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ग्राम पूजन पुण्य दल ने 100 परिवारों के बांटा एक सप्ताह का राशन,मूक पशुओं को चारा भी

ग्राम पूजन पुण्य दल ने 100 परिवारों के बांटा एक सप्ताह का राशन,मूक पशुओं को चारा भी 

सागर। ग्रामों में सामाजिक कार्यों और ग्राम मंदिरो के रख रखाव के लिए मुनि प्रमाण सागर के आशीर्वाद से चल रहे दल ग्राम पूजन पुण्य दल ने कल सागर में 100 परिवारों को एक सप्ताह का राशन बांटा। ग्रुप से जुड़े अनूप जैन, आई, आर.एस. का कहना था कि सागर में महानगरों की तरह अधिक संख्या में लोग सड़कों पर नहीं है न ही रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर हजारों लोगों की भीड़ है। अतः ग्रुप के संदस्यों ने बने हुए खाने के पैकेट बांटने की जगह कच्चा राशन बांटा। राशन के पैकेट बनाने लगे मुकेश जैन और अखिलेश सिंघई ने बताया कि पैकेट में 05 किलो आटे के साथ, दाल, तेल,नमक, शक्कर, चाय पत्ती, साबुन आदि के पैकेट बनाकर बांटे। ग्रुप ने प्रसाशन से जरूरतमंदों की लिस्ट ली और प्रशासन के सहयोग से जरूरतमंदों को राशन बांटा। ग्रुप के सदस्य जीव दया की दिशा में भी अग्रणी काम कर रहे हैं। ग्रुप प्रितिदिन 3 क़ुइंटल चारा सड़को पर घूम रहे आवारा पशुओं के बाँट रहे है। 

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सामग्री वितरण में जिला कलेक्टर द्वारा संचालित सरोकार योजना के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी के समन्वय मे ग्राम पूजन पुण्य दल के सदस्य ये वितरण का कार्य कर रहे हैं। ग्राम पुंजन पुण्य दल मूलतः ग्रामों के कार्यों से जुड़ा था पर अब इस संकट की घड़ी में मानवता का कार्य भी हाथ मे लिए। ग्रुप के संदस्यों द्वारा पूरी तरह सतर्कता के साथ मास्क, ग्लब्स आदि पहनकर ये कार्य किया जा रहा है। वितरण  का कार्य सोनू जैन, सौरभ, निक्की और सुमत जैन देख  रहे हैं। ग्रुप ने आपस मे फण्ड एकत्रित किया और सरकार के प्रयासों में हाथ बंटा रहे हैं। ग्रुप को छोटी छोटी सहयोग राशि सागर, भोपाल और इंदौर से अपने संदस्यों से मिल रही है। ग्रुप  आवश्यकतानुसार आगामी दिनों में भी कच्चा राशन उपलव्ध कराता रहेगा। ग्रुप का आगामी प्लान ग्रामों में जरूरत मंदों की राशन वितरण के भी है।
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सागर जिले में दूसरे राज्यो से 11 हजार सेअधिक,सभी हुए क्वारेटाईन, किसी को नही निकला कोरोनो पॉजिटव,रिपोर्ट आई

सागर जिले में दूसरे राज्यो से 11 हजार सेअधिक,सभी हुए क्वारेटाईन, किसी को नही निकला कोरोनो पॉजिटव,रिपोर्ट आई

सागर  सागर जिले में कोरोना-19 संक्रमण रोकने की कार्यवाही का हेल्थ बुलेटिन आज जारी किया गया। मुख्य चिक्तिसा एवम स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक  जिले में कोई पाजिटिव मरीज नही मिला है।  कुल संदिग्ध मरीज -5 थे। जिनकी रिपोर्ट सेम्पल की आई है । जिसने  तीन निगेटिव और दो अमान्य पाई गई। उन्होंने बताया कि  जिले में विदेश यात्रीयो की कुल संख्या  98 है । जिनमे सभी को  क्वारेंटआईंन किया गया। इनकी  स्थिति  सभी समान्य है। 

