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बछिया -बछड़े की शादी रचाई,गांववाले बने बाराती,निभाई परम्पराए

बछिया -बछड़े की शादी रचाई,गांववाले बने बाराती,निभाई परम्पराए
सीहोर । जानवरो की शादियों के कई किस्से मशहूर है । ऐसा ही वाकया बछिया और बछड़े की शादी का है।  सीहोर  जिले के जावर तहसील के गांव करमनखेड़ी में एक बछिया और बछड़े की शादी का अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें दुल्हा गाय का बछड़ा तो दुल्हन गाय की बछड़ी थी, जबकि बाराती के रूप में ग्रामीण थे। बैंडबाजों के साथ जब विवाह की बारात निकली तो देखने वाले देखते ही रह गए।।      
        करमनखेड़ी गांव में दो महीने पहले एक गाय का बछड़ा और बछिया बाहर से आ गए थे। यह दोनों ही साथ में रहने लगे। वहीं जहां पर जाते वहां भी साथ में ही रहते थे। दोनों के बीच का प्रेम देखकर ग्रामीण आश्चर्य में पड़ गए। उनके इस प्रेम को देखने के बाद सभी नेमिलकर शादी कराने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने इसके लिए राशि एकत्रित की। वहीं बकायदा गणेश पूजन के बाद दोनों को दुल्हा-दुल्हन बनाया गया। 
        यह प्रकिृया पूरी होने के बाद बछिया और बछड़े का पूरा हिन्दू रीति रिवाज से विवाह कराया गया। खास बात यह है कि शादी कराने के लिए पंडितों को बुलाया था। विवाह के दिन वर पक्ष बछड़े की तरफ से अर्जुनसिंह ठाकुर बैंडबाजे के साथ बारात लेकर वधु पक्ष बछिया के तेजसिंह आचार्य के घर बारात लेकर पहुंचे। यहां बकायदा स्टेज सजाया गया था, जहां एक से बढ़कर एक नृत्य की प्रस्तुति देखने को मिली। उसके बाद वर और वधु अग्रि के समक्ष सात फेरे लेकर एक दूजे के हो गए। अनोखी शादी को जिसने भी देखा वह देखते ही रह गया।
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