Sagar News: पिता के निधन पर बेटियों ने दी मुखाग्नि : बेटा नहीं था तो बेटियों ने किया अंतिम संस्कार
तीनबत्ती न्यूज: 07 दिसंबर, 2025
सागर : मध्यप्रदेश के सागर शहर में पिता का निधन होने पर बेटियों ने मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की पूरी परम्परा निभाई। बेटियां अंतिमयात्रा में शामिल हुईं और मुक्तिधाम पहुंची। जहां रीति-रिवाज के साथ पिता को अंतिम विदाई दी। यह नजारा देख वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखे नम हो गईं।
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सागर: पिता के निधन पर #बेटियों ने दी #मुखाग्नि : बेटा नहीं था तो बेटियों ने किया अंतिम संस्कार
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नगर निगम के सफाईकर्मी की बेटियों ने दी मिशाल
सागर नगर निगम के सफाईकर्मी डालचंद वाल्मीकि को 30 नवंबर को बुखार आया। परिवार वालों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां आराम नहीं लगने पर उन्हें परिवार के लोग नागपुर लेकर गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रविवार को शव सागर लाया गया।
।सागर में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। यात्रा में डालचंद की बेटियां शामिल हुई। उन्होंने पिता की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट पहुंचकर चिता को मुखाग्नि दी।
बेटियों ने निभाया दर्ज
मृतक डालचंद वाल्मीकि की 7 बेटियां हैं। उनका बेटा नहीं है। डालचंद नगर निगम में अस्थाई सफाईकर्मी के तौर पर काम करते थे। बीमार होने के बाद से उनका इलाज चल रहा था। मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया। बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटा नहीं होने पर बेटियों ने पिता को अंतिम विदाई देकर अपना फर्ज निभाया।
बताया जाता है कि दिवंगत डालचंद की सात बेटियां हैं, जिनमें सबसे छोटी बेटी सिर्फ 12 वर्ष की है। जब अंतिम संस्कार के लिए उनकी अर्थी श्मशान घाट पहुंची तो बेटियों ने मजबूती दिखाते हुए पिता को कंधा दिया और मुखाग्नि दी। यह दृश्य न सिर्फ समाज के लिए एक संदेश था, बल्कि पिता-बेटी के रिश्ते की मजबूत डोर का प्रतीक भी बना।
एकमात्र कमाने वाले
परिवार के सदस्यों ने बताया कि डालचंद ही घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। अब उनके जाने के बाद बेटियों और परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और समाज से परिवार की सहायता की मांग की है। पड़ोसियों और कार्यस्थल के साथियों के अनुसार डालचंद सरल स्वभाव के और मेहनती कर्मचारी थे। उनकी अचानक मौत ने पूरे इलाके को शोक में डाल दिया है।दिवंगत डालचंद को लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वहीं परिवार की बेटियों ने पिता की चिता के सामने खड़े होकर एक ही वाक्य कहा—“अब हमें पिता की जिम्मेदारी निभानी है।”
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