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SAGAR: डॉ. ब्रहम्दत्त पाण्डेय की पहल : पठार पर गायों के लिए पानी की व्यवस्था

SAGAR: डॉ. ब्रहम्दत्त पाण्डेय की पहल : पठार पर गायों के लिए पानी की व्यवस्था


तीनबत्ती न्यूज :  13 जून 2025
सागर
: जिले के खिमलासा क्षेत्र में डॉक्टर ब्रहम्दत्त पाण्डेय द्वारा पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करने की पहल की कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने सराहना की है। कलेक्टर ने कहा कि यह पहल मानवता की मिसाल पेश करती है और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
सागर जिले के खिमलासा क्षेत्र में भीषण गर्मी के दौरान इंसान ही नहीं, पशु-पक्षियों की भी हालत खराब है। जंगल और निर्जन स्थानों में जाने वाले पशुओं के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ऐसे में खिमलासा से करीब 02 किलोमीटर दूर सदरपुर टाड़ा पठार में गायों के लिए पानी पीने के लिए 02 विशाल टंकियों का निर्माण कराया गया है।



मृत पड़ी गायों को देखकर जागा दिल

डॉक्टर ब्रहम्दत्त पाण्डेय ने बताया कि करीब 02 माह पहले वह अपने खेत पर गए थे, जहां उन्होंने पठार में कई मृत पड़ी गायों को देखा। आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि इस पठार के आसपास के जल स्रोत सूख गए हैं, जिसके कारण यहां पर चरने वाली सैकड़ो गायों को पानी पीने का कोई प्रबंध नहीं है। स्थिति को देखते हुए डॉ. पाण्डेय ने पठार में स्थित अपने खेत पर कंक्रीट की दो पानी टंकियों का निर्माण करवाया। खेत में लगे बोर में बिजली का स्थाई कनेक्शन करवाया और पानी की टंकी को भरने की व्यवस्था की। वहीं पठार में ही दूसरी टंकी का निर्माण कराया गया, जिसे भरने के लिए प्रतिदिन गांव से पानी का एक टेंकर आता है। बीते 02 महीने से पठार में बनी इन 02 टंकियों में प्रतिदिन बोर और टेंकर के माध्यम से पानी भरा जा रहा है। पठार में पानी की व्यवस्था होने के बाद टंकी के आस-पास सैंकड़ो गायें पानी के लिए आती हैं।






डॉ. पाण्डेय ने बताया कि परमार्थ के इस काम को देखकर गांव वालों ने भी अपनी सहभागिता दी। पशुओं के पानी की व्यवस्था के लिए बनी इन टंकियों का निर्माण करने वाले राकेश अहिरवार और संदीप अहिरवार ने अपनी मजदूरी छोड़ केवल निर्माण सामग्री ही ली। वहीं पठार में बनी टंकी में पानी सप्लाई करने वाले टेंकर मालिक हीरालाल कुशवाहा ने भी सहयोग देते हुए पानी परिवहन के नाम पर केवल टेक्टर का डीजल खर्च ही लेते हैं।

मानवता की मिसाल

डॉक्टर ब्रहम्दत्त पाण्डेय की इस पहल ने मानवता की मिसाल पेश की है। उनकी इस पहल से सैकड़ो गायों को पानी मिल रहा है और उनकी जान बचाई जा रही है। यह पहल अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही  है।


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सीएम डा यादव से भेंट की मेयर संगीता तिवारी ने : राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने और 8 सीटर विमान एवं एयरपोर्ट निर्माण शुरू कराने रखा प्रस्ताव

सीएम डा यादव से भेंट की मेयर संगीता तिवारी ने : राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने और  8 सीटर विमान एवं एयरपोर्ट निर्माण शुरू कराने रखा प्रस्ताव


तीनबत्ती न्यूज : 13 जून। 2025

सागर : महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी ने शुक्रवार को भोपाल प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुख्यमंत्री  निवास पर मुलाकात कर पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर महापौर ने मुख्यमंत्री को सागर नगर की जलप्रदाय व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए राजघाट बांध की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने हेतु स्वीकृति प्रदान करने तथा मुख्यमंत्री की घोषणानुरुप सागर में अतिशीघ्र एयरपोर्ट का निर्माण प्रारंभ कराने का आग्रह किया। तब तक पीएमश्री पर्यटन सेवा के तहत 8 सीटर विमान की हवाई सुविधा जल्द से जल्द सागर से भी शुरू कराने का आग्रह किया।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।



