुर, डॉ. लखन सिंग, खंड चिकित्सा अधिकारी गौरीहार छतरपुर, डॉ. अशोक बरोनिया, खंड चिकित्सा अधिकारी तेंदूखेड़ा दमोह, डॉ. डीके राय, खंड चिकित्सा अधिकारी जबेरा दमोह, डॉ. सुनील जैन, खंड चिकित्सा अधिकारी शाहपुर सागर, डॉ. शशिकांत मनकेले, खंड चिकित्सा अधिकारी शाहगढ़ सागर व डॉ. व्रिकांत गुप्ता, खंड चिकित्सा अधिकारी मालथौन सागर शामिल हैं।
यह भी पढ़े: सागर की एक स्कूल : बारिश यानि छुट्टी : सरकारी स्कूल भवन जर्जर होने से कक्षाएं लगना बंद ▪️एक साल से खुले आसमान के नीचे बैठ रहे बच्चे : स्कूल में 104 बच्चे और चार शिक्षक
यह रहे कारण
एएनसी पंजीयन पिछले साल की तुलना में 3730 कम पाया गया, अर्ली रजिस्ट्रेशन पिछले साल 77 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 70 हुआ, बर्थ वेटिंग रूम का क्रियान्वयन न पाया जाना, अप्रेल से जुलाई तक मात्र 8 मरीज ही भर्ती हुए मात्र 60 प्रतिशत मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिले में किसी भी विकासखंड में एनबीएसयू की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई। टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत समस्त पैरामीटर में जिले के सारे विकासखंड की स्थिति काफी दयनीय पाई गई। एनीमिया स्क्रीनिंग भी संपूर्ण जिले में 6 प्रतिशत से अधिक नहीं पाया गया। मात्र 60 प्रतिशत मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की गई।
यह रहे कारण
एएनसी पंजीयन पिछले साल की तुलना में 3730 कम पाया गया, अर्ली रजिस्ट्रेशन पिछले साल 77 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 70 हुआ, बर्थ वेटिंग रूम का क्रियान्वयन न पाया जाना, अप्रेल से जुलाई तक मात्र 8 मरीज ही भर्ती हुए मात्र 60 प्रतिशत मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिले में किसी भी विकासखंड में एनबीएसयू की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई। टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत समस्त पैरामीटर में जिले के सारे विकासखंड की स्थिति काफी दयनीय पाई गई। एनीमिया स्क्रीनिंग भी संपूर्ण जिले में 6 प्रतिशत से अधिक नहीं पाया गया। मात्र 60 प्रतिशत मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की गई।









0 comments:
एक टिप्पणी भेजें