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क्वारनटीन समय से बाहर आने वाले स्वस्थ्य लोगो की संख्या -30 हो गई है। उन्होंने बताया कि  अन्य राज्यो से पलायन लोगो की संख्या - 11314 है । इन सभी  को क्वारनटीन किया गया । इनकी स्थिति  समान्य है। CMHO के मुताबिक आर.आर.टी., सब. आर.आर.टी. एवं मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा सतत निगरानी रखी जा  रही  है। इसके लिए  4 चेक प्वाइन्ट एवं 2 रेल्वे स्टेशन पर  लगातार निगरानी रखी जा रही है ।
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यूपी-एमपी बॉर्डर का निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक


यूपी-एमपी बॉर्डर का निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक

सागर । कोरोना वायरस से रोकथाम और नियंत्रण के लिए कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक  पुलिस अधीक्षक अमित सांघी  मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश की बॉर्डर  अटा टीला पर बने टोल प्लाजा बहेरिया बंडा बांदरी एवं धामोनी ग्राम के भ्रमण पर पहुंची जहां उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी  राजीव मिश्रा तहसीलदार संदीप तिवारी  से जानकारी प्राप्त की  उन्होंने निर्देश दिए कि जो भी व्यक्ति  सागर सीमा में प्रवेश कर रहा है और उत्तर प्रदेश की सीमा में जा रहा है उनको उस वक्त तक यहां से आगे ना बढ़ने दे जब तक उनकी लिए वाहनों की व्यवस्था ना हो जाए जब तक वह यहां रुके उनको पूर्ण रूप से खाना एवं पेयजल की व्यवस्था और दवाइयां व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।

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कर्मचारी भी रखे अपना ध्यान: कलेक्टर
वही जिला कलेक्टर प्रीति मैथिल भी पूरी मुस्तैदी से कार्य कर  अधिकारियों कर्मचारियों को दिशा निर्देश  देते हुए कहा कि  सभी कर्मचारी एवं अधिकारी जो इस कार्य में लगे हुए हैं वह भी अपना पूरा ध्यान रखें  साथ ही  लाख डाउन का पालन भी करवा दें इसी तारतम्य में मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश बॉर्डर अटा टोल प्लाजा पर निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर प्रीति मैथिल ने  सभी इन पॉइंट एवं एग्जिट प्वाइंट का निरीक्षण किया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए कलेक्टर प्रीति मैथिल ने बताया कि सागर जिला में प्रवेश कर रहे यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्थाएं  जाएं। आने वाले यात्रियों को कोई परेशानी ना हो इस हेतु  सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कलेक्टर प्रीति मैथिल ने बताया कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है उसका पालन करें एवं किसी को कोई परेशानी ना हो ऐसी व्यवस्थाएं की जाए।
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सेवादल कांग्रेस का राशन वितरण जारी, कुपोषित बालक लॉक डाउन तक मिलेगा आहार

सेवादल कांग्रेस का राशन वितरण जारी, कुपोषित बालक लॉक डाउन तक मिलेगा आहार
सागर। कोरोना वायरस से लडने के लिए घोषित लाकडाउन के चलते मजदूरी से बंचित मजदूरों एवं असहाय लोगों  की मदद करने काँग्रेस और सेवादल कांग्रेस का  अभियान जारी है।  आज सूबेदार वार्ड मे खाद्य सामग्री में आटा विधानसभा  का चुनाव लडे भाई नेवी जैन द्वारा एक 15 वर्षीय बालक राजू भल्ला ताम्रकार जो की कुपोषण से ग्रस्त है को एक एक लीटर दूध जब तक लाकडाउन चलेगा तब तक   प्रदेशसचिव पं अमित दुबे राम जी की ओर से प्रदान किया जायेगा। आज  खाद्य सामग्री में चावल मूंग की दाल बिस्कुट  सेवादल सागर शहर अध्यक्ष सिंटू कटारे द्वारका चौधरी ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नरेश वोहरे ब्लाक क्रमांक 3 के अध्यक्ष नितिन पचौरी जय दीप यादव प्रवीण यादव अंकुर यादव छोटू पटैरिया आदश॔ यादव धनसिंह ठाकुर संजू अहिरवार आदि की उपस्थिति में वितरित किया गया
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वो काटा होय..उडती पंतग..कटता वक्त.. .लॉक डाऊन में

