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हास्य वेबसीरीज़ " बारात " में बुन्देलखण्ड अंचल के अनेक कलाकार कर रहे अभिनय

हास्य वेबसीरीज़ " बारात "  में बुन्देलखण्ड अंचल के अनेक कलाकार कर रहे अभिनय

★ विपाक्षा प्रोडक्शन के तहत 'बारात' नामक हास्य वेबसीरीज़ की शूटिंग जारी 


रोल साउंड, रोल कैमरा, फुल लाइट्स, क्लैप, एक्शन.... इस तरह की आवाज़ें ज़हन में आते ही हमें फ़िल्म नगरी मुंबई की याद आ जाती है, लेकिन अब यह मिथक टूट रहा है | पिछले कई दिनों से यह आवाज़ें बुंदेलखंड के दमोह जिले की सीमा पर स्थित सिंग्रामपुर के मनोरम क्षेत्रों में भी लगातार गूंज रही है |     
        
क्या है मामला 

उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में आजकल विपाक्षा प्रोडक्शन के बैनर तले 'बारात' नामक हिन्दी हास्य वेबसीरीज़ की शूटिंग जारी है | वेबसीरीज़ की प्रोड्यूसर और निर्देशक सहित डीओपी ने सिंग्रामपुर और इसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर गांवों का सीरीज़ की शूटिंग हेतु चयन किया है | इस वेबसीरीज़ की एक ख़ास बात ये है कि इसकी  अभिनेताओं की टीम में सागर के कलाकार भी बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं जो काफी अनुभवी व थियेटर से जुड़े रहे हैं |
          
वेबसीरीज़ की विषयवस्तु

'बारात' की विषयवस्तु की बात की जाये तो यथाशीर्षक यह एक बारात की ही कहानी है |  इसकी विशेषता यह है कि यह बारात बुंदेली परम्परा की है और विवाह में बुंदेली संस्कृति तथा संस्कारों का बारीक़ी से अध्ययन करते हुए इसे फ़िल्माया जा रहा है |  चूंकि वेबसीरीज़ हास्य पर आधारित है इसलिए कहानी में चलने वाले हर घटनाक्रम में पंचलाइनों का प्रयोग करते हुए उसे हास्य की चाशनी से तरबतर किया गया है |         
        
क्या कहती हैं प्रोड्यूसर  -

विपाक्षा प्रोडक्शन की प्रबंध निदेशक और वेबसीरीज़ की निर्माता रोहणी नायक का कहना है कि मेरे पिता श्री मुकेश नायक जो क्षेत्र के जाने माने राजनीतिज्ञ हैं और पूर्व में विधायक व मंत्री भी रहे हैं | उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा बुंदेली संस्कृति, यहां के संस्कार, परंपराएं, रहन-सहन और बोली की मिठास को नज़दीक से महसूस किया है, आत्मसात् किया है | 
बुंदेली संस्कृति के विस्तृत माधुर्य से प्रभावित होकर वर्षों पूर्व पापा जी ने एक सपना देखा था कि अवसर मिलने पर वो किसी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय  मंच के माध्यम से बुन्देली संस्कृति को लोगों तक अवश्य पहुंचायेंगे | चूंकि मैं भी बचपन से ही उनके ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश दौरों में शामिल होती थी और अपने क्षेत्र की संस्कृति से अंत: तक प्रभावित थी इसलिये मैं भी एक तरह से उनके इस सपने को पूरा करने के लिये कृतसंकल्पित थी | बस फिर क्या था संयोग बैठे और मेरे पिता जी ने गत् वर्ष लॉकडाउन के दौरान मिले फुरसत के समय में 'बारात' की कहानी लिखी और अंततः आज घड़ी आ गई है जब हमारा वह सपना पूरा होने जा रहा है इस वेबसीरीज़ का निर्माण करके पहली बार किसी बुंदेली पृष्ठभूमि पर आधारित हिन्दी वेबसीरीज़ को देश के बड़े, नामचीन ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिलीज़ किया जाएगा | मुझे आशा है कि देश का हर दर्शक इसमें अपनी संस्कृति, संस्कारों व परम्पराओं को देखकर कहीं न कहीं स्वयं को भी इस वेबसीरीज़ में शामिल पायेगा और इसका भरपूर आनंद लेगा |वेबसीरीज़ में मुंबई, जबलपुर, भोपाल, सागर, दमोह, टीकमगढ़ और अन्य क्षेत्रों सहित सिंग्रामपुर के आसपास के कलाकारों को भी मौक़ा दिया गया है | इसमें लगभग 150 कलाकार व क्रू-मेम्बर लगातार परिश्रम कर रहे हैं जिनमें से ज्यादातर रंगमंच के कुशल कलाकार हैं । उन्होंने आगे बताया कि पिछले लम्बे समय से शूटिंग के चलते बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को इस वेबसीरीज़ में अभिनय के साथ ही विविध रोजगार भी प्राप्त हुए हैं । साथ ही इस वेबसीरीज़ में सिंग्रामपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के लगभग 700 लोग स्क्रीन पर विविध छोटी-बड़ी भूमिकाओं में नज़र आयेंगे । इसके अलावा यहां के कई गांवों के नाम भी देश-विदेश के लोगों तक पहुंचेंगे । और सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि इस क्षेत्र के प्राकृतिक व ऐतिहासिक महत्व से लोग परिचित होंगे और आगे भी यहां फ़िल्म एवं वेब-सीरीज़ निर्माण का रास्ता साफ हो जायेगा ।  प्रोड्यूसर रोहिणी नायक विनम्रता पूर्वक सभी कलाकारों, क्रू-मेम्बर सहित स्थानीय लोगों को धन्यवाद देते हुए बताती हैं कि बाहर से पधारे सभी कलाकारों को बड़े शहरों जैसी होटलों की सुविधाएं तो नहीं मिल सकी हैं लेकिन सिंग्रामपुर जैसे छोटे क्षेत्र में हमने इनके लिए जो बेहतर से बेहतर सुविधाएं हो सकती थीं उन्हें जुटाने की कोशिश की है और इसमें सभी कलाकारों का भरपूर सहयोग मिल रहा है ।