ये रहे शामिल 

इस अवसर पर महापौर प्रतिनिधि डॉ सुशील तिवारी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष नवीन भट्ट,एमआईसी सदस्य राजकुमार पटेल, सोमेश जड़िया, युवा भाजपा नेता रिशांक तिवारी उपस्थित थे।


डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला से मिली महापौर


उपमुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री  राजेंद्र शुक्ल से भोपाल निवास पर महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी जी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सुशील तिवारी जी ने भेंट कर, सागर में बीते दिन आयोजित हुए कार्यक्रम की सफलता पर शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, एम आई सी सदस्य राजकुमार पटेल, पार्षद प्रतिनिधि सोमेश जड़िया सहित रिशांक तिवारी उपस्थित रहे।


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पूर्व बीजेपी विधायक पारुल साहू का दावा " ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर पहुंचने वाली मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही ▪️पर्वतारोही मेघा परमार ने कोर्ट में विक्रम अवार्ड को लेकर गलत तथ्य प्रस्तुत किया

पूर्व बीजेपी विधायक पारुल साहू का दावा " ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर पहुंचने वाली मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही

▪️पर्वतारोही मेघा परमार ने कोर्ट में विक्रम अवार्ड को लेकर गलत तथ्य प्रस्तुत किया


तीनबत्ती न्यूज : 13 जून, 2026

सागर। मध्यप्रदेश की  पर्वतारोही (Mountaineer) पारुल साहू ने दावा किया है कि दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर  मध्यप्रदेश की वे पहली महिला पर्वतारोही है। पर्वतारोही मेघा परमार का यह दावा गलत है कि वे मध्यप्रदेश की पहली महिला है। मेघा ने पिछले दिनों विक्रम अवार्ड के नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की और उसमें तथ्य दिया है कि वे माउंट किलिमनजारो पर पहुंचने वाली प्रथम महिला है। इसको लेकर विवाद सामने आया है। दोनों पर्वतारोही पारुल और मेघा देश दुनिया की ऊंची चोटियों पर फतह कर चुकी है। 


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मेघा परमार ने कोर्ट में याचिका लगाई


मध्यप्रदेश की पर्वतारोही और मध्यप्रदेश सरकार की पूर्व ब्रांड एम्बेसडर मेघा परमार (Megha Parmar ) ने हाल ही में मप्र हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिए जाने वाले विक्रम अवार्ड में अपना नाम नहीं होने पर आपत्ति ली है। वरिष्ठ अधिवक्ता के जरिए हाईकोर्ट के समक्ष उन्होंने दावा किया है कि वह मप्र से पहली पर्वतारोही हैं।  जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर फतह प्राप्त की थी। मेघा ने याचिकाकर्ता मेघा परमार की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली प्रदेश की पहली महिला है। उसके दल में भावना डेहरिया भी शामिल थीं, जो उनके बाद चोटी पर पहुंची थीं। इसके अलावा माउंट कोस्कियस, माउंट किलिमनजारों तथा माउंट एल्ब्रस की चोटी भी उसने भावना से पहले फतह की थी। याचिका के साथ दोनों का टाइमिंग डाटा भी पेश किया गया था।

पर्वता रोही पारुल साहू का दावा मेघा से पहले फतह कर चुकी है दक्षिण अफ्रीका की चोटी 


पिछले 25 सालों से पर्वतारोहण में एक्टिव पूर्व विधायक और पर्वतारोही पारुल साहू  (Ex MLA & Mountaineer Parul Sahu) ने मीडिया को बताया कि मुझे समाचार के माध्यम से मुझे ये जानकारी प्राप्त हुई है कि पर्वतारोही मेघा परमार द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में विक्रम अवॉर्ड नहीं मिलने पर याचिका दायर की है। सबसे पहले तो मैं मेघा को शुभकामनाएं देना चाहता हँ कि वे अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रही है। लेकिन मेरा एक सुझाव मेघा को जरूर देना चाहती हँ कि जब भी आप न्याय पाने कि लिए लड़ाई लडते है तो सबसे पहले आपको पूरी तरह पारदर्शी तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए । 

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मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही के रूप मेें प्रचारित कर रही है मेघा 