वो काटा होय..उडती पंतग..कटता वक्त.. .लॉक डाऊन में

सागर। कोरोना वायरस के चलते लॉक डाऊन है। घर मे रहने की सख्त हिदायतों के चलते  घर मे लोगो का खासतौर से  नई पीढ़ी का समय काटना मुश्किल हो रहा है । ऐसे मेंसमय बिताने में मोबाइल टीवी के अलावा पतंग बाजी भी खूब हो रही है । लोग नए नए तरीके समय बिताने के खोजते रहते है। ऐसे में पंतग जरूर आसमान में जमकर गोते लगा रही है ।

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लाक डाऊन के चलते अरसे बाद घरों में रह रहे लोग। अब छतों पर भी इकठ्ठा हो जाते है । 
लोग छतों पर शाम को निकल आते है और पतंगबाजी का आनन्द ले रहे है। बीचबीच में वो काटा होय....। की आवाजें भी लगती रहती है। इनमे महिलाये ,बच्चे सभी शामिल है।  लेकिन इसमे शोसल डिस्टेंस के नियमो का पालन नही हो रहा है। तो बिना मास्क के लगाए जमकर पंतग उड़ाने और वो काटा होय...चिल्लाने में लगे रहते है। पंतग कटने पर लॉक डाऊन को धता बताते हुए सड़को पर भी पंतग पकड़ते है । कई बार पुलिस भी इनकी मदद कर देती  है।

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असली हीरो: Mp के राजगढ़ में 450 किमी. पैदल चल पहुंचा पुलिसआरक्षक ,ड्यूटी ज्वाइन करने

असली हीरो: Mp के राजगढ़ में 450 किमी. पैदल चल पहुंचा पुलिसआरक्षक ,ड्यूटी ज्वाइन करने 

@राजगढ़ से मनीष सोनी
 
राजगढ़। कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के पचोर थाने में पदस्थ पुलिस कांस्टेबल ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए उत्तर प्रदेश के अपने गृह जिला इटावा से मध्य प्रदेश के राजगढ़ तक करीब 450 किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान कभी वह पैदल चला, तो कभी लोगों से मोटरसाइकिल पर लिफ्ट ली।
कांस्टेबल दिग्विजय शर्मा (22) अपनी स्नातक की परीक्षा (बैचलर ऑफ आर्ट्स) देने के लिए 16 मार्च से 23 मार्च तक छुट्टी पर था जो बंद होने के कारण स्थगित हो गयी।' उन्होंने आगे कहा, "मैंने अपने अधिकारी एवं पुलिस स्टेशन पचौर के प्रभारी निरीक्षक से फोन पर संपर्क किया और उनसे कहा कि मैं इस मुसीबत के समय में अपनी ड्यूटी में शामिल होना चाहता हूं। उन्होंने परिवहन सुविधा उपलब्ध न होने के कारण मुझे घर में रहने की सलाह दी । मेरे परिवार ने भी यही सलाह दी लेकिन मैं खुद को नहीं रोक सका ।' 

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उन्होंने कहा, "मैंने 25 मार्च की सुबह इटावा से पैदल ही राजगढ़ की यात्रा शुरू की। मैं इस दौरान करीब 20 घंटे तक चला जिसमें मैंने मोटरसाइकिल पर सवार लोगों से लिफ्ट भी ली और 28 मार्च की रात राजगढ़ पहुंच गया ।' उन्होंने कहा, "मैंने अपने अधिकारी के साथ जिले में अपनी एंट्री दर्ज कराई ।' उन्होंने कहा, 'मेरी इस यात्रा के दौरान सामाजिक संगठनों ने मुझे भोजन प्रदान किया । एक दिन मुझे खाने के लिए कुछ नहीं मिला । '

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एक जून, 2018 को मध्य प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए शर्मा ने कहा, 'मेरे बॉस ने मुझे घर पर आराम करने के लिए कहा क्योंकि मेरे पैरों में सूजन हो गयी है।' कांस्टेबल ने कहा, 'मैं जल्द ही अपनी ड्यूटी ज्वाइन करूंगा। ' राजगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा '' कांस्टेबल दिग्विजय शर्मा को मुसीबत के समय पर काम करने की प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए प्रशंसा पत्र दिया गया है।

