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काव्यांजलि: ताली तो जोकर भी बजवा लेते हैं...

ताली तो जोकर भी बजवा लेते हैं :अशोक मिज़ाज

सागर । "शेर सुनाकर दाद बटोरो तो जाने,
ताली तो जोकर भी बजवा लेते हैं,"
ये शेर शायर अशोक मिज़ाज ने काव्य मंच द्वारा आयोजित गीतांजलि एवं कार्यशाला के अध्यक्षीय काव्यपाठ में पढ़ा।उन्होंने नए कवियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल सब जल्दी से सब लोग सफलता चाहते हैं लेकिन साहित्य साधना मांगता है।सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया लेखन ताली तो बजवा सकता है लेकिन आपको कवि या शायर के रूप में स्थापित नहीं कर सकता।आपको क्या बनना है ये आप सोच लें और उस दिशा में प्रयासरत रहें।।            
            कार्य क्रम में भोपाल, करेली, रायसेन,बड़ा मलहरा और सागर के कुल 25 नवोदित कवियों  ने काव्यपाठ किया । जिनके नाम हैं  भावना बड़ोनिया, शौर्य चौबे,प्रमोद पबैया, दीक्षा पटेल, बीपीएस ठाकुर, श्वेता जैन, राहुल चढ़ार, शुभी विश्वरी,राजेन्द्र विश्वकर्मा, दिशा साहू, अरिहंत जी, अमन जैन रितिक जैन, आयुष चतुर्वेदी, शशांक गुप्ता, तरुण कुमार सागर, अंशुल नादान, अमित जैन इनके अलावा,सागर के वरिष्ठ कवियों में श्बृंदावन राय सरल, मुकेश सोनी, राघव रामकरन, अक्षय मोदी, कपिल चौबे, प्रभात कटारे,प्रशांत सागर, आदर्श दुबे, अखिषेक जैन, आदि ने काव्यपाठ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में ललितपुर से पधारे प्रसिद्ध गीतकार अंशुल आराध्यम ने गीत एवम कविता पर विस्तृत चर्चा की।
       इस मौके पर  वन्दना गुप्ता, शिखर चंद शिखर, डॉ अखिल जैन आनन्द, ईश्वर दयाल गोस्वामी, और डॉ अशोक तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने काव्यपाठ भी किया।संचालन  कवि अभिषेक जैन ने एवं आभार प्रदर्शन सृजन आईएएस अकादमी के  संस्थापक अक्षय जैन ने किया।
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