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वेबसाईट

निर्देशक का कथन

वेबसीरीज़ के निर्देशक श्री संदीप पाण्डेय कहते हैं कि भारतीय जीवन में पारम्परिक शादियों का महत्व, अलग-अलग लोग, अलग-अलग संबंध इसी ताने-बाने को लेकर ये बुन्देलखण्ड के परिवेश की एक कहानी है जिसमें एक शादी की भागमभाग में लगातार हास्य के प्रसंग हैं | कहानी के बारे में आपको बताना, सजीव रूप से वेबसीरीज़ देखने के आपके मज़े को कुछ प्रतिशत कम कर सकता है इसलिये बस इतना ही कहूंगा कि 'बारात' में आपके लिये हँसी और मनोरंजन की पर्याप्त सामग्री है साथ ही कुछ गंभीर संदेश भी ये वेबसीरीज़ देती है | दर्शक इसे ज़रूर पसंद करेंगे |

मुख्य ज़िम्मेदारियां

वेबसीरीज़ के कैमरामैन श्री अनूप ऊमेन जहां कलाकारों द्वारा श्री संदीप पाण्डेय के निर्देशन में किए गए अभिनय कौशल को कैमरे में कैद करने में लगे हैं वहीं मिताली बघेल, चंदू राय, भानसिंह, सरस नामदेव, पीयूष सीठा, रोहित झा, अक्षय पाटील, निखिल गोखले, हीरेश पचौरी, शाहनवाज़ आलम, चांद शेख व शक्ति दहायत सहित दर्जनों लोगों ने स्क्रीन के पीछे की ज़िम्मेदारियां संभाली हैं |

मुख्य कलाकार -

वेबसीरीज़ 'बारात के मुख्य कलाकारों में प्रतीक पचौरी, अमरसिंह, बी डी पटेल, इन्दु सूर्यवंशी , ऋषि यादव, मनीष दुबे, राजेन्द्र दुबे 'कलाकार', सतीश साहू, अतुल श्रीवास्तव, मनोज सोनी, दीपगंगा साहू, पवन रायकवार, भरत राय, अमित मिश्रा, सुमित दुबे, समता झुड़ेले, सचिन नायक, सहित सागर एवं विभिन्न शहरों के साथ ही स्थानीय कलाकारों ने अपने अभिनय का जौहर दिखाया है |

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