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कमिश्नर ने लिया कोरोना आपदा नियंत्रण का जायजा,मानसिक विक्षिप्तों की व्यवस्था के निःर्देश

कमिश्नर ने लिया कोरोना आपदा नियंत्रण का जायजा,मानसिक विक्षिप्तों की व्यवस्था के निःर्देश

सागर। सागर कमिश्नर एवं नगर निगम प्रकाशक श्री अजय सिंह गंगवार ने मंगलवार को प्रशासन द्वारा किए जा रहे कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए उपायों का जायजा लिया । इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर  रामप्रकाश अहिरवार,  सिटी मजिस्ट्रेट,  पवन बारिया, उपायुक्त डॉ प्रणव कमल खरे सहित निगम के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे । कमिश्नर श्री गंगवाल ने मंगलवार को सिविल लाइन रेलवे स्टेशन,  सदर, भगवान गंज,  मोती नगर चौराहा,  बड़ा बाजार, तीन बत्ती,  कटरा बाजार,  नमक मंडी  परकोटा बस स्टैंड,  बीड़ी अस्पताल में बनाया गया आइसोलेशन वार्ड एवं तहसील आदि का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए । 
पढ़े: कोरोना ने भेद को भुला कर एक ही वर्ग दे दिया "इंसानियत" @ होमेंद्र देशमुख

कमिश्नर एवं नगर निगम के प्रशासक श्री गंगवाल ने नगर निगम कमिश्नर श्री रामप्रसाद अहिरवार को निर्देश दिए शहर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए एवं दवा का छिड़काव निरंतर कराते रहें ।उन्होंने समस्त कर्मचारियों से सुरक्षित होकर जिसमें प्रमुख रूप से  मास्क, गुलब्स एवं सैनिटाइजर का उपयोग करते रहे । उन्होंने समस्त लोगों से अपील की कि लॉकडाउन का उल्लंघन ना करें एवं अपने घरों पर ही सुरक्षित रहें । उन्होंने रेलवे स्टेशन पर मौजूद गरीब निर्धन लोगों से व्यवस्था  की जानकारी ली ।उन्होंने भगवान गंज में निरीक्षण के दौरान मिले मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए । मोती नगर चौराहे पर शहर में प्रवेश करने वाली समस्त गाड़ियों को सेनीटाइज करने के भी निर्देश दिए ।
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कोरोना ने भेद को भुला कर एक ही वर्ग दे दिया “इंसानियत” @ होमेंद्र देशमुख



         कोरोना ने भेद को भुला कर एक ही                    वर्ग दे दिया "इंसानियत"
                            @
                   होमेंद्र देशमुख

अजीब दुनिया हो गई है ! अब यहां भाई भाई को नही पहचान रहा है । कई जगह खून के रिश्ते बेमानी हो रहे हैं । पुलिस के सख्ती से छुप के गली में निकल , कहीं रास्ते मे टकरा गए तो हाथ मिलाना तो बंद है ,नमस्कार भी नहीं कर रहे । गलत मत समझिए, असल मे सब के चेहरे पर चढ़ा मास्क आपस मे बड़ा कन्फ्यूज़न पैदा कर रहा है । अब किसी इमरजेंसी में कॉलोनी या अपार्टमेंट टाउनशिप के परिसर में लोग आपस मे पहचान के पहले फोन पर बात कर लेते हैं । मैं नीली कमीज और पीले मास्क पहना हूं , तुम्हारा फूफा हूं या मेडिकल वाला गुप्ता जी हूं । आपके लिए दवाई लेकर आया हूँ । गेट पर आकर ले जाओ ।
यह तो एक व्यंगात्मक उदाहरण है । पर सच कहें तो कोरोना ने कई रिश्तों ,वर्ण ,वर्ग के भेद को भुला कर एक ही वर्ग दे दिया है —
"इंसानियत"…!
पुराने शहर के *काजी कैम्प* के इदरीश भाई का एक दिन फोन आया ,मुन्ना भाई इदरीश खान बोल रिया हूं, काज़ी केम्प ,कांग्रेस नगर कने सौ-एक सौ पच्चास लोग दो दिन से खाने के लिए मोहताज़ हें । सब किराए पे रेते हें, कोई होटल पे कमाता था कोई टायर की दुकान पे । कोई लखनउ का हे कोई कानपुर का हम दो दिन तलक अपने घरों से सिप्लाई कर रिये थे अब हमारे कन्ने भी ख़तम हो गया । बैरागढ़ एसडीएम से बात करी, तो कह रिया कि सरकार और मुनिसपेलेटि केवल फुटपाट और मोहताज़ को पैकेट देंगे । मेरे कन्ने पूरी रिकारडिंग भी है आपको भेज रिया हूं । माननीय शिवराज जी तो बड़ी बड़ी फेंक रिये हैं फेसबुक पे, वो सच नई हे क्या ..
मैंने उसी क्षेत्र की खबरों में सक्रिय रहने वाले पत्रकार मित्र आबिद मुमताज़ से बात कर जानकारी दी ,उनसे पूछा किसी मस्ज़िद या कमेटी की आपको जानकारी हो तो कुछ लोगों को बता दीजिये भाई ।

