सुशासन के लिए प्रशासन को संवेदनशील, पारदर्शी और नैतिक होना पड़ेगा
▪️१५ वीं ठाकुर विश्वनाथ सिंह बाबूभाई स्मृति व्याख्यानमाला में हुआ पूर्व आयुक्त आनंद शर्मा का व्याख्यान
▪️ सार्थक बदलाव के लिए रचनात्मक क्रांति की जरूरत : समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर
तीनबत्ती न्यूज : 01 अगस्त ,2025
सागर : ' प्रशासन और सुशासन में वैसे तो कोई अंतर होना नहीं चाहिए, लेकिन यदि अंतर करना ही हो तो सुशासन में बंधे बंधाए तंत्र से एक कदम आगे बढ़ कर जनहित में संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करना जरूरी हो जाता है। हमारी कार्यपालिका व प्रशासन तंत्र में संवेदनशीलता के साथ नैतिकता भी विकसित करने की जरूरत है।' भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश - प्राप्त अधिकारी श्री आनंद शर्मा ने यह विचार आज होटल क्राउन पैलेस सागर में ' सुशासन और प्रशासन ' विषय पर केन्द्रित व्याख्यान देते हुए व्यक्त किए। सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर के बड़े भाई ठाकुर विश्वनाथ सिंह ( बाबू भाई) की स्मृति में आयोजित पंद्रहवीं व्याख्यानमाला तुलसी स्मृति न्यास ने आयोजित की थी। जिसमें व्याख्यान देने श्री आनंद शर्मा सागर आये थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रघु ठाकुर ने की।
इस अवसर देहदान व नेत्रदान करने वाले महानुभावों व उनके परिजनों का सम्मान करने के साथ साहित्यकार व पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया। 'सुशासन और प्रशासन ' पर केन्द्रित व्याख्यान में श्री आनन्द शर्मा ने अपने प्रशासकीय जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि बरसों से इंसाफ के लिए कचहरी के चक्कर काट रहे एक गरीब आदमी की जमीन दबंगों ने ले- देकर अपने नाम करा ली थी। बी- वन फार्म से पता चला कि उस सीमांत कृषक की जमीन के कागजों की स्याही खुरच कर बड़े किसान ने वहां अपना नाम लिखवा लिया था। श्री शर्मा की प्रेरणा से संबंधित तहसीलदार ने उस गरीब किसान के साथ न्याय सम्भव हो पाया। बाद में जब इस तरह के प्रकरणों के निराकरण के लिए अलग से अभियान चलाया गया तब हजारों की संख्या में आवेदन आये। यह स्थिति व्यवस्था में बैठे लोगों के संवेदनशील न होने और अपनी ओर से पहल का जोखिम न लेने का प्रमाण है।
ऐसे ही राजगढ़ में पदस्थापना के दौरान एक गरीब ने जब दरखास्त को ठीक से दोबारा लिखवाने में यह कहकर लाचारी जताई कि उसे फिर से बीस रुपए खर्च करने पड़ेंगे तब उन्होंने गरीबों के दर्द को समझा और अनुसूचित जाति - जनजाति के काबिल विद्यार्थियों को हर मंगलवार न केवल दरख्वास्त लिखने के काम में लगाया बल्कि उन्हें यह अधिकार भी दिया कि कोई बहुत महत्वपूर्ण और तत्काल कार्रवाई का आवेदन हो तो उसे तारांकित भी कर सकते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि इस तरह साधारण जन की सहभागिता जब जब प्रशासन में हो जाती है तो वहीं से सुशासन की शुरुआत होती है। उन्होंने लार्ड विलिंगडन के समय के एक प्रकरण का उल्लेख करते हुए बताया कि विलिंगडन को जब सलाह दी गई कि पदसोपान में बहुत नीचे के व्यक्ति की ग़लती को दुरुस्त करना उचित नहीं होगा, तब विलिंगडन ने कहा था कि सही काम को गलत तरीके से करने में क्या हर्ज है। आनन्द शर्मा जी ने अपने व्याख्यान की शुरुआत में यह भी कहा कि रघु ठाकुर जी अन्याय के मुखर विरोध के प्रतीक तो हैं ही कालेज के दिनों में वे उनके भी नायक रहे हैं।
शासन का हस्तक्षेप कम से कम हो, सबसे अच्छी व्यवस्था भी वही है : रघु ठाकुर
अध्यक्षीय उद्बोधन में रघु ठाकुर ने कहा कि अच्छा शासन तो वही माना जाता है जहां शासन का हस्तक्षेप कम से कम हो, सबसे अच्छी व्यवस्था भी वही है जहां से जनसाधारण की कम से कम शिकायतें आयें। लेकिन विडम्बना यह है कि अब जीवन के हर क्षेत्र में शासन का दखल बढ़ता जा रहा है। कभी कभी ऐसा भी लगता है कि शासन और प्रशासन ने अपनी अपनी भूमिका की अदला - बदली कर ली है।
राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से हुई सात विद्यार्थियों की मौत के हादसे का जिक्र करते हुए रघु ठाकुर ने कहा विधायिका के लोग अपना वेतन बढ़ाने में जितना ध्यान देते हैं उतना यदि विद्यालयों की बदहाल स्थिति पर दें तो यह निराशाजनक परिदृश्य न बने। रघु ठाकुर ने कहा न्यायपालिका में बैठे लोग भी अवकाश ग्रहण करने के बाद राज्यपाल बन रहे हैं या राज्यसभा में जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि वे भी कुछ पाने के लिए समझौता कर रहे हैं। मतदाता और जनसाधारण भी किसी न किसी लालच या दबाव में बोट देकर पांच साल के लिए चुप बैठ जाता है। ऐसे में सार्थक बदलाव कैसे संभव है।
बदलाव और रचनात्मक क्रांति वहीं सम्भव है जहां समाज बदलाव के लिए सक्रिय होता है। फ्रांस की क्रांति ने मानवता को और व्यवस्था को नये आयाम दिए। ये अलग बात है कि हम कोई भी बदलाव अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रयासों से चाहते हैं।स्वागत भाषण तुलसी स्मृति न्यास के अध्यक्ष डॉ बद्री प्रसाद ने दिया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन रामकुमार पचौरी ने किया।
देहदानी के परिजनों का सम्मान
कार्यक्रम में स्व हैम चंद्र जैन, सुधीर ठाकुर, प्रकाश चंद्र जैन , जगदीश प्रसाद अग्रवाल के परिजनों को कार्यक्रम के अतिथियों द्वारा प्रसस्ती पत्र, शाल,श्रीफल देकर सम्मान किया गया ।
नेत्रदानी के परिजनों का सम्मान
इस मौके पर स्व भरत लाल केसरवानी, सीताराम चौरसिया, अरुण गोदरे, अजेंद्र सिंह, के उपस्थित परिजनों को तुलसी स्मृति न्यास द्वारा सम्मानित किया गया ।
साहित्यकारों का सम्मान
कार्यक्रम में डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया, डॉ शिवा श्रीवास्तव भोपाल, डॉ शरद सिंह, जयंत तोमर ग्वालियर, श्री पवन रजक, सतीश भारतीय पत्रकार का न्यास की ओर से शाल ,माला श्रीफल से सम्मान किया गया सागर शहर की बेटी कुमारी आयुषी अग्रवाल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पावर बेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने पर अपने शहर, बुंदेलखंड और देश का नाम रोशन करने पर संस्था ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुमारी रिया सिंह, अंकित पांडे और सुनील लोधी अपने गीतों की प्रस्तुति दी जिसकी सभी श्रोताओं ने सराहना की ।
ये रहे शामिल
आयोजन में उपस्थित रहने वालों में मुख्य रुप से श्री लक्ष्मी नारायण यादव पूर्व सांसद, श्री सुनील जैन पूर्व विधायक, श्रीमती निधी जैन, डॉ जयंत, पंडित सुखदेवप्रसाद तिवारी, कैलाश सिंघाई , श्याम सुंदर यादव भिंड, कृष्ण वीर सिंह ठाकुर, हरपाल सिंह,नारायण सिंह, राम अवतार शर्मा, पप्पू तिवारी शिव सेना पप्पू गुप्ता , सुरेंद्र सुहाने, विनोद तिवारी, रफीक गनी, अखिलेश पटेरिया, हर गोविंद विश्व, गजाधर सागर, भोलेश्वर तिवारी, मुकुल पु रोहित, अमित राम जी दूबे, देवेंद्र फुसकेले, हामिद भाई, अखिलेश मोनी केसरवानी, महेश पांडे, अभिजीत सिंग सरपंच, महेंद्र गुप्ता, सिंटू कटारे, महेश जाटव, भूपेंद्र सिंह चीलपहाड़ी अविनाश चौबे, पप्पू तिवारी , श्रीडी के सिंह श्रीमती वंदना सिंह राकेश राय, सीताराम पाठक, जिनेंद्र जैन, वसीम खान, हरिदयाल गोस्वामी, गोपाल पचोरी गौरव पचोरी, रामगोपाल यादव, श्रीमती रेखा सोनी, श्रीमती विम्मी ठाकुर, श्रीमती मोना ठाकुर, श्री हीरालाल चौधरी टीकाराम दीवान गंगाराम अहिरवार श्री राजेंद्र सिंह दिनेश जैन,एडवोकेट , डॉ मनीष सिंह भोग राज यादव, सोनू राय, राधेश्याम चढ़ार गजेन्द्र सिंह सिंह चील, अजय सिंह चील पहाड़ी अखिलेश गौर चंदन सुहान, मुरलीधर , ऋषि राय, अनिल सोनी बृजेंद्र नगरिया संजय व्यास राजेश उपाध्याय सीपी अहिरवार, पुष्पेंद्र राजपूत, माधव अहिरवार, राहुल गोस्वामी शिव विश्कर्मा चंपक भाई मोहन सेन केशव प्रजापति, चिकी एंथनी, अतुल तोमर नितेश सेन प्रहलाद पचोरी वेद ठाकुर सहित अनेक गणमान्य नागरिक, पत्रकार बंधु सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहें। विनोद तिवारी ने आभार व्यक्त किया।
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