Editor: Vinod Arya | 94244 37885

युवा संवाद से निकला संदेश, वैश्विक समस्याओं का समाधान सनातन दर्शन के पास ▪️स्वामी विवेकानंद के शिकागो संदेश की 132वीं वर्षगाठ पर आयोजित युवा संवाद संपन्न

युवा संवाद से निकला संदेश, वैश्विक समस्याओं का समाधान सनातन दर्शन के पास

▪️स्वामी विवेकानंद के शिकागो संदेश की 132वीं वर्षगाठ पर आयोजित युवा संवाद संपन्न


तीनबत्ती न्यूज: 11 सितम्बर,2025

सागर। युवा संवाद से निकला संदेश, वैश्विक समस्याओं का समाधान सनातन दर्शन के पास है। यह संदेश स्वामी विवेकानंद के शिकागो संदेश की 132 वीं वर्षगांठ पर आयोजित यहां आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में निकलकर आया है। युवा संवाद कार्यक्रम में पधारे युवाओं को पूज्य श्री समर्थ दादा गुरू, युवा थिंकर्स फोरम के निदेशक आशुतोष सिंह, रानी अवंतीबाई विश्वविद्यालय के कुलगुरु विनोद मिश्रा व युवा चिंतक अविराज भूपेन्द्र सिंह ने संबोधित किया। 

______________

वीडियो देखने क्लिक करे

युवा संवाद से निकला संदेश, वैश्विक समस्याओं का समाधान सनातन दर्शन के पास

______________



युवा संवाद के चिंतन से बदलेगा समाज : पूज्य श्री समर्थ दादा गुरू

संस्कृति प्रकृति प्रधान है यह जीवंत प्रमाणिकता उस संस्कृति की है, जिसने आज युवा संवाद में ‘‘वैश्विक चुनौतियां का समाधान और भारत के दृष्टिकोण‘‘ जैसे विषय को उठाया है। सारी दुनिया के अंदर वैश्विक संकट का कोई समाधान नहीं है। इस संकट काल में भारतीय दर्शन या सनातन दर्शन समाधान लेकर आता है। मैंने देखा कि आज बुंदेलखंड का युवा ऐसे गंभीर विषय पर संवाद कर रहा है। जो अपनी माटी और संस्कृति के निकट है उसके अस्तित्व को कोई चुनौती नहीं दे सकता। यह उद्गार नर्मदा पुत्र पूज्य श्री समर्थ दादा गुरू ने कहा कि इस युवा संवाद के वक्ताओं को सुनते युवाओं को भी देख रहे थे। यहां एक चिंतन चल रहा था। यह चिंतन समाज का संदेश हो जाये, एक सार्थकता हो जाये। निश्चित ही इससे जीवन बदलेगा और दुनिया को बदलने की सामर्थ्य भी होगी। ऐसे संवादों से निश्चित ही परिवर्तन आयेगा। हमारा देश जिसे देवधरा भारत कहते है, उसकी तरफ सारी दुनिया देख रही है कि आखिर ऐसी कौन सी शक्तियां है, जो इन भयावह आपदाओं के दौर में भी भयमुक्त जीवन जी रहे हैं, बड़े आनंद के साथ रहते हैं। पूज्य दादा गुरू ने कहा कि हम विश्व को परिवार मानते हैं और परिवार के कल्याण की भावना सिर्फ हमारे भारतीय सनातन दर्शन में है। केवल भारत ही ऐसा देश है जहां यह बोला जाता है कि धर्म की जय हो, विश्व का कल्याण हो। भारत की संस्कृति जीवन को बनाने की मिसाइल है, संस्कृति व्यक्तित्व का निर्माण करती है, जीवन का बोध कराती है। हम जाति से अलग हो सकते हैं लेकिन हमारी माटी एक है, धरा एक है। दुनिया में ऐसी कौन सी परम्परा और दर्शन है जो माटी को पूजता है। हमें गर्व है कि हम माटी का वंदन करते हैं माटी को माँ कहते हैं।


युवा संवाद के की अध्यक्षता करते हुए रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय के कुलगुरू विनोद मिश्रा ने कहा कि सभी सुख, मन का सुख, बुद्धि का सुख और आत्मा का सुख का अध्यन करके वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। पाश्चात्य दर्शन दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था पर कब्जा करना चाहता है। जबकि भारतीय दर्शन विश्व कल्याण की बात करता है आज दुनिया में आतंकवाद, गरीबी, जलवायु, स्वास्थ्य, रोजगार की समस्याएं हैं। ऐसे में वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिये हमें मूलभाव के रूप में भारतीय दर्शन, संस्कृति को समझना होगा। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद लाभ तत्व पर आधारित है और पूंजीवाद का सबसे बड़ा दोष लाभ तत्व ही है। दूसरी तरफ समाजवाद, व्यक्तिवादी दर्शन पर चलता है जहां तानाशाही चलती है। ऋषिमुनि, महापुरूष और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्मभाव का दर्शन दिया है, जिसमें कोई संघर्ष नहीं है। समन्वय ही जीवन का आधार है। लेकिन जब राष्ट्र की बात होती है तो हमें संघर्ष करना ही पड़ेगा। यह संदेश हमें रामायण और महाभारत से ही मिलता है।