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वो भी नगर निगम भोपाल के लोगों के साथ किसी दूसरे एरिया में ऐसे ही किसी शुक्ला या मिश्रा के यहां खाना बांट रहे थे । उन्होंने ज़ल्दबाज़ी में जवाब और सुझाव दिया । आप आलोक शर्मा जी को लगा लो आपकी बात नही टालेंगे । वो सिटी एरिया में किचन चलवा कर खाना बंटवा रहे ।
पूर्व महापौर आलोक शर्मा को किसी अखबार में दो दिन पहले ही पूड़ी सेंकते देखा था । उनसे बात की ,थोड़ी झिझक भी थी कि । जहां न उनकी पार्टी के लोग वोट मांगने जाते, न कोई उम्मीद करते, उनकी पार्टी के पार्षद नही जीतते वहां वो मदद पहुचाएंगे या नहीं..?
उन्होंने तपाक ,इदरीश भाई को फोन करवाने कहा । रात 11 बजे इदरीश भाई का फ़ोन आया ,शर्मा जी ने अस्सी पैकेट भिजवा दिए थे ,उसी को बंटवा रिया हूं ,कल के लिए सुबह से लिखवाने कहा है ,सभी एक सौ पच्चास कन्ने खाना आ जायेगा ।

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नाम है सेहतगंज पर यहां बनती है शराब ! जो समाज को जहर पिला रहे थे आज रायसेन के पर्यटन स्थल महादेव पानी तिराहे पर इस गांव में लगी डिस्टलरी का बदबू से सब परिचित होंगे । जब हम सागर की ओर से रात-बेरात लौटते, गाड़ी में झपकी ले रहे हों तो ड्राइवर से पूछने की जरूरत नही कि भोपाल कितनी दूर रह गया । चाहे आप शीशा-बंद मर्सिडीज़ के अंदर क्यों न बैठे हों । नर्सिंगगढ़ हाइवे पर पार्वती नदी के पार भी यही हाल है । हालांकि पिछले कुछ सालों में प्रसाशन की सख्ती, आधुनिक प्लांटों के कारण ये बदबू थोड़ी कम हुई है पर बंद तो अब भी नही हुई । समाज को जहर पिलाने के लिए बदनाम ये आधुनिक प्लांट कोरोना से निपटने आजकल दवा बना रही हैं । कोरोना का कोई दवा नही, अब सेनेटाइजर और मास्क का उपयोग और सावधानी ही सबसे बड़ी दवा बन गए हैं । भले सरकार का आदेश या कोई मजबूरी हो लेकिन समाज मे गैर इज्जतदार ,बदनाम ,डिस्टलरी उद्योग के कर्मचारी, शराब व्यवसाय और व्यवसायी के इन संयंत्रों में कोरोना के फैलाव को रोकने का सबसे कारगर 93 प्रतिशत एल्कोहल युक्त हैंड, और पूरा परिसर को सैनेटाइज़्ड करने वाला सैनेटाइज़र बना कर पूरे देश को रोज हजारों लीटर , 90 मिली,180 मिली, 35 लीटर और 250 लीटर के पैक में भेजा जा रहा है । बचाव और राहत के काम मे लगी कई सरकारी लोकल और स्थानीय एजेंसियां इनके सैनेटाइज़र रोज गेलनों में खरीद रही हैं ।
असल मे तकनीकी रूप से डिस्टलरीज में तीन तरह के स्प्रिट बनते हैं ,शराब बनाने के अलावा उस स्प्रिट को दवा कंपनियों को पहले भी भेजा जाता रहा है लेकिन स्थानीय जरूरतों के कारण स्प्रिट से यहीं कारगर सैनेटाइज़र बनवा रही है ।