पारुल ने कहा कि विंगत कई वर्षों से सोशल मिडिया एवं अन्य प्लेटफॉर्मस पर मेघा द्वारा इस बात को प्रचारित किया गया है कि अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमनजारों पर विजय प्राप्त करने वाली मेघा परमार मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही है। मेघा ने यह उपलब्धी 23 सितम्बर 2019 को हासिल की। पर मैं यह जानकारी देना चाहती हूँ कि टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन क द्वारा वर्ष 2008 में महान पर्वतारोही बछें्री पाल जी के नेतृत्व ें इंडो अफ्रीकन एक्सपडीसन ने 29 जून 2008 को अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमनजारों पर विजय प्राप्त की, मैं भी इसी एक्सपडीसन का हिस्सा थी और बछेंद्री पाल के साथ ही मैंने भी माउंट किलिमनजारों के शिखर पर विजय प्राप्त की थी इससे सबंधित न्यूज पेपर की कटिंग और फोटो संलग्न कर रही हँ।  उन्होंने वर्ष 2008 के इस एक्सपडीसन के आधार पर संभवतः मध्यप्रदेश से माउंट किलिमनजारों पर विजय प्राप्त करने वाली मैं पहली पर्वतारोही हँ। एक खिलाड़ी और खासकर पर्वतारोही को अपने आचरण में एवं अपने दावों में पर्वतों की तरह ही सशक्त और स्थिर तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए। मैं भी मेघा परमार से यही अपेक्षा करती हूं।


पारुल ने पिछले साल माउंट एल्ब्रुस पर फहराया था तिरंगा झंडा

पिछले साल  Mountaineer पारुल साहू ने  प्रधानमंत्री के "एक पेड़ मां के नाम " का संदेश  यूरोप की सबसे ऊंची चोटी 18 510 फीट ऊंची माउंट एल्ब्रुस पर पहुंचाया था। पूर्व विधायक और पर्वतारोही पारुल ने पूरी दुनिया को क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणामों से बचने का संदेश दिया। प्रधानमंत्री के संदेश का पोस्टर  केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने  देकर दिल्ली से पर्वतारोही के दल को रवाना किया था। " एल्ब्रुस " चोटी यूरोप की सबसे ऊंची 18 510  फीट पर है। इस साहसिक अभियान में 8 सदस्यीय दल शामिल रहा था। पारुल साहू पिछले 25 सालो से लगातार  देश और विदेश की कई चोटियो पर सफलता पूर्वक पर्वता रोहन किया है। वर्ष 2008 में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो  ( Mount Kilimanjaro ) पर बछेंद्री पाल जी (Bachendri Pal ) के नेतृत्व में सफलता पूर्वक पहुंची थी और मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही थी। 


मध्यप्रदेश की ब्रांड एम्बेसडर रही और कांग्रेस से जुड़ी है मेघा परमार


पर्वतारोही मेघा परमार मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की रहने वाली एक उत्साही पर्वतारोही और तकनीकी स्कूबा गोताखोर हैं। 31 साल की मेघा ने पर्वतारोहण के प्रति अपने लगाव को प्रदर्शित करते हुए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित किए हैं। मेघा माउंट एवरेस्ट , माउंट कोस्कियस,माउंट किलिमन तथा माउंट एल्ब्रस की छोटी फतह कर चुकी है। मेघा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा  'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड  एम्बेसडर भी रह चुकी है। वर्तमान में वे कांग्रेस से जुड़ी है।  मध्यप्रदेश सरकार के खेल अवार्ड विक्रम अवार्ड नहीं मिलने और उपेक्षा किए जाने पर पिछले दिनों मेघा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। मेघा ने याचिका में  कहा कि योग्यता के अनुसार पर्वतारोही भावना डहरिया के साथ उसे भी विक्रम अवॉर्ड प्रदान किया जाना चाहिए था । जिसकी जस्टिस अमित सेठ की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने निर्देश जारी किए हैं। एकलपीठ ने इस दौरान याचिकाकर्ता को सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने निर्देश जारी किए हैं।


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थाईलैंड में परफॉर्म करेंगी सागर की आस्था: कथक प्रतिभा को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच ▪️इंटरनेशनल परफार्मिंग आर्ट्स कॉम्पटीशन के लिए हुई चयनित

