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वन्यजीव अपराध पर आयोजित राष्ट्रस्तरीय वेबिनार में सम्मलित हुए म.प्र के अभियोजन अधिकारी



वन्यजीव अपराध पर आयोजित राष्ट्रस्तरीय वेबिनार में सम्मलित हुए म.प्र के अभियोजन अधिकारी

 सागर। वन्यजीव अपराध एवं वैज्ञानिक साक्ष्य विषय पर मध्यप्रदेश एवं देश के विभिन्न राज्यों के अभियोजन अधिकारियो की राष्ट्रीय स्तर पर  एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन श्री पुरुषोत्तम शर्मा महानिदेशक/ संचालक लोक अभियोजन मप्र के मुख्य आतिथ्य में सेंट्रल एकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग ( भारत सरकार ) भोपाल में किया गया।
लोक अभियोजन सागर के सहा. मीडिया प्रभारी अमित जैन ने बताया कि इस वेबिनार कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक अभियोजन अधिकारी एवं वन अधिकारी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक एवं संचालक पवन श्रीवास्तव ने सेंट्रल एकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग की ओर से मुख्य अतिथि श्री पुरुषोत्तम शर्मा, विशेष अतिथि जे एस चैहान(एपीसीसीएफ), वन्यप्राणी एवं असीम श्रीवास्तव (एपीसीसीएफ), सुरक्षा एवं व्याख्यान हेतु उपस्थित सभासदों का स्वागत किया। इस अवसर पर निदेशक पुलिस महानिरीक्षक श्री पवन श्रीवास्तव द्वारा स्वागत संबोधन दिया गया एवं  इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्ता को इंगित करते हुए बताया कि सीएपीटी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नये प्रयासों के साथ सायबर व नवीन तकनीकियो का उपयोग कर अपराधों के नियंत्रण हेतु प्रशिक्षण के अनेकों कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इसी कड़ी में अभियोजन अधिकारियों के लिये यह 01 दिवसीय वेबिनार/प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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मुख्य अतिथि श्री पुरुषोत्तम शर्मा ने वन्यजीवों के संबंध में न्यायालयों में लंबित एवं निराकृत वन अपराध के प्रकरणों की जानकारी दी साथ ही दुर्लभ/विलुप्तप्राय वन्यजीव के आपराधिक प्रकरणों को शासन स्तर पर चिन्हित कराकर, माननीय उच्च न्यायालय को प्रकरणों के  शीघ्र निराकरण हेतु प्रस्ताव भेजे जाने की बात कही। श्री शर्मा ने अपने अनुभव व्यक्त करते हुए यह बताया कि उन्होने पूर्व में भी वन्यप्राणियों के विरूद्ध किये जा रहे अपराधों को नियंत्रित करने के लिए कडे कदम उठाये है। अभियोजन द्वारा शासन का पक्ष प्रभावी तरीके से रखकर ऐसे अपराधियों को कठोर दण्ड दिलाने का भरसक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि प्रत्येक जिले में वन अपराधों की  पैरवी एवं प्रत्येक जिले की तहसीलों में वन अपराधों एवं पैरवी करने वाले अभियोजन अधिकारियों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करने हेतु एक जिला समन्वयक नियुक्त किया गया है तथा प्रदेष स्तर पर वन अपराधों पर नियंत्रण हेतु एवं पर्यवेक्षण तथा विवेचना अधिकारियों व पैरवी कर्ता अभियोजन अधिकारियों को उचित मार्गदर्षन एवं प्रभावी समन्वय हेतु राज्य समन्वयक के रूप में भोपाल में पदस्थ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सुधा विजय सिंह भदौरिया को अधिकृत किया गया है। जे एस चैहान (एपीसीसीएफ) ने प्रत्येक माह में एक बार राज्यस्तर पर वन्यजीव अपराधो की समीक्षा बैठक आयोजित करने की बात कही, जिसमे वन विभाग और अभियोजन विभाग की ओर से राज्यस्तरीय अधिकारी सम्मलित होगे।  असीम श्रीवास्तव (एपीसीसीएफ) ने कहा इस कार्याशाला से वन अपराधो की सजा में निश्चित रूप बढोतरी होगी साथ ही महानिदेशक अभियोजन को धन्यवाद दिया कि म.प्र. देश का पहला राज्य है जहां प्रत्येक जिले में वन विभाग के प्रकरणों में पैरवी हेतु जिले स्तर पर एक-एक अभियोजन अधिकारी नियुक्त है। प्रशिक्षण कार्यशाला में  रितेश सिरोठिया, उप वन संरक्षक ने बताया कि  रास्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय अपराधो को  किन जांच संस्थाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है। , डा अजय गौर, वरिष्ठ वैज्ञानिक हैदरावाद ने वन्यजीव अपराध के अन्वेषण में डीएनए का महत्व , डा अरविन्द बडोनिया, संयुक्त संचालक सागर ने वन्यजीव अपराध में फारेंसिक तकनीकी का उपयोग एवं बैलास्टिक तकनीकी का महत्व एवं सुधाविजयसिंह भदौरिया राज्य समन्वयक ने वन्यजीव अपराध की जाँच एवं न्यायालयीन प्रक्रिया पर अपना वक्तव्य दिया। इस वेवीनार कार्यक्रम में जिला सागर से श्री बृजेष दीक्षित, खुरई से श्री त्रिलोकराज शास्त्री, बीना से श्याम सुन्दर गुप्ता, रहली से आषीष त्रिपाठी, गढाकोटा से लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी, देवरी से कपिल पाण्डे एवं बण्डा से शरद यादव उपस्थित हुए।
शुभारम्भ कार्यक्रम का संचालन, एवं आभार प्रदर्शन श्री प्रकाश बड़ोलिया सहा. संचालक सेंट्रल एकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग ( भारत सरकार ) भोपाल द्वारा किया गया।

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