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सागर डिस्ट्रीब्यूटर्स एशोशियेशन के दो दर्जन पदाधिकारीयों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

सागर डिस्ट्रीब्यूटर्स एशोशियेशन के दो दर्जन पदाधिकारीयों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सागर । सागर में टैक्स चोरी और बिना बिल के कथित व्यापार को लेकर व्यापारी और उसके संगठन के बीच ऐसा विवाद बढ़ा की मामला थाने तक पहुच गया । इस मामले में पुलिस ने सागर डिस्ट्रीब्यूटर्स एशोशियेशन  के दो दर्जन से अधिक लोगो के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी का  मामला दर्ज कर लिया है ।
 सागर के तिलकगंज स्थित मयंक ट्रेडर्स का कॉस्मेटिक सामान तेल ,मंजन,क्रीम,साबुन आदि का थोक का कारोबार है ।   मयंक जैन की दुकान पर सागर डिस्ट्रीब्यूटर्स एशोशियेशन के कुछ लोग आए और कहा कि तुम लोग बिना बिल  के अवैध तरीके से माल बेचते हो यह गलत है । इस दौरान यहां दोनो पक्षो में कहा सुनी भी हुई। संगठन के लोग कथित जांच के लिए कोरे कागज पर दस्तखत कर बिल बंदी और दो ट्रालियों में माल ले गए। जिसकी कीमत 15 लाख रुपये से अधिक कि बतायी जाती है। इस घटना की शिकायत दुकानदार महेश जैन पिता स्व0 श्री प्रेमचंदजैन उम्र 54 साल निवासी तिलकगंज वार्ड  ने कोतवाली थाना में की । शिकायत के मुताबिक यह संगठन फर्जी है और किसी भी दुकान में घुसकर माल चेक करना इनके अधिकार क्षेत्र में नही है । दुकानदार ने इसके पदाधिकारी  मनीष गुप्ता  शैलेंद्र जैन टावर वाले  , बद्री साहू ,वीरेंद्र साहू ,विष्णु साहू , राजेश पंडित ,अनिल केशरवानी रत्नेश घोषी, अतुल कुमार तिवारी उदय ठाकुर , सुबोध चंदेरिया  ,शमी कुरैशी एवं अन्य कुल 25 के खिलाफ शिकायत की ।
कोतवाली थाना प्रभारी राजेश सिंह बंजारा के अनुसार शिकायत में घटना सही पाई गई। इस आधार पर सागर डिस्ट्रीब्यूटर्स के लोगो के खिलाफ धारा 420,467,468,471, 506,34
के तहत मामला दर्ज कर लिया और जांच जारी है । 
सागर डिस्ट्रीब्यूटर्स संघ ने दी सफाई 
            बउधर  इस मामले में संस्था के सरंक्षक शैलेश केशरवानी ,अध्यक्ष राजेश पंडित ,विष्णु साहू,सुबोध चन्देरिया आदि ने मीडिया को बताया कि सागर में कुछ व्यापारी बिना जीएसटी  के और  अवैध तरीके से कारोबार कर रहे है । जिनकी शिकायत में सेलटैक्स विभाग को की है । इससे व्यापार पर भी असर पड़ा है । इसी को लेकर मंयक ट्रेडर्स पर संगठन के कुछ लोग समझाईश देने के लिए गए थे । दुकान पर ढेर सारा माल पड़ा था। इनसे खरीदी के बिल मांगे । दुकानदार के यहां इसकी जांच माल की अधिकता के चलते सम्भव नही था। इस कारण लिखित  सहमति से  पूरा सामान लाये थे । पक्के बिल से बेच नम्बर आदि चेक करके वापिस कर देंगे। मीडिया ने जब पूछा कि किस हैसियत से माल चेक झरने गए थे तो ये सभी संतोषजनक उत्तर नही दे पाए।
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