थाईलैंड में परफॉर्म करेंगी सागर की आस्था:  कथक प्रतिभा को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच

▪️इंटरनेशनल परफार्मिंग आर्ट्स कॉम्पटीशन के लिए हुई चयनित


तीनबत्ती न्यूज : 13 जून ,2025

सागर। सागर शहर की उभरती हुई कथक नृत्यांगना आस्था गुप्ता जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। उन्हें थाईलैंड में अक्टूबर 2025 में आयोजित इंटरनेशनल परफार्मिंग आर्ट्स कॉम्पटीशन ( International Performing Arts Competition ) के लिए चयनित किया गया है। यह उपलब्धि उन्हें अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ, पुणे द्वारा आयोजित 21 वा कल्चरल फोरम ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स (21st Cultural Forum of Performing Arts ) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद मिली। 

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अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ, पुणे द्वारा आयोजित 21st Cultural Forum of Performing Arts में प्रदर्शन करतीं सागर की आस्‍था गुप्‍ता


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पुणे में चतुर्थ स्‍थान मिला : आनलाइन किया था आवेदन

पुणे के जवाहरलाल नेहरू ऑडिटोरियम में 21 मई से 1 जून 2025 तक चली इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में आस्था ने 31 मई को अपनी कथक प्रस्तुति दी और चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। इसी आधार पर उनका चयन थाईलैंड के लिए हुआ है। प्रतियोगिता का आयोजन अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ  ( Akhil Bharatiya Sanskritik Sangh (ABSS) ने किया था । जो UNESCO की ऑफिशियल पार्टनर संस्था है। आस्था को इस मंच के बारे में इंस्टाग्राम के ज़रिए जानकारी मिली। उन्होंने संस्था की वेबसाइट से Google फॉर्म भरकर अपना रजिस्ट्रेशन कराया, जिसके बाद ईमेल द्वारा उन्हें चयन की सूचना दी गई।


काल पर्व फेस्टिवल में तीसरा स्‍थान

कथक में गहरी रुचि रखने वाली आस्था की यह पहली उपलब्धि नहीं है। उन्होंने नवंबर 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित “नृत्य दर्पण डांस एकेडमी” द्वारा आयोजित नृत्य दर्पण डांस अकादमी द्वारा आयोजित ‘kalparv festival’ में तृतीय स्थान प्राप्त किया था। इसके अलावा फरवरी 2024 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कार्यक्रम, खजुराहो में भी कथक प्रस्तुति दी थी।

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तीसरी कक्षा से सीख रहीं कथक

आस्था ने मात्र तीसरी कक्षा से कथक सीखना शुरू किया था। उन्होंने सागर से कथक में 6 साल का डिप्लोमा किया है। इसके बाद खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) से बीपीए (Bachelor of Performing Arts) की डिग्री पूरी की और वर्तमान में वहीं से एमपीए (Master of Performing Arts) की पढ़ाई कर रही हैं। आस्‍था सागर के बड़ा बाजार  निवासी दीपा-संतोष गुप्‍ता की पुत्री हैं। इस उपलब्धि पर आस्था को उनके गुरुजनों,परिजनों और कला प्रेमियों ने शुभकामनाएं दी है। थाईलैंड जैसे बड़े मंच पर प्रस्तुति का मौका मिलना सागर और मध्यप्रदेश के लिए गर्व की बात है। आस्था की यह उपलब्धि अन्य युवाओं को भी अपनी कला और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करेगी।

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SAGAR: तीन बेटियां बनी पुलिस कर्मी: दर्जी का काम करने वाले पिता का परिवार बना मिसाल

SAGAR: तीन बेटियां बनी पुलिस कर्मी: दर्जी का काम करने वाले पिता का परिवार बना मिसाल


तीनबत्ती न्यूज : 13 जून ,2025

सागर : मध्यप्रदेश के  सागर जिले के रहली कस्बे के खमरिया वार्ड में रहने वाले दर्जी जमना प्रसाद भदौरिया और उनकी तीनों बेटियों की तारीफ और मिसाल दी जा रही है। जमना प्रसाद की तीनों बेटियां सिर्फ पांच साल में एक एक करके पुलिस परीक्षा में सिलेक्ट होती गई। आर्थिक रूप से कमजोर जमना प्रसाद की और उनकी बेटियां आज के दौर में आईकान बन गई है। मेहनत और संघर्ष आपकी उम्मीदों को पूरा कर सकते है। जमना प्रसाद की बेटियां माया, ज्योति और मनीषा अब पुलिस की वर्दी में  नजर आएंगी। आर्थिक रूप से कमजोर  परिवार से आने वाली इन बहनों ने घर  की तंगी को पीछे छोड़कर पांच साल तक लगातार मेहनत की और अब तीनों का  चयन पुलिस आरक्षक के पद पर हो चुका  है।  