डिस्टलरीज़ कोई भी हो, इनमे अब पिया हुआ,झूमता ,गुंडागर्दी करता आदमी काम नही करता । यहां आपके हमारे घर के ग्रेजुएट ,इंजीनयर बच्चे, सीए, आईटी, लैब ,और क्वालिटी एक्सपर्ट ,कारपोरेट अम्प्लॉयी की तरह काम करते हैं ।
खैर, डिस्टलरीज का मैं न वकील हूं न हिमायती । पर सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व और नेताओं अधिकारियों को पल्लवित करने वाली लाइसेंस्ड उद्योग है यह उद्योग । शराब ' यानी धीमा ज़हर ! लेकिन देश भर में चल रहे सालों से हवा में बदबू फैलाती, नदियों को गंदा करती ये अलग अलग डिस्टलरीज़ आज लोगों के सेहत का ख़याल रख रही हैं । ये मेरा निजी अनुभव है 1995 से जब भी मैं सेहतगंज से गुजरता था । हमेशा इस गांव के नाम और यहाँ हो रहे विपरीत व्यवसाय को लेकर लिखने का मन करता था । आज उस गांव का नाम और मेरा लिखना ,दोनो सार्थक हो रहा है ।
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राजधानी के एक अच्छे अस्पताल में मेरा आना जाना हैं ,वहां के डॉक्टर फारुख ने मुझे कल फ़ोन किया पांच कर्मचारी को अशोकगार्डन के जनसेवा किचन में हैंड सैनेटाइज़र चाहिए,आप मीडिया में हैं , कहीं से हो सकता है क्या ..?
कहाँ वो डॉक्टर,-कहाँ मैं क्वेरेन्टाइन में कमरे में घुसा पड़ा सम्भावित मरीज !
मैंने एक मित्र से बात की 10 मिनट बाद मेरे बताए हुए जगह पर डॉक्टर साहब ,विशेष अनुमति के कारण ,एप्रेन पहन, मास्क लगा ,कार चला कर खुद पहुच गए । तब उन्हें चार बड़े पैक के बॉटल मिल पाए । पर मैंने उन्हें किसी खाली शीशी में छोटे पैक बना लेने का निवेदन कर क्षमा मांग ली । मेरे लिए तो यह डॉ फ़ारुख द्वारा दिया गया गौरव का अवसर था । वह ऐसा वर्ग जिसे मैं कोई मदद करूँ यह बहुत ही कम मुमकिन है ।
*बात* यह है कि कोरोना के खौफ और बचाव के तरीकों ने समाज मे फैले वर्ग, जाति, व्यवसाय, धर्म, वर्णभेद को मिटा सा दिया है । यह प्रयास समाज के उन दो विपरीत सोच को करीब लाने का काम कर रहे हैं जो एक दूसरे को कमतर या अभिजात्य समझ डिस्टेन्स मेंटेन करते हैं ।
कोरोना से बचने डिस्टेन्स जरूरी है लेकिन मात्र एक मीटर ! इससे ज्यादा नही । यह विभीषिका देश और समाज को नया 'मील का पत्थर' उसका नाम होगा …
"इंसानियत"..!
ऐसी मुझे आशा है..
भोपाल में पत्रकार होने के कारण ,क्वेरेंटाइन में बीत रहे मेरे एक और दिन के साथ..
आज बस इतना ही…!

★लेखक एबीपी न्यूज़ भोपाल के वीडियो जर्नलिस्ट है 
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