युवा संवाद के मुख्य वक्ता आशुतोष जी ने कहा कि इस्लामिक व पश्चिमी विचार मोनोथिएस्टिक हैं। उनके ईश्वर को जो नहीं मानते उनके अनुसार वे पापी हैं ऐसे में सह अस्तित्व की अवधारणा ही वहां नहीं है। यही आतंकवाद और धर्मांतरण जैसी समस्याओं की जड़ है। भारतीय अवधारणा में हर कोई दिव्य है। यहां सृष्टा और सृष्टि अलग नहीं है। सृष्टा ने ही स्वयं को सृष्टि रूप में प्रकट किया है। इसलिए हम सभी मतों के साथ सहस्तित्व से रह सकते हैं। हम भारतीय हैं यह कहने में उनको कुंठा महसूस होती थी। आज हम भारतीय हैं कहने में गर्व होता है। उन्होंने कहा कि आज का समय नैरेटिव बेटल का है। युद्ध के तरीके बदल गये हैं। खतरनाक डेटा वार, मीडिया वार चल रहा है। युवा जो कंटेट उपयोग कर रहे हैं उसके माध्यम से युद्ध लड़ा जा रहा है। उस कंटेट को फिल्टर करना जरूरी है जिसमें एजेंडा छिपा होता है। आज हमारे शत्रु डीपस्टेट के रूप में आते हैं। सोशल जस्टिस, ईक्वालिटी जैसे नामों पर रिवोल्यूशन की बात करेंगे। सोरोस के एनजीओ भ्रमित करते हैं। लेकिन हम रिवोल्यूशन वाले नहीं सिल्यूशन वाले लोग हैं। 

उन्होंने कहा कि आज डेमोग्राफिक चेंज सबसे बड़ी चुनौती है। जब हम ही नहीं होंगे तो क्लाइमेट चेंज और अर्थव्यवस्था क्या कर लेगी। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण का विचार भारत के अलावा विश्व की किसी संस्कृति में नहीं। इसलिए शिकागो में विवेकानंद जी की बात पर पश्चिम दंग रह गया। इस्लामिक और क्रिश्चियन संस्कृतियों में धर्म परिवर्तन और कब्जा ही विचारधारा है। हमारा दर्शन वेदांत और अद्वैत पर आधारित युद्ध हमारी संस्कृति में सबसे अंतिम विकल्प है। शंकराचार्य ने युद्ध से नहीं बल्कि मंडन मिश्र सहित सभी मतों के विद्वानों से शास्त्रार्थ करके अपने मत की स्थापना की थी। 


कार्यक्रम के आयोजक युवा चिंतक अविराज भूपेंद्र सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आतंकवाद, लव-जेहाद व मिशनरीज गतिविधियों से धर्म परिवर्तन, टेरिफ और ट्रेड वार, अवैध ड्रग्स और शराब जैसी समस्याएं हमारे सामने चुनौती के रूप में हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे पास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के रूप में सक्षम नेतृत्व है। उन्होंने बताया कि अमेरिका की ज्वाइंट इकानामिक कमेटी की एक रिपोर्ट में सामने आया कि वर्ष 2000से 2018 के दौरान आतंकवाद के कारण विश्व को 70 लाख करोड़ का नुक़सान हुआ है। भारत की नीति आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की है। अविराज सिंह ने बताया कि लव जेहाद जैसे तरीकों से हुए धर्म परिवर्तन के कारण देश के 200 जिलों की डेमोग्राफी में बदलाव आया है। 2012 में केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने आंकड़े रखे थे कि  2009 से 20012 के तीन सालों में सिर्फ केरल में 2000 हिंदू महिलाओं का इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया गया।


कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद जी के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित करने से हुआ। वंदेमातरम् व संघ गीत गाए गए। दीप प्रज्वलन के लिए अतिथि वक्ताओं के साथ पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह मंच पर आए और शेष पूरे कार्यक्रम में वे श्रोताओं के साथ बैठकर सभी के उद्बोधन सुनते रहे। कार्यक्रम के श्रोताओं में संघ के दायित्ववान स्वयं सेवक श्री सुनील देव, डा श्री गौरीशंकर चौबे, पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह, जिला भाजपा अध्यक्ष श्याम तिवारी, महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, सहित बड़ी संख्या में जिले का प्रबुद्ध वर्ग, विचार परिवार के सदस्य, भाजपा पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, महाविद्यालयों और लगभग दो हजार की संख्या में विश्वविद्यालयों से आए युवा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। बालकनी सहित पूरी क्षमता से भर चुके आयोजन स्थल सभागार में सैकड़ों अतिरिक्त कुर्सियां डाली गईं। सभागार परिसर में लगी बड़ी एलईडी स्क्रीन पर भी सैकड़ों लोगों ने युवा संवाद को सुना।

_______________


____________________________

___________
Editor: Vinod Arya
संपादक :विनोद आर्य
________
+91 94244 37885
________
तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने   सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे




Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

www.Teenbattinews.com

Archive