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सागर:  तीन बेटियां बनी पुलिस आरक्षक



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पिता का सिलाई का काम,मा गृहणी : बिना कोचिंग और महंगी पढ़ाई के पाई सफलता

रहली निवासी जमना प्रसाद टेलरिंग की दुकान चलाते है और उनकी पत्नी कुसुम गृहिणी हैं। आज के दौर मेंvकम आमदनी में तीन बेटियों की पढ़ाई कराना आसान नहीं था, लेकिन माता-पिता ने कभी  हार नहीं मानी। बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और उनके भविष्य के लिए पैसे जुटाना परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन, इन बेटियों ने हार नहीं मानी। दिन में घर के कामों में हाथ बंटाने के बाद वे रात-रात भर जागकर पढ़ाई करती थीं। कोचिंग या महंगे संसाधनों के अभाव में, उन्होंने खुद ही एक-दूसरे की मदद की और किताबों को अपना सबसे अच्छा साथी बनाया। तीनों बेटियों ने एक एक करके सफलता पाई और नाम रोशन किया।



सबसे पहले बड़ी बेटी माया का चयन पांच साल पहले हुआ। इसके  बाद तीन साल पहले छोटी बेटी मनीषा को  नौकरी मिली। अब 5 जून को मंझली बेटी नौकरी मिली। अब 5 जून को मंझली बेटी ज्योति की रायसेन जिले में पोस्टिंग हो गई  
कोचिंग और महंगे संसाधनों का अभाव  था, लेकिन तीनों बहनों ने एक-दूसरे को  पढ़ाकर, आत्मविश्वास बढ़ाकर पढ़ाई की। वे दिन में घर के काम करती थीं और रात  में पढ़ाई करतीं। किताबों को अपना दोस्त बनाया और बिना किसी विशेष मदद के शारीरिक और लिखित परीक्षा की तैयारी की। 

छोटी बहन और पुलिस पुलिस कर्मी मनीषा ने बताया कि "हम तीनों आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसका श्रेय  हमारे माता-पिता और शिक्षक सलामत सर  को जाता है। हमारा सपना था कि देश के लिए कुछ कर सके। सभी ने मेहनत की और आज सफलता मिली। पिताजी ने  हम पर भरोसा किया,  हमें पढ़ने की पूरी आजादी दी। आर्थिक  परेशानी के बावजूद कभी पढ़ाई नहीं  छुड़वाई। यही भरोसा हमारी सबसे बड़ी  ताकत बना।"  
पिता बोले- हमारा सपना पूरा हो गया  जमना प्रसाद ने बताया कि उनकी तीनों  बेटियों के पुलिस बल में चयन होने की  खबर से परिवार के साथ पूरा गांव खुश है।  जब मेरी तीनों बेटियों का सिलेक्शन हुआ  तो जैसे हमारा सपना पूरा हो गया। आज  गांव में हर कोई हमारे परिवार की मिसाल  देता है।  

रहली के लिए गर्व की बात : अभिषेक भार्गव

तीनो बहिनो की इस कामयाबी को लेकर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे और भाजपा नेता अभिषेक भार्गव ने कहा कि बहुत खुशी की बात हे  हमारे क्षेत्र की तीनों बहने  रहली के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक बन गई है। कड़ी मेहनत से सफलता मिलती  है। संसाधनों के बगैर भी मिलती है। 

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मोदी सरकार से पहले देश की अर्थव्यवस्था- पूरी तरह से ध्वस्त थी, आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल

मोदी सरकार से पहले देश की अर्थव्यवस्था- पूरी तरह से ध्वस्त थी, आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल


तीनबत्ती न्यूज : 12 जून, 2025

सागर। मध्यप्रदेश शासन के उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के संकल्प से सिद्धि के गौरवशाली 11 वर्ष पूर्ण होने पर मीडिया से चर्चा में कहा कि 2014 के पहले देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वणस्त हो चुकी थी। 2014 में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र  मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनने के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार आना शुरू हुआ। आज भारत की अर्थव्य वस्थाम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जिस तेजी के साथ आर्थिक रूप से विकास कर रहा है, उससे हम आने वाले दिनों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जन-आधारित और पारदर्शी शासन की प्रतीक है, जिसने बीते 11 वर्षों में आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखी है। इसी कारण हम ‘विकसित भारत’ और ‘अमृतकाल’ को जमीन पुर उतरते हुए देख रहे हैं। पिछले 11 वर्षों में भारत ने गरीब और जन कल्याण के अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रिफॉर्म, परफार्म और ट्रांसफार्म की अवधारणा को चरितार्थ कर रही है। वर्ष 2014 से पहले देश तुष्टिकरण और विभाजन की राजनीति में डूबा था, लेकिन मोदी जी के नेतृत्व में अब पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की संस्कृति स्थापित हुई है। अब न्यू नॉर्मल, न्यू ऑर्डर बन चुका है।

लोगों को मोदी जी पर इतना भरोसा की जनता भी कह रही है मोदी हैं तो मुमकिन है

 राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पर देश की जनता को इतना भरोसा है कि आज देश की जनता भी कह रही है कि “मोदी हैं तो मुमकिन है।“ आम आदमी की सोच बन गई है कि मोदी जी समस्याओं का समाधान करेंगे। प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रहित में अनुच्छेद 370 को हटाना, तीन तलाक को खत्म करना, नया वक्फ कानून और सीएए लागू करना तथा विधायी निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण जैसे साहसिक और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति में अब निर्णायकता और आक्रामकता एक ‘न्यू नॉर्मल’ बन गई है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक छवि को दुनिया भर में स्थापित किया है। पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने एससी-एसटी-ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। महिलाओं को नेतृत्व में लाने के लिए उन्हें सेना, शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के हर क्षेत्र में अवसर दिए गए हैं। देश नक्सलवाद के खात्मे की ओर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने एससी-एसटी-ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है।

मध्यप्रदेश शासन के उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प के साथ अनुच्छेद-370 को हटाकर असंभव दिखने वाले काम को संभव कर दिखाया। हमारी सरकार हमेशा ही साहसिक और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। नया वक्फ कानून और सीएए लागू करना तथा विधायी निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। बीते 11 वर्षों में मोदी सरकार ने हर चुनौती का निर्णायक जवाब दिया और चुनौतियों को अवसर में बदलने का कार्य किया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने गरीबी हटाओ को नारा दिया दिया था, लेकिन गरीबी को हटाने के लिए कोई कार्य नहीं किया। प्रधानमंत्री जी ने गरीबी हटाने को मिशन के रूप में लिया भारत में पिछले 11 वर्षों में 27 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से बाहर आए हैं। पहले की सरकार केंद्र से गरीबों के लिए एक रूपए भेजती थी तो गरीबों तक 15 पैसे ही पहुंचते थे, यह बात कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने ही कहा था। प्रधानमंत्री जी ने डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर योजना के जरिए 3.9 लाख करोड़ रुपए के लीकेज को रोका। प्रधानमंत्री जी की सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के ऐसे कार्य किए हैं, जिन्हें स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में “विकसित भारत” की संकल्पना सशक्त कदम से सिद्धि की ओर तेजी बढ़ रहा है। पिछले 11 वर्षों में जो आर्थिक अनुशासन स्थापित किया गया और साहसिक निर्णय लिए गए, वे सभी जनता को साथ लेकर लिए गए। यह सरकार पिछले 11 वर्षों में पारदर्शिता की एक नई मिसाल बन चुकी है। यह एक पारदर्शी और भविष्यदृष्टि वाली, यानी भविष्यवादी सरकार है। पत्रकार वार्ता का संचालन जिला मीडिया प्रभारी श्रीकांत जैन ने किया एवं आभार सह मीडिया प्रभारी आलोक केशरवानी ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी पूर्व मंत्री, विधायक भूपेन्द्र सिंह,विधायक शैलेन्द्र जैन,प्रदीप लारिया,पूर्व जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया कार्यक्रम प्रभारी वृंदावन अहिरवार एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शैलेश केसरवानी मंचासीन